सरकार ने हटा दी मणिपुर में अब इंटरनेट से बैन, स्कूलों के खुलने का भी दिन तय
डेस्क: मणिपुर के पांच घाटी जिलों में इंटरनेट पर लगी रोक 6 दिनों के बाद तत्काल प्रभाव से हटा ली गई है। मणिपुर सरकार ने कल से राज्य में स्कूलों को फिर से खोलने का भी आदेश दिया है। राज्य सरकार के आयुक्त (गृह) एन अशोक कुमार ने कहा कि लीज लाइन, वीसैट, ब्रॉडबैंड और वीपीएन सेवाओं सहित इंटरनेट सेवाओं को तुरंत बहाल किया जाना है। इससे पहले, राज्य सरकार ने 12 सितंबर को ब्रॉडबैंड कनेक्शन के जरिए इंटरनेट सेवाओं पर लगा निलंबन हटा लिया था।


कुमार ने अपने आदेश में कहा, "राज्य सरकार ने राज्य में मौजूदा कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की है और मणिपुर राज्य में किसी भी प्रकार के अस्थायी इंटरनेट संस्पेंशन को हटाने का निर्णय लिया है, जो जनहित में निवारक उपाय के रूप में सद्भावनापूर्वक लगाया गया था।" इंटरनेट बैन हटाने के बाद, कुमार ने राज्य के सभी इंटरनेट उपयोगकर्ताओं से ऐसी गतिविधियों से दूर रहने का आग्रह किया, जिनके कारण भविष्य में इंटरनेट प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता हो सकती है।

राज्य सरकार ने 10 सितंबर को घाटी के पांच जिलों - इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग में मोबाइल इंटरनेट और ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। इंफाल में छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद पुलिस के साथ झड़प के बाद राज्य में कानून और व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए प्रतिबंध लगाया गया था।

प्रदर्शनकारी 16 महीने की जातीय हिंसा के बाद राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने की मांग कर रहे थे। उन्होंने सरकार द्वारा उनकी मांगें पूरी किए जाने तक घाटी के इलाकों में अनिश्चितकालीन स्कूल बंद रखने की भी घोषणा की थी। ऐसे में कल यानी 17 सितंबर से सभी स्कूलों को खुलने को कहा गया है।
भोपाल में रानी कमलापति की प्रतिमा के सामने शख्स ने अश्लील गाने पर किया डांस, सांसद ने की NSA लगाने की मांग


डेस्क: एमपी की राजधानी भोपाल में रानी कमलापति की मूर्ति के सामने अश्लील गाने पर नृत्य करने का मामला सामने आया है। वहीं इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सांसद आलोक शर्मा ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। रानी कमलापति की मूर्ति के सामने अश्लील डांस का वीडियो वायरल होने के बाद हिंदूवादी संगठनों और नेताओं में रोष व्याप्त है। सांसद आलोक शर्मा ने वीरांगना रानी की प्रतिमा के सामने अश्लील और आपत्तिजनक जाने पर डांस करने वाले युवक के खिलाफ एनएसए लगाने की मांग की है। इस मामले में आज भोपाल के सांसद आलोक शर्मा ने पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र को ज्ञापन सौपा है।


सांसद आलोक शर्मा ने आरोपी के खिलाफ एनएसए लगाने की मांग करते हुए कहा कि महारानी कमलापति की प्रतिमा के सामने एक युवक के द्वारा अश्लील गाने पर नृत्य करके वीडियो बनाया गया। ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने एक युवक को हिरासत में ले लिया है। आरोपी भी पुलिस की 23वीं बटालियन में पदस्थ बताया जा रहा है, जिसका नाम जितेंद्र बताया जा रहा है। सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि यह कृत्य संपूर्ण समाज और राष्ट्र का अपमान है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वीडियो बनाने वाले दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

