मुख्यमंत्री ने स्वामी आत्मानंद की पुण्यतिथि पर उन्हें किया नमन

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने समाज सुधारक और शिक्षाविद् स्वामी आत्मानंद की पुण्यतिथि 27 अगस्त पर उन्हें नमन करते हुए कहा है कि उन्होंने छत्तीसगढ़ में मानव सेवा एवं शिक्षा संस्कार की अलख जगाई। पीड़ित मानवता की सेवा को उन्होंने सबसे बड़ा धर्म बताया। स्वामी विवेकानंद के विचारों का भी उन पर भी गहरा असर हुआ और उन्होंने अपना पूरा जीवन दीन-दुःखियों की सेवा में बिता दिया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार ने स्वामी आत्मानंद के पद चिन्हों पर चलते हुए किसानों, वनवासियों, गरीबों और मजदूरों की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के हर संभव प्रयास कर रही है। स्वामी आत्मानंद ने वनवासियों के उत्थान के लिए नारायणपुर आश्रम में उच्च स्तरीय शिक्षा केन्द्र और वनवासी सेवा केन्द्र प्रारंभ किए। श्री साय ने कहा कि स्वामी अत्मानंद के आदर्श और जीवन मूल्य सदा जनसेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे।

शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व सीएम रमन सिंह से की मुलाकात, युक्तियुक्तकरण निर्देशों पर खामियों को लेकर स्थगन की रखी मांग

रायपुर-    छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने आज पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने प्रदेश के शासकीय स्कूलों में लागू किए गए युक्तियुक्तकरण निर्देशों की खामियों और विसंगतियों की ओर ध्यान आकर्षित किया. मोर्चा का मानना है कि इस युक्तियुक्तकरण निर्देशों से निजी स्कूलों को अधिक लाभ मिलेगा, जबकि सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था चरमरा जाएगी. इसलिए मोर्चा ने उन्होंने इन निर्देशों को स्थगित करने की मांग की है. मोर्चा का कहना है कि किसी भी स्थिति में 2008 के विभागीय सेटअप से छेड़छाड़ नहीं होना चाहिए.

सरकारी स्कूलों की स्थिति हो सकती है गंभीर

प्रतिनिधिमंडल ने युक्तियुक्तकरण निर्देशों के लागू होने से शासकीय स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होने की संभावना जताई है. उन्होंने इस बात से अवगत कराया कि इससे न केवल शैक्षणिक सत्र के बीच हजारों शिक्षकों की स्थानांतरण प्रक्रिया से अफरा-तफरी मचेगी, बल्कि शाला प्रबंधन समितियों और स्थानीय निकायों और पालकों की सहमति नहीं लिए जाने से लोगों में आक्रोश पैदा हो सकता है.

डिप्टी सीएम अरुण साव समेत अन्य मंत्रियों को भी सौंपा ज्ञापन

प्रांतीय संचालक वीरेंद्र दुबे के नेतृत्व में शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने उपमुख्यमंत्री अरुण साव, मंत्री लखन लाल देवांगन और सांसद बृजमोहन अग्रवाल को भी ज्ञापन सौंपा. इसमें उन्होंने युक्तियुक्तकरण के निर्देशों की खामियों और उनकी स्थगन की मांग को लेकर अपनी चिंताओं को रखा.

युक्तियुक्तकरण के स्थगित ना होने पर व्यापक आंदोलन की योजना

शालेय शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी और प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने बताया कि मोर्चा ने ज्ञापन देने की प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया है. पहले चरण में कलेक्टर और जिलाशिक्षाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया था. अब दूसरे चरण में मंत्रिमंडल, सांसदों और विधायकों को ज्ञापन दिया जा रहा है. आगामी चरण में, 2 से 3 अगस्त के बीच, शिक्षा सचिव और DPI संचालक से मिलकर ज्ञापन सौंपा जाएगा. अगर इन प्रयासों से समाधान नहीं निकलता, तो मोर्चा सड़क पर आंदोलन करने के लिए भी तैयार है.

