बलात्कारियों को सजा देने के लिए निकाला जुलूस
लालगंज : संयुक्त किसान मार्चा प्रखंड कमेटी लालगंज द्वारा बलात्कारियों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर जुलूस निकाला गया. जुलूस घाघरा चौक से तीनपुलवा चौक पर पहुंचकर सभा मे तब्दील हो गया.      
         अॉल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के बिहार राज्य कमेटी  सदस्य डॉक्टर राजेंद्र शर्मा ने कहा कि आज देश के अंदर मणिपुर, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश आदि राज्यों में छात्राएं, महिला, और आम लोगों के अंदर भय का माहौल बनता जा रहा हैं.     
       कोलकाता के आरजीकर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के ट्रेनी डॉक्टर मोमिता देवदान, मणिपुर में महिलाओं को नंगा घुमाया गया, बिहार के मुजफ्फरपुर के पारु में रूपा कुमारी के साथ रेप और हत्या, महाराष्ट्र में साढ़े तीन साल की बच्ची के साथ रेप की घटना  ने देश के लोगों को झकझोर दिया हैं.   
     देश में रेप और हत्या करनेवाले वाले रेपिस्ट और हत्यारों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर 3 महीने के अंदर फांसी की सजा देनी चाहिए. स्थानीय स्तर पर चोरी, छिंतई, रेप व हत्या जैसी संगीन घटनाएं, प्रतिबंधित नशीली उत्पादों की ब्रिक्री, लालगंज के होटलों में फल फूल रहे अवैध कारोबार, सरकारी कार्यालय में बढ़ते भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए बीडीओ, सीओ, स्पेशल अॉफिसर, रजिस्टार, थानाध्यक्ष, एसडीपीओ-2 आवश्यक कार्रवाई करें. मांगों का आवेदन प्रखंड विकास पदाधिकारी को सौंपा गया.
राज्य के सभी पंचायतों में खुलेगा खेल क्लब
बिहार: राज्य के सभी नगर और पंचायतों में खेल क्लब का गठन सितंबर से किया जाएगा. एक ओर जहां खेल क्लब का गठन होगा तो दूसरी ओर पुराने क्लब को पंजीकरण कराने की सुविधा सरकार देगी. इसके लिए पोर्टल लाया जाएगा.
 
    बिहार राज्य खेल प्राधिकरण ने खेल क्लब के गठन की नियमावली तैयार की हैं. इस नियमावली के तहत 154 नगर और आठ हजार ग्राम पंचायतों में विभिन्न प्रकार की खेलों के लिए सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएगी. स्थानीय स्तर पर खिलाड़ियों की मांग, भोगौलिक परिस्थिति, जमीन की उपलब्धता को देखते हुए तय किया जाएगा कि किस पंचायत में कौन से खेल की सुविधा विशेष विशेष रूप से बहाल की जाएगी.  
    खेलों के विकास के लिए राज्य सरकार आवश्यक सामाग्रियों के अलावा नकद राशि भी देगी. क्लब गठन के साथ ही पंचायतों में मैदान की सुविधा भी उपलब्ध होगी.   
         इस संबंध में खेल पदाधिकारी कहते हैं कि किसी पंचायत में फुटबॉल, हॉकी, क्रिकेट, खेलने वालों की संख्या अधिक होगी, वहां बड़ा खेल का मैदान उपलब्ध कराया जाएगा. खेलने वाले अधिक है तथा बड़ा मैदान उपलब्ध हैं, वहां पर इस खेल को भी बढ़ावा दिया जाएगा. इसी तरह जिन पंचायतों में मैदान छोटे होंगें. वहां बॉलीबॉल, बैडमिंटन आदि खेल विकसित की जाएगी.इंडोर गेम और एथलेटिक्स के लिए व्यवस्था की जाएगी. पंचायतों में खेल के मैदान के लिए जमीन उपलब्धता की कार्रवाई भी शीध्र शुरू की जाएगी.   
      पिछले एक दो वर्षों में खेल के विकास के लिए राज्य सरकार  ने कई फैसले लिए हैं. खेल क्लब के अलावा मेडल लाओ और नौकरी पाओ योजना, जिसमें एसडीओ और डीएसपी स्तर की नौकरी खिलाड़ी को देने का प्रावधान हैं. इस साल जनवरी में खेल का अलग विभाग बना. खेल अकादमी बनकर तैयार हैं जिसका उद्घाटन गुरूवार मुख्यमंत्री करेंगे.
समय प्रबंधन से आसानी से भेद सकते हैं बड़े लक्ष्य
हाजीपुर: ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी 2024  के 17 वें ओलंपियाड में रजत पदक जीतकर हाजीपुर का नाम विदेशों में रोशन करने वाले पाणिनी के पिता बेटे की इस उपलब्धि पर उत्साहित हैं. उन्होंने कहां कि टाईम मैंनजमेंट के जरिए बड़े से बड़ा लक्ष्य भेदा जा सकता हैं.

