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Aug 13 2024, 15:47

'सुरक्षा नहीं तो ड्यूटी नहीं..', कोलकाता कांड पर उबला पूरा देश, कई जगह डॉक्टरों की हड़ताल, मरीज बेहाल

 कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के बाद देशभर में डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी है। कई अस्पतालों में केवल आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध हैं, जबकि ओपीडी सेवाएं पूरी तरह बंद कर दी गई हैं। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (FORDA) ने इस घटना के विरोध में देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था, जिसका असर अब दिखाई दे रहा है।

FORDA ने इस घटना को रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुए सबसे बर्बर हादसों में से एक बताया है और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखकर दोषी अधिकारियों और व्यक्तियों से इस्तीफा मांगा है, जो महिला डॉक्टर की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे। एसोसिएशन ने यह भी मांग की है कि हड़ताल करने वाले डॉक्टरों पर कोई कार्रवाई न की जाए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। कोलकाता के अधिकांश अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर हैं, जिससे मरीजों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में भी डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया और ओपीडी सेवाएं बंद रहीं। मरीज और उनके परिजन इलाज के लिए इधर-उधर भटकते रहे, लेकिन ओपीडी के दरवाजे बंद मिले। पटना मेडिकल कॉलेज में भी इसी तरह की स्थिति रही, जहां बड़ी संख्या में मरीज बिना इलाज के बाहर बैठे रहे।

मुंबई के जेजे अस्पताल, सियोन, नायर और किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल में भी डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया और ओपीडी सेवाएं बंद रहीं। दिल्ली के एम्स में भी 80 प्रतिशत डॉक्टर हड़ताल पर रहे, जिससे मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। एम्स प्रशासन ने डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। IMA ने बताया कि 25 राज्यों में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कानून हैं, लेकिन केंद्र ने इस दिशा में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इस घटना के बाद, कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर का खून से सना शव पाया गया था, जिसके बाद पता चला कि उसका रेप करके हत्या कर दी गई थी। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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Aug 13 2024, 15:45

DRDO ने किया एंटी टैंक मिसाइल MP-ATGM का सफल परिक्षण, टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों को पल में करेगा ध्वस्त

 राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने स्वदेशी मैन-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) का सफल परीक्षण कर लिया है। इस परीक्षण के दौरान मिसाइल ने अत्यधिक सटीकता के साथ अपने लक्ष्य पर निशाना साधा, जिससे यह साबित हुआ कि यह मिसाइल दुश्मन के टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को प्रभावी ढंग से नष्ट करने में सक्षम है।

MPATGM को भविष्य में भारतीय सेना के मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन में भी तैनात किया जाएगा। यह मिसाइल टैंडम हाई एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक (HEAT) हथियार से लैस है, जो अत्याधुनिक एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर (ERA) से ढके बख्तरबंद वाहनों को भी भेदने में सक्षम है। इसका मतलब है कि वर्तमान समय के किसी भी आधुनिक टैंक या बख्तरबंद वाहन के लिए इस मिसाइल से बच पाना मुश्किल होगा। इस मिसाइल का वजन 14.50 किलोग्राम है और इसकी लंबाई 4.3 फीट है, जिसे संचालित करने के लिए दो लोगों की आवश्यकता होती है। MPATGM की मारक क्षमता 200 मीटर से लेकर 2.5 किलोमीटर तक है। 

इसमें टैंडम चार्ज हीट और पेनेट्रेशन वॉरहेड लगाए जा सकते हैं, जो इसे दुश्मन के भारी कवच वाले वाहनों के लिए और भी घातक बनाते हैं। सेना में MPATGM के शामिल होने के बाद फ्रांस में बनी मिलन-2टी और रूस में बनी कॉन्कर्स एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों के पुराने वर्जन को हटाया जाएगा, जिससे भारतीय सेना की मारक क्षमता और भी अधिक बढ़ेगी। DRDO का यह सफल परीक्षण भारत की रक्षा क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, क्योंकि यह स्वदेशी मिसाइल प्रणाली न केवल देश को आत्मनिर्भर बनाएगी बल्कि रक्षा क्षेत्र में भी नए मानक स्थापित करेगी। इससे भारतीय सेना को अपने सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा में अधिक मजबूती मिलेगी, और यह भारत की रणनीतिक स्थिति को भी सुदृढ़ करेगा।

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Aug 13 2024, 15:42

'बहन के खिलाफ पत्नी को उतारना गलती थी..', अजित पवार ने अब मानी लोकसभा चुनाव में हुई भूल !

लोकसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र की बारामती सीट पर विशेष ध्यान केंद्रित था, क्योंकि यहाँ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दो धड़ों में एक गंभीर आंतरिक कलह उभर कर सामने आई थी। इस सीट पर दो प्रमुख उम्मीदवार थे: अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को मैदान में उतारा था, जबकि शरद पवार गुट की ओर से उनकी बेटी सुप्रिया सुले चुनावी मुकाबले में थीं। चुनाव के परिणामों ने अजित पवार को एक बड़ा झटका दिया और सुप्रिया सुले ने जीत हासिल की, जो लगातार इस सीट पर जीतती आई हैं।

 

इस चुनावी हार ने अजित पवार की राजनीतिक स्थिति को कमजोर कर दिया और उन्होंने राज्य की केवल एक सीट पर ही जीत दर्ज की। अजित पवार ने बारामती में पत्नी और बहन के आमने-सामने आने को अपनी गलती बताया और कहा कि यह कदम गलत था। उन्होंने मंगलवार को स्वीकार किया कि उन्हें अपनी पत्नी को अपनी बहन के खिलाफ चुनावी मैदान में नहीं उतारना चाहिए था। अजित पवार ने यह भी कहा कि अब इस फैसले को बदलना संभव नहीं है क्योंकि इसे संसदीय बोर्ड द्वारा अंतिम रूप से तय किया गया था।

एक कार्यक्रम में पूछे गए सवाल पर अजित पवार ने राजनीति और पारिवारिक रिश्तों के बीच फर्क करते हुए कहा कि राजनीति की अपनी जगह है और उसे घर के भीतर नहीं घुसाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वह रक्षाबंधन के दौरान बारामती में होते हैं, तो वह निश्चित रूप से अपनी बहन सुप्रिया सुले से मिलेंगे। बारामती लोकसभा क्षेत्र में शरद पवार और अजित पवार के गुटों के बीच संघर्ष ने चुनाव को और भी महत्वपूर्ण बना दिया था। हालांकि सुप्रिया सुले और सुनेत्रा पवार के बीच मुकाबला काफी कड़ा था, लेकिन अंततः शरद पवार की अगुवाई में उनके गुट ने बारामती सहित महाराष्ट्र की कई सीटों पर जीत दर्ज की।

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Aug 13 2024, 15:41

मोहम्मद यूनुस सेक्युलर आदमी, वे दरार नहीं आने देंगे..', बांग्लादेश हिंसा के बीच शरद पवार ने की अंतरिम प्रमुख की तारीफ

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 राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख, मोहम्मद यूनुस, एक धर्मनिरपेक्ष नेता हैं और वह सुनिश्चित करेंगे कि देश में विभिन्न समुदायों के बीच कोई तनाव न हो। शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद से बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को हिंसा का सामना करना पड़ रहा है, और मंदिरों पर हमले हो रहे हैं। यह हिंसा कोटा प्रणाली के खिलाफ छात्रों के विरोध से शुरू हुई और धीरे-धीरे शेख हसीना के खिलाफ बड़े पैमाने पर विद्रोह में बदल गई, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें सत्ता से हटना पड़ा।

उल्लेखनीय है कि, मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ली। पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए शरद पवार ने कहा, "मेरी जानकारी के अनुसार, यूनुस एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हैं और वह कभी भी समुदायों या भाषाई समूहों के बीच दरार पैदा नहीं करेंगे। बांग्लादेश के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना महत्वपूर्ण है, और ऐसा लगता है कि वहां की स्थिति में सुधार हो सकता है।" पवार ने यह भी कहा कि भारत सरकार बांग्लादेश में स्थिति सुधारने में मदद करेगी। बांग्लादेश में हिंसा की स्थिति भले ही पहले के मुकाबले शांत हो गई हो, लेकिन वहां के हालात अब भी गंभीर हैं। अवामी लीग पार्टी के समर्थक करीम उल हक ने बताया कि उस दिन उपद्रवियों ने पार्टी के दफ्तर को नुकसान पहुंचाया और लाखों रुपये का सामान लूट लिया। पार्टी की मुखिया शेख हसीना के कमरे सहित पार्टी के मीटिंग हॉल और बिल्डिंग के अन्य हिस्सों को या तो जला दिया गया है या फिर तोड़-फोड़ दिया गया है। वहीं, हिन्दुओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है, बांग्लादेश के प्रसिद्ध इस्कॉन टेम्पल में तोड़फोड़ मचाई गई है, और हिन्दुओं के पवित्र ग्रन्थ गीता को कट्टरपंथियों द्वारा जला दिया गया है। 

बांग्लादेश की सड़कों पर पुलिस की कमी देखी जा रही है। शहर के बीचों-बीच स्थित पुलिस हेडक्वार्टर भी वीरान पड़ा है, जिसकी सुरक्षा अब बांग्लादेश की सेना कर रही है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस कर्मियों पर पत्थरबाजी हुई और पुलिस हेडक्वार्टर को भी निशाना बनाया गया, जिससे वहां भारी नुकसान हुआ है। रविवार को कुछ पुलिसकर्मी, जो अपनी नौकरी पर फिर से लौटना चाहते हैं, हेडक्वार्टर के बाहर प्रदर्शन करते देखे गए।

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Aug 13 2024, 15:26

चीन से क्यों भाग रहे विदेशी निवेशक? जून तिमाही में रिकॉर्ड पैसे निकाले

#foreign_investors_pull_record_amount_of_money_from_china

चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी वाले देश है। चीन की तेज़ी से होती आर्थिक तरक्की के पीछे एक बड़ा कारण यहां होने वाला विदेशी निवेश था। साल 1976 में माओ ज़ेडांग की मौत के बाद से चीन ने अपनी नीति में थोड़ा बदलाव किया और आर्थिक तरक्की का नया रास्ता अपनाया। उसने देश के दरवाज़े विदेशी निवेश के लिए खोले। जिसके बाद निवेश में बढ़ोतरी हुई और चीन की जीडीपी औसतन नौ फीसदी की दर से बढ़ने लगी। लेकिन सालों तक चला ये ट्रेंड अब पलटता दिख रहा है। 

विदेशी निवेशकों ने पिछली तिमाही में चीन से रिकॉर्ड मात्रा में पैसा निकाला, जो संभवतः दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के बारे में गहरे निराशावाद को दर्शाता है। शुक्रवार को जारी स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेन एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, भुगतान संतुलन में चीन की प्रत्यक्ष निवेश देनदारियां अप्रैल-जून की अवधि में लगभग 15 बिलियन डॉलर कम हो गईं, यह दूसरी बार है जब यह आंकड़ा नकारात्मक हो गया है। पहले छह महीनों में इसमें लगभग 5 बिलियन डॉलर की गिरावट आई थी।

अगर यह गिरावट इस साल जारी रही तो 1990 के बाद पहली बार ऐसा होगा जब चीन का आयात उसके निर्यात से कम हो जाए और वह नेट आउटफ्लो वाला देश बन जाए। 2021 में चीन में रिकॉर्ड 344 अरब डॉलर का फॉरेन इन्वेस्टमेंट आया था। इसके बाद से वहां विदेशी निवेश में गिरावट दिख रही है।लाख कोशिशों के बाद भी चीन की सरकार विदेशी कंपनियों और निवेशकों का भरोसा जीतने में नाकाम रही है। विदेशी निवेशक तेजी से चीन से पैसा निकालने में लगे हैं। यही वजह है कि 25 साल में पहली बार देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई गेज माइनस में चला गया है। 

माना जा रहा है कि चीन की इकॉनमी को कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही चीन और अमेरिका के बीच लंबे समय से तनातनी चल रही है। इससे विदेशी निवेशक और कंपनियां बुरी तरह घबराई हुई हैं और वहां से अपना पैसा निकाल रही हैं

चीन की जीडीपी की वार्षिक वृद्धि 2020 महामारी से पहले के पांच वर्षों में 6 से 7% थी, जब अर्थव्यवस्था ने चार दशकों में अपनी सबसे कमजोर वृद्धि दर्ज की थी। निर्यात ने 2021 में चीन की जीडीपी वृद्धि को 8% तक बढ़ाया, लेकिन फिर 2022 में यह 3% और 2023 में 5.2% तक गिर गई क्योंकि संपत्ति क्षेत्र, रोजगार और आय में गिरावट आई। विश्व बैंक ने 2024 में 4.8%, 2025 में 4.1% और 2026 में 4% की वृद्धि का अनुमान लगाया है।

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Aug 13 2024, 14:34

“भारत के साथ रिश्ते अच्छे, लेकिन कुछ मसले हैं”, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के नेता किन मसलों की कर रहे बात?

#bangladesh_allegation_indian_media_is_spreading_propaganda

भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में हलचल मची हुई है।देश में हिंसक आंदोलन के बाद तख्तापलट हुआ। हालांकि, इसके बाद भी देश के हालात बदले नहीं है। बदली है तो सिर्फ सरकार।बांग्लादेश में एक हफ़्ते में तेज़ी से चल रहे घटनाक्रमों में शेख हसीना सत्ता से बेदल हो गईं और अंतरिम सरकार का गठन हुआ। अब चुनाव का इंतजार है। हालांकि ये तय नहीं है कि चुनाव कब होंगे, लेकिन यह तय है कि देश की दो बड़ी राजनीतिक पार्टियों में से एक खालिदा ज़िया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) इनमें अहम भूमिका निभाएगी। बीएनपी के बांग्लादेश की सत्ता में वापसी के बाद भारत के साथ रिश्तों के भविष्य को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है।

इस बीच बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के जनरल सचिव मिर्जा इस्लाम आलमगीर ने कहा भारत के साथ हमारे रिश्ते बहुत अच्छे हैं, लेकिन कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर कुछ मसलों को हल किया जाना जरूरी है। खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के महासचिव मिर्जा इस्लाम आलमगीर ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारतीय मीडिया यह प्रचारित कर रहा है कि बांग्लादेश में सांप्रदायिक अत्याचार हो रहे हैं जबकि कोई सांप्रदायिक अत्याचार नहीं हो रहे है।

मिर्जा इस्लाम आलमगीर ने दुनियाभर की मीडिया पर प्रोपेगैंडा फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने भारत को संबोधित करते हुए कहा कि 'राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर और विशेष रूप से आपके देश की विभिन्न मीडिया द्वारा एक तरह की गलतफहमी और बहुत दुर्भाग्यपूर्ण प्रचार किया जा रहा है- मीडिया सांप्रदायिक अत्याचारों को बढ़ावा दे रहा है। 

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो चल रहा है वह बिल्कुल भी सच नहीं है। यह सांप्रदायिक नहीं है, धार्मिक नहीं है। यह पूरी तरह से एक राजनीतिक मुद्दा है। उन्होंने भारत की मीडिया को आमंत्रित करते हुए कहा कि आप ढाका आएं और खुद देखें कि बांग्लादेश में क्या हुआ है।

इन मुद्दों को सुलझाना चाहते बीएनपी

बीएनपी के महासचिव मिर्जा इस्लाम आलमगीर ने एक इंटरव्यू में भारत के साथ रिश्तों के सवाल पर कहा कि 'बेशक दोनों देशों के रिश्ते मजबूत होंगे क्योंकि हम (बीएनपी) बतौर राजनीतिक पार्टी भारत को अपना दोस्त और पड़ोसी मानते हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच कुछ मुद्दों को सुलझाया जाए जिनमें जल बंटवारे का मुद्दा, सीमा पर बीएसएफ द्वारा बांग्लादेशी लोगों की हत्याएं, दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलन को दूर करने जैसे मुद्दे शामिल हैं। हम भारत से अच्छे रिश्ते चाहते हैं।'

हसीना सरकार पर गंभीर आरोप

बीएनपी नेता आलमगीर ने कहा कि 'पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है और अपनी पार्टी और लोगों को छोड़कर देश से भाग गई हैं। उन्हें लोगों के साथ रहना चाहिए था, लेकिन उन्होंने देश छोड़ दिया। जहां तक हमारी जानकारी है, वे दिल्ली में हैं। एक छात्र और नागरिक विद्रोह हुआ यह एक क्रांति थी और उससे पहले, शेख हसीना की पुलिस ने लगभग 1,000 छात्रों को मार डाला और लगभग 12,000 लोगों को गिरफ्तार किया था। लाखों लोग सड़कों पर थे और वे प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास की ओर बढ़ रहे थे और फिर वह अपने हेलीकॉप्टर से देश छोड़कर चली गईं। 

जल्द स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का लक्ष्य

शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद देश में अंतरिम सरकार बनी, जिसका नेतृत्व नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर यूनुस कर रहे हैं। अंतरिम सरकार निश्चित रूप से स्थिति को स्थिर करेगी और शांति और व्यवस्था लाएगी, कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर होगी। अंतरिम सरकार का मुख्य कार्य एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना है।

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Aug 13 2024, 13:28

भ्रामक विज्ञापन मामले में रामदेव-बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट से राहत, मानहानि का केस बंद

#supreme_court_gives_relief_to_baba_ramdev_in_misleading_advertisement_case

पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन केस में बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। योग गुरु रामदेव को जिस वजह से सुप्रीम कोर्ट से खूब फटकार पड़ी थी, वह फाइल अब बंद हो गई है।बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण की ओर से कोर्ट को आश्वासन दिया गया था कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। उनके आश्वासन को अदालत ने स्वीकार किया। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का केस बंद कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि हमने उनके (स्वामी रामदेव, पतंजलि और बालकृष्ण) माफीनामे को स्वीकार कर लिया है। हमने उन्हें सख्त चेतावनी दी है कि भविष्य में कभी फिर ऐसा ना करें, जैसा इस मामले में हुआ है। इस मामले में दिये गये हलफनामे पर पूरी तरह से पालन किया जाये।

सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना नोटिस पर 14 मई को अपना आदेश सुरक्षित रखा था। सर्वोच्च न्यायालय भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें कोविड टीकाकरण अभियान और आधुनिक चिकित्सा पद्धति के खिलाफ पतंजलि पर बदनाम करने का अभियान चलाने का आरोप लगा है।

यह मामला 2022 में तब शुरू हुआ था, जब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और उसके तत्कालीन उपाध्यक्ष जयेश लेले ने पतंजलि के खिलाफ एक रिट याचिका दायर की थी, जिसमें एलोपैथी को बदनाम करने वाले विज्ञापन प्रकाशित किए गए थे। विशेष रूप से कोविड महामारी के दौरान झूठा दावा किया गया था कि इसके अपने आयुर्वेदिक उत्पाद कुछ बीमारियों को पूरी तरह से ठीक कर सकते हैं।

21 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट की एक अलग बेंच ने पतंजलि के उन विज्ञापनों को बंद करने के आश्वासन को दर्ज किया, जिन्हें भ्रामक माना गया था। एक दिन बाद पतंजलि के सह-संस्थापक बाबा रामदेव ने डेढ़ घंटे लंबी प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने दोहराया कि उन्होंने अपने उत्पादों के बारे में कोई भ्रामक बयान नहीं दिया है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने शोध-समर्थित और वास्तविक दुनिया के साक्ष्य-आधारित उपचार के माध्यम से टाइप 1 मधुमेह, अस्थमा, थायराइड और रक्तचाप की समस्याओं को ठीक किया है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का मामला शुरू किया था।

7 मई, 2024 को जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लगातार भ्रामक विज्ञापनों की उपलब्धता के लिए पतंजलि आयुर्वेद की खिंचाई की थी। ये विज्ञापन 14 उत्पादों से संबंधित हैं, जिनके लाइसेंस उत्तराखंड सरकार ने औषधि एवं अन्य जादुई उपचार अधिनियम, 1954 के प्रावधानों का उल्लंघन करने के कारण निलंबित कर दिए गए थे।

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Aug 13 2024, 12:02

लेडी डॉक्टर रेप-मर्डर कांड पर देशभर में गुस्सा, कोलकाता से लेकर दिल्ली तक अस्पतालों में हड़ताल पर डॉक्टर*
#doctor_strike_second_day

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लेडी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या को लेकर पूरे देश में खूब नाराजगी देखने को मिल रही है।लगातार दूसरे दिन देशभर में डॉक्टर हड़ताल पर हैं। आज भी पूरे देश में ओपीडी बंद रखने का ऐलान किया गया है।दिल्ली समेत एनसीआर में भी डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है। दिल्ली में डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का एलान किया है। वहीं, रेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोरडा) ने सोमवार को घोषणा करते हुए कहा कि कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के विरोध में उसकी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। *दिल्ली के कई अस्पताल में आज ओपीडी सेवाएं बंद* दिल्ली में लगातार दूसरे दिन भी एम्स, सफदरजंग, आरएमएल, लोकनायक, जीबी पंत सहित सभी बड़े अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इस वजह से ओपीडी और नियमित सर्जरी प्रभावित है।बीते सोमवार को एम्स और आरएमएल अस्पताल समेत कई डॉक्टर हड़ताल पर थे। रेजिडेंट डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण एम्स में 80 फीसदी तक सर्जरी प्रभावित हुई। एम्स की चिकित्सा अधीक्षक डॉ निरुपम मदान से मिली जानकारी के मुताबिक एम्स में सोमवार को मेजर 98 और माइनर 96 सर्जरी हुई। *मुंबई में भी जारी है डॉक्टरों का हड़ताल* मुंबई के नायर अस्पताल में डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने भी इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। डॉक्टरों ने जानकारी दी कि आज ओपीडी सेवाओं बंद रहेगी। *पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दिल दहलाने वाला खुलासा* बता दें कि महिला पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह अस्पताल के एक सेमिनार हॉल में मिला था। इस मामले में अगले दिन संजय रॉय नाम के एक सिविक वॉलंटियर को गिरफ्तार किया गया था। पीड़िता की चार पेज की ऑटोप्सी रिपोर्ट से पता चला है कि महिला के प्राइवेट पार्ट से ब्लीडिंग हो रही थी और उसके शरीर के अन्य हिस्सों पर चोट के निशान थे। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘उसकी दोनों आंखों और मुंह से खून बह रहा था, चेहरे पर चोट के निशान थे और एक नाखून भी गायब था। पीड़िता के प्राइवेट पार्ट से भी खून बह रहा था। उसके पेट, बाएं पैर, गर्दन, दाहिने हाथ, अनामिका और होठों पर भी चोटें आई थीं। रिपोर्ट में हत्या से पहले की चोटों, फ्रैक्चर और यौन उत्पीड़न का भी संकेत दिया गया है। साथ ही कहा गया है कि शुक्रवार सुबह 3 बजे से 5 बजे के बीच गला घोंटकर और मुंह दबाकर पीड़िता की हत्या की गई थी।

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Aug 13 2024, 11:33

एलन मस्क ने लिया डोनाल्ड ट्रंप का इंटरव्यू, अपने ऊपर हुए हमले से लेकर पुतिन-किम से रिश्ते तक का किया जिक्र*
#donald_trump_interview_elon_musk
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क साथ नजर आए। मंगलवार को टेस्ला सीईओ ने पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप का इंटरव्यू लिया। इंटरव्यू के दौरान पूर्व राष्ट्रपति ने मौजूदा वैश्विक हालात, राष्ट्रपति चुनाव समेत कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। साथ ही उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग के साथ अपने रिश्तों का भी जिक्र भी किया। *बाइडन के चुनावी दौड़ से बाहर होने को कहा तख्तापलट* अमेरिका में पांच नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। इस चुनावी दौड़ में रिपब्लिकन की ओर से डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट्स की ओर से कमला हैरिस मैदान में हैं। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क लगातार अपना समर्थन पूर्व राष्ट्रपति को दे रहे हैं। इस बीच, ट्रंप ने एलन मस्क के साथ एक्स पर एक इंटरव्यू किया। इस बातचीत में ट्रंप ने अपने विरोधी डेमोक्रेट्स पर हमला बोला। साथ ही कहा कि जो बाइडन को राष्ट्रपति की रेस से जबरन 'तख्तापलट' कर निकाला गया। उन्होंने कहा, 'मैंने बहस में बाइडन को इतनी बुरी तरह हराया कि उन्हें दौड़ से बाहर कर दिया गया। वह अब तक की सबसे शानदार बहस रही है। बाइडन को बाहर निकाला गया। यह एक तख्तापलट था।' *खुद पर हुए हमला का किया जिक्र* इंटरव्यू के दौरान ट्रंप ने पिछले महीने हत्या के प्रयास को भी दोहराया, जिसमें वह बाल-बाल बच गए थे। उन्होंने कहा, 'यह एक हार्ड हिट था। मुझे लगता है कि आप कहेंगे कि यह अवास्तविक था, लेकिन ऐसा नहीं है।' उन्होंने कहा, 'मुझे तुरंत पता चल गया था कि यह एक गोली है। मेरे कान पर गोली लगी थी। उन लोगों के लिए जो भगवान में विश्वास नहीं करते, मुझे लगता है कि हम सभी को इसके बारे में सोचना शुरू करना होगा।' *रूस, चीन और उत्तर कोरिया की तारीफ* डोनाल्ड ट्रंप ने इंटरव्यू के दौरान रूस, चीन और उत्तर कोरिया की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि इन तीनों देशों ने अपने काम को बखूबी कर रहे हैं और अमेरिका को इनका सामना करने के लिए एक मजबूत राष्ट्रपति की जरूरत है। उन्होंने कहा, "व्लादिमीर पुतिन, शी जिनपिंग और किम जोंग-उन, जिन्हें कई बार तानाशाह कहा जाता है, अपने देश से प्यार करते हैं, लेकिन यह दूसरी तरह का प्यार है। *बाइडन को बताया ‘स्लीपी’* इसी मुद्दे पर बातचीत के दौरान ट्रंप ने बाइडन को स्लीपी जो (सोता हुआ जो) बुलाया और कहा कि उनकी वजह से ही रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला। उन्होंने कहा, "मेरी पुतिन से अच्छी बनती थी और वह मेरा सम्मान करते थे। हम यूक्रेन की बात करते थे। यूक्रेन उनकी आंखों का तारा था। लेकिन मैंने उनसे कहा था कि उसके बारे में सोचना भी नहीं।" *आज अमेरिका की कोई नहीं सुनता-ट्रंप* ट्रंप ने कहा कि आज से चार साल पहले जब वह राष्ट्रपति थे तो अमेरिका की दुनिया इज्जत करती थी। रूसी राष्ट्रपति पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उत्तर कोरियाई सुप्रीम लीडर किम जोंग उन अमेरिका की बात सुनते थे। लेकिन आज अमेरिका की नहीं सुनी जाती।

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Aug 13 2024, 10:51

बांग्लादेश के राजनीतिक संकट के पीछे नहीं अमेरिका का हाथ”, शेख हसीना के आरोपों पर पहली बार बोला अमेरिका*
#us_denies_involvement_in_bangladeshs_political_crisis *
पिछले हफ्ते बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना को ना केवल अपना पीएम पद बल्कि देश छोड़कर भी भागना पड़ा। फिलहाल शेख हसीना ने भारत में शरण ली है। उधर, बांग्लादेश को मोहम्मद यूनुस का नेतृत्व मिल गया है। मगर ये सवाल अब भी बरकरार है कि क्या इन सबके पीछे अमेरिका का हाथ था? इन आरोपों पर पहली बार अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे ने बांग्लादेश संकट से जुड़ी सभी रिपोर्टों और अफवाहों का खंडन किया और कहा, “हमारी इसमें कोई संलिप्तता नहीं है। ऐसी कोई भी रिपोर्ट या अफवाह कि अमेरिका की सरकार इन घटनाओं में शामिल थी, सरासर झूठ है और बिलकुल भी सच नहीं है। जीन पियरे ने यह भी कहा कि बांग्लादेशी नागरिकों को अपने देश की सरकार का भविष्य तय करना चाहिए। उन्होंने कहा, यह बांग्लादेशी नागरिकों के लिए और उनके द्वारा चुना गया विकल्प है। हमारा मानना है कि बांग्लादेशी लोगों को बांग्लादेशी सरकार का भविष्य तय करना चाहिए और हम भी इसी पर कायम हैं। निश्चित रूप से हम किसी भी आरोप पर बोलते रहेंगे और मैंने यहां जो कहा है वह झूठ है।” जीन पियरे मीडिया में आई उन खबरों पर प्रतिक्रिया दे रही थीं, जिनमें शेख हसीना के कथित दावे के हवाले से कहा गया है कि अगर उन्होंने (शेख हसीना) सेंट मार्टिन द्वीप का आधिपत्य त्याग दिया होता और अमेरिका को बंगाल की खाड़ी पर प्रभुत्व स्थापित करने की अनुमति दी होती, तो वह सत्ता में बनी रहतीं। बता दें कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल में अमेरिका पर अपनी सरकार गिराने का आरोप लगाया था। शेख हसीना का आरोप था कि अमेरिका ने सेंट मार्टिन आइलैंड मांगा था। अगर वह दे देती तो शायद आज मेरी सरकार बनी रहती। मगर ऐसा न करना भारी पड़ गया। हसीना का आरोप है कि इस आइलैंड के सहारे अमेरिका बंगाल की खाड़ी में अपना वर्चस्व बढ़ाना चाहता है। हालांकि, शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने इस बात से इनकार किया है कि उनकी मां ने ऐसा कोई बयान दिया है। शेख हसीना के बेटे वाजेद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘हाल ही में एक अखबार में प्रकाशित मेरी मां का इस्तीफे से संबंधित बयान पूरी तरह से झूठा और मनगढ़ंत है। उन्होंने मुझसे बातचीत में पुष्टि की है कि उन्होंने ढाका छोड़ने से पहले या बाद में कोई बयान नहीं दिया।