2 युवको को ट्रक ने मारी ठोकर, हालत गंभीर
दरभंगा जिले में रविवार शाम सन-कन्हैई और बौराम के मुख्य मार्ग पर पढ़ाई करने जा रहे दो युवक ट्रक से ठोकर लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के बाद स्थानीय लोगो की भीड़ जमा होते देख ट्रक चालक मौके से फरार हो गया। घटना की सूचना लोगों ने घायल के परिजन सहित स्थानीय थाना को दी। घायलों को इलाज के लिए बौराम पीएचसी ले जाया गया। गंभीर हालत देखते हुए चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए डीएमसीएच भेज दिया।

दोनों युवकों को ठोकर मार ट्रक चालक फरार

घायल युवक की पहचान कन्हई गांव निवासी कारी मुखिया के 12 वर्षीय पुत्र किशन कुमार और दूसरे युवक की पहचान उसी गांव के निवासी रामजी मुखिया के 12 वर्षीय पुत्र शिवानंद मुखिया के रूप की गई है। मिली जानकारी के अनुसार दोनों युवक अपने घर से कोचिंग में पढ़ाई करने जा रहे थे।

रास्ते में सामने से आ रही गिट्टी से भरी ट्रक ने दोनों युवक को ठोकर मार दी। मौके से ट्रक ड्राइवर फरार हो गया। स्थानीय जनप्रतिनिधि राज कुमार झा के द्वारा घनश्यामपुर थाना को सूचित किया गया। उसके बाद घनश्यामपुर थाना अपने दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच में जुट गई।

इस घटना के संबंध में घनश्यामपुर थाना अध्यक्ष अजीत झा ने बताया कि ट्रक को अपने कब्जे में लेकर इसमें आगे की कार्रवाई की जा रही है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
दरभंगा में ढलाई मशीन से हो रहा था काम, पैर फिसलने से हादसा
दरभंगा के बिरौल थाना क्षेत्र के बिरौल पंचायत में पंचायत सरकार भवन के पास एक छात्रावास का निर्माण हो रहा था। इसी में आज मकान के बचे हिस्से की ढलाई हो रही थी। इसके लिए मशीन लगाया गया था। एक महिला यहां दिहाड़ी मजदूरी का काम करती थी। हादसे में इनकी मौत हो गई है।

ढलाई के मशीन में महिला समान डालने गई थी। महिला का पैर स्लिप कर गया। इससे वो मशीन में चली गई। कुछ ही देरी में महिला का सिर धर से अलग हो गया। महिला की मौत मौके पर ही हो गई।

घटना के बाद वहा उपस्थित मजदूर और स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई। सभी ने स्थानीय थाना बिरौल को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है।

4 महीने से मजदूरी का करती थी काम

मृतक महिला की पहचान कुशेश्वर स्थान थाना क्षेत्र के गौरा औराही गांव निवासी मोहमद मुराद (32) की पत्नी रसीदा खातून के रूप में की गई। महिला बीते 4 महीने से प्रोजेक्ट में काम कर रही थी। उसे रोज के हिसाब से 400 रुपए दिए जाते थे। महिला सुबह के 9 बजे से शाम के 6 बजे तक काम करती थी।

प्रत्यक्षदर्शी महिलाओं का कहना है कि ढलाई के काम के लिए मसाला बनाया जा रहा था। इसी में महिला वहां गई और मसाला बनाया जा रहा था। इसी बीच उस जगह पर एक मिस्त्री खड़ा था। मशीन को जल्दबाजी में बंद कर दिया। इसी में महिला की ओढ़नी मशीन में लिपट गई।

जब-तक हम लोग दौड़ कर पहुंचते तब-तक घटना हो चुकी थी। फिलहाल, मौके पर पुलिस पहुंच कर आगे की करवाई में जुटी है। लाश को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। पोस्टमार्टम में भेजने की तैयारी की जा रही है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
5सालों में कोसी में समा गई 100एकड़ से ज्यादा जमीन
कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड से होकर गुजरने वाली कोसी एवं कमला बलान नदी का जलस्तर में बढ़ने या कम होने दोनों ही परिस्थितियों में कटान होता है। कोसी नदी के किनारे बसे उजुआ, कोला, छोटकी कोनिया, बड़की कोनिया, कुन्जभवन और गोलमा गांव की खेती योग्य एवं आवासीय जमीन पर कटाव का खतरा बना रहता है। हर साल जुलाई से लेकर अक्टूबर तक बाढ़ के चार महीने में कोसी में कटान की संभावना बनी रहती है। इस साल भी जून में अचानक कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि होते ही कटान तेज हो गया। जिससे सात गांव कटाव की जद में आ गए और कई घरों पर कटान का खतरा मंडराने लगा।

