जन्म के समय बच्चे का वजन क्यों है यह इतना महत्वपूर्ण?, जाने
आपने देखा होगा कि जन्म के समय बच्चे का वजन मांपा जाता है पर कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है. दरअसल, जन्म के समय बच्चे का वजन एक सामान्य वजन जितना होना चाहिए, उससे कम वजन के बच्चों को शारीरिक तौर पर कमजोर माना जाता है और माना जाता है कि उस बच्चे का विकास ठीक से नहीं हो पाया और उसे ज्यादा देखभाल की जरूरत है. ऐसे बच्चे काफी कमजोर होते हैं और उन्हें कई बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है.
कितना होना चाहिए सामान्य वजन
अपने पूरे समय पर हुए बच्चे का वजन जन्म के समय 2.5 किलो से अधिक होना चाहिए. जो बच्चे 10वें महीने में पैदा होते हैं उनका वजन 3 से 4 किलो तक चला जाता है वही इसके उल्ट जो बच्चे समय से पूर्व यानी कि सातवें या आठवें महीने में होते हैं उनका वजन कई बार सामान्य वजन से भी कम होता है. कई बार महिला को जुड़वा बच्चे होने की स्थिति में भी बच्चों का वजन सामान्य से कम होता है. लेकिन जन्म के समय 2.5 से 3 किलो के बच्चे को स्वस्थ माना जाता है. वही 1.5 किलो से कम के बच्चे को लो बर्थ वेट बेबी कहा जाता है.
जन्म के समय वजन कम होना खतरनाक
जन्म के समय बच्चे का वजन कम होना ठीक नहीं माना जाता. कई बार किसी अंग के विकसित न होने पर और बच्चे का समय से पूर्व पैदा होने पर वजन कम होता है. ऐसे बच्चों को एक्सट्रा केयर की जरूरत होती है क्योंकि ऐसे बच्चे खुद से दूध पीने की स्थिति में भी नहीं होते. साथ ही कई बार ऐसे बच्चों को सांस लेने में भी परेशानी होती है. ऐसे में इन्हें पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट में सपोर्ट सिस्टम में रखा जाता है. जहां इन्हें मशीनों की मदद से रखा जाता है.
जॉन्डिस की शिकायत
कम वजन वाले बच्चों को सामान्य वजन वाले बच्चों के मुकाबले जॉन्डिस होने का खतरा ज्यादा रहता है. इन बच्चों का शरीर जन्म के समय पीला पड़ जाता है क्योंकि इन बच्चों में बिलीरूबिन की कमी होती है. ऐसे में इन बच्चों को फोटोथेरेपी दी जाती है. ये एक प्रकार का उपचार है जिसमें बच्चे को इनक्यूबेटर में रोशनी के नीचे लिटाया जाता है और उसकी आंखें ढक दी जाती है ताकि तेज रोशनी बच्चे की आंखों पर न पड़े. इसमें रखने के बाद बच्चे का बिलीरूबिन चेक किया जाता है वर्ना बच्चे को कई दिनों तक इस मशीन में रखना पड़ता है.
इंफेक्शन का खतरा
वैसे तो आमतौर पर सभी छोटे बच्चों को इंफेक्शन होने का खतरा होता है लेकिन जिन बच्चों का वजन सामान्य से कम होता है उनकी इम्यूनिटी बेहद कम होने के कारण उनको बार-बार इंफेक्शन होने का डर बना रहता है.
एनीमिया का खतरा
वजन कम होने की वजह से बच्चे को एनीमिया यानी कि खून की कमी की शिकायत भी हो सकती है. इसमें शरीर में आयरन की कमी हो जाती है. एनीमिया बेहद गंभीर स्थिति है ऐसे में कई बार बच्चे को खून भी चढ़ाना पड़ सकता है.
बच्चे का वजन मैंटेन कैसे करें
मां को प्रेगनेंसी के दौरान ही अपने खाने-पीने का विशेष ध्यान रखना चाहिए. साथ ही समय-समय पर अल्ट्रासाउंड की मदद से बच्चे का वजन मॉनीटर करते रहना चाहिए ताकि बच्चा स्वस्थ वजन के साथ पैदा हो और सेहतमंद रहे.
Oct 02 2024, 17:13