Veer Gupta

Aug 13 2024, 10:33

मनीष सिसोदिया ने संभाली AAP की कमान,विधायकों के साथ किया मंथन


दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की रिहाई के बाद आम आदमी पार्टी एक्शन मोड में आ गई है. सोमवार को दिल्ली में विधानसभा चुनाव की रणनीति को लेकर पार्टी के विधायकों की बैठक हुई. मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास पर हुई इस बैठक में सुनीता केजरीवाल भी मौजूद रहीं. दिल्ली में 2025 में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में आम आदमी पार्टी ने चुनावों को लेकर अभी से कमर कसनी शुरू कर दी है.

बैठक खत्म होने बाद पार्टी के सांसद संदीप पाठक ने ने कहा कि सभी विधायकों ने मनीष सिसोदिया का खड़े होकर स्वागत किया. इस बार के चुनाव में दिल्ली की जनता BJP को सबक सिखाएगी ताकि वो किसी और राज्य में दिल्ली जैसे षड्यंत्र ना कर पाए. बैठक में विधायकों से उनके क्षेत्र के हालात के बारे में पूछा गया और मौजूदा सियासी हालात को लेकर रिपोर्ट ली गई.

संदीप पाठक ने कहा कि मनीष सिसोदिया दिल्ली और हरियाणा दोनों जगह प्रचार करेंगे. पार्टी दिल्ली में 14 तारीख से पदयात्रा निकालेगी. वहीं, 15 अगस्त को आतिशी के झंडा फहराने को लेकर संदीप पाठक ने कहा कि दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल को रिक्वेस्ट भेजी है, देखते हैं क्या होता है. बैठक में मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय और इमरान हुसैन के अलावा सांसद संदीप पाठक और आप विधायकों ने हिस्सा लिया.

शुक्रवार को जेल से रिहा हुए हैं मनीष सिसोदिया

मुख्यमंत्री आवास पर हुई विधायकों की बैठक से पहले रविवार को पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के आवास पर एक अहम बैठक हुई थी. इस बैठक में भी पार्टी कई चुनिंदा नेता शामिल हुए थे. बैठक के बाद संगठन महामंत्री संदीप पाठक ने कहा था कि राजनीतिक परिस्थिति और दिल्ली विधानसभा में होने वाले चुनाव को लेकर चर्चा हुई. दिल्ली शराब घोटाला मामले में जेल में बंद सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद शुक्रवार की शाम तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया.

जलभराव के मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर है सरकार

दिल्ली में बारिश के बाद कई इलाकों में जलभराव और मौतों से केजरीवाल सरकार विपक्ष के निशाने पर हैं. विपक्षी पार्टी बीजेपी दिल्ली में जलभराव के लिए केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार बता रही है. दूसरी ओर आम आदमी पार्टी अधिकारियों पर ठिकरा फोड़ रही है. सरकार का कहना है कि उसकी ओर से बार-बार अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे, लेकिन वो उपराज्यपाल के अलावा किसी की बात नहीं सुनते हैं.

Veer Gupta

Aug 12 2024, 21:26

पाकिस्तानी सिंगर हानिया असलम का निधन, 39 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

पाकिस्तानी सिंगर हानिया असलम अब इस दुनिया में नहीं रहीं. कार्डियक अरेस्ट की वजह से महज 39 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया है. हानिया असलम ने आलिया भट्ट की फिल्म 'हाईवे' के एक गाने के लिए भी अपनी आवाज दी थी. अब उनकी कजन और फॉर्मर बैंड मेंबर जेब बंगश ने उनके निधन की खबर कंफर्म की है

जेब बंगश ने अपने इंस्टाग्राम पर हानिया कुछ फोटोज शेयर की हैं. इसके साथ उन्होंने कैप्शन में लिखा- हनिनी. वहीं सिंगर और म्यूजिशियन स्वानंद किरकिरे ने एक्स पर पोस्ट करते हुए हानिया के निधन पर शोक जाहिर किया है.

मेरी प्यारी दोस्त हानिया असलम...'

हानिया की तस्वीर शेयर करते हुए किरकिरे ने लिखा- मेरी प्यारी दोस्त हानिया असलम (जेब और हानिया से) हमें छोड़कर चली गई हैं. उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ था. रेस्ट इन पीस डियर हानिया.

फिल्म 'हाईवे' के लिए किया था काम

बता दें कि हानिया असलम ने 2014 की फिल्म 'हाईवे' के गाने 'सोहा साहा' के लिए ए आर रहमान के साथ काम किया था. इस गाने से आलिया भट्ट का सिंगिंग डेब्यू हुआ था. हानिया ने अपनी कजन जेब के साथ मिलकर बैंड जेब और हनिया की नींव रखी थी. ये किसी महिला का बनाया हुआ पहला पाकिस्तानी बैंड था. 