‘विष्णु’ के घर कृष्ण जन्माष्टमी की धूम, मुख्यमंत्री ने दिव्यांग बच्चों संग मनाया त्यौहार

रायपुर-    कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर आज भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मुख्यमंत्री निवास में धूमधाम से मनाया गया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस बार जन्माष्टमी अपने निवास पर दिव्यांग बच्चों के साथ मनाई। राधा और कृष्ण का रूप धरे रायपुर के तीन दिव्यांग संस्थाओं के 25 बच्चों की अठखेलियों से आज शाम मुख्यमंत्री निवास गुलजार रहा। मुख्यमंत्री श्री साय ने इन बच्चों के साथ भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की और प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने पालने में बाल गोपाल के रूप में बिराजे दिव्यांग बालक रूद्र की पूजा कर झूला भी झुलाया। उन्होंने प्रदेशवासियों को कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई और शुभकामनाएं दीं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पूजा के बाद सभी बच्चों को खुद अपने हाथों से प्रसाद वितरित किया। उन्होंने बच्चों को अपनी गोद में लेकर दुलारा और बातकर उनकी पढ़ाई-लिखाई के बारे में भी पूछा। रायपुर के शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ विद्यालय मठपुरैना तथा माना के अस्थिबाधित बालगृह और बहु-दिव्यांग बालगृह के बच्चे मुख्यमंत्री निवास में आयोजित कृष्ण जन्माष्टी कार्यक्रम में शामिल हुए। संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री साय ने आज का पावन दिन इन बच्चों के साथ साझाकर उनके त्यौहार को खास बना दिया। उन्होंने इस मौके पर कहा कि इन बच्चों के साथ भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाना और उनकी पूजा करना मेरे लिए अत्यंत सुखद और गर्व का विषय है। प्रदेश के अन्य बच्चों की तरह ये बच्चे भी हमारे समाज का अभिन्न हिस्सा हैं। हम इनकी बेहतर परवरिश, शिक्षा-दीक्षा और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सदैव प्रतिबद्ध हैं।

भानपुरी में आयोजित कृष्ण जन्माष्टमी पर्व में शामिल हुए वनमंत्री केदार कश्यप

रायपुर-    वनमंत्री केदार कश्यप ने आज बस्तर के ग्राम भानपुरी में आयोजित कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना की तथा झूला झुलाया। उन्होंने क्षेत्रवासियों और प्रदेश के सभी लोगों की सुख-समृद्धि की कामना की।

वनमंत्री श्री कश्यप ने कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान कृष्ण की कृपा से आपके जीवन में प्रेम, शांति और खुशहाली आए। हम सभी कृष्ण की लीलाओं से प्रेरणा लें और अपने जीवन में सच्चाई और न्याय का मार्ग अपनाएं। समस्त जगत भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन हों और सभी अपने जीवन को सकारात्मकता से भरें। यही मंगल कामना है।

यह कार्यक्रम तुलसी महिला मंडल के द्वारा आयोजित किया गया था। मंडल के सदस्यों ने बताया कि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी कार्यक्रम उत्साह पूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम में भानपुरी, करंदोला सहित आसपास के लोग सम्मिलित हुए।

जन्माष्टमी शोभायात्रा पर मंत्री श्री देवांगन ने बरसाए फूल भगवान श्रीकृष्ण को पालने पर झुलाया, कोरबा में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में हुए शामिल

रायपुर-     वाणिज्य उद्योग और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन आज कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर कोरबा शहर के विभिन्न मंदिरों में आयोजित श्री कृष्ण जन्मोत्सव मे शामिल हुए। पुरानीबस्ती कोरबा स्थित रानी रोड दुर्गा मन्दिर से श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर स्थानीय वार्ड वासियों द्वारा भव्य शोभायात्रा निकाली गई, इस शोभायात्रा में मंत्री श्री देवांगन शामिल हुए। मंत्री श्री देवांगन ने श्री कृष्ण की आरती की। वार्ड वासियों के साथ मंत्री श्री देवांगन ने श्री कृष्ण झांकी पर फूलों की वर्षा की।

