जम्मू-कश्मीर में नई सरकार का गठन: उमर अब्दुल्ला 16 अक्टूबर को लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला 16 अक्टूबर की सुबह 11:30 बजे जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. एलजी मनोज सिन्हा ने शपथ ग्रहण समारोह के लिए उमर अब्दुल्ला और उनकी मंत्रिपरिषद में शामिल होने वाले विधायकों को आमंत्रित किया है. एलजी की ओर से जारी लेटर में कहा गया है, आपको जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने और उसका नेतृत्व करने के लिए आमंत्रित करते हुए मुझे खुशी हो रही है. जैसा कि तय हुआ है कि आपको और आपके मंत्रियों को 16 अक्टूबर की सुबह 11:30 बजे एसकेआईसीसी, श्रीनगर में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाऊंगा.

एलजी मनोज सिन्हा की ओर से इसी पत्र में आगे कहा गया है, जम्मू-कश्मीर के लोगों के हितों में आपके प्रयासों और सफलता की कामना करता हूं. मुझे जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला से 11 अक्टूबर को एक पत्र मिला है. इसमें कहा गया है कि आपको सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया है.

एलजी की ओर से कहा गया है कि मुझे जम्मू-कश्मीर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा, सीपीआई (एम) के सचिव जी.एन. मलिक, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज कुमार गुप्ता और निर्दलीय विधायकों (प्यारे लाल शर्मा, सतीश शर्मा, मोहम्मद अकरम, रामेश्वर सिंह और मुजफ्फर इकबाल खान) का भी एक पत्र मिला है. इसमें आपके नेतृत्व वाली सरकार के गठन में समर्थन की पेशकश की गई है.

एलजी के इस लेटर से पहले उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को एलजी मनोज सिन्हा से मुलाकात की थी. उन्होंने समर्थन पत्र सौंपा था और जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन का दावा पेश किया था. इससे पहले रविवार को जम्मू-कश्मीर से राष्ट्रपति शासन हटाया गया था. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की थी. हाल में हुए विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन ने जीत हासिल की है. उमर अब्दुल्ला को गठबंधन का नेता चुना गया है. वो जम्मू-कश्मीर के अगले मुख्यमंत्री होंगे.

महाराष्ट्र बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक: 100 सीटों पर उम्मीदवारों के चयन पर हुई चर्चा, 16 अक्टूबर को चुनाव समिति की होगी बैठक

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक खत्म हो गई है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अगुवाई में हुई इस बैठक में महाराष्ट्र चुनाव को लेकर मंथन किया गया. करीब 4 घंटे चली इस बैठक में तय किया गया है कि 16 अक्टूबर को बीजेपी चुनाव समिति की बैठक होगी. इस बैठक में उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम मुहर लगेगी.

दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में हुई इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी शामिल हुए थे. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में सीट के साथ-साथ चुनाव से जुड़े मुद्दों पर और गठबंधन के सहयोगियों के साथ सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर भी चर्चा हुई.

बैठक की अहम बातें-

सूत्रों के मुताबिक, बैठक में बीजेपी के लगभग 100 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा की गई.

इनमें से ज्यादातर सीटों पर सिंगल नाम तय कर लिया गया है.

बीजेपी के अपने उम्मीदवारों के अलावा महायुति के घटक दलों के भी संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की गई.

सीटिंग विधायकों पर एंटी इनकंबेंसी को काउंटर करने के लिए कई सीटों पर अदला बदली (स्वैपिंग) भी किया जाएगा

मीटिंग में ज्यादातर उन सीटों के उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा हुई जहां पर सीटिंग विधायक को टिकट देना है.

कुछ उन सीटों पर भी चर्चा हुई जो भले ही सीटिंग एमएलए ना हों, लेकिन जिनको कन्फर्म टिकट देना ही है.

कुछ अपवादों को छोड़कर लोकसभा चुनाव हार चुके बीजेपी सांसदों को टिकट नहीं दिया जाएगा.

बैठक में सामाजिक और जातिगत गणित, क्षेत्रवार उम्मीदवार और जातिगत समीकरण को लेकर चर्चा की गई.

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी विदर्भ, कोंकण, उत्तर महाराष्ट्र और मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन की सीटों पर ज्यादातर उम्मीदवार देगी.

अजित पवार मराठवाड़ा और पश्चिमी महाराष्ट्र क्षेत्र की अधिकतर सीटों पर उम्मीदवार उतरेंगे. वहीं, शिवसेना शिंदे ग्रुप मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन, मराठवाड़ा और कोंकण क्षेत्र की सीटों पर ज्यादा उम्मीदवार उतरेंगे.

नवंबर में होने वाले हैं विधानसभा चुनाव

महाराष्ट्र में नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. राज्य में शिवसेना, एनसीपी और बीजेपी की महायुति गठबंधन है जो कि सरकार में हैं. वहीं, उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना, शरद पवार गुट की एनसीपी और कांग्रेस का महाविकास अघाड़ी है. महायुति हर हाल में जीत हासिल करना चाहती है. इसके लिए चुनाव से पहले ही बड़े-बड़े फैसले लिए जा रहे हैं.

महायुति के नेताओं का कहना है कि गठबंधन में करीब 90 फीसदी सीटों पर बातचीत पूरी हो गई है. बची हुई 10 फीसदी सीटों पर आने वाले एक दो दिन में स्थिति साफ हो जाएगी. बताया जा रहा है कि इसी को ध्यान में रखते हुए बीजेपी चुनाव समिति की बैठक 16 अक्टूबर को रखी गई है.

कल शाम को झारखंड कोर कमेटी की बैठक

महाराष्ट्र के साथ-साथ झारखंड में भी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में झारखंड को लेकर भी बीजेपी एक्टिव मोड में आ गई है. बीजेपी ने कल शाम यानी 15 अक्टूबर को झारखंड कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल होंगे. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा और झारखंड बीजेपी चीफ बाबूलाल मरांडी भी शामिल होंगे. बैठक में उम्मीदवारों के नाम की स्क्रूटनी की जाएगी.

रतन टाटा के निधन के 4 दिनों में इंस्टाग्राम फॉलोअर्स में भारी वृद्धि

रतन टाटा को कौन पसंद नहीं करता है उनके देहांत का दुख हर किसी के दिल में घर कर गया है. लगभग सभी के चेहरे पर टाटा को खोने का दुख देखा जा सकता है. उनके देहांत के 4 दिनों में उनके एक मिलियन से भी ज्यादा फॉलोअर्स बढ़ गए हैं.

सोशल मीडिया पर रतन टाटा को लेकर उनकी कई सारी यादें शेयर की जा रही हैं. जो लोग रतन टाटा को फॉलो नहीं करते थे वो भी अब उन्हें फॉलो कर रहे हैं उनकी पोस्ट्स के नीचे कमेंट कर रहे हैं और अपना दुख जता रहे हैं.

4 दिन में 1 मिलियन बढ़ गए फॉलोअर्स

रतन टाटा का जिस दिन देहांत हुआ उस दिन तक उन्हें इंस्टाग्राम पर करीब 10 मिलियन लोगों ने फॉलो कर रखा था. लेकिन उनके जाने के 4 दिन में उनके 1 मिलियन फॉलोअर्स बढ़ गए हैं. करोड़ों फॉलोअर्स होने के बावजूद उन्होंने इंस्टाग्राम पर मात्र 67 पोस्ट शेयर की हुई हैं, जिन्हें लोगों ने काफी पसंद किया और प्यार दिया है.

आपको जनकर हैरानी होगी कि रतन टाटा इतने फॉलोर्स में से केवल 2 अकाउंट्स को फॉलोबैक करते थे, इनकी फॉलोइंग लिस्ट में केवल 2 नाम शामिल हैं- जिसमें पहला नाम स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल का है जो कि मुंबई में है, दूसरा टाटा ट्रस्ट है.

रतन टाटा की सोशल मीडिया पर फैन फॉलोइंग

अगर हम इनकी पॉपुलैरिटी की बात करें तो रतन टाटा के एक्स प्लेटफॉर्म पर भी करोड़ों फॉलोअर्स हैं. एक्स प्लेटफॉर्म पर उन्हें 13.2 मिलियन लोगो द्वारा फॉलो किया गया है, ये आंकड़ा तेजी से बढ़ता नजर आ रहा है. वहीं रतन टाटा ने केवल 7 लोगों को ही फॉलोबैक किया हुआ है.

रतन टाटा की इंस्टाग्राम पर आखिरी पोस्ट

रतन टाटा ने इंस्टाग्राम पर आखिरी पोस्ट 9 अक्टूबर को शेयर की थी, जिसमें उन्होंने अपनी तबीयत का हाल बताया था और लोगों को उनके लिए कंसर्न रखने के लिए थैंक्यू भी कहा था. रतन टाटा की इस पोस्ट को करीब 2,664,124 लोगों ने लाइक किया है और हजारों लोगों ने कमेंट किया है.

ओवरटेक को लेकर विवाद ने ली जान: भीड़ ने युवक को पीट-पीटकर की हत्या, बेटे के ऊपर लेटी मां,फिर भी पीटते रहे लोग

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई इस समय सुर्खियों में है. दो दिन पहले जहां एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई तो वहीं दूसरी तरफ राजधानी के दिंडोशी में सोमवार को एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. हत्या का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि भीड़ किस तरह युवक को पीट रही है. इस दौरान जहां युवक का बुजुर्ग पिता लोगों से रहम की भीख मांग रहा तो वहीं मां बेटे के ऊपर लेटकर उसे बचाने का प्रयास कर रही है.

इस घटना को लेकर वायरल हो रहा वीडियो दिल को झकझोर देने वाला है. दिंडोशी पुलिस ने घटना की जानकारी देते हुए बताय कि मृतक का नाम आकाश है. आकाश का रास्ते में गाड़ी ओवरटेक करने को लेकर कुछ लोगों से विवाद हुआ था. इसी बीच लोगों ने उसे पीटना शुरू कर दिया. मारपीट होते देख मौके पर काफी संख्या में भीड़ जमा हो गई. भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने भी मृतक पर हाथ साफ किया.

बेटे के ऊपर लेटी मां, फिर भी पीटते रहे लोग

आकाश की जब लोगों द्वारा पिटाई की जा रही थी, तब उसकी मां और उसके पिता बचाने के लिए आए. पिता जहां हाथ जोड़कर रहम की भीख मांग रहा था तो वहीं बेटे को बचाने के लिए मां उसके ऊपर लेट गई, ताकि उसके बेटे को मार न लगे, लेकिन इस दौरान उग्र भीड़ ने फिर भी उसे मारना नहीं छोड़ा.

बुजुर्ग पिता को भी लोगों ने पीटा

वीडियो में ये भी देखा जा सकता है कि हाथ-पैर जोड़ रहे बुजुर्ग पिता पर भी लोगों ने हाथ साफ किया. वह लोगों से काफी मिन्नत कर रहा था, लेकिन लोग उसके बेटे को पीटे जा रहे थे और अंत में आकाश की मौत हो गई. फिलहाल दिंडोशी पुलिस ने इस घटना के बाद हत्या का मामला दर्ज कर नौ आरोपियों को किया गिरफ्तार किया है. वहीं मामले की जांच जारी है.

भीड़ युवक को पीटती रही, फिर भी नहीं दिखी पुलिस

वहीं इस वीडियो के वायरल होने के बाद कई तरह के सवाल खेड़ हो रहे हैं. अगर इतनी देर तक भीड़ युवक को पीटती रही तो पुलिस कहां पर थी, क्या दिंडोशी इलाके में उस समय एक भी गश्त की टीम नहीं घूम रही थी. अगर पुलिस समय से पहुंचती तो शायद युवक को जान बच जाती. भीड़ ने जिस तरह से युवक की पीट-पीटकर हत्या की, उससे राजधानी मुंबई में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर फिर सवाल खड़े हो रहे हैं. युवक का मां का रो-रोकर बुरा हाल है.

महाराष्ट्र चुनाव 2024: दिल्ली में कांग्रेस की बैठक समाप्त, राहुल गांधी ने तय की जीत की रणनीति

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में सोमवार को कांग्रेस की बैठक हुई. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हुई इस बैठक में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के नेताओं से मुलाकात की. उन्होंने चुनाव की रणनीति पर चर्चा की. विधानसभा चुनाव को लेकर चल रहीं तैयारियों की समीक्षा और सीटों को लेकर चर्चा भी हुई. इसमें महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ नाना पटोले, विजय वडेट्टीवार, पृथ्वीराज चव्हाण, बालासाहेब थोराट, वर्षा गायकवाड़ और रमेश चेन्नितला शामिल रहे.

महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ नाना पटोले ने कहा कि महाविकास अघाड़ी के चेहरे पर चुनाव लड़ेंगे और बीजेपी को हराएंगे. हम बीजेपी की गंदी रणनीति को तोड़कर महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार बनाएंगे. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर कोई चर्चा नहीं हुई. ये कोई मुद्दा नहीं है. हम 288 सीटों पर लड़ेंगे.

महाराष्ट्र चुनाव को लेकर एनसीपी (एस) प्रमुख शरद पवार ने रविवार को बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था, महाराष्ट्र की जनता राजनीतिक बदलाव चाहती है. आगामी विधानसभा चुनाव में ऐसा ही होगा. एमवीए के घटकों के नेताओं के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में पवार ने दावा किया कि इस सरकार की वजह से राज्य प्रशासन का मनोबल गिर गया है, जबकि महाराष्ट्र प्रशासन को देश में सबसे अच्छा माना जाता था.

हम राज्य की जनता को इस सरकार से मुक्ति दिलाना चाहते हैं

शरद पवार ने कहा कि हम राज्य की जनता को इस सरकार से मुक्ति दिलाना चाहते हैं. मुझे भरोसा है कि जनता हमारा समर्थन करेगी. आगामी चुनाव में एमवीए लोकसभा चुनाव जैसा प्रदर्शन दोहराएगा. आगामी विधानसभा चुनाव के लिए एमवीए में मुख्यमंत्री पद के चेहरे से जुड़े सवाल के जवाब में उद्धव ठाकरे ने कहा कि चुनाव में विपक्षी गठबंधन और एनडीए के बीच मुकाबला होगा.

वहीं कांग्रेस नेता पटोले ने कहा कि हमारा मकसद सरकार को हराना है. न कि मुख्यमंत्री का चेहरा पेश करना. एमवीए ने शिंदे सरकार पर निशाना साधते हुए गद्दारांचा पंचनामा (गद्दारों का साक्ष्य रिकॉर्ड) नाम से दस्तावेज जारी किया. इसमें शिंदे सरकार पर महाराष्ट्र से विश्वासघात करने और गुजरात के हित में काम करने का आरोप लगाया.

उद्धव ठाकरे की तबीयत बिगड़ी, रिलायंस अस्पताल में भर्ती हुए शिवसेना प्रमुख

शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के प्रमुख उद्धव ठाकरे की सोमवार सुबह तबीयत बिगड़ी, जिसके बाद उन्हें सुबह 8 बजे रिलायंस अस्पताल में भर्ती कराया गया. उद्धव ठाकरे के हार्ट में ब्लॉकेज की जांच की जा रही है. साथ ही संभावना है कि शिवसेना प्रमुख की एंजियोग्राफी हो सकती है.

उद्धव ठाकरे की इससे पहले साल 2012 में 16 जुलाई को एंजियोप्लास्टि हुई थी. उन्हें सीने में दर्द की वजह से लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी एंजियोप्लास्टी की गई और तीनों आर्टरी में मौजूद ब्लॉकेज को हटाया गया. 2012 में एंजियोप्लास्टि होने के बाद एक बार फिर उन्हें हार्ट में दर्द की शिकायत हुई थी, इसी के चलते साल 2016 में उनकी लीलावती अस्पताल में एंजियोग्राफी हुई थी.

चुनाव की तैयारी तेज

महाराष्ट्र में बहुत जल्द विधानसभा चुनाव होने हैं. राज्य में नवंबर में चुनाव होंगे. इसी के चलते सभी पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है. उद्धव ठाकरे, शरद पवार की एनसीपी, कांग्रेस समेत कई पार्टियां महाराष्ट्र में गठबंधन में चुनाव लड़ रही है. इस गठबंधन का नाम महा आघाड़ी है. महा आघाड़ी गठबंधन इस समय सीएम फेस को लेकर मंथन कर रहा है. साथ ही पार्टी में सीट शेयरिंग को लेकर भी विचार किया जा रहा है.

सीएम फेस को लेकर मंथन

शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम फेस को लेकर बातचीत की थी. उद्धव ठाकरे से जब गठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, पहले महायुति को उसके सीएम फेस का ऐलान करने दीजिए उसी के बाद हम अपने सीएम चेहरे का नाम भी आपके सामने रख देंगे. साथ ही शरद पवार से जब यह ही सवाल पूछा गया तो उन्होंने भी उद्धव ठाकरे की बात को ही दोहराया था.

बाबा सिद्दीकी की हत्या को लेकर क्या कहा?

राज्य के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने 12 अक्टूबर को राज्य में एनसीपी नेता (अजित पवार गुट) बाबा सिद्दीकी की हत्या को लेकर भी शिंदे सरकार पर निशाना साधा था. उद्धव ठाकरे ने कहा था, चाहे बाबा सिद्दीकी की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी हो या फिर राज्य में हुए रेप के आरोपी अक्षय शिंदे का एनकाउंटर हो, शिंदे सरकार के हर काम पर संदेह उठाया जा रहा है. साथ ही उन्होंने शिंदे सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, शिंदे सरकार की नजर अपराधियों पर नहीं हमारी गतिविधियों पर है.

दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला: पटाखों की बिक्री, भंडारण और इस्तेमाल पर 1 जनवरी 2025 तक प्रतिबंध

दिल्ली में सोमवार (14 अक्टूबर) से पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लागू कर दिया है. यह प्रतिबंध अगले साल एक जनवरी तक लागू रहेगा. इस फैसले की जानकारी दिल्ली सरकार की ओर से जारी किए गए निर्देश में दी गई है. दिल्ली में सर्दियों में प्रदूषण बहुत बढ़ जाता है. इसी वजह से इस बार भी दिवाली से पहले ही दिल्ली में पटाखों पर बैन लगा दिया गया है.

दिल्ली में दशहरा समारोह के तुरंत बाद दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की ओर से बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पटाखों पर प्रतिबंध की घोषणा कर दी गई है. दशहरा समारोह के एक दिन बाद रविवार को दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ‘मध्यम’ से ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गई. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक सोमवार दोपहर तक वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी AQI, 228 के साथ ‘खराब’ श्रेणी में रहा.

दिल्ली पुलिस को रोज देनी होगी रिपोर्ट

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति लेटर में दिल्ली पुलिस को पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देशों को लागू करने का आर्डर दिया गया है. निर्देशों में कहा गया है कि पुलिस को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को रोज की रिपोर्ट देनी होगी. इस पर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भी लोगों से सहयोग करने की अपील की है. उन्होंने एक्स पर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति का लेटर शेयर किया है.

गोपाल राय ने दिल्लीवालों से की अपील

गोपाल राय ने लेटर शेयर करते हुए लिखा, “सर्दियों में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए आज से एक जनवरी तक पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लागू. दिल्ली सरकार ने प्रतिबंध को लेकर निर्देश जारी किया. सभी दिल्ली वालों से सहयोग का अनुरोध है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने रविवार को वायु गुणवत्ता का आकलन किया और कहा कि वह ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के स्टेज -1 को लागू करने से पहले एक या ज्यादा दिन तक बारीकी से निगरानी करेगा. एनसीआर और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण को रोका जा सके.

भारत की थोक महंगाई दर सितंबर में बढ़कर 1.84 प्रतिशत: खाद्य कीमतें 9.47 प्रतिशत पर पहुंचीं, आरबीआई के लिए बड़ी चुनौती

फूड की कीमतों में उछाल के बीच भारत की थोक महंगाई सितंबर में वार्षिक आधार पर 1.84 प्रतिशत हो गई, जबकि अगस्त में यह 1.31 प्रतिशत थी. सितंबर 2023 के लिए WPI 0.26 प्रतिशत आंकी गई थी. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, थोक मूल्य इंडेक्स का उपयोग करके मापी गई थोक महंगाई 1.92% रहने की उम्मीद थी.

क्या कहती है रिपोर्ट?

सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि खाद्य कीमतें, एक प्रमुख इंडिकेटर के रूप में सितंबर में अगस्त की तुलना में 3.26 प्रतिशत से बढ़कर 9.47 प्रतिशत हो गईं. इसके अतिरिक्त WPI सालाना दर अगस्त के 2.42 प्रतिशत के मुकाबले बढ़कर 6.59 प्रतिशत हो गई. मैन्युफैक्चर प्रोडक्ट की महंगाई अगस्त में 1.22 प्रतिशत की तुलना में 1 प्रतिशत पर पहुंच गई. ईंधन और बिजली (13.2 प्रतिशत); और निर्मित प्रोडक्ट (64.2 प्रतिशत) पर पहुंच गई..

आरबीआई का रुख लेटेस्ट दर-निर्धारण पैनल की बैठक के दौरान एमपीसी ने इस वित्तीय वर्ष (FY25) के लिए अपने महंगाई पूर्वानुमान को 4.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित छोड़ दिया, यहां तक ​​कि खाद्य मूल्य प्रक्षेपवक्र पर सावधानी के बीच भी जो कोर महंगाई को नुकसान पहुंचा सकता है, साथ ही भू-राजनीतिक तनाव जो कच्चे तेल की कीमतों पर किसी भी आराम के लिए खतरा पैदा करते हैं.

क्या है बैंक का अनुमान?

केंद्रीय बैंक अब इस वित्तीय वर्ष की Q2, Q3 और Q4 के लिए महंगाई क्रमशः 4.1%, 4.8% और 4.2% देखता है. अगस्त की नीति में, मौद्रिक प्राधिकरण ने महंगाई रीडिंग को क्रमशः 4.4%, 4.7% और 4.3% आंका था. पहली तिमाही में महंगाई 4.9% थी. अगले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के लिए महंगाई का अनुमान 4.3% है. अगस्त में प्रकाशित एक केंद्रीय बैंक अध्ययन से पता चला है कि जून 2020 और जून 2024 के बीच भारत की खाद्य महंगाई औसतन 6.3% रही है, जबकि पिछले चार वर्षों में यह 2.9% थी.

इस वजह से नहीं हुआ रेपो रेट में बदलाव

सांख्यिकीय आधार प्रभावों के कारण जुलाई और अगस्त में इसमें थोड़ी कमी आई, लेकिन पिछले महीने इसमें फिर से वृद्धि होने की उम्मीद है. भारतीय रिजर्व बैंक की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने बुधवार को रेपो दर को बरकरार रखा. संतुलित महंगाई और विकास के रुझानों को ध्यान में रखते हुए, शक्तिकांत दास ने एमपीसी के समायोजन की वापसी से तटस्थ की ओर बदलाव की घोषणा की. यह परिवर्तन एमपीसी को विकास से समझौता किए बिना महंगाई को लक्ष्य के साथ संरेखित करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए अधिक लचीलापन देता है.

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी में घमासान, दीपक बाबरिया ने इस्तीफा देने की पेशकश की

हाल ही में पूरे हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. इसी के बाद पार्टी में इस्तीफा देने का दौर शुरू हो गया है. हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया ने अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी है. उन्होंने कांग्रेस आलाकमान को इस्तीफा देने की पेशकेश की

साथ ही सूत्रों के मुताबिक, दीपक बाबरिया ने ये भी कहा की जो लोग मुझ पर आरोप लगा रहे हैं पहले वो आरोप साबित करें. हरियाणा के विधानसभा चुनाव में जहां एग्जिट पोल में सामने आया था कि पार्टी बहुमत हासिल करेगी. वहीं, चुनाव के परिणाम पार्टी के हित में नहीं रहे. विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 37 सीटें ही हासिल की. इसी के बाद पार्टी में हार के कारणों को लेकर बातचीत शुरू हो गई.

कुमारी सैलजा ने लगाए आरोप

विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी की दिग्गज नेता और पूरे चुनाव में सुर्खियों में बनी रहने वाली कुमारी सैलजा ने हरियाणा प्रभारी को लेकर बयान दिया था. कुमारी सैलजा ने कहा, विधानसभा चुनाव में हार के लिए पार्टी की हरियाणा इकाई दोषी है. उन्होंने प्रभारी दीपक बाबरिया, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उदय भान, कांग्रेस विधायक दल के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा और उनके बेटे और रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा पर निशाना साधते हुए कहा, रणनीतिकारों की पूरी टीम ने सब कुछ अपने हाथों में रखा.

कुमारी सैलजा ने दीपक बाबरिया पर निशाना साधते हुए कहा, यह खुली बात थी कि वो मुझ से बात नहीं करते थे, वह खुलेआम कह रहे थे कि उन्होंने मुझसे बात नहीं की. वो भी उनके पक्ष (भूपेंद्र हुड्डा) में थे और दलित नेता (उदय भान) भी उनके पक्ष में थे.

दीपक बाबरिया से नेता नाराज

चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी में नाराजगी देखी गई. वहीं, भूपेंद्र सिंह हुड्डा के विरोधी खेमे के नेता लगातार प्रभारी दीपक बाबरिया से नाराज नजर आए और उन पर ने चुनाव के दौरान आरोप लगाए गए. उन पर आरोप लगाए गए कि वह प्रभारी की जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा रहे हैं और पक्षपात करते हैं.

कांग्रेस की हुई हार

हरियाणा में एक ही चरण में 5 अक्टूबर को चुनाव हुए. चुनाव के अगले ही दिन एग्जिट पोल सामने आया जिसमें कांग्रेस को बहुमत मिलती हुई दिखाई दे रही थी, लेकिन नतीजे उम्मीद के अनुसार नहीं आए. कांग्रेस को 90 सीटों में से 37 सीटें ही हासिल हुई. वहीं, बीजेपी को बहुमत के आंकड़े से पार 48 सीटें हासिल हुई. इसी के साथ राज्य में एक बार फिर बीजेपी की सत्ता कायम हुई.

शिंदे कैबिनेट का फैसला: मुंबई में टोल प्लाजा पर नहीं लगेगा टैक्स, आज रात 12 बजे से लागू

महाराष्ट्र चुनाव से पहले शिंदे कैबिनेट ने बड़ा फैसला किया है. मुंबई में टोल प्लाजा पर टैक्स नहीं लगेगा. मुंबई में एंट्री करने वाले पांच टोल बूथों पर सभी छोटी चार पहिया गाड़ियों के लिए टोल टैक्स को माफ कर दिया गया है. आज रात 12 बजे से यह लागू होगा

दरअसल, अभी आधिकारिक तौर पर इन 5 टोल नाके के नाम बताए नहीं गए हैं लेकिन सूत्रों की माने तो मुलुंड, वाशी, दहिसर, आनंद नगर और ऐरोली.. ये 5 टोल हैं जिन्हें फ्री किया गया है. इन सब टोल से कई लाख वाहन प्रतिदिन मुंबई में एंट्री और एग्जिट करते हैं. ऐसे में सिर्फ मुंबई वासियों के लिए नहीं बल्कि बाहर से आने वाले दूसरे राज्यों और शहरो के लोगो को भी इससे फायदा होगा.

कारों और टैक्सियों को टोल टैक्स से राहत

आज रात 12 बजे के बाद मुंबई आने वाली कारों और टैक्सियों को टोल टैक्स से राहत मिल सकेगी. चार पहिया वाले हल्के वाहनों के लिए यह छूट दी गई है. हल्के वाहनों की श्रेणी में कार, टैक्सी, जीप, वैन, छोटे ट्रक, डिलीवरी वैन जैसी गाड़ियां आती हैं.