जिलाधिकारी ने दिया जानकारी, मानसून सीजन का प्रदेश में आगमन हो गया है
अयोध्या: जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह ने बताया कि मानसून सीजन का प्रदेश में आगमन हो गया है तथा जनपद में मौसम विभाग के अनुसार आगामी दिवसों में वर्षा, वज्रपात व मेघ गर्जन की सम्भावना व्यक्त की गयी हैं। उक्त के सम्बन्ध में अवगत कराना है की पूर्व वषों में देखा गया है कि अधिक वर्षा की अवधि में वर्षा के दौरान घाटों/तालाबों/पोखरों/नदी आदि में स्नान करने के दौरान बच्चो/किशोर/किशोरियों एवं अन्य व्यक्तियों की मृत्यु डूब कर व वज्रपात से जनहानि की घटनायें काफी बढ़ जाती हैं। इन बहुमूल्य जिंदगियों को बचाने के लिए निम्न बातों पर ध्यान दें खतरनाक घाटों/तालाबों/गड्ढों के किनारे न स्वयं जायें न ही बच्चों को जाने दें। यदि तैरना जानते हों तभी नदियों/तालाबों/घाटों के किनारे जाएँ। डूबते हुए व्यक्ति को धोती, साडी, रस्सी या बांस की सहायता से बचायें तथा तैरना नहीं जानते हों तो पानी में न जाएँ और सहायता के लिए पुकारें। बच्चों को पुल/तालाबों/गड्ढों/तेज पानी के बहाव में स्नान करने से रोकें। बच्चों को पुल/पुलिया/ऊँचे टीलों से पानी में कूद कर स्नान करने से रोकें। यदि बहुत ही आवश्यक हो तो ही नदी के किनारे जाये, परन्तु नदी में उतरते समय गहराई का ध्यान रखें। गाँव/टोले/मोहल्ले में डूबने की घटना होने पर आस-पास के लोग आपस में एकत्रित होकर ऐसी दुःखद घटना की चर्चा अवश्य करें, कि किस कारण से इस तरह की घटना हुई और ऐसा क्या किया जाए कि इस तरह की घटना फिर कभी न हो।डूबे हुए व्यक्ति को पानी से निकाल कर तत्काल प्राथमिक उपचार निम्न प्रकार करें सबसे पहले देख लें कि डूबे हुए व्यक्ति के मुँह व नाक में कुछ फंसा तो नहीं है, यदि है तो उसे निकाले। नाक व मुँह पर उँगलियों के स्पर्श से जांच कर लें कि डूबे डूबे हुए व्यक्ति की सांस चल रही कि नहीं। नब्ज की जाँच करने के लिए गले के किनारे के हिस्सों में उँगलियों से छूकर जानकारी प्राप्त करें कि नब्ज चल रही है कि नहीं। नब्ज साँस का नहीं पता चलने पर डूबे हुए व्यक्ति के मुँह से मुँह लगाकर दो बार भरपूर साँस दें व 30 बार छाती के बीच में दबाव दें तथा इस विधि को 3-4 बार दुहराएँ। ऐसा करने से धड़कन वापस आ सकती है व साँस चलना शुरू हो सकती है। यदि डूबा हुआ व्यक्ति खाँस, बोल व साँस ले सकने कि स्थिति में है तो उसे ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करें। मूर्छा या बेहोशी आने पर पुनः साँस देने व छाती में दबाव देने की प्रक्रिया शुरू करें। उपरोक्त प्रक्रिया के बाद बचाए गए व्यक्ति को अविलंब नजदीकी डॉक्टर अथवा प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र पर ले जाएँ। उत्तर प्रदेश राज्य में आंधी-तूफान के साथ वज्रपात की काफी घटनाएं हो रही है तथा पूर्व में आकाशीय विद्युत से अयोध्या जनपद में भी जनहानि घटित हुई हैं। अतः यह महत्वपूर्ण हैं की हम सभी वज्रपात से बचाव के उपायों का अनुपालन करे तथा "Ministry of Earth Science and Indian Institute of Tropical Meteorology,Pune" के सहयोग से वज्रपात की पूर्व चेतावनी/अलर्ट प्रेषित करने वाली एप्लीकेशन दामिनी ऐप को अपने मोबाइल में डाउनलोड कर ले। दामिनी ऐप लगभग 20 कि0मी0 के क्षेत्र में संभावित लाइटनिंग अलर्ट का नोटिफिकेशन लगभग 04 घंटे पूर्व प्रेषित करता है, जिससे व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचने तथा बचाव का अवसर प्राप्त हो सके। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अयोध्या द्वारा जनहित में जारी। उक्त जानकारी अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) अयोध्या ने दी है।
Jul 20 2024, 17:48