स्कूलों में स्वतंत्रता सप्ताह के दौरान ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम का होगा आयोजन

रायपुर-   छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारियों को ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। यह कार्यक्रम 09 अगस्त से 15 अगस्त 2024 तक स्वतंत्रता सप्ताह के दौरान आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय ध्वज ‘तिरंगा’ के प्रति गौरव की भावना को बढ़ावा देना और आम जनता में देश प्रेम की भावना को विकसित करना है। कार्यक्रम के अंतर्गत सभी कार्यक्रम के अंतर्गत सभी स्कूलों में शिक्षक, विद्यार्थी, एनसीसी, एनएसएस के कैडेट, अभिभावक, जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने घरों पर तिरंगा फहराएं।

स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों में विभिन्न गतिविधियों का भी आयोजन करने का निर्देश दिया है, जिसमें स्कूल स्तर पर तिरंगा रैलियों का आयोजन, तिरंगा दौड़ और मैराथन का आयोजन, तिरंगा सम्मान का आयोजन, विद्यार्थियों द्वारा प्रभात फेरी, विद्यालयों में ध्वजारोहण उपरांत मिष्ठान वितरण का आयोजन और तिरंगा सम्मान से संबंधित निबंध व चित्रकला प्रतियोगिताएं शामिल हैं। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे कार्यक्रम के सुचारू संचालन की निगरानी सुनिश्चित करें।

छत्तीसगढ़ की अनूठी सुंदरता से मंत्रमुग्ध हुए पर्यटन प्रचारक, भारत के विभिन्न राज्यों से आये पर्यटन प्रचारकों ने किया जंगल सफारी का भ्रमण

रायपुर-     छत्तीसगढ़ में 5 से 8 अगस्त तक “छत्तीसगढ़ कनेक्ट 2024” कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड, टूरिज़्म इंडिया अलायन्स और छत्तीसगढ़ टूरिज़्म ट्रेड एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में किया गया है। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भारत के विभिन्न राज्यों से 40 से अधिक पर्यटन प्रचारकों को आमंत्रित कर छत्तीसगढ़ की अनूठी सुंदरता विशेषकर बस्तर का विशेष अनुभव कराया गया। कार्यक्रम के तहत देशभर से आये पर्यटन प्रचारक छत्तीसगढ़ की नैसर्गिक सुंदरता से मंत्रमुग्ध हो गए।

इसी तारतम्य में आज 8 अगस्त 2024 को पर्यटन प्रचारक नवा रायपुर स्थित जंगली सफारी का भ्रमण करने पहुंचे, जहां प्रबंधन द्वारा उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। जंगल सफारी भ्रमण की शुरुआत "एक पेड़ माँ के नाम" अभियान के अन्तर्गत पौधारोपण से हुई, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर करता है।

जंगल सफारी के संचालक धम्मशील गणवीर ने सफारी के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए पर्यटन प्रचारकों को क्षेत्र के विविध वन्यजीवों और प्राकृतिक परिदृश्यों के बारे में बताया। उन्होंने बस्तर क्षेत्र में अपने पूर्व अनुभवों को भी साझा किया, जिसमें स्थानीय जनजातीय समुदायों और उनकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ प्रकृति से गहरे संबंधों का उल्लेख किया।

इस दौरान अतिथियों को जंगल सफारी पर आधारित डाक्यूमेंट्री फ़िल्म भी दिखाई गई। जंगल सफारी के संचालक धम्मशील गणवीर ने युवान वोलंटियर्स प्रोग्राम के माध्यम से युवाओं को वन्यजीव संरक्षण में जोड़ने के लिए जंगल सफारी प्रबंधन द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में भी बताया साथ ही छत्तीसगढ़ में जंगल सफारी को पर्यटन का प्रमुख आकर्षन बनाने में टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स की भूमिका पर ज़ोर दिया। उन्होंने सभी पर्यटन ऑपरेटरों और प्रचारकों से छत्तीसगढ़ में ईको पर्यटन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने की अपील की।

बच्चों के लिए मोबाइल बन रहा साइबर बुलिंग का बड़ा कारण, शिक्षकों को इस संबंध में जागरूक करने कार्यशाला आयोजित

रायपुर-  आधुनिक तकनीक और मोबाइल के अत्यधिक उपयोग ने बच्चों को साइबर बुलिंग के जोखिम में डाल दिया है। साइबर बुलिंग से बच्चों को बचाने और उन्हें सुरक्षित रखने के उद्देश्य से जिला शिक्षा अधिकारी रायपुर एवं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाईट) में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इस कार्यशाला में रायपुर और आसपास के क्षेत्रों के सभी स्कूलों के प्राचार्यों ने भाग लिया। मुख्य अतिथि सोनल गुप्ता, सदस्य बाल संरक्षण आयोग, ने साइबर बुलिंग के बढ़ते खतरे पर गहन चर्चा की और शिक्षकों से इस दिशा में सतर्क रहने का आग्रह किया। साइबर बुलिंग के अंतर्गत बच्चों के साथ हो रही छेड़छाड़, अपमानजनक टिप्पणियाँ, हतोत्साहित करने वाले संदेश और अन्य मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न शामिल हैं। शिक्षकों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे न केवल बच्चों को शिक्षित करें बल्कि उन्हें इन खतरों से भी बचाएँ।

कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी रायपुर डॉ. विजय कुमार खण्डेलवाल ने बताया कि साइबर बुलिंग आज के समाज के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है। बच्चों के बीच यह प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है, जिससे उनके मानसिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

कार्यशाला के दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि स्कूलों, खेल के मैदानों, कोचिंग संस्थानों और स्कूल के बाहर बच्चों के साइबर बुलिंग के शिकार होने की संभावना अधिक होती है। इस दौरान कुछ सामान्य संकेतों को पहचाना जा सकता है, जैसे कि बच्चों का असामान्य व्यवहार, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक संकेत, अत्यधिक मौखिक और शारीरिक झगड़े, छेड़खानी करने वाली टोली में शामिल होना, आक्रामक व्यवहार, नए छात्रों का उत्पीड़न, लगातार प्राचार्य कक्ष में जाना। कार्यशाला में विशेषज्ञों ने साइबर बुलिंग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की और शिक्षकों को इसके रोकथाम के उपाय सुझाए। इस कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करना था।

राज्य जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन एजेंसी की शासी परिषद की बैठक सम्पन्न

रायपुर-   मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में राज्य जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन एजेंसी की शासी परिषद की सातवी बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में जलग्रहण क्षेत्र विकास कार्यक्रमों की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन के संबंध में भारत सरकार द्वारा निर्धारित गाईडलाइन के अनुसार कार्य करने के निर्देश दिए है। इसी तरह से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, जलग्रहण क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत पौधा रोपण सहित अमृत सरोवर, स्टापडेम, चेकडेम, ड्रिप सिस्टम सहित अन्य जलसंग्रहण क्षेत्र की गतिविधियों एवं कार्यक्रमों की समीक्षा की गई।

बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि राज्य में करीब 4850 जलग्रहण संरचनाओं का निर्माण किया गया है। इससे करीब 8530 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई रकबा की वृद्धि हुई है। इससे राज्य के किसानों को लाभ हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि जलग्रहण परियोजनाओं के अंतर्गत 125 हेक्टेयर क्षेत्र में कैक्टस खेती का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार, वित्त विभाग के सचिव मुकेश कुमार बंसल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुल हक सहित वन विभाग, ग्रामीण आजीविका मिशन, नाबार्ड, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड सहित शासी परिषद के अन्य सदस्य शामिल हुए।

छत्तीसगढ़ राज्य एड्स परिषद की बैठक सम्पन्न

रायपुर-     मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में छत्तीसगढ़ राज्य एड्स परिषद की बैठक आयोजित की गई। बैठक में एचआईही की रोकथाम तथा देखभाल के लिए संचालित सेवाओं की समीक्षा की गई। बैठक में एचआईवी एड्स के साथ जी रहे लोगों को मुख्यधारा में लाने और एचआईवी के नियंत्रण एवं उपचार प्रदान करने के साथ अंतर्विभागीय समन्वय पर विस्तार से चर्चा गई।

अधिकारियों ने बताया कि एचआईवी संक्रमित लोगों की पहचान कर उन्हे निःशुल्क उपचार प्रदाय किया जा रहा है। एचआईवी संक्रमितों को मुख्यधारा से जोड़ने एवं उनके प्रति भेदभाव को कम करने की आवश्यकता है। इसी क्रम में विभिन्न विभागों द्वारा संचालित शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने लिए अन्य विभाग के प्रतिनिधियों से चर्चा की गई। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को एड्स के प्रति जन-जागरूकता कार्यक्रमों को जनसहभागिता से करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए है।

मुख्य सचिव ने समस्त विभागों को निर्देश दिए कि एचआईवी संक्रमितों के साथ भेदभाव न करते हुए उन्हें रोजगार के समुचित अवसर प्रदाय किये जाने चाहिए। साथ ही राज्य में प्रत्येक गर्भवती महिला की एचआईवी जांच की जानी चाहिए। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में एचआईवी जांच बढाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार तथा अन्य विभागों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में एचआईवी विषय को शामिल करते हुए प्रशिक्षण प्रदाय किया जाएगा। साथ ही विभाग द्वारा राज्य के औद्योगिक जिलो में व्यापक स्तर पर जांच कर संक्रमितों की पहचान कर उन्हें निःशुल्क उपचार प्रदाय किया जा रहा है।

अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मनोज पिंगुआ, वित्त विभाग के सचिव मुकेश कुमार बंसल, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव अंकित आनंद सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग और राज्य एड्स नियंत्रण समिति के सदस्य एवं स्वास्थ्य विभाग और अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

ब्रांज मेडल जीतने पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इंडियन हाकी टीम को दी बधाई
रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पेरिस ओलंपिक खेलों में ब्रांज मेडल जीतने पर इंडियन हाकी टीम को बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज स्पेन के विरुद्ध भारतीय टीम ने शानदार मैच खेला। उन्होंने कहा कि हाकी भारत का राष्ट्रीय खेल है और भारत की टीम ने आज शानदार खेल दिखाते हुए देश की प्रतिष्ठा को विश्व पटल में बनाये रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओलंपिक के अपने सभी मैचों में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने इसके लिए कप्तान हरमनप्रीत सिंह को भी बधाई है जिन्होंने आज दो गोल दागकर देश की विजय सुनिश्चित कर दी।
विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित होने वाली फोटो प्रदर्शनी स्थगित
रायपुर-    अपरिहार्य कारणों से छत्तीसगढ़ के जनजातीय अद्भुत एवं विविध संस्कृति पर केंद्रित 9 से 11 अगस्त 2024 तक कलावीथिका महंत घासीदास संग्रहालय, घड़ी चौक, रायपुर में आयोजित होने वाली तीन दिवसीय फोटो प्रदर्शनी आगामी तिथि तक स्थगित कर दी गई है।
जनदर्शन में मिली इलाज के लिए सहायता राशि
रायपुर-   रायपुर की आमापारा निवासी उषा ठाकुर ने आज मुख्यमंत्री जनदर्शन में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के समक्ष अपनी व्यथा बताई। उषा ठाकुर ने बताया कि वह माउथ (मुँह) कैंसर से पीड़ित हैं जिसका लंबे समय तक निजी अस्पताल में उपचार चला और एक बार ऑपरेशन भी हो चुका है। फ़िलहाल डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल के अंतर्गत स्थित इंदिरा गांधी कैंसर रिसर्च सेंटर में आगे का इलाज चल रहा है। वर्ष 2017 में पति के निधन के बाद घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी है, ऐसे में तीन बच्चों की पढ़ायी में बाधा आ रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आर्थिक सहायता प्रदान करने की गुहार लगायी, जिस पर मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलता दिखाते हुए तत्काल एक लाख रुपये की राशि उषा ठाकुर के परिवार के लिए स्वीकृत की।
मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगिया बना उम्मीदों का नया आशियाना, श्री महिन्दर और सुश्री मंदाकिनी को मिला श्रवण यंत्र

रायपुर-     जशपुर अंचल के लोगों की उम्मीदों का नया आशियाना बनते जा रहा है ग्राम बगिया का मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय। दूर-दूर से लोग यहां बहुत उम्मीद के साथ आम लोग अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचते हैं। यहां पहुंचने वाले लोगों की समस्याओं को न केवल गंभीरतापूर्वक सुना जा रहा है, बल्कि उनका यथोचित सामाधान भी किया जा रहा है।

60 वर्षीय ग्राम दोकड़ा, विकासखंड कांसाबेल निवासी महिन्दर कश्यप विगत कई वर्षों से कान से न सुनने की समस्या से पीड़ित थे। इस समस्या की वजह से उन्हें अपने दैनिक जीवन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में उनकी समस्या का तत्काल संज्ञान लेते हुए उन्हें श्रवण यंत्र प्रदान किया गया। श्रवण यंत्र मिलने से अपनी खुशी जाहिर करते हुए श्री कश्यप बताते हैं कि उन्हें अब सुनने में कोई परेशानी नहीं होती है। अपने दैनिक जीवन के कार्याकलापों में भी उन्हें आसानी हो रही हैं। उन्होंने बताया सबसे बड़ी खुशी की बात यह है की उनका साढ़े 3 साल का पोता है। अब उनकी मीठी जुबान को भी वह आसानी से सुन सकता है और उनसे ढेर सारी बातें कर सकता हैं।

इसी तरह श्रवणबाधित की समस्या से परेशान ग्राम मृखोल पंचायत सुण्डरू पोस्ट जामबहार तहसील फरसाबार निवासी मंदाकिनी यादव भी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में श्रवण यंत्र मिलने से काफी खुश हैं। वे बताती हैं कि उनकी ना सुनने की समस्या के इलाज के लिए बहुत से अस्पतालों में गई। लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया। जिससे वह काफी निराश हो गई थी। उन्हें जब पता चला कि कैंप कार्यालय से उनकी समस्या का सामाधान हो सकता है तो उन्होंने आवेदन किया। कैंप कार्यालय में उनकी समस्या को संज्ञान लेते हुए श्रवण यंत्र दिया गया है। श्रवण यंत्र मिलने से वह काफी खुश है। वे बताती है कि अब उन्हें सुनने में कोई परेशानी नहीं होती है। इसके लिए सुश्री मंदाकिनी ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया है।

15 अगस्त से मंत्रालय में ई-ऑफिस का होगा क्रियान्वयन, मुख्य सचिव ने ई-ऑफिस प्रक्रिया की समीक्षा की

रायपुर-    मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में ई-ऑफिस के क्रियान्वयन की समीक्षा की। एनआईसी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने मंत्रालय में ई-ऑफिस प्रक्रिया का प्रस्तुतिकरण दिया। इस अवसर पर मंत्रालय के सभी विभागों भारसाधक सचिव मौजूद थे। ई-ऑफिस के अंतर्गत ई-फाईल मेनेजमेंट सिस्टम, ई-फाईल प्रोसेस, एपीआई यूनिट डेटा डिस्प्ले, इंम्पिलिमेंट ई-ऑफिस, ई-फाईल एमआईएस रिपोर्ट सहित ई-ऑफिस की अन्य गतिविधियों के बारे में अधिकारियों को प्रस्तुतिकरण के जरिए जानकारी दी गई। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने सभी विभागों के अधिकारियों को ई-ऑफिस की प्रक्रियाओं को जानने तथा ई-ऑफिस के तहत कार्य करने के लिए सभी आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। उन्होंने ई-ऑफिस के क्रियान्वयन के लिए एनआईसी के अधिकारियों को मंत्रालय में लगातार बैठने के निर्देश दिए है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री जनदर्शन पोर्टल के बारे में भी अधिकारियों को विस्तार से जानकारी दी। जनदर्शन पोर्टल के बारे में मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत ने पोर्टल के माध्यम से जनदर्शन में प्राप्त आवेदनों के शीघ्र निराकरण की प्रक्रिया से अवगत कराया। 15 अगस्त से मंत्रालय में ई-ऑफिस का क्रियान्वयन चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। ई-ऑफिस से प्रशासन के कार्यों में तेजी आएगी। ई-फाइल तकनीक से मंत्रालय में सभी नोटशीट ऑनलाइन लिखी और भेजी जाएगी, फाइल के मूवमेंट में तेजी आयेगी। मंत्रालय में किस स्तर पर कितने दिनों से फाइल रुकी हुई है, इसकी जानकारी भी तत्काल प्राप्त हो जाएगी। जिससे की शासन स्तर में समीक्षा करना सरल हो जाएगा। समस्त फाइल ऑनलाइन उपलब्ध रहने से प्रशासन में पारदर्शिता आएगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आयोजित इस बैठक में अपर मुख्य सचिव धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व सुब्रत साहू, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा, सचिव मुख्यमंत्री एवं सुशासन एवं अभिसरण राहुल भगत, नगरीय प्रशासन एवं मुख्यमंत्री के सचिव बसवराजू एस., सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव अन्बलगन पी., वित्त विभाग के सचिव मुकेश कुमार बंसल, आयुक्त जनसम्पर्क मयंक श्रीवास्तव सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।