मंत्री श्री देवांगन ने वार्ड वासियों और समिति को जन्माष्टमी की बधाई देते हुए कहा कि सनातन परंपरा में आस्था रखने वालों के लिए श्री कृष्णा प्रेरणा स्रोत हैं, गीता के माध्यम से श्री कृष्ण ने धर्म के मार्ग पर चलने का उपदेश दिया है और सभी धर्म को साथ में लेकर कैसे चला जाता है इसे उन्होंने सिखाया भी है। आज हम सभी को श्री कृष्ण के बताएं मार्ग पर चलना चाहिए। इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष प्रफुल्ल तिवारी, वार्ड क्रमांक 16 के पार्षद नरेंद्र देवांगन, पार्षद धनश्री साहू, राकेश नागरमल, लक्ष्मण श्रीवास व समिति के विशाल साहू, अंशु तिवारी, जयंत श्रीवास, वीरेंद्र साहू, राहुल तंवर समेत अधिक संख्या में वार्ड वासी उपस्थित रहे। तत्पश्चात् मंत्री श्री देवांगन सीतामणी स्थित श्री सप्तदेव मंदिर पहुंचे। उन्होंने श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर बनाए गए विभिन्न झांकियों के साथ-साथ भगवान श्रीकृष्ण का दर्शन किए। कृष्ण भगवान की जीवंत मनमोहक झांकी देख मंत्री भाव विभोर हुए। भगवान को भोग लगाकर आरती की गई। इस अवसर पर मंत्री श्री देवांगन ने सभी भक्तों के साथ राधे-राधे का उदघोष किया।

इसके अलावा पंडित रवि शंकर नगर स्थित कपिलेश्वर मंदिर, राधा कृष्ण मन्दिर बालको और श्रीराम मंदिर बालको नगर में मंत्री श्री देवांगन श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव में शामिल हुए। इस अवसर पर अधिक संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित रहे। इस अवसर पर अशोक मोदी, राजा मोदी, गौरव मोदी, वैभव शर्मा समेत अधिक संख्या में उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से कुनकुरी विधानसभा के ग्रामीणों ने की सौजन्य मुलाकात

रायपुर-   जशपुर जिले के ग्राम पंचायत तामासिंघा, बंदरचुआं और आश्रित ग्रामों के पंचों तथा ग्रामीणों के वार्षिक भ्रमण में अब एक नई जगह जुड़ गई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के गृह ग्राम बगिया के आसपास के गांवों से वार्षिक भ्रमण पर राजधानी रायपुर पहुंचे ग्रामीणों ने गांव लौटने से पूर्व यात्रा के अंतिम पड़ाव में मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर उनसे मुलाकात की। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से अपनी यात्रा के बारे में रोचक बातें साझा की। मुख्यमंत्री ने सभी का हालचाल जाना और बारिश, खेती-किसानी सहित गांव से जुड़ी ढेर सारी बातें की। इस मौके पर ग्राम तामासिंघा के सरपंच संकेत साय पैंकरा भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री श्री साय सभी से बड़ी आत्मीयता से मिले। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस साल अच्छी बारिश हुई है और पैदावार भी अच्छी होगी। श्री साय ने कहा कि कुनकुरी और आसपास के क्षेत्रों में पानी की समस्या रहती है, इसके लिए सिंचाई और पेयजल परियोजनाओं पर काम हो रहा है। आने वाले समय में सिंचाई के साथ अन्य समस्याएं भी दूर हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को सामुदायिक भवन के स्वीकृति की जानकारी दी और बच्चों के खेलकूद के लिए जरूरी अधोसंरचना उपलब्ध कराने की बात कही।ग्रामीणों ने भी मुख्यमंत्री के सामने आत्मीयता से अपनी बातें रखी। यात्रा के बारे में बताया, गांव के बारे में जानकारी दी और कुछ समस्याएं भी रखीं। ग्रामीण अपनी बात उनसे ऐसे साझा कर रहे थे, मानों गांव के अपने किसी साथी को बता रहे हों।

