अमीर-गरीब सबको मिलेगा निःशुल्क आयुष्मान योजना का लाभ, आईए जानते हैं बुजुर्गों को कौन-कौन सी बीमारियों में मिलेगा लाभ
सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत देते हुए 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को आयुष्मान योजना का लाभ देने का फैसला किया है, ऐसे में बुजुर्गों को अपना इलाज कराने में बड़ी सुविधा होगी साथ ही उनका बड़ी बीमारियों में फ्री इलाज होगा। आइए जानते हैं कि बुजुर्गों को किन बीमारियों में इस योजना का लाभ मिलेगा।
केंद्र सरकार ने बुजुर्गों को बड़ी राहत देते हुए 70 साल से अधिक उम्र वालों को भारत की सबसे बड़ी सरकारी हेल्थ योजना का लाभ देने का फैसला लिया है। इस फैसले के तहत आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य स्कीम में बड़ा बदलाव किया गया है। जहां ये योजना पहले सिर्फ गरीबों के लिए थी वहीं अब 70 साल से ऊपर के अमीर बुजुर्ग भी इसका लाभ उठा पाएंगें।12 सितंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला लिया गया है।
बुजुर्गों को हेल्थ इंश्योरेंस कवर
अक्सर बुजुर्गों में बढ़ती उम्र के साथ कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है ऐसे में कोई आमदनी न होने की वजह से बुजुर्गों का ठीक से इलाज नहीं हो पाता। ऐसे में इस कवर के तहत बुजुर्ग ठीक से अपना इलाज कराने की स्थिति में होंगे। ये 5 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस कवर हर सरकारी और कुछ चुनिंदा प्राइवेट अस्पतालों में मिलेगा जहां इस योजना का लाभ कवर हो। ऐसे में किसी भी बड़ी बीमारी से बचाव की गुंजाइश पहले के मुकाबले बढ़ जाएगी।
बढ़ती उम्र के साथ बीमारियां
बुजुर्गों में बढ़ती उम्र के साथ कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है जिसका इलाज अपेक्षाकृत महंगा हो जाता है। इसमें सबसे ऊपर है हार्ट संबंधी बीमारियां। बुजुर्गों में अक्सर हाई ब्लड प्रेशर और डायबीटिज के चलते बढ़ती उम्र में हार्ट की गंभीर समस्याएं देखने को मिलती है जिसमें सर्जरी और इलाज में लाखों रूपये का खर्च होता है।
इसके बाद दूसरी गंभीर बीमारी है कैंसर जिसमें पुरुषों को इस उम्र में अमूमन प्रोस्टेट कैंसर और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है।कैंसर का इलाज भी काफी महंगा होता है ऐसे में ये योजना इन लोगों के लिए काफी हितकारी साबित होगी।
हार्ट डिजीज और कैंसर के अलावा इस उम्र में अक्सर बुजुर्गों में आर्थराइटिस और गठिया की समस्या देखने को मिलती है । हालांकि इसका इलाज इतना महंगा नहीं है लेकिन ये समस्या बुजुर्गों को काफी लंबे समय तक परेशान करती है जिसके लिए समय पर दवाई लेना आवश्यक हो जाता है।
मोतियाबिंद और डिमेंशिया
आंखों की समस्या भी बढ़ती उम्र के साथ बेहद आम है, इसमें ज्यादातर मामलों में बुजुर्गों को मोतियाबिंद की शिकायत हो जाती है जिसका इलाज सर्जरी के द्वारा किया जाता है। इसकी सर्जरी में भी काफी पैसा खर्च होता है। इन समस्याओं के अलावा डेमेंशिया की बीमारी भी बुजुर्गों में काफी अधिक देखी जाती है। जिसमें न्यूरोलॉजिक्ल समस्याओं के कारण बुजुर्गों की याद्दाश्त कमजोर हो जाती है जिससे उन्हें कोई बात याद रखना बेहद मुश्किल हो जाता है।
ये सभी समस्याएं बढ़ती उम्र में काफी सामान्य हैं इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज की समस्याएं बेहद आम है। इन उपरोक्त समस्याओं को देखते हुए सरकार का ये फैसला बुजुर्गों के पक्ष में काफी हितकारी साबित होगा। जिसकी मदद से बुजुर्ग अपना बेहतर इलाज कराने की स्थिति में होंगे ।
योजना के तहत इन बीमारियों का कवरेज
इस योजना के तहत बुजुर्गों में होने वाली कई बड़ी और अहम बीमारियों का फ्री में इलाज कराया जा सकेगा।इसमें कैंसर जैसी बड़ी बीमारी के साथ हार्ट डीजिज, किडनी डिजीज, लंग डिजीज और मोतियाबिंद जैसी बीमारियां भी कवर होंगी।



हमेशा इस बात को लेकर सवाल किया जाता है कि पुरुषों और महिलाओं में ज्यादा बेहतर कौन है। इसे लेकर डिबेट भी होती रहती हैं। इसपर चाणक्य नीति में भी कई सारी बातें की गई हैं। चाणक्य अपनी नीति में बताते हैं कि महिलाओं में पुरुषों से ज्यादा गुण होते हैं। महिलाएं कई मामलों में पुरुषों से मजबूत होती हैं। पुरुष हमेशा इस भ्रम में रहते हैं कि वे ज्यादा ताकतवर हैं। चाणक्य ने महिलाओं के 4 ऐसे गुण बताए हैं जो उन्हें पुरुषों से प्रबल बनाते हैं।
फल खाना हमारी सेहत के लिए अच्छा होता है। फल न्यूट्रिशन्स से भरपूर होते हैं इसलिए इन्हें खाने की सलाह दी जाती है। फलों को एनर्जी और न्यूट्रिशन्स का पावर हाउस कहा जाता है। फल खाने चाहिए इसमें बेशक कोई दोराय नहीं है लेकिन फल खाने के टाइम को लेकर कई राय हैं। कुछ लोग सुबह नाश्ते में फल खाते हैं, कुछ लंच या डिनर के बाद फल लेते हैं तो वहीं कुछ लोग शाम के वक्त फल खाना प्रेफर करते हैं। फलों को खाने का सही समय क्या है, एक्सपर्ट्स की इस बारे में अलग-अलग राय है। खासकर, क्या मील्स के बाद फल खाने चाहिए, ये सवाल अक्सर पूछा जाता है।
लक्ष्मी मां को शास्त्रों में धन का प्रतीक माना गया है। ऐसा माना जाता है कि जब लक्ष्मी मां खुश होती हैं तो धन की वर्षा होती है।कई बार ऐसा देखा गया है कि किसी के पास हमेशा पैसों की दिक्कत बनी रहती है।जबकी कई बार ऐसा भी देखने को मिला है कि किसी पर अचानक लक्ष्मी जी की कृपा बनती है और वो अमीर हो जाता है। इंसान को सपने में कई तरह की चीजें दिखती हैं।अगर इंसान को सपने में ये 5 चीजें दिखने लग जाएं तो इसे इस बात का संकेत मान लेना चाहिए कि उसके दिन बदलने वाले हैं और वो अमीर होने वाला है।
व्रत में ज्यादातर लोग मिल्क शेक और फलों के साथ दही का सेवन करते हैं। लेकिन यह आपके पेट के लिए नुकसानदायक हो सकता है। डेयरी प्रोडक्ट्स में हाई फैट और प्रोटीन होता है, जो फलों के साथ देर से डाइजेस्ट होता है। फलों में मौजूद एसिड्स और एन्जाइम्स दूध के साथ पाचन की प्रक्रिया पर असर डाल सकते हैं। पाचन प्रक्रिया पर असर पड़ने से पेट की समस्या हो सकती है, जिसमें गैस, ब्लोटिंग और बदहजमी भी शामिल है। व्रत में दूध और दूध से बनी चीजों का सेवन, फलों के साथ नहीं बल्कि 2 घंटे के गैप में किया जा सकता है।
आयुर्वेद के मुताबिक, सूरज ढलने के बाद यानी शाम के समय कच्चा भोजन करने से बचना चाहिए। क्योंकि उसका डाइजेशन करना मुश्किल होता है, कच्चा खाने में सलाद, फल और अधपकी सब्जियां भी शामिल हैं। अधपके भोजन का अगर शाम के समय सेवन किया जाए तो गैस और ब्लोटिंग जैसी परेशानी हो सकती है। अगर आप फल और सालाद का सेवन कर रहे हैं, तो उन्हें दिन में 12 से 4 बजे के बीच खाने की कोशिश करें।शाम 4 बजे के बाद फलों का सेवननहीं करने से बचना चाहिए।
व्रत में कई लोग बहुत ज्यादा तला-भुना भोजन करते हैं। कई लोग चिप्स, पूरी, टिक्की और तले हुए आलू खाते हैं लेकिन इनमें हाई फैट कंटेंट होता है जो सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। ज्यादा तला-भुना भोजन करने से वजन और दिल की बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है। इसलिए कोशिश करें कि व्रत में तले-भुने भोजन की जगह उन चीजों का सेवन करें, जो बेक्ड या रोस्टेड हों।
व्रत में मिठाई और चीनी से बनी चीजों का बहुत ज्यादा सेवन करना आपके शरीर को हानि पहुंचा सकता है। लिमिट से ज्यादा मीठा वजन तो बढ़ता ही है, साथ ही यह शरीर में इंसुलिन की मात्रा को भी बढ़ा देता है और इससे डायबिटीज की समस्या हो सकती है। व्रत में मिठाई की जगह नेचुरल शुगर वाली चीजों का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। साथ ही चीनी की जगह आप गुड़ और शहद का इस्तेमाल कर सकती हैं।
जब भी बात निवेश की आती है तब सब के दिमाग में पहला ख्याल शेयर मार्केट का आता है ज्यादा रिटर्न के लिए लोग अक्सर शेयर मार्केट में निवेश की सलाह देते है, लेकिन ज्यादा रिटर्न के साथ शेयर मार्केट में ज्यादा रिस्क भी होता है।और ऐसा नहीं है कि ज्यादा रिटर्न के लिए आप शेयर मार्केट का ही रुख करें। आज हम आपको उन बैकों के बारे में बताने जा रहे है जो फिक्ड डिपॉजिट पर ज्यादा इंटरेस्ट रेट दे रहे हैं।
अब आप इन बैंक में फिक्ड डिपॉजिट कर के भी ज्यादा पैसे कमा सकते हैं।वैसे तो बैंक के ये ऑफर सभी के लिए हैं लेकिन सीनियर सिटीजन को प्रायोरिटी दे रहे है । कुछ बैंक तो 10 प्रतिसत तक का रिर्टन दे रहे है । तो आज हम आपको ऐसे 5 बैंक के बारे में बताते है जो फिक्ड डिपॉजिट पर हाई रिर्टन दे रहे हैं। इस लिस्ट में दिए गए रेट का सोर्स पैसा बाज़ार डॉट कॉम है ।
कश्मीर की पहली राजनीतिक पार्टी 1932 में बनी थी। उसका नाम था – ऑल जम्मू एंड कश्मीर मुस्लिम कॉन्फ्रेंस। बाद में इसका नाम नेशनल कॉन्फ्रेंस कर दिया गया और यह आज भी कश्मीर में एक प्रमुख राजनीतिक दल बनी हुई है।
टैटू को लेकर क्या हैं नियम?
टैटू के मामले जो कोर्ट तक पहुंचे
Sep 14 2024, 10:24
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
20.8k