सदमे में फैंस

हानिया को कोक स्टूडियो पाकिस्तान पर चल दिए से पॉपुलैरिटी मिली थी. साल 2014 में सिंगर म्यूजिक में करियर बनाने के लिए कनाडा चली गई थीं. महज 39 साल की उम्र में उनकी मौत हो जाने से उनके फैंस सदमे में हैं और सोशल मीडिया पर अपना दुख जाहिर कर रहे हैं.

फैंस ने किया हानिया को याद

स्वानंद किरकिरे की पोस्ट पर एक यूजर ने लिखा- द डेवारिस्ट्स का वो सीमा पार कोलाबोरेशन एपिसोड, हमेशा याद रहने वाला है. दूसरे यूजर ने लिखा- टेरिबल न्यूज. हमने ऐसा सनसनीखेज कलाकार खो दिया है. हम सच में उन्हें याद करेंगे.

इसके अलावा एक शख्स ने लिखा- आपने, उन्होंने और जेब ने मिलकर पूरे देश को खरीद लिया, आपको याद करते हुए कहते हैं, रिकॉर्ड कर लो, आपकी आवाज बार-बार सुनने को नहीं मिलेगी, एक अच्छी आत्मा की हानि.

Veer Gupta

Aug 12 2024, 19:30

अखरी क्यों होता है कड़कनाथ मुर्गे के खून का रंग काला,जानें इसके पीछे का वजह

नॉन वेज खाने वाले लोग कड़कनाथ मुर्गे को खूब पसंद करते हैं. इन मुर्गों की कम संख्या होने के कारण इनका दाम भी बाकी मुर्गों से कई गुना ज्यादा होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कड़कनाथ मुर्गे का खून और मांस सब काला ही क्यों होता है. आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताएंगे. 

कड़कनाथ मुर्गा

नॉनवेज के शौकीन लोग कड़कनाथ मुर्गा खाना सबसे ज्यादा पसंद करते हैं. हालांकि कड़कनाथ मुर्गा का चिकन काफी महंगा होता है, इसलिए ये हर जगह नहीं मिलता है. लेकिन कड़कनाथ मुर्गा में विटामिन और प्रोटीन का खजाना होता है

जानकारी के मुताबिक कड़कनाथ सबस पहले मध्यप्रदेश में पैदा हुई मुर्गे की विशेष प्रजाति थी, लेकिन अब इसे हर जगह पाला जा रहा है, यह मुर्गे की एक दुर्लभ प्रजाति है. कड़कनाथ का न सिर्फ रंग काला होता है, बल्कि इसका खून भी काला होता है.

क्या है कारण

बता दें कि कड़कनाथ में आयरन कंटेंट अधिक होने के कारण ही यह मुर्गा दूसरी मुर्गा प्रजातियों से ज्यादा स्वादिष्ट, पौष्टिक, सेहतमंद और कई गुणों से भरपूर होता है. कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक कड़कनाथ में 25 प्रतिशत प्रोटीन है, वहीं बाकी मुर्गों में 18-20 फीसदी प्रोटीन ही पाया जाता है. फेट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी कड़कनाथ में कम होती है. 

कड़कनाथ प्रजाति की मुर्गियां अपने अंडे पर नहीं बैठती हैं. कड़कनाथ के अंडों की ब्रीडिंग का तरीका दूसरे प्रजाति के मुर्गों से एकदम अलग है. इसके अंडों को इनक्यूबेटर में रखा जाता है और लगातार टेम्प्रेचर मेंटेन किया जाता है. यह प्रक्रिया 21 दिन तक जारी रहती है. तब अंडे से चूजा बाहर निकलकर आता है. कड़कनाथ का अंडा भी बाजार में सबसे महंगा बिकता है. इसके हरेक अंडे की कीमत 40 से 50 रुपये तक होती है. इसके अलावा कड़कनाथ मुर्गे में आयरन और प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है. मांसाहारी लोगों के लिए इसका स्वाद भी लजीज होता है. ठंड के मौसम में इसे खाना ज्यादा फायदेमंद होता है. बाजारा में मांग की तुलना में इसका उत्पादन काफी कम है, इसलिए इसके मांस की कीमत एक हजार रुपये किलो तक होती है.

पिगमेंट के कारण रंग काला

बता दें कि कड़कनाथ मुर्गे का रंग, खून और मांस पिगमेंट के कारण काला होता है. इसकी हड्डियों और मांस का रंग भी काला होता है. इसकी वजह यह कि इंसान के बालों में जो पिगमेंट होता है, वह कड़कनाथ मुर्गे में भी पाया जाता है.

Veer Gupta

Aug 12 2024, 18:33

बॉबी देओल और सूर्या की मच अवेटेड फिल्म कंगुवा का धमाकेदार ट्रेलर हुआ रिलीज

एनिमल में अबरार के रोल से धूम मचाने के बाद बॉबी देओल की अपकमिंग फिल्मों पर फैंस की नजर टिकी हुई है. वहीं जब से उन्होंने अपनी साउथ सुपरस्टार सूर्या के साथ अपकमिंग फिल्म कंगुवा में उधिरन के रोल से पर्दा उठाया है. फैंस बेताब हैं कि उनका रोल क्या होने वाला है. हाल ही में ट्रेलर की रिलीज डेट सामने आई थी, जो 12 अगस्त थी. इसके बाद सोशल मीडिया पर फैंस का एक्साइटमेंट देखने लायक था. लेकिन आज 12 अगस्त है और मेकर्स ने मचअवेटेड फिल्म कंगुवा का धांसू ट्रेलर रिलीज कर दिया है, जो कि यूट्यूब पर आते ही ट्रेंड करता हुआ दिख रहा है. 

स्टूडियो ग्रीन द्वारा प्रोड्यूस, सूर्या और बॉबी देओल स्टारर और शिवा द्वारा डायरेक्टेड, ‘कंगुवा' इस साल की एक बड़ी फिल्म है. दिलचस्प पोस्टर और रोमांचक 'फायर सॉन्ग' से ध्यान आकर्षित करने के बाद, फैंस का इंतज़ार मेकर्स ने खत्म कर दिया है.  

कंगुवा' इस साल की सबसे बड़ी और सबसे महंगी फिल्म है, जिसका बजट लगभग 350 करोड़ से ज़्यादा का बताया जा रहा है, जो कि 'पुष्पा', 'सिंघम' और कई दूसरी बड़ी फिल्मों से भी बड़ा है. कंगुवा' इस साल की सबसे बड़ी और सबसे महंगी फिल्म है, जिसका बजट लगभग 350 करोड़ से ज़्यादा का बताया जा रहा है, जो कि 'पुष्पा', 'सिंघम' और कई दूसरी बड़ी फिल्मों से भी बड़ा है. 

फिल्म की शूटिंग अलग अलग कॉन्टिनेंट्स के 7 अलग देशों में की गई है. यह प्रीहिस्टोरिक पीरियड को दिखाने वाली अनोखी फिल्म है. मेकर्स ने टेक्निकल डिपार्टमेंट जैसे एक्शन और सिनेमेटोग्राफी के लिए हॉलीवुड एक्सपर्ट्स को हायर किया है. 

फिल्म में कुल 10 हजार लोगों से ज्यादा के साथ शूट किया गया, सबसे बड़ा वॉर सीक्वेंस भी है. इतना ही नहीं, स्टूडियो ग्रीन ने टॉप डिस्ट्रीब्यूशन हाउसेज के साथ हाथ मिलाया है, ताकि फिल्म को बड़े लेवल पर दुनिया भर में रिलीज किया जा सके.

Veer Gupta

Aug 12 2024, 15:44

जानिए 6 राज्यों में क्या है बारिश का हाल

देश के कई हिस्सों में मानसून में हो रही बारिश ने लोगों को परेशान कर के रख दिया है. यहां पहाड़ों से मैदान तक कई हिस्सों में तेज बारिश हो रही है. इस वजह से कई नदियां उफान पर हैं. इसी बीच रविवार को दिल्ली समेत आसपास के कई हिस्सों में जमकर बादल बरसे, जिस वजह से शहरों में लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. 

नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में भी तेज बारिश देखने को मिली और इस वजह से यहां पर भी सड़कों पर पानी भर गया था. मानसून की वजह से कई जगहों पर बारिश हो रही है. इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के लखनऊ, पंजाब के चंडीगढ़, राजस्थान के जयपुर, हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला और उत्तराखंड के हरिद्वार में भी लोगों का बुरा हाल है. यहां भी बारिश में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है और लोगों की मुश्किलें बढ़ रही हैं. 

1,दिल्ली

मध्य, दक्षिण, दक्षिण-पूर्व और पूर्व दिल्ली में भी भारी वर्षा हुई जिससे जगह-जगह जलभराव एवं यातायात जाम हो गया. अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में रोहिणी के सेक्टर 20 में पानी से भरे पार्क में सात वर्षीय एक बच्चा डूब गया. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में जलभराव की सात और पेड़ गिरने की चार सूचनाएं मिलीं. ढांसा स्टैंड और बहादुरगढ़ स्टैंड के पास नजफगढ़-फिरनी रोड पर यातायात बाधित रहा. 

2,गुरुग्राम

गुरुग्राम में दिन में 70 मिलीमीटर बारिश हुई. पुलिस लाइन, बस स्टैंड रोड, शीतला माता रोड, नरसिंहपुर सर्विस रोड, बसई चौक, खांडसा, संजय ग्राम रोड, सोहना रोड और सुभाष चौक, सेक्टर 30, 31, 40, 45, 47, 51, 22, 23, 4, 5, 12, 13 48 समेत कई इलाकों में जलभराव की सूचना मिली हैं. इन क्षेत्रों में यातायात जाम लग गया और पैदलयात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उन्हें घुटने भर पानी में चलना पड़ा.

3,राजस्थान

उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत में लगातार दूसरे दिन भारी वर्षा हुई तथा राजस्थान में पिछले दो दिनों में सबसे अधिक 16 लोगों की मौत हो गयी है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार शाम बुलेटिन में कहा कि राजस्थान के करौली (38 सेमी) में 'असाधारण रूप से भारी वर्षा' हुई. राजस्थान के जयपुर में अधिकारियों ने बताया कि मूसलाधार बारिश के कारण करौली और हिंदुआन में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. जयपुर में कई जगहों पर जलभराव देखा गया. जयपुर के कनोता बांध में पांच लोग बह गए और बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है. स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक बुलाई है. उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए साथ ही आम लोगों से संवेदनशील स्थानों पर न जाने की अपील भी की है

4,पंजाब

पंजाब के होशियारपुर में एक ही परिवार के आठ सदस्यों सहित नौ लोगों की मौत हो गई, जब उनका वाहन एक बरसाती नाले में बह गया. पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में भी बारिश हुई. मोहाली, लुधियाना, अमृतसर, रूपनगर और अंबाला समेत कई स्थानों पर बारिश हुई. पंजाब और हरियाणा के कई इलाकों में भी बारिश हुई, जिससे लोगों को उमस भरे मौसम से राहत मिली. चंडीगढ़, मोहाली, लुधियाना, पटियाला, अमृतसर, होशियारपुर, रूपनगर और अंबाला में बारिश हुई. मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों राज्यों की साझा राजधानी चंडीगढ़ में 129.7 मिमी बारिश हुई.

5,हिमाचल प्रदेश 

हिमाचल प्रदेश में बारिश की वजह से हुई घटनाओं में तीन लड़कियों की मौत हो गई और एक व्यक्ति लापता है. राज्य में पिछले दो दिनों में भारी बारिश के कारण भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के कारण 280 से अधिक सड़कें बंद हो गई हैं.

6,जम्मू-कश्मीर 

जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में भारी बारिश के कारण मंडी तहसील को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाला एक पुल आंशिक रूप से बह गया, जिसके कारण अधिकारियों को यातायात निलंबित करना पड़ा. वहीं अमरनाथजी यात्रा क्षेत्र में भारी वर्षा के बाद वार्षिक अमरनाथ यात्रा रोक दी गयी है.

Veer Gupta

Aug 11 2024, 21:01

दयाबेन' हैं करोड़ों की मालकिन, नेट वर्थ जानकर हो जाएंगे हैरान

सबसे पॉपुलर और कामयाब शोज की गिनती में आने वाला टीवी सीरियल 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' को दर्शक देखना खूब पसंद करते है. इस शो का हर किरदार घर-घर में मशहूर है. सीरियल को ऑडियंस का भरपूर प्यार मिला है. 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' का 15 सालों से दबदबा बरकरार है. इस शो ने कई ऐसे कैरेक्टर्स दिए हैं, जो हमेशा याद किए जाएंगे. शो में सबसे ज्यादा दयाबेन यानी की दिशा वकानी को फैंस का भरपूर प्यार मिला है. 

करोड़ों की मालकिन हैं 'तारक मेहता' की 'दयाबेन'

9 सालों तक टीवी की दयाबेन बनकर ऑडियंस को हंसाने वाली दिशा वकानी भले ही पर्दे से दूर हैं, लेकिन आज भी दर्शक उन्हें याद करते हैं. बता दें कि दिशा वकानी ने साल 2017 में 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' से मैटरनिटी लीव ली थी, लेकिन इसके बाद अब तक भी उनकी शो में वापसी नहीं हो पाई है. हालांकि शो के फैंस आज भी उनका पलके बिछाकर दिशा का इंतजार करते हैं. दिशा वकानी को टीवी इंडस्ट्री की सबसे महंगी एक्ट्रेसेज में शुमार किया जाता है. 

तारक मेहता का उल्टा चश्मा' की दयाबेन उर्फ दिशा वकानी भले ही काफी सालों से स्क्रीन पर काम ना कर रही हो, लेकिन एक्ट्रेस फिर भी करोड़ों रुपये की मालकिन हैं. जी हां रिपोर्ट्स के मुताबिक 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में 9 सालों तक लगातार काम करने वाली एक्ट्रेस शो की सबसे मंहगी एक्ट्रेसेस थीं. दिशा वकानी हर एपिसोड के लिए 1.5 लाख रुपये फीस चार्ज करती थीं. साथ ही आंकड़ों के मुताबिक एक्ट्रेस की नेटवर्थ करीब 37 करोड़ रुपये है. 

कई टीवी शोज में नजर आ चुकीं एक्ट्रेस 

बॉलीवुड फिल्मों में काम करने के अलावा, दिशा वकानी ने 'खिचड़ी', 'इंस्टेंट खिचड़ी', 'हीरो- भक्ति ही शक्ति है', 'आहट', 'सीआईडी' ​​और कई पॉपुलर टीवी शोज में भी काम किया. दिशा साल 2015 में मयूर पाडिया के साथ शादी के बंधन बंधी थीं. लेकिन बेटी के जन्म के बाद से ये एक्ट्रेस टीवी के पर्दे पर वापस नहीं लौटी हैं. दिशा अब एक बेटी के साथ एक बेटे की भी मां बन चुकी हैं और अपने परिवार के साथ ही समय बिता रही हैं. 

Veer Gupta

Aug 11 2024, 19:50

धमाल मचाएंगी 15 अगस्त को बड़े पर्दे पर ये साउथ की बड़ी फिल्में,जानें

फिल्मों के शौकीन लोगों के लिए साल 2024 बड़ा ही खास होने वाला है. क्योंकि इस साल बॉलीवुड के अलावा साउथ की भी कई बड़े फिल्में थिएटर्स में दस्तक देने वाली है. इनमें से कई स्वतंत्रता दिवस यानि 15 अगस्त के दिन रिलीज होने जा रही है. नीचे देखिए इनकी लिस्ट..

1,मिस्टर बच्चन – इस लिस्ट में साउथ के पॉपुलर एक्टर रवि तेजा की फिल्म ‘मिस्टर बच्चन’ भी हैं. ये एक एक्शन फिल्म है. खबरों के अनुसार इस फिल्म की कहानी फिल्म उद्योगपति सरदार इंदर सिंह पर मारी गई रेड पर आधारित है.

2,नुनाकुझी – ये एक कॉमेडी फिल्म है. जिसमें बेसिल जोसेफ और ग्रेस एंटनी मुख्य भूमिका में हैं. फिल्म की कहानी बेसिल जोसेफ के इर्द-गिर्द घूमेगी. जो एक अमीर आदमी है और खुद को मुसीबत में पाता है.

3,रघु थाथा - बॉक्स ऑफिस पर थंगालान और डबल आईस्मार्ट जैसी फिल्मों को टक्कर देने के लिए कीर्ति सुरेश स्टारर ‘रघु थाथा’ भी आ रही है. फिल्म की सामाजिक कॉमेडी फिल्म है. जिसमें एमएस भास्कर, रवींद्र विजय, राजीव रवींद्रनाथन जैसे स्टार्स भी हैं.

4,मनोराथंगल - ये फीचर फिल्म नहीं है, बल्कि एक एंथोलॉजी सीरीज़ है जिसमें 8 निर्देशकों द्वारा बनाई गई 9 छोटी-छोटी कहानियां शामिल है. इसमें आपको कमल हासन,मोहनलाल, ममूटी, फहद फासिल, पार्वती थिरुवोथु, बीजू मेनन, आसिफ अली, अपर्णा बालमुरली जैसे स्टार्स देखने को मिलेंगे. ये स्वतंत्रता दिवस पर जी5 पर स्ट्रीमिंग होगी.

5,थंगालान – ये साउथ की मोस्ट अवेटेड फिल्म है जिसे पा. रंजीत द्वारा निर्देशित किया गया है. फिल्म में चियान विक्रम मुख्य भूमिका में हैं और इसमें मालविका मोहनन, पार्वती थिरुवोथु, पसुपति, डैनियल कैल्टागिरोन और कई अन्य कलाकार महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं. थंगालान एक पीरियड फिल्म है. जो 15 अगस्त को रिलीज होगी

6,भैरथी रणंगल - शिव राजकुमार अभिनीत फिल्म ‘भैरथी रणंगल’ भी इसी स्वतंत्रता दिवस पर रिलीज होगी. फिल्म में राहुल बोस, रुक्मिणी वसंत, देवराज मुख्य भूमिकाओं में हैं

Veer Gupta

Aug 11 2024, 17:55

मनीष सिसोदिया का अब सरकार और पार्टी में क्या होगी उनकी भूमिका?

सिसोदिया जेल से रिहा होने के बाद जेल में बंद मुख्यमंत्री और पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल के परिवार से भी मिलने पहुंचे.

अगले दिन आम आदमी पार्टी कार्यालय में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा, "केजरीवाल को ज़्यादा दिन जेल में नहीं रखा जा सकेगा. हम रथ के घोड़े हैं, हमारा असली सारथी अभी जेल में बंद हैं, वो भी बाहर आ जाएगा. हमारा सारथी हमें जहां हांकेगा, हम चलेंगे."

मनीष सिसोदिया जिस मंच से भाषण दे रहे थे उसके पीछे अरविंद केजरीवाल का बड़ा-सा पोस्टर लगा था सिसोदिया ने अपने भाषण में बार-बार ये भी ज़ाहिर किया कि वो दिल्ली के एक-एक बच्चे के लिए शानदार स्कूल बनाकर रहेंगे सिसोदिया ने कहा, "ख़ून पसीना बहाने के लिए बाहर आया हूं, छुट्टियां मनाने के लिए नहीं. आज से और अभी से हम जुट रहे हैं, आज से ही हम अभियान में लग जाएंगे."

17 महीने बाद जेल से रिहा हुए मनीष सिसोदिया के मंत्रालय जाने पर रोक नहीं हैं, लेकिन अभी सरकार में उनके पास कोई पद नहीं हैं कथित शराब घोटाले की जांच में घिरे मनीष सिसोदिया की आम आदमी पार्टी में अहमियत नंबर दो की है.

अब मनीष सिसोदिया के जेल से बाहर आने के बाद ये सवाल भी उठ रहा है कि दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी में उनकी भूमिका क्या रहेगी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में बंद हैं और उन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा नहीं दिया है सिसोदिया जेल से बाहर आ गए हैं और उनके पद संभालने पर कोई क़ानूनी अड़चन नहीं है हालांकि आम आदमी पार्टी ने अभी ये साफ़ नहीं किया है कि सिसोदिया अपने पद पर कब लौटेंगे.

रविवार शाम छह बजे मनीष सिसोदिया के घर पर आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं की बैठक हो रही है पार्टी के मुताबिक़ इस बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति को लेकर चर्चा की जाएगी आम आदमी पार्टी प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ कहती हैं, "मनीष सिसोदिया के जेल से बाहर आने के बाद पार्टी जोश में हैं. पार्टी को नई ताक़त मिली है."

लेकिन मनीष की भूमिका आगे पार्टी और सरकार में क्या होगी, इस पर सीधा जवाब न देते हुए वो कहती हैं, "बैठक में इसे लेकर भी निर्णय होगा हालांकि, आम आदमी पार्टी से जुड़े सूत्र ये संकेत देते हैं कि केजरीवाल के जेल से बाहर आने तक पार्टी के चुनाव अभियान और दिल्ली सरकार की कमान सिसोदिया के ही हाथ में होगी मनीष सिसोदिया ने जेल से बाहर आकर दिए अपने भाषण में बार-बार अरविंद केजरीवाल का नाम लिया. उन्होंने उन्हें रथ का सारथी बताकर, स्वयं को रथ का घोड़ा कहा.

इसमें कोई संदेह नहीं है कि मनीष सिसोदिया, केजरीवाल के सबसे क़रीबी सहयोगी और विश्वासपात्र साथी हैं राजनीति में आने से पहले केजरीवाल जब गैर सरकारी संस्था चला रहे थे तब मनीष सिसोदिया ही उनके क़रीबी सहयोगी थे. भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आंदोलन में वो शुरूआत से केजरीवाल के बराबर में खड़े रहे विश्लेषक मानते हैं कि केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया ही पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं और अब केजरीवाल की ग़ैर मौजूदगी में पार्टी की कमान भी उन्हीं के हाथ में होगी,.

अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के बीच जिस तरह का तालमेल रहा है और दोनों जितने क़रीब रहे हैं, मनीष के जेल से बाहर होने और केजरीवाल जेल में होने से इस बात की संभावना अधिक है कि पार्टी और सरकार के अधिकतर काम सिसोदिया के निर्देशन में ही हों इसकी वजह बताते हुए मुकेश केजरीवाल कहते हैं, "सिसोदिया और केजरीवाल का साथ बहुत पुराना है. भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से लेकर सरकार चलाने तक, दोनों ने साथ मिलकर काम किया है."

"ऐसा कभी कोई मौक़ा नहीं आया है जब केजरीवाल या मनीष के बीच कोई मतभेद रहा हो. मनीष को सर्वमान्य रूप से पार्टी में नंबर दो माना जाता है और उनकी स्वीकार्यता भी है. ऐसे में केजरीवाल की गै़र मौजूदगी में अगर वो कमान संभालते हैं तो इसे लेकर शायद ही कोई असहज हो." आम आदमी पार्टी ने मनीष सिसोदिया को दिल्ली सरकार में अपनी शिक्षा नीति का चेहरा भी बनाया है. केजरीवाल खुलकर मनीष की तारीफ़ करते रहे हैं.

हालांकि, अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल भी अब राजनीतिक भूमिका में हैं और अवरिंद की गै़र मौजूदगी में वो पार्टी की प्रचार गतिविधियों में शामिल हैं. रविवार को ही, सुनीता केजरीवाल हरियाणा में पार्टी की बदलाव रैली में शामिल हुईं और प्रचार किया. सुनीता केजरीवाल ने बार-बार लोगों को अरविंद केजरीवाल सरकार के काम याद दिलाए.

ऐसे में ये सवाल उठ सकता है कि केजरीवाल की गै़र मौजूदगी में सुनीता पार्टी का चेहरा होंगी या मनीष सिसोदिया हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि सिसोदिया के बाहर आ जाने के बाद अब वही पार्टी और सरकार का प्रमुख चेहरा होंगे सुनीता केजरीवाल आज सक्रिय हैं, लेकिन उन्हें मजबूरी में बाहर आना पड़ा है. केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जेल में थे. पार्टी को चेहरा चाहिए था. सुनीता के पास भावनात्मक अपील थीं, इसलिए उन्हें पार्टी का चेहरा बनाया गया लेकिन अब सिसोदिया बाहर आ गए हैं. आगे वही चेहरा होंगे."

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास कोई मंत्रालय नहीं था. लेकिन दिल्ली सरकार के अधिकतर अहम मंत्रालय मनीष सिसोदिया के पास थे विश्लेषक मानते हैं कि सिसोदिया केजरीवाल के सबसे क़रीबी ही नहीं बल्कि सबसे भरोसेमंद व्यक्ति हैं, ऐसे में अब केजरीवाल की गै़र मौजूदगी में अगर पार्टी और सरकार की कमान वो संभालते हैं तो इसे लेकर कहीं कोई असहजता नहीं होगी हेमंत अत्री कहते हैं, "केजरीवाल और सिसोदिया के बीच कभी कोई मतभेद नहीं रहा है और न ही सिसोदिया ने कभी केजरीवाल से आगे बढ़ने की कोशिश की है. वो स्वयं को केजरीवाल के साये में ही रखते हैं, ऐसे में अगले कुछ दिनों में केजरीवाल के जेल में रहने के दौरान वही पार्टी की कमान संभालेंगे."

हरियाणा और दिल्ली में अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं और हरियाणा में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं आम आदमी पार्टी के सामने फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती है चुनावी कामयाबी हासिल करना. हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में, आम आदमी पार्टी के कांग्रेस के साथ गठबंधन में लड़ने के बावजूद, दिल्ली की सभी सीटें बीजेपी ने जीत लीं.

अब तक पार्टी दिल्ली में आसानी से सरकार बनाती रही है. लेकिन विश्लेषक मानते हैं कि अब परिस्थितियां बदल गई हैं.

भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आंदोलन से पैदा हुई आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं पर ही भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.

पार्टी के कई नेता लंबे समय जेल में रहे. केजरीवाल अभी भी जेल में बंद हैं. ऐसे में विश्लेषक मानते हैं कि आम आदमी पार्टी के लिए अब स्थिति करो या मरो की होगी.

हेमंत अत्री कहते हैं, "इस समय दिल्ली में सरकार के अलावा नगर निगम भी आम आदमी पार्टी के पास ही है. दिल्ली में जो कुछ भी अव्यवस्था है, उसे लेकर आम आदमी पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही होगी कि वह मतदाताओं को ये समझा पाए कि इसके लिए बीजेपी ज़िम्मेदार है और दिल्ली में ताक़त का असली केंद्र एलजी कार्यालय ही है."

वहीं मुकेश केजरीवाल कहते हैं, "आगामी चुनाव पार्टी के लिए करो या मरो की स्थिति होंगे. पार्टी को दिल्ली में अपनी कामयाबी को दोहराना ही होगा. ऐसे में मनीष सिसोदिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती, पार्टी को राजनीतिक कामयाबी की तरफ़ ले जाने की होगी."

हरियाणा और दिल्ली में अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं और हरियाणा में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं.

आम आदमी पार्टी के सामने फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती है चुनावी कामयाबी हासिल करना. हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में, आम आदमी पार्टी के कांग्रेस के साथ गठबंधन में लड़ने के बावजूद, दिल्ली की सभी सीटें बीजेपी ने जीत लीं.

अब तक पार्टी दिल्ली में आसानी से सरकार बनाती रही है. लेकिन विश्लेषक मानते हैं कि अब परिस्थितियां बदल गई हैं.

भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आंदोलन से पैदा हुई आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं पर ही भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.

पार्टी के कई नेता लंबे समय जेल में रहे. केजरीवाल अभी भी जेल में बंद हैं. ऐसे में विश्लेषक मानते हैं कि आम आदमी पार्टी के लिए अब स्थिति करो या मरो की होगी.

हेमंत अत्री कहते हैं, "इस समय दिल्ली में सरकार के अलावा नगर निगम भी आम आदमी पार्टी के पास ही है. दिल्ली में जो कुछ भी अव्यवस्था है, उसे लेकर आम आदमी पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही होगी कि वह मतदाताओं को ये समझा पाए कि इसके लिए बीजेपी ज़िम्मेदार है और दिल्ली में ताक़त का असली केंद्र एलजी कार्यालय ही है."

वहीं मुकेश केजरीवाल कहते हैं, "आगामी चुनाव पार्टी के लिए करो या मरो की स्थिति होंगे. पार्टी को दिल्ली में अपनी कामयाबी को दोहराना ही होगा. ऐसे में मनीष सिसोदिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती, पार्टी को राजनीतिक कामयाबी की तरफ़ ले जाने की होगी."

Veer Gupta

Aug 11 2024, 16:15

एक ऐसा कंपनी जहा कैंडिडेट को टैलेंट के बजाय उनकी राशियों को ध्यान में रख कर ली जाती है भर्ती

आमतौर पर कोई व्यक्ति अपने एक्सपीरियंस और एजुकेशन के आधार पर नौकरी पाने की उम्मीद करता है. कैंडिडेट अपने कौशल और काम के प्रति समर्पण से रिक्रूटमेंट टीम को प्रभावित करने की उम्मीद करते हैं, लेकिन चीन की एक कंपनी में कैंडिडेट के टैलेंट के बजाय उनकी राशियों को ध्यान में रख कर भर्ती की जा रही है.

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, एक चीनी कंपनी की हायरिंग स्ट्रेटेजी ऑनलाइन ध्यान लोगों का ध्यान खींच रही है. अजीबोगरीब नीति के पीछे की टीम का मानना ​​है कि, डॉग ईयर वाले आवेदक फर्म के साथ-साथ बॉस के लिए भी दुर्भाग्य लाएंगे, जो ड्रैगन ईयर में पैदा हुए हैं.

क्या है चीनी मान्यता 

चीनी मान्यताओं में 12 राशियां हैं और प्रत्येक को एक साल सौंपा गया है, जो 12-वर्षीय चक्र में दोहराया जाता है, इसलिए एक दूसरे के विपरीत भी माना जाता है. कंपनी का नाम सैनक्सिंग ट्रांसपोर्टेशन है, जो दक्षिणी चीन के ग्वांगडोंग प्रांत में स्थित है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वे 3,000 से 4,000 युआन (35,000 से 45,000 रुपये के बीच) के वेतन पर एक क्लर्क को काम पर रखना चाहते थे, जो इस क्षेत्र में औसत वेतन का आधा है. अपने नौकरी विवरण के तहत, कंपनी ने स्पष्ट रूप से ईयर ऑफ डॉग में पैदा हुए उम्मीदवारों से "नौकरी के लिए आवेदन न करने" के लिए कहा.

ये है वजह 

2 अगस्त को कंपनी के एक कर्मचारी ने मीडिया को बताया कि डॉग ईयर के लोगों पर प्रतिबंध लगाने के पीछे का कारण यह है कि उनका बॉस एक "ड्रैगन" है. उन्होंने कहा, "ड्रैगन और डॉग एक दूसरे के साथ अच्छे से नहीं रहते." उनके अनुसार, कम योग्य उम्मीदवारों पर नौकरी के लिए विचार किया जाएगा, अगर उनके राशि डॉग ईयर की न हो.

राशि चिन्हों को "पांच चरणों" में रखा गया है, जो धातु, लकड़ी, पानी, आग और पृथ्वी हैं. माना जाता है कि ड्रैगन में जल तत्व होता है, जबकि डॉग अग्नि तत्व के अंतर्गत आता है. उनका मानना ​​है कि अगर डॉग और ड्रैगन एक साथ काम करते हैं, तो उनके बीच अक्सर मतभेद होते हैं.

Veer Gupta

Aug 11 2024, 12:06

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना

मोदी सरकार ने लोकसभा में गुरुवार (8 अगस्त) को वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पेश किया था. इस बिल के पेश होते ही एक बार फिर से वक्फ बोर्ड को चर्चा तेज हो गई है. विपक्ष इस संशोधन बिल को मुस्लिम विरोधी बता रहा है और लगातार इसका विरोध कर रहा है. इस बिल को अब संसद की संयुक्त समिति (JPC) के पास भेज दिया गया है

इसी बीच एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जब वक्फ को बर्बाद करने का बिल लाया जा रहा था तो ये लोग (उद्धव ठाकरे के सांसद) पीठ दिखाकर भाग गए थे. 

उद्धव ठाकरे पर बोला हमला 

असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया, 'शुक्रवार को इंडिया गठबंधन के उद्धव ठाकरे की पार्टी के जितने भी सांसद थे, वो सदन से भाग गए. जब बिल पर स्पीकर ने बोलने के लिए कहा तो उद्धव ठाकरे की पार्टी के कोई सांसद वहां नहीं बैठे थे, सब कैंटिन में बैठकर चना-चाट खा रहे थे. उद्धव ठाकरे अपने हिंदुत्व में मुसलमानों की बात करते हैं. अब वे महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में बड़ी-बड़ी बातें करेंगे. उन्हें मुसलमानों का वोट चाहिए, लेकिन जब वक्फ को बर्बाद करने का बिल लाया जा रहा था तो ये लोग (उद्धव ठाकरे के सांसद) पीठ दिखाकर भाग गए. अब महाराष्ट्र के मुसलमानों को अपने दोस्त और दुश्मन को पहचानना पड़ेगा.

यह बिल संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता है'

इसे पहले इस बिल पर सवाल उठाते हुए एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था, 'केंद्र सरकार लगातार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर सवाल उठा रही है. इसकी तुलना छोटे-छोटे खाड़ी देशों की अर्थव्यवस्थाओं से हो रही है. भारत एक बहुत बड़ा देश है और गल्फ देशों से इसकी तुलना करना गलत है. ये बिल संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 के नियमों का उल्लंघन करता है. ये बिल संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता है.'