नवादा :- सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन पुलिस को पड़ रहा भारी, एसपी नहीं दे रहे जबाब, आरटीआई से मांगी प्रतिवेदन की प्रति।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश की धज्जियां उड़ाना पुलिस को भारी पड़ने लगा है। हालात यह है कि पुलिस कप्तान को जबाब नहीं जुट रहा है। मामला मानवाधिकार आयोग से जुड़ा है।
मानवाधिकार ने एकबार फिर 21/10 को जबाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। और तो और इस बावत आरटीआई के माध्यम से से प्रतिवेदन की प्रति की मांग की गयी है। 20 मई 2023 को जिले के वरीय पत्रकार 67 वर्षीय भैया जी को अकबरपुर थानाध्यक्ष अजय कुमार ने न्यायालय के एक मामले में कार्यक्षेत्र से बाहर जाकर गिरफ्तार किया था।

गिरफ्तारी के बाद सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करते हुए न केवल हाजत में बंद कर दिया था बल्कि थाली थाना के हवाले करने के पूर्व हथकड़ी लगा बगैर चेहरा छिपाये फोटो स्वयं वायरल कर दिया था।दूसरे दिन न्यायालय में उपस्थित कराने पर देर शाम न्यायालय ने निजी मुचलके पर रिहा कर दिया था। दूसरे दिन न्यायालय ने पुलिस पर नोटिस व इश्तेहार तामिल न कराने का आरोप लगाते हुए स्थायी जमानत दी थी।

इसके पूर्व विधान पार्षद नीरज कुमार समेत जिले के पत्रकारों ने गिरफ्तारी का विरोध करते हुए एसपी से मामले की जांच का अनुरोध किया था। लेकिन आजतक क्या जांच हुई इसका खुलासा तक नहीं किया । उक्त मामले को मानवाधिकार ले जाया गया। आयोग ने एसपी से लगाये गये आरोप का जबाब मांगा लेकिन अबतक एसपी का जबाब आयोग को प्राप्त नहीं कराया गया। ऐसे में एकबार फिर 21/10 को अंतिम रूप से जबाब दाखिल करने का आदेश आयोग ने निर्गत किया है।

उक्त मामले को अब जिले के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चील ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने आयोग द्वारा आदेशित जबाब की प्रति की मांग कर दी । ऐसे में एसपी हाजत में बंद करने, हाथ में हथकड़ी लगा बगैर चेहरा छिपाये अखबारों व सोशल मिडिया पर फोटो वायरल करने को कितना न्यायोचित ठहराते हैं, यह देखना शेष है। अब सबसे बड़ा सवाल आखिर एसपी आयोग को जबाब दे क्यों नहीं रहे हैं।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
नवादा यातायात पुलिस ने विशेष अभियान चलाकर बिना रजिस्ट्रेशन के सड़क पर दौड़ रहे 65 ई रिक्शा को किया जप्त,अग्रतर कार्रवाई जारी।
नवादा यातायात थाना पुलिस ने प्रजातंत्र चौक पर विशेष अभियान चलाकर बिना रजिस्ट्रेशन के सड़क पर दौड़ रहे 65 ई-रिक्शा को जब्त किया है।
यातायात थाना की इस कार्रवाई से ई-रिक्शा चालकों में हडकंप मच गया। यातायात डीएसपी ने बताया कि बिना रजिस्ट्रेशन के सड़क पर चल रहे 65 ई-रिक्शा को जब्त किया गया है। सभी जब्त ई-रिक्शा पर परिवहन विभाग द्वारा जुर्माना लगाकर छोड़ा जाएगा।
उन्होंने बताया कि बिना रजिस्ट्रेशन के अब एक भी ई-रिक्शा सड़क पर नहीं चलेगी। जो ई-रिक्शा चालक नियम का उल्लंघन करेंगा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह अभियान लगातार जारी रहेगा।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
नवादा :- साइबर अपराध में लिप्त 5 बदमाश गिरफ्तार, लोन दिलाने के नाम पर करते थे ठगी।
साइबर अपराधियों के खिलाफ नवादा पुलिस द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में मंगलवार 30 जुलाई को वारसलीगंज थाना क्षेत्र के चकवाय_ बलवापर गांव के बगीचे से 5 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। इन लोगों के पास से 8 एंड्राइड मोबाइल, 01 कीपैड मोबाइल, 25 पेज कस्टमर डाटा बरामद किया गया।
इस संदर्भ में बुधवार को वारिसलीगंज थाना में एसडीपीओ पकरीबरावां महेश कुमार चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सूचना मिली थी कि गांव में साइबर अपराधियों द्वारा लोगों से ठगी किया जा रहा है।

