डॉ. चरणदास महंत ने कांग्रेस कार्यकर्ताओ पर पुलिस लाठीचार्ज की करी कड़ी निंदा

रायपुर-    छत्तीसगढ़ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भिलाई 03 क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस लाठी चार्ज को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्ति की है। प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा हैं कि, मात्र 08 माह की प्रदेश सरकार में लचर कानुन व्यवस्था के चलते सामाजिक समरसता आपसी भाईचारे पर जबरदस्त ठेस लगी है।

प्रदेश सरकार अपने राष्ट्रीय एजेंडे फुट डालो-राज करो की नीति पर चल रही है। एक ओर बलौदाबाजार की घटना में जिस तरह समाज को समाज में बाँटने की नाकाम साजिश की गयी और देश के इतिहास में पहली बार कलेक्टर, एसपी कार्यलय फूंक दिए गए सरकार और प्रशासन मूक दर्शक बनी रही।पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सुरक्षा में चूक, फिर उपद्रवियों द्वारा बदसलूकी धक्का-मुक्की, उस पर कोई कार्यवाही न होना प्रदेश सरकार की नियत और कानुन व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है।

दोषियों पर कार्यवाही की मांग को लेकर सरल तरीके से मांग कर रहे हमारे कांग्रेस कार्यकर्ताओ पर अपराधी की तरह बर्ताव दौड़ा-दौड़ा कर पीटा जाना ये कतई बर्दास्त नहीं किया जा सकता। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने आगे कहा कि, प्रदेश में लगातार विपक्षीय कार्यकर्ताओ के साथ मारपीट की जा रही है। सरकार का काम प्रदेश में शांति व्यवस्था कायम रखने का है और वे ही इस तरह पेश आ रही है जो उचित नहीं है। प्रदेश सरकार के इस रवैये का हम कडे शब्दों में निंदा करते है।

प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस का धरना : पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा –
रायपुर- रायपुर पश्चिम के पूर्व विधायक व लोकसभा प्रत्याशी विकास उपाध्याय के नेतृत्व में आज कांग्रेसजनों ने रामनगर के ऐतिहासिक कबीर चौक में एकदिवसीय धरना प्रदर्शन कर भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर कड़ा प्रहार किया है. उपाध्याय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की 08 माह की सरकार ने प्रदेश की जनता को उपहार में उनके विश्वास के बदले में सिर्फ अपराध दिया है. उन्होंने कहा कि लगातार हत्या, लूट, डकैती, चोरी, चैन स्नैचिंग, नशीले पदार्थ का व्यापार, अवैध शराब बिक्री, जुआं, सट्टा सहित जघन्य अपराध प्रदेश की जनता को उपहार में दिया है. वहीं भारतीय जनता पार्टी की सरकार के संरक्षण में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. रामनगर की सड़कों में खुले आम हत्या हो जाती है उसके बाद अपराधी सोशल मीडिया में उसे लाईव भी वायरल कर देता है, कोई अपराधी का पुलिस कार्यवाही होने से पहले ही वर्तमान भारतीय जनता पार्टी की सरकार की इस पर कोई प्रतिक्रिया भी नहीं होती बल्कि उनका उल्टा फोन चला जाता है कि उस पर कोई कार्यवाही न की जाये. वर्तमान सरकार एवं वर्तमान विधायक आँखों में पट्टी बाँधकर बैठे हुए हैं और वहीं पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा रामनगर में पुलिस चौकी खोलने के लिए निविदा तक की प्रक्रिया हो चुकी थी उसको तक वर्तमान विधायक द्वारा अपनी हठधर्मिता के कारण शुरू नहीं होने दे रहे हैं उसी के चलते विगत् दिनों उसी क्षेत्र में जहाँ पर पुलिस चौकी खुलना था हत्या जैसी घटना घट गई. आज इसी के विरोध में एकदिवसीय धरना रामनगर के ऐतिहासिक कबीर चौक में भारतीय जनता पार्टी के सरकार एवं विधायक के कार्यशैली के खिलाफ आम जनता एवं कांग्रेसजनों ने धरना प्रदर्शन किया.

