आर्य समाज में कन्या पूजन का कार्यक्रम

संभल नवरात्रि के द्वितीय दिन भारत विकास परिषद शाखा संभल कल्कि द्वारा दयानंद बाल मंदिर आर्य समाज में कन्या पूजन का कार्यक्रम कराया गया ।जिसमें लगभग 25 छोटी कन्याओं को सम्मिलित किया गया एवं उन्हें खाने पीने की सामग्री एवं कॉपी व पेन पेंसिल वितरित की गई इसके साथ ही बच्चों ने गायत्री मंत्र हनुमान चालीसा एवं महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया ।

इसके अलावा लगभग 50 छात्राओं को गुड टच बेड टच हाइजीन एवं स्वास्थ्य से संबंधित उपयोगी जानकारी दी गई एवं उन्हें हौसला दिया गया कि किसी भी तरह की गलत बात होने पर अपने अध्यापक या माता-पिता को बिना डरे सूचित करें इस कार्यक्रम में नीरा गर्ग प्राची गुप्ता प्रमिला गुप्ता रजनी अग्रवाल अर्चना गुप्ता मुदिता गुप्ता सचिव पारुल रस्तोगी महिमा अग्रवाल का सहयोग रहा।सभी उपस्थित सदस्यों का बहुत बहुत आभार।

छात्राओं को मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत थाना प्रभारी ने किया जागरूक

संभल। मिशन शक्ति जागरूक अभियान के अंतर्गत थाना नखासा प्रभारी गजेंद्र सिंह ने संभल हसनपुर मार्ग पर स्थित होली सफा स्कूल में पहुंचकर सरकार द्वारा चलाए जा रहे हेल्प नंबरों के बारे में जानकारी देते हुए जागरूक किया ।प्रभारी निरीक्षक नखासा द्वारा थाना नखासा संभल क्षेत्रान्तर्गत मिशन शक्ति जागरूकता अभियान के क्रम में होली सफा स्कूल तुतीर्पुरा इल्हा में बालिकाओ के साथ गोष्ठी का आयोजन किया गया।

जिसमें छात्राओं को विभिन्न हेल्पलाइन नंबरों जैसे वूमेन पॉवर लाइन-1090 पुलिस आपातकालीन सेवा-112

एम्बुलेंस सेवा-108 चाइल्ड लाइन-1098 स्वास्थ्य सेवा-102 महिला हेल्पलाइन-181 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन-1076 साइबर अपराधों के बारें में साइबर हेल्पलाइन-1930 आदि सहित कानूनी प्रावधानों एवं उनके अधिकारों एवं साइबर अपराध इत्यादि के बारें में जानकारी देते हुए जागरूक किया गया।प्रदेश में सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि किसी भी हालत में क्राइम न होने पाए इसलिए सरकार द्वारा लोगों की सुरक्षा के लिए विभिन्न हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।

जिससे कि किसी भी समय हेल्पलाइन नंबर डायल कर उसकी मदद ली जा सके इसी कड़ी में होली सफा स्कूल के प्राचार्य ने भी छात्र-छात्राओं को हेल्पलाइन नंबरों के बारे में जागरूक करते हुए कहां की सरकार द्वारा चलाई जा रही हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी हर छात्र को होनी चाहिए जिससे कि कभी भी उसकी उसकी जरूरत पड़े तो वह उसे पर कॉल करके अपने लिए मदद ले सके।

मिशन शक्ति के अंतर्गत एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

संभल। एमजीएम पीजी कॉलेज संभल में मिशन शक्ति के अंतर्गत एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें सब इंस्पेक्टर राखी सिंह ने छात्राओं को जागरुक करते हुए कहा कि यदि उन्हे कभी कोई परेशानी हो आते जाते हुए या कोई लड़का उनके साथ छेड़छाड़ करता है तो तुरन्त महिला हेल्प लाइन नंबर 181 , वूमेन पावर लाइन नंबर 109 0 साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके आप शिकायत कर सकती हैं इसके संबंध में उन्होंने छात्राओं को विस्तृत जानकारी दी और उन्हें निडर रहकर कार्य करने के के लिए प्रेरित किया इस अवसर पर अनेकों छात्राएं व शिक्षिका डॉ.विजयलक्ष्मी शर्मा डॉ.प्रीति सिंह डॉ.अर्चना बंसल इत्यादि उपस्थित रही संचालन मिशन शक्ति की कार्यक्रम प्रभारी डॉ. रीतू भटनागर ने किया|

