क्वाड समिट में प्रधानमंत्री मोदी की महत्वपूर्ण भूमिका: भारत के लिए वैश्विक मंच पर नई दिशा की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक बार फिर से वैश्विक मंच पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है. आज यानी 21 सितंबर को अमेरिका के डेलावेयर में हो रहा क्वाड सम्मेलन भारत के लिए न केवल अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने का अवसर है, बल्कि यह एक रणनीतिक कदम भी है जो भारत की सुरक्षा, आर्थिक विकास और वैश्विक स्थिरता में योगदान देगा.
क्वाड (QUAD) चार देशों भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच का एक रणनीतिक गठबंधन है. इसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ावा देना है. यह समूह एक स्वतंत्र, मुक्त और समावेशी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के समर्थन में कार्य करता है, जो आर्थिक विकास और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है.
भारत के लिए क्वाड का महत्व
भारत के लिए, क्वाड कई मायनों में महत्वपूर्ण है. सबसे पहले, यह गठबंधन भारत को एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी का हिस्सा बनाता है जो उसे चीन की आक्रामकता के खिलाफ एक महत्वपूर्ण संतुलन प्रदान करता है. इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, क्वाड भारत को इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने का एक सशक्त मंच प्रदान करता है.
दूसरा, क्वाड भारत के आर्थिक विकास में भी योगदान करता है. जलवायु परिवर्तन से लेकर नई उभरती तकनीकों तक, इस मंच के तहत की जा रही पहलें भारत को ग्लोबल सप्लाई चेन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर देती हैं. उदाहरण के लिए, क्लीन एनर्जी सप्लाई चेन, 5जी नेटवर्क और ओपन RAN जैसे क्षेत्रों में क्वाड के उठाए हुए कदम भारत के तकनीकी और औद्योगिक विकास के लिए अत्यधिक लाभकारी साबित हो सकती हैं.
डेलावेयर सम्मेलन का विशेष महत्व
21 सितंबर को होने वाला क्वाड शिखर सम्मेलन भारत के लिए एक खास मौका है. यह सम्मेलन ऐसे समय पर हो रहा है जब दुनिया कई चुनौतियों का सामना कर रही है. चीन का बढ़ता दबदबा, रूस-यूक्रेन युद्ध, मध्य-पूर्व संकट और वैश्विक अर्थव्यवस्था की अस्थिरता. इस सम्मेलन में भारत के लिहाज से कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होगी.
1- इंडो-पैसिफिक सुरक्षा: भारत के लिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा अत्यधिक महत्वपूर्ण है. क्वाड इस क्षेत्र में न केवल समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि आपदा राहत और मानवीय सहायता के लिए एक नया तंत्र भी स्थापित कर रहा है. इससे भारत को इस क्षेत्र में अपनी सैन्य और कूटनीतिक उपस्थिति को मजबूत करने का मौका मिलेगा.
2. आर्थिक सहयोग: क्वाड के तहत विभिन्न आर्थिक उपायों, जैसे कि इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास और डिजिटल कनेक्टिविटी, भारत को ग्लोबल सप्लाई चेन में अपनी स्थिति को बेहतर करने का अवसर प्रदान करती हैं। इसके अलावा, क्वाड की ‘100 STEM छात्रवृति’ जैसी पहल भारत के युवाओं के लिए वैश्विक स्तर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में योगदान देने का मार्ग प्रशस्त करती हैं.
3. जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए क्वाड की नई योजनाएं, जैसे कि क्लाइमेट इंफॉर्मेशन सर्विसेज और ग्रीन शिपिंग कॉरिडोर, भारत के लिए अत्यधिक फायदेमंद होंगी. भारत, जो पहले से ही स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में कदम बढ़ा रहा है, इन पहलों के माध्यम से वैश्विक नेतृत्व कर सकता है.
भारत की वैश्विक भूमिका
क्वाड में भारत की भागीदारी केवल रणनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण तक सीमित नहीं है. यह भारत को वैश्विक मंच पर एक जिम्मेदार और समर्पित नेता के रूप में प्रस्तुत करता है. पिछले साल जी-20 के बाद वर्ष 2025 में भारत द्वारा आयोजित किया जाने वाला क्वाड शिखर सम्मेलन इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम होगा, जहां भारत अपनी नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन कर सकेगा.
Sep 21 2024, 20:58