विकास उपाध्याय ने कहा कि दो दिन पूर्व छत्तीसगढ़ प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के काफिले को रोका जाता है उनकी सुरक्षा में तैनात जवानों से धक्का-मुक्की और बद्तीमीजी की जाती है, उनके गाड़ी में पथराव किया जाता है और जब इसके विरोध में कल कांग्रेस पार्टी द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से धरना दिया जाता है तब जिन लोगों ने काफिले को रोकने वालों की शिनाक्त करवाई थी उनको चिन्हित कर उन पर लाठी चार्ज किया जाता है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के काफिले में हुए हमले एवं उनके सुरक्षा में हुए चूक को लेकर कल 3 बजे कांग्रेस के प्रतिनिधि मण्डल डीजीपी से मुलाकात करेंगे.

उपाध्याय ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कांग्रेस की सरकार में अपराध करने वालों व अपराध पर पूर्ण नियंत्रण था, जबकि पश्चिम विधानसभा, रायपुर शहर सहित पूरे प्रदेश में आपराधिक प्रकरणों में लगातार वृद्धि हो रही है और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. क्या हमने यही दिन देखने के लिए इन्हें विधायक चुना था, क्या ऐसी स्थिति लाने के लिए सरकार को चुना था, छत्तीसगढ़ जैसे शांत प्रदेश को भारतीय जनता पार्टी की सरकार आग में झोंकने का काम कर रही है और जनता को गुमराह करने के लिए मुख्यमंत्री और उनके मंत्री, विधायक सोशल मीडिया में कहते फिर रहे हैं हमने बनाया है हम ही संवारेंगे. जबकि वास्तविक स्थिति यह है कि भाजपा ने बनाया तो नहीं लेकिन छत्तीसगढ़ प्रदेश को बिगाड़ने का काम अवश्य कर रहे हैं. आने वाले दिनों में अगर अपराध में अंकुश नहीं लगा पाती है भारतीय जनता पार्टी की सरकार तो वो दिन दूर नहीं की जनता सड़कों पर उग्र प्रदर्शन के लिए बाध्य होगी.

आज ऐतिहासिक कबीर चौक रामनगर के धरना में विकास उपाध्याय के साथ शहर अध्यक्ष गिरीश दुबे, ब्लॉक अध्यक्ष दाऊलाल साहू, देवकुमार साहू, अशोक सिंह ठाकुर, श्रीकुमार मेनन, बबीता नत्थानी, धनंजय ठाकुर, पार्षद मनीराम साहू, सुन्दर लाल जोगी, डॉ. अन्नू राम साहू, प्रकाश जगत, वारेन्द्र साहू, राजेश पाल, सोहन शर्मा, तरूण श्रीवास, भागवत साहू, शिव सिंह ठाकुर, विकास अग्रवाल, रितेश त्रिपाठी, कमलाकांत शुक्ला, सोहन साहू, लक्की ठाकुर, दिनेश ठाकुर, खुशबू केडिया, ईश्वरी नामदेव, अजय तिवारी, पम्मी चोपड़ा, शानू दीवान, योगेश तिवारी, रितेश साहू, डेमेन्द्र यदु, निरंजन पठारी, अजीत जगत, रामदास कुर्रे, कामत साहू, सोनू यादव, ईश्वर चक्रधारी, प्रकाश दास मानिकपुरी, ईश्वर जांगड़े, कुन्दन सिन्हा, सूरज साहू, अजय निषाद, दिलीप गुप्ता, राजू टाटीबंध, मुकेश चौधरी, हेमलाल नायक, रूखमणी यादव, भीम यादव, भूपेन्दर शेरगिल सहित काफी संख्या में कांग्रेस के साथी उपस्थित रहे.
सौम्या चौरसिया को हाईकोर्ट से फिर लगा झटका, तीसरी बार जमानत याचिका की ख़ारिज

बिलासपुर- कोल लेव्ही वसूली मामले में पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव रह चुकी सौम्या चौरसिया की ज़मानत याचिका को हाईकोर्ट ने तीसरी बार खारिज कर दिया है। जस्टिस एन के व्यास की सिंगल बेंच ने यह निर्णय सुनाते हुए याचिका को खारिज कर दिया। इस निर्णय की पुष्टि राज्य के उप महाधिवक्ता और ईडी के विशेष लोक अभियोजक डॉ. सौरभ कुमार पांडेय ने की है।