     
     पिता संजय कुमार राय माध्यमिक विद्यालय मीनापुर राई के प्रभारी प्रधानाध्यापक हैं. उन्होंने बताया कि ब्राजील जाने के बेटे की तबीयत खराब हो गई.  उसे वहां के चिकित्सक दिखवाया और दवा दी. दवा खाकर बेटे ने परीक्षा दी. हमलोग  उससे गोल्ड पदक की उम्मीद कर रहे थे लेकिन बीमार होने के बाद भी रजत पदक जीतना बड़ी उपलब्धि हैं.
    
       उन्होंने कहा कि उसमें लक्ष्य के प्रति जुनून दिखता हैं. फीजिक्स ओलंपियाड में पिछली बार वह चेक रिपब्लिक गया था, जहां पांचवीं रैंक हासिल किया था. उन्होंने ने बताया कि पाणिनी की मां निभा कुमारी हाईस्कूल की शिक्षिका हैं. वर्तमान में वे भगवानपुर स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय प्रतापटांड में पढ़ा रही हैं. पाणिनी से बड़ी बेटी हैं, जो इंजीनियरिंग कर रही है.
एक क्लिक पर फटाफट कर्ज मिलेगा
बिजनेस: आरबीआई ने यूपीआई की तर्ज पर यूएलआई ( यूनिफाइड लोडिंग इंटरफेस) लाने का ऐलान किया हैं. इसके जरिए लोगों को बेहद कम समय में लोगों को कर्ज दिया जा सकेगा. इसका सबसे बड़ा फायदा छोटे रकम के कर्ज लेने वालों को होगा, खासकर छोटे कारोबारियों और उद्यमों को. आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने सोमवार को इसकी जानकारी दी.
        
     उन्होंने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में बताया कि आरबीआई ने अपनी नवीनतम तकनीक पहल यूएलआई पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर दिया हैं. इसे जल्द ही पूरे देश में लागू किया जाएगा. यह पहल केंद्रीय बैंक की ओर से ऋण उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को अधिक सुगम और तेज बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई हैं.  
   छोटे गांवों और कस्बों को होगा फायदा:
    
      यूएलआई का सबसे ज्यादा फायदा देश के छोटे गांवों, कस्बों और छोट - मंझोले उद्यमों को होगा. इसे यूपीआई की तर्ज पर विकसित किया गया हैं. इसकी मदद से बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां कर्ज देने में आसानी महसूस करेंगी. जैसे यूपीआई ने भुगतान के तरीके को बदल दिया, वैसे यूएलआई भी कर्ज़ देने में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता हैं
स्टार्टअप के लिए सरकार हर संभव मदद देगी : ये बातें उद्योग सह पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने कही.
बिहार: स्टार्टअप के लिए सरकार हर संभव मदद देंगी. बिहार के प्रति दूसरे राज्य में रहने वालों की नजरिया बदलने की जरूरत हैं. बिहार में नौकरी पाने की ललक की जगह नौकरी पाने की ललक की जगह नौकरी पाने की ललक की जगह नौकरी देने का ललक पैदा करने की जरूरत हैं.     
       
     दूसरे राज्यों के उद्योगपति बिहार आएं, उन्हें सभी सुविधाएं सरकार उपलब्ध कराएगी. ये बातें विद्यापति भवन में रविवार को लेट्स इंस्पायर बिहार के बैनर तले स्टार्टअप समिट 2024 का उद्घाटन करते हुए उद्योग सह पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने कही.             मौके पर लेट्स इंस्पायर बिहार के संस्थापक आइपीएस विकास वैभव मौजूद थे. कार्यक्रम में राज्य के 300 से ज्यादा नए स्टार्टअप शामिल हुए.
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में केन्द्रीय मंत्री लघु, सूक्ष्म व मध्यम उद्योग मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना विकसित भारत, विकसित बिहार को पूरा करने में यह अभियान मिल का पत्थर साबित होगा.            आइपीएस अधिकारी विकास वैभव ने कहा कि लेट्स इंस्पायर बिहार अभियान के तहत राज्य के हर जिले में 2028  तक पांच -पांच स्टार्टअप को स्थापित किए जाएंगे.प्रत्येक स्टार्टअप कम-से-कम 100 लोगों को रोजगार देने में सक्षम होगा. स्टार्टअप समिट में राज्य के तीन सौ स्टार्टअप शामिल हुए.
विस चुनाव में 40 महिलाओं को जितायेंगे: पीके
बिहार: जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा है कि अगले चुनाव में वे अपनी पार्टी से वे कम-से-कम 40 महिलाओं की जिताकर विधानसभा भेजेंगे.
     
    पटना में बापू सभागार में रविवार को आयोजित जन सुराज महिला संवाद को प्रशांत किशोर संबोधित कर रहे थे. उन्होंने महिला संवाद में महिलाओं से कहा कि आपको संसाधन मैं दूंगा, राजनीति के प्रशिक्षण भी दूंगा. आप डरिए मत अपने भाई प्रशांत पर भरोसा कीजिए.
    
      प्रशांत किशोर ने महिलाओं से वादा किया कि आपका भाई प्रशांत किशोर 2025 में छठ के मौके पर यह सुनिश्चित करेगा कि आपके पति, बेटे को रोजगार के लिए शहर नहीं जाना पड़े. उनके लिए बिहार में ही 10-15 हजार रूपये के रोजगार की व्यवस्था करेंगें. महिलाओं को रोजी रोजगार करने के लिए चार प्रतिशत के ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा.
      
            उन्होंने कहा कि महिलाओं को समाज में समानता तभी मिल सकती हैं जब वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो. इस मौके पर उन्होंने अपनी पत्नी डॉ जानवी से सबका परिचय भी कराया और कहा कि ये घर संभालती हैं इसलिए मैं आप लोगों के बीच काम कर पाता हूं.
आधार कार्ड बनवाना या सुधार करवाना और भी आसान हुआ, डाक विभाग हर ब्लॉक में खोल रहा आधार सेंटर
बिहार: आधार कार्ड बनवाना और उसमें  सुधार करवाना अब और आसान हो जायगा. डाक विभाग ने राज्य भर के हर ब्लॉक में आधार सेंटर खोलने का निर्णय लिया हैं. इसके तहत राज्यभर में पांच सौ आधार प्वाइंट को बढ़ाया गया हैं. जबकि पहले से 403 आधार कार्ड प्वाइंट चल रहा है. इससे कुछ दिनों में राज्यभर में 903 आधार कार्ड सेंटर हो जायगा. यह काम डाक विभाग 30 सितंबर तक पूरा कर लेगी. इससे राज्य के हर कोने में आधार कार्ड बनाना और उसमें सुधार काफी आसान हो जायगा.
      
     इसकी जानकारी मुख्य पोस्टमास्टर जनरल अनिल कुमार ने दी. उन्होंने बताया कि आधार कार्ड बनवाना और आसान किया जा रहा हैं. आम लोगों को आधार संबंधी हर तरह की सुविधा मिले, इसके लिए आधार प्वाइंट की संख्या बढ़ाई गयी हैं.पांच सौ और आधार प्वाइंट खुलेंगे. इससे राज्य भर में अब 903 आधार प्वाइंट हो जायेंगें.
   