ग्रामीणों ने बताया कि श्री साय शुरू से ही ऐसे है, वें कहीं भी रहें उनका अपने क्षेत्र और क्षेत्रवासियों से हमेशा ऐसा ही लगाव रहा है। सांसद रहते हुए भी क्षेत्र के विकास के लिए जुटे रहे और उनका यह स्वभाव आज भी नहीं बदला है। हमने उनका संघर्ष देखा है और आज जब वो प्रदेश के मुखिया है, यह बात हमें गौरव से भर देती है।गौरतलब है कि तामासिंघा और आसपास के ग्राम पंचायत के सभी पंच अपने परिजनों के साथ प्रतिवर्ष प्रदेश के विभिन्न इलाकों के भ्रमण पर निकलते है। इसी कड़ी में पंचों के प्रतिनिधिमंडल ने अपने परिजनों के साथ इस वर्ष मां बम्लेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़, राजधानी रायपुर के मंत्रालय, शहीद वीर नारायण सिंह स्टेडियम, जंगल सफारी, राम मंदिर और पुरखौती मुक्तांगन का भ्रमण किया।

इस मौके पर सायनंदन राम, सुचिता लकड़ा, सचिव अनुराग तिवारी, लिवावती बाई सहित अन्य जनप्रतिनिधि और ग्रामीण जन उपस्थित थे।

8 माह में 170 नक्सलियों ने किया सरेंडर : बीजापुर में 25 खूंखार माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण, साय सरकार की पुनर्वास नीति से हुए प्रभावित

बीजापुर-   राज्य सरकार की पुनर्वास नीति और बीजापुर पुलिस के ‘नियद नेल्ला नार’ योजना से प्रभावित होकर 25 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. इसमें 8-8 लाख के ईनामी कंपनी नंबर 02 के 03 PLGA/पार्टी सदस्य, 03 लाख का ईनामी प्लाटून नम्बर 16 सेक्शन डिप्टी कमाण्डर, 01-01 लाख के ईनामी 02 माओवादी एलओएस सदस्य-सीएनएम अध्यक्ष सहित भैरमगढ़ एरिया कमेटी एवं गंगालूर एरिया कमेटी के माओवादी शामिल हैं. बता दें कि 2024 में अब तक 170 माओवादियों ने सरेंडर किया है.

बता दें कि हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सलियों से अपना रास्ता बदलने की बात कही थी नहीं तो अंतिम प्रहार की चेतावनी दी थी. जल्द नई सरेंडर पॉलिसी की घोषणा करने की बात भी कही थी. इसका असर बस्तर में दिखने मिला है. माओवादियों की भेदभाव पूर्ण नीति, माओवादियों के जीवन शैली व विचारधारा से क्षुब्ध होकर एवं छग शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति एवं बीजापुर पुलिस की ओर से चलाए जा रहे “नियद नेल्ला नार” योजना से प्रभावित होकर 25 नक्सलियों ने सरेंडर किया है.

सरेंडर किए माओवादियों को दिए गए 25-25 हजार रुपए

बीजापुर एसपी डॉ. जितेंद्र यादव ने बताया, वर्ष 2024 में अब तक 170 माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. वहीं विभिन्न माओवादी घटनाओं में शामिल 346 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है. आत्मसमर्पण करने पर इन्हें उत्साहवर्धन के लिए शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत् 25000-25000 रुपए नगद प्रोत्साहन राशि दी गई.

राज्य सरकार ने निलंबित IPS सदानंद कुमार के खिलाफ जारी किया आरोप पत्र, कही ये बात…

रायपुर-    बलौदाबाजार हिंसा मामले में निलंबित IPS सदानंद कुमार के खिलाफ राज्य सरकार ने आरोप पत्र जारी किया है. सदानंद को दिए गए आरोप पत्र में कहा गया है कि निलंबित आईपीएस सदानंद कुमार 8 फरवरी 2024 से 12 जून 2024 तक पुलिस अधीक्षक जिला बलौदाबाजार-भाटापारा के पद पर पदस्थ थे. इस दौरान उन्होंने जैतखाम तोड़फोड़ मामले में अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम का उल्लंघन किया है.

पत्र में कहा गया है कि 15-16 मई 2024 की दरमियानी रात गिरौदपुरी धाम के अमरगुफा में सतनामी समाज के आस्था के प्रतीक 3 जैतखाम को काटकर फेक दिए जाने और मंदिर के गेट को तोड़कर क्षतिग्रस्त किए जाने पर गिरौदपुरी चौकी में अपराध दर्ज किया गया था. इस मामले में उचित पर्यवेक्षण किए बिना एवं प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में न रखकर सभी बिंदुओं पर गहन विवेचना के बिना न्यायालय में 05 जून 2024 को अभियोग पत्र पेश किया जाना पाया गया. यह कृत्य अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 1968 के नियम 3(2B) (xiii) का उल्लंघन है. सदानंद कुमार ने कर्तव्यनिष्ठ न रहने और सर्वोत्तम विवेक से कार्य न करने के कारण अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम-1968 के नियम 3(2B) (xiii) का उल्लंघन किया.

जानिए क्या है पूरा मामला

बता दें 15-16 मई की दरमियानी रात कुछ असामाजिक तत्वों ने गिरौधपुरी धाम के पूज्य जैतखाम में तोड़फोड़ की थी. मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. पुलिस की इस कार्रवाई से समाज के लोग असंतुष्ट थे और न्यायिक जांच की मांग कर रहे थे. इस बीच गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच की घोषणा भी कर दी थी. जैतखाम में तोड़फोड़ के विरोध में हजारों लोग 10 जून को कलेक्ट्रेट के पास इकट्ठे हुए और हिंसक प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट और एसपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया था. हिंसा के तीन दिन बाद राज्य सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए बलौदाबाजार के कलेक्टर कुमार लाल चौहान और एसपी सदानंद कुमार को निलंबित कर दिया था. 

नवा रायपुर में चौक-चौराहों के नामकरण पर बोले उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, ‘पिछली सरकार में जो नाम किए सो किए, अब आगे काम हमारा है’

रायपुर-    छत्तीसगढ़ में नामकरण की राजनीति नई नहीं बहुत पुरानी है. सरकार बदलने के साथ ही योजनाओं से लेकर चौक-चौराहों, स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालयों के नामकरण को लेकर सियासत होती रही है. सरकारें किसी की भी रही हो नामकरण को लेकर सियासी बवाल मचते रहा है. जैसे कि अब की बार भाजपा सरकार में पक्ष और विपक्ष के बीच वार-पलटवार के साथ देखने को मिल रहा है.

दरअसल भाजपा सरकार ने नवा रायपुर के चौक-चौराहों के नामकरण के लिए एक समिति का गठन किया है. समिति की ओर सुझाए गए नामों पर सरकार चौक-चौराहों का नामकरण करेगी. लेकिन इसे लेकर विपक्ष की ओर से सवाल खड़ा किया गया है कि पुरखों के नामों के साथ खिलवाड़ न किया जाए. भाजपा की सरकार नामकरण की राजनीति न करें.

इस मामले में आज उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने स्पीकर हाउस में आयोजित एक साहित्यिक कार्यक्रम में साहित्यकारों, इतिहासकारों और संस्कृतिकर्मियों के बीच कहा कि भाजपा नाम बदलने पर नहीं, काम करने पर विश्वास करती है. सभी को पता है कि भारत की सबसे बड़ी सुनियोजित सिटी बनाने काम डॉ. रमन सिंह की सरकार शुरू हुआ था. अब राज्य में फिर से भाजपा की सरकार है तो नवा रायपुर के विकास को लेकर फिर से तेजी से काम शुरु हो गया है, जो कि पिछली सरकार में नहीं हो सका था.

विपक्ष को लग रहा है कि नवा रायपुर के नामकरण को लेकर हम राजनीति कर रहे हैं, लेकिन हम राजनीति नहीं विकास करने पर विश्वास रखते हैं. पिछली सरकार में जिन चौक-चौराहों का नाम जो रखना था रखा गया होगा, उस पर मैं कुछ नहीं कहूँगा और न ही उसे लेकर हमारी आपत्ति है, जो नाम किए सो किए. लेकिन अब आगे काम हमारा है. नवा रायपुर में अभी बहुत काम बाकी है, और जो काम बाकी है उसे हमारी सरकार अवश्य पूरा करेगी.

हमारी सरकार लक्ष्य और विजन के साथ काम कर रही है. सरकार की कार्ययोजना में है कि छत्तीसगढ़ के अंदर नवा रायपुर की तरह ही 10 और व्यवस्थित शहर बनाएंगे. पुरखों मान बढाएंगे. छत्तीसगढ़ का गौरवशाली इतिहास बताएंगे. स्मृतियों को सहेंजेगे. धरोहरों को बचाएंगे. राजनीति नहीं करेंगे. विकास किया है, करते रहेंगे और आगे भी करके दिखाएंगे. और इसमें आप सबकी भागीदारी होगी. साहित्यकारों, इतिहासकारों, संस्कृतिकर्मियों, रंगकर्मियों, सबकी.

आशीष ठाकुर लिखित दस्तावेजी किताब ‘रायपुर’ का डॉ. रमन सिंह ने किया विमोचन
रायपुर-   स्पीकर हाउस में सोमवार को हरि ठाकुर स्मारक संस्थान की ओर से पुस्तक विमोचन का आयोजन किया गया. रायपुर नामक दस्तावेजी किताब का विमोचन विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने किया. किताब का लेखन वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार आशीष ठाकुर ने किया है. विमोचन के मौके पर विशेष रूप से उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा भी मौजूद रहे. वहीं इतिहासकार, साहित्यकार, रंगकर्मी और पत्रकार भी बड़ी संख्या में शामिल हुए.

स्पीकर हाउस बनेगा साहित्य और संस्कृति का केंद्र – डॉ. रमन सिंह

डॉ. रमन सिंह ने किताब के लेखक को बधाई देते हुए कहा कि रायपुर नगर के इतिहास पर आशीष सिंह ने जी ने बड़ा काम किया है. रायपुर प्राचीनकाल से ही ऐतिहासिक नगर रहा है. रायपुर को अलग-अलग कालखंडों में कई नाम दिए गए. जैसे कभी इसे कंचनपुर, कभी कनकपुर कहा गया. इससे पता चलता है कि रायपुर की महत्ता सोने के समान रहा है. रायपुर को रयपुर भी कहा जाता रहा है. रय का अर्थ माता लक्ष्मी और पुर का अर्थ निवास होना भी बताया गया है. अर्थात वह स्थान जहां माता लक्ष्मी का निवास हो.

डॉ. रमन सिंह ने इस दौरान यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ का अपना गौरवशाली इतिहास रहा है. इतिहास के पन्नों में रायपुर और राज्य का गौरवशाली पन्ना बिखरा हुआ है. इन पन्नों को सहेजने का काम हम सबकों मिलकर करना होगा. पौराणिक काल से लेकर वर्तमान तक के रायपुर को बताने और दिखाने का काम करना होगा. रायपुर के अंदर ढेरों ऐतिहासिक धरोहर और निशानियां हैं. रमन सिंह ने इस दौरान कल्चुरी राजवंश, किला, बूढ़ा तालाब, कलेक्ट्रेट बिल्डिंग और बाबूलाल टॉकिज से जुड़े हुए किस्सों के साथ ही उन्होंने 70 के दशक में रायपुर में हुई कॉलेज की पढ़ाई के दिनों को भी साझा किया.

डॉ. रमन सिंह ने इस दौरान यह घोषणा भी की स्पीकर हाउस को हम साहित्य और संस्कृति का केंद्र बनाएंगे. राज्य के साहित्यकार, लेखकर, संस्कृतिकर्मी अगर कोई साहित्यिक आयोजन, किताब का विमोचन कराना चाहते हैं तो वें स्पीकर हाउस में कार्यक्रम आयोजन कर सकते हैं. इसकी सुव्यवस्था हाउस के अंदर मौजूद सभागार में की जा रही है. आयोजन के लिए कम से कम सप्ताहभर पूर्व एक सूचना देनी होगी. मैं एक बेहतर आयोजन के लिए साहित्यकारों और लेखकों को आमंत्रित करता हूँ कि वें निरंतर इस दिशा में प्रसात करते रहें.

पुरखों की स्मृतियों को संजोने हम संकल्पबद्ध- विजय शर्मा

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि आशीष भैय्या ने जो ऐतिहासिक दस्तावेज तैयार किया वह महत्वपूर्ण है. मैं इस किताब के लेखन के लिए उन्हें बहुत-बहुत बधाई देता हूँ. मैं किताब को अभी पढ़ तो नहीं पाया हूँ, लेकिन पन्ने पलट ही रहा था कि मेरी नजर रायपुर लगर के सौ साल पुरानी एक इमारत पर पड़ी. इससे यह पता चलता है कि रायपुर नगर शताब्दी पूर्व कैसा रहा होगा. इसी तरह के प्रयास हम सबको मिलकर करना है. अतीत के पन्नों को पलटने से वर्तमान को भविष्य का ज्ञान हो सकता है. कहने का अर्थ है की नई पीढ़ी के समक्ष दस्तावेजी इतिहास को सामने लाते रहे. मैं यही कहना चाहूँगा कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद 15 साल तक जब डॉ. रमन सिंह की सरकार थी तब भी पुरखों की स्मृतियों को संजोने का काम हुआ और वर्तमान में आज फिर से भी बीजेपी की सरकार है तो मैं यह विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि पुरखों की स्मृतियों को संरक्षित, संवर्धित करने हम संकल्पबद्ध हैं.

कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार डॉ. रामकुमार बेहार ने की. उन्होंने कहा कि आशीष ठाकुर जी ने रायपुर नामक इस किताब से छत्तीसगढ़ के कई ऐतिहासिक घटनाओं का जिक्र है. यह एक शोधपरक किताब है. वहीं इतिहासकार डॉ. एल.के. निगम ने कहा कि सरकारों को ऐसे किताबों का संदर्भ लेकर ऐतिहासिक स्मारकों, दस्तवेजों को संरक्षित करने का काम करना चाहिए. इतिहासकार डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्र ने कहा कि रायपुर नगर इतिहास अत्यंत प्राचीन है. रायपुर के अंदर ही अभी कई स्थानों पर खुदाई करने से अतीत के कालखंड बाहर आने लगेंगे. रायपुर सदियों पूर्व से एक बड़ा व्यापारिक केंद्र भी रहा. संस्कृति विशेषज्ञ अशोक तिवारी ने कहा कि इस किताब में कई कालखंडों का उल्लेख है. मैं किताब के लेखक दस्तावेजी लेखन के लिए बधाई देता हूँ. इस बहाने यह भी कहूँगा कि किताब के लिए जरिए जिन ऐतिहासिक धरोहरों का जिक्र किया गया उसे संरक्षित करने का प्रयास होना चाहिए. क्योंकि इस रायपुर नगर से पहली सरकारी बिल्डिंग जो कि एक धरोहर था उसे हम खो चुके हैं.

विमोचन कार्यक्रम में साहित्यकार डॉ. सुशील त्रिवेदी, डॉ. सुधीर शर्मा, शकुंतला तरार, जागेश्व प्रसाद, रंगकर्मी अरविंद मिश्रा, राकेश तिवारी, कवि मीर अली मीर, सहित कई अन्य साहित्यकार, पत्रकार, रंगकर्मी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें.