यूएन के मंच से पीएम मोदी का बड़ा संदेश, बोले-शांति के लिए ग्लोबल रिफॉर्म की जरूरत, भारत तैयार है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र में 'समिट ऑफ द फ्यूचर' को संबोधित किया।उन्होंने वैश्विक चुनौतियों से निपटने के तरीकों पर भाषण दिया। ‘बेहतर कल के लिए बहुपक्षीय समाधान’ विषय पर आयोजित इस शिखर सम्मेलन में दुनिया भर के विभिन्न नेता शामिल हुए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक सहयोग को मजबूत करने और आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा की।

'समिट ऑफ द फ्यूचर' को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जून में अभी मानव इतिहास के सबसे बड़े चुनावों में भारत के लोगों ने मुझे लगातार तीसरी बार सेवा का अवसर दिया है और आज मैं इसी मानवता के छठे हिस्से की आवाज आप तक पहुंचाने यहां आया हूं। उन्होंने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय विश्व के भविष्य पर चर्चा कर रहा है, तो सर्वोच्च प्राथमिकता ‘‘मानव-केंद्रित दृष्टिकोण’’ को दी जानी चाहिए।

वैश्विक संस्थाओं में सुधार की वकालत

प्रधानमंत्री मोदी ने किसी विशेष संघर्ष का नाम लिए बिना कहा, मानवता की सफलता हमारी सामूहिक शक्ति में निहित है, युद्ध के मैदान में नहीं।वैश्विक शांति और विकास के लिए वैश्विक संस्थाओं में सुधार महत्वपूर्ण हैं। सुधार प्रासंगिकता की कुंजी है। एक तरफ वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए आतंकवाद जैसा बड़ा खतरा है, वहीं दूसरी तरफ साइबर, मैरिटाइम, स्पेस जैसे संघर्ष के नए मैदान बन रहे हैं। इन सभी मुद्दों पर वैश्विक कार्रवाई वैश्विक महत्वाकांक्षा से मेल खानी चाहिए। 

हमारे पास दुनिया को देने को बहुत कुछ-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने सुरक्षा परिषद में स्थाई सीट का दावा ठोका और कहा कि हमारे पास दुनिया को देने को बहुत कुछ है। पीएम मोदी ने कहा कि ग्लोबल एक्शन मस्ट मैच ग्लोबल एम्बिशन। टेक्नोलॉजी के सेफ और रेस्पांसिबल इस्तेमाल के लिए बैलेंस की आवश्यकता है। ग्लोबल गुड के लिए भारत अपने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरे विश्व से साझा करने के लिए तैयार है।

पीएम मोदी ने कहा, सतत विकास को प्राथमिकता देते हुए, हमें मानव कल्याण, भोजन, स्वास्थ्य सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी होगी। हमने भारत में 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकालकर दिखाया है कि सतत विकास सफल हो सकता है। हम सफलता के इस अनुभव को ग्लोबल साउथ के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं।

चौथी बार सरकार बनने की गारंटी नहीं', जानें ऐसा क्यों बोले नितिन गडकरी*
#nitin_gadkari_teased_ramdas_athawale * केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी अकसर अपने बेबाक बयानों के कारण सुर्खियों में रहते हैं। एक बार फिर गडकरी ने नागपुर के एक कार्यक्रम में ऐसी बात कह दी कि वहां उपस्थित सभी लोग हंस पड़े। उन्होंने केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले को लेकर मजाकिया अंदाज में कहा कि हमारी चौथी बार सरकार बनने की गारंटी नहीं है, लेकिन कोई भी सरकार आए रामदास अठावले का फिर से मंत्री बनना तय है। रामदास अठावले रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के प्रमुख हैं और वो एनडीए की तीनों सरकार में मंत्री रहे हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। जिसमें केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले भी मौजूद थे। कई सरकारों की कैबिनेट शामिल रहे कैबिनेट सहयोगी रामदास अठावले को लेकर गडकरी ने कहा कि, इस बात की गारंटी नहीं है कि हमारी सरकार चौथी बार लौटेगी, लेकिन रामदास अठावले चौथी बार सरकार में होंगे इसकी गारंटी है। जिसके बाद वहां मौजूद हर एक शख्स मुस्करा उठा। नितिन गडकरी ने राजद चीफ लालू प्रसाद यादव का उदाहरण देते हुए कहा कि, एक बार लालू ने रामविलास पासवान को "राजनीति के बहुत बड़े मौसम वैज्ञानिक" कहा था। यह उपमा बताती है कि आठवले को राजनीति के उतार-चढ़ाव का बहुत अच्छे से पता होता है। हालांकि बाद में गडकरी ने कह दिया कि, मैं मजाक कर रहा था। गडकरी ने आगे कहा कि, मैं रामदास अठावले को दिल से शुभकामनाएं देता हूं। उन्हें बेहतर जीवन और स्वस्थ जीवन मिले। मैं आप सभी की ओर से यह प्रार्थना करता हूं। मेरा मानना है कि उन्होंने दलितों और पीड़ित लोगों के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया।
क्या हिजबुल्लाह को खत्म करके ही “दम” लेगा इजराइल? लेबनान एयरस्ट्राइक में 500 के करीब मौत

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इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष बढ़ गया है। इजराइल लेबनान में लगातार हिजबुल्लाहब के ठिकानों को तबाह कर रहा है। सोमवार को दक्षिणी लेबनान और बेका में 1600 हिजबुल्लाह ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन हमलों में अब तक 492 लोगों के मौत की खबर है। इनमें 35 बच्चे और 58 महिलाएं शामिल हैं। जबकि, 1645 लोग घायल हुए हैं। 2006 के बाद यह इजरायल का सबसे घातक हमला है। लेबनान में दहशत का माहौल है।

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है कि इजरायली हमलों में 35 बच्चों और 58 महिलाओं सहित 492 लोग मारे गए और 1645से अधिक लोग घायल हो गए। लेबनान के अधिकारियों ने कहा कि देश को 80,000 से अधिक संदिग्ध इजरायली कॉल प्राप्त हुए, जिसमें उसके नागरिकों को खाली करने की चेतावनी दी गई। लेबनान में इजरायल के इन ताजा हमलों ने एक और बड़ी जंग की स्थिति पैदा कर दी है।

लेबनान में यूएन में उठाया हमले का मुद्दा

संयुक्त राष्ट्र महासभा में लेबनान के प्रतिनिधि ने कहा इजरायल के हमलों का वर्णन किया। लेबनानी संसद की सदस्य बाहिया एल हरीरी ने लेबनानी पीएम नजीब मिकाती की ओर से सोमवार को न्यूयॉर्क में यूएन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमले ने लेबनान की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है और हमारी सामाजिक व्यवस्था को खतरा पैदा किया है।

हमले से पहले इलाके को खाली करने का संदेश

जानकारी के मुताबिक इजराइली सेना ने हमलों से पहले लेबनान के लोगों को इस इलाके को खाली करने का संदेश जारी किया था। लेबनान की स्थानीय मीडिया ने बताया है कि बेरूत समेत कई इलाकों के लोगों के लैंडलाइन कॉल संदेश के जरिए चेतावनी दी गई है। इसमें हवाई हमले से बचने के लिए इमारतों को खाली करने को कहा गया है। इसमें साफ कहा गया कि वह लेबनान की बेका घाटी में हमला करने वाली है। आरोप है क‍ि हिजबुल्लाह वहां हथियार जमा कर रखा है।

वहीं इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रिकॉर्ड किए गए संदेश में लेबनानी नागरिकों से इलाके को खाली करने के इजरायली संदेश के संदर्भ में कहा, ‘इस चेतावनी को गंभीरता से लें।’ नेतन्याहू ने कहा, ‘प्लीज अब खतरे से दूर हो जाएं। हमारा अभियान खत्म हो जाने के बाद आप सुरक्षित रूप से अपने-अपने घरों में वापस जा सकते हैं।