       वहीं  डाक विभाग द्वारा मोबाइल किट की संख्या भी बढ़ाई गयी हैं. अभी तक 32 मोबाइल किट काम  कर रहा था. लेकिन अब  40 मोबाइल किट बढ़ाया गया हैं. जिससे मोबाइल किट की संख्या अब राज्य भर में 72 हो जायगी. मोबाइल किट की संख्या बढ़ने से कैंप लगाना आसान हो जाएगा.
      
     अनिल कुमार ने बताया कि जहां से भी कैंप लगाने के लिए आवेदन आएंगें, वहां पर कैंप लगाया जा सकेगा. ऐसे मोबाइल किट की संख्या बढ़ने से कैंप लगाने में आसानी होगी. एक बार में कई जगहों पर मोबाइल किट भेजा जा सकेगा.
    
      ई- शिक्षा कोष पोर्टल पर सरकारी और निजी स्कूलों में नामांकित बच्चों का आधार सत्यापन अनिवार्य किया गया हैं. ऐसे में राज्य भर के चिन्हित सरकारी स्कूलों में प्रतिदिन 100 बच्चों का आधार बनाया जाएगा. अधिक-से-अधिक बच्चों का आधार बनाने के लिए बिहार शिक्षा परियोजना  परिषद ने आदेश जारी किया हैं. परिषद की ओर से सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को अपने जिला अन्तर्गत चिन्हित स्कूलों जहां आधार पंजीयन का काम चल रहा हैं. वहां प्रतिदिन 100 बच्चों का का आधार बनवाना सुनिश्चित करना हैं.
जमीन सर्वे में कोई भ्रष्टाचार करे तो मुझे बताएं, मंत्री दिलीप जायसवाल ने सार्वजनिक किउ अपना फ़ोन नंबर
बिहार: भूमि राजस्व मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने राज्य में शुरू हुए भूमि सर्वेक्षण कार्य में बांधा डालने वाले अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस महती कार्य में पदाधिकारियों और कर्मचारियों को अपना शत प्रतिशत योगदान करना होगा.जो सर्वे में अड़ंगा डालेंगे, भ्रष्टाचार की कोशिश करेंगे, वैसे अफसर और अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई होगी. मंत्री ने लोगों से अपील की हैं कि सर्वे में कहीं भ्रष्टाचार की बात दिखें तो सीधे उन्हें फ़ोन या मेल कर सूचना दे.

      
       शुक्रवार को मंत्री डॉ. जायसवाल ने जमीन सर्वे को लेकर लोगों की कठिनाइयों और चिंताओं पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि अब हर घर यह चिंता कर रहा हैं कि आज हर घर यह चिंता कर रहा हैं कि जो नया सर्वे शुरू हुआ हैं और इसमें हमें अपनी जमीन का भविष्य करवाना हैं, तो कहीं किसी से कोई ग़लती या चूक न हो जाए. जो सर्वे अमीन, कर्मचारी, अधिकारी आपके पास जा रहे हैं. उन्हें आप अपने जमीन के संपूर्ण कागजात दें.
     
        सर्वे में यदि आपको ऐसा लगता हैं कोई सर्वे अमीन पैसे की मांग कर रहा है. बीच में कोई भ्रष्टाचार की बात हो रही है तो आप सीधा मेरे मोबाइल नंबर 9430911111 पर फोन कर सूचना दीजिए. मेरा ई-मेल हैं- revenue उसपर जानकारी दीजिए.
    
      हमारे विभाग से अगर किसी को कोई दिक्कत या परेशानी हो रही है तो सीधा हमसे संपर्क करें. हम तुरंत आपकी समस्या का समाधान निकालेंगे. मैंनें अभी बिहार के सभी डीसीएलआर और एडीएम को स्पष्ट निर्देश दिया हैं कि भूमि राजस्व विभाग के पदाधिकारी या कर्मचारी के कारण किसी को अगर दिक्कत होती है तो आप जिम्मेदार होंगें.
    