कल्कि महोत्सव में पार्श्व गायिका गुल सक्सेना ने अपने गीतों से  दर्शकों को झूमने को किया मजबूर
संभल कल्कि महोत्सव के छठे दिन की संध्या सदाबहार गीतों के नाम रही। पार्श्व गायिका गुल सक्सेना ने अपनी टीम के साथ प्रस्तुति दी। अन्य कलाकारों ने भी खूब रंज जमाया। महोत्सव में गीतों से कलाकारों ने समां बांध दिया।

बृहस्पतिवार को सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप कुमार सिंह ने किया। पार्श्व गायिका गुल सक्सेना ने अपनी पहली प्रस्तुति पहला नशा पहला खुमार गीत की दी। इसके बाद उन्होंने तेरे मस्त मस्त दो नैन, तेरा नाम रख दिया, प्यार करने वाले प्यार करते हैं शान से, परदेसिया ये सच है पिया, इश्क वालों से न पूछो व अन्य कई गीतों पर प्रस्तुति दी।

दर्शकों ने गुल सक्सेना की मधुर आवाज को खूब सराहा। मालूम हो गुल सक्सेना चंदौसी की रहने वाली हैं और मुंबई में रहती हैं। वहीं दूसरी ओर महोत्सव में चंदौसी निवासी काजल त्यागी ने भी प्रस्तुति दी। उन्होंने अजीब दास्तां और मेरी कहानी गीत गाकर दर्शकों की वाहवाही लूटी।

सीएमएस डॉ राजेंदर सिंह ने अनुष्का फाउंडेशन के कार्य को सराहा

संभल । सीएमएस डॉ राजेंदर सिंह ने अनुष्का फाउंडेशन के कार्य को सराहा और क्लबफुट के मरीजों को हाल चाल लिया। अनुष्का फाउंडेशन एक गैर-लाभकारी संगठन जो भारत में क्लबफुट को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है l अनुष्का फाउंडेशन और एसबीआई फाउंडेशन उत्तर प्रदेश में एक साथ मिलकर 15 क्लब्फूट क्लिनिक संचालित कर रहे हे जिसमे एक क्लिनिक जिला संभल में चल रहा हे।

अनुष्का फाउंडेशन और राज्य सरकार और विभिन्न चिकित्सा कर्मचारियों के सहयोग से क्लबफुट से पीड़ित बच्चों को निशुल्क उपचार प्रदान कर रहा है। क्लबफुट एक जन्म जात विकृति है जो भारत में 800 नवजात शिशुओं में से 1 को प्रभावित करता है। इलाज न किए जाने या अधूरा इलाज दिए जाने से बच्चे गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं और उन्हें आजीवन विकलांगता का सामना करना पड़ सकता है हालांकि उचित उपचार से क्लबफुट का पूरी तरह से इलाज संभव है और आजीवन विकलांगता से आसानी से बचा जा सकता है।

हालाँकि क्लबफुट का इलाज किया जा सकता है और इस तरह बाद में होने वाली विकलांगता को रोका जा सकता है और प्रभावित लोगों के जीवन को बदलने में मदद मिल सकती है क्लबफुट को खत्म करने के लिए अनुष्का फाउंडेशन ने अपने क्लबफुट कार्यक्रम को लागू करने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के साथ साझेदारी की। संगठन क्लबफुट और उनके उपचार कार्यक्रम के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम आरबीएसके योजना आशा कार्यकर्ताओं स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

उनके कार्यक्रम मॉडल में प्रमुख हस्तक्षेप बिंदुओं में से एक क्लबफुट उपचार की पोंसेटी पद्धति में आर्थोपेडिक डॉक्टरों और कास्टिंग तकनीशियनों के लिए आयोजित चिकित्सा प्रशिक्षण है।

एक प्रशिक्षक द्वारा सहायक पर्यवेक्षण उन स्थानीय आर्थोपेडिक डॉक्टरों का मार्गदर्शन करता है जिन्होंने बुनियादी चिकित्सा प्रशिक्षण प्राप्त किया है ताकि वे अपनी सीख को ताज़ा कर सकें और कास्टिंग और टेनोटॉमी में अपने कौशल में सुधार कर सकें। मास्टर प्रशिक्षकों को क्लिनिक दिवस की अध्यक्षता करने के लिए आमंत्रित किया जाता है क्योंकि नए प्रशिक्षित डॉक्टर अपनी नियमित जांच करते हैं।

अनुष्का फाउंडेशन और एसबीआई फाउंडेशन देश के हर जिले में क्लबफुट कार्यक्रम लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि हर बच्चे को इलाज तक पहुंच मिल सके। अनुष्का फाउंडेशन जैसे सरकारी हितधारकों और भागीदारों के साथ हाथ मिलाकर उनका लक्ष्य अपने कार्यक्रम को कुशलतापूर्वक लागू करना और यह सुनिश्चित करना है कि क्लबफुट के साथ पैदा होने के कारण कोई भी बच्चा विकलांग न रहे।

अलीगढ़ से आए हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर तुफैल अहमद सिद्दीकी संभल के डॉक्टर अजफर कमाल ने मिलकर 19 क्लबफुट के बच्चो का इलाज किया जिसमे तकनीशियन जावेद भी मौजूद रहे अनुष्का फाउंडेशन के ब्रांच मैनेजर विशाल सक्सेना नाजिम अली मौजूद रहे।

एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम का आयोजन किया गया

संभल एम जी एम महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वाधान में स्वच्छता सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें छात्र-छात्राओं ने महाविद्यालय परिसर में पौधे लगाए बाद में पर्यावरण में पेड़ पौधों के महत्व पर परिचर्चा हुई जिसमें स्वयंसेविका कुमकुम ने बताया पौधारोपण के साथ-साथ पौधा पोषण पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

मोहम्मद बिलाल ने बताया की पेड़ पौधों के बिना जीवन संभव नहीं है निधि ने बताया कि ऑक्सीजन और पेड़ पौधे एक दूसरे पर निर्भर है इसके लिए हमें पीपल के पौधे अधिक से अधिक लगने चाहिए। स्वयंसेविका रेशल ने पर्यावरण संबंधी एक गीत प्रस्तुत किया कार्यक्रम अधिकारी नेमपाल सिंह ने पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने में पेड़ पौधों की भूमिका पर अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का संचालन स्वयं सेविका आयशा ने किया इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

शिक्षकों के लिए आयोजित ट्रेनिंग प्रोग्राम में नैतिक मूल्यों और आधुनिक शिक्षा तकनीकों पर जोर

सम्भल तरबियत फाउंडेशन द्वारा आयोजित शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम संभल और आसपास के क्षेत्रों के शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन साबित हुआ। इस कार्यक्रम में संभल और इसके आस-पास के क्षेत्रों के कई विद्यालयों के शिक्षक प्रिंसिपल और प्रबंधक शामिल हुए जो शिक्षण के क्षेत्र में नैतिक मूल्यों और आधुनिक तकनीकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर ध्यान केंद्रित करते हुए आयोजित किया गया था। कार्यक्रम की शुरुआत ज़िया-उर-रहमान बरकाती द्वारा हम्द व नाते पाक धार्मिक गीत से की गई जिन्होंने अपने मधुर स्वरों से पूरे वातावरण को अध्यात्मिक रंग में रंग दिया। उनके गीत ने उपस्थित शिक्षकों और अन्य मेहमानों को प्रेरित किया और कार्यक्रम का शुभारंभ एक आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ हुआ

प्रथम मुख्य वक्ता बदर जमाल साहिल जो कि साहिल स्टडी पॉइंट संभल के प्रबंध निदेशक हैं, ने शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने अपने भाषण में नैतिक मूल्यों और शिक्षकों के जीवन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर विशेष रूप से जोर दिया। उन्होंने नैतिक मूल्यों को शिक्षकों के पेशे में अनिवार्य बताया और बताया कि किस तरह से एक शिक्षक के जीवन में ये मूल्य उसकी सफलता और उसके छात्रों के भविष्य को गढ़ने में सहायक होते हैं। उन्होंने विभिन्न नैतिक मूल्यों को विस्तार से समझाया जो शिक्षकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं जिनमें शामिल हैं:

ईमानदारी Integrity बदर जमाल ने बताया कि एक शिक्षक का सबसे बड़ा गुण उसकी ईमानदारी होनी चाहिए। शिक्षक को अपने कार्य और छात्रों के प्रति पूरी ईमानदारी से पेश आना चाहिए।


उत्तरदायित्व Accountability उन्होंने कहा कि शिक्षक को अपने कर्तव्यों के प्रति पूरी तरह उत्तरदायी होना चाहिए। छात्रों के विकास में उसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है और उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह अपने कार्य के प्रति पूरी जिम्मेदारी निभाए।
सच्चाई Honesty उन्होंने कहा कि एक शिक्षक की सच्चाई उसके छात्रों को प्रेरणा देती है। सच्चाई का पालन करना एक शिक्षक का मूल कर्तव्य है।
दया और करुणा Kindness and Compassion एक शिक्षक को अपने छात्रों के प्रति दयालु और सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए। इससे छात्रों के साथ एक मजबूत संबंध विकसित होता है और वे शिक्षक को सम्मान देते हैं।सहानुभूति Empathy शिक्षकों के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि वे अपने छात्रों की कठिनाइयों और भावनाओं को समझें और उन्हें समाधान प्रदान करें।

बदर जमाल साहिल ने अपने भाषण में नेल्सन मंडेला और अल्बर्ट बंडुरा के उद्धरणों का भी उल्लेख किया, जो शिक्षा के महत्व और नैतिक मूल्यों की भूमिका पर आधारित थे। उन्होंने नेल्सन मंडेला के उस प्रसिद्ध उद्धरण का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था शिक्षा वह सबसे शक्तिशाली हथियार है जिससे आप दुनिया को बदल सकते हैं इसके साथ ही उन्होंने अल्बर्ट बंडुरा के सामाजिक शिक्षा के सिद्धांतों पर चर्चा करते हुए बताया कि कैसे नैतिक मूल्यों का शिक्षा में समावेश छात्रों के व्यक्तित्व को संवार सकता है

इसके बाद कार्यक्रम में दूसरे मुख्य वक्ता डॉ. मोहम्मद अहमद जो कि एमजीएम डिग्री कॉलेज संभल  के अंग्रेजी विभाग के सहायक प्रोफेसर हैं, ने शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने शिक्षण पद्धतियों पर एक विस्तृत और व्यापक जानकारी दी। डॉ. अहमद ने शिक्षकों से कहा कि वे अपने पेशे में आधुनिक तकनीकों को अपनाएं, क्योंकि आधुनिक युग में तकनीकी विकास शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़े परिवर्तन ला रहा है। उन्होंने कहा कि आधुनिक शिक्षा तकनीकों का सही उपयोग करने से शिक्षकों का कार्य सरल हो जाता है और छात्र भी इससे लाभान्वित होते हैं।

उन्होंने भविष्य के शिक्षण के नए सिद्धांतों के बारे में भी शिक्षकों को अवगत कराया और इस बात पर जोर दिया कि आज के शिक्षक को आने वाले समय में शिक्षा के नए आयामों के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने विशेष रूप से ऑनलाइन शिक्षण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डिजिटल कक्षाओं और अन्य तकनीकी साधनों का उल्लेख किया जो आने वाले समय में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव ला सकते हैं।

डॉ. अहमद ने यह भी कहा कि शिक्षकों को अपने छात्रों की शिक्षा पद्धति को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए इन तकनीकों को अपने शिक्षण में समाविष्ट करना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों से यह आग्रह किया कि वे समय के साथ बदलते शैक्षिक परिदृश्य को अपनाएं और खुद को भविष्य के लिए तैयार रखें।

दोनों प्रमुख वक्ताओं के प्रेरक और ज्ञानवर्धक भाषणों के बाद एक प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया जिसमें शिक्षकों ने अपनी जिज्ञासाएं और समस्याएं रखीं। इस सत्र के दौरान कई शिक्षकों ने शिक्षण प्रणाली से संबंधित अपने संदेह और चिंताओं को साझा किया जिनका वक्ताओं ने विस्तार से समाधान दिया। यह सत्र अत्यंत प्रभावशाली रहा जिसमें शिक्षकों ने खुलकर भाग लिया और उनकी समस्याओं के उचित समाधान प्राप्त किए।

इस कार्यक्रम में संभल और उसके आस-पास के कई प्रतिष्ठित विद्यालयों के शिक्षक प्रधानाचार्य और प्रबंधक शामिल हुए। इनमें अल बशीर मॉडर्न पब्लिक जूनियर हाई स्कूल इलाइट चिल्ड्रेन स्कूल आरएम पब्लिक स्कूल एमजीएम पब्लिक स्कूल सैफ़ खान सराय आमना पब्लिक स्कूल घुघावली ज़ुबैदा पब्लिक स्कूल सराय तरीन मोहसिन -ए-मिल्लत जूनियर हाई स्कूल मूसा पुर और इलाइट जूनियर हाई स्कूल सराय तरीन के प्रतिनिधि विशेष रूप से उपस्थित थे।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. शफीक-उर-रहमान बरकाती द्वारा किया गया जिन्होंने पूरे कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित किया। उनके प्रभावी संचालन ने कार्यक्रम को एक सुव्यवस्थित और अनुशासित रूप दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एमजीएम पीजी कॉलेज संभल के पूर्व प्राचार्य एवं उर्दू विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर आबिद हुसैन हैदरी ने की

