कोलकाता केस पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान, कहा-30 साल में ऐसी लापरवाही नहीं देखी; पुलिस की भूमिका पर भी संदेह
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कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी लेडी डॉक्टर से रेप और मर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोलकाता डॉक्टर रेप मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस केस में लीपापोती करने की कोशिश की गई। जांच के नियमों की अनदेखी की गई। वारदात पर पर्दा डालने की कोशिश की गई। अस्पताल प्रशासन ने इस मामले में एक्शन नहीं लिया। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार ने इस केस में इस तरह से काम किया, जो मैंने अपने 30 साल के करियर में नहीं देखा।
कोलकाता में ट्रेनी डटक्टर के साथ रेप के बाद क्रूरता से की गई हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीती 20 अगस्त को स्वतः संज्ञान लिया था। मामला सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच के पास है। इसमें जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट में कोलकाता कांड पर जस्टिस पारदीवाला ने पोस्टमॉर्टम और एफआईआर की टाइमिंग पर सवाल उठाए।
कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि लेडी डॉक्टर की डेडबॉडी का पोस्टमॉर्टम 9 अगस्त की शाम 6:10-7:10 बजे हुआ। इसके बाद जस्टिस पारदीवाला ने पूछा, ‘जब आप पोस्टमार्टम करना शुरू करते हैं, तो इसका मतलब है कि यह अप्राकृतिक मौत का मामला है। रात को 23:20 बजे अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया था। 9 अगस्त को जीडी (जनरल डायरी) एंट्री और एफआईआर 11:45 बजे दर्ज की गई थी।क्या यह सच है?
जस्टिस पारदीवाला वाला ने कहा कि यह बहुत चौंकाने वाला है कि अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करने से पहले ही पोस्टमॉर्टम शुरू कर दिया गया? जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि जब पोस्टमॉर्टम 6 बजकर 10 मिनट में शुरू हो गया और 7 बजकर 10 मिनट में खत्म तो फिर रात को 11 बजकर 30 मिनट पर यूडी यानी अननेचुरल डेथ रजिस्टर्ड करने की क्या जरूरत थी?
इस पर सिब्बल कहते हैं कि सर यह एफआईआर है, यूडी नहीं। टाइमलाइन देखिए, हमने सबकुछ बताया है। यूडी 1 बजकर 45 मिनट पर रजिसिटर्ड हुआ था। वहीं, चीफ जस्टिस ने कहा कि अपराध की GD एंट्री सुबह 10:10 पर हुई, जब फोन के जरिए यह खबर मिली कि थर्ड फ्लोर पर PG डॉक्टर बेहोशी की हालत में मिली है। चीफ जस्टिस ने कहा कि पीड़ित के शव को देखकर बोर्ड ने शुरुआती राय दी थी कि मौत का कारण गला घोटने के कारण हो सकता है और सेक्सुअल एसॉल्ट से भी इनकार नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद पोस्टमार्टम शाम 6-7 के बीच हुआ और उसके बाद जांच शुरू की गई।
जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि कृपया यहां एक जिम्मेदार पुलिस अधिकारी को मौजूद रखें। हमें अभी तक यह जवाब नहीं मिला है कि यूडी केस कब दर्ज हुआ। जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि हमें बताएं कि जांच पंचनामा कब हुआ? सिब्बल ने जवाब दिया कि शाम 4:20 से 4:40 बजे। कोर्ट ने कहा कि हमारे पास जो रिपोर्ट है, उससे पता चलता है कि जांच पंचनामा और पोस्टमार्टम के बाद यूडी केस दर्ज हुआ। सिब्बल ने इससे इनकार किया। इसके बाद जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि राज्य सरकार ने इस केस में इस तरह से काम किया, जो मैंने अपने 30 साल के करियर में नहीं देखा।
Aug 22 2024, 14:48