बता दें कि 570 करोड़ के कोल लेव्ही वसूली मामले में सौम्या चौरसिया के साथ ही आईएएस समीर बिश्नोई रानू साहू व अन्य को ईडी ने गिरफ्तार किया था। कोल कारोबारियों से परिवहन व पीट पास जारी करने की एवज में प्रति टन के हिसाब से रुपए वसूले जाते थे। जो कारोबारी रकम नहीं देता था उसे परिवहन पास नहीं दिया जाता था। इसे एक पूरे सिंडिकेट की तरह चलाया जाता था। सिंडिकेट का किंगपिंग कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया था। सूर्यकांत तिवारी को यह शक्ति सौम्या चौरसिया से प्राप्त होती थी। ईडी ने जांच के बाद सौम्या चौरसिया और दो आईएएस के अलावा अन्य को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

ईडी के अलावा ईओडब्ल्यू ने भी कोल घोटाले की जांच में सौम्या चौरसिया और उसके परिवार के द्वारा आय से अधिक 9 करोड़ 20 लाख रुपये की 29 अचल संपत्ति खरीदने की बात कही है। यह संपत्ति साल 2021 से 2022 के बीच खरीदी गई है। मामले में पीछे डेढ़ साल से सौम्या चौरसिया जेल में बंद है। उनकी दो बार पूर्व में जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। अब सुप्रीम कोर्ट से आईएएस रानू साहू, दीपेश टांक को जमानत मिलने के आधार पर सौम्या चौरसिया ने तीसरी बार जमानत याचिका लगाई थी।

सौम्या चौरसिया के अधिवक्ता ने तर्क दिया था कि सौम्या चौरसिया पिछले डेढ़ साल से जेल में बंद है। उनके छोटे बच्चे हैं। प्रकरण की सुनवाई में अभी काफी टाइम लगना है। इसी मामले में तीन आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। लिहाजा उन्हें भी जमानत कर लाभ प्रदान किया जाए। सुनवाई के बाद जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब फैसले को सार्वजनिक किया गया है।

जल जीवन मिशन - प्रदेश में अब तक 79 प्रतिशत काम पूर्ण, 39 लाख से अधिक घरों में नल से पहुंच रहा पेयजल

रायपुर-  लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा प्रदेश में जल जीवन मिशन का काम समय-सीमा में पूर्ण करने सभी उपाय किए जा रहे हैं। मिशन के कार्यों में गति लाने लापरवाह अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही प्रगतिरत कार्यों को तेजी से पूर्ण किया जा रहा है। कार्य के प्रति उदासीन और गलत रिपोर्टिंग करने वाले छह जिलों के कार्यपालन अभियंताओं के विरूद्ध निलंबन और चार जिलों के कार्यपालन अभियंताओं के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने की कार्रवाई पिछले महीने की गई है। जल जीवन मिशन के कार्यों को समय पर पूर्ण करने निलंबित अधिकारियों के बदले उस क्षेत्र में पहले से ही मिशन का काम कर रहे अधिकारियों को प्रभार सौंपा गया है।

जल जीवन मिशन के कार्यों में कसावट और तेजी लाने निलंबित कार्यपालन अभियंताओं के स्थान पर नवीन कार्यपालन अभियंताओं की पदस्थापना की गई है। चार जिलों में सहायक अभियंताओं को प्रभारी कार्यपालन अभियंता के पद पर पदस्थ किया गया है। इन चारों सहायक अभियंताओं के पहले से ही उन क्षेत्रों में कार्यरत रहने से उन्हें मिशन के कार्यों और क्षेत्र की बेहतर जानकारी है। इन सहायक अभियंताओं की पदस्थापना से बेहतर कार्य प्रगति की संभावनाओं को देखते हुए ही इनका चयन किया गया है। इसमें किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या प्रभारवाद को प्रश्रय नहीं दिया गया है, वरन् कार्य की गंभीरता, महत्व और कार्य-पूर्णता की समय-सीमा को ध्यान में रखते हुए प्रभार सौंपे गए हैं। किसी अन्य क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारी को पदस्थ करने पर उसे क्षेत्र को जानने एवं कार्य पूर्ण कराने के लिए वातावरण को समझने में समय लग सकता था। चूँकि मिशन का कार्यक्रम समयबद्ध है, इसलिए वरिष्ठता के स्थान पर स्थानीय स्तर पर प्रभावी व्यवस्था और कार्य-पूर्णता के लक्ष्य को प्राथमिकता देते हुए शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है।

