बाबा सिद्दीकी मर्डर केस: पुणे से एक और शख्स गिरफ्तार, मुंबई पुलिस ने यूपी से दो संदिग्ध को भी लिया हिरासत में


डेस्क: बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में मुंबई पुलिस ने एक और शख्स को गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारी पुणे के वारजे इलाके से की गई है। इसी इलाके के भालेकर चौक पर धर्मराज और शिव कुमार स्क्रैप दुकान पर काम करते थे। पुलिस ने अभी तक आरोपी के नाम और उसके रोल के बारे में जानकारी नहीं दी है।

वहीं, बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में पुलिस ने घटनास्थल के पास से एक काला बैग रिकवर किया है। आरोपियों से हुई पूछताछ के बाद पुलिस ने इस बैग़ को बरामद किया है। बैग में एक गन भी बरामद हुई है। पुलिस इसकी भी जांच कर रही है।

उधर, मुंबई पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बहराइच से दो संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है। मुंबई क्राइम ब्रांच ने बताया कि हिरासत में लिए गए दो लोगों में से एक हरीश है, जिसकी पुणे में स्क्रैप की दुकान थी, जहां आरोपी धर्मराज और शिवप्रसाद गौतम काम करते थे। हरीश ने अपराध करने से कुछ दिन पहले शिवप्रसाद और धर्मराज के लिए नए मोबाइल फोन खरीदे थे और हरीश को अपराध के बारे में पूरी जानकारी भी थी।

इस मर्डर केस में पुलिस ने अब तक चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इससे पहले हरियाणा निवासी गुरमेल बलजीत सिंह (23), उत्तर प्रदेश निवासी धर्मराज राजेश कश्यप (19) और पुणे निवासी प्रवीण लोनकर को गिरफ्तार किया जा चुका है।

बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता बाबा सिद्दीकी (66) को मुंबई के बांद्रा इलाके के खेर नगर में उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के ठीक बाहर तीन लोगों ने रोका और शनिवार रात गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने कहा कि सिद्दीकी की हत्या की साजिश पुणे में रची गई थी और शूटर्स को टारगेट की पहचान के लिए एक फोटो और एक फ्लेक्स बैनर प्रदान किया गया था। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि वांछित आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद हत्या के पीछे के मकसद का पता चल जाएगा।
चुनावों में 'फ्री' देने के वादों को रिश्वत घोषित करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और EC से मांगा जवाब


डेस्क : चुनावों में मुफ्त के वादों को रिश्वत घोषित करने मांग वाली याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों की तरफ से मुफ्त देने के वादे को रिश्वत घोषित करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि चुनाव आयोग ऐसे वादों पर अंकुश लगाने के लिए तत्काल कदम उठाए।


कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि चुनाव कुछ समय पूर्व राजनीतिक दल मुफ्त में कई सुविधाओं को देने का वादा करते हैं। ऐसे वादों को रोकने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की भी मांग की गई है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया और लंबित मामलों के साथ याचिका को भी टैग किया।

कर्नाटक निवासी शशांक जे श्रीधर की तरफ से दायर जनहित याचिका में राजनीतिक दलों को चुनाव पूर्व अवधि के दौरान मुफ्त के वादे करने से रोकने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की भी मांग की गई है। वकील विश्वादित्य शर्मा और बालाजी श्रीनिवासन के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि मुफ्त का अनियमित वादा सरकारी खजाने पर बेहिसाब वित्तीय बोझ डालता है।

याचिका में यह घोषणा करने की मांग की गई है कि विधानसभा या आम चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा किए गए मुफ्त उपहारों का वादा, विशेष रूप से नकदी के रूप में चुनाव के बाद अगर उनकी पार्टी सरकार बनाती है तो उसे सरकारी खजाने से वित्त पोषित किया जाएगा।

याचिका में कहा गया है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत रिश्वत की पेशकश के जरिए वोट देने के लिए प्रेरित करने का भ्रष्ट आचरण बनता है। इसमें कहा गया है कि राजनीतिक दल अक्सर इस तरह की मुफ्त सुविधाओं की घोषणा करते हैं, बिना यह बताए कि इन वादों को कैसे वित्त पोषित किया जाएगा।

याचिका में यह भी कहा गया है कि पारदर्शिता की कमी के कारण या तो ऐसे वादों को पूरा करने में सरकारें विफल साबित होती हैं। इससे मतदाताओं के साथ धोखाधड़ी होती है। याचिकाकर्ता ने कहा कि मुफ्त का चलन स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांत को कमजोर करता है। जहां मतदाता उम्मीदवारों की नीतियों या शासन रिकॉर्ड से नहीं, बल्कि तत्काल व्यक्तिगत लाभ के आकर्षण से प्रभावित होते हैं।
आखिर क्यों मनाया जाता है World Students Day? पूर्व राष्ट्रपति मिसाइल मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से है इसका गहरा नाता



डेस्क: आज पूरी दुनिया विश्व छात्र दिवस यानी World Students Day मना रही है। वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे पर हर साल कोई न कोई विशेष थीम के तहत मनाई जाती है। इस साल 2024 में इसकी थीम ‘छात्रों के भविष्य के लिए समग्र शिक्षा’ है। जिसका उद्देश्य एजुकेशन को सिर्फ एकेडेमिक उपलब्धियों तक सीमित न रखकर, छात्रों के पूरे विकास पर जोर देना है, यह दिन साल 2010 से मनाया जाता है। ये तो आप जानते हैं कि ये दिन खास तौर पर मनाया जाता है पर क्यों मनाया जाता है, क्या ये जानते हैं आप?

जानकारी दे दें कि आज देश के पूर्व राष्ट्रपति, मिसाइल मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जंयती है। इन्हीं के सम्मान में कलाम साहब की जयंती को वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे के रूप में मनाया जाता है। अब्दुल कलाम ने एजुकेशन सेक्टर में कई सराहनीय प्रयास किए हैं, जो छात्र जीवन केलिए प्रेरणास्त्रोत हैं। डॉ. एपी जे कलाम को लोग पीपुल्स प्रेसिडेंट के रूप में भी याद किया जाता है। एपी जे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। 18 जुलाई 2002 को इन्हें देश का 11वां राष्ट्रपति चुना गया।

UN की ओर से पहली बार साल 2010 में भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की 79वीं जयंती को वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे के रूप में मनाए जाने की घोषणा की गई। इसके बाद से अब तक हर साल यह दिन विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की महत्वपूर्ण भूमिका, उनकी उपलब्धियां और स्टूडेंट्स को दी गई प्रेरणा को याद किया जाता है। उनका मानना था कि टीचर किसी भी सोसाइटी के निमार्ण के लिए अहम होते हैं क्योंकि वे छात्रों को उनके संबंधित विषयों में बेहतर बनाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। कलाम ने अपना पूरा जीवन एजुकेशन और स्टूडेंट के भलाई के लिए समर्पित कर दिया।

एपीजे अब्दुल कलाम साल 2002 से 2007 तक वे देश के 11वें राष्ट्रपति रहे और अपने कार्यकाल के दौरान वे विशेष रूप से छात्रों और युवाओं के प्रति अपने स्नेह व जुड़ाव के लिए सुर्खियों में रहे। उनकी दी गई प्रेरणादायक बातें आज भी छात्रों के लिए मार्गदर्शक का काम करती हैं।
कोटा-इटावा एक्सप्रेस से युवती का अपहरण, 5 घंटे तक बंधक बनाकर किया गैंगरेप

डेस्क: जिले में एक युवती को ट्रेन से अगवा कर उसके साथ गैंगरेप का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि युवती अपने मामा के घर गई हुई थी, जहां से वह वापस आ रही थी। इस दौरान वह कोटा-इटावा एक्सप्रेस में भिंड से सवार हुई। इसी दौरान ट्रेन में एक युवक ने उसके साथ छेड़खानी की। युवती ने जब ट्रेन की बोगी बदल ली तो आरोपी दूसरी बोगी में भी पहुंच गया और वहां युवती को बेहोश कर दिया। इसके बाद युवक ने उसका अपहरण कर लिया और पांच घंटे तक बंधक बनाकर उसके साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया।

पूरे मामले की शिकायत युवती के पिता ने रविवार को दर्ज कराई। शिकायत के मुताबिक, घटना 12 अक्टूबर की बताई गई है। इस दिन युवती एमपी के भिंड में अपने मामा के घर से लौट रही थी। आरोप है कि आरोपियों ने युवती को नशीला पदार्थ खिलाकर उसे बेहोश किया और इसके बाद उसके साथ गैंगरेप किया। मामले की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक (इटावा ग्रामीण) सत्यपाल सिंह ने बताया कि युवती भिंड जिले के सोनी रेलवे स्टेशन से इटावा आने के लिए कोटा-इटावा एक्सप्रेस में सवार हुई थी। ट्रेन में एक अज्ञात युवक उसका वीडियो बनाने लगा। युवती ने इसका विरोध किया और दूसरे कोच में चली गई।

आरोपी युवती के पीछे-पीछे दूसरे कोच में भी चला गया। इसके बाद उसने युवती को बेहोश कर दिया और फिर उसे अगवा कर लिया। युवती को जब होश आया तो उसके पास तीन युवक खड़े थे, जिन्होंने उसके साथ गैंगरेप किया था। आरोपियों ने युवती को पांच घंटे तक बंधक बनाए रखा। परिजनों की शिकायत के आधार पर बकेवर पुलिस थाने में एक शून्य प्राथमिकी दर्ज की गई है। मामले को आगे की जांच एवं कार्रवाई के लिए जीआरपी को सौंप दिया गया है। पुलिस ने बताया कि मामले में गैंगरेप सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
यूपी ही नहीं, बांग्लादेश में भी दुर्गा मूर्ति विसर्जन में पथराव, हिंदू समुदाय और पुलिस में झड़प

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन करने जा रहे लोगों पर पथराव और एक युवक की मौत के बाद पूरे जिले में तनाव का माहौल है। दूसरी ओर दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान बांग्लादेश में भी पथराव की घटना सामने आई है। इस घटना के बाद पुलिस और हिंदू समुदाय के लोगों के बीच झड़प की खबरें भी सामने आई हैं। बता दें कि बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से हिंदु समुदाय के खिलाफ हिंसा की अनगिनत घटनाएं देखने को मिल रही हैं।

दरअसल, रविवार को बांग्लादेश के ओल्ड ढाका इलाके में दुर्गा पूजा के समापन के बाद हिंदू समुदाय के सदस्य मूर्ति विसर्जन के लिए जा रहे थे। इस दौरान पटुआतुली इलाके में स्थित नूर सुपर मार्केट की छत से अराजक तत्वों ने बूढ़ी गंगा नदी में मूर्ति विसर्जन के लिए जा रहे लोगों पर ईंट फेंकीं। इस घटना में एक पुलिस अधिकारी सहित तीन लोग घायल हो गए।

बांग्लादेश के अखबार ‘द डेली स्टार’ ने सोमवार को बताया है कि मूर्ति विसर्जन पर हुई पत्थरबाजी के बाद हिंदू समुदाय के लोगों ने नूर सुपर मार्केट में घुसने की कोशिश की, लेकिन पुलिस द्वारा उन्हें रोक दिया गया। इस दौरान हिंदू समुदाय के लोगों और पुलिस के बीच भी झड़प हो गई।

इस घटना को लेकर पुलिस अधिकारी ने बताया है कि स्थानीय लोगों ने बाजार में घुसने की कोशिश की। बाजार की सुरक्षा खातिर हमने उन्हें वहां घुसने से रोका, जिससे झड़प हो गई। पुलिस इस स्थिति पर काबू पाने में नाकाम रही जिसके बाद सेना को सूचना दी गई। इसके बाद सैनिकों ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को तितर-बितर किया। पुलिस ने बताया है कि स्थिति अब
पीएम मोदी से मिलीं दिल्ली की सीएम आतिशी, मुलाकात के बाद जानें क्या बोलीं


डेस्क: राजधानी दिल्ली में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सीएम आतिशी ने आज पीएम मोदी से मुलाकात की है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इसकी जानकारी दी गई है। इसके साथ ही पीएम मोदी और दिल्ली की सीएम आतिशी की मुलाकात की एक तस्वीर भी शेयर की गई है। बता दें कि हाल ही में अरविंद केजरीवाल ने जेल से बाहर आने के बाद दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद विधायक दल की बैठक में आतिशी को दिल्ली की सीएम चुना गया।

पीएम मोदी से मुलाकात के बाद सीएम आतिशी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट किया। अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'माननीय प्रधानमंत्री जी नरेंद्र मोदी जी से आज मुलाकात हुई। मैं हमारी राजधानी के कल्याण और प्रगति के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच पूर्ण सहयोग की आशा करती हूं।'

बता दें कि दिल्ली की सीएम बनने के बाद आतिशी ने पहली बार पीएम मोदी से मुलाकात की है, इसलिए इस मुलाकात को और भी अहम माना जा रहा है। हाल ही में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आए थे। जेल से बाहर आने के बाद जनता की अदालत में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने इस्तीफा देने की घोषणा कर दी थी।

अरविंद केजरीवाल ने यह कहते हुए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था कि अगर उनपर बेईमान होने के आरोप लगाए जा रहे हैं तो जनता इसे गलत साबित करेगी। उन्होंने कहा कि जनता मेरी ईमानदारी का प्रमाण पत्र देगी, तभी वह सीएम की कुर्सी पर बैठेंगे। अगर जनता उन्हें नकार देगी तो वह सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। इसके बाद उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद विधायक दल की बैठक बुलाई गई, जिसमें आतिशी को दिल्ली का नया सीएम चुना गया।
सीएम पद की शपथ लेने से पहले मां कामाख्या मंदिर पहुंचे नायब सैनी, कही ये बड़ी बात



डेस्क: हरियाणा में भाजपा की जीत के बाद अब फिर से नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। हरियाणा के नए सीएम और राज्य मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह पर, सीएम के मीडिया सचिव प्रवीण अत्रे ने कहा है कि, "नायाब जी का शपथ ग्रहण समारोह 17 अक्टूबर को सुबह 10 बजे है और बीजेपी सरकार बनाने जा रही है। तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री एमएल खट्टर, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और हरियाणा से लाखों लोग आएंगे..."

पत्नी संग मां कामाख्या का आशीर्वाद लेने पहुंचे सैनी
इस बीच नायब सिंह सैनी अपनी पत्नी सुमन सैनी के साथ असम पहुंचे हैं और मां कामाख्या का दर्शन करने पहुंचे। उन्होंने कहा, "...मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे मां कामाख्या मंदिर में पूजा करने का मौका मिला है। मैं चुनाव से पहले आया था और अब चुनाव के बाद मैं उज्ज्वल भविष्य की प्रार्थना करने आया हूं।"

सैनी ने कहा, हरियाणा के लोगों का भविष्य, हरियाणा के लोग स्वस्थ रहें, मैं इस विशाल जनादेश के लिए हरियाणा की जनता को भी धन्यवाद देता हूं। मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे आज मां कामाख्या मंदिर में पूजा करने का मौका मिला है। मैंने हरियाणा के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रार्थना की है, कि हरियाणा विकास की नई ऊंचाइयों को छूए.. "

हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने अपनी पत्नी सुमन सैनी के साथ गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर में पूजा-अर्चना की। हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष मोहन लाल बडोली भी मौजूद रहे। सैनी का कहना है, "...पीएम मोदी के नेतृत्व में हमने पिछले 10 वर्षों में जो काम किया है, हमने बिना किसी भेदभाव के हरियाणा का समान रूप से विकास किया है। हम इस विकास को और तेजी से आगे बढ़ाएंगे" ... इस चुनाव में हमने भी कुछ संकल्प लिए हैं और हम उन संकल्पों को पूरा भी करेंगे, ताकि सरकार हर व्यक्ति की उम्मीदों पर खरी उतरे। हरियाणा में जो सरकार चुनी है वह गरीबों, किसानों की सरकार है , महिलाएं, युवा हमारी सरकार उनके जीवन को आसान बनाने के लिए काम करेगी..."
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की सुरक्षा बढ़ाई गई, मिलेगा Z कैटेगरी का कवर, IB के अलर्ट के बाद हुआ बदलाव



डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की सुरक्षा में बदलाव किया है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास गुट) के प्रमुख को गृह मंत्रालय ने Z कैटेगरी की सुरक्षा दी है। इससे पहले चिराग को SSB के कमांडो की सुरक्षा मिली हुई थी। हालांकि, जेड कैटेगरी की सिक्योरिटी मिलने के साथ ही अब उन्हें CRPF के जवान सुरक्षा देंगे। दरअसल, ये बदलाव IB की थ्रेट रिपोर्ट के बाद किया गया है। भारत में गृह मंत्रालय किसी भी व्यक्ति को सुरक्षा देने का निर्णय लेता है।

चिराग पासवान की सुरक्षा में कुल 33 सुरक्षागार्ड तैनात रहेंगे। इनके साथ ही 10 आर्म्ड स्टैटिक गार्ड वीआईपी के घर पर रहेंगे। इसके अलावा 6 राउंड द क्लॉक पीएसओ, तीन शिफ्ट में आर्म्ड स्कॉर्ट के 12 कमांडो, वाचर्स शिफ्ट में 2 कमांडो और 3 ट्रेंड ड्राइवर राउंड द क्लॉक मौजूद रहेंगे। चिराग पासवान की सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय हालिया घटनाओं के आधार पर लिया गया है।

Z कैटेगरी सुरक्षा में विशेष प्रशिक्षित कर्मियों की तैनाती होती है। यह सुरक्षा व्यवस्था 24 घंटे उपलब्ध रहती है। हाल ही में चिराग पासवान की राजनीतिक गतिविधियों में वृद्धि हुई है। उनकी पार्टी और समर्थकों ने इस निर्णय का स्वागत किया है।

भारत सरकार की ओर से देश के कुछ लोगों को सिक्योरिटी दी जाती है। मुख्य तौर पर गृह मंत्रालय की ओर से X, Y, Y Plus, Z, Z Plus सिक्योरिटी दी जाती है। इसके अलावा एक एसपीजी सिक्योरिटी होती है, जो सिर्फ देश के प्रधानमंत्री को मिली है। एसपीजी एक अलग फोर्स की तरह है, जो सिर्फ प्रधानमंत्री को कवर करती है। यह देश में सुरक्षा श्रेणियों का उच्चतम स्तर है। कुछ स्थितियों में पीएम के परिवार को भी इसी सुरक्षा घेरे में रखा जाता है।
बिजनौर में रेल पटरी पर रखे गए पत्थर, पीसती हुई गुजर गई ट्रेन, बड़ा हादसा टला



डेस्क: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में गुरुवार की सुबह रेल की पटरी पर अज्ञात लोगों ने छोटे पत्थर रख दिये, लेकिन ट्रेन उन पर से सकुशल गुजर गई। रेलवे पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है। राजकीय रेलवे पुलिस थाना प्रभारी पवन कुमार ने बताया कि सहारनपुर से मुरादाबाद जा रही मेमू ट्रेन जब गढ़मलपुर क्रासिंग पर पहुंची तो पटरी पर पत्थर टूटने की आवाज आई। हालांकि ट्रेन सकुशल निकल गई। बाद में चालक ने मुर्शदपुर स्टेशन पहुंच कर घटना की जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि मौके पर की गई जांच में पता चला कि पटरी पर किसी ने छोटे-छोटे पत्थर रख दिए थे जिन्हें पीसती हुई ट्रेन आगे निकल गई। कुमार ने बताया कि रेलवे पुलिस तहकीकात कर रही है कि यह बच्चों की शरारत है या साजिश के तहत पटरी पर पत्थर रखे गये। उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में कानपुर, जौनपुर और बागपत समेत कई जगहों पर पटरी पर रसोई गैस सिलिंडर, खम्बा और लट्ठा आदि रखे जाने की घटनाएं सामने आई हैं। इनमें से कुछ मामलों में ट्रेन को पलटाने की साजिश की आशंका भी जाहिर की गयी है।

बता दें कि पिछले हफ्ते यूपी के ललितपुर जिले में भी ट्रेन पलटाने की साजिश रचने वाले एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी ने ट्रेन की पटरी पर सरिया रख दिया था, जो ट्रेन के पहिए में उलझ गया। हालांकि लोको पायलट ने तत्परता दिखाते हुए ट्रेन रोक दी, जिससे बड़ा हादसा टल गया। ये घटना 3 अक्टूबर की बताई जा रही है। वहीं ट्रेन की पटरी पर सरिया रखने वाले आरोपी को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह सरिया चोरी करके ले जा रहा था, तभी ट्रेन आ गई। हड़बड़ी में वह पटरी पर ही सरिया छोड़कर भाग गया।
क्या है 'हिज्ब-उत-तहरीर' जिसपर भारत सरकार ने लगाया प्रतिबंध? यरुशलम से है खास कनेक्शन


डेस्क: भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाते हुए वैश्विक इस्लामी कट्टरपंथी समूह हिज्ब-उत-तहरीर पर प्रतिबंध लगा दिया है। गृह मंत्रालय ने हिज्ब-उत-तहरीर को गैरकानूनी/प्रतिबंधित संगठन घोषित करते हुए कहा कि ये संगठन भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। आइए जानते हैं कि क्या है हिज्ब-उत-तहरीर, इसकी स्थापना कब हुई और इस कट्टरपंथी समूह का मकसद क्या है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि हिज्ब उत तहरीर युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और ISIS जैसे आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने में शामिल है। इसके साथ ही ये समूह आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में भी शामिल है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि हिज्ब उत तहरीर सोशल मीडिया और सुरक्षित ऐप्स का सहारा लेकर युवाओं को आतंकी कार्यों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बैठकें आयोजित करता है। यह समूह आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।

इस्लामी देश और खिलाफत स्थापित करना है मकसद
केंद्र सरकार ने हिज्ब-उत-तहरीर को यूएपीए के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है। सरकार का मानना है कि हिज्ब-उत-तहरीर आतंकवाद में शामिल है और उसने भारत में आतंकवाद के विभिन्न कृत्यों में भाग लिया है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि हिज्ब-उत-तहरीर का लक्ष्य लोकतांत्रिक सरकार को जिहाद के माध्यम से हटाकर भारत सहित विश्वस्तर पर इस्लामी देश और खिलाफत स्थापित करना है।

हिज्ब-उत-तहरीर को बांग्लादेश और यूनाइटेड किंगडम समेत कई देशों में एक प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया है। ब्रिटेन ने इसे एक यहूदी विरोधी संगठन कहा था जो कि सक्रिय रूप से आतंकवाद को बढ़ावा देता है और प्रोत्साहित करता है। आपको बता दें कि इस्लामी कट्टरपंथी समूह हिज्ब-उत-तहरीर की स्थापना साल 1953 में यरुशलम में की गई थी। अरबी में हिज्ब-उत-तहरीर का मतलब 'मुक्ति की पार्टी' है। यूरोपियन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के मुताबिक, ये संगठन गैर-सैन्य तरीकों से खिलाफत की पुन: स्थापना पर काम करता है।

इससे पहले NIA ने भी गुरुवार को तमिलनाडु हिज्ब-उत-तहरीर, भारत विरोधी साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार एक आरोपी के घर की तलाशी ली है। फैज़ुल रहमान नामक शख्स के घर पर तलाशी की गई और डिजिटल उपकरणों और दस्तावेजों सहित कई आपत्तिजनक सामग्रियों को जब्त किया गया है। NIA द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी पर अलगाववादी एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए पूरे तमिलनाडु में कई अभियान चलाने का आरोप है।