          जनता के काम में बांधा बनते हैं तो आपको बख्शा नहीं जाएगा. अफसरों को मैंने दो-टूक कहा है कि पदाधिकारी अपने कार्यशैली में सुधार लाएं. आम जनता को राजस्व विभाग में कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े अन्यथा विभागीय कार्रवाई के लिए तैयार रहें. आम जनता ने मुझे इसलिए नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार में काम करने के लिए चुनकर भेजा हैं. पदाधिकारी को एक-एक जनता को न्याय दिलाना होगा. आपको बता दें कि 20 अगस्त से बिहार में लैंड सर्वे का काम शुरू हो चुका है.
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के 9247 लाभार्थियों की खुलेगी लॉटरी, इन पॉच कैटेगरी से होगा चयन
बिहार: मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के 9247 लाभार्थियों का चयन शुक्रवार को होगा. उद्योग विभाग के सभागार में कंप्यूटर लॉटरी( रैंडेमाइजेशन) के जरिए लाभुकों का चयन होगा. उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा की मौजूदगी में शुक्रवार शाम 5 बजे कंप्यूटर लॉटरी निकाली जाएगी. नीतीश कुमार ने बिहार में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की शुरूआत की.अब तक हजारों युवाओं को इस योजना का लाभ मिल चुका हैं और वे अपना काम शुरू कर चुके हैं. राज्य में रोजगार और निजी क्षेत्र में नौकरी के अवसर बढ़ाने के लिए योजना चलाई गई हैं.
       
        मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत इस वर्ष 5 वर्ष 5 लाख 41 हजार 667 आवेदन आए हैं. इन पांच कैटेगरी में से पहले चार में से हरेक से दो-दो हजार लाभार्थियों का चयन होगा.
         
          वहीं, अल्पसंख्यक उद्यमी योजना के तहत इस वर्ष 5 लाख 41 हजार 667 आए हैं. अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के 99875, अति पिछड़ा वर्ग के 154417, युवा उद्यमी वर्ग के 151384, महिला उद्यमी योजना के तहत इस वर्ष 5 लाख 41 हजार 667 आवेदन आए हैं. इन पांच कैटेगरी में से पहले चार में से हरेक से दो-दो हजार लाभार्थियों का चयन होगा.
     
         वहीं, अल्पसंख्यक उद्यमी योजना के अंतर्गत 1247 लाभार्थियों का चयन होगा. यानी कुल 9247 लाभार्थी चयनित किए जायेंगे. राज्य में पिछले कुल 34,441 लाभार्थियों को योजना का लाभ मिल चुका हैं. उनके बीच 2660 करोड़ की राशि बांटी जा चुकी हैं.
      
         बिहार में उद्योग धंधे के विस्तार और अधिक से अधिक बेरोजगारों को काम दिलाने के उद्देश्य से नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का आरंभ    किया. इस योजना के तहत अपनी यूनिट लगाने के लिए सरकार दस लाख रूपये का लोन देती हैं. इसमें 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती हैं. इसे मुख्यमंत्री अनुसूचित/जाति अनुसूचित जनजाति/ अति पिछड़ा वर्ग/महिला उद्यमी योजना के नाम से भी जाना जाता हैं.अब तक हजारों युवा और बेरोजगार इस योजना का लाभ उठा कर अपना कारोबार शुरू कर चुके हैं.
आपके इलाके में सर्वे में क्या कुछ चल रहा? लेटेस्ट अपडेट के लिए करना होगा यह काम
बिहार: बिहार के ग्रामीण इलाकों में जमीन सर्वे शुरू हो गया हैं. सर्वे की अद्यतन स्थिति अॉनलाइन सर्वे ट्रैकर एप को विकसित किया है. इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं. बिहार के 45 हजार गांवों में 20 अगस्त से सर्वे का काम शुरू हो गया हैं. भूमि विवादों के निपटान और फ्रेश तथा ट्रांसपरेंट  लैंड रिकॉर्ड और नक्शा तैयार कराने के लिए बिहार में नीतीश सरकार द्वारा सर्वे का काम कराया जा रहा हैं.
        
        इस पर अपने जिला, अंचल और ग्राम पंचायत का नाम डालने पर जमीन का पूरा विवरण दिखेगा. इस पर मौजा, खेसरा, खाता एवं प्लॉट संख्या के साथ रकबा को भी देख सकते हैं. इसकी मदद से संबंधित इलाकों में जमीन के सर्वे की पूरी स्थिति कहीं से भी जानी जा सकती हैं. इस पर संबंधित पंचायतों के अमीन और कानूनगों का मोबाइल नंबर भी मौजूद हैं. इससे संबंधित कमियों से सीधे बात कर समस्या का समाधान भी पाया जा सकता हैं.
      
           सभी अंचलों में कैंप कार्यालय बनाए गए हैं. हालांकि जमीन सर्वे शुरू करने के पहले कैंप कार्यालय बनाए गए. हालांकि, जमीन सर्वे शुरू करने के पहले कैंप कार्यालय में तैनात अमीन, कानून गो समेत अन्य कर्मियों को अपने-अपने क्षेत्र की पंचायतों में ग्रामसभा आयोजित कर जमीन सर्वे से संबंधित जानकारी देनी हैं.
   
              सर्वे दस्तावेज में जमीन सर्वे में किसी मृत व्यक्ति का नाम नहीं चढ़ाया जाएगा. अगर किसी का जमीन  दस्तावेज दादा या परदादा के अलावा किसी ऐसे व्यक्ति के नाम पर हैं, जिसका निधन हो गया हैं, तो ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति के जितने वारिस हैं , सभी के नाम सर्वे में चढ़ाएं जाएंगे. इसके लिए ग्रामसभा से पारित वंशावली ही मान्य होगी. इस पर सभी रैयतों के हस्ताक्षर होने चाहिए. अगर किन्हीं का बंटवारा नहीं हुआ हैं, तो अलग-अलग जमीन सर्वे के नाम नहीं चढ़ाएं जाएंगे. दस्तावेज के मुताबिक पहले से मौजूद सभी जमीन मालिकों के नाम सर्वे में चढ़ाएं जाएंगे.
       
                जमीन सर्वे के दौरान संबंधित व्यक्ति को अपनी जमीन से जुड़ा कोई दस्तावेजी प्रमाण देना होगा, जिससे यह साबित हो कि जमीन में स्वामित्व से संबंधित अन्य कोई सरकारी दस्तावेज हो सकते हैं. सामान्यतः जमीन की प्रकृति के आधार पर तीन तरह के साक्ष्य होते हैं. इसमें पुश्तैनी जमीनों के खतिहान , खरीदी जमीन की डीड या रजिस्ट्री दस्तावेज तथा अगर जमीन सरकार से मिली हुई हैं, तो इसका पर्चा या बासगीत पर्चा. अगर किसी जमीन की रसीद अपडेट नहीं हैं, तो पुरानी रसीद भी मान्य होगी. अगर जमीन का म्यूटेशन( दाखिल- खारिज) नहीं हैं, तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. अन्य कोई दस्तावेज इसके लिए मान्य होगा. सर्वे कर्मी जमीन का सर्पोटिंग दस्तावेज तभी मानेंगे, जब पेश किये गये मुख्य दस्तावेज में कोई कमी या त्रुटि होगी.
       
           अगर किसी जमीन पर पहले कोई विवाद है या मुकदमा चल रहा है, तो ऐसी स्थिति में सर्वे के दस्तावेज में उक्त जमीन से संबंधित तमाम विवरण के बाद ब्रैकेट में केस की संख्या भी लिखी जाएगी. जमीन के दस्तावेज में जिनका नाम दर्ज हैं, उनका नाम ही सर्वे दस्तावेज में दर्ज किया जाएगा. बाद में कोर्ट से आए फैसले के आधार पर इसमें संशोधन किया जाएगा.