कार्यक्रम के समापन पर ज़ीशान खान जो कि ट्रेनिंग सत्र के संयोजक थे ने सभी उपस्थित शिक्षकों प्राचार्यों और गणमान्य व्यक्तियों का धन्यवाद किया। उन्होंने इस सफल आयोजन के लिए सभी का आभार व्यक्त किया और भविष्य में और भी ऐसे सफल आयोजनों की योजना बनाने का वादा किया। ज़ीशान खान ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम शिक्षकों के ज्ञानवर्धन और उनके पेशेवर विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में भी तारबियत फाउंडेशन ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा ताकि शिक्षक आधुनिक शिक्षा की चुनौतियों का सामना बेहतर ढंग से कर सकें।
कार्यक्रम की समग्र समीक्षा

इस कार्यक्रम ने न केवल शिक्षकों को नैतिक मूल्यों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूक किया बल्कि उन्हें आधुनिक शिक्षा तकनीकों और पद्धतियों को अपनाने की प्रेरणा भी दी। बदर जमाल साहिल और डॉ. मोहम्मद अहमद जैसे प्रेरक वक्ताओं के विचारों ने शिक्षकों को नए दृष्टिकोण प्रदान किए।

इस प्रकार तारबियत फाउंडेशन द्वारा आयोजित यह ट्रेनिंग कार्यक्रम शिक्षक समुदाय के लिए एक अत्यंत उपयोगी और प्रभावी पहल साबित हुआ। भविष्य में इस तरह के और भी आयोजन न केवल शिक्षकों को सशक्त बनाएंगे बल्कि छात्रों के शैक्षिक अनुभवों को भी समृद्ध करेंगे।

इस अवसर पर शहर के गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे  जिसमें प्रोफेसर भानु प्रकाश मास्टर जावेद खान इम्तियाज खान बरकाती अबुजर सिद्दीकी हाफ़िज़ मेंहदी हसन नजारूल हसन तुर्की मैराज खान मा अयाज नबी फरमान हुसैन अब्बासी मोहम्मद रेहान खान  मोहम्मद आज़म  आदि ने मौजूद रहकर कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया।

शिक्षकों के लिए आयोजित ट्रेनिंग प्रोग्राम में नैतिक मूल्यों और आधुनिक शिक्षा तकनीकों पर जोर

सम्भल तरबियत फाउंडेशन द्वारा आयोजित शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम संभल और आसपास के क्षेत्रों के शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन साबित हुआ। इस कार्यक्रम में संभल और इसके आस-पास के क्षेत्रों के कई विद्यालयों के शिक्षक प्रिंसिपल और प्रबंधक शामिल हुए जो शिक्षण के क्षेत्र में नैतिक मूल्यों और आधुनिक तकनीकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर ध्यान केंद्रित करते हुए आयोजित किया गया था। कार्यक्रम की शुरुआत ज़िया-उर-रहमान बरकाती द्वारा हम्द व नाते पाक धार्मिक गीत से की गई जिन्होंने अपने मधुर स्वरों से पूरे वातावरण को अध्यात्मिक रंग में रंग दिया। उनके गीत ने उपस्थित शिक्षकों और अन्य मेहमानों को प्रेरित किया और कार्यक्रम का शुभारंभ एक आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ हुआ

प्रथम मुख्य वक्ता बदर जमाल साहिल जो कि साहिल स्टडी पॉइंट संभल के प्रबंध निदेशक हैं, ने शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने अपने भाषण में नैतिक मूल्यों और शिक्षकों के जीवन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर विशेष रूप से जोर दिया। उन्होंने नैतिक मूल्यों को शिक्षकों के पेशे में अनिवार्य बताया और बताया कि किस तरह से एक शिक्षक के जीवन में ये मूल्य उसकी सफलता और उसके छात्रों के भविष्य को गढ़ने में सहायक होते हैं। उन्होंने विभिन्न नैतिक मूल्यों को विस्तार से समझाया जो शिक्षकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं जिनमें शामिल हैं:

ईमानदारी Integrity बदर जमाल ने बताया कि एक शिक्षक का सबसे बड़ा गुण उसकी ईमानदारी होनी चाहिए। शिक्षक को अपने कार्य और छात्रों के प्रति पूरी ईमानदारी से पेश आना चाहिए।


उत्तरदायित्व Accountability उन्होंने कहा कि शिक्षक को अपने कर्तव्यों के प्रति पूरी तरह उत्तरदायी होना चाहिए। छात्रों के विकास में उसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है और उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह अपने कार्य के प्रति पूरी जिम्मेदारी निभाए।
सच्चाई Honesty उन्होंने कहा कि एक शिक्षक की सच्चाई उसके छात्रों को प्रेरणा देती है। सच्चाई का पालन करना एक शिक्षक का मूल कर्तव्य है।
दया और करुणा Kindness and Compassion एक शिक्षक को अपने छात्रों के प्रति दयालु और सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए। इससे छात्रों के साथ एक मजबूत संबंध विकसित होता है और वे शिक्षक को सम्मान देते हैं।सहानुभूति Empathy शिक्षकों के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि वे अपने छात्रों की कठिनाइयों और भावनाओं को समझें और उन्हें समाधान प्रदान करें।

बदर जमाल साहिल ने अपने भाषण में नेल्सन मंडेला और अल्बर्ट बंडुरा के उद्धरणों का भी उल्लेख किया, जो शिक्षा के महत्व और नैतिक मूल्यों की भूमिका पर आधारित थे। उन्होंने नेल्सन मंडेला के उस प्रसिद्ध उद्धरण का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था शिक्षा वह सबसे शक्तिशाली हथियार है जिससे आप दुनिया को बदल सकते हैं इसके साथ ही उन्होंने अल्बर्ट बंडुरा के सामाजिक शिक्षा के सिद्धांतों पर चर्चा करते हुए बताया कि कैसे नैतिक मूल्यों का शिक्षा में समावेश छात्रों के व्यक्तित्व को संवार सकता है

इसके बाद कार्यक्रम में दूसरे मुख्य वक्ता डॉ. मोहम्मद अहमद जो कि एमजीएम डिग्री कॉलेज संभल  के अंग्रेजी विभाग के सहायक प्रोफेसर हैं, ने शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने शिक्षण पद्धतियों पर एक विस्तृत और व्यापक जानकारी दी। डॉ. अहमद ने शिक्षकों से कहा कि वे अपने पेशे में आधुनिक तकनीकों को अपनाएं, क्योंकि आधुनिक युग में तकनीकी विकास शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़े परिवर्तन ला रहा है। उन्होंने कहा कि आधुनिक शिक्षा तकनीकों का सही उपयोग करने से शिक्षकों का कार्य सरल हो जाता है और छात्र भी इससे लाभान्वित होते हैं।

उन्होंने भविष्य के शिक्षण के नए सिद्धांतों के बारे में भी शिक्षकों को अवगत कराया और इस बात पर जोर दिया कि आज के शिक्षक को आने वाले समय में शिक्षा के नए आयामों के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने विशेष रूप से ऑनलाइन शिक्षण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डिजिटल कक्षाओं और अन्य तकनीकी साधनों का उल्लेख किया जो आने वाले समय में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव ला सकते हैं।

डॉ. अहमद ने यह भी कहा कि शिक्षकों को अपने छात्रों की शिक्षा पद्धति को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए इन तकनीकों को अपने शिक्षण में समाविष्ट करना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों से यह आग्रह किया कि वे समय के साथ बदलते शैक्षिक परिदृश्य को अपनाएं और खुद को भविष्य के लिए तैयार रखें।

दोनों प्रमुख वक्ताओं के प्रेरक और ज्ञानवर्धक भाषणों के बाद एक प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया जिसमें शिक्षकों ने अपनी जिज्ञासाएं और समस्याएं रखीं। इस सत्र के दौरान कई शिक्षकों ने शिक्षण प्रणाली से संबंधित अपने संदेह और चिंताओं को साझा किया जिनका वक्ताओं ने विस्तार से समाधान दिया। यह सत्र अत्यंत प्रभावशाली रहा जिसमें शिक्षकों ने खुलकर भाग लिया और उनकी समस्याओं के उचित समाधान प्राप्त किए।

