घटने लगा है गंगा का जलस्तर, अभी भी बरती जा रही है कई इलाकों में चौकसी
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श्रीप्रकाश यादव
चंदौली/ गंगा का जलस्तर ठहरने के बाद धीरे-धीरे उतरने लगा है लेकिन बाढ़ प्रभावित इलाकों में दुश्वारियां कम नहीं हुई। प्रति घंटे एक सेंटीमीटर की गति से पानी नीचे जा रहा है।
आपको बता दें कि बुधवार को शाम छह बजे तक गंगा का जलस्तर 70.53 मीटर पर पहुंच गया, जो मंगलवार को 70.83 मीटर था। यानी 24 घंटे में 30 सेंटीमीटर पानी घटा है। वहीं, कटान में तेजी आई है। कुंडा खुर्द गांव में जियो टेक्सटाइल ट्यूब कटर का बोर्ड गंगा में समा गया। पिछले एक सप्ताह से गंगा का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा था। 15 सितंबर को गंगा चेतावनी बिंदु को पार कर खतरे के निशान की ओर बढ़ रही थी। तटवर्ती इलाके के लोगों ने राहत शिविरों की शरण ली। मंगलवार से गंगा में बढ़ाव थमने के बाद जलस्तर घटने लगा है।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बुधवार को शाम चार बजे तक गंगा का जलस्तर 70.53 मीटर पर रहा। वहीं, तटवर्ती गांवों के लोग अभी भी राहत शिविरों के साथ ऊंचे स्थानों पर ठहरे हुए हैं। टांडा कला क्षेत्र के महुअर कला, पूरा विजयी, पूरा गनेश, चकरा, सोनबरसा टांडाकला, टांडाखुर्द, सरौली, महमदपुर, जमालपुर, हसनपुर, भूसौला, सरैया आदि गांवों के लोग अभी अपने घर नहीं लौटे। वहीं, बाढ़ के कारण तीन दिनों से सूजाबाद वार्ड के डोमरी क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय में बने राहत शिविर में 17 परिवार ने शरण ली थी। यहां शरणार्थियों को सुबह शाम भोजन के पैकेट तो दिए गए लेकिन बाकी सुविधाओं के लिए वह तरस रहे हैं। चारों तरफ गंदगी फैली है। विद्यालय परिसर में भी सफाई नहीं कराई गई है। शौचालय गंदगी से पटा है। संक्रमण के खतरे तो है ही चिकित्सकीय सुविधाएं भी नहीं है।



श्रीप्रकाश यादव
Sep 20 2024, 13:14
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