केंद्र और राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन के तहत छत्तीसगढ़ की 11 हजार 658 ग्राम पंचायतों के 19 हजार 657 गांवों में हर घर स्वच्छ पेयजल पहुंचाने का काम किया जा रहा है। राज्य के सभी गांवों के प्रत्येक घर में नल के माध्यम से शुद्ध जल प्रदान करना एक अति विस्तारित कार्य है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में कोरोना महामारी की वजह से और उसके बाद विभागीय निविदा प्रक्रिया असफल होने के कारण छत्तीसगढ़ में इस मिशन की शुरूआत वर्ष 2019 के स्थान पर 2021 में हुई। मिशन के लिए पांच वर्षों के स्थान पर छत्तीसगढ़ को तीन वर्ष का ही समय उपलब्ध हो पा रहा है। इसके कार्यों को सीमित समय में पूर्ण किया जाना है। मिशन के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्यों को दिसम्बर-2024 तक पूर्ण किया जाना है।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जल जीवन मिशन को समय पर पूर्ण करने सभी उपाय किए जा रहे हैं। विभाग में अभियंताओं की कमी के बावजूद सभी जिलों में तेजी से कार्य पूर्ण किए जा रहे हैं। उप अभियंताओं के कुल स्वीकृत पदों के विरुद्ध अभी केवल 25 प्रतिशत ही कार्यरत हैं। चूँकि कार्यावधि कम है और कार्यों की संख्या ज्यादा है, इसलिए विभाग द्वारा गुणवत्तापूर्ण कार्यों के साथ वांछित प्रगति को प्राथमिकता में रखकर सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य में अब तक जल जीवन मिशन का 79 प्रतिशत काम पूर्ण हो चुका है। प्रदेश में 50 लाख पांच हजार 111 घरों में नल से जल पहुंचाने के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 39 लाख 35 हजार 597 घरों में पाइपलाइन के जरिए पेयजल पहुंच रहा है। राज्य के 16 जिलों में मिशन का 80 प्रतिशत से अधिक काम पूर्ण कर लिया गया है। वहीं 3600 गांवों के हर घर में नल से जल की आपूर्ति हो रही है।

दुर्ग लाठीचार्ज मामला : कांग्रेस के प्रदर्शन पर पुलिस का एक्शन, महापौर समेत 150 से अधिक नेताओं के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में मामला दर्ज

दुर्ग-  पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के काफिले को रोकने के विरोध में मंगलवार कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने थाने का घेराव किया. इस प्रदर्शन के बाद अब पुलिस ने अब चरोदा मेयर निर्मल कोसरे समेत 150 से अधिक नेताओं के खिलाफ गैर जमानती धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किया है. 

दरअसल, 27 अगस्त को पूर्व सीएम भूपेश बघेल के समर्थकों ने दुर्ग के भिलाई 3 थाने का घेराव किया. इससे पहले भिलाई 3 के सिरसा गेट पर एक बड़ी सभा भी आयोजित की गई. जिसमें बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. वहीं थाने के घेराव के दौरान पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज भी किया, जिसमें कई कांग्रेसी नेता और जनप्रतिनिधि के अलावा पुलिस जवान भी घायल हुए. कांग्रेसियों और पुलिस के बीच हुए इस टकराव के बाद अब पुलिस ने गैर जमानती धाराओं के तहत 150 से अधिक लोगों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया है. वहीं नामजद में पुलिस ने मेयर निर्मल कोसरे, मनोज मढरिया और सुजीत बघेल को प्रमुख आरोपी के रूप में शामिल किया है. पुलिस ने बीएनएस की धारा 326/24 धारा 189(2), 190, 221, 132, 121, 324(2) के तहत दो अपराध दर्ज किए है.

दुर्ग पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में बताया गया है कि लोग उग्र होकर अचानक थाने की ओर बढ़े, झूमाझटकी करते हुए झंडे लेकर, झंडे की लकड़ी से पुलिस बल पर प्रहार करते हुए थाने के भीतर घुसने की कोशिश करने लगे. प्रदर्शनकारियों की ओर से किए गए अपराधिक बल प्रयोग से पुलिस बल के तीन जवानों को चोट आई है. इस के साथ साथ बल संसाधित सामग्री भी क्षतिग्रस्त हुई है.

पुलिस के अनुसार पूरे घटनाक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग और तस्वीरों की सूक्ष्मता से जांच की जा रही है. आरोपियों की पहचानकर अन्य लोगों पर भी कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है. एसपी जितेंद्र शुक्ला ने अपने बयान में कहा था कि प्रदर्शनकारियों ने इस प्रदर्शन की अनुमति नहीं ली थी. बिना अनुमति प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं दुर्ग एसपी के निर्देश पर प्रदर्शन के दौरान इस्तेमाल किए गए टेंट समाग्री और कुर्सियां भी जब्त कर ली गई है.

पांच साल से परिणाम का इंतजार कर रहे SI परीक्षा के अभ्यर्थी, गृह मंत्री के बगले के बाहर अब धरने पर बैठे…

रायपुर-   गृह मंत्री विजय शर्मा निवास के बाहर SI परीक्षा के अभ्यर्थी धरना दे रहे हैं. प्रदेशभर से पहुंचे अभ्यर्थियों का कहना है कि वर्ष 2018 में सब इंस्पेक्टर पद के लिए भर्ती निकली थी, लेकिन पांच साल बाद भी परिणाम सामने नहीं आया है. ऐसे में हताश-परेशान हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि बिना आश्वासन मिले वे घर नहीं लौटेंगे. 

एसआई की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों ने कहा कि पिछले साढ़े पाँच सालों से अपनी माँग को लेकर सड़क की लड़ाई लड़ रहें है. राज्य सरकार हमारी माँग को सुनना ही नहीं चाह रही है. हम उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा से मिलने पहुँचे थे. लेकिन हर बार की तरह इस बार भी हमे बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. हम रिजल्ट जारी करने की माँग को लेकर विजय शर्मा के बंगले के बाहर बैठे हैं. जब तक हमारी माँग पूरी नहीं होती, तब तक बंगले के बाहर ही बैठा जाएगा.

राज्य सरकार या उनके ज़िम्मेदार हमारी माँग पूरी नहीं कर सकते है, तो हमें इच्छा मृत्यु दे. सरकार का रवैया हमें समझ नहीं आ रहा है. हमारी माँग को न सुनते हुए, लाठी लेकर पुलिस अधिकारियों को भेजा जा रहा है. सिविल लाइन पुलिस कह रही है कि अगर उठेंगे नहीं तो अपराध दर्ज कर दिया जाएगा.

‘कांग्रेस से जाने वालों की भाजपा में इज्जत नहीं’, दीपक बैज के बयान पर किरण सिंहदेव का पलटवार, कहा-

रायपुर-    पीसीसी चीफ दीपक बैज के कांग्रेस छोड़कर जाने वालों की भाजपा में इज्जत नहीं वाले बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि भाजपा सभी का सम्मान करती है. जिसकी जैसी क्षमता है, उसे वैसी जिम्मेदारी दी जा रही है. दीपक बैज को हर जगह टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. अब सवाल ये है कि कांग्रेस में कोई जा नहीं रहा है. भाजपा पूरे विश्वास के साथ कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपती है. 

भाजपा सदस्यता अभियान को लेकर प्रदेशभर के मोर्चा पदाधिकारियों की प्रदेश मुख्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर की आहुत बैठक से पहले प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव मीडिया से मुखातिब हुए. इस दौरान जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के सहयोगी दल को लेकर कहा कि कांग्रेस के लिए कोई नई बात तो नहीं है. कांग्रेस हमेशा उन लोगों के साथ होती है, जो अलग-अलग गतिविधियों में रहते है. इसके बारे में हम सभी जानते है. जम्मू-कश्मीर में सभी प्रतिबंध इन्होंने ने ही तो लगवाया था. भाजपा हमेशा से कहा है कि जम्मू-कश्मीर हमारे भारत का हिस्सा है. कांग्रेस विभाजनकारी शक्तिओं के साथ रहती है, और इसे जनता निश्चित रूप से समझती है.

सदस्यता अभियान पर हो रही बैठक पर किरण सिंहदेव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रांत के संयुक्त मोर्चा के सभी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में संयुक्त रूप से सभी मोर्चा के पदाधिकारी शामिल हुए है. साथ ही कल प्रकोष्ठों की बैठक बुलाई गई है. इस तरीके से भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता और पदाधिकारी मोर्चा से लेकर बूथ तक सदस्यता अभियान के महापर्व में अपनी सहभागिता तय करेगा.

