सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए डीएड अभ्यर्थियों ने किया जल सत्याग्रह, मांग नहीं माने जाने पर दी चेतावनी
रायपुर-  सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति नहीं देने से आक्रोशित डीएड अभ्यर्थियों ने बुधवार को जल सत्याग्रह कर सरकार का ध्यान खींचा. इसके साथ ही चेतावनी दी कि कोर्ट के निर्देश का पालन नहीं होने पर इच्छा मृत्यु की मांग करेंगे. 

अभ्यार्थी ओमप्रकाश ने बताया डीएड/डिप्लोमा अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेशानुसार जल्द सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति देने की मांग को लेकर 2 अक्टूबर से तूता धरनास्थल पर हजारों संख्या में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं, लेकिन अब तक के शासन-प्रशासन की ओर से बातचीत की कोई पहल नहीं हुई है.

जल सत्याग्रह में बैठे अभ्यार्थी अविनाश साहू ने बताया डीएड की नियुक्ति का आदेश हाई कोर्ट ने 7 माह पहले दिया था, साथ ही सुप्रीम कोर्ट का आदेश आए 1 माह से अधिक हो गया है. सरकार और विभाग ने अभी तक आदेश का पालन नहीं किया है, और अब तक डीएड अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी गई है।

इसके साथ उन्होंने सवाल उठाया गया है कि हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर निर्देशित किया है तो सरकार उसके आदेश का पालन क्यों नहीं कर रही है. क्या कोर्ट से बढ़कर सरकार है?. कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कराने से अराजकता फैलेगी, सिस्टम और सरकार से लोगों का भरोसा उठ जाएगा?

इसके साथ ही जल सत्याग्रह करने वाले अभ्यार्थियों ने चेतावनी देते हुए कहा अगर इस सांकेतिक प्रदर्शन के बाद भी सरकार और विभाग उन्हें नियुक्ति नहीं देती है तो पूर्ण रूप से अपने जीवन त्यागने को विवश होकर इच्छामृत्यु की मांग करेंगे.

लोहारीडीह हिंसा: महिला आयोग के पत्र पर राज्यपाल रमेन डेका ने लिया संज्ञान, गृह विभाग से मांगी जानकारी, जेल में बंद महिलाओं से जुड़ा है मामला
रायपुर-   कवर्धा के लोहारीडीह हिंसा मामले में जेल बंद कैदियों से राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने 24 सितंबर को मुलाकात की थी, इसके बाद नायक ने आरोप लगाया कि जेल में बंद महिलाओं को निर्वस्त्र करके पीटा गया है। महिलाओं के संवेदनशील अंगों पर चोट के निशान हैं। उन्होंने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, हाईकोर्ट के न्यायाधीश, मानवाधिकार आयोग, राज्यपाल को पत्र लिखकर तत्कालीन एसपी अभिषेक पल्लव सहित पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की थी। जिसपर अब राज्यपाल रमेन डेका ने गृह विभाग से जानकारी मांगी है।

बता दें कि राज्यपाल रमेन डेका के अवर सचिव ने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र भेजकर लोहारीडीह मामले में आवश्यक कार्यवाही करने और कार्यवाही के पश्चात् छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग एवं राज्यपाल सचिवालय को अवगत कराने का निर्देश दिया है।

देखें पत्र –

क्या है कवर्धा का लोहारीडीह हिंसा

15 सितंबर को कवर्धा के लोहारीडीह में भयानक हिंसा हुई थी। यहां गांववालों को शक हुआ कि शिवप्रकाश उर्फ कचरू साहू की हत्या उपसरपंच रहुनाथ साहू ने कराई है। इसके बाद गांववाले इकट्ठे हुए और उसके घर में आग लगा दी। इस अग्निगांड में साहू जिंदा जल गया। हैरानी की बात यह है कि गांववालों ने पुलिस को गांव में घुसने नहीं दिया। भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इसमें एसपी सहित कई पुलिसकर्मियों को चोटें आईं। इधर, इस अग्निकांड को लेकर पुलिस ने आगजनी के आरोपी और बीजेपी कार्यकर्ता प्रशांत साहू को उठा लिया। प्रशांत की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई, इसके बाद बवाल मच गया। इसके बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस मामले को लेकर मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए। उन्होंने तत्काल प्रभाव से कलेक्टर और एसपी को हटा दिया। दूसरी ओर, सरकार ने 23 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया।