वहीं पूरे मामले की जानकारी देते हुए पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने बताया कि मामला सामने आने के बाद एक युवक को हिरासत में ले लिया गया है। हालांकि वो डांस के इस वीडियो को बनाने से इनकार कर रहा है, फिर भी तकनीकी आधार पर जांच की जा रही है। मिश्र ने कहा कि ये भी जांच की जा रही है कि वह पुलिस की 23वीं बटालियन में है या नहीं। बता दें कि रानी कमलापति की प्रतिमा के सामने अश्लील गाने पर डांस का वीडियो शनिवार को सामने आया था। इस वायरल वीडियो में भोपाल की रानी कमलापति का अपमान किया गया। ये वीडियो गिन्नोरी में स्थापित रानी कमलापति की मूर्ति के सामने बनाया गया था।
मुसलमान और मस्जिदों के खिलाफ उत्तराखंड में क्यों मचा है बवाल, उत्तरकाशी से चमोली तक सड़कों पर उतरे लोग

 

डेस्क: उत्तराखंड में लगातार आपराधिक मामले सामने आ रहे हैं जैसे कि महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करना व दुष्कर्म जैसे गंभीर मामले, चोरी-लूटपाट जैसी वारदातें, प्रदेश के लोग इन आपराधों और वारदातों को लेकर आक्रोशित हो रहे हैं. अलग अलग जिलों की बात करें तो उत्तरकाशी में मुस्लिम समुदाय के विरुद्ध प्रदर्शन किया गया.

वहीं एक मस्जिद व मुस्लिम बस्ती को गिराने तक की प्रदर्शनकारियों ने मांग उठा दी. इसके अलावा चमोली जिले के नंदानगर में हाल के समय में सांप्रदायिक अशांति के बीच उत्तरकाशी शहर में एक विरोध जताने वाली रैली का आयोजन किया गया. प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद और मुस्लिम कॉलोनी को ध्वस्त करने तक की मांग उठा दी. बताया जा रहा है कि इस मस्जिद को 1969 में पंजीकृत करवाया गया था. उत्तरकाशी में प्रदर्शनकारियों ने धार्मिक झंडे लहराए व नारे भी लगाए है. मामले की जांच का आश्वासन दिए गए है.

इस तरह के विवादों, विरोधों और गतिरोधों का क्या कारण है इस बारे में समझने की जरूरत है. दरअसल, मस्जिद कॉलोनी के रहने वाले लोग इस संबंध में कई बातें बताते हैं जैसे कि उनके परिवार आठ दशकों से भी अधिक समय से शांति से रह रहे हैं लेकिन एकाएक होने वाले इस तरह के अचानक हुए प्रदर्शन पर हैरानी है, उनका कहना है कि नंदानगर या पुरोला के जैसे ही यहां किसी भी तरह की आपराधिक घटना नहीं जिसके लिए ऐसा प्रदर्शन किया जाता. निवासियों का कहना है कि जिस मस्जिद को अवैध बताया जा रहा है और उसे गिराने की मांग की जा रही है.

वहीं, दूसरी ओर ये भी बताया जा रहा है कि साल 1969 में इस मस्जिद को पंजीकृत किया गया. इस घटना से वहां के मुस्लिम परिवारों डर फैला हुआ है, डरे हुए मुस्लिम परिवार सुरक्षा की मांग कर रहे हैं और इसके लिए एसपी से मुलाकात की. कई हिंदु परिवार भी जो इस तरह के प्रदर्शन से हैरानी में है. यहां के परिवारों का कहना है कि लोग यहां पर मिल-जुलकर रह रहे हैं. ये नहीं पता है कि ये प्रदर्शनकारी कौन थे.

इस बीच, सीएम पुष्कर सिंह धामी की ओर से भी उत्तराखंड के कई जिलों में फैले इस अशांति को लेकर बयान दिया गया. उत्तराखंड के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने वाले आपराधिक तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के लोग शान्तिप्रिय हैं, अगर आपराधिक प्रवृत्ति के लोग यहां आकर शांत वादियों में अशांति फैलाएंगे व कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करेंगे तो इसको देवभूमि में बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसे आपराधिक तत्वों की पहचान के लिए वृहद सत्यापन अभियान जारी है. सीएम धामी ने कहा कि कानून अपना काम करेगा.  हम अपराधियों के साथ सख्ती से निपटेंगे.

उत्तरकाशी के एसपी अमित श्रीवास्तव ने इस संबंध में जानकारी दी है कि वह मामले की जांच तो कराएंगे ही इसके साथ ही इस बारे में उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी. वहीं दूसरी ओर राज्य में पिछले कुछ माह में हो रही सांप्रदायिक अशांति की घटनाओं पर गौर करने करते हुए हाई कोर्ट में मुस्लिम सेवा संगठन ने जाने का निर्णय लिया है. संगठन ने हाई कोर्ट से अल्पसंख्यक अधिकारों का रक्षण करने की अपील भी की है.
दिल्ली मेट्रो में करीब 50 मुस्लिम चढ़े और दावा किया कि "अब दिल्ली मेट्रो नया शाहीन बाग है, आने वाले दिनों में वे मेट्रो में नमाज भी पढ़ेंगे"


डेस्क: दिल्ली मेट्रो से एक चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आईं हैं। दरअसल दिल्ली मेट्रो में उद्योग भवन मेट्रो स्टेशन पर मुस्लिम भीड़ को "नारे-ए-..." और "अल्लाह की ताकत, अली अली" जैसे इस्लामी नारे लगाते हुए साथी यात्रियों द्वारा रिकॉर्ड किया गया। 

अन्य यात्रियों के अनुसार, जोर बाग स्टेशन पर करीब 50 इस्लामवादी मेट्रो में चढ़े। इस्लामवादियों को "मकसद-ए-कर्बला" जैसे नारे लिखी शर्ट पहने हुए भी देखा गया। 

एक साथी यात्री ने ऑफ रिकॉर्ड कहा कि "अब दिल्ली मेट्रो नया शाहीन बाग है, आने वाले दिनों में वे मेट्रो में नमाज भी पढ़ेंगे"।

ओला ग्राहक ने पेट्रोल छिड़क कर बाइक शोरूम में लगाई आग, शो रूम से रिस्पॉन्स नहीं मिलने के कारण था नाराज

डेस्क: कर्नाटक के कलबुर्गी से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां हुमनाबाद रोड पर मौजूद बाइक शोरूम में आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि इसकी लपटों में शोरूम को भारी नुकसान हुआ और वहां मौजूद सारी बाइक जल गईं। जानकारी के अनुसार आग कल सुबह लगी थी। पुलिस ने इस घटना के आरोपी नदीम को अरेस्ट कर लिया है।

मिली जानकारी के अनुसार पहले ये कहा गया कि एक ग्राहक ने तीन दिन पहले ओला इलेक्ट्रिक बाइक खरीदी थी, उस बाइक में कुछ गड़बड़ी थी। मोहम्मद नदीम नाम का ग्राहक रोज बाइक को शोरूम ला रहा था। मंगलवार को जब नदीम अपनी बाइक लेकर आया तो उस वक्त वहां शॉर्ट सर्किट हो गया और शो रूम में आग लग गई। लेकिन कुछ देर बाद सच्चाई सामने आ गई जिसने सभी को चौंका दिया।

दरअसल, नदीम खुद पुलिस स्टेशन गया और कहा कि शो रूम में उसने खुद आग लगाई है। आरोपी ने पुलिस को बताया कि तीन दिन पहले शो रूम से जो इलेक्ट्रिक ओला बाइक उसने खरीदी थी उसमें कुछ गड़बड़ी थी। उसने बताया कि शो रूम से उसे कोई रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा था जिससे वो बेहद नाराज हो गया और कल सुबह उसने पेट्रोल छिड़ककर शोरूम में आग लगा दी।
संजौली मस्जिद के विरोध में बेकाबू हुई भीड़, लाठीचार्ज, वॉटर कैनन का इस्तेमाल… तोड़ डाले पुलिस बैरिकेड


डेस्क: शिमला की संजौली मस्जिद को लेकर विवाद और ज्यादा गहरा गया है। प्रदर्शन कर रहे हिंदू संगठनों ने अब पुलिस बैरिकेड तोड़ डाले हैं, वे आगे की तरफ बढ़ चुके हैं। मस्जिद से कुछ दूर ही अब विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। असल में विरोध कर रही भीड़ मस्जिद के पास जाना चाहती है, वहां प्रदर्शन करना चाहती है, लेकिन पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी। दावा तो हुआ था कि कानून व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में है, लेकिन इस समय भीड़ पुलिस पर ही भारी पड़ती दिख रही है।


अभी तक भीड़ ने कई पुलिस बैरिकेड तोड़ डाले हैं, उनकी तरफ से पुलिस को ही पीछे धकेलने का काम हुआ है। बेकाबू हुई भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को भी बल प्रयोग करना पड़ा है। एक तरफ लाठीचार्ज के जरिए पलटवार हुआ है, दूसरी तरफ वॉटर कैनन के जरिए भी भीड़ को तितर-बितर करने की कवायद दिखी है।

अब इस विवाद को बढ़ता देख हिमाचल सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दो टूक कहा कि अगर जगह अवैध पाई गई तो उस पर उचित कार्रवाई होगी, कानून के दायरे में रहकर एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने यहां तक कहा है कि संघ और हिंदू लोगों की भावनाओं की कद्र है, लेकिन कानून व्यवस्था को बिगड़ने नहीं दिया जा सकता। उनके मुताबिक यह मामला अभी कोर्ट में है और अगर कुछ भी अवैध पाया गया तो एक्शन होगा।

जानकारी के लिए बता दें कि इस मस्जिद को लेकर कहा जा रहा है कि यह 1947 से भी पुरानी है, पहले यहां पर एक टेलर की दुकान थी, फिर लोगों ने ही चंदा देकर मस्जिद का निर्माण करवाया। अब शिमला का नियम है जिसमें साफ कहा गया है कि आप ढाई मंजिल से ज्यादा बड़ी कोई भी इमारत खड़ी नहीं कर सकते। लेकिन जिस संजौली मस्जिद की बात हो रही है, वो वर्तमान में पांच मंजिल की बन चुकी है।

एक कागज तो ये भी बताता है कि जिस जमीन पर मस्जिद बनी है, 1967 से वो हिमाचल सरकार के पास है। इसके ऊपर किसी भी सरकारी जमीन पर अगर धार्मिक स्थल का निर्माण होना भी है, तो उसके कुछ नियम होते हैं। अगर उन नियमों का पालन होगा तो कोई विवाद नहीं, लेकिन अगर नियमों को ही ताक पर रखा जाएगा तो बवाल की स्थिति बन सकती है।
बागपत के गुलजार होटल में थूक लगाकर रोटी सेंक रहा था शख्स, वायरल वीडियो देखकर लोगों का फूटा गुस्सा


डेस्क: यूपी के बागपत से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां के गुलजार होटल का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें एक शख्स थूक लगाकर रोटी सेंकते हुए नजर आ रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि शख्स रोटी को सेंकने से पहले उस पर थूकता है और फिर उसे सेंक देता है। इस वीडियो के सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है और उन्होंने आरोपी शख्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। मामला बागपत शहर कोतवाली क्षेत्र के दिल्ली-सहारनपुर रोड पर स्थित गुलजार होटल का है।


ग्रेटर नोएडा से भी सामने आया था ऐसा मामला
इससे पहले यूपी के ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा इलाके में स्थित एक होटल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। जिसमें एक मुस्लिम युवक को रोटी पर थूक कर उसे तंदूर में सेंकते हुए देखा गया था। आरोप है कि मुस्लिम युवक रोटी पर थूकने के बाद उसे तंदूर में सेंक रहा था। इस मामले का वीडियो वहीं होटल में खाना खाने आए एक युवक ने बना लिया था। जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा था। वीडियो के वायरल होने के बाद लोगों पुलिस ने इस मामले पर तत्काल संज्ञान लेते हुए आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया था।

होटल पर रोटी बनाने वाले खानसामा का नाम चांद था। रबूपुरा थाना क्षेत्र में महाराणा प्रताप चौराहे के पास एवन नाम से एक मुस्लिम होटल है। जहां ये मुस्लिम युवक रोटी बनाने के दौरान पहले रोटियों पर थूक रहा था और फिर उन्हें तंदूर में डालकर सेंक रहा था। रात्रि में कुछ लोग खाना खाने आये और उन्होंने उस युवक को तंदूर पर रोटी में थूककर उन्हें सेंकते हुए देख लिया। जिसके बाद उन्होंने इस घटना का वीडियो अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया।

वीडियो बना रहे शख्स ने बताया कि वे लोग ए-वन नाम के मुस्लिम होटल के सामने स्थित एक शाकाहारी होटल में खाना खाने पहुंचे थे। मुस्लिम होटल और शाकाहारी होटल का रोटी सेंकने वाला तंदूर एक ही था। मेरे साथ मेरे पांच दोस्त थे, हम सब लोग बैठकर होटल में खाना खा ही रहे थे कि इस दौरान हमने देखा कि रोटी बनाने वाला मुस्लिम युवक रोटी में थूक कर उन्हें सेंक रहा है।
दिल्ली में झाड़-फूंक के बहाने 7 साल की मासूम से कब्रिस्तान के अंदर रेप, 51 रुपये देकर बोला तांत्रिक- किसी को बताया तो पापा मर जाएंगे


डेस्क: दिल्ली के रोहिणी में एक फर्जी तांत्रिक ने सात साल की मासूम बच्ची के साथ पहले रेप किया और फिर बच्ची को डराया कि अगर उसने इसके बारे में किसी को भी बताया तो उसका बीमार पिता मर जाएगा. इतना ही नहीं तांत्रिक ने बच्ची को 51 रुपये भी दिए. इस मामले में शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी तांत्रिक को गिरफ्तार कर लिया है. 

रोहिणी में पुलिस ने मोहम्मद शरीफ (51) नाम के फर्जी तांत्रिक को गिरफ्तार किया है, जिसने मासूम बच्ची के साथ बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया. ये तांत्रिक कब्रिस्तान के पास ही रहता था और लोगों को विश्वास दिलाता था कि वो एक पहुंचा हुआ तांत्रिक है.

राजौरी गार्डन में ढाबे पर युवक को घोंप दिया था कबाब वाला सूआ, कत्ल के आरोप में 3 अरेस्ट
ये शर्मनाक घटना बीते सोमवार यानी 26 अगस्त की है. मासूम बच्ची अपने तीन भाई बहनों और पिता के साथ कंझावला में रहती है. बच्ची के पिता सब्जी की रेहड़ी लगाते हैं जबकि मां की मौत हो चुकी है. सोमवार के दिन बच्ची के पिता की तबीयत खराब थी, जिस पर फर्जी तांत्रिक शरीफ उन्हें देखने आया था. जाते वक्त उसने कहा कि राशन और झाड़-फूंक के लिए इस बच्ची को भेज देना.

पिता ने बच्ची के साथ उसके भाई को भेज दिया. भाई कुछ देर में वापस आ गया और बोला कि बहन को शरीफ ने झाड़ फूंक के लिए रोक लिया है. थोड़ी देर में बच्ची वापस आ गई, लेकिन वो चुप थी. अगले दिन मंगलवार को उसकी तबीयत खराब हो गई. जब उसे हॉस्पिटल ले जाया गया तो सेक्सुअल एसॉल्ट की बात सामने आई.

फिर पुलिस को शिकायत दी गई, जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी ने बच्ची के साथ गलत काम करने के बाद धमकी भी दी थी कि अगर उसने किसी को कुछ बताया तो उसके बीमार पिता की मौत हो जाएगी. तांत्रिक ने जाते समय बच्ची को 51 रुपये भी दिए थे और कहा कि जाओ अब पापा सही हो जाएंगे.
क्या बांग्लादेश की तरह भारत को भी तोड़ने की कोशिश कर रहा है अमेरिका, पढ़िए खास रिर्पोट

डेस्क: विश्व के अनेकों देश बर्बाद हुए यदि ध्यान से देखें तो इन देशों को बर्बाद करने के पीछे विश्व की कथित महाशक्ति अर्थात सुपर पावर अमेरिका का हाथ रहा है। अमेरिका ने आतंकवाद को पोषित किया अमेरिका ने अपनी कई एजेंसीज के माध्यम से अनेकों देशों में अंतर्कलह करवाई और देशों को बर्बाद कर दिया। अब ऐसा ही षड्यंत्र भारत के साथ हो रहा है भारत की राष्ट्र प्रेमी जनता को सावधान रहना चाहिए।


26 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन ने कई विषयों पर चर्चा करने के लिए टेलीफोन पर बातचीत की। इस बातचीत से कुछ घंटे पहले, अमेरिकी राजनयिकों ने जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं से मुलाकात की। हाल के दिनों में भारतीय विपक्षी नेताओं और अमेरिकी राजनयिकों के बीच की मुलाकातें पहले की तुलना में अधिक बार सुर्खियों में रही हैं, जिससे भारतीय लोकतंत्र में संभावित अमेरिकी हस्तक्षेप पर चिंता बढ़ गई है।

ऐसी खबरें आई हैं कि अमेरिकी राजनयिकों ने प्रदर्शनकारी किसान नेताओं भी से मुलाकात की, जिसे भारत के आंतरिक मामलों में दखलंदाजी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक मामलों के मंत्री-सलाहकार ग्राहम मेयर और फर्स्ट सेक्रेटरी गैरी एप्पलगार्थ सहित संयुक्त राज्य अमेरिका के राजनयिकों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की। यह मुलाकात अब्दुल्ला के श्रीनगर में गुपकार रोड स्थित आवास पर हुई। कथित तौर पर बैठक के दौरान नेताओं और राजनयिकों ने जम्मू-कश्मीर और सामान्य रूप से क्षेत्र से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की।

एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के लिए ट्रैवल एडवायजरी पर फिर से विचार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में प्रतिबंधों में ढील दी गई है। उन्होंने विदेशी पर्यटकों को जम्मू-कश्मीर की संस्कृति और सुंदरता का प्रत्यक्ष अनुभव करने के लिए यहाँ आने के लिए प्रोत्साहित किया।


मीडिया से बात करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता और संचार प्रमुख तनवीर सादिक ने कहा कि बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर और सामान्य रूप से इस क्षेत्र से संबंधित कई विषयों पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि राजनीतिक सलाहकार अभिराम भी अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।


नेशनल कॉन्फ्रेंस की ओर से सांसद और वरिष्ठ एनसी नेता रूहुल्लाह मेहदी भी बैठक में मौजूद थे। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बताया कि अब्दुल्ला ने राजनयिकों को अपने परिवारों के साथ कश्मीर आने के लिए आमंत्रित किया, ताकि अमेरिका और अन्य देशों के अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के बीच विश्वास पैदा करने के लिए पहला कदम उठाया जा सके।

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा, “इस चर्चा में जम्मू-कश्मीर और सामान्य रूप से इस क्षेत्र से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा हुई। उमर अब्दुल्ला ने राजनयिकों को प्रतिबंधों को कम करने के उद्देश्य से जम्मू-कश्मीर के लिए ट्रैवल एडवायजरी पर फिर से विचार करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने दुनिया भर के लोगों को कश्मीर आने और इसकी सुंदरता और संस्कृति का प्रत्यक्ष अनुभव करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने राजनयिकों को संयुक्त राज्य अमेरिका और दुनिया के अन्य हिस्सों से आने वाले पर्यटकों के बीच विश्वास जगाने के लिए पहले कदम के रूप में अपने परिवारों के साथ कश्मीर आने के लिए आमंत्रित किया।”

हालाँकि अमेरिकी राजनयिकों की कश्मीर यात्रा “दोस्ताना” लग सकती है, लेकिन यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि अकेले अगस्त में अमेरिकी राजनयिकों ने पर्दे के पीछे कई भारतीय नेताओं से मुलाकात की है। 14 अगस्त को स्पुतनिक इंडिया ने जेनिफर लार्सन और भारतीय विपक्षी नेताओं के बीच बैठकों पर प्रकाश डालते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की।

लार्सन हैदराबाद में अमेरिकी मिशन की प्रभारी अमेरिकी महावाणिज्यदूत हैं। उन्होंने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से मुलाकात की। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, “सांसद और एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी, आपके दयालु आतिथ्य और साझा मुद्दों और चिंताओं से जुड़े महत्वपूर्ण विचारों को साझा करने के लिए धन्यवाद। मैं हमारी चर्चाओं को जारी रखने के लिए उत्सुक हूँ!”


अमेरिकी राजनयिक ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू से भी मुलाकात की। एक्स पर उन्होंने लिखा, “आज आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू से मिलना सम्मान की बात थी। मैं राज्य के लिए उनके दृष्टिकोण की बहुत प्रशंसा करती हूं और उनसे पूरी तरह सहमत हूँ कि संयुक्त राज्य अमेरिका और आंध्र प्रदेश को व्यापार, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और लोगों के बीच व्यापक संबंधों को मजबूत करने जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एक साथ काम करना जारी रखना चाहिए।”

इसके अलावा उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मुलाकात की। एक्स पर उन्होंने लिखा, “तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के साथ मेरी एक बेहतरीन मुलाकात हुई। यह मुलाकात नए निवेश जुटाने के लिए अमेरिका जाने से ठीक पहले की है। हैदराबाद में करीब 200 अमेरिकी कंपनियाँ हैं और एआई जैसे कई हाई-एंड टेक सेक्टर में लगातार अधिक से अधिक कंपनियों को आकर्षित कर रही हैं, जो अमेरिका-भारत व्यापार में उछाल की सफलता की कहानी में योगदान दे रही हैं। मैंने सीएम रेड्डी को उनके प्रयासों में बहुत सफलता की कामना की और हमारे सहयोग को आगे बढ़ाने का वादा किया!”

उल्लेखनीय है कि उन्होंने जुलाई में भी AIMIM प्रमुख और तेलंगाना के मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। एक्स पर उन्होंने लिखा, “कुतुब शाही हेरिटेज पार्क के पूरा होने के समारोह में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, पर्यटन और संस्कृति मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव, हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी और प्रिंस रहीम आगा खान के साथ शामिल होना बहुत ही शानदार अनुभव था, और मुझे इस बात पर गर्व है कि हैदराबाद के इन खूबसूरत, ऐतिहासिक स्मारकों के जीर्णोद्धार में अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास ने सहायक भूमिका निभाई। यह पिछले कुछ साल में अमेरिका-तेलंगाना के बीच सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने की कहानी कहता है!”

अमेरिकी राजनयिकों और भारतीय विपक्षी नेताओं के बीच हाल ही में हुई बैठकों को लेकर विशेषज्ञ इस बात की चिंता जता रहे हैं कि अमेरिका भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश कर रहा है और यह आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के संदर्भ में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। बांग्लादेश में पहले कथित अमेरिकी दखल के समान ही एक समानता देखी जा सकती है, जहाँ रिपोर्ट बताती है कि शेख हसीना की सरकार को गिराने में यूएसएआईडी और अन्य विदेशी हित शामिल हो सकते हैं।

हसीना के खिलाफ प्रतिरोध आंदोलनों को अमेरिका द्वारा समर्थन दिए जाने के आरोप सामने आए हैं, जिसके कारण बांग्लादेश में तनाव और अशांति बढ़ी है। ये कार्रवाइयाँ अमेरिका द्वारा बार-बार किए जाने वाले आचरण का संकेत हैं, जहाँ वह संप्रभु राज्यों की स्थानीय राजनीति को प्रभावित करने के लिए अपनी कूटनीतिक ताकत का इस्तेमाल करता है।

इस पृष्ठभूमि के मद्देनजर, अमेरिकी राजनयिकों और भारतीय विपक्ष के बीच इस तरह की बातचीत कुछ लोगों के लिए संदेहास्पद हो सकती है, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर की संवेदनशील स्थिति को देखते हुए, जहाँ कोई भी बाहरी ताकत क्षेत्र की राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए तीन चरणों में मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 18 सितंबर, दूसरे चरण का 25 सितंबर और तीसरे चरण का मतदान 1 अक्टूबर को होगा। मतगणना 4 अक्टूबर को होगी। जम्मू-कश्मीर में कड़ी सुरक्षा के बीच विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार धीरे-धीरे जोर पकड़ रहा है।

खबरों के मुताबिक, कॉन्ग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा कर लिया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस 90 में से 51 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि कॉन्ग्रेस 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पाँच सीटों पर “दोस्ताना” मुकाबला होगा। एक सीट सीपीआई(एम) और पैंथर्स पार्टी को आवंटित की गई है। अब तक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने चुनाव के लिए 45 उम्मीदवारों की घोषणा की है।
'हमें आपका जवाब नहीं मिला', ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखी दूसरी चिट्ठी, महिला सुरक्षा को लेकर की ये मांग


डेस्क : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर महिला सुरक्षा को प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। ममता ने इस चिट्ठी में महिला सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार से कड़े कानून बनाने की सिफारिश की है।ममता बनर्जी ने बलात्कार की घटनाओं पर कड़े केंद्रीय कानून की आवश्यकता और ऐसे अपराधों के अपराधियों को कड़ी सजा देने के संबंध में 22 अगस्त को भेजी अपनी चिट्ठी का उल्लेख किया है।

ममता ने लिखा कि इस चिट्ठी पर आपका कोई जवाब नहीं मिला लेकिन मुझे भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री की ओर से एक चिट्ठी मिली है। लेकिन इसमें मेरे द्वारा उठाए गए मुद्दे की गंभीरता पर ध्यान नहीं दिया गया है। मेरा विचार है कि इस सामान्य उत्तर को भेजते समय विषय की गंभीरता और समाज के लिए इसकी प्रासंगिकता पर पर्याप्त ध्यान नही दिया गया।

इतना ही नहीं महिला सुरक्षा को लेकर हमारे राज्य द्वारा पहले ही की गई कुछ पहलों का भी उल्लेख करूंगी जिन्हें उत्तर में नजरअंदाज कर दिया गया है। फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (एफटीएससी) के संबंध में राज्य सरकार द्वारा 10 विशिष्ट पॉक्सो कोर्ट को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, 88 एफटीएससी और 62 पोक्सो कोर्ट पूर्ण रूप से राज्य भर में कार्य कर रहे हैं। मामलों की निगरानी और निपटारा पूरी तरह से कोर्ट के हाथ में है।

केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, केवल सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों को एफटीएससी में पीठासीन अधिकारी के रूप में तैनात किया जा सकता है, लेकिन माननीय उच्च न्यायालय ने कहा है कि मामलों की गंभीरता को देखते हुए, स्थायी न्यायिक अधिकारियों को तैनात करने की आवश्यकता है। इसके लिए भारत सरकार के स्तर पर उचित कार्रवाई की आवश्यकता है, जिसके लिए आपका हस्तक्षेप आवश्यक होगा।

इसके अलावा, राज्य में हेल्पलाइन नंबर 112 और 1098 संतोषजनक ढंग से काम कर रहे हैं। आपातकालीन हालात में डायल 100 का भी बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। मैं यह दोहराना चाहती हूं कि ट्रायल अधिकारियों द्वारा एक निश्चित समय-सीमा में मामलों के निपटारे के लिए अनिवार्य प्रावधान किया जाए। साथ ही बलात्कार/बलात्कार और हत्या के जघन्य अपराधों पर एक कठोर केंद्रीय कानून और अनुकरणीय सजा पर विचार करें। मुझे आशा है कि व्यापक रूप से हमारे समाज के हित में इस मामले पर आपकी ओर से बहुत ध्यान दिया जाएगा। बता दें कि ममता बनर्जी ने इससे पहले 22 अगस्त को भी पीएम मोदी चिट्ठी लिखकर रेप जैसे घिनौने अपराध के लिए कठोर केंद्रीय कानून बनाने की मांग की थी।