उन्होंने कहा कि आज की बैठक में जो भी तय होगा संपूर्ण रूप से ज़िम्मेदारी सुनिश्चित की जाएगी. हमारे मोर्चों का स्वरूप विभिन्न रूप से है. इस तरह कुल सात मोर्चे अपनी सहभागिता सुनिश्चित करेंगे. बैठक में पवन साय, मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के अलावा सदस्यता अभियान संयोजक अनुराग सिंहदेव, प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव भी शामिल हुए. बैठक के दौरान सदस्यता अभियान में निर्धारित लक्ष्य तक पहुँचने और सफल बनाने के निर्देश दिए गए.

देश में टी.बी को जड़ से खत्म करने के लिए जनजागरूकता आवश्यक है- राज्यपाल रमेन डेका

रायपुर-  प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान के तहत देश में वर्ष 2025 तक टी.बी. रोग जड़ से समाप्त करने के लिए सबको एक साथ मिलकर काम करना है। टी.बी. उन्मूलन समुदाय के सहयोग के बिना संभव नहीं है। टी.बी. के प्रति सभी को जागरूक होना होगा। राज्यपाल रमेन डेका ने बुधवार को टी.बी. उन्मूलन के लिए चलाई जा रही एलाइस परियोजना के राज्य स्तरीय प्रसार कार्यक्रम में उक्त बाते कही।

रीच संस्था के सहयोग से छत्तीसगढ़ सहित देश के चार राज्यों में यह परियोजना चलाई जा रही है। रीच छत्तीसगढ़ में राज्य टी.बी. कार्यक्रम केे साथ एक भागीदार के रूप में कार्य कर रहा है। रीच ने टी.बी. रोग से लड़ कर इससे मुक्त होने वाले टी.बी. चैम्पियंस का एक नेटवर्क बनाया है। एलाइस परियोजना के तहत 904 टी.बी. चैम्पियंस को प्रशिक्षित किया गया है जो सरकार के साथ मिलकर टी.बी. उन्मूलन और स्वास्थ्य सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए काम कर रहे हैं। राज्यपाल डेका ने कहा कि हम सभी को मिलकर इस परियोजना के उद्देश्य को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। राज्यपाल डेका ने कहा कि केन्द्र व राज्य शासन इस बीमारी को देश में जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन इसके लिए जनजागरूकता भी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर चलाए जा रहे प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत निक्षय मित्र बनें और एक या एक से अधिक टी.बी. मरीजों को गोद लेकर उन्हें पोषण आहार या अन्य सहायता प्रदान कर सकते है।

इस अवसर पर राज्यपाल ने एलाइस परियोजना से संबंधित रिर्पोर्ट का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन रीच संस्था की सरला सिंघानिया ने किया। टी.बी. रोग से लड़कर चैम्पिंयन बनी दुर्ग की कुमारी चंद्रकला यादव ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि 10 वर्ष पूर्व उसे टी.बी. हुआ था लेकिन पूर्ण इलाज से वह ठीक हो गई है और दूसरे टी.बी. रोग से पीड़ित व्यक्तियों को भी वह प्रेरित करती है, साथ ही राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम में भी सहयोग देती है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन छत्तीसगढ़ के संचालक डॉ. जगदीश सोनकर ने भी अपने विचार रखे।

महादेव सट्टा ऐप में छत्‍तीसगढ़ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, हवाला नेटवर्क का मास्टरमाइंड दिनेश गुजरात से गिरफ्तार

रायपुर-    महादेव सट्टा ऐप में छत्‍तीसगढ़ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने गुजरात पुलिस के साथ मिलकर ज्वाइंट ऑपरेशन में महादेव ऐप से जुड़े हवाला नेटवर्क के मास्टरमाइंड दिनेश व्यास को गिरफ्तार कर लिया है। छत्‍तीसगढ़ पुलिस ने दिनेश को उसके पैतृक गांव ब्राह्मणवे से पकड़ा है, गुजरात के पाटन जिले के चांसमा पुलिस स्टेशन की सीमा के अंतर्गत है। बतादें कि दिनेश व्यास के खिलाफ 3 जुलाई को लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था।

इस गिरफ्तारी से महादेव ऐप को समर्थन देने वाले वित्तीय नेटवर्क के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है, जो ऐप के खिलाफ चल रही जांच में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। दिनेश व्यास की गिरफ्तारी के बाद निकट भविष्य में और भी बड़े अपराधियों की गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।

दिनेश व्यास को जल्द ही ट्रांजिट रिमांड पर दुर्ग लाया जाएगा, जहां उससे पूछताछ की जाएगी और आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

29 अगस्त को मनाया जाएगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस, 1 से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों व किशोरों को दी जाएगी कृमि की दवा

रायपुर-    छत्तीसगढ़ में 29 अगस्त 2024 को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन किया जा रहा है। प्रदेश के 1 वर्ष से 19 वर्ष के सभी बच्चों एवं किशोर-किशोरियों को आंगनबाड़ी केन्द्रों, शासकीय विद्यालयों, स्वास्थ्य केन्द्रों, अनुदान प्राप्त निजी स्कूलों और तकनीकी शिक्षा संस्थानों में कृमि की दवा का सेवन कराया जाएगा। बच्चों व किशोरों के अच्छे स्वास्थ्य, बेहतर पोषण,नियमित शिक्षा तक पहुंच और जीवन की गुणवत्ता में बढ़ोत्तरी के लिए कृमिनाशक दवा देना आवश्यक है।

शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम के उप संचालक डॉ. व्ही.आर. भगत ने बताया कि प्रदेश में 1 से 19 वर्ष के 1 करोड़ 7 लाख 97 हजार बच्चों एवं किशोर-किशोरियों को कृमिनाशक दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि स्कूलों में शिक्षकों द्वारा एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा कृमिनाशक दवा एल्बेन्डाजॉल 400 एमजी की दवा का सेवन कराया जाएगा। 04 सितम्बर 2024 को मॉप-अप दिवस का आयोजन किया जाएगा जिसमें दवा सेवन से छूटे हुए बच्चों व किशोरों को दवा सेवन कराया जाएगा। इससे उनके स्वास्थ्य एवं पोषण के स्तर, एनीमिया की रोकथाम, बौद्धिक विकास तथा शाला में उपस्थिति में सुधार आएगा।

शिक्षकों एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा कृमिनाशक दवा एल्बेन्डाजॉल का सेवन कराकर कृमि नियंत्रण किया जाएगा जिसमें 01 वर्ष से 02 वर्ष के बच्चों को आधी गोली (पीसकर), 02 से 03 वर्ष के बच्चों को एक गोली (पीसकर), 03 से 05 वर्ष के बच्चों को एक गोली चबाकर, 06 से 19 वर्ष के बच्चों एवं किशोर-किशोरियों को एक गोली चबाकर पानी के साथ खिलाई जाएगी।

डॉ. भगत ने बताया कि कृमिनाशक दवा का सेवन बच्चों, किशोरों व किशोरियों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। बच्चों के शरीर में कृमि के कारण कुछ सामान्य प्रतिकूल प्रभाव जैसे जी मिचलाना, उल्टी, दस्त, पेट में हल्का दर्द और थकान का अनुभव हो सकता है। इसके अतिरिक्त जिन बच्चों को तीव्र कृमि संक्रमण होता है, उन्हें आमतौर पर कुछ अस्थायी प्रभाव भी हो सकते हैं, जिनको आसानी से स्कूल और आंगनबाड़ी केन्द्रों में ही देखभाल करते हुए ठीक किया जा सकता है। बच्चों एवं किशोरों में ये लक्षण पाए जाने पर उन्हें पीने का साफ़ पानी दें और उन्हें अपनी निगरानी में रखें।

कृमि की दवा वर्ष में दो बार देना आवश्यक

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रो में बच्चों को एक-एक अल्बेंडाजोल की टेबलेट खिलाई जाएगी। ऐसे बच्चे और किशोर-किशोरी जो स्कूल नहीं जाते हैं उन पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार पेट में कृमि होने के कई तरह की समस्या हो सकती है। ऐसे लक्षण के प्रति माता-पिता को जागरूक रहना चाहिए। कृमि के कारण बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता व खाने में रूचि घटती है। बच्चे अधिक भोजन करेंगे, लेकिन शरीर में नहीं लगेगा। अल्बेंडाजोल की गोली खिलाने से बच्चे एनीमिया का शिकार होने से बच सकते हैं। इससे मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है और बच्चे का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। मानसिक और शारीरिक विकास के लिए 01 से 19 वर्ष तक के बच्चों को कृमिनाशक दवा खिलाना जरूरी है।