इस कार्यक्रम में संभल और उसके आस-पास के कई प्रतिष्ठित विद्यालयों के शिक्षक प्रधानाचार्य और प्रबंधक शामिल हुए। इनमें अल बशीर मॉडर्न पब्लिक जूनियर हाई स्कूल इलाइट चिल्ड्रेन स्कूल आरएम पब्लिक स्कूल एमजीएम पब्लिक स्कूल सैफ़ खान सराय आमना पब्लिक स्कूल घुघावली ज़ुबैदा पब्लिक स्कूल सराय तरीन मोहसिन -ए-मिल्लत जूनियर हाई स्कूल मूसा पुर और इलाइट जूनियर हाई स्कूल सराय तरीन के प्रतिनिधि विशेष रूप से उपस्थित थे।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. शफीक-उर-रहमान बरकाती द्वारा किया गया जिन्होंने पूरे कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित किया। उनके प्रभावी संचालन ने कार्यक्रम को एक सुव्यवस्थित और अनुशासित रूप दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एमजीएम पीजी कॉलेज संभल के पूर्व प्राचार्य एवं उर्दू विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर आबिद हुसैन हैदरी ने की

कार्यक्रम के समापन पर ज़ीशान खान जो कि ट्रेनिंग सत्र के संयोजक थे ने सभी उपस्थित शिक्षकों प्राचार्यों और गणमान्य व्यक्तियों का धन्यवाद किया। उन्होंने इस सफल आयोजन के लिए सभी का आभार व्यक्त किया और भविष्य में और भी ऐसे सफल आयोजनों की योजना बनाने का वादा किया। ज़ीशान खान ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम शिक्षकों के ज्ञानवर्धन और उनके पेशेवर विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में भी तारबियत फाउंडेशन ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा ताकि शिक्षक आधुनिक शिक्षा की चुनौतियों का सामना बेहतर ढंग से कर सकें।
कार्यक्रम की समग्र समीक्षा

इस कार्यक्रम ने न केवल शिक्षकों को नैतिक मूल्यों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूक किया बल्कि उन्हें आधुनिक शिक्षा तकनीकों और पद्धतियों को अपनाने की प्रेरणा भी दी। बदर जमाल साहिल और डॉ. मोहम्मद अहमद जैसे प्रेरक वक्ताओं के विचारों ने शिक्षकों को नए दृष्टिकोण प्रदान किए।

इस प्रकार तारबियत फाउंडेशन द्वारा आयोजित यह ट्रेनिंग कार्यक्रम शिक्षक समुदाय के लिए एक अत्यंत उपयोगी और प्रभावी पहल साबित हुआ। भविष्य में इस तरह के और भी आयोजन न केवल शिक्षकों को सशक्त बनाएंगे बल्कि छात्रों के शैक्षिक अनुभवों को भी समृद्ध करेंगे।

इस अवसर पर शहर के गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे  जिसमें प्रोफेसर भानु प्रकाश मास्टर जावेद खान इम्तियाज खान बरकाती अबुजर सिद्दीकी हाफ़िज़ मेंहदी हसन नजारूल हसन तुर्की मैराज खान मा अयाज नबी फरमान हुसैन अब्बासी मोहम्मद रेहान खान  मोहम्मद आज़म  आदि ने मौजूद रहकर कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया।

बनियाठेर थाना क्षेत्र में शव मिलने की सूचना पर घटनास्थल पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक

जनपद संभल के बनियाठेर थाना क्षेत्र में शव मिलने की सूचना पर घटनास्थल पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक।

जनपद संभल के बनियाठेर थाना क्षेत्र के गांव कादरपुर कुकरेटा में आज सुबह शव मिलने की सूचना पर पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई पुलिस बल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और जानकारी प्राप्त की।

इस दिशा में जानकारी देते पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि आज सुबह प्रधान ने सूचना दी कि खेत में डैडबॉडी पड़ी हुई सूचना मिलते थानाध्यक्ष, एडिशनल एसपी और मेरे द्वारा मौके का मुआयना किया गया है कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं के आधार पर शीघ्र ही घटना का अनावरण किया जाएगा। घटना के लिए फील्ड यूनिट और डॉग स्क्वाड के द्वारा भी जो महत्वपूर्ण साक्ष्य है उनका संकलन किया गया है शीघ्र ही घटना का अनावरण किया जाएगा।

इनाम पाकर बच्चों के चेहरे खिले

सम्भल - उपनगरी सराय तरीन मुहल्ला बरखेरियान में इनामी इजलास का प्रोग्राम मुनक्किद किया गया। जलसे का आगाज बच्चों ने कुरआन पाक की तिलावत और नाते पाक से किया।

इनामी मुकाबले में बच्चों को लगातार 40 दिन तक मदरसे में हाज़िर होने और 40 दिन तक लगातार जमात के साथ नमाज़ पढ़ने वाले बच्चों को इनाम देकर सम्मानित किया गया।

लगभग 10 बच्चे ही दोनों मुकाबले में कामयाब हो सके।

कामयाब बच्चों को सम्मानित करते हुए हज़रत मौलाना मुफ्ती मुजीबुर रहमान कासमी ने कहा कि हर मुसलमान का फ़र्ज़ है कि वह अपने बच्चों को दीनी तालीम दिलाये।

इस बुरे दौर में दीन की मज़बूत रस्सी को पकड़े बगैर हम मंज़िल तक नहीं पहुंच सकते।

बच्चों में मज़हबी तालीम का जुनून पैदा होना चाहिए ।दीनी तालीम के हासिल किए बगैर किसी भी मैदान में कामयाबी कभी भी नहीं मिलेगी। हम लोगों के लिए ज़रूरी है कि आने वाली नस्लों के लिए दीनी तालीम पर ज़ोर दें और उनके लिए ज़्यादा से ज़्यादा दीनी तालीम का हासिल करने के लिए कोशिश करें।

आज हमारी ज़िम्मेदारी है कि अपने बच्चों की निगेहबानी और तर्बीयत ज़रुर करें अपने बच्चों को पूरा वक्त दे।

जिस तरह हम अपने बच्चों की दुनिया की ज़रूरतें पूरी करते हैं उससे ज़्यादा ज़रूरत है कि हम फिक्र करें कि हमारे बच्चे दीनदार बने दुनिया की तालीम के साथ साथ दीनी तालीम ज़रूर हासिल कराएं। हमारे बच्चे अपना ज़्यादातर वक्त मोबाइल में गुज़ारते हैं हम अपने बच्चों की तर्बीयत की फ़िक्र ज़रुर करें।अपने बच्चों के वक्त की फ़िक्र करें कि हमारा बच्चा अपना वक्त कहां गुज़ार रहा है। अगर हमने अपनी औलाद की फ़िक्र नहीं की तो कल अगर बच्चे आपकी बात नहीं माने तो आप किसी से अपने बच्चों के नाफरमानी की शिकायत करने के हक़दार नहीं है।

बच्चों के नाफरमान बनने में आप ही ज़िम्मेदार है। इसलिए अपने बच्चों में दीनी तालीम को खूब आम करें इंसान को दीनदार होना बहुत ज़रूरी है अगर हमने बच्चों की सही तर्बीयत नहीं की तो वह आपको परेशानी में डाल देंगे ।

मौलाना मुफ़्ती मुहम्मद ज़ैद क़ासमी ने कहा कि कुरआन एक मुकम्मल किताब है। मुसलमान सबसे पहले अपने बच्चों को कुरआन की तालीम दिलाए। साथ ही मुसलमान अपने बच्चो को उलेमा डॉक्टर इंजीनियर प्रोफ़ेसर कलेक्टर बनाए ।यह वक्त की ज़रूरत है। उन्होंने कहा की इस्लाम को सबसे ज़्यादा नफरत जहालत से है हमें इसको ख़त्म करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहां के इस तरह के प्रोग्राम करने से बच्चों की हौसला अफज़ाई होती है। और और बच्चों में इल्म हासिल करने का शौक पैदा होता है।इस अवसर पर विभिन्न मदरसों में कुरआन की तालीम हासिल करने वाले और 40 दिन लगातार जमात से नमाज़ अदा करने वाले और मदरसे में 40 दिन लगातार आने वाले मुहम्मद आज़म मुहम्मद आकिब मुहम्मद फैसल मुहम्मद अबूबकर मुहम्मद आकिब मुहम्मद फैज़ान मुहम्मद शहनावाज़ आदि दर्जनों बच्चों को सम्मानित किया गया ।

इस अवसर पर मोहम्मद साक़िब मुफ्ती मुहम्मद ज़ैद मुहम्मद आज़म मुहम्मद आकिब मुहम्मद फैसल मुहम्मद अबूबकर मुहम्मद आकिब मुहम्मद फैज़ान मुहम्मद शहवानाज़ मुहम्मद ज़ाहिद आदि मौजूद रहे।