जल जीवन मिशन से दूरस्थ ग्राम राजादेवरी की बदली तस्वीर, घर में ही लोगों को मिलने लगा है स्वच्छ जल

रायपुर-     दूरस्थ वनांचल ग्रामों में जल जीवन मिशन पूरा होने से गांव की तस्वीर बदल रही है। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के कसडोल के दूरस्थ ग्राम राजादेवरी में अब लोगों को पीने के लिए घर में ही स्वच्छ जल मिलने लगा है।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेय जल की उपलब्धता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इस मिशन का उद्देश्य हर घर तक नल द्वारा स्वच्छ और सुरक्षित पानी पहुँचाना है, जिससे ग्रामीण जीवन में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। गांव वालों से चर्चा करते हुए जल जीवन मिशन के राजकुमार कोशले ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत, सिंगल विलेज योजना अन्तर्गत गांवों में नल-जल योजनाएं स्थापित की गई हैं, जिससे गांव के लोगों को स्वच्छ पानी प्राप्त हुआ है। स्वच्छ पानी की उपलब्धता से जल जनित बीमारियों में कमी आई है, जिससे ग्रामीणजनों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। पानी लाने में लगने वाला समय बचाने के कारण महिलाओं को अन्य कार्यों में भाग लेने का अवसर मिला है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ है।

मिशन के अंतर्गत जल संरक्षण और कुशल उपयोग के लिए जागरूकता कार्यक्रम सतत चलाए जा रहे हैं, जिससे दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने बताया कि जल जीवन मिशन ने न केवल पेयजल की समस्या का समाधान किया है, बल्कि यह ग्रामीण विकास और आर्थिक समृद्धि का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन गया है। हमारा लक्ष्य है कि सभी गांवों में पर्याप्त और स्वच्छ पेयजल उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाए, ताकि हर नागरिक का जीवन बेहतर हो सके।

तेलासीपुरी धाम का दौरा कर गुरुदर्शन मेले की तैयारी का  कलेक्टर-एसपी ने लिया जायजा

रायपुर-    बलौदाबाजार जिले के पलारी विकासखंड के ग्राम तेलासी पहुंचकर गुरुदर्शन मेले के लिए की जा रही प्रशासनिक तैयारियों का जायजा आज कलेक्टर दीपक सोनी और एसपी विजय अग्रवाल ने लिया। बाबा गुरू घासीदास की कर्मभूमि तेलासीबाड़ा में आगामी 12 अक्टूबर को गुरुदर्शन मेले का आयोजन किया जाएगा। मेले में हजारों की संख्या में देश- प्रदेश से श्रद्धालु यहां जुटते हैं।

जिला प्रशासन ने मेला प्रबंधन से जुड़े लोगों के साथ विभिन्न स्थलों को दौरा कर बारीकी से व्यवस्था से संबंधित विषयों पर विचार-विमर्श किया। प्रमुख रूप से उन्होंने मंदिर परिसर, बाड़ा, जैतखाम, पार्किंग एरिया, सुरक्षा, लाइटिंग, पेयजल की व्यवस्था आदि का स्थल निरीक्षण किया तथा सफाई व्यवस्था को और बेहतर बनाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। यहां पर वीवीआईपी मूवमेंट को देखते हुए हेलीपैड तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।