जलसंसाधन विभाग की तत्परता से कटाव रोधक कार्य शुरू किया गया, जिससे कटाव का खतरा टल गया। फिलहाल नदी के जलस्तर में लगातार हो रहे उत्तार चढ़ाव से कटान अभी रुका हुआ है।
कमला के कटाव से इन गांवों को रहता खतरा

साल 2022 में नदी में हुए भयंकर कटान के कारण दो मंजिला प्राथमिक विद्यालय कुंज भवन का कुछ हिस्सा नदी में समा गया था। विद्यालय के दो शौचालय एवं रसोई घर भी कोसी ने निगल लिए। जल संसाधन विभाग द्वारा बड़‌की कोनिया तथा प्राथमिक विद्यालय कुंज भवन के कटान को रोकने के लिए नदी के किनारे बंबू पाईलिंग तथा जीयो वेगिन का काम किए जाने से कटान का खतरा टल गया है, लेकिन छोटकी कोनिया में कटान रोधक काम नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश है।

कमला बलान नदी के कटाव से चौकीया, लक्षमीनिया, जिमराहा गांव के साथ- साथ भरैन मुशहरी पर हमेशा खतरा बना रहता है। कमला बलान नदी के कटाव से प्रभावित भरैन मुशहरी में 50-60 तथा चौकीया में 20-25 परिवार चार वर्षों से पश्चिमी तटबंध पर विस्थापित होकर शरण लिए हुए थे। तटबंध की मरम्मत व ऊंचीकरण का कार्य होने से विस्थापित परिवार के समक्ष मुसीबत खड़ी हो गई है।
5 सालों में नदी की दूरी 2.5 किमी से घटकर 500 मीटर

पिछले कुछ सालों में उजुआ के 60-70 एकड़, अरराही, छोटकी कोनिया, बड़की कोनिया तथा कुंज भवन गांव के 50-60 एकड़ कृषि योग्य जमीन कटकर कोसी में विलीन हो गई है। प्रभावित किसानों को अभी भी इसका दर्द सता रहा है। उजुआ के किसान गणेश राय और राम प्रकाश राय ने बताया कि पांच वर्ष पूर्व कोसी नदी उजुआ गांव से लगभग दो दाई किलोमीटर दूर बह रही थी।

अब यह नदी कटते कटते गांव से मात्र 400- 500 मीटर की दूरी पर बह रही है। किसानों ने बताया कि इस समय में 60-70 एकड़ जमीन नदी में कट कर विलीन हो गई हैं। इसी तरह छोटकी कोनिया, अरराही, कुंज भवन तथा गोलमा गांव की लगभग 50-60 एकड़ खेती योग्य जमीन नदी में समा चुकी है। अरराही से बड़की कोनिया के बीच 800 मीटर लंबा बांघ अब नदी में कट कर मात्र 200 मीटर दूर रह गया है।

वर्तमान में कोसी नदी अपनी धारा बदल कर उजुआ, अरराही, कुंज भवन तथा छोटकी और बड़की कोनिया गांव के लोगों के निजी जमीन से होकर बह रही है। कोसी में होने वाली कटान से प्राथमिक विद्यालय कुंज भवन तथा मध्य विद्यालय बड़की कोनिया और छोटकी कोनिया में नदी किनारे बसे लोगों का घर इसकी जद में रहता है।

इस संबंध में समस्तीपुर से सांसद शांभवी चौधरी ने बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा समय-समय पर कोसी नदी में कटान की जानकारी मिली है। विभागीय अभियंताओं से मिलकर कटान की रोकथाम व इसके स्थाई समाधान के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
उर्दू-मैथिली में सहायक प्राध्यापकों को महाविद्यालय आवंटित
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के अधीन अंगीभूत कॉलेजों में बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग (बीएसयूएससी) से बहाल उर्दू और मैथिली विषय के सहायक प्राध्यापकों को कॉलेज आवंटित कर दिए गए हैं। विश्वविद्यालय के अधीन दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर और बेगूसराय के अंगीभूत कालेजों में 17 उर्दू और 17 मैथिली के सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति की गई है।


किनकी कहां दी गई पोस्टिंग

उर्दू विषय के प्राध्यापक सबा मामू रहमानी को आरबी कॉलेज दलसिंहसराय, जावेद अख्तर मिल्लत कॉलेज दरभंगा, मो. आफताब आलम को एमकेएस कॉलेज चंदौना, सुफैया फातमी को एमआरएम कॉलेज दरभंगा, शबनम को सीएम कॉलेज दरभंगा, ऐमन ओबैद को यूआर कॉलेज रोसड़ा, इलियास अहमद को केवी साइंस कॉलेज बेनीपट्टी, मो. फारूक को जीडी कॉलेज बेगूसराय, राशदा अमजदी को डॉ. आईकेवीडी कॉलेज ताजपुर, तबस्सुम प्रवीण गजल वूमेंस कॉलेज समस्तीपुर, मुजाहिदए इस्लाम को सीएम कॉलेज दरभंगा, गजाला तसलीम को एसकेएम कॉलेज बेगूसराय, आबिद करीम को जेके कॉलेज बिरौल, मसरूर अहमद हैदरी को जीडी कॉलेज बेगूसराय, अब्दुर्रहीम को एपीएसएम कॉलेज बरौनी और कुर्रतुल अलीन को एमएलएसएम कॉलेज दरभंगा में पोस्टिंग की गई है।

मैथिली विषय के लिए यहां दी गई पोस्टिंग

इसी तरह मैथिली विषय में शेखर पाठक को सीएम कॉलेज दरभंगा, सौरव रोशन ठाकुर को डिग्री कॉलेज बेनीपुर, दुर्गानंद ठाकुर केएस कॉलेज दरभंगा, कुमारी अमृता चौधरी एमआरएम कॉलेज दरभंगा, पुष्पलता झा को जेएमडीपीआई महिला कॉलेज मधुबनी, रतन कृष्ण झा को आरएनएआर कॉलेज समस्तीपुर, रानी मिश्रा को डिग्री कॉलेज बेनीपुर, श्यामरूप चौधरी को डीबी कॉलेज जयनगर, रीना कुमारी को समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर, विजय शंकर पंडित मिल्लत कॉलेज लहेरियासराय, भागवत मंडल को एलएनजे कॉलेज मधुबनी, ममता कुमारी को जेएमडीपीएल महिला कॉलेज मधुबनी, कमलेश मांझी को यूपी कॉलेज पूसा, सुरेंद्र कुमार दास को वीएसजे कॉलेज राजनगर मधुबनी, राम सुंदर पासवान को बीएम कॉलेज रहिका मधुबनी, साधना कुमारी को एमके कॉलेज लहेरियासराय और सोहन कुमार दास को आरएन कॉलेज पंडौल मधुबनी में 21 दिनों के अंदर प्रधानाचार्य के समक्ष योगदान देने को निर्देशित किया गया है।
4 सितंबर को मिले युवक के शव की हुई पहचान
दरभंगा के सिंहवाड़ा प्रखंड के स्थानीय थाना क्षेत्र के रामबाग के पास 4 सितंबर को सड़क किनारे झाड़ी के पास से बरामद अधेड़ की लाश की पहचान कर ली गई है। मृतक की पहचान लखीसराय के बरहिया थाना क्षेत्र के जैतपुर निवासी स्कार्पियो चालक अनिल कुमार के रूप में की गई है। रामपुरा चौक से दरभंगा मुजफ्फरपुर उच्च पथ पर जाने वाली सड़क के किनारे रामबाग के पास जिस अज्ञात युवक की हत्या कनपटी में गोली मारकर कर दी गई थी। मृतक की पत्नी मंजू देवी और मित्र महिसौल निवासी मो.लाल बाबू ने लाश की पहचान की है।

मृतक सीतामढ़ी में रहकर अपनी स्कॉर्पियो चलाता था। इससे उसकी पत्नी, 3 बच्चे सहित परिवार का भरण पोषण चल रहा था। उसकी पत्नी मंजू देवी ने बताया कि वे सीतामढ़ी में ही रहकर स्कॉर्पियो चलाना का काम करते थे। जहां का पैसेंजर होता था, वहां उसे पहुंचने का काम कर रहे थे

मो.लाल बाबू ने बताया कि 3 सितंबर की शाम वह पैसेंजर लेकर सीतामढ़ी स्टैंड से निकला था। बताया था कि मुजफ्फरपुर निकल रहा हूं। दरभंगा मुजफ्फरपुर उच्च पथ पर टोल प्लाजा के पास पैसेंजर उतारकर लौटूंगा। लेकिन देर रात तक जब फोन से भी उससे संपर्क नहीं हो सका। तो उसके परिवार वालों से फोन पर पूछा गया।

