राम गोपाल के घर और रास्ते पर पुलिस का पहरा : गांव जाने वाले मार्गों पर वैरिकेडिंग
महेश चंद्र गुप्ता
बहराइच जिले के महाराजगंज में रविवार को मूर्ति विसर्जन के दौरान गोली मारकर की गई हत्या के मामले में मृतक के गांव रेहुआ मंसूर में पुलिस ने बाहरी लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से अंकुश लगा दिया है। जगह जगह पुलिस तैनात कर दी गई है। इससे गांव के लोगों को भी दिक्कत हो रही है।
रामगांव थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत रेहुआ मंसूर निवासी राम गोपाल मिश्रा की रविवार को मूर्ति विसर्जन जुलूस में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के बाद जमकर बवाल हुआ था। आगजनी और तोड़फोड़ भी हुई थी। इस मामले में पुलिस ने अब तक 62 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें गोली मारने वालों में शामिल एक अपराधी को भी जेल दिया है। वहीं अब पुलिस ने मृतक राम गोपाल मिश्रा के गांव में पूरी तरह से लोगों के आने जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें राज नेताओं के साथ मीडिया के लोग भी शामिल हैं। किसी भी पार्टी के नेताओं को मृतक राम गोपाल मिश्रा के परिवार के लोगों से मिलने पर रोक लगा दिया गया है।
गुरुवार को रेहुआ मंसूर मोड़ पर महिला और पुरुष सिपाही एक उप निरीक्षक की अगुवाई में तैनात कर दिया है। जबकि मृतक के घर के पास उप निरीक्षक राज कुमार पांडेय की अगुवाई में पुलिस कर्मियों को तैनात कर दिया गया है। इसके अलावा गांव में एक ट्रक पीएससी के जवान लगा दिए गए हैं। पुलिस की बैरीकेटिंग और जगह जगह तैनाती को लेकर मृतक के परिवार से मिलने आने वाले लोगों को भी दिक्कत हो रही है। उनके वाहन दूर ही रोक दिए जा रहे हैं। ड्यूटी पर तैनात उप निरीक्षक राज कुमार पांडेय ने बताया कि पीड़ित परिवार की समस्या को देखते हुए अधिकारियों ने यह फैसला किया है। जिसका पालन करवाया जा रहा है।



बहराइच। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान रविवार शाम हुई हिंसा और रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद सोमवार को बहराइच हिंसा की आग में जल उठा। आक्रोशित हजारों की भीड़ शव लेकर महसी तहसील पहुंची और महराजगंज जाने वाली सड़क पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। भीड़ का एक हिस्सा लाठी-डंडे लेकर कस्बे में घुस गया। बाइक के दो शोरूम, एक अस्पताल को आग के हवाले कर दिया। दूसरे समुदाय के गांव में जाकर दो घरों में भी आग लगा दी और पथराव किया। डीएम, एसपी समेत आसपास के जिलों की फोर्स पहुंची। पीएसी के जवान भी पहुंचे। लेकिन दोपहर तक हालात काबू नहीं कर पाए। इसके बाद एडीजी एलओ व एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने मोर्चा संभाला। आंसू गैस के गोले दागे, लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा। हिंसा और आगजनी के पीछे पुलिस की बड़ी नाकामी उजागर हुई है।


Oct 17 2024, 16:47
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