तेलासीपुरी का ऐतिहासिक महत्व

जिला मुख्यालय बलौदाबाजार से लगभग 40 किलोमीटर दूर भैसा से आरंग मार्ग में ग्राम तेलासी स्थित है। जहां पर बाबा गुरू घासीदास की कर्मभूमि स्थित है। इसे सतनामी पंथ के संत अमर दास की तपोभूमि व स्थानीय लोगों द्वारा तेलासी बाड़ा भी कहा जाता है। सतनाम पंथ के लोगों के लिए यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। सन् 1840 के लगभग तेलासी बाड़ा का निर्माण गुरु घासीदास के द्वितीय पुत्र बालक दास द्वारा किया गया और उनका तेलासी बाड़ा में जीवन यापन चलता रहा, जो कि आज भी प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर के रूप में स्थित हैं।

केदार कश्यप ने हरियाणा में कांग्रेस के जलेबी ऑर्डर को लेकर कसा तंज, कहा-

रायपुर-    हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भाजपा शानदार जीत की साथ सत्ता की ‘हैट्रिक’ लगाई है। रिजल्ट आने से पहले कांग्रेस ने जीत की उम्मीद के साथ जलेबी का ऑर्डर दिया था। इसे लेकर अब छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप ने तंज कसते हुए विपक्ष की कांग्रेस पार्टी को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पिछले 15 वर्षों से लगातार मिठाइयों को ऑर्डर दे रही है, लेकिन ऑर्डर उठा नहीं पा रही है। उनका काम नहीं चल पा रहा है, उनके नेता नहीं चल पा रहे हैं। इस बार भी उन्होंने जलेबी का आर्डर दिया था, लेकिन जलेबी भी नहीं चल पाई।

शपथ ग्रहण समारोह में जलेबी खिलाएंगे: केदार कश्यप

मंत्री कश्यप ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि हम आमंत्रित करते हैं उनको (कांग्रेस को)। मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण में आए उस दिन उनको जलेबी खिलाएंगे। कांग्रेस के लोग बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे, उनके राष्ट्रीय प्रवक्ता कह रहे थे कि अपना नाम बदल लेंगे अब पता नहीं कौन सा नाम रखेंगे।

पूर्व मंत्री अमरजीत भगत पर ली चुटकी

छत्तीसगढ़ में 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले अमरजीत भगत ने भी हार पर मूंछ मुंडवाने का दावा किया था। इसे लेकर मंत्री केदार कश्यप ने चुटकी लेते हुए कहा कि मूंछ कटवाने की बात हुई थी, बाद में पता चला कि मूंछ छटवाया है। जिनकी मूंछ को जनता ने ही काट दिया है, वो तो अब मूंछ दिखाने के लायक भी नहीं रहे।

जम्मू-कश्मीर में हार को लेकर मंत्री कश्यप का बयान

वहीं उन्होंने जम्मू कश्मीर में आए परिणाम को लेकर कहा कि हमारा जो परफॉर्मेंस था, उससे वहां वोट प्रतिशत बढ़ा है। भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. आने वाले समय में बेहतर काम करेंगे, क्योंकि जम्मू कश्मीर भारत का ही अंग है। नरेंद्र मोदी की जो भी योजनाएं हैं उनका वहां कार्य नजर आया है।

रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट को लेकर कांग्रेस पर साधा निशाना

मंत्री कश्यप ने रायपुर दक्षिण विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार चुने जाने को लेकर विपक्ष के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के लिए देश में नेता खोजना मुश्किल हो चुका है। कांग्रेस के बड़े नेता ही सर दर्द बन चुके हैं।

छत्तीसगढ़ में सेक्स एजुकेशन को लेकर बयान

वहीं सेक्स एजुकेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सेक्स एजुकेशन को वेस्टर्न कॉन्सेप्ट मानना गलत है। इससे युवाओं में अनैतिकता नहीं बढ़ती। इसलिए भारत में इसकी शिक्षा बेहद जरूरी है। छत्तीसगढ़ में सेक्स एजुकेशन को लेकर मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमारे बच्चों को गुड टच और बेड टच की जानकारी दी जाती है। इसे बेहतर और वृहद रूप में कैसे अच्छा करें, इस पर कार्य किया जाएगा।

वहीं छत्तीसगढ़ में महतारी सदन के निर्माण के लिए स्वीकृति मिली है। इसे लेकर मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि पंचायत मंत्री ने हमारी माता बहनों को सशक्त करने के लिए लगातार नई योजना बनाई है। निश्चित तौर पर माता बहनों के लिए कार्य किया है और इसी दिशा में महतारी सदन की भी स्वीकृति दी है।

सफलता के लिए संघर्ष, त्याग और समर्पण की भावना जरूरत: मंत्री टंकराम वर्मा
रायपुर-     मंत्री टंक राम वर्मा ने खिलाडियों को प्रेरित करते हुए कहा कि बिना किसी कठिन परिश्रम के ऊंचाईयों तक नहीं पहुंचा जा सकता, यदि हम इतिहास के महान लोगों के जीवन को देखे, तो उनके जीवन में संघर्ष, त्याग और समर्पण जुड़ा हुआ है। खेल मंत्री टंक राम वर्मा आज राजधानी के जे.आर.दानी स्कूल में आयोजित 24वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीडा प्रतियोगिता के समापन समारोह में पहुंचे। विगत चार दिनों से आयोजित इस प्रतियोगिता में राज्य के सभी संभागों के स्कूल के 1790 खिलाड़ी और 300 कोच शामिल हुए। इस प्रतियोगिता में रायपुर संभाग को ओवरऑल चैम्पियनशिप का खिताब दिया गया।
मंत्री श्री वर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए प्रतियोगिता एक बेहतरीन मंच है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार में खेल प्रतिभा को बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। अलंकरण दिवस समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य के ऐसे खिलाड़ी जो ओलंपिक में गोल्ड मैडल विजेता होंगे, उन्हें 3 करोड़ रूपए से पुरस्कृत करने की घोषणा की।
मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा कि आज यहां उपस्थित खिलाड़ी राज्य स्तरीय खेल में शामिल होने आए हैं, सरकार की मंशा है कि खिलाड़ी न केवल राज्य स्तर अपितु राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम गौरवान्वित करें। प्रदेश के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा प्रदर्शन करने का अवसर मिले, इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि खेल से शारीरिक और मानसिक विकास के साथ टीम भावना का विकास होता है। खेल में हार-जीत लगा रहता है, हार कर बैठना बुरी बात है।
ज्ञात हो कि राज्य स्तरीय शालेय कीड़ा प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ राज्य के 05 संभाग से लगभग 1790 प्रतिभागी खिलाड़ी एवं 300 कोच सम्मिलित हुए। विगत 04 दिनों से चलने वाली इस प्रतियोगिता में 10 खेलों बास्केटबाल, हॉकी, फुटबॉल, रोलर स्केटिंग, स्क्वैश, सॉफ्ट टेनिस, बॉक्सिंग, ताईक्वाण्डो, साइकिलिंग एवं तीरंदाजी के खिलाड़ी प्रतियोगिता में सम्मिलित हुए।
इस अवसर पर विधायकगण मोती लाल साहू और पुरंदर मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेलवाल, जिला क्रीडा अधिकारी आई.पी. वर्मा सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, खिलाड़ी और कोच सहित स्कूली छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
लाइब्रेरी आए उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने भी लिया यहां के फरा-चटनी का स्वाद, सैंडविच के साथ चाय भी पी

रायपुर-   राजधानी रायपुर के तक्षशिला स्मार्ट रीडिंग जोन एवं लाइब्रेरी में पढ़ाई करने आने वाले युवाओं को चाय-कॉफी, नाश्ता और भोजन के लिए बाहर निकलने की जरूरत नहीं पड़ती। संस्कृति स्वसहायता समूह द्वारा यहां संचालित कैंटीन में सभी कुछ मौजूद है। मंगलवार को तक्षशिला लाइब्रेरी की व्यवस्था देखने आए उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने भी युवाओं से चर्चा करते यहां के फरा-चटनी, सैंडविच और कुल्हड़ में चाय का स्वाद लिया। उन्होंने इनके स्वाद की तारीफ भी की।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने तक्षशिला लाइब्रेरी की व्यवस्थाओं के साथ ही यहां स्वसहायता समूह द्वारा संचालित कैंटीन के इंतजाम का भी जायजा लिया। उन्होंने समूह की महिलाओं से चर्चा कर यहां बनाए जाने वाले व्यंजनों, उनकी बिक्री और आमदनी की जानकारी ली। रायपुर नगर निगम द्वारा दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (DAY-NULM) के तहत समूह को यहां कैंटीन के संचालन के लिए जगह उपलब्ध कराई गई है। इससे जहां स्थानीय महिलाओं को रोजगार मिल रहा है, वहीं लाइब्रेरी में पढ़ने आने वाले युवाओं को कम दरों पर चाय-कॉफी, नाश्ता और भोजन सुलभ हो रहा है।

उप मुख्यमंत्री श्री साव को संस्कृति स्वसहायता समूह की अध्यक्ष रोशनी सोनी ने बताया कि अप्रैल-2024 से समूह द्वारा तक्षशिला लाइब्रेरी में कैंटीन का संचालन किया जा रहा है। यहां चिला, फरा, ठेठरी, खुरमी जैसे छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के साथ ही मैगी, सैंडविच, दाल, चांवल, रोटी इत्यादि बनाया जाता है। वे टिफिन सर्विस भी दे रही हैं। उन्होंने बताया कि सभी खर्चों की कटौती के बाद समूह को हर महीने 35-40 हजार रुपए की आमदनी हो रही है।

सुरक्षाबल की सक्रियता से दहशत, झीरम घाटी हमले को अंजाम देने वाले दरभा डिवीजन से जुड़े नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण…

जगदलपुर-  नारायणपुर-दंतेवाड़ा सीमा पर हुए मुठभेड़ से नक्सली सकते में हैं. इसका परिणाम है कि वर्ष 2013 में झीरम घाटी हमले को अंजाम देने वाले दरभा डिवीजन के चार नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, इनमें से एक माओवादी पांडु पर एक लाख रुपए का इनाम था.

आत्मसमर्पण करने वाले सभी माओवादी दरभा डिवीजन के कांगेर नेशनल पार्क एरिया कमेटी के सदस्य हैं. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में एक महिला माओवादी भी शामिल है. बस्तर पुलिस अधीक्षक सलभ सिन्हा ने इन्हें आत्मसमर्पण योजना के तहत लाभ और प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है.

दरभा डिवीजन 2005 से 2015 तक नक्सली गतिविधियों का मुख्य केंद्र था, लेकिन 2016 के बाद से इसमें गिरावट आई है. वरिष्ठ नक्सली नेताओं के मारे जाने और आत्मसमर्पण के कारण क्षेत्र के अधिकांश नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है, जिससे नक्सली गतिविधियों में कमी आई है.

नारी सशक्तिकरण में टसर धागाकरण निभा रहा महत्वपूर्ण भूमिका, प्रीति अतिरिक्त आय अर्जित कर अपने सपने को कर रही है साकार