इसके बाद अन्य स्कार्पियो चालक ने उसकी तलाश जगह-जगह शुरू कर दी। टोल प्लाजा पर जब खोजते हुए मृतक के अन्य साथी पहुंचे, तो उसे बताया गया कि पुलिस के कहने पर ही पूरी सीसीटीवी चेक की जाएगी। खोजबीन के दौरान वे लोग मझौली चौक स्थित एक होटल पर भी गए जहां गाड़ी रुकी थी।

बताया गया कि वहां स्कॉर्पियो पर सवार पैसेंजर बैठकर गांजा पिया था। थक हार कर वे लोग पुलिस के संपर्क में गए। जहां से बताया गया कि सिंहवाड़ा थाना में एक घटना हुई है। लाल बाबू ने बताया कि सिंहवाड़ा थाना पर हम लोग पहुंचे। वहां खींच कर रखी गई तस्वीर देखकर लोग मृतक अनिल को पहचान गए। उधर मृतक की पत्नी मंजू देवी के साथ अन्य परिजन डीएमसीएच तक पहुंचे। जहां पोस्टमॉर्टम के बाद लाश परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया। इधर घटना के उद्भेदन के लिए पुलिस ने घटना स्थल पर जांच तेज की है। वहीं, अपराधियों की गिरफ्तारी और स्कॉर्पियो बरामद करने के लिए जगह-जगह छापेमारी की जा रही है। मालूम हो कि 4 सितंबर की सुबह सड़क किनारे पड़ी लाश देख क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी।

सूचना मिलते ही एसडीपीओ ज्योति कुमारी दलबल के साथ मौके पर पहुंच कर पड़ताल शुरू कर दिया था। स्वान दस्ता की टीम और FSL की टीम ने अनुसंधान के लिए घटनास्थल से नमूना एकत्र किए।

लाश को जब्त कर पोस्टमॉर्टम के लिए डीएमसीएच भेज दिया था। एसडीपीओ ने बताया कि अपराधियों की गिरफ्तारी एवं स्कॉर्पियो की बरामदगी के लिए छापेमारी की जा रही है। घटना की गंभीरता को देखते हुए सीटी एसपी शुभम आर्य ने भी घटना पर पहुंचकर मामले की जांच की थी।
दरभंगा पहुंचे उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव 10 सितंबर से ‘कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम’ पर निकल रहे हैं। इस कार्यक्रम में तेजस्वी यादव ने हरा गमछा पर बैन लगाते हुए कहा है कि यात्रा के दौरान कोई भी पार्टी का नेता या कार्यकर्ता हरा गमछा पहनकर ना आए। तेजस्वी यादव के इस बयान पर बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने राजद पर हमला करते हुए कहा कि राजद एक संस्कृति है, जो अराजकता, भय और समाज के अंदर उन्माद पैदा करता है। वहीं, विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि इनके गमछा और मुरेठा को देखते ही लोग इनकी पहचान कर लेते हैं। पहले असुरों को सिंह होता था। दांत निकला होता था, तो पहचान में आता था। अब धीरे-धीरे सृष्टि में बदलाव के कारण सिंह और दांत भी गायब हो गया।

जो असुर प्रवृत्ति के अराजकता उत्पन्न करने वाले दलितों को शोषितों को पिछड़ों को सताने वाले और समाज को लूट कर अकूट संपत्ति जमा कर के अपने परिवार के जमींदारी चलाने वाले है। वो चेहरा छुपाना चाहते है।

वहीं, उन्होंने कहा की चुनाव आ रहा है। लोगों को भरमाना चाहते हैं। बरगलाना चाहते हैं।
लेकिन यह समाज, पूरा बिहार यह जान चुका है की जो बिहार के मान सम्मान और स्वाभिमान को बढ़ाएगा। जो बिहार के शब्द को गाली नहीं बनाएगा। हम उसी के साथ चलेंगे।

उन्होंने राजद पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो रंग भेद, जाती भेद, क्षेत्र भेद करते रहेंगे, जनता जान गई है। जो अराजकता उत्पन्न करता है वो असुर है। वह असुर कभी मानवता के हित में नहीं सोच सकता।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
चोरी के तीन मोबाइल के साथ दो चोर गिरफ्तार हुए
पुलिस ने गस्ती के क्रम में 1200 बोतल शराब बरामद किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार थाने में की एसआई आदित्य कुमार दलबल के साथ गस्ती पर निकले हुए थे।

इसी क्रम में गुप्त सूचना के आधार पर उमगांव के निकट कमला नहर पुल के समीप छापेमारी की गयी। जहां जुट के बोरी में रखे सभी शराब को जब्त किया गया। थानाध्यक्ष जितेन्द्र सहनी ने कहा  कि अज्ञात तस्कर के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है।

कमतौल पुलिस ने रविवार को मोबाइल चोरी की प्राथमिकी पर त्वरित कार्रवाई करते हुए कमतौल रेल स्टेशन के समीप स्थित मंदिर प्रांगण से कुम्हरौली गांव के मो अरमान उर्फ फैजान(21) व मो रहमान उर्फ साहवान (19) को चोरी के तीन मोबाइल फोन के साथ गिरफ्तार किया।

दोनों को सोमवार को पुलिस अभिरक्षा में न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अहियारी गांव के नवनीत कुमार ठाकुर की पत्नी विनीता ठाकुर के घर से शनिवार की रात चोरों ने सात हजार रुपए नगद एवं मोबाइल फोन की चोरी कर ली थी। इस संबंध में पीड़िता ने थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
विश्वविद्यालयों और कालेजों में संचालित होंगे सिर्फ 2तरह के खाते
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के विभागों में अभी भी 100 से ज्यादा ऐसे खाते चलाए जा रहे हैं, जिसमें लाखों रुपए पड़े हैं। इन पैसों का कोई हिसाब-किताब नहीं है। इन मामलों के देखते हुए सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि विश्वविद्यालय और कॉलेजों में केवल दो तरह के ही खातों का संचालन किया जाए। सरकार के निर्देशानुसार पहला खाता वेतन व पेंशन फंड और दूसरा कार्पस फंड का होगा। इन दोनों खाता के अलावा किसी भी तरह का बैंक खाता विश्वविद्यालय और कॉलेजों में नहीं रहेगा। कार्पस फंड एकाउंट में ही सभी तरह के डेवलपमेंट सहित राज्य सरकार से प्राप्त होने वाली राशि जमा और निकासी करने का निर्देश दिया गया है

विभागों में एक से अधिक खाता का संचालन

इस पूरे मामले पर बात किया जाए तो विश्वविद्यालय में कई ऐसे खाते हैं, जिसमें सालों से लाखों रुपए जमा हैं, लेकिन ना तो इसकी निकासी हो रही और ना ही हिसाब किताब लिया जा रहा है। परीक्षा विभाग, अध्यक्ष छात्र कल्याण, दूरस्थ शिक्षा निदेशालय समेत पीजी विभागों में एक से अधिक खाते संचालित हो रहे हैं।

कई विभागों में चार से पांच खाते खुले हैं, इसमें यूजीसी से मिलने वाले फंड, सेमिनार समेत अन्य गतिविधियों के लिए अलग-अलग खाते खुले हैं। हालांकि इन दिनों कुछ बैंक खातों को बंद जरूर करवाया गया है।

बता दें कि अब तक ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में डेढ़ दर्जन से अधिक अलग-अलग खाते संचालित हो रहे हैं। सभी विभागों का अलग-अलग खाता संचालित हो रहा है। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय का भी यही हाल है। अब इसमें बदलाव किया जाएगा।

वित्तीय मामलों में सही ढंग से प्रक्रिया का अनुपालन नहीं

अनेकों बैंक खाता खोलकर चालू खाता में रखी जा रही राशि शिक्षा विभाग ने 29 मार्च को सभी विश्वविद्यालय के कुलसचिव एवं अंगीभूत कॉलेजों के प्राचार्यों के नाम जारी पत्र में बताया है कि विश्वविद्यालयों में वित्तीय प्रशासन एवं वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है।

महालेखाकार बिहार के द्वारा कुछ विश्वविद्यालयों का अंकेक्षण करते हुए अंकेक्षण प्रतिवेदन विभाग में उपलब्ध कराया गया है। उक्त अंकेक्षण प्रतिवेदन के अवलोकन से यह स्पष्ट हो रहा है कि विश्वविद्यालयों में सामग्रियों के खरीदने, निर्माण कार्यों के संचालन एवं अन्य वित्तीय मामलों में सही ढंग से प्रक्रिया का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।

रोकड़पंजी का संधारण मुख्य रोकड़पंजी के रूप में नहीं करने तथा अनेकों बैंक खाता खोलकर चालू खाता में राशि रखी गयी है। जिसमें से कुछ खाते सालों से बंद है।

गैर जरूरी खातों को बंद करने की प्रक्रिया जारी

इस बात को लेकर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अजय कुमार पंडित ने बताया कि विश्वविद्यालय के अधीन विभागों में गैर जरूरी खातों को बंद किया गया है। शेष को बंद करने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
ऑक्सीजन प्लांट रहते सिलेंडर की हो रही खरीदारी
दरभंगा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (डीएमसीएच) में 4 आक्सीजन प्लांट है। इसमें एक लिक्विड और तीन प्रेशर स्विंग (पीएसए) ऑक्सीजन प्लांट है। जो करीब एक वर्ष से खराब है। इसे ठीक कराने की कई बार कवायद हुई पर हर बार कुछ दिनों तक कार्य करने के बाद प्लांट खराब हो गया। फिलहाल तीनों आक्सीजन प्लांट खराब है। जबकि चौथा 20 हजार लीटर की क्षमता वाले लिक्विड प्लांट से न्यू सर्जरी भवन, कोरोना यूनिट, ट्रामा सेंटर, मेडिसिन वार्ड और ईएनटी में आक्सीजन की सप्लाई हो रही है। वैसे इस प्लांट की क्षमता इतनी है कि डीएमसीएच के सभी विभागों में आक्सीजन की सप्लाई हो सकती है। इसके बावजूद इस प्लांट से महज 200 मीटर दूर इमरजेंसी विभाग और करीब 500 मीटर दूर आईसीयू को नहीं जोड़ा गया है। इस वजह से डीएमसीएच प्रशासन इन जगहों पर ऑक्सीजन सिलेंडर के भरोसे है। सात से आठ लाख रुपए की फिजूलखर्ची हो रही है। पूरी खपत नहीं होने के कारण लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट का प्रेशर (तापमान) बढ़ जाता है और उसे कम करने के लिए आक्सीजन उड़ाना पड़ रहा है।

कई बार पत्र लिखा गया

बताया जाता है कि प्रेशर बढ़ने पर लिक्विड प्लांट से आक्सीजन को नहीं उड़ाया गया तो प्लांट का सेफ्टी लॉक फट जाएगा और स्वतः सारा आक्सीजन बाहर निकल जाएगा। इसके कारण आक्सीजन हवा में उड़ाई जा रही है। जानकरों का कहना है कि अगर डीएमसीएच के सभी विभागों को पाइप लाइन के जरिए लिक्विड प्लांट से जोड़ दिया जाए तो लाखों की रुपए की बचत होगी।

साथ ही ऑक्सीजन भी नहीं उड़ाना पड़ेगा। डीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉक्टर हरेंद्र कुमार ने बताया कि बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांटों की सर्विसिंग और लिक्विड प्लांट से विभागों को जोड़ने के लिए कई बार बीएमआईएससीएल को पत्र लिखा गया है। जबतक बचे विभागों में लिक्विड प्लांट से आक्सीजन की सप्लाई नहीं होती है तबतक सिलेंडर खरीदना पड़ेगा।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
शादी तुड़वाने के डर के कारण रस्सी से गला दबाकर विधवा की हत्या कर दी
सिटी एसपी शुभम आर्य ने जाले के काजी बहेड़ा गांव की विधवा सुनीता देवी की हत्या का खुलासा करते हुए कहा कि विधवा व गिरफ्तार आरोपी मो शहनवाज के बीच अवैध संबंध था। आरोपी की शादी होने वाली थी। आरोपी को शक हुआ कि कहीं वह उसकी शादी को तुड़वा न दे, इसलिए उसकी फंदा लगाकर हत्या कर दी। मृतका की पतोहू अहिल्या देवी मामला दर्ज कराई थी।

मामला की गंभीरता को देखते हुए

एसएसपी ने एसआईटी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर 2 कमतौल के नेतृत्व में गठन था। टीम ने इस कांड में संलिप्त मो शहनवाज को गिरफ्तार किया।

उसने इस घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की। उसकी निशानदेही पर गला दबाकर हत्या करने में उपयोग की गई रस्सी बरामद की गई। अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। छापेमारी दल में शामिल पुलिस पदाधिकारी, कर्मियों व टीम को पुरस्कृत किया जाएगा।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट