वक्फ बिल पर बनी जेपीसी की बैठक में बवाल, टीएमसी के कल्याण बनर्जी घायल, जानें पूरा मामला

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वक्‍फ बोर्ड बिल को लेकर बनाई गई ज्‍वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी यानी जेपीसी की मंगलवार को बैठक हुई।बैठक में भाजपा और टीएमसी के सांसदों के बीच झड़प हो गई। बताया जा रहा कि इस झड़प में टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी चोटिल हो गए हैं। 

दरअसल, वक्फ विधेयक पर संयुक्त समिति की एक बैठक हो रही थी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस दौरान टीएमसी सदस्य कल्याण बनर्जी की भाजपा के अभिजीत गंगोपाध्याय के साथ तीखी बहस हो गई। इस दौरान बनर्जी को इतना गुस्‍सा आ गया कि उन्‍होंने पानी की बोतल पहले मेज पर पटकी और फिर जेपीसी के चेयरमैन जगदंबिका पाल की तरफ उछाली दी। इस घटनाक्रम के दौरान बनर्जी के हाथ में भी चोट आई। उन्‍हें चार टांके आए हैं।

कल्याण बनर्जी को सस्पेंड किया जा सकता है

बताया जा रहा है कि वक्फ पर जेसीसी की बैठक में कटक से कुछ लीगल एक्सपर्ट आए थे.. अपनी बात रख रहे थे..कल्याण बनर्जी ने कहा मुझे कुछ पूछना है तो चेयरमैन ने कहा आप पहले भी कई बार बोल चुके हैं। अब नहीं, इस पर बीजेपी सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय और टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी के बीच झड़प हो गई। इस बीच कल्याण बनर्जी की पानी की बोतल तोड़ी और चेयरमैन की तरफ फेंका, अब जेपीसी में मोशन पास किया जा सकता है.. कल्याण बनर्जी को संस्पेंड किया जा सकता है।

सोमवार को भी हुई थी तकरार

इससे पहले सोमवार को भी बैठक में हंगामा हुआ था। अल्पसंख्यक मंत्रालय के प्रेजेंटेशन के दौरान सत्ताधारी बीजेपी और एनडीए सांसदों और विपक्षी दलों के सांसदों के बीच तीखी तकरार और नोंकझोंक हुई थी। विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि इस बिल को सिर्फ राजनीतिक कारणों से और मुस्लिम समुदाय को टारगेट करने के लिए लाया गया है। इस दौरान बीजेपी और विपक्षी दलों के सांसदों के बीच तीखी बहस हुई।

बैठक की शुरुआत में वक्फ बिल के प्रस्तावों पर असदुद्दीन ओवैसी ने जेपीसी के सामने करीब 1 घंटे का प्रेजेंटेशन भी दिया और इसकी खामियों को गिनाया। जब ओवैसी प्रेजेंटेशन दे रहे थे तब ओवैसी और बीजेपी सांसद के बीच तीखी तकरार हुई। शोर शराबे के बीच वक्फ बिल पर बैठक करीब 7 घंटे चली।

राम रहीम के खिलाफ पंजाब सरकार ने मुकदमा चलाने की दी मंजूरी, जानें क्या है पूरा मामला*
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जेल में बंद गुरमीत राम रहीम को बड़ा झटका लगा है।पंजाब की भगवंत मान सरकार ने 2015 के बेअदबी मामलों के सिलसिले में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरुमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद आया है, जिसमें पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की तरफ से लगाई गई रोक को हटा लिया गया था।सुप्रीम कोर्ट ने बेअदबी मामलों में चार दिन पहले ही स्टे हटाया था। राम रहीम के खिलाफ 9 साल पुरानी फाइल खुल गई है। 2015 के बेअदबी मामलों में राम रहीम के खिलाफ केस दर्ज करने को लेकर पंजाब सरकार ने अपनी मंजूरी दे दी है। पंजाब की भगवंत मान सरकार ने मंगलवार को बेअदबी से जुड़े तीन मामलों में केस चलाने की इजाजत दी। इससे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की मुश्किल बढ़ गई है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने साल 2015 में बेअदबी से जुड़े तीन मामलों में जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ कार्रवाई पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक हटा दी। इससे राम रहीम के खिलाफ केस चलाने का रास्ता साफ हो गया। जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने नोटिस भी जारी किया। *क्या है 9 साल पुराना केस* पूरा मामला जून 2015 में फरीदकोट के बुर्ज जवाहर सिंह वाला गांव में एक गुरुद्वारे से गुरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति की चोरी से शुरू हुआ था। जिसके बाद फरीदकोट के जवाहर सिंह वाला और बरगाड़ी गांवों में पवित्र ग्रंथ के खिलाफ अपवित्र पोस्टर लगाए गए। उसी साल अक्टूबर में बरगाड़ी में एक गुरुद्वारे के पास पवित्र ग्रंथ के कई फटे हुए पन्ने बिखरे हुए पाए गए। इस मामले की कार्रवाई के लिए बाबा गुरमीत पर धारा 295ए के तहत मुकदमा चलाने के लिए सरकार से अनुमति लेना जरूरी था। इसके बाद पंजाब में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। राज्य पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, जिसमें दो आंदोलनकारियों की मौत हो गई। इस घटना के चलते पंजाब में सामाजिक और राजनीतिक अशांति और बढ़ गई। गुरु ग्रंथ साहिब की प्रति की चोरी और अपवित्रता से संबंधित तीन परस्पर जुड़े मामलों में कुल 12 लोगों को नामजद किया गया था। शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी की पिछली गठबंधन सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। तीन दिन पहले कोर्ट से मिली अनुमति सुप्रीम कोर्ट ने तीन दिन पहले सिरसा डेरा प्रमुख राम रहीम के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दे दी थी। लगभग ढाई वर्ष पहले पुलिस ने सिरसा डेरा प्रमुख के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति मांगी थी लेकिन हाईकोर्ट ने तीनों मामलों पर रोक लगा दी थी।
भारत-चीन गतिरोध होगा खत्म, भारत के साथ समझौते की चीन ने भी पुष्टि
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भारत और चीन के बीच बीते कई वर्षों से पूर्वी लद्दाख में जारी सैन्य गतिरोध अब समाप्त होता हुआ नजर आ रहा है। पूर्वी लद्दाख में दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध समाप्त करने के लिए भारत-चीन के साथ समझौता हो गया है।एलएसी पर गतिरोध खत्म होने को लेकर चीन ने भी बयान जारी कर दिया है। चीन ने गतिरोध खत्म होने और भारत के साथ समझौता होने की पुष्टि करते हुए कहा है कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सहमति बनी है। गौरतलब है कि कल ही इसे लेकर भारत के विदेश सचिव ने भी बयान जारी किया था।

*सीमा समझौते पर चीन ने क्या कहा*
विवादित क्षेत्रों में सीमा गश्त पर चीन और भारत के बीच समझौते के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने वर्तमान समझौते की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि चीन और भारत ने सीमा से संबंधित मुद्दों के बारे में कूटनीतिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से संचार बनाए रखा है।
लिन जियान ने कहा कि वर्तमान में, दोनों पक्ष (भारत-चीन) मामलों को लेकर एक समाधान पर पहुंच गए हैं, जिसे चीन सकारात्मक रूप से देखता है। लिन ने कहा कि अगले चरण में, चीन समाधान योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए भारत के साथ काम करेगा।

*भारत ने समझौते पर क्या कहा था*
इससे पहले सोमवार को भारत ने घोषणा की थी कि दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त के लिए एक समझौते पर सहमत हुए हैं। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, ‘पिछले कई हफ्तों से भारतीय और चीनी राजनयिक तथा सैन्य वार्ताकार कई प्लैटफॉर्मों पर एक-दूसरे के साथ निकट संपर्क में हैं। इस चर्चा के परिणामस्वरूप भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में एलएसी पर गश्त को लेकर सहमति बनी है। इस समझौते से सैनिकों की वापसी होगी और 2020 में उठे मुद्दों का समाधान होगा। हम इस पर अगला कदम उठाएंगे।

*गलवां घाटी झड़प के बाद से गतिरोध*
इस समझौते को पूर्वी लद्दाख में चार वर्ष से अधिक समय से जारी सैन्य गतिरोध के समाधान की दिशा में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। 15 जून, 2020 को गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे। यह झड़प पिछले कुछ दशकों में दोनों पक्षों के बीच हुई सबसे भीषण सैन्य झड़प थी।
दिल्ली के बाद देश के कई सीआपीएफ स्कूलों में बम विस्फोट की धमकी,जानें क्या है पूरा मामला?
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दिल्ली समेत देशभर में स्थित कई स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी का मामला सामने आया है।  देश में सीआरपीएफ द्वारा संचालित कई स्कूलों को बम की धमकी मिली है। धमकी मिलने के बाद पुलिस बल अलर्ट पर है और धमकियों की जांच की जा रही है। सीआरपीएफ के स्कूल्स को बम से उड़ाने का धमकी भरा ईमेल आया है। सोमवार रात ये मेल देश के कई स्कूलों को आया। जांच के बाद स्कूलों में कुछ नहीं मिला। मेल भेजने वाले ने सुबह 11 बजे तक सभी सीआरपीएफ स्कूलों में बम से उड़ाने की धमकी दी थी। बता दें कि देश में इन दिनों विभिन्न एयरलाइंस भी बम की धमकी मिलने का सिलसिला जारी है।

खास बात है कि ई-मेल भेजने वालों ने मेल को लिस्टेड स्कूल के कमरों में नाइट्रेट आधारित आईईडी ब्लास्ट करने की बात कही है। ईमेल भेजने वाले ने सुबह 11 बजे से पहले सभी स्कूलों को खाली करने के लिए भी कहा है।

दिल्ली के जिन दो सीआरपीएफ स्कूलों को बम ले उड़ाने की धमकी मिली थी उनमें से एक रोहिणी और एक द्वारका में है। इस मेल का रोहिणी के प्रशांत विहार में हुए धमाके से कोई लिंक नही है। जानकारी के अनुसार, सीआरपीएफ के स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी का सोमवार रात मेल मिला। सूत्रों के मुताबिक, यह धमकी सोमवार देर रात इन स्कूलों के प्रबंधन को भेजे गए एक ईमेल के जरिए दी गई। जांच में बम धमाके की जानकारी अफवाह निकली।

इससे पहले दिल्ली के रोहिणी में सी.आर.पी.एफ. स्कूल में पहले ही धमाका हो चुका है। इस बम विस्फोट में कोई हताहत नहीं हुआ था, लेकिन आसपास की दुकानों और वाहनों को शीशे टूट गए थे। इस धमाके को लेकर अभी भी सुरक्षा एजेंसिया अभी भी कुछ ठोस जानकारी नहीं हासिल कर पाई हैं। इसे अब भी रहस्यमय विस्फोट बताया जा रहा है। इस मामले में आरोपी अभी भी फरार हैं।

दिल्ली के सीआरपीएफ स्कूल के पास हुए बम विस्फोट में दिल्ली पुलिस खालिस्तान कोण से जांच कर रही है। दरअसल सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में दावा किया गया है कि सीआरपीएफ स्कूल के पास हुआ बम धमाका भारतीय एजेंट्स द्वारा खालिस्तान समर्थकों को निशाना बनाने के जवाब में किया गया है। सीसीटीवी कैमरों की जांच में पुलिस को एक संदिग्ध भी दिखा है, जिसकी पुलिस द्वारा तलाश की जा रही है।
इंडिगो-विस्तारा और एयर इंडिया की 30 विमानों को मिली बम से उड़ाने की धमकी,क्या कर रही सरकार
#30_flights_operated_by_indian_airlines_received_bomb_threats

देश में विमानों को बम से उड़ाने की धमकी देने की सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। देश भर की तमाम एयरलाइन कंपनियों के विमानों में बम की धमकी मिलने का सिलसिला कई दिनों से जारी है। सोमवार रात को भी 30 विमानों में बम होने की धमकी दी गई। अब देश की 30 फ्लाइट्स को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। इनमें इंडिगो एयरलाइंस और विस्तारा और एयर इंडिया की फ्लाइट्स हैं। जिन विमानों में बम की धमकी मिली हैं, उनमें ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय हैं।बता दें कि पिछले 8 दिन में अब तक 120 से ज्यादा विमानों को बम हमले की धमकी मिल चुकी है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के सूत्रों के मुताबिक, भारतीय एयरलाइन्स द्वारा संचालित 30 डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट्स को बम से उड़ाने की धमकी मिली। मामले से जुड़े सूत्रों ने एजेंसी को बताया कि बम से उड़ाने की धमकी पाने वालों में इंडिगो, विस्तारा, अकासा और एयर इंडिया की उड़ानें शामिल हैं।

*इंडिया ने क्या कहा*
इंडिगो के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि सोमवार को उसकी चार उड़ानों को सुरक्षा संबंधी अलर्ट मिले। इनमें मंगलुरु से मुंबई आ रही 6E164 फ्लाइट, अहमदाबाद से जेद्दा जा रही 6E 75 फ्लाइट, हैदराबाद से जेद्दा जा रही 6E67 फ्लाइट और लखनऊ से पुणे आ रही 6E 118 शामिल हैं।

*एयर इंडिया को भी मिली धमकी*
वहीं, एक एयर इंडिया के प्रवक्ता ने भी इस बात की पुष्टि की कि सोमवार को उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की कुछ उड़ानों को धमकी मिली थी। निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करते हुए संबंधित अधिकारियों को तुरंत सतर्क किया गया और नियामक अधिकारियों तथा सुरक्षा एजेंसियों के मार्गदर्शन के अनुसार सभी सुरक्षा प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन किया गया।

*120 से अधिक विमानों को मिल चुकी है धमकी*
पिछले एक सप्ताह में भारतीय विमानन कंपनियों की 120 से अधिक उड़ानों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू ने सोमवार को कहा था कि बम की धमकी अफवाह है, लेकिन इन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता। इस बीच, सरकार एयरलाइनों को बम की धमकी से निपटने के लिए विधायी कार्रवाई की योजना बना रही है, जिसमें अपराधियों को नो-फ्लाई सूची में रखना शामिल है।

*सख्त कानून लाने की तैयारी में सरकार*
इससे पहले सोमवार को सिविल एविएशन मंत्री राममोहन नायडू ने कहा था कि हम इन्हें हल्के में नहीं ले सकते। हम इसके खिलाफ सख्त कानून लाएंगे। ऐसी धमकी देने वालों के नाम ‘नो फ्लाई लिस्ट’ में शामिल किए जा सकते हैं। सरकार विमानन सुरक्षा नियमों और नागरिक विमानन सुरक्षा के विरुद्ध गैरकानूनी कृत्यों का दमन अधिनियम, 1982 में संशोधन की योजना बना रही है। उन्होंने कहा, नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) इस मुद्दे पर लगातार गृह मंत्रालय के संपर्क में है।
बाहर निकले तो जान से मार डालूंगा… मप्र के भाजपा सांसद को मिली जान से मारने की धमकी, पाकिस्तान के नंबर से आया कॉल


मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा के सांसद को हत्या करने की धमकी दी गई है। सांसद विवेक बंटी साहू को इस संबंध में एक मोबाइल कॉल किया गया। बीजेपी के सांसद के मुताबिक मोबाइल पर कॉलर ने कहा कि बाहर निकले तो जान से मार डालूंगा। सांसद का मोबाइल उनके करीबी बीजेपी नेता अरविंद राजपूत के पास था तभी +92 से शुरू होने वाले नंबर से कॉल आया। उन्होंने लाउड स्पीकर मोड पर डालकर सांसद विवेक साहू को मोबाइल दिया। सांसद विवेक बंटी साहू से कॉलर ने अपशब्दों का प्रयोग करते हुए जान से मारने की धमकी दी। पुलिस को इस मामले की शिकायत की गई है। पता चला है कि सांसद को जान से मारने की धमकी देने का फोन पाकिस्तान से आया है। छिंदवाड़ा सांसद विवेक बंटी साहू ने बताया कि सोमवार को दोपहर में उन्हें मोबाइल कर जान से मारने की धमकी दी गई। दोपहर करीब 3.30 बजे मोबाइल पर वॉट्सऐप कॉल आया। रिसीव करते ही कॉलर ने सांसद विवेक बंटी साहू को अपशब्द कहे। उसने चेतावनी दी कि बाहर निकलना भूल जाओ। मैं तुम्हें जान से मार डालूंगा। सांसद विवेक बंटी साहू को वॉट्सऐप कॉलिंग पर +92 कोड से 3471933240 नंबर से फोन आया था। +92 पाकिस्तान का कंट्री कोड है। धमकी मिलने के बाद सांसद के करीबी बीजेपी नेता अरविंद राजपूत ने पुलिस को मामले की सूचना दी। उन्होंने कोतवाली थाने में मामले की लिखित शिकायत भी की है। अरविंद राजपूत के अनुसार सांसद विवेक बंटी साहू का मोबाइल मेरे हाथ में था तभी एक कॉल आया। यह नंबर विदेश का लगा तो मैंने लाउड स्पीकर पर डालकर सांसद को मोबाइल दे दिया। जैसे ही उन्होंने कहा कि मैं सांसद विवेक बंटी साहू बोल रहा हूं तो कॉलर ने कहा कि मैं तुम्हें जान से मार दूंगा। इस संबंध में कोतवाली टीआई उमेश गोल्हनी ने बताया कि सांसद विवेक बंटी साहू के मोबाइल पर पाकिस्तान से फोन आया। कॉलर ने उन्हें धमकी देते हुए कहा कि तुम और तुम्हारे बॉस ज्यादा बाहर निकलते हो। बाहर निकलना भूल जाओ, मैं जान से मार दूंगा। मामले में FIR दर्ज कर जांच शुरु की है।
'मंदिरों में लगे लाउडस्पीकर फैलाते हैं ध्वनि-प्रदूषण', IAS के बयान पर एमपी में बवाल, कांग्रेस ने किया-समर्थन, विरोध में उतरे कई संगठन

मध्य प्रदेश सरकार की IAS अफसर शैलबाला मार्टिन फिर से अपने एक बयान को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर मंदिरों में लगे लाउडस्पीकरों पर सवाल उठाए हैं, जिससे विवाद उत्पन्न हो गया है। हिंदू संगठनों ने उनके बयान का विरोध किया है, जबकि कांग्रेस ने इसे सही सवाल बताया है।

दरअसल, शैलबाला मार्टिन ने X पर लिखा कि मंदिरों में लगे लाउडस्पीकर गलियों तक ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं। उन्होंने सवाल किया कि ये लाउडस्पीकर आधी रात तक बजते रहते हैं तथा इससे लोगों को कोई असुविधा नहीं होती। उन्होंने यह पोस्ट एक अन्य पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए लिखी। इसके बाद हिंदूवादी संगठन 'संस्कृति बचाव मंच' ने नाराजगी जताई। एक शख्स के कमेंट पर शैलबाला मार्टिन ने जवाब देते हुए कहा कि सीएम ने शपथ लेते समय जो आदेश जारी किए थे, उनमें सभी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने और डीजे पर प्रतिबंध लगाने की बात थी। यह एक बहुत ही उचित आदेश था। यदि इस आदेश के तहत सभी समुदायों के धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटा दिए जाएं तथा डीजे बंद हो जाएं, तो सभी को राहत मिलेगी।

'संस्कृति बचाव मंच' के अध्यक्ष पंडित चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि अगर कोई हिंदू धर्म की आस्थाओं को ठेस पहुंचाने का प्रयास करेगा, तो उनका मंच इसका विरोध करेगा। उन्होंने कहा कि मंदिरों में सुरीली आरती और मंत्रों का उच्चारण होता है, न कि दिन में पांच बार लाउडस्पीकर पर अजान की तरह। तिवारी ने सवाल किया कि शैलबाला मार्टिन ने कब किसी मोहर्रम के जुलूस पर पथराव होते हुए देखा? जबकि हिंदुओं के जुलूसों पर पथराव होता है, इसलिए उन्हें हिंदू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई अधिकार नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज ने शैलबाला मार्टिन के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि भाजपा सरकार में लाउडस्पीकरों पर की गई कार्रवाई राजनीति से प्रेरित होती है। यदि धर्म देखकर लाउडस्पीकरों पर कार्रवाई की जाएगी, तो मध्य प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों को इस पर बोलने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
कनाडा के साथ विवाद पर एस जयशंकर का बड़ा बयान, बोले-भारत के राजनयिकों से करता है सौतेला व्यवहार
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भारत और कनाडा के बीच तनाव अपने चरम पर है।निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा ने भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और अन्य राजनयिकों की संलिप्पता का आरोप लगाये जाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आई है। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा के साथ जारी तनाव पर अपनी बात रखी। नई दिल्ली और ओटावा के बीच बिगड़े संबंधों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कनाडा पर दोहरे मानदंड अपनाने के लिए निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कनाडा को भारत के राजनयिकों से दिक्कत है। हमारे राजनयिकों को कनाडा पसंद नहीं कर रहा है। *कनाडा का मुद्दा एक सामान्य पश्चिमी मुद्दा-जयशंकर* एनडीटीवी से बात करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि कनाडा दूसरे देशों के राजनयिकों के साथ जैसा व्यवहार करता है, उससे अलग व्यवहार भारतीय राजनयिकों के साथ कर रहा है। कनाडा खुद भारत में अपने राजनयिकों को मनमानी करने देता है, लेकिन भारतीय राजनयिकों पर बंदिशें लगाता है। उन्होंने कहा, कनाडा का मुद्दा एक सामान्य पश्चिमी मुद्दा और कनाडा विशिष्ट मुद्दा है, दुनिया के समीकरण बदल रहे हैं। दुनियाभर में पावर बैलेंस बदल रहा है। ऐसे में पश्चिम के देश इसे पचा नहीं पा रहे। *दोहरे मानदंड इसके लिए बहुत हल्का शब्द है-जयशंकर* एस जयशंकर ने इस बात का जिक्र किया कि कनाडा अन्य राजनयिकों के साथ कैसा व्यवहार करता है और भारत में रहते हुए उसके राजनयिक विशेषाधिकार का उपयोग करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि दोहरे मानदंड इसके लिए बहुत हल्का शब्द है। निज्जर की हत्या के मामले में पिछले हफ्ते कनाडा ने भारत सरकार की संलिप्तता के नए आरोप लगाये थे, जिसके बाद भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था। भारत ने अपने उच्चायुक्त और पांच अन्य राजनयिकों को भी वापस बुला लिया था। ये सभी राजनयिक भारत वापस आ रहे हैं. कनाडा सरकार ने कहा था कि भारतीय राजनयिकों को देश से निकाल दिया गया है। *कनाडा में लोगों तो टारगेट करना बंद होना चाहिए- जयशंकर* एस जयशंकर ने कहा कि ऐसा लगता है कि कनाडा में अगर भारतीय राजनयिक यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि उनके कल्याण और सुरक्षा से संबंधित मामलों पर क्या हो रहा है तो उन्हें समस्या होती है। वहीं, अगर आप भारत में देखें तो कनाडाई राजनयिकों को बाहर जाने और हमारी सेना, पुलिस, लोगों की प्रोफाइलिंग करने में कोई समस्या नहीं है। कनाडा में लोगों तो टारगेट करना बंद होना चाहिए। *अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर धमकाने का आरोप* विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा वाले भारत में जो लाइसेंस खुद को देते हैं वह उस तरह के प्रतिबंधों से बिल्कुल अलग है जो वे कनाडा में राजनयिकों पर लगाते हैं। जब हम उन्हें बताते हैं कि आपके पास वे लोग हैं जो भारत के नेताओं को, भारत के राजनयिकों को खुलेआम धमकी देते हैं तो वे इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बताते हैं। जब भारतीय पत्रकार सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हैं, यदि आप भारतीय उच्चायुक्त को धमकी देते हैं, तो वह इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मानते हैं। लेकिन अगर कोई भारतीय पत्रकार कहता है कि कनाडाई उच्चायुक्त बहुत गुस्सा होकर साउथ ब्लॉक से बाहर चले गए, तो यह विदेशी हस्तक्षेप है। बता दें कि निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा द्वारा भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और अन्य राजनयिकों की संलिप्पता का आरोप लगाये जाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आई है। भारत ने निज्जर की हत्या से संबंधित मामले में कनाडा द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। निज्जर, भारत में एक नामित आतंकवादी है।
भारत-चीन के बीच पेट्रोलिंग पर बनी नई सहमति, ड्रैगन के साथ सीमा समझौते पर जयशंकर का बड़ा बयान
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भारत ने चीन के साथ लद्दाख एरिया में वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चल रहे विवाद को सुलझाने की बात कही है। दिपसांग और डेमचोक में अब साल 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल हो जाएगी। भारतीय जवान पहले की तरह इस इलाके में पेट्रोलिंग कर सकेंगे। इससे चीन की आर्मी के मूवमेंट पर पैनी नजर रखना संभव हो सकेगा।भारत और चीन के बीच पेट्रोलिंग को लेकर हुए समझौते पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन 2020 से पहले की स्थिति को वापस लाने के लिए गश्त पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं। अगले कदमों पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण बैठकें होने की जरूरत है। एनडीटीवी से बात करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, भारत और चीन में सीमा पर पेट्रोलिंग सिस्टम को लेकर समझौता हुआ है। यह एक सकारात्मक और अच्छा घटनाक्रम है। यह बहुत धैर्य और बहुत दृढ़ कूटनीति का नतीजा है। हम सितंबर, 2020 से बातचीत कर रहे हैं। उस समय मास्को में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के बाद मुझे लगा था कि हम शांति और 2020 से पहले की स्थिति में वापस आ सकेंगे। एस जयशंकर ने कहा, भारत या चीन जैसे कई बड़े देशों के बीच अलग-अलग नजरिए हैं। अगर टकराव होगा और यह इतना आसान नहीं होगा। लेकिन ये समझौता बहुत अहम है। इस समझौते के बाद हम 2020 में जो गश्त कर रहे थे, उसे वापस करने में सक्षम होंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि दोनों देशों के बीच सहमति कैसे हुई? उन्होंने कहा, यह सहमति धैर्य और कूटनीति के चलते हुई है। उन्होंने कहा, चीन से बात करने में कई बार लोगों ने लगभग हार मान ली, लेकिन हम सितंबर 2020 से चीन से बातचीत कर रहे हैं। हमने चीन के साथ बातचीत की पूरी प्रक्रिया में बहुत धैर्य रखा। विदेश मंत्री ने इस समझौते की अहमियत पर बात करते हुए कहा, सबसे ज्यादा अहम बात यह है कि अगर दोनों देशों के बीच समझौता हो गया है तो यह दोनों देशों के बीच कई समझौतों का आधार बनता है। साथ ही सीमा पर शांति का आधार बनता है। उन्होंने कहा, अगर दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति नहीं है तो फिर द्विपक्षीय संबंधों में सुधार कैसे होगा इससे पहले भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को ही इस समझौते की जानकारी दी थी। साथ ही उन्होंने बताया था कि पेट्रोलिंग के नए सिस्टम पर सहमति के बाद दोनों देश सेनाएं पीछे हटा सकते हैं।देपसांग प्लेन डेमचोक में सैनिकों को पेट्रोलिंग पॉइंट्स पर जाने की इजाजत अभी नहीं है। यहां सेनाएं अभी मौजूद हैं। पेट्रोलिंग का नया सिस्टम इन्हीं पॉइंट्स से संबंधित है। इससे गलवान जैसे टकराव को टाला जा सकेगा।
लॉरेंस बिश्नोई के एनकाउंटर पर 1,11,11,111 रुपये का इनाम, जाने किसने दिया ऑफर ?
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महाराष्ट्र के एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद से जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की चर्चा पूरे देश में है। इस बीच क्षत्रिय करणी सेना ने जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के एनकाउंटर के लिए कथित तौर पर इनाम की घोषणा की है। करणी सेना ने लॉरेंस बिश्नोई का एनकाउंटर करने वाले पुलिसकर्मी को 1,11,11,111 रुपये पुरस्कार की घोषणा की है। राज शेखावत नाम के एक शख्स वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में उसने कहा है कि कि लॉरेंस बिश्नोई को मारने वाले किसी भी पुलिस अधिकारी को 1,11,11,111 रुपये का इनाम देंगे। इस वीडियो में वो आगे कहते हैं कि जो भी पुलिसकर्मी लॉरेंस बिश्नोई का एनकाउंटर करेगा, उसके यह इनाम की राशि दी जाएगी। लॉरेंस बिश्नोई को देश के लिए खतरा बताते हुए राज शेखावत ने गुजरात की बीजेपी सरकार पर भी हमला बोला है। क्षत्रिय करणी सेना के एक्स हैंडल पर उनका वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें वह कह रहे हैं, “मुझे सिर्फ इतना पता है कि हमारी धरोहर परम आदरणीय अमर शहीद सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या लॉरेंस बिश्नोई के द्वारा कराई गई थी, जो पुलिसकर्मी लॉरेंस बिश्नोई का एनकाउंटर करेगा. उस पुलिसकर्मी को 1 करोड़ 11 लाख 11 हजार 1 सौ 11 करोड़ रुपये का पुरस्कार करणी सेना के तरफ से दिया जाएगा. हमें और देशवासियों को भयभीत नहीं भयमुक्त भारतवर्ष की जरूरत है.” कौन है राज शेखावत राज शेखावत क्षत्रिय करणी सेना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। राज शेखावत के इंस्टाग्राम पर साढ़े चार लाख से ज्यादा फॉलोवर्स है। उन्होंने अपने नाम के आगे डॉक्टर भी लगा रखा है। उन्होंने अपनी प्रोफाइल में खुद एक्स बीएसएफ और एमबीए पास बताया है। इसके अलावा प्रोफाइल में उन्होंने खुद को आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन वारियर भी बताया है। क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज शेखावत पहले बीजेपी में थे। लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने बीजेपी छेड़ने का ऐलान किया था। उन्होंने यह कदम राजकोट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे रुपाला के खिलाफ बीजेपी की तरफ से कार्रवाई नहीं होने पर उठाया था। दरअसल 22 मार्च को राजकोट में एक सभा को संबोधित करते हुए, रूपाला ने टिप्पणी की थी कि तत्कालीन ‘महाराजाओं’ ने विदेशी शासकों के साथ-साथ अंग्रेजों के उत्पीड़न के सामने घुटने टेक दिए। उन्होंने आगे कहा कि इन ‘महाराजाओं’ ने इन शासकों के साथ रोटी तोड़ी और अपनी बेटियों की शादी भी उनसे की। राजपूत समुदाय के सदस्यों ने इस पर जमकर बवाल भी किया था। करणी सेना की बिश्नोई गैंग से क्या दुश्मनी है? सवाल उठ रहा है कि आखिर करणी सेना की बिश्नोई गैंग से क्या दुश्मनी है? बता दें कि करणी सेना के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के मामले में भी बिश्नोई गैंग का नाम आया था। करणी सेना के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की 5 दिसंबर 2023 को कुछ अज्ञात हमालवरों ने जयपुर स्थित उनके घर में घूसकर गोली मार दी थी। इसके बाद शूटर्स मौके से फरार हो गए थे. गोगामेड़ी की हत्या के कुछ घंटों बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। इस हत्याकांड के मामले में इस साल 5 जून को विशेष अदालत में आरोप पत्र पेश कया था, जिसमें रोहित गोदारा को मास्टरमाइंड बताया गया था। इसके अलावा गोल्डी बरार और वीरेंद्र चारण समेत अन्य पर हत्या की साजिश रचने का आरोप है। ये सभी बिश्नोई गैंग से जुड़े हैं।