आपके इलाके में सर्वे में क्या कुछ चल रहा? लेटेस्ट अपडेट के लिए करना होगा यह काम
बिहार: बिहार के ग्रामीण इलाकों में जमीन सर्वे शुरू हो गया हैं. सर्वे की अद्यतन स्थिति अॉनलाइन सर्वे ट्रैकर एप को विकसित किया है. इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं. बिहार के 45 हजार गांवों में 20 अगस्त से सर्वे का काम शुरू हो गया हैं. भूमि विवादों के निपटान और फ्रेश तथा ट्रांसपरेंट लैंड रिकॉर्ड और नक्शा तैयार कराने के लिए बिहार में नीतीश सरकार द्वारा सर्वे का काम कराया जा रहा हैं.
इस पर अपने जिला, अंचल और ग्राम पंचायत का नाम डालने पर जमीन का पूरा विवरण दिखेगा. इस पर मौजा, खेसरा, खाता एवं प्लॉट संख्या के साथ रकबा को भी देख सकते हैं. इसकी मदद से संबंधित इलाकों में जमीन के सर्वे की पूरी स्थिति कहीं से भी जानी जा सकती हैं. इस पर संबंधित पंचायतों के अमीन और कानूनगों का मोबाइल नंबर भी मौजूद हैं. इससे संबंधित कमियों से सीधे बात कर समस्या का समाधान भी पाया जा सकता हैं.
सभी अंचलों में कैंप कार्यालय बनाए गए हैं. हालांकि जमीन सर्वे शुरू करने के पहले कैंप कार्यालय बनाए गए. हालांकि, जमीन सर्वे शुरू करने के पहले कैंप कार्यालय में तैनात अमीन, कानून गो समेत अन्य कर्मियों को अपने-अपने क्षेत्र की पंचायतों में ग्रामसभा आयोजित कर जमीन सर्वे से संबंधित जानकारी देनी हैं.
सर्वे दस्तावेज में जमीन सर्वे में किसी मृत व्यक्ति का नाम नहीं चढ़ाया जाएगा. अगर किसी का जमीन दस्तावेज दादा या परदादा के अलावा किसी ऐसे व्यक्ति के नाम पर हैं, जिसका निधन हो गया हैं, तो ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति के जितने वारिस हैं , सभी के नाम सर्वे में चढ़ाएं जाएंगे. इसके लिए ग्रामसभा से पारित वंशावली ही मान्य होगी. इस पर सभी रैयतों के हस्ताक्षर होने चाहिए. अगर किन्हीं का बंटवारा नहीं हुआ हैं, तो अलग-अलग जमीन सर्वे के नाम नहीं चढ़ाएं जाएंगे. दस्तावेज के मुताबिक पहले से मौजूद सभी जमीन मालिकों के नाम सर्वे में चढ़ाएं जाएंगे.
जमीन सर्वे के दौरान संबंधित व्यक्ति को अपनी जमीन से जुड़ा कोई दस्तावेजी प्रमाण देना होगा, जिससे यह साबित हो कि जमीन में स्वामित्व से संबंधित अन्य कोई सरकारी दस्तावेज हो सकते हैं. सामान्यतः जमीन की प्रकृति के आधार पर तीन तरह के साक्ष्य होते हैं. इसमें पुश्तैनी जमीनों के खतिहान , खरीदी जमीन की डीड या रजिस्ट्री दस्तावेज तथा अगर जमीन सरकार से मिली हुई हैं, तो इसका पर्चा या बासगीत पर्चा. अगर किसी जमीन की रसीद अपडेट नहीं हैं, तो पुरानी रसीद भी मान्य होगी. अगर जमीन का म्यूटेशन( दाखिल- खारिज) नहीं हैं, तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. अन्य कोई दस्तावेज इसके लिए मान्य होगा. सर्वे कर्मी जमीन का सर्पोटिंग दस्तावेज तभी मानेंगे, जब पेश किये गये मुख्य दस्तावेज में कोई कमी या त्रुटि होगी.
अगर किसी जमीन पर पहले कोई विवाद है या मुकदमा चल रहा है, तो ऐसी स्थिति में सर्वे के दस्तावेज में उक्त जमीन से संबंधित तमाम विवरण के बाद ब्रैकेट में केस की संख्या भी लिखी जाएगी. जमीन के दस्तावेज में जिनका नाम दर्ज हैं, उनका नाम ही सर्वे दस्तावेज में दर्ज किया जाएगा. बाद में कोर्ट से आए फैसले के आधार पर इसमें संशोधन किया जाएगा.
Aug 29 2024, 10:22