आज का राशिफल 14 अक्टूबर 2024: राशिफल के अनुसार जाने आज के अपना भाग्यफल

ग्रहों की स्थिति- गुरु वृषभ राशि में। मंगल मिथुन राशि में। सूर्य और केतु कन्या राशि में। बुध तुला राशि में। शुक्र वृश्चिक राशि में। चंद्रमा मकर राशि में। शनि और चंद्रमा का अप्रत्यक्ष विष योग कुंभ राशि में क्योंकि शनि वक्री हैं। राहु मीन राशि के गोचर में चल रहे हैं।

राशिफल-

मेष राशि- मानसिक अवसाद बना रहेगा। मानसिक स्वास्थ्य गड़बड़ रहेगा। बच्चों की सेहत पर ध्यान दें। प्रेम में तू तू मैं मैं से बचें। बाकी स्वास्थ्य नरम गरम। व्यापार आपका सही चलता रहेगा। शनि देव की शरण में बने रहें, उन्हें प्रणाम करते रहें।

वृषभ राशि- कोर्ट कचहरी से बचें। व्यवसायिक किसी भी तरीके से झगड़े-झंझट से बचें। व्यावसायिक विवाद आपके लिए सही नहीं रहेगा। पिता के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। स्वास्थ्य पे भी ध्यान दें। प्रेम, संतान ठीक है। व्यापार मध्यम है। शनि देव को प्रणाम करते रहें।

मिथुन राशि- अपमानित होने का भय रहेगा। स्वास्थ्य पर ध्यान दें। प्रेम, संतान, व्यापार सही चलता रहेगा। काली जी को प्रणाम करते रहें।

कर्क राशि- चोट चपेट लग सकती है। किसी परेशानी में पड़ सकते हैं। परिस्थितियां प्रतिकूल हैं। प्रेम, संतान मध्यम, व्यापार मध्यम, लाल वस्तु पास रखें।

सिंह राशि- स्वयं के स्वास्थ्य पे और जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। प्रेम, संतान, व्यापार सही चलता रहेगा। नौकरी-चाकरी की स्थिति बहुत अच्छी नहीं रहेगी। नीली वस्तु का दान करें।

कन्या राशि- स्वास्थ्य आपका प्रभावित रहेगा लेकिन शत्रुओं पर नकील आपकी बनी रहेगी। प्रेम, संतान मध्यम, व्यापार लगभग आपका ठीक रहेगा। शनि देव को प्रणाम करते रहें।

तुला राशि- बच्चों की सेहत पर ध्यान दें। प्रेम में तू तू मैं मैं से बचें। मानसिक अवसाद की स्थिति रहेगी। व्यापार सही चलता रहेगा। नीली वस्तु पास रखें।

वृश्चिक राशि- गृह कलह के संकेत हैं। भूमि, भवन और वाहन की खरीदारी में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। प्रेम, संतान ठीक है। व्यापारिक स्थिति भी ठीक ही रहेगी। नीली वस्तु पास रखें।

धनु राशि- नाक, कान, गला की परेशानी हो सकती है। स्वास्थ्य मध्यम। प्रेम, संतान, व्यापार बहुत अच्छा है। नीली वस्तु का दान करें।

मकर राशि- जुबान नियंत्रण में रखें और निवेश बिल्कुल मत करिएगा। धन हानि के संकेत हैं। स्वास्थ्य मध्यम, प्रेम, संतान अच्छा और व्यापार भी अच्छा है। काली जी को प्रणाम करते रहें।

कुंभ राशि- मानसिक स्थिति गड़बड़ रहेगी। शारीरिक स्थिति मध्यम रहेगी। बेचैनी, घबराहट बनी रहेगी। प्रेम, संतान, व्यापार सही चलता रहेगा। हरी वस्तु पास रखें।

मीन राशि- बच्चों से दूरी। प्रेम में कलह। स्वास्थ्य प्रभावित। अनजाना भय सताएगा। एक मानसिक तौर पे और शारीरिक तौर पे खराब करने वाले समय रहेगा। शिवजी को प्रणाम करें। उनका जलाभिषेक करें, शुभ होगा।

आज का पंचांग 14अक्टूबर, 2024:जानिये पंचांग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रहयोग

राष्ट्रीय मिति आश्विन 22, शक संवत 1946, आश्विन, शुक्ल, एकादशी, सोमवार, विक्रम संवत् 2081। सौर आश्विन मास प्रविष्टे 29, रबि-उल्सानी-10, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 14 अक्टूबर सन् 2024 ई। सूर्य दक्षिणायन, दक्षिण गोल, शरद ऋतु। राहुकाल प्रातः 07 बजकर 30 मिनट से 09 बजे तक। एकादशी तिथि प्रातः 06 बजकर 42 मिनट तक उपरांत द्वादशी तिथि का आरंभ।

शतभिषा नक्षत्र अर्धरात्रोत्तर 12 बजकर 43 मिनट तक उपरांत पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का आरंभ। गण्ड योग सायं 06 बजकर 01 मिनट तक उपरांत वृद्धि योग का आरंभ। विष्टि करण प्रातः 06 बजकर 42 मिनट तक उपरांत कौलव करण का आरंभ। चन्द्रमा दिन रात कुंभ राशि पर संचार करेगा।

आज के व्रत त्योहार पापांकुशा एकादशी व्रत (वैष्णव), द्वादशी तिथि का क्षय।

सूर्योदय का समय 14 अक्टूबर 2024 : सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर।

सूर्यास्त का समय 14 अक्टूबर 2024 : शाम में 5 बजकर 53 मिनट पर।

आज का शुभ मुहूर्त 14 अक्टूबर 2024 :

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 42 मिनट से 5 बजकर 31 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 2 मिनट से 2 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्‍यरात्रि रात में 11 बजकर 42 मिनट से से 12 बजकर 32 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम 5 बजकर 52 मिनट से 6 बजकर 17 मिनट तक। अमृत काल सुबह 6 बजकर 21 मिनट से 7 बजकर 47 मिनट तक।

आज का अशुभ मुहूर्त 14 अक्टूबर 2024 :

राहुकाल सुबह में 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक। वहीं, दोपहर में 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक गुलिक काल रहेगा। सुबह में 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक यमगंड रहेगा। दुर्मुहूर्त काल दोपहर में 12 बजकर 30 मिनट से 1 बजकर 16 मिनट तक। पंचक काल पूरे दिन रहने वाला है। भद्राकाल का समय शाम में 6 बजकर 21 मिनट से 6 बजकर 41 मिनट तक।

आज का उपाय : भगवान विष्णु के 12 नामों का जप करें।

आज का राशिफल,13अक्टूबर 2024 : जानिये राशिफल के अनुसार आज आप का दिंन कैसा रहेगा...?

आज ग्रहों की स्थिति- वृषभ राशि में गुरु। मंगल मिथुन राशि में। सूर्य और केतु कन्या राशि में। बुध तुला राशि में। वृश्चिक राशि में शुक्र का प्रवेश हो चुका है। चंद्रमा मकर राशि में। वक्री शनि कुंभ राशि में। राहु मीन राशि के गोचर में चल रहे हैं। जानें 13 अक्टूबर आपके लिए कैसा रहेगा? पढ़ें मेष से मीन राशिफल

मेष राशि- व्यवसायिक सफलता मिलेगी। कोर्ट-कचहरी में विजय मिलेगी। स्वास्थ्य में सुधार। प्रेम, संतान मध्यम। व्यापार बहुत अच्छा। हरी वस्तु का दान करें।

वृषभ राशि- यात्रा का योग बनेगा। धर्म-कर्म में हिस्सा लेंगे मान सम्मान पे थोड़ा सा उंगली ना उठे, इस बात का ध्यान रखिए। स्वास्थ्य बहुत बढ़िया, प्रेम, संतान बहुत अच्छा, व्यापार बहुत अच्छा। काली जी को प्रणाम करते रहें।

मिथुन राशि- चोट-चपेट लग सकती है। किसी परेशानी में पड़ सकते हैं। परिस्थितियां प्रतिकूल हैं। थोड़ा बचके पार करें। स्वास्थ्य मध्यम, प्रेम, संतान अच्छा। व्यापार अच्छा। काली जी को प्रणाम करते रहें।

कर्क राशि- जीवनसाथी का सानिध्य मिलेगा। रोजी रोजगार में तरक्की करेंगे। नौकरी-चाकरी की स्थिति अच्छी होगी। स्वास्थ्य बहुत अच्छा, प्रेम, संतान मध्यम, व्यापार अच्छा। काली जी को प्रणाम करते रहें।

सिंह राशि- शत्रुओं पर भारी पड़ेंगे। कार्यों की विघ्न बाधा खत्म होगी। स्वास्थ्य मध्यम। प्रेम, संतान अच्छा। व्यापार अच्छा। सूर्य को जल देते रहें।

कन्या राशि- महत्वपूर्ण निर्णय अभी रोक के रखें। लिखने-पढ़ने में समय व्यतीत करें। स्वास्थ्य ठीक है, प्रेम, संतान मध्यम है। व्यापार अच्छा है। शनि देव को प्रणाम करते रहें।

तुला राशि- भौतिक सुख सुविधा में वृद्धि। घरेलू सुख बाधित। गृह कलह के संकेत। स्वास्थ्य थोड़ा मध्यम, प्रेम, संतान अच्छा। व्यापार अच्छा। काली जी को प्रणाम करते रहें।

वृश्चिक राशि- पराक्रम रंग लाएगा। रोज-रोजगार में तरक्की करेंगे। व्यवसायिक स्थिति सुदृढ़ होगी। स्वास्थ्य अच्छा, प्रेम, संतान अच्छा, व्यापार अच्छा। पीली वास्तु पास रखें।

धनु राशि- निवेश पे रोक लगाएं। जुबान पर नियंत्रण रखें। ऐसे धन का आवक बढ़ेगा। कुटुंबो में वृद्धि भी होगी। स्वास्थ्य पहले से बेहतर, प्रेम, संतान की स्थिति बहुत अच्छी। व्यापार बहुत अच्छा। लाल वस्तु पास रखें।

मकर राशि- सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। स्वास्थ्य में सुधार। प्रेम, संतान का साथ। व्यापार बहुत अच्छा। काली जी को प्रणाम करें।

कुंभ राशि- चिंताकारी सृष्टि का सृजन होगा। मन थोड़ा सा खिन्न रहेगा। प्रेम, संतान का साथ होगा। व्यापार भी अच्छा रहेगा। हरी वस्तु पास रखें।

मीन राशि- आय में सुधार होगा। यात्रा का योग बनेगा। स्वास्थ्य पे ध्यान दें। प्रेम, संतान, व्यापार बहुत अच्छा रहेगा। शिव जी को प्रणाम करें, उनका जलाभिषेक करें शुभ होगा।

आज का पंचांग,13 अक्टूबर 2024:जानिये पंचांग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रहयोग

राष्ट्रीय मिति आश्विन 21, शक संवत 1946, आश्विन, शुक्ल, दशमी, रविवार, विक्रम संवत 2081। सौर आश्विन मास प्रविष्टे 28, रबि-उल्सानी-09, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 13 अक्टूबर सन् 2024 ई। सूर्य दक्षिणायन, दक्षिण गोल, शरद ऋतु। राहुकाल सायं 04 बजकर 30 मिनट से 06 बजे तक। दशमी तिथि प्रातः 09 बजकर 09 मिनट तक उपरांत एकादशी तिथि का आरंभ।

धनिष्ठा नक्षत्र अर्धरात्रोत्तर 02 बजकर 52 मिनट तक उपरांत शतभिषा नक्षत्र का आरंभ। शूल योग रात्रि 09 बजकर 25 मिनट तक उपरांत गण्ड योग का आरंभ। गर करण प्रातः 09 बजकर 09 मिनट तक उपरांत विष्टि करण का आरंभ। चन्द्रमा अपराह्न 03 बजकर 44 मिनट तक मकर उपरांत कुंभ राशि पर संचार करेगा।

आज के व्रत त्योहार पापांकुशा एकादशी व्रत (स्मार्त), भरत मिलाप, नवरात्रि पारणा, श्री माधवाचार्य जयंती।

सूर्योदय का समय 13 अक्टूबर 2024 : सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर।

सूर्यास्त का समय 13 अक्टूबर 2024 : शाम में 5 बजकर 53 मिनट पर।

आज का शुभ मुहूर्त 13 अक्टूबर 2024 :

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 41 मिनट से 5 बजकर 31 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 2 मिनट से 2 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्‍यरात्रि रात में 11 बजकर 42 मिनट से से 12 बजकर 32 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम 5 बजकर 53 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक। अमृत काल सुबह 7 बजकर 47 मिनट से 9 बजकर 13 मिनट तक।

आज का अशुभ मुहूर्त 13 अक्टूबर 2024 :

राहुकाल शाम में 4 बजकर 30 मिनट से 6 बजे तक। वहीं, दोपहर में 3 बजकर 30 मिनट से 4 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल रहेगा। दोपहर में 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। दुर्मुहूर्त काल शाम में 4 बजकर 21 मिनट से 5 बजकर 7 मिनट तक। पंचक काल दोपहर में 3 बजकर 44 मिनट से अगले दिन 14 अक्टूबर को 6 बजकर 21 मिनट तक। भद्राकाल का समय शाम में 7 बजकर 59 मिनट से अगले दिन सुबह 6 बजकर 21 मिनट तक।

आज का उपाय : भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा कर उन्हें पीले चंदन और केसर में गुलाब जल मिलाकर तिलक करें।

आज का राशिफल,12 अक्टूबर 2024:जानिये राशिफल के अनुसार आज कैसा रहेगा आप का दिन..?

मेष राशि- मन प्रफुल्लित रहेगा। रोजी-रोजगार में तरक्की करेंगे। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। प्रेम, संतान का साथ होगा। व्यापार बहुत अच्छा होगा। नौकरी-चाकरी की स्थिति अच्छी होगी। जीवनसाथी के साथ बहुत अच्छा सानिध्य रहेगा। काली जी को प्रणाम करें और शुभ होगा।

वृषभ राशि- शत्रु भी मित्र बनने की कोशिश करेंगे। थोड़ा स्वास्थ्य नरम-गरम रहेगा। प्रेम, संतान का साथ होगा। व्यापार आपका बहुत अच्छा रहेगा। हरी वस्तु पास रखें।

मिथुन राशि- भावुकता पर काबू रखें। लिखने-पढ़ने में समय व्यतीत करें। स्वास्थ्य ठीक-ठाक। प्रेम,संतान थोड़ा मध्यम। व्यापार बहुत अच्छा। काली जी को प्रणाम करते रहें।

कर्क राशि- कर्क राशि की जो भूमि, भवन, वाहन की खरीदारी स्थिति है वो अब मैच्योर हो जाएगा। थोड़ा गृह-कलह के संकेत हैं। स्वास्थ्य अच्छा है। प्रेम, संतान अच्छा है। व्यापार अ्च्छा है। लाल वस्तु पास रखें।

सिंह राशि- पराक्रम रंग लाएगा। रोजी-रोजगार में तरक्की करेंगे। अपनों का साथ होगा। स्वास्थ्य थोड़ा सा मध्यम है। प्रेम, संतान अच्छा है। व्यापार अच्छा है। पीली वस्तु पास रखें।

कन्या राशि- रोजी-रोजगार में तरक्की करेंगे। रुपये, पैसे में बढ़ोतरी होगी। कुटुंब में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य ठीक-ठाक। प्रेम, संतान अच्छा। व्यापार अच्छा। लाल वस्तु का दान करें।

तुला राशि- ओजस्वी-तेजस्वी बने रहेंगे। स्वास्थ्य में सुधार। प्रेम, संतान का साथ। व्यापार बहुत अच्छा। शनिदेव को प्रणाम करते रहें।

वृश्चिक राशि- खर्च की अधिकता मन को परेशान करेगी। थोड़ा मानसिक स्थिति गड़बड़ रहेगी। स्वास्थ्य मध्यम। प्रेम, संतान अच्छा। व्यापार अच्छा। पीली वस्तु पास रखें।

धनु राशि- आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। स्वास्थ्य में सुधार होगा। प्रेम, संतान का साथ होगा। व्यापार बहुत अच्छा रहेगा। यात्रा का योग बनेगा। शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। लाल वस्तु पास रखना आवश्यक होगा।

मकर राशि- कोर्ट-कचहरी में विजय मिलेगी। व्यावसायिक सफलता मिलेगी। सरकारी तंत्र का साथ होगा। स्वास्थ्य नरम-गरम। प्रेम, संतान अच्छा। व्यापार अच्छा। काली जी को प्रणाम करते रहें।

कुंभ राशि- भाग्य साथ देगा। रुका हुआ कार्य चल पड़ेगा। कार्यों की विघ्न-बाधा खत्म होगी। स्वास्थ्य मध्यम। प्रेम, संतान अच्छा। व्यापार अच्छा। हरी वस्तु पास रखें।

मीन राशि- बचकर पार करें। स्वास्थ्य खराब दिख रहा है। चोट-चपेट लग सकता है। वाहन धीरे चलाएं। प्रेम, संतान मध्यम। व्यापर मध्यम। काली जी को प्रणाम करते रहें।

आज का पंचांग, 12 अक्टूबर 2024:जानिये पंचांग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रह योग ..?

राष्ट्रीय मिति आश्विन 19, शक संवत 1946, आश्विन, शुक्ल, अष्टमी, शुक्रवार, विक्रम संवत् 2081। सौर आश्विन मास प्रविष्टे 26, रबी-उल्सानी-07, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 11 अक्टूबर सन् 2024 ई। सूर्य दक्षिणायन, दक्षिण गोल, शरद ऋतु। राहुकाल पूर्वाह्न 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक। अष्टमी तिथि मध्याह्न 12 बजकर 07 मिनट तक उपरांत नवमी तिथि का आरंभ।

उत्तराषाढ़ नक्षत्र अगले दिन सुबह 05 बजकर 25 मिनट तक उपरांत श्रवण नक्षत्र का आरंभ। सुकर्मा योग अर्धरात्रोत्तर 02 बजकर 46 मिनट तक उपरांत धृतिमान योग का आरंभ। बव करण मध्याह्न 12 बजकर 07 मिनट तक उपरांत कौलव करण का आरंभ। चन्द्रमा पूर्वाह्न 11 बजकर 41 मिनट तक धनु उपरांत मकर राशि पर संचार करेगा।

आज के व्रत त्योहार श्री दुर्गाष्टमी, महाष्टमी, सरस्वती-बलिदान, महानवमी (व्रत एवं पूजा)।

सूर्योदय का समय 11 अक्टूबर 2024 : सुबह 6 बजकर 19 मिनट पर।

सूर्यास्त का समय 11 अक्टूबर 2024 : शाम में 5 बजकर 55 मिनट पर।

आज का शुभ मुहूर्त 11 अक्टूबर 2024 :

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 41 मिनट से 5 बजकर 30 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 3 मिनट से 2 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्‍यरात्रि रात में 11 बजकर 43 मिनट से से 12 बजकर 33 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम 5 बजकर 55 मिनट से 6 बजकर 20 मिनट तक। अमृत काल सुबह 7 बजकर 46 मिनट से 9 बजकर 13 मिनट तक।

आज का अशुभ मुहूर्त 11 अक्टूबर 2024 :

राहुकाल सुबह में 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक। वहीं, सुबह में 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक गुलिक काल रहेगा। दोपहर में 3 बजकर 30 मिनट से 4 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। दुर्मुहूर्त काल सुबह में 8 बजकर 39 मिनट से 9 बजकर 25 मिनट तक।

आज का उपाय : आज छोटी कन्याओं को हलवा और चने का भोग लगाएं।

आज विजयदशमी !जानिये क्यों विजयादशमी बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है.

आज विजयादशमी मनायी जा रही है. आश्विन शुक्ल दशमी तिथि 12 अक्टूबर को भोर 05:47 मिनट से लग चुकी है जो 13 अक्टूबर की भोर 04:19 तक रहेगी. वहीं, 12 अक्टूबर को ही नवरात्र व्रत की पारना एवं सायंकाल दुर्गा प्रतिमाओं का विजर्सन होगा. 

वैसे तो विजयादशमी बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है. लेकिन, इस दिन कुछ कार्य से होते हैं जो करने अनिवार्य होते हैं. जिसमें शमी का पूजन भी करना जरूरी माना गया है, 

विजयादशमी विजय मुहूर्त:

 इस बारे में देखा जाये, तो आश्विन शुक्ल दशमी को श्रवण नक्षत्र के संयोग होने से विजयादशमी होती है. इस बार श्रवण नक्षत्र 11/12 की रात्रि 01:34 मिनट पर लगा है. जो 12/13 की मध्यरात्रि 12:52 तक रहेगी. प्राचीन समय में इस दिन राज्य वृद्धि की कामना और विजय प्राप्ति की कामना वाले राजा विजयकाल में प्रस्थान करने से आश्विन शुक्ल दशमी की सायंकाल विजयतारा. उदय होने के समय विजयकाल रहता है. 

रावण का नाश होकर भगवान श्रीराम की विजय:

विजय मुहूर्त में जिस भी कार्य को प्रारंभ किया जाये उसमें विजय अवश्य प्राप्त होती है. इसलिए, इस मुहूर्त को अपुच्छ मुहूर्त भी कहा जाता है. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने पम्पासुर के जंगल की समस्त वानरी सेना को साथ लेकर आश्विन सुदी दशमी की श्रवण नक्षत्र वाले रात्रि में प्रस्थान कर लंकापुरी पर चढ़ाई की थी. जिसका परिणाम यह हुआ, कि राक्षसराज रावण का नाश होकर भगवान श्रीराम की विजय हुई. इसलिए यह दिवस अतिपवित्र माना गया.

 विजयादशमी को शमी पूजन का अत्यधिक महत्व शास्त्रों में कहा गया है.

 शमी शमयते पापं शमी शत्रु विनाशनी. अर्जुनाय धनुर्धारी रामाय प्रियवादिनी. अर्थात हे शमी! पापों का नाश करने वाली है. शत्रुओं को नष्ट कर देने वाली है. तुम्हें अर्जुन को धनुष को धारण किया और रामचंद्र के प्रिय हैं. देखा जाये तो शमी वृक्ष का महत्व त्रेतायुग में श्रीरामचंद्र जी के समय तो था ही, महाभारत के द्वापरकाल में भी भगवान श्रीकृष्ण के समय में भी था.दुर्योधन से निर्वासित होकर वीर पांडव वन में अनेक कष्ट सहकर जब राजा विराट की नगरी में भेष बदलकर गए, तब अपने अस्त्रों को शमी वृक्ष के ऊपर रख गए थे.

 विपत्ति काल में राजा विराट के यहां बिताया था. जिस समय शत्रुओं की रक्षा करने के लिए विराट के उत्तर कुमार ने अर्जुन को अपने साथ लिया और अर्जुन ने भी उसी शमी वृक्ष पर रखे धनुष-बाण को उठाया था. उस समय देवता के तरह इसी शमी वृक्ष ने पांडवों के अस्त्रों की रक्षा की थी.

विजयदशमी को शमी वृक्ष पूजन का महत्व:इसी प्रकार भगवान राम ने लंका विजय के प्रस्थान के समय भी शमी वृक्ष ने भगवान राम से कहा था, कि भगवान राम की ही विजय होगी. इसी निमित्त प्रत्येक विजयदशमी को शमी वृक्ष पूजन का महत्व होता है. 

विजया दशमी तिथि विशेष पर अपराजिता पूजन करने से व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में सफलता अर्जित करता है. इसी दिन नीलकंठ दर्शन का भी अत्यधिक महत्व है. नीलकंठ को साक्षात भगवान शिव माना जाता है. विजयादशमी को नीलकंठ पक्षी के दर्शन करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति के साथ ही चारों पुरुषार्थ की प्राप्ति होती है.

आज का पंचांग- 11 अक्टूबर 2024:जानिये पंचांग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रह योग

विक्रम संवत- 2081, पिंगल

शक सम्वत- 1946, क्रोधी

पूर्णिमांत- आश्विन

अमांत- आश्विन

तिथि

शुक्ल पक्ष अष्टमी- अक्टूबर 10 12:32 PM- अक्टूबर 11 12:07 PM

नक्षत्र

उत्तराषाढ़ा- अक्टूबर 11 05:41 AM- अक्टूबर 12 05:25 AM

योग

सुकर्मा- अक्टूबर 11 04:36 AM- अक्टूबर 12 02:46 AM

सूर्य और चंद्रमा का समय

सूर्योदय- 6:25 AM

सूर्यास्त- 6:01 PM

चन्द्रोदय- अक्टूबर 10 12:55 PM

चन्द्रास्त- अक्टूबर 10 11:34 PM

अशुभ काल

राहू- 1:40 PM- 3:07 PM

यम गण्ड- 6:25 AM- 7:52 AM

कुलिक- 9:19 AM- 10:46 AM

दुर्मुहूर्त- 10:17 AM- 11:04 AM, 02:56 PM- 03:42 PM

वर्ज्यम्- 03:01 PM- 04:39 PM

शुभ काल

अभिजीत मुहूर्त- 11:50 AM- 12:37 PM

अमृत काल- 12:47 AM- 02:24 AM

ब्रह्म मुहूर्त- 04:49 AM- 05:37 AM

आज का राशिफल, 11 अक्टूबर 2024:जानिये राशिफल के अनुसार आज आप का दिन कैसा रहेगा...?

ग्रहों की स्थिति- गुरु वृषभ राशि में। मंगल मिथुन राशि में। सूर्य और केतु कन्या राशि में। शुक्र और बुध तुला राशि में। चंद्रमा अभी भी धनु राशि में बने हुए हैं। वक्री शनि कुंभ राशि में। राहु मीन राशि के गोचर में चल रहे हैं।

राशिफल-

मेष राशि- यात्रा का योग बनेगा। धर्म-कर्म में हिस्सा लेंगे। स्वास्थ्य में सुधार होगा। प्रेम, संतान अभी भी मध्यम रहेगा। व्यापार बहुत अच्छा है। हरी वस्तु का दान करें।

वृषभ राशि- बच्चों की सेहत में सुधार हो चुका है, प्रेम-संतान का भरपूर सहयोग। स्वास्थ्य भी अच्छा। थोड़ी सी चोट-चपेट न लगने पाए। स्थिति आपकी रिस्क लेने लायक नहीं है। पीली पीली वस्तु का दान करें।

मिथुन राशि- जीवनसाथी का भरपूर सहयोग मिलेगा। प्रेम-संतान का साथ है। व्यापार बहुत अच्छा है। पीली वस्तु का दान करें।

कर्क राशि- गुण-ज्ञान की प्राप्ति होगी। बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलेगा। स्वास्थ्य मध्यम। प्रेम, संतान मध्यम। व्यापार मध्यम। लाल वस्तु पास रखें।

सिंह राशि- पढ़ने-लिखने में समय व्यतीत करें। विद्यार्थियों के लिए अच्छा। स्वास्थ्य अभी मध्यम बना हुआ है। प्रेम-संतान व्यापार बहुत अच्छा है। प्रेम में तूतू-मैंमैं से बचना चाहिए। पीली वस्तु पास रखें।

कन्या राशि- गृहकलह के संकेत हैं लेकिन भौतिक सुख-संपदा में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य में सुधार हो चुका है। प्रेम, संतान भी अच्छा। व्यापार भी अच्छा। शनिदेव को प्रणाम करते रहें।

तुला राशि- व्यापारिक स्थिति सुदृढ़ होगी। स्वास्थ्य में सुधार होगा। प्रेम, संतान अच्छा। व्यापार अच्छा है। भगवान विष्णु को प्रणाम करते रहें।

वृश्चिक राशि- धन का आवक बढ़ेगा। कुटुंबों में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य में सुधार होगा, प्रेम-संतान का साथ होगा। व्यापार बहुत अच्छा। पीली वस्तु पास रखें।

धनु राशि- सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। स्वास्थ्य अच्छा है। प्रेम-संतान का भरपूर सहयोग मिलेगा। व्यापार भी अच्छा है। लाल वस्तु पास रखें।

मकर राशि- मन चिंतित रहेगा। अज्ञात भय सताएगा। स्वास्थ्य नरम-गरम रहेगा। प्रेम-संतान, व्यापार बहुत अच्छा। काली जी को प्रणाम करते रहें।

कुंभ राशि- यात्रा का योग बनेगा। किसी बहुत अच्छे समाचार की प्राप्ति होगी। आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। प्रेम-संतान व व्यापार बहुत अच्छा। हरी वस्तु पास रखें।

मीन राशि- राजनीतिक लाभ मिलेगा। उच्चाधिकारियों का आशीर्वाद मिलेगा। व्यावसायिक सफलता मिलेगी। स्वास्थ्य पर ध्यान दें। प्रेम-संतान, व्यापार बहुत अच्छा। पीली वस्तु पास रखें।

शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नवम स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है,मां सिद्धिदात्री भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती है

नवरात्रि की समाप्ति मां दुर्गा के नवमं स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा से होती है। नव दुर्गाओं में मां सिद्धिदात्री अंतिम हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां सिद्धिदात्री भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं और उन्हें यश, बल और धन भी प्रदान करती हैं। 

शास्त्रों में मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना जाता है। मां सिद्धिदात्री के पास अणिमा, महिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, गरिमा, लघिमा, ईशित्व और वशित्व यह 8 सिद्धियां हैं। 

मां सिद्धिदात्री महालक्ष्मी के समान कमल पर विराजमान हैं। मां के चार हाथ हैं। मां ने हाथों में शंख, गदा, कमल का फूल और च्रक धारण किया है। 

मां सिद्धिदात्री को माता सरस्वती का रूप भी मानते हैं। मां सिद्धिदात्री भक्तों और साधकों को ये सभी सिद्धियां प्रदान करने में समर्थ हैं। देवीपुराण के अनुसार, भगवान शंकर ने इनकी कृपा से ही इन सिद्धियों को प्राप्त किया था। 

इनकी कृपा से भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण वह लोक में अर्द्धनारीश्वर नाम से प्रसिद्ध हुए। सिद्धिदात्री मां के भक्त के भीतर कोई ऐसी कामना शेष नहीं करती है, जिसे वह पूर्ण करना चाहे।

मां सिद्धिदात्री पूजा-विधि:

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं।

मां को सफेद रंग के वस्त्र अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां को सफेद रंग पसंद है।

मां को स्नान कराने के बाद सफेद पुष्प अर्पित करें।

मां को रोली कुमकुम लगाएं।

मां को मिष्ठान, पंच मेवा, फल अर्पित करें।

माता सिद्धिदात्री को प्रसाद, नवरस युक्त भोजन, नौ प्रकार के पुष्प और नौ प्रकार के ही फल अर्पित करने चाहिए।

मां सिद्धिदात्री को मौसमी फल, चना, पूड़ी, खीर, नारियल और हलवा अतिप्रिय है। कहते हैं कि मां को इन चीजों का भोग लगाने से वह प्रसन्न होती हैं।

माता सिद्धिदात्री का अधिक से अधिक ध्यान करें।

मां की आरती भी करें।

नवमी के दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन कन्या पूजन भी करें।

पूजा मंत्र-

 सिद्धगन्‍धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि,

सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।

ओम देवी सिद्धिदात्र्यै नमः।

अमल कमल संस्था तद्रज:पुंजवर्णा, कर कमल धृतेषट् भीत युग्मामबुजा च।

मणिमुकुट विचित्र अलंकृत कल्प जाले; भवतु भुवन माता संत्ततम सिद्धिदात्री नमो नम:।

मां सिद्धिदात्री बीज मंत्र

ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।

मां सिद्धिदात्री प्रार्थना मंत्र

सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।

सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।

मां सिद्धिदात्री स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।