न्यूयॉर्क में जेलेंस्की से मिले पीएम मोदी, 1 महीने में दूसरी मुलाकात, जानें क्या हुई बात*
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रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के समाप्त होने का दुनिया इंतजार कर रही है। युद्ध खत्म कराने के लिए दुनिया के ताकतवर देश भी भारत की तरफ देख रहे हैं।पीएम मोदी भी इसमें कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।हाल ही में राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल की मॉस्‍को यात्रा पर राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद अब पीएम नरेंद्र मोदी न्‍यूयॉर्क में यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मिले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समयानुसार) को न्यूयॉर्क में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान पीएम मोदी ने यूक्रेन में संघर्ष के शीघ्र समाधान, क्षेत्र में शांति और स्थिरता की बहाली के लिए भारत के समर्थन को दोहराया।पिछले तीन महीनों में दोनों नेताओं के बीच यह तीसरी बैठक है। मोदी ने एक्स पर पोस्ट में कहा, 'न्यूयॉर्क में राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात हुई। हम द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए पिछले महीने यूक्रेन की अपनी यात्रा के परिणामों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यूक्रेन में संघर्ष के शीघ्र समाधान और शांति और स्थिरता की बहाली के लिए भारत का समर्थन दोहराया।' पीएम मोदी से मुलाकात के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने ट्वीट कर लिखा कि, यह इस साल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ तीसरी द्विपक्षीय बैठक है। हम सक्रिय रूप से अपने संबंधों को विकसित कर रहे हैं और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हमारी बातचीत का मुख्य फोकस अंतरराष्ट्रीय मंचों, खासकर संयुक्त राष्ट्र और जी20 में हमारी बातचीत को बढ़ाने के साथ-साथ शांति सूत्र को लागू करना और दूसरे शांति शिखर सम्मेलन की तैयारी पर था। हमने उपलब्ध अवसरों पर एक ठोस चर्चा की। मैं हमारी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के स्पष्ट समर्थन के लिए आपका आभारी हूं। वहीं, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक विशेष ब्रीफिंग के दौरान इस मुलाकात की जानकारी दी।विक्रम मिस्री ने कहा कि पीएम मोदी के साथ राष्ट्रपति जेलेंस्की की बैठक के लिए यूक्रेनी पक्ष ने अनुरोध किया था।विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक विशेष ब्रीफिंग के दौरान कहा कि बैठक के दौरान, जेलेंस्की ने यूक्रेन में संघर्ष पर भारत के ध्यान की सराहना की और इससे बाहर निकलने के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। मिस्री ने कहा कि दोनों नेता निकट संपर्क में रहने पर भी सहमत हुए। बता दें कि दोनों नेताओं के बीच लगभग एक महीने में यह दूसरी बैठक थी। पीएम मोदी ने 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा किया था और रूस-यूक्रेन संघर्ष में जल्द शांति बहाल करने के लिए हर संभव तरीके से योगदान देने की भारत की इच्छा दोहराई थी।पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन का दौरा किया था, जो साल 1992 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यूक्रेन यात्रा थी।
इजराइल ने लेबनान में हिजबुल्लाह के 300 से अधिक ठिकानों पर किया हमला, 182 लोगों की मौत
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इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच का संघर्ष तेज होता जा रहा है।इजराइल की सेना ने लेबनान के दक्षिणी और उत्तर-पूर्वी हिस्से में जबरदस्त एयरस्ट्राइक की है। इजराइली सेना ने हिजबुल्लाह के 300 ठिकानों को टारगेट बनाया है। इन हमलों में 182 लोगों के मौत की खबर है।

इजरायली सेना ने कहा है कि लेबनान को बेका घाटी को तुरंत खाली कर देना चाहिए। इजरायल ने आरोप लगाया है कि बेका घाटी के लोगों के घरों में हिजबुल्लाह ने हथियारों को छिपाया हुआ है। ऐसे में आम लोगों को किसी भी हमले का शिकार बनने से बचाने के लिए बेका घाटी को तुरंत खाली करना होगा।

बताया जा रहा है कि सोमवार की सुबह लोगों को उनके फोन पर मैसेज आने लगे। लिखा था, अगर आप क‍िसी ऐसी इमारत में रहते हैं, जहां हिजबुल्लाह के हथियार रखे हैं, तो तुरंत गांव छोड़कर भाग जाएं। लेबनानी रेडियो पर भी इसी तरह के मैसेज अचानक गूंजने लगे। उसके बाद जोरदार धमाकों की आवाजें आने लगीं। रॉकेट आकर ग‍िरने लगे। पल भर में पूरा इलाका धुएं के गुबार में भर गया। अफरातफरी मच गई. लोग इधर-उधर भागते नजर आए।

लेबनान ने दावा किया है कि इजरायल के इस अभूतपूर्व हवाई हमले में कम से कम 182 लोग मारे गए हैं, जबकि 700 से अधिक लोग घायल हैं। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इजराइली हवाई हमले बिंट जेबिल, एतारौन, मजदल सेलेम, हुला, टूरा, क़लैलेह, हारिस, नबी चित, तरैया, श्मेस्टार, हरबता, लिबबाया और सोहमोर सहित दर्जनों शहरों पर हुए।

इजरायल के विदेश मंत्री कैट्ज ने भी सोशल मीडिया पर लिखा, हम साउथ लेबनान को आतंक‍ियों का गढ़ नहीं बनने देंगे। उन्‍हें हटाने के ल‍िए पूरी ताकत झोंक देंगे। एबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कैट्ज ने कहा, हिज़्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह ने लेबनान के लोगों को बंधक बनाकर रखा है। वह इजरायली लोगों को धमकाने के ल‍िए उन्‍हें हथ‍ियार बांट रहा है। गांवों और उनके घरों में ह‍थ‍ियार और मिसाइलें छिपाकर रखा है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम उस पूरे गांव को तबाह कर देंगे। लोगों को अगर बचना है, तो उन्‍हें तुरंत अपने घर और गांव छोड़कर भाग जाना चाह‍िए। हम तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक हमें नहीं लग जाता क‍ि अब इजरायल के लोगों को कोई खतरा नहीं है।
क्या संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को मिलेगी स्थायी सदस्यता? क्वाड समिट से मिले संकेत
#us_quad_summit_india_could_get_unsc_permanent_membership
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर हैं। इस बीच एक बार फिर भारत के सुरक्षा परिषद ((यूएनएससी) में स्थायी सदस्यता को लेकर चर्चा होने लगी है। दरअसल, क्वाड समिट में हिस्सा लेने अमेरिका पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई है। इस वार्ता में सबसे बड़ी बात यह निकलकर आई है कि, अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की स्थाई सीट का समर्थन किया है।

*सालों से यूएनएससी में स्थायी सीट मांग रहा भारत*
यूएनएससी में सुधार का मुद्दा लंबे समय से दुनिया के सामने है। ये मामला अमेरिका में हालिया क्वाड समिट के दौरान भी उठा है। रविवार को क्वाड नेताओं ने यूएनएससी की सीटें बढ़ाने और इस निकाय को ज्यादा जवाबदेह बनाने के लिए इसमें सुधार का आह्वान किया है। क्वाड नेताओं ने अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन देशों को यूएनएससी में स्थायी सदस्यता का दिए जाने की मांग की है। भारत के लिए ये अहम है क्योंकि उसकी ओर से बीते कई वर्षों से यूएनएससी में स्थायी सीट की मांग की जा रही है।

*चीन बार-बार डाल रहा अडंगा*
दरअसल भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग करता रहा है, लेकिन चीन के विरोध के कारण यह मुमकिन नहीं हो पाया।सुरक्षा परिषद में 5 स्थायी सदस्य देश हैं, जिसमें से 4 (अमेरिकी, यूके, फ्रांस और रूस) भारत की स्थायी सदस्यता के समर्थन में हैं, लेकिन चीन इस बात का विरोधी रहा है और वह नहीं चाहता कि इतने बड़े प्लेटफॉर्म पर भारत भी स्थायी सदस्य के रूप में शामिल हो। भारत की बढ़ती ताकत से चीन परेशान है और उसे लगता है कि अगर भारत स्थायी सदस्य बना तो वह इंटरनेशनल लेवल पर चीन के समानांतर स्टैंड करेगा। ये बात चीन बिल्कुल भी हजम नहीं कर पा रहा है।

*स्थायी सदस्यता मिलने से भारत को फायदा*
अगर यूएन की सुरक्षा परिषद में भारत स्थायी सदस्य बनता है तो पूरी दुनिया में भारत की साख और शक्ति दोनों बढ़ेंगी। इंटरनेशनल लोगों के मंच पर भारत पहले से ज्यादा मजबूत दिखेगा। वैश्विक मंच पर भारत के पास भी स्थायी सदस्य के रूप में वीटो का अधिकार होगा, जिसे वह किसी भी बड़े फैसले में देशहित के लिए इस्तेमाल कर सकता है।
वहीं एक फायदा ये भी होगा कि चीन के समकक्ष खड़े होकर भारत उसे ये एहसास दिला देगा कि किसी भी मामले में भारत उससे कम नहीं है। एक फायदा ये भी है कि भारत सुरक्षा मामलों से जुड़ी बातों को विश्व पटल पर रख सकेगा और पाकिस्तान के लिए भी एक कड़ा संदेश दे सकता है।

*सुधार की मांग ने पकड़ा जोर*
यूएनएससी में सुधार की मांग काफी वर्षों से की जा रही है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने नवंबर 2022 में सुरक्षा परिषद सुधार पर अपनी चर्चा समाप्त की थी। उस समय इसके सदस्य देश संयुक्त राष्ट्र की प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए 15 सदस्यीय निकाय को आधुनिक बनाने पर सहमत हुए थे। यूएनएससी द्वारा रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए प्रस्ताव पारित करने में विफल रहने के बाद कुछ स्थायी सदस्यों के पास वीटो शक्ति पर भी सवाल उठाए गए थे।अक्टूबर 2023 में शुरू हुए इजरायल-गाजा युद्ध के बाद यूएनएससी में सुधार और विस्तार की मांग नए सिरे से की जा रही है। यूएनजीए के पूर्व अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने कहा था कि दुनियाभर के क्षेत्रों में हिंसा और युद्ध फैल रहा है और सुरक्षा परिषद में बड़े पैमाने पर विभाजन के चलते संयुक्त राष्ट्र पंगु हो गया है। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने भी अपने बयानों में दोहराया कि सुधार पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गए हैं।
क्या मार दिया गया इजरायल पर हमले का मास्टरमाइंड याह्या सिनवार? इस्माइल हानिया जैसा तो नहीं हुआ अंजाम

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इजरायल और हमास के बीच गाजा में करीब साल भर से जंग जारी है। हमास के खात्मे की कसम खाने वाला इजरायल लगातार गाजा पर बमबारी कर रहा है। इजरायल ने गाजा को खंडहर में तबदील कर दिया है। सैकड़ों हमास लड़ाकों को मौत की नींद सुला चुकी इजरायली सेना ईरान में उसके पूर्व चीफ इस्माइल हनीयेह को भी मार चुका है। इस बीच हमास नेता याह्या सिनवार को लेकर बड़ी खबर आ रही है।कहा जा रहा है कि हमास चीफ याह्या सिनवार की संभवतः इजरायली हमले में मौत हो गई है।

खबर आई कि गाजा सिटी के स्कूल पर हुए रॉकेट हमले में यह्या सिनवार भी मारा गया है। इजरायल ने बीते दिन हमास के एक स्कूल को निशाना बनाया, जिसमें 20 से ज्यादा फिलिस्तीनी लोग मारे गए। ये भी खबर है कि इस हमले में हमास का नया चीफ याह्या सिनवार भी मारा गया। हालांकि, इसकी पुष्टी नहीं हो पाई है।

हालांकि इजरायल ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है। इजरायली खुफिया एजेंसी शिन बेट और इजरायल डिफेंस फोर्सेज के अधिकारियों ने कहा है कि वह इन रिपोर्ट्स की जांच कर रहे हैं, हालांकि फिलहाल सिनवार की मौत की पुष्टि करने वाला उन्हें कोई सबूत नहीं मिला है।

वाल्ला न्यूज वेबसाइट ने बताया है कि इजरायली आंतरिक खुफिया एजेंसी शिन बेट ने रिपोर्ट को खारिज किया है और उसका मानना है कि सिनवार जीवित है। यरुशलम पोस्ट के अनुसार, आईडीएफ ने रविवार को कहा कि वे हमास प्रमुख याह्या सिनवार की मौत की रिपोर्ट की न तो पुष्टि कर सकते हैं और न ही खंडन कर सकते हैं। पोस्ट ने विभिन्न स्रोतों से बात की लेकिन किसी ने भी ऐसे ऑपरेशन का जिक्र नहीं किया, जो आईडीएफ ने सिनवार को मारने के लिए चलाया था

याह्या सिनवार को बीत साल 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए बड़े आतंकी हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है। इस हमले में 1200 से अधिक इजरायली मारे गए थे, जबकि 254 को हमास के आतंकी अपहरण करके गाजा में ले गए थे। इस हमले के बाद इजरायल ने गाजा में बड़ा अभियान शुरू किया था।

तेहरान में इसी साल अगस्त में हुए धमाके में इस्माइल हानिया की मौत के बाद सिनवार को हमास की कमान मिली थी। इससे पहले वह इसकी सुरक्षा शाखा का जिम्मा संभालता था और अपनी क्रूर रणनीति के लिए जाना जाता था।

पीएम मोदी में पहले जैसी बात नहीं”, श्रीनगर में बोले राहुल गांधी

#rahulgandhionpmmodi 

कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने श्रीनगर में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस रैली में राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी अब बदल गए हैं।इंडिया गठबंधन ने नरेंद्र मोदी की साइकोलॉजी को बदल दिया है।पीएम मोदी का कॉन्फिडेंस खत्म हो चुका है।आज विपक्ष जो भी करवाना चाहता है, वही होता है। 

पुंछ में जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा, नरेंद्र मोदी पहले पहले छाती फैला कर बोलते थे। लेकिन इंडिया गठबंधन ने नरेंद्र मोदी की साइकोलॉजी को बदल दिया है। जो पहले नरेंद्र मोदी थे वो अब नहीं रहेंगे। मैं लोकसभा में पास से देखता हूं, आजकल प्रधानमंत्री का चेहरा बिल्कुल बदल गया है। ये इंडिया गठबंधन और हिन्दुस्तान की जो जनता है, ये उनका काम है।

राहुल ने दी स्टेटहुड वापस देने की “गारंटी”

वहीं, राहुल गांधी ने रैली में जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिलाने का भी वादा किया। राहुल गांधी ने कहा, अगर ये (मोदी सरकार) आपको स्टेटहुड वापस नहीं देंगे तो ये मेरी गारंटी है, हम आपको स्टेटहुड वापस ला कर देंगे। हिन्दुस्तान के इतिहास में किसी राज्य को यूटी में नहीं बदला गया था। पहली बार स्टेट को यूटी में बदलकर आपका हक छीना गया है। हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द आपका हक आपको वापस मिलें और एक बार फिर आपको स्टेट मिले। हम चाहते थे कि ये काम चुनाव से पहले हो लेकिन भाजपा ने ऐसा नहीं किया।

वो सिर्फ ‘मन की बात’ करते हैं, काम की नहीं-राहुल गांधी

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आगे कहा कि, पीएम नरेंद्र मोदी लंबे-लंबे भाषण देते हैं, लेकिन काम की बात नहीं करते। काम की बातें हैं, बेरोजगारी हटाओ, महंगाई कम करो, युवाओं को विजन दो और जम्मू-कश्मीर को स्टेटहुड दो। ये वो काम की बातें हैं, जो नरेंद्र मोदी नहीं करेंगे। वो सिर्फ ‘मन की बात’ करते हैं, जिसे कोई नहीं सुनना चाहता।

कुमारी शैलजा ने ठुकराया मनोहर लाल का ऑफर, बोली- मेरी रगों में कांग्रेस का खून

#congressleaderkumariseiljaonbjpoffer

हरियाणा चुनाव में प्राचार अभियान अपने चरम पर है। हालांकि, कांग्रेस में सिर फुटव्वल जारी है। शीर्ष नेता आपस में तालमेल नहीं बिठा पा रहे हैं। हरियाणा कांग्रेस की पूरी सियासत कुमारी शैलजा के इर्द-गिर्द सिमट गई है। विधानसभा चुनाव प्रचार से उनके दूरी बनाए रखने के चलते राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस की ओर से नजरअंदाज किए जाने की खबर के बीच शैलजा को बीजेपी में शामिल होने का ऑफर तक मिला। इस बीच एक निजी चैनल से बात करते हुए कुमारी शैलजा ने इन सभी अकटकलों पर विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि मेरी रगों में कांग्रेस का खून है। मैं कहीं नहीं जाऊंगी।

सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा 12 सितंबर से पूरी तरह साइलेंट मोड में हैं। वो न ही कांग्रेस के चुनाव प्रचार में एक्टिव नजर आ रही हैं और न ही सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। ऐसे में कांग्रेस की नाराजगी और बीजेपी में शामिल होने सहित के सवाल का जवाब देते हुए कुमारी सैलजा ने एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में कहा, नाराजगी की बात नहीं है, लेकिन कुछ बातें तो हो जाती हैं, ये पार्टी की अंदरुनी बात है, लेकिन मैं मरते दम तक कांग्रेस नहीं छोड़ूंगी।

हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने का दावा

शैलजा ने आगे कहा कि बीजेपी, हरियाणा और राष्ट्रीय स्तर पर गिरावट की ओर हैं, वहां जाने का सवाल ही नहीं है। कांग्रेस पार्टी आगे बढ़ रही है, कांग्रेस के साथ हरियाणा के लोग आगे बढ़ रहे हैं। लोग हमारी तरफ देख रहे हैं। सारा देश बोल रहा है कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी। मैं समझती हूं कि उसमें थोड़ा-बहुत योगदान शैलजा का भी होगा। उससे ज्यादा कांग्रेस वर्कर का योगदान ग्राउंड पर ज्यादा होगा।

वहीं, जब उनसे पूछा गया कि क्या वजह है की आज अभी तक आपने चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लिया? तो उन्होंने कहा कि टिकट बंटवारे के बाद सभी उम्मीदवार बिजी थे अब प्रोग्राम बन रहे हैं जल्दी ही आपको चुनाव प्रचार में मिलूंगी। हम हरियाणा में बड़े मार्जिन से जीत दर्ज कर रहे हैं और हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बना रहे है।

सीएम बनने की इच्छा जाहिर

हरियाणा में मुख्यमंत्री बनने की रेस में शैलजा खुद को बनाए रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि सीएम की दावेदारी तो कोई भी रख सकता है, दावेदारी हर एक की हो सकती हैं। शैलजा कभी न हताश होती है, न निराश होती है। मैंने बहुत से मुकाम और उतार-चढ़ाव देखे हैं। एक राजनेता के तौर पर मेरी भी इच्छा है कि मैं मुख्यमंत्री बनूं। अभी हरियाणा में मुख्यमंत्री बनने का रास्ता खुला हुआ है। कांग्रेस ने किसी भी नेता को सीएम चेहरा घोषित नहीं किया है। कांग्रेस में सीएम का चेहरा चुनाव के बाद पार्टी हाईकमान तय करता है। शैलजा ने कहा कि पहली बात तो यह भी नहीं पता है कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा। सीएम का फैसला हमेशा हाईकमान करता है। इसके अलावा सेल्फ प्रोटेक्शन तो सभी लोग करते हैं।

'उनके खड़ाऊ रखकर शासन करूंगी..', आतिशी बनीं दिल्ली की मुख्यमंत्री लेकिन उनके ठीक बगल में दिखी खाली कुर्सी



दिल्ली की नई मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) की वरिष्ठ नेता आतिशी मार्लेना ने आज सोमवार (23 सितंबर) को पदभार संभालते ही स्पष्ट कर दिया कि वह सीएम की कुर्सी पर बैठने के बावजूद अरविंद केजरीवाल को सर्वोच्च स्थान पर बनाए रखेंगी। अपने पहले संबोधन में उन्होंने भरत जी का उदाहरण देते हुए कहा, "जिस तरह भरत जी ने खड़ाऊं रखकर सिंहासन संभाला, उसी तरह मैं भी सीएम की कुर्सी संभालूंगी।" उनके बगल में एक खाली कुर्सी भी थी, जो इस विचार को और भी प्रगाढ़ करती है।

उल्लेखनीय है कि, भगवान श्री राम के वनवास के समय उनके छोटे भाई भारत ने श्री राम की खड़ाऊ को सिंघासन पर रखकर शासन किया था, अब आतिशी ने केजरीवाल के लिए वही बात दोहराई है।  आतिशी ने केजरीवाल की स्थिति को लेकर कहा कि भाजपा ने उन पर कीचड़ उछालने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने उल्लेख किया कि केजरीवाल ने यह कहा था कि जब तक दिल्ली के लोग उनकी ईमानदारी को साबित नहीं करेंगे, तब तक वह कुर्सी पर नहीं बैठेंगे, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। आतिशी ने विश्वास जताया कि दिल्ली के लोग एक बार फिर अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री के रूप में देखेंगे।

इस प्रकार, आतिशी का कार्यभार संभालना न केवल एक नई शुरुआत है, बल्कि यह दर्शाता है कि वह अपनी पार्टी के संस्थापक के प्रति अपनी निष्ठा को बनाए रखते हुए आगे बढ़ेंगी। उनके नेतृत्व में दिल्ली की राजनीति में नया मोड़ देखने को मिल सकता है।