रायपुर-   नारी सशक्तिकरण के माध्यम से एक सशक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने में ग्रामोद्योग संचालनालय की टसर धागाकरण योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। जशपुर जिले में इस योजना के अंतर्गत कुमारी प्रीति चौहान जैसी महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। कलेक्टर के मार्गदर्शन में प्रीति ने टसर धागाकरण का प्रशिक्षण प्राप्त किया और अब वह इस कार्य में अच्छी आय अर्जित कर रही हैं। गरीब परिवार से आने वाली प्रीति आज अपने परिवार की आर्थिक मदद कर रही हैं और अपनी बचत से खेती में भी योगदान दे रही हैं। उनके खाते में अब तक 1 लाख 2 हजार रुपये से अधिक की राशि जमा हो चुकी है, जिससे उनका जीवनस्तर बेहतर हुआ है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशानुसार जशपुर जिले में धागाकरण प्रशिक्षण देकर समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें स्व-रोजगार के अवसर प्रदान करना है, जिससे उन्हें अपने गाँव में ही रोजगार मिल सके और उन्हें अन्य राज्यों की ओर रोजगार के लिए देखना न पड़े। टसर धागाकरण से जुड़ी अन्य महिलाएं भी अब गरीबी से उबरकर आत्मनिर्भर हो रही हैं। इस योजना से उन्हें न केवल धागाकरण का कार्य मिला है, बल्कि वे अपनी कृषि भूमि पर खेती कर उन्नत किस्म का धान और अन्य फसलें भी उगा रही हैं। कई महिलाएं जो कभी साइकिल खरीदने का सपना देखती थीं, अब इस योजना से मिली आय से दोपहिया वाहन भी खरीद रही हैं और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान कर रही हैं।

रेशम विभाग द्वारा महिलाओं को कोकून बैंक के माध्यम से कोसा उपलब्ध कराया जाता है और उनके द्वारा उत्पादित धागे को विपणन कर उनकी आय को सीधे उनके खाते में जमा किया जाता है। इस प्रकार टसर धागाकरण योजना महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है, जिससे न केवल उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रही हैं, बल्कि उनका समाज में एक अलग पहचान भी बन रही है। नारी सशक्तिकरण के इस प्रयास से महिलाएं अब आत्मनिर्भर हो रही हैं और अपने परिवार और समाज को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।

बंदी की मौत को हाई कोर्ट ने माना सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही, शासन को दिया मुआवजा देने का आदेश…

बिलासपुर- जेल में बंदी की मौत के लिए राज्य के कर्मचारियों को जिम्मेदार मानते हुए हाई कोर्ट ने शासन को एक लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि आदेश का पालन नहीं होने पर उक्त राशि पर 9% ब्याज देना होगा. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरू की डिवीजन बेंच में हुई.

जानकारी के मुताबिक, सीपत पुलिस ने 18 जनवरी को ग्राम मोहरा निवासी 35 वर्षीय श्रवण सूर्यवंशी उर्फ सरवन तामरे को कच्ची शराब रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था. मेडिकल कराने के बाद उसे 18 जनवरी को बिलासपुर केन्द्रीय जेल भेज दिया गया. 21 जनवरी को स्वास्थ्य खराब होने पर जेल से उसे सिम्स में भर्ती कराया गया, जहां 22 जनवरी की सुबह इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

पुलिस ने मर्ग कायम कर उसी दिन शाम को पोस्टमार्टम कराया, जिसमें सिर में चोट व सदमे से उसकी मौत होने की बात कही गई. मृतक श्रवण की बेवा लहार बाई व नाबालिग बच्चों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मुआवजा की मांग की. मामले की न्यायिक जांच कराई गई, इसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने जांच प्रतिवेदन में सिर के चोट लगने के कारण मौत होने की रिपोर्ट दी.

मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता मृतक की विधवा पत्नी और बेटियाँ हैं. राज्य के कर्मचारियों की लापरवाही से मौत हुई है. गलत तरीके से हुए नुकसान के लिए बंदी के परिजन मुआवजे के हकदार हैं.

कोर्ट ने बार-बार इस तरह के आचरण की निंदा करते हुए कहा कि पुलिस/जेल अधिकारी इसका हिस्सा है. राज्य एक निवारक प्रभाव डाले, ताकि उसके अधिकारी ऐसा न करें. ऐसे कृत्यों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाए. इसके साथ ही श्रवण सूर्यवंशी की असामयिक मृत्यु पर कोर्ट ने शासन को याचिकाकर्ताओं को एक लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया.