नप ने चलाया अतिक्रमण हटाओ अभियान, 04 ठेला व सामान जब्त
हाजीपुर: नगर की सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए नगर परिषद ने अतिक्रमण हटाने का अभियान हटाने का अभियान शुरू किया हैं. पहले दिन शुक्रवार को नगर के गांधी चौक से त्रिमूर्ति चौक से हेडिंग जाने वाले मार्ग पर छापेमारी की गई. इस दौरान सड़क पर अवैध ढंग से अस्थाई दुकान और ठेला लगाने वालों पर कार्रवाई की गई. छापामार दल ने सड़क पर सामान बेच रहे 04 ठेला को जब्त कर लिया.
      
      सड़कों पर अवैध रूप से ठेला - खोमचा लगाने और अस्थाई दुकान लगाने वाले को वहां से हटा दिया गया. उसके सामान जब्त कर लिए गए. इसके साथ उन पर फाइन करके चालान काट दिया गया. नगर परिषद के अधिकारी ने बताया कि लगभग सात हजार रूपए फाइन लगाया गया हैं. नगर परिषद के कर्मचारियों के द्वारा गांधी चौक और आसपास में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने के बाद वहां की सड़कें खाली-खाली दिखने लगी. वाहनों का परिचालन भी सही ढंग से हो रहा था. कहीं कोई रूकावट नहीं थी. सब्जी व फल आदि के ठेले सड़क पर लग जाने से चलना मुश्किल हो जाता हैं.
     
       नगर  की सड़कों को अतिक्रमण मुक्त रखने के लिए नगर परिषद ने तैयारी कर ली हैं. शनिवार को शहर की अन्य सड़कों पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाएगा. इस बार छापेमारी के दौरान सड़क पर मिलने वाले ठेला-खोमचा व सामान आदि जब्त कर लिया जाएगा. फाइन भी लगाया जाएगा. नगर परिषद ने सभी वेंडरों व ठेला संचालकों से नगर परिषद के वेडिंग जोन में ही दुकान लगाने का सुझाव दिया हैं.
        
      नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार ने बताया कि नगर की सड़कों को अतिक्रमण मुक्त रखने के लिए अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया हैं. यह अभियान लगातार सभी सड़कों पर चलाया जाएगा. अतिक्रमण करते हुए पकड़े जाने पर सामान जब्त कर लिया जाएगा. फाइन व नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
वैशाली-बोधगया एक्सप्रेस-वे के रास्ते दौड़ेगी विकास की गाड़ी, यहां से कनेक्ट होगा बुद्ध सर्किट
वैशाली: आम बजट में 24 हजार करोड़ रूपये के तीन एक्सप्रेस-वे का उपहार बिहार को मिला हैं. इसमें से एक बुद्ध सर्किट को जोड़ेगा. बोधगया से इस एक्सप्रेस-वे के माध्यम से बौद्ध मतावलंबी शीध्र और सुगमता से वैशाली पहुंच सकते हैं.

      
        ये योजना वैशाली के विकास के लिए अहम कड़ी होगी.वर्ष 2010 के जनवरी महीने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने तीन दिवसीय  वैशाली प्रवास में एतिहासिक अभिषेक पुष्करणी के किनारे जनता दरबार लगाकर लोगों की समस्याएं सुनी थी और इस क्षेत्र के विकास का वादा किया था.

       
     उसके बाद पोखर की लोहे से घेराबंदी की गई. तीन बार मनरेगा योजना से चारों ओर पौधे लगाए गए. विद्युतीकरण भी किया गया. पौधे सूख गए, स्ट्रीट लाइट जलती नहीं, ऐसे में केंद्रीय बजट में की गई घोषणा से यहां के विकास की उम्मीद जगी हैं. वैशाली को बौद्ध सर्किट से जोड़ने का रास्ता 2004 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने खोला था.
  
                      वैशाली को रेलमार्ग से जोड़ते हुए हाजीपुर-सुगौली रेल परियोजना की नींव डाली गई थी. हालांकि 20 वर्षों बाद भी यह रेल परियोजना पूरी नहीं हो सकी हैं. 2020 से घोषवर होते हुए वैशाली तक ट्रेन चलने लगी. बाद में इसका विस्तार पारू तक कर दिया गया हैं.
     
            वैशाली में बुद्ध स्मृति स्तूप और बुद्ध सम्यक संग्रहालय का निर्माण चल रहा हैं. लगभग 72 एकड़ में बन रहे इस परियोजना की अनुमानित लागत 301 करोड़ रूपये थी. इसके लिए वर्क अॉर्डर मार्च 2019 में जारी हुआ था, अक्टूबर 2021 में इसे पूरा करने की अंतिम समय सीमा थी, लेकिन कोरोना संकट के कारण विलंब हुआ.यहां बुद्ध के अवशेष रखें जाएंगे.
    
        स्वाभाविक हैं, इस भव्य संग्रहालय के निर्माण के बाद यहां विश्वभर के बौद्ध देशों के श्रद्धालु एवं अन्य देशों के पर्यटक यहां आएंगे.अब यह स्थल बोधगया से सीधे जुड़ जाएगा. तो वहां आने वाले पर्यटक सहजता से वैशाली आ सकेंगे.
    
बिहार में 79,356 करोड़ का चल रहा रेल लाईनों का काम: रेल मंत्री
बिहार: हाजीपुर स्थित पूर्व मध्य रेल के जोनल मुख्यालय में बुधवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे बोर्ड से वीडियो काउंसिलिंग के माध्यम से बजट 2024-25 के रेल पर आधारित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित किया. इस दौरान उन्होंनें कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारतीय रेलवे का रिकॉर्ड धनराशि 2 लाख 62 हजार 200 करोड़ आवंटित की गई हैं उन्होंने इस अवसर पर विभिन्न राज्यों के लिए रेलवे हेतु आवंटित धनराशि से अवगत कराया. रेल मंत्री ने कहा कि जहां 2009-14 के मध्य औसतन प्रतिवर्ष 60 से 65 किमी नई लाइन का निर्माण होना था. वहीं 2014 से 2024 के बीच औसतन प्रतिवर्ष 160 किमी नई लाइन का निर्माण हुआ हैं. उन्होंनें कहा कि यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर इस समर सीजन में 12 हजार स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया गया. पिछले वर्ष लगभग 700 करोड़ यात्रियों ने रेलवे से यात्रा की.
          2014 से 2024 तक लगभग 05 लाख लोगों को रेलवे में भर्ती की गई हैं. इसी कड़ी में उन्होंने बिहार राज्य के लिए रेलवे आवंटित धनराशि का जिक्र करते हुए बताया कि यूपीए के कार्यकाल 2004 से 2014 में बिहार के रेलवे के विकास के लिए 1,132 करोड़ रूपये आवंटित किए गए थे. जिसे नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में बढ़ाकर 10 हजार 33 करोड़ रुपए कर दिया गया है. यह राशि पिछली सरकार की तुलना में 9 गुणा ज्यादा हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी परियोजना के लिए फंड की कमी नहीं होने दी जाएगी.
        उन्होंने कहा कि बिहार में रेलवे का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण किया जा चुका हैं तथा बिहार के 92 स्टेशनों का अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पुर्ननिर्माण  किया जा रहा हैं. बिहार में 79 हजार 356 करोड़ की लागत से नई दोहरीकरण, आमान परिवर्तन की 55 परियोजनाओं पर कार्य चल रहा हैं. रेल मंत्री के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उपस्थित संवाददाता को महाप्रबंधक पूर्व मध्य रेल छत्रसाल सिंह ने भी बजट में रेलवे के लिए किए गए प्रावधानों से उन्हें अवगत कराया.
बाबा पातालेश्वर नाथ मंदिर में की गई भव्य सजावट
हाजीपुर: सावन मास के पहले दिन और पहली सोमवारी को लेकर नगर के बाबा पातालेश्वर नाथ मंदिर में जलाभिषेक और पूजा-पाठ की तैयारी की गई हैं. मंदिर परिसर को फूल माला से आकर्षक तरीके से सजाया गया हैं. अहले सुबह से परम्परानुसार जलाभिषेक और पूजन की व्यवस्था की गई. शाम में श्रृंगार पूजन का आयोजन किया गया.

        
      मंदिर न्यास समिति के सह सचिव दीपक दानवीर सोनी ने बताया कि पहली सोमवारी को शहर के नीलकमल वस्त्रालय की ओर से आरती और श्रृंगार पूजन कराया जाता हैं. सोमवारी को लेकर, पूर्व की भांति इस बार भी पातालेश्वर नाथ मंदिर के आसपास मेला लग गया हैं. मिठाई, पूजन सामग्रियों और खिलौने की दुकानें सज गयी हैं. पुलिस बल की तैनाती की गई हैं. शहर के गांधी चौक, राजेन्द्र चौक,अनवरपुर चौक राजपूत कॉलोनी सहित दर्जनों मंदिरों में सावन की पहली सोमवारी को जलाभिषेक और श्रृंगार पूजन की गई.
देश में जातीय जनगणना कराने के समर्थन में चिराग पासवान, लेकिन रख दी शर्त; यूसीसी पर भी बोले
बिहार: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के मुखिया और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने देश भर में जाति जनगणना कराने का समर्थन किया हैं. हालांकि उन्होंने इसमें एक शर्त भी रखी दी हैं. चिराग ने कहा कि जातीय जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक न किए जाएं, इससे समाज में विभाजन पैदा होगा. जाति जनगणना कराकर इसके आंकड़े सरकार को अपने पास ही रखने चाहिए. लोजपा रामविलास के प्रमुख चिराग ने एक देश एक चुनाव और समान नागरिक संहिता(यूसीसी) पर भी
पार्टी का पक्ष रखा.
         
    चिराग पासवान ने शनिवार को समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा कि जाति आधारित गणना अगली जनगणना का हिस्सा होना चाहिए. समुदाय आधारित विकास योजनाओं के लिए अक्सर विशिष्ट आंकड़ों की जरूरत होती हैं. साथ ही अदालतें भी कई बार विभिन्न जातियों की जनसंख्या के आंकड़े मांगती हैं. हालांकि जातीय जनगणना के आंकड़े सरकार के पास ही रखे जाने चाहिये.
       
       केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने और यूसीसी के बारे में एनडीए में अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई हैं. उन्होंने यूसीसी पर अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि जब तक उनके सामने कोई ड्राफ्ट नहीं रखा जाता,तब तक वह कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं.

       
     यूसीसी पर बोलते हुए चिराग पासवान ने कहा कि इसे लेकर बहुत सारी चिंताएं हैं. भारत विविधताओं वाला देश हैं. देश के विभिन्न क्षेत्रों, में भाषा, संस्कृति से लेकर जीवनशैली तक, सब कुछ अलग-अलग हैं. ऐसे में आप सभी को एक छतरी के नीचे कैसे ला सकतें हैं, यह सवाल बना हुआ हैं. इसलिए जब तक यूसीसी का ड्राफ्ट नहीं आता, तब तक वे इसपर कुछ नहीं बोल सकते हैं.

बिहार की पहली फिल्म नीति को मंजूरी, 4 करोड़ की मदद करेगी सरकार, क्षेत्रीय फिल्मों को मिलेगा बढ़ावा
बिहार: नीतीश कैबिनेट की बैठक में आज 27 प्रस्तावों को मंजूरी मिली हैं. जिसमें एक अहम फैसला फिल्म नीति से जुड़ा हैं. नीतीश सरकार ने अपनी पहली फिल्म नीति को मंजूरी दे दी हैं. जिसका लक्ष्य फिल्म निर्माताओं को पूर्ण संस्थागत सहायता प्रदान करना हैं.

  
       इसके अलावा यह नीति भोजपुरी, मैथिली, मगही, अंगिका और बज्जिका जैसी भाषाओं में क्षेत्रीय फिल्मों के लिए विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करतीं हैं. यह नीति सरकारी अनुमतियों के लिए सिंगल विंडो मंजूरी के साथ-साथ पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करतीं हैं.
   
          अतिरिक्त मुख्य सचिव, कला और संस्कृति हरजोत कौर बम्हरा ने कहा कि बिहार में फिल्म निर्माण के अपार संभावनाएं और असंख्य अवसर है. सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास और क्षेत्रीय भाषाओं और अन्य भाषाओं में फिल्मों, वृत्तचित्रों और श्रृखलाओं के माध्यम से बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए 4 करोड़ रूपये तक की वित्तीय सहायता देने का भी निर्णय लिया हैं.
 
      फिल्म प्रोत्साहन नीति 2024 कैबिनेट से पास होने के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपमुख्यमंत्री सह कला, संस्कृति एवं युवा मंत्री, विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि इस नीति का उद्देश्य  राज्य की पौराणिक संस्कृति विरासत और समृद्ध परम्पराओं को फिल्म के माध्यम से प्रचारित करना और राज्य की क्षेत्रीय भाषाओं से उत्कृष्ट फिल्मों के निर्माण को बढ़ावा देना है, फिल्म निर्माण के लिए आधारभूत संरचना और रोजगार के अवसरों का विकास करना, फिल्म की शूटिंग को बढ़ावा देना है. इस क्षेत्र में निजी निवेश को आकर्षित करना और प्रोत्साहित करने के अलावा राज्य में फिल्म की शूटिंग की अनुमति की प्रक्रिया को और आसान बनाना है.
      
     उन्होंने कहा कि फिल्म प्रोत्साहन नीति 2024 के अंतर्गत फ़िल्म उद्योग और इससे जुड़े व्यवसाय और रोजगार को बढ़ावा देने और उसके प्रचार-प्रसार के लिए भी अनुदान दी जाएगी. इस नीति के अंतर्गत फ़िल्म निर्माता को राज्य के राज्य में फिल्मों के अधिकारिक फिल्मांकन हिंदी और क्षेत्रीय भाषा में किए जाने पर कई प्रकार की वित्तीय सहायता सरकार द्वारा दी जाएगी.
कौन है बाहुबली शंकर सिंह? रीपौली उपचुनाव में नीतीश और तेजस्वी के उम्मीदवारों को निर्दलीय हराया
बिहार: बिहार  की रूपौली विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में एनडीए और महागठबंधन को हराकर जीत दर्ज करने वाले निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह चर्चा में आ गए हैं.हालांकि शंकर सिंह क्षेत्र के पुराने नेता हैं. वे लोजपा से एक बार विधायक भी रह चुके हैं. इस बार उन्होंने लोजपा से नाता तोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ा और आरजेडी की बीमा भारती और जेडीयू के कलाधर मंडल को पटखनी दी. राजपूत समाज से आने वाले शंकर सिंह की गिनती बाहुबली से राजनेता बने चंद लोगों में होती हैं.
   
       बताया जाता हैं कि शंकर सिंह एक समय में लिबरेशन आर्मी नाम का गिरोह चलाते थे. इस दौरान उनकी बीमा भारती के पति अवधेश मंडल के गिरोह से भिड़ंत भी होती थी. दोनों के बीच वर्चस्व को लेकर काफी अदावत रही. शंकर सिंह की राजनीति में साल 2000 में एंट्री हुई. पहली बार वे 2005 में लोजपा के टिकट पर रूपौली से विधानसभा चुनाव जीते, हालांकि तब किसी को बहुमत नहीं मिलने से बिहार में सरकार नहीं बन पाई और 6 महीने बाद फिर से चुनाव हुए. अगले चुनाव में बीमा भारती फ़िर रूपौली से जीत गई और शंकर सिंह को हार का सामना करना पड़ा.
    
       इसके बाद शंकर सिंह 2010, 2015 और 2020 में लगातार विधानसभा चुनाव लड़ते रहे लेकिन जीत नहीं पाए. इस बार उपचुनाव में उन्होंने अपना पूरा दमखम लगा दिया और पांच बार की विधायक रही बीमा भारती को हराकर 19 साल बाद फिर से विधायक बन गए हैं. शंकर सिंह को इस बार सिर्फ़ अगड़ी जाति ही नहीं बल्कि पिछड़ी जातियों और अल्पसंख्यकों का भी समर्थन भी मिला.उपचुनाव में ग्रांउड प्रचार के साथ वे सोशल मीडिया पर भी छाए रहे.
      
        पूर्णिया जिले की रूपौली विधानसभा सीट पर हाल ही में उपचुनाव में शंकर सिंह ने निर्दलीय लड़कर जेडीयू के कलाधर मंडल को 8211 वोटों से हराया. वहीं आरजेडी की बीमा भारती तीसरे नंबर पर रही.
सरकारी विभागों के 748 नये पदों को मिली मंजूरी, 534 डाटा इंट्री अॉपरेटर भी होंगें बहाल, नीतीश कैबिनेट में लगी मुहर
बिहार: नीतीश कैबिनेट में बिहार के विभिन्न विभागों में 748 नये पदों को मंजूरी मिली हैं. इसके अलावा सभी 534 प्रखंडों में डाटा इंट्री अॉपरेटर भी बहाल किए जायेंगें. राज्य मंत्री परिषद ने शुक्रवार को इन पदों को मंजूरी दे दी. अब इन पदों पर नियुक्ति को प्रक्रिया शुरू होगी. विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अन्तर्गत संचालित उप राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के लिए 338 शैक्षणिक पदों (प्राध्यापक-28, सहप्राध्यापक-71एवं सहायक प्राध्यपक-71 एवं सहायक प्राध्यपक-239) के सृजन की स्वीकृति मिली हैं. 31 राजकीय पॉलिटेकनिक संस्थानों में असैनिक अभियंत्रण पाठ्यक्रम के लिए 203 शैक्षणिक पद ( विभागाध्यक्ष -04 , एवं व्याख्याता,-199) सृजित किए गए हैं.
                
           राज्य के नये आईटीआई की स्थापना व नये महिला के लिए प्रधान लिपिक के 31 अर्थात कुल 62 पदों के सृजन की मंजूरी दी गई. वहीं औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में पूर्व से प्रारंभ विभिन्न व्यवसायों में व्यवसाय अनुदेशकों तथा गणित अनुदेशकों के 7 कुल 137 पद सृजित करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया.
    
           इंदिरा गांधी हृदय रोगी संस्थान पटना में अपर निदेशक( मेडिकल कार्डियोलॉजी) के कुल 2 नये पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई हैं. इसके साथ ही सभी प्रखंडों, 11 श्रमायुक्त कार्यालयों और दशरथ मांझी श्रम नियोजन संस्थान पटना के लिए 3 कुल 548 श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों के लिए भाड़े पर वाहन रखने तथा प्रखंडों में एक-एक डाटा इंट्री अॉपरेटर बहाल करने की मंजूरी दी गई है.
  
      विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित 34 राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के लिए 338 शैक्षणिक पदों (प्राध्यापक-28, सहप्राध्यापक-71एवं सहायक प्राध्यपक-239) के सृजन की स्वीकृति दी गई. 31 राजकीय पॉलिटेकनिक/राजकीय महिला पॉलीटेकनिक संस्थानों में असैनिक अभियंत्रण पाठ्यक्रम के लिए 203 शैक्षणिक पद ( विभागध्यक्ष-04 एवं व्याख्याता-199) सृजित किए गए हैं. राज्य के नये आईटीआई की स्थापना व नये महिला के लिए प्रधान लिपिक के 31 अर्थात कुल 62 पदों के सृजन की मंजूरी दी गई.
पटना के बाद भागलपुर, दरभंगा, समेत 13 शहरों में भी चलेगी ओला, उबर कैब, परिवहन विभाग की मंजूरी
बिहार: बिहार की राजधानी पटना के बाद अब राज्य के भागलपुर, मुजफ्फरपुर,दरभंगा, पूर्णिया समेत अन्य प्रमुख शहरों में भी ओला,उबर एवं रैपिडो बाइक और कार टैक्सी की सुविधा शुरू होने वाली हैं. लोग अपने स्मार्टफोन से कहीं पर भी बैठकर कैब कर बुला सकेंगें. राज्य परिवहन विभाग की ओर से इसकी मंजूरी दे दी गई हैं. परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने संबंधित सभी एग्रेगेटर कंपनियों के प्रतिनिधियों को इस संबंध में निर्देश दिया हैं. पहले फेज में 13 जिलों में अॉनलाईन कैब सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इसके बाद दूसरे फेज में कुल 25 जिलों में इसे शुरू किया जाएगा.

     
परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने रविवार को बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए दरभंगा, भागलपुर, पूर्णिया, गया, मुजफ्फरपुर, वैशाली, सारण, मुंगेर, नालंदा, बेगुसराय, रोहतास, कटिहार और किशनगंज जिले में बाईक टैक्सी और कैब सुविधा शुरू करने का निर्णय लिया गया हैं. पटना में पहले इसका संचालन किया जा रहा हैं. पहले फेज में 13 जिलों में अॉनलाईन कैब सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इसके बाद दूसरे फेज में कुल 25 जिलों में इसे शुरू किया जाएगा.

    
रिपोर्ट्स के मुताबिक परिवहन सचिव की अध्यक्षता में विभिन्न जिलों के परिवहन पदाधिकारियों और टैक्सी कैब सेवा प्रदाता एग्रीगेटर कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक शनिवार को की गई. इसमें सभी एग्रीगेटर को 13 जिलों में जल्द से जल्द टैक्सी सुविधा शुरू करने के लिए निर्देशित किया गया.

  
बता दें कि गया और नालंदा ज़िलों में अन्य जिलों में की एतिहासिक और धार्मिक स्थल है. जहां हर साल लाखों की संख्या में धर्मावलंबी और पर्यटक देश-विदेश से आते हैं.मगर यहां कैब सुविधा नहीं होने से पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ता हैं. इसी तरह दरभंगा, भागलपुर, पूर्णिया जैसे बड़े शहरों में भी अबतक अॉनलाइन टैक्सी सुविधा नहीं होना परिवहन विभाग के लिए चिंता का विषय बना हुआ था.
श्रावणी मेला 22 जुलाई से , 5 करोड़ खर्च करेगा राजस्व विभाग , 14 स्थानों पर आयोजन , टेंट सिटी में भक्तों की सेवा
बिहार: सावन की शुरूआत 22 जुलाई से हो रही हैं. इसके साथ ही राज्य में 14 स्थानों पर श्रावणी मेले की शुरूआत हो जाएगी. एक महीने तक चलने वाले इस मेले की समुचित तैयारी का आदेश राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने संबंधित जिलों के जिलाधिकारी को दिए हैं. इसके लिए राजस्व विभाग की ओर से फिलहाल 5 करोड़ 46 लाख 86 हजार रूपये जारी किए गए हैं. विभाग ने यह भी कहा हैं कि अगर आयोजन में किसी जिले से अतिरिक्त राशि की मांग की जाएगी, तो वह भी उसे मुहैया कराई जाएगी. कहा गया हैं कि राज्य के सभी मेला क्षेत्रों में आने वाले भगवान भोलेनाथ के भक्तों को सभी सुविधाएं सुलभ कराया जाएगा.

      बिहार सरकार की ओर से सभी स्थानों पर आयोजित मेले में आने वाले सभी वर्ग के श्रद्धालुओं के लिए तमाम मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था का आदेश दिया गया हैं. जिन स्थानों पर मेले का आयोजन होने जा रहा हैं, उसमें बांका, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, जमुई, मुजफ्फरपुर में दो स्थानों पर बाबा गरीबनाथ और बाबा दूधनाथ मंदिर परिसर, हाजीपुर सोनपुर के पहलेजाघाट ( बाबा हरिहरनाथ शिव मंदिर) पूर्णिया का धीमेश्वर स्थान मंदिर, बेगुसराय का बाबा हरिगिरिधाम स्थान मधुबनी में भैरवा श्रावणी मेला शामिल हैं. इस सभी स्थानों पर राजस्व विभाग ने संबंधित जिला प्रशासन को खासतौर से निर्देश दिया हैं. इनमें श्रद्धालुओं के लिए पीने का पानी, ठहरने की व्यवस्था, समुचित लाईटिंग खासकर रात के समय, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, एनाउसमेंट प्रणाली, कंट्रोल रूम, पूरे स्थान की सही तरीके से साफ- सफाई, खाने पीने के स्टाल का सही तरीके से प्रबंधन समेत अन्य सभी जरूरी चीजों को मुहैया कराने के लिए कहा गया हैं किसी स्थान पर व्यवस्था में कोई लापरवाही न हो इसका खासतौर से ध्यान रखने के लिए कहा गया हैं. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ  दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि श्रावणी मेले में किसी स्थान पर कोई कमी नहीं होगी. जहां जितनी आवश्यकता होगी, उतनी राशि दी जाएगी. श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा का खासतौर से ध्यान रखने के लिए कहा गया हैं.

      सभी संबंधित जिलों और इसके आसपास के जिलों के साथ भी श्रावणी मेले को लेकर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा की अध्यक्षता में प्रमंडलीय आयुक्त, डीएम, एसपी समेत अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की जाएगी. 5 जुलाई को मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक होने की संभावना हैं. इसमें राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रमुख अधिकारी भी मौजूद रहेंगें. इस दौरान सुविधा और सुरक्षा को लेकर खासतौर से निर्देश दिए जाएंगे.