पीएचई में इंजीनियर्स सहित 181 पदों पर भर्ती का मार्ग प्रशस्त, मुख्यमंत्री के निर्देश पर वित्त विभाग ने दी स्वीकृति

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर वित्त विभाग ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में इंजीनियर्स सहित अन्य पदों पर भर्ती को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से 181 रिक्त पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। नई भर्ती से विभाग के कामकाज की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ पेयजल व्यवस्था भी बेहतर होगी।

पीएचई विभाग में उप अभियंता, अनुरेखक, सहायक ग्रेड-3 सहित विभिन्न रिक्त पदों को भरने के प्रस्ताव को वित्त विभाग से स्वीकृति मिल गई है। इसमें उप अभियंता (सिविल) के 118, उप अभियंता (विद्युत/यांत्रिकी) के 10, अनुरेखक के 37, सहायक ग्रेड-3 के 02, केमिस्ट के 12 और वाहन चालक के 02 पद शामिल हैं।

नई भर्तियां न केवल विभाग की कार्यक्षमता को बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि इससे नागरिक सेवाओं में भी सुधार होगा एवं योजनाओं को निर्धारित समय में पूरा किया जा सकेगा। पेयजल की गुणवत्ता और आपूर्ति व्यवस्था भी बेहतर होगी। नल जल जैसी फ्लैगशिप योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन हो सकेगा और ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लोगों को निरंतर एवं शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने में सुगमता होगी।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए 

रायपुर-  विष्णुदेव साय कैबिनेट की बैठक खत्म हो गयी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण, सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण तथा बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

राज्य मंत्रिमण्डल ने राज्य में गठित पांचों विकास प्राधिकरणों के पुनर्गठन आदेश में आंशिक रूप से संशोधन की मंजूरी दी है। इस संशोधन से पांचों प्राधिकरणों में जनप्रतिनिधित्व का दायरा काफी विस्तृत किया गया है। पांचों प्राधिकरणों में अब राज्य मंत्रिमण्डल के सभी मंत्रीगणों को सदस्य के रूप में शामिल करने के साथ ही संबंधित क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद एवं प्राधिकरण क्षेत्रों के जिला पंचायत अध्यक्षों को अब इसका सदस्य बनाया गया है। पांचों प्राधिकरणों में प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। शेष सभी सदस्य यथावत रहेंगे।

छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण

छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में प्रस्तावित संशोधन को मंत्रिमण्डल ने मंजूरी दी, जिसके तहत मुख्यमंत्री प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं क्षेत्र के विधायक उपाध्यक्ष होंगे। इस प्राधिकरण में सदस्य के रूप में शामिल पूर्व में मात्र तीन विभागों के मंत्री के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त माननीय मंत्रीगणों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण क्षेत्र के जिला पंचायत अध्यक्ष प्राधिकरण के सदस्य होंगे। प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को प्राधिकरण के सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुसार पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल 35 विधायकगणों को और अन्य सदस्यों को यथावत रखा गया है।

सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण

सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन किया गया है। माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं क्षेत्र के विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) उपाध्यक्ष होंगे। पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्री एवं वित्त मंत्री के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगण प्राधिकरण के सदस्य होंगे। प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण क्षेत्र के जनजाति बाहुल्य जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष भी अब प्राधिकरण के सदस्य होंगे। आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव प्राधिकरण के सदस्य सचिव होंगे। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुसार इसमें सदस्य के रूप में शामिल 14 विधायकगणों को यथावत शामिल किया गया है।

अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण

माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा विधायक (अ.जा. आरक्षित) प्राधिकरण के उपाध्यक्ष होंगे। राज्य मंत्रिमण्डल के दो मंत्रियों के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के सभी मंत्रीगणों, संबंधित क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण के जिला पंचायत अध्यक्ष (अ.जा.), अनुसूचित जाति विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव/सचिव इस प्राधिकरण के सदस्य सचिव होंगे। अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुरूप सदस्य के रूप में शामिल किए गए 10 विधायकों को यथावत रखा गया है।

मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण

माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा क्षेत्र के विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) उपाध्यक्ष होंगे। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में किए गए संशोधन के अनुसार अब दो मंत्रीगणों के स्थान पर राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगणों तथा प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद एवं जिला पंचायत अध्यक्ष को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इस प्राधिकरण में आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को सदस्य के रूप में तथा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव/सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। इस प्राधिकरण में पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल 12 विधायकों को यथावत रखा गया है।

बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण

माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष और प्राधिकरण क्षेत्र के निर्वाचित विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) इसके उपाध्यक्ष होंगे। पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल मात्र दो मंत्रियों के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगणों, प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद तथा प्राधिकरण क्षेत्र के जनजातीय बाहुल्य जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग इस प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव/सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। प्राधिकरण में सदस्य के रूप में पूर्व में शामिल 12 विधायकगणों को यथावत सदस्य रखा गया है।

- मुख्यमंत्री के स्वेच्छानुदान मद से 262 व्यक्ति एवं संस्थाओं को 4 करोड़ 56 लाख 72 हजार रूपये स्वीकृत राशि का अनुमोदन किया गया।

- राज्य के शहरों के सुव्यवस्थित विकास और राज्य की विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मंत्रिपरिषद द्वारा एक बड़ा निर्णय लिया गया। जिसके तहत भूखण्डों का पुनर्गठन और प्रदेश में स्वीकृत विकास योजना के क्रियान्वयन हेतु शहरी विकास नीति (टी.डी.एस.) का अनुमोदन किया गया। इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने हेतु आवास एवं पर्यावरण विभाग को अधिकृत किया गया है।

प्रदेश में विकास योजनाओं में प्रस्तावित जनोपयोगी भूमि के समुचित रूप से विकास करने, अतिक्रमण तथा अवैध निर्माणों को हतोत्साहित करने एवं शहरी आबादी को आधुनिक नागरिक सुविधाओं के अभाव और असुविधाओं के निराकरण के लिए इस शहरी विकास नीति का निर्धारण किया गया है। नगर विकास योजना आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक अथवा अन्य प्रयोजन हेतु क्रियान्वित की जा सकेगी।

मतदाता सूची की शुद्धता ही चुनाव की पारदर्शिता और निष्पक्षता का आधार है : राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह

रायपुर-     छत्तीसगढ़ के राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने स्थानीय निकायों के निर्वाचन हेतु निर्वाचक नामावली प्रेक्षकों की ब्रीफिंग में कहा कि मतदाता सूची की शुद्धता ही चुनाव की पारदर्शिता और निष्पक्षता का आधार है। उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन नामावली को शुद्ध एवं त्रुटिरहित बनाने के लिए आज विशेष ब्रीफिंग का आयोजन किया गया है जिसका मुख्य उद्देश्य नामावली में संभावित त्रुटियों को दूर करना और सभी योग्य मतदाताओं के नाम सूची में दर्ज करना है ताकि चुनाव निष्पक्ष एवं पारदर्शी रूप से आयोजित हो सके। आयुक्त अजय सिंह ने निर्धारित समय सीमा में मतदाता सूची शुद्ध एवं त्रुटि रहित बनाने के निर्देश दिए।

आयुक्त अजय सिंह ने सभी प्रेक्षकों से कहा कि पुनरीक्षण कार्यक्रम के विभिन्न चरणों में ई आर ओ तथा ए ई आर ओ द्वारा किए जा रहे कार्यों का समय पर निरीक्षण करते रहें और यदि आपको आवंटित जिले में पुनरीक्षण कार्यक्रम में किसी भी चरण में जिले में नियमों, निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है तो इसकी सूचना संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी तथा आयोग को तत्काल प्रदान कर समाधान प्राप्त करें।

ब्रीफिंग में निर्वाचक प्रेक्षकों को निर्वाचन प्रक्रिया में उनकी अहम भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। प्रेक्षकों को निर्देशित किया गया कि वे मतदाता सूची की जांच और सुधार प्रक्रिया में पूरी सतर्कता बरतें। यह सुनिश्चित किया जाए कि सूची में कोई नाम दोहराया न जाए, मृत व्यक्तियों के नाम हटाए जाएं, और नए पात्र मतदाताओं के नाम जोड़े जाएं। आयोग द्वारा स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया की 1 जनवरी 2024 की स्थिति में 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले मतदाता का नाम सूची में आवश्यक रूप से जोड़ा जाए तथा जिला स्तर पर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।

आयोग के सचिव डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कहा कि जिला स्तर पर किसी भी प्रकार की समस्या आने पर राज्य निर्वाचन आयोग से संपर्क कर समाधान लिया जा सकता है।आयोग द्वारा जारी निर्देशों एवं निर्धारित प्रक्रिया का शत प्रतिशत पालन करें तथा किसी भी प्रकार की वाद विवाद की स्थिति निर्मित ना हो इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा दी गई जिम्मेदारी का गंभीरता पूर्वक पालन करें। इस अवसर पर राज्य निर्वाचन आयोग की उपसचिव डॉ. नेहा कपूर एवं आलोक श्रीवास्तव उपस्थित थे।

सांसद राहुल गांधी के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज, भाजपा पार्षदों की शिकायत पर मामला दर्ज

बिलासपुर-  लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने का सिलसिला शुरू हो गया है. राजधानी रायपुर में गुरुवार को दर्ज एफआईआर के बाद अब बिलासपुर में भी राहुल गांधी के खिलाफ FIR हुई है. इसके अलावा प्रदेश के पांचो संभागों में शिकायत दर्ज कराई गई. बता दें कि हाल ही में अमरीका प्रवास के दौरान राहुल गांधी ने सिख समाज को लेकर बयान दिया था, जिसके बाद से देशभर में राहुल के बयान के बाद से सियासत गरमा गई है और मामले लगातार शिकायत दर्ज कराई जा रही है.

राहुल गांधी के अमेरिका प्रवास के दौरान दिए गए बयानों को लेकर बिलासपुर के सिविल लाइन थाने में भाजपा पार्षदों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई. लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धारा 299 और 302 के तहत राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है.

शिकायत में भाजपा पार्षदों ने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने अमेरिका प्रवास में सिख समाज के धार्मिक प्रतीक पगड़ी और कड़ा को लेकर भी अमर्यादित और अप्रासांगिक टिप्पणी करके भारतीय लोकतंत्र भारत की सर्व समावेशी और सर्वस्पर्शी संवैधानिक व्यवस्था पर चोट पहुंचाने के साथ-साथ सिख समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. राहुल गांधी का यह कृत्य भी भारतीय सर्वधर्म समभाव की छवि को बिगाड़ कर विश्व पटल पर सिख समाज को अपमानित करने और भारत की छवि को गलत रूप में प्रस्तुत करने की एक सोची समझी राजनीतिक साजिश को प्रमाणित करता है. मामले में एफआईआर दर्ज कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाए.

बस्तर में मिली हीरे की मौजूदगी, भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में हुई पुष्टी, ग्रामीण कर रहे खनन का विरोध
जगदलपुर-    बस्तर के आदिवासी एक बार फिर से अपने जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए लामबंद हो चुके हैं. हाल ही में अमागुड़ा पंचायत और छोटे अलनार में भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण ने चूना पत्थर और हीरे की खदानों की उपस्थिति को लेकर रिपोर्ट जारी की है. इस सर्वे में 141.438 हेक्टेयर जमीन शामिल है. वहीं इस रिपोर्ट के बाद बस्तर के 9 गांव के ग्रामीणों में अपनी जंगल-जमीन को लेकर चिंता व्याप्त हो गई है.

ग्रामीणों का कहना है कि सर्वेक्षण की जानकारी उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से मिली, जिससे यह पता चला कि भविष्य में यहां खनन किया जा सकता है. उनका कहना है कि इस खनन में उनकी पट्टे वाली जमीन भी शामिल है. इसे लेकर ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. ग्रामीणों की मांग है कि भविष्य में होने वाली खनन की योजना को तुरंत रोका जाए.

आंदोलन की चेतावनी:

ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर खनन की योजना पर रोक नहीं लगती, तो वे अपने गांवों को पूरी तरह से बंद कर देंगे और किसी को भी गांव में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देंगे. इसके अलावा, वे ग्राम सभा आयोजित कर सशक्त निर्णय लेने की योजना बना रहे हैं. यह पहला मौका नहीं है जब बस्तर के लोग खनन के खिलाफ खड़े हुए हैं. इससे पहले भी, 2016 में खनन के लिए हुए सर्वेक्षण का विरोध हुआ था, जिसके बाद खनन रोक दिया गया था.

महिलाओं का संघर्ष:

गांव की महिलाओं का कहना है कि वे इस गांव में चार पीढ़ियों से निवास कर रही हैं और वे अपने घरों को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगी. महिलाओं का कहना है कि उनकी जमीन और जंगल उनकी जीवनरेखा हैं, जिन्हें वे किसी भी कीमत पर नहीं खोना चाहतीं.

औद्योगीकरण का विरोध:

बस्तर में पहले भी औद्योगीकरण को लेकर विरोध होते रहे हैं. उदाहरण के लिए, लोहंडीगुड़ा में टाटा स्टील प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया था, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते वह परियोजना नहीं हो सकी. इसी प्रकार, नगरनार स्टील प्लांट भी ग्रामीणों की जमीन पर लगाया गया, लेकिन आज भी वहां के ग्रामीण रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

अब, बस्तर में डायमंड सर्वे के बाद ग्रामीणों में असंतोष और बढ़ गया है. उनका संघर्ष इस बात का प्रतीक है कि वे अपने जल, जंगल और जमीन को किसी भी सूरत में खोने नहीं देना चाहते.

जोगी कांग्रेस की नई कार्यकारिणी का गठन, संगठन में बड़े पैमाने पर हुआ बदलाव, देखें लिस्ट …
रायपुर-     जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) में नई कार्यकारिणी नियुक्त की गई है. यह नियुक्त जोगी कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रेणु जोगी के निर्देशानुसार की गई है. कार्यकारिणी की जारी लिस्ट में प्रदेश उपाध्यक्ष, जिला अध्यक्षों, प्रवक्ता, प्रदेश संगठन मंत्री और प्रदेश महामंत्री की नियुक्ति की गई है.

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की नई कार्यकारिणी लिस्ट के अनुसार, तीन लोगों को प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसमें टांकेश्वर भारद्वाज, अशोक नगाईच, जहीर अहमद को उपाध्यक्ष बनाया गया है. इसके साथ ही भगवानु नायक को मुख्य प्रवक्ता बनाया गया है. प्रदेश संगठन महामंत्री सौरभ झा को बनाया गया है. इसके साथ ही दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, सरगुजा और बस्तर संभाग में जिला अध्यक्षों की भी नियुक्ति की गई है.

देखें लिस्ट-

वन मंडल में करोड़ों का रॉयल्टी घोटाला, 121 एनीकट निर्माण में भ्रष्टाचार पर हुई सुनवाई

बिलासपुर-     मरवाही वन मंडल में 3 करोड़ 80 लाख की रॉयल्टी घोटाला सामने आया है. इस मामले की सुनवाई बिलासपुर हाईकोर्ट में चल रही है, जहां वन विभाग ने रॉयल्टी रसीद पेश नहीं कर पाई. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को रिज्वाइंडर दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी.

जानकारी के मुताबिक मरवाही वन मंडल के पेंड्रा क्षेत्र में 121 एनीकट के निर्माण में बड़ी गड़बड़ी की गई है. खनिज सामग्री की सप्लाई के लिए ट्रक और हाइवा का इस्तेमाल किया गया, लेकिन नियमों के अनुसार रॉयल्टी की रसीद नहीं ली गई. वन विभाग ने बिना रसीद के ही करीब 3 करोड़ 80 लाख की रॉयल्टी की रकम का भुगतान कर दिया है.

कवर्धा लोहारीडीह हिंसा मामला : कांग्रेस ने राज्यपाल से तत्काल मिलने का मांगा समय, कहा- प्रदेश में तनाव की स्थिति, तत्काल चर्चा जरूरी
रायपुर-   कवर्धा के लोहारीडीह हिंसा मामले में पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने राजभवन को पत्र लिखकर राज्यपाल से तत्काल मिलने का समय मांगा है. राजभवन को लिखे पत्र में बैज ने कहा है कि प्रदेश में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई है. इस मामले में आपसे तत्काल चर्चा आवश्यक है.

बता दें कि गुरुवार को कांग्रेस का जांच दल लोहारीडीह पहुंचा था. प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी गांव पहुंचकर ग्रामीणों से बातचीत कर पूरी घटना की जानकारी ली. इसके बाद प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस नेताओं ने पुलिस प्रशासन और गृहमंत्री पर नाकामी का आरोप लगाया था. पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा था कि पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा गई है. इसे लेकर कांग्रेस ने 21 सितंबर शनिवार को प्रदेश बंद का आवाह्न किया है.

ये है कांग्रेस की मांगें

बता दें, लोहारीडीह हिंसा मामले के आरोपी की मौत के बाद से प्रदेश में सियासी पारा गरमा गया है. कांग्रेस ने इस मामलें की जांच सीटिंग जज से कराने की मांग रखी है. इसके अलावा कांग्रेस की मांग है कि कचरू साहू का दोबारा पोस्टमार्टम कराया जाए और रेगाखार थाने की सीसीटीवी फुटेज निकलवाई जाए. इतना ही नहीं कांग्रेस ने सीएम साय से गृहमंत्री विजय शर्मा के जिले में हुई घटना के लिए उन्हें गृहमंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग की भी की है.

64 दिनों की छुट्टी का स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश
रायपुर-   स्कूलों में इस साल 64 दिनों के लिए अवकाश की घोषणाा स्कूल शिक्षा विभाग ने की है। स्कूलों में इस साल दशहरा और दीपावली में 6-6 दिन की छुट्टी रहेगी। शीतकालीन अवकाश 6 दिन का ही रहेगा। गर्मी की छुट्टियां 46 दिनों की होगी। इस तरह कुल 64 दिनों के छुट्टी आदेश जारी किया गया है.

स्कूल शिक्षा विभाग, मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर ने शिक्षा सत्र 2024-25 (26 जून 2024 से 30 अप्रैल 2025) के लिए राज्य की शैक्षणिक संस्थाओं के लिए अवकाश की घोषण की है।

इसमें दशहरा की छुट्टी 6 दिनों की रहेगी, जो 7 से 12 अक्टूबर तक होगी। दीपावली अवकाश 28 अक्टूबर से 2 नवंबर तक रहेगा। शीतकालीन अवकाश 23 से 28 दिसंबर तक रहेगा। इस तरह गर्मी की छुट्टियां 1 मई से 15 जून 2025 तक 46 दिन की रहेगी।
नक्सल हिंसा से पीड़ित बस्तर के लोगों से मिले गृह मंत्री अमित शाह, दोहराया 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने का मोदी सरकार का संकल्प…
नई दिल्ली-  नक्सली हिंसा की वजह से अपने परिजनों को खोने वाले, अपाहिज होने वाले छत्तीसगढ़ के पीड़ितों से गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने नक्सल हिंसा के साथ विचारधारा को जड़ से उखाड़ फेंकने के सरकार के संकल्प को दोहराया.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने बस्तर के 4 जिलों को छोड़कर पूरे देश में नक्सलवाद को खत्म करने में सफल रही है. इस देश में नक्सलवाद को अंतिम विदाई देने के लिए 31 मार्च 2026 की तारीख तय की गई है. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि उससे पहले नक्सलवाद को खत्म कर दिया जाएगा. मैं नक्सलियों से अपील करता हूं कि वे कानून के सामने आत्मसमर्पण करें. अपने हथियार को छोड़ दें.

बता दें कि नक्सली हिंसा से पीड़ित बस्तर के लोगों के एक समूह ने इलाके में न्याय और शांति की मांग को लेकर गुरुवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था. ‘बस्तर शांति समिति’ के बैनर तले समूह ने कर्तव्य पथ से अपना प्रदर्शन शुरू किया और दोपहर तक जंतर-मंतर पहुंचा.

बस्तर शांति समिति के समन्वयक मंगूराम कवाडे ने चर्चा में कहा कि हम दशकों से नक्सली हिंसा से पीड़ित हैं. हमारे गांव तबाह हो गए हैं और हमारा क्षेत्र विकास से वंचित रह गया है.’ हम मांग करते हैं कि बस्तर की आवाज सुनी जाए और हमारे लोगों को लगातार हो रही इस हिंसा से मुक्त कराया जाए.