सूचना के आलोक में पुलिस अधीक्षक नवादा के निर्देश पर उनके नेतृत्व (एससीडीपीओ पकरीबरावां) में एसआईटी का गठन किया गया। जिसमें वारिसलीगंज थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर रूपेश कुमार सिन्हा, सब इंस्पेक्टरों सुभाष कुमार सहित अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे। चकवाय बलवापर गांव से पूरब दिशा में स्थित बगीचा में छापामारी की गई। पुलिस को देखकर वहां मौजूद साइबर अपराधी भागने लगे। लेकिन पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार बदमाशों में पंकज कुमार पिता रमेश शर्मा, रोहित कुमार पिता बोतल राम, रोहित कुमार पिता दिलीप प्रसाद, राजपाल कुमार पिता ललन राम और राहुल कुमार पिता बोतल राम सभी ग्राम चकवाय_ बलवापर, थाना_वारिसलीगंज,जिला_नवादा शामिल हैं। एसडीपीओ ने बताया कि आवश्यक पूछताछ के बाद इन सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। भागने में सफल रहे अन्य बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापामारी की जान रही है। उन्होंने बताया कि लोन दिलाने के नाम पर सभी ठगी किया करते थे।

बता दें कि वारिसलीगंज थाना इलाके के अपसढ़ गांव से 3-4 दिनों पूर्व ही 11 साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हुई थी। इस इलाके में साइबर अपराधियों का ऐसा मकड़जाल है कि आए दिन हजारों लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं। जिले के इस इलाके को लोग बिहार का जामताड़ा बताते हैं। हर माह किसी न किसी स्टेट की पुलिस साइबर अपराधियों की धर पकड़ के लिए दस्तक देती रहती है।

जिले की पुलिस भी कार्रवाई करती है, लेकिन समस्या यथावत है, अपराध कम नहीं हो रहा है। इन लोगों की हुई गिरफ्तारी। पंकज कुमार पिता रमेश शर्मा रोहित कुमार पिता बोतल राम रोहित कुमार पिता दिलीप प्रसाद राजपाल कुमार पिता ललन राम राहुल कुमार पिता बोतल राम सभी ग्राम चकवाय-बलवापर, थाना-वारिसलीगंज,जिला-नवादा। बरामद सामग्री। एंड्राइड मोबाइल 8 कीपैड मोबाइल 01 कस्टमर डाटा 25 पेज।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
अपराधी को पहचानने में करें नवादा पुलिस की मदद।
अवैध तरीके से एटीएम से पैसे निकालने के कांड में है संलिप्तता।
इस व्यक्ति से सबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी हो तो रोह थाना को सूचित करें। 94318 22287,, 7903320007
नवादा :- जिले में 4.19 लाख आयुष्मान कार्ड बनाने काम लंबित, जिले में निर्धारित लक्ष्य का 30 प्रतिशत भी नहीं बना कार्ड, अब 07 अगस्त तक किया गया।
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से छूटे लोगों का मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत कार्ड बनाया जा रहा है।
आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए सभी जनवितरण प्रणाली की दुकानों पर 18 से 31 जुलाई तक विशेष अभियान चलाया जाना था जिसकी अवधि का विस्तार करते हुए 07 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है। पखवारे के दौरान नवादा जिले में प्रतिदिन 19,656 आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है। यह पखवारा जिले के सभी प्रखंडों में चलाया जा रहा है।

विभागीय आंकड़ों के अनुसार, जिले में अब तक तीन लाख 92 हजार आठ सौ 39 आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके हैं, जबकि चार लाख 19 हजार चार सौ 90 आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य लंबित है। जिलेभर में 18 जुलाई से आयुष्मान कार्ड बनाये जा रहे हैं। सरकार ने 18 से 31 जुलाई तक जिसे बढ़ाकर अब 07 अगस्त किया गया है विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है।

लाभुक सभी स्वास्थ्य केंद्र, पंचायती राज भवन, सीएससी सेंटर और जनवितरण प्रणाली दुकानों पर लाभार्थी आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं। चल रहे अभियान में जिले में 2,75,184 परिवार का कार्ड बनाने का लक्ष्य है। विशेष अभियान के तहत प्रत्येक दिन 19656 आयुष्मान कार्ड निर्माण करने का लक्ष्य है जबकि विभाग के द्वारा बताया गया कि प्रतिदिन मात्र 25 से 27% ही लक्ष्य पूरा हो रहा है।

पारिवारिक पहचान के लिए राशन कार्ड व व्यक्तिगत पहचान के लिए आधार कार्ड लेकर जनवितरण प्रणाली की दुकान, सभी स्वास्थ्य केंद्र, पंचायती राज भवन, सीएससी सेंटर पर पहुंचें। कार्ड बनने के बाद प्रति परिवार प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का नि:शुल्क इलाज कराया जा सकेगा। कार्ड के बन जाने से परिवारों को काफी राहत मिलेगी।

सरकार की योजना लोगों को काफी फायदा पहुंचा रही है। जिले के लोग इस अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। जिले के 187 पंचायती राज भवन, 31 हजार एक सौ 37 जन वितरण प्रणाली की दुकान, 461 सीएससी सेंटर और स्वास्थ्य विभाग की सेंट्रो पर आयुष्मान कार्ड बनाने की सुविधा दी जा रही है।

आयुष्मान कार्ड निर्माण लक्ष्य से कोसों दूर है। 07 अगस्त तक सभी पीडीएस व अस्पताल में कार्ड बनाया जाना है। इसमें प्रतिदिन 19 हजार छह सौ 56 कार्ड बनाये जाने हैं, लेकिन लक्ष्य से कोसों दूर चल रहे है। आयुष्मान कार्ड वर्तमान समय मे लक्ष्य का 25 से 27% ही पूरा हो रहा है। बताया जा रहा है कि जानकारी के अभाव में लोग आयुष्मान कार्ड नहीं बनवाते हैं।

परिवार के सभी सदस्यों का आयुष्मान कार्ड रहना अनिवार्य है। इस संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। सभी पंचायत, गांव व नगर निकाय स्तर पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जीविका दीदी, आशा, एएनएम, विकास मित्र, आवास सहायक, स्वच्छता पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी सेविकाएं जागरूकता अभियान चला रही हैं। आयुष्मान कार्ड रहने पर कार्डधारी प्रत्येक सदस्य को हरेक साल इलाज के लिए पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज चयनित अस्पतालों में किया जायेगा।

इस कारण सभी पीडीएस कार्डधारी 07 अगस्त तक अपने नजदीकी पीडीएस दुकान पर पहुंच कर अपना आयुष्मान कार्ड अवश्य बनवा लें। यह कार्ड हर साल अपडेट होता रहता है, यानि हर साल लाभार्थी पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आयुष्मान कार्ड के जरिये योजना के तहत शामिल विभिन्न निजी व सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज कराया जा सकता है।

योजना को लॉन्च करने का उद्देश्य गरीब जनता तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचना है। अपना या अपने परिवार के किसी सदस्य का आयुष्मान कार्ड ऑनलाइन बनवाने के लिए सबसे पहले अपने आधिकारिक पोर्टल beneficiary.nha.gov.in के जरिये आप अपना ऑनलाइन आधार कार्ड घर बैठे बना सकते हैं। या 104 टोल फ्री नंबर पर कॉल कर सकते हैं या आयुष्मान एप को डाउनलोड कर घर बैठे आयुष्मान कार्ड बना सकते हैं।

जलने-कटने या घाव संबंधी शारीरकि समस्याओं का इलाज, हृदय रोग से जुड़े इलाज,क्षहृदय-छाती और वाहिकाओं से जुड़े इलाज, आपातकालीन रूम पैकेज, जिनमें 12 घंटे से कम भर्ती की जरूरत होक् ,सामान्य चिकित्सा से जुड़े इलाज,सामान्य आॉपरेशन वाले इलाज आंतरिक तंत्रिका विकिरण संबंधी इलाज,कैंसर से जुड़े इलाज।

आधार कार्ड,पैन कार्ड,राशन कार्ड आय प्रमाण पत्र,इमेल पासपोर्ट साइज फोटो, बैंक का खाता,मोबाइल नंबर। जिले के सभी प्रखंडों में बनाये गये आयुष्मान कार्ड की स्थिति :- प्रखंड का नाम बनाये गये आयुष्मान कार्ड अकबरपुर 44831नवादा सदर 40610रजौली 36614सिरदला 31694वारसलीगंज 28420पकरीबरावां 27974कौआकोल 26341रोह 25163नारदीगंज 24104नरहट 22648हिसुआ 20074मेसकौर 19372गोविंदपुर 17176 काशीचक 10046

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
नवादा :- संदिग्धावस्था में नवविवाहिता की मौत, मायके वालों ने ससुराल वालों पर जहर देकर हत्या करने का लगाया आरोप।
नवविवाहिता की संदिग्धावस्था में मौत हो गयी। घटना के बाद परिवारजनों में कोहराम मचा है। घटना की सूचना पर पहुंचे नवविवाहिता के मायके वालों ने ससुरालवालों पर जहर देकर हत्या करने का आरोप लगाया है।
बहरहाल पुलिस ने विवाहिता का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा है। घटना जिले के अकबरपुर थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव का बताया गया है, जहां संदिग्धावस्था में नवविवाहित की मौत हो गई । मौत के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। पुत्री की ससुराल से अचानक मौत की सूचना मिलने पर पहुंचे मृतका के मायके वालों ने ससुराल वालों पर जहर देकर हत्या करने का आरोप लगाया है।

मृतका की पहचान शाहपुर निवासी विपिन यादव की पत्नी खुशी कुमारी के रूप में की गयी है। मृतक की मां ने बताया कि दो साल पूर्व बेटी गांव के ही एक लड़का गौरी यादव के पुत्र विपिन यादव के साथ भाग कर प्रेम विवाह की थी, जिसके बाद मुकदमा दायर किया ,तो लड़का गिरफ्तार होकर जेल गया। जब जेल से बेल होकर आया ,तो मायके से रुपये लाने का डिमांड करने लगा। दो साल बीतने के बाद लड़का मेरी बेटी पर मायके से बार- बार 20-30 लाख रुपये लाने का डिमांड कर रहा था।

नहीं मांगने पर मेरी बेटी को जान मारने की धमकी दे रहा था और मारपीट व प्रताड़ित किया जा रहा था। मृतका की मां सुनीता देवी ने बताया कि डिमांड पूरा नहीं होने पर अंत में मेरी बेटी खुशी कुमारी को लक्ष्मीनिया देवी, रूबी देवी एवं रोहित कुमार ने जबरदस्ती जहर खिलाकर उसकी हत्या कर दी। इस बात अकबरपुर थानाध्यक्ष पंकज कुमार सैनी ने बताया कि विवाहिता का शव संदिग्धावस्था में बरामद हुआ है।

मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने और मामले के अनुसंधान के बाद पता चलेगा। मृतका के मायके वालों द्वारा जहर देकर हत्या करने का आरोप लगाया जा रहा है। अभी तक आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। फिलहाल शव को कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए भेजकर आगे की कार्रवाई में जुट गई है।

राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
नवादा:- सम्राट प्रेमचंद जयंती पर विशेष, मशाल की तरह है प्रेमचंद का पत्रकारीय योगदान.
सुप्रसिद्ध बांग्ला कथाकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा ‘उपन्यास सम्राट’ की उपाधि से नवाजे गये प्रेमचंद (31 जुलाई, 1880-08 अक्तूबर, 1936) को ‘हिंदी कथा साहित्य का पितामह’ भी कहा जाता है। वाराणसी के लमही गांव के एक गरीब कायस्थ परिवार में माता आनंदी देवी व पिता अजायब राय की संतान के रूप में जन्मे तो माता-पिता ने उन्हें धनपत राय नाम दिया था,
जिसे बाद में उन्होंने नवाब राय और प्रेमचंद में बदल दिया था। हिंदी का सौभाग्य कि उर्दू, फारसी व अंग्रेजी पर मजबूत पकड़ और उर्दू में शुरुआती लेखन के बावजूद उन्होंने अपनी पत्रकारिता व साहित्य सृजन के लिए हिंदी को चुना। वे स्वयं भी इस मायने में सौभाग्यशाली हैं कि हिंदी जगत की विस्मरण की प्रवृत्ति के बावजूद न उनकी यादों पर विस्मृति की धूल पड़ी है, न ही उनकी कृतियों पर। परंतु विडंबना है कि उनके साहित्यिक अवदानों के घटाटोप के बीच पत्रकारीय सेवाओं को भुला दिया गया है। उनके द्वारा वाराणसी से संपादित व प्रकाशित मासिक ‘हंस’ और साप्ताहिक ‘जागरण’ दोनों गवाह हैं कि उनका पत्रकारीय योगदान भी कतई उपेक्षणीय नहीं है। न इन पत्रों में छपी टिप्पणियों, लेखों व संपादकीयों की मार्फत देश की तत्कालीन गोरी सत्ता को चुनौती देने व स्वतंत्रता आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिहाज से, न ही हिंदी पत्रकारिता के उन्नयन के लिहाज से। उनके साहित्य के गंभीर अध्येताओं की मानें, तो जैसे कथाकार वैसे ही पत्रकार व संपादक की भूमिका में भी वे महज युगद्रष्टा नहीं, ‘समाज के आगे चलने वाली मशाल’ बने रहते हैं। इतना ही नहीं, वे जयशंकर प्रसाद व आचार्य रामचंद्र शुक्ल के साथ त्रयी बनाकर पुराने मूल्यों की जगह नये मूल्यों व संस्कारों को प्रतिष्ठित करते भी दिखते हैं। कहते हैं कि 1930 में बसंत पंचमी के दिन उनके द्वारा स्थापित सरस्वती प्रेस से ‘हंस’ के प्रकाशन से छह महीने पहले उन्हें उसका नाम जयशंकर प्रसाद ने ही सुझाया था। इस सिलसिले में प्रसाद को एक पत्र में उन्होंने लिखा था कि मैं कोई धनी नहीं बल्कि मजदूर आदमी हूं, पर ‘हंस’ निकालने का निश्चय कर लिया है, क्योंकि काशी से कोई साहित्यिक पत्रिका नहीं निकलती। जाहिर है कि वे इस अभाव की पूर्ति करना चाहते थे, इसीलिए उसके पहले अंक के संपादकीय में लिखा था कि हंस भी अपनी नन्हीं चोंच में चुटकी भर मिट्टी लिये हुए समुद्र पाटने, आजादी की जंग में योगदान देने चला है… साहित्य और समाज में वह उन गुणों का परिचय करा ही देगा, जो परंपरा ने उसे प्रदान किया है। इससे पहले अपने घनिष्ठ मित्र दयानारायण निगम द्वारा संपादित ‘जमाना’ नामक पत्र में लिखी उनकी शुरुआती टिप्पणियों में भी वे इन गुणों का परिचय कराते दिखते हैं। अपने उपन्यासों व कहानियों ही नहीं, पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित लेखों व संपादकीयों के जरिये भी उन्होंने आजादी के सवाल को खासा तीखा किया और उसके लिए संघर्षरत नायकों में विद्रोह की चेतना जगायी। तीन जून, 1932 को बनारसीदास चतुर्वेदी को लिखा गया उनका वह पत्र भी यही कहता है, जिसमें यह लिखते हुए, ‘मेरी आकांक्षा बहुत अधिक नहीं है। खाने भर को मिल जाता है। मुझे दौलत-शोहरत नहीं चाहिए’, उन्होंने बताया है कि मैं चाहता हूं कि तीन-चार ऐसी अच्छी पुस्तकें लिख सकूं, जो आजादी के काम आ सके। इससे पहले अप्रैल, 1932 के ‘हंस’ में प्रकाशित ‘दमन की सीमा’ शीर्षक संपादकीय को लेकर उनसे एक हजार रुपये की जमानत मांगी गयी थी, जिसके बाद उन्हें ‘हंस’ को बंद करने का निर्णय लेना पड़ा था। अंत में, 1931 के नवंबर का एक रोचक किस्सा. प्रेमचंद को पटना हिंदी साहित्य परिषद की पटना में आयोजित सभा का मुख्य अतिथि बनाया गया था। उन्होंने परिषद को सूचित कर रखा था कि वे सभा से पहले की शाम से रात तक किसी ट्रेन से पटना पहुंच जायेंगे, परंतु परिषद की ओर से जिन लोगों को उन्हें लाने के लिए रेलवे स्टेशन भेजा गया, उन्होंने उनकी तस्वीर भर देख रखी थी। एहतियातन वे शाम छह बजे ही पटना रेलवे स्टेशन पहुंच गये और प्रेमचंद को तलाशने का सिलसिला शुरू कर दिया। पर सुबह होने को आ गयी और उन्हें किसी भी ट्रेन से प्रेमचंद उतरते नहीं दिखे। निराश होकर वापस जाने से पहले स्टेशन को अंतिम बार खंगालने के इरादे से वे मुसाफिरखाने की ओर बढ़े तो वहां तस्वीर वाले हुलिये के एक सज्जन दिख गये। पूछने पर पता चला कि वे प्रेमचंद ही थे। फिर क्या था, लोगों ने उनसे क्षमा मांगी और बताया कि हम लोग रात भर आपको ट्रेनों में तलाशते रहे. प्रेमचंद का उत्तर था, ‘आ तो मैं भी रात को ही गया था पर आप लोग मिले ही नहीं तो सुबह का इंतजार करने के अलावा क्या करता?’ प्रेमचंद की स्मृति में भारतीय डाक विभाग ने 31 जुलाई, 1980 को उनकी जन्मशती पर 30 पैसे मूल्य का एक डाक टिकट जारी किया था।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
नवादा :- मौसम की बेरूखी से किसान परेशान, बारिश नहीं होने से खेत बना पशुओं का चारागाह।
मौसम की बेरूखी से जिले के किसान परेशान हैं। बारिश नहीं होने से किसानों की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। आसमान में बादल छाये रहने के बावजूद बारिश नहीं होने के कारण सूखे की आशंका किसानों को सता रही है।
आधी सावन माह बीतने को है बावजूद दूर-दूर तक बारिश के आसार नहीं दिख रहे हैं। खेत तैयार होने के बाद भी किसान धान की बुआई नहीं कर हाथ पर हाथ रखकर बैठे हैं। जहां सावन मास में खेतों में हरियाली होनी चाहिए वहीं खेतों में धूल उड़ रही है। पंप सेट से पटवन कर लगायी गयी धान की फसल भी कड़ी धूप से झुलस रही है। जिस खेत में धान की रोपनी हो जानी चाहिए थी, उस खेत में या तो धूल उड़ रही है अन्यथा मवेशियों का चारागाह बना हुआ है।

किसान आसमान की तरफ टकटकी लगाये बैठे हैं कि कब इंद्रदेव की कृपा की बरसात हो जाय। किसानों का कहना है कि सरकार कृषि के क्षेत्र में किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से करोड़ों रुपये खर्च करने की बात करती है, परंतु जमीनी सच्चाई यह है कि सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण किसान भगवान भरोसे खेती करने को मजबूर है। ऐसी स्थिति में मॉनसून की दशा-दिशा देख किसानों के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। किसानों का हाथ-पांव फूलना भी लाजिमी है।

सावन माह में. पूरवा हवा और बिन बरसे बादलों के लौटने से अकाल की साया मंडराने लगा है। मौसम का हाल देख किसानों की चिंता दिनों दिन बढ़ती जा रही है। सबसे ज्यादा परेशानी, तो नहरी इलाके के किसानों की बतायी जा रही है। नहरों में एक बुंद पानी नहीं आने से नहरी क्षेत्रों में धान की रोपनी पूर्णतः बंद है। नहरी इलाके में निजी पंप सेट भी पर्याप्त मात्रा में नहीं है। नतीजतन किसान बारिश की आस में बैठे है।

उमस भरी गर्मी व आग उगलती धूप में धान के बिचड़े को बचाना चुनौती बन गयी है। बहरहाल कहा जा सकता है कि किसान क्या करें, खुद किसानों को भी समझ में नहीं आ रहा है। भूगर्भीय जलस्तर में सुधार नहीं होने से जिले में पेयजल संकट गहराने लगा है। बिजली की आंख मिचौली से उपभोक्ता परेशान हैं सो अलग। बिजली के लिए लोगों का आक्रोश गहराता जा रहा है। जगह जगह पथ जाम कर विरोध शुरू हो गया है।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
नवादा :- पिछले सप्ताह कुल 377 गिरफ्तारियां-एसपी।
श्री अम्बरीष राहुल पुलिस अधीक्षक, नवादा ने बताया कि विगत सात दिनों के अन्दर (22 जुलाई से 28 जुलाई 2024 तक) नवादा जिला में पुलिस द्वारा काफी संख्या में गिरफ्तारियां की गई हैं, जो निम्नवत हैं हत्या में 04, डकैती में 01, अनुसूचित जाति/जनजाति में 20, हत्या के प्रयास में 18, पुलिस पर हमला में 14, पोक्सो में 01, मद्य निषेध संबंधी पीने के आरोप में 20, अन्य गंभीर आरोप में 54 एवं अन्य मामलों में245 गिरफ्तारियां हुईं। कुल 377 गिरफ्तारियां की गई हैं। सात दिनों के अन्दर अन्य बरामदगी अन्तर्गत 1629 लीटर देशी शराब, 50.25 लीटर विदेशी शराब, वाहन अन्तर्गत ट्रैक्टर 15, मोटरसाईकिल 14, हाईवा 02, आग्नेयास्त्र में देशी कट्टा 02, जिंदा कारतूस 06, खोखा 04 एवं वाहन चेकिंग मेें फाईन की कुल राषि 07 लाख 90 हजार रू0 बरामद की गई।


अन्य बरामदगी अन्तर्गत- मोबाईल-37, लेपटॉप-01, फर्जी सीम-13, डाटा सीट-168 पेज, रजिस्टर-01, तसला-03, चुलाई मशीन-02, गैंस सिलेंडर-03, गैंस चुल्हा-02, महुआ घोल विनष्ट-1140 ली0, स्प्रीट-3680 ली0 बरामद किया गया। पुलिस अधीक्षक नवादा ने बताया कि नवादा पुलिस इस तरह के क्रुर एवं जघन्य अपराध करने वाले अपराधियों को गिरफ्तार करने एवं सजा दिलाने हेतू लगातार संकल्पित है।

अपराध को अंजाम देने के बाद अन्यत्र जगह छुपकर रहने वाले अपराधियों के विरूद्ध नवादा पुलिस लगातार आसूचना संकलन कर रही है तथा कार्रवाई के लिए प्रयासरत है। नवादा पुलिस के लिए यह बड़ी सफलता है।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
नवादा :- जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में हुई आकांक्षी जिला की बैठक, अधिकारियों को दिए कई आवश्यक निर्देश।
श्री आशुतोष कुमार वर्मा जिला पदाधिकारी, नवादा की अध्यक्ष्यता में आज समाहरणालय सभागार में सम्पूर्णता अभियान के अन्तर्गत आकांक्षी जिला एवं आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम की उपलब्धियों की समीक्षा और नवादा जिलांतर्गत प्रखंड और जिला स्तर पर चल रहे विभिन्न योजनाओं के अब तक के प्रदर्शन व प्रगति को लेकर बैठक आयोजित हुई।
इस बैठक में आकांक्षी जिला के 06 इंडिकेटर्स पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गयी। इसमें प्रसव पूर्व देखभाल, डायबीटिज, हायपरटेंशन, जीविका, मृदा स्वास्थ्य, आईसीडीएस के अन्तर्गत आने वाली सेवाओं आदि जैसे महत्वपूर्ण विषयों से संबंधित अद्यतन सूचना की मांग जिला पदाधिकारी के द्वारा की गयी। मृदा स्वास्थ्य अन्तर्गत प्रखंड काशीचक में मिट्टी जांच के कुल 411 नमूनों का लक्ष्य था जिसमें 411 मिट्टी नमूनों की संख्या प्राप्त हुई। विश्लेषित किये गए मृदा नमूनों की संख्या 411 है। जिला मिट्टी जॉच प्रयोगशाला, नवादा से कुल 411 मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित की गई है वहीं पकरीबरावां प्रखंड में मिट्टी नमूना जॉच का लक्ष्य कुल 1078 था जिसमें 1078 मिट्टी नमूनों की संख्या प्राप्त हुई।
विश्लेषित किये गए मृदा नमूनों की संख्या 1078 है, जो लक्ष्य के अनुरूप है। मिट्टी जॉच प्रयोगशाला से कुल 1078 मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित की गई है। चर्चा के दौरान अन्य रिपोर्ट अद्यतन नहीं होने के कारण जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी जतायी गयी एवं कहा गया कि अब इनकी इंडिकेटर वाईज साप्ताहिक बैठक आयोजित की जायेगी। इनका राष्ट्रीय स्तर पर समीक्षा होना है। काशीचक प्रखंड में एसएचजी के लक्ष्य पर चर्चा करते हुए बताया गया कि 734 एसएचजी को परिक्रमी निधि मिलना सुनिश्चित हुआ था, जिनमें से 718 को मिल चुका है एवं 16 अभी बाकी है। पकरीबरावां प्रखंड में एसएचजी समूहों की कुल संख्या 1889 है जिनमें 1882 समूहों को परिक्रमी निधि प्राप्त हो चुकी है।

जिला पदाधिकारी ने नवादा जिला के लिए शिक्षा, पोषण एवं स्वास्थ्य में बेहतर लक्ष्य प्राप्त करने हेतु संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि समीक्षा हेतु संबंधित पदाधिकारी पीपीटी में नए एवं अद्यतन आकड़ों के साथ बैठक में भाग लेना सुनिश्चित करेंगे।

आज की बैठक में श्री दीपक कुमार मिश्रा, उप विकास आयुक्त नवादा, श्री धीरज कुमार निदेशक डीआरडीए, शशांक राज वरीय उपसमाहर्त्ता, श्री नवीन कुमार पाण्डेय जिला पंचायती राज पदाधिकारी, डीपीओ आईसीडीएस, श्री राजीव कुमार डीआईओ एनआईसी के साथ अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !