पाना चाहते है इंस्टेंट ग्लो तो चेहरे पे ऐसे इस्तेमाल करें बेसन, लौट आएगी खोई हुई चमक

बेसन का इस्तेमाल कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजनों के बनाने के लिए किया जाता है. आप बेसन से ढोकला, बेसन के लड्डू और बेसन का चीला जैसी कई तरह की स्वादिष्ट डिश तैयार कर सकते हैं. बेसन से केवल आप कई तरह के डिशेज ही नहीं बल्कि इसका इस्तेमाल स्किन के लिए भी कर सकते हैं. बेसन में कई तरह के नेचुरल चीजों को मिलाकर आप फेस पैक तैयार कर सकते हैं. बेसन का फेस पैक आपके चेहरे पर नेचुरल ग्लो लगाएगा.

ये आपकी स्किन टोन में सुधार लाता है. ये स्किन को मुलायम बनाता है. आप बेसन का इस्तेमाल करके किन तरीकों से फेस पैक बना सकते है।

आइए जानें.

कच्चा दूध और बेसन

दो चम्मच बेसन में थोड़ा सा कच्चा दूध मिलाएं. इस पेस्ट को मिलाकर चेहरे पर लगाएं. अब बेसन के पैक से कुछ देर के लिए स्किन की मसाज करें. 10 मिनट बाद इस पैक को चेहरे से हटा दें. ये पैक आपकी स्किन को क्लीन करेगा.

बेसन और नींबू

एक कटोरी में 2 चम्मच बेसन लें. इसमें एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं. अब बेसन और नींबू के पेस्ट को चेहरे और गर्दन पर लगाएं. 10 मिनट बाद इसे हटा दें. बेसन का ये पैक टैनिंग को भी दूर करता है. ये पैक आपकी रंगत निखारता है. एक्ने फ्री और ग्लोइंग स्किन के लिए आप इस फेस पैक का इस्तेमाल हफ्ते में 2 बार कर सकते हैं.

बेसन और शहद

आप चेहरे के लिए बेसन और शहद का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इसके लिए 1 से 2 चम्मच बेसन में 1 चम्मच शहद मिलाएं. इस पैक को चेहरे पर लगाएं. कुछ देर हल्के हाथों से स्किन की मसाज करें. बेसन और शहद के पेस्ट को 10 मिनट बाद हटा दें. ये पैक आपकी स्किन को मुलायम बनाए रखने का काम करेगा.

टमाटर और बेसन

टमाटर और बेसन से भी फेस पैक तैयार कर सकते हैं. इसके लिए एक कटोरी में 2 चम्मच बेसन में टमाटर का पल्प मिलाएं. टमाटर और बेसन के पेस्ट को चेहरे और गर्दन पर बीस मिनट के लिए लगा रहने दें. अब सादे पानी से चेहरे को धो लें. टमाटर और बेसन के पैक का इस्तेमाल आप हफ्ते में 2 बार कर सकते हैं.

कुछ महिलाएं आखिर क्यों मां नहीं बन पाती हैं,आइए जानते है उसके कारण


मां बनना हर महिला का सपना होता हैं।प्रेग्नेंसी के वो 9 महीने एक्सपीरिएंस करना, हर दिन होने वाले बच्चे के बारे में नए-नए सपने बुनना. लेकिन इस सपने को फीमेल इंफर्टिलिटी (बांझपन) चूर-चूर कर देता है. एक या दो नहीं बल्कि कई महिलाएं इस परेशानी से जूझती हैं. इस कारण उनके मां बनने का सपना बहुत मुश्किल हो जाता है. बांझपन का कोई एक कारण नहीं बल्कि खाने से जुड़ा कोई रोग या एन्‍डोमीट्रीओसिस (महिलाओं से संबंधित बीमारी जिसमें पीरियड्स और सेक्स के दौरान दर्द होता है) बांझपन की वजह बन सकता है.

आप फीमेल इंफर्टिलिटी के शुरुआती लक्षणों को जानकर इस परेशानी से जल्दी छुटकारा पा सकती हैं. जितना जल्दी इलाज उतना जल्दी निजाद. लेकिन इसके लिए आपको नीचे दिए गए लक्षण पहचानने होंगे.  

1. पीरियड्स की परेशानी

अनियमित पीरियड्स, पीरियड्स के दौरान दर्द या फिर पीरियड्स ना होना, अगर आपको इन तीनों में से कोई भी परेशानी है तो आपके फीमेल इंफर्टिलिटी की परेशानी हो सकती है. कई लड़कियों को समय पर पीरियड्स नहीं होते, तो किसी को पीरियड्स के दौरान बहुत दर्द होता है, इन दोनों वजह से भी बांझपन का खतरा बना रहता है. अगर आपको भी ये परेशानी हो तो आज ही अपने डॉक्टर को दिखाएं.  

2. गर्भाशय से खून निकलना

पीरियड्स के अलावा कभी-कभी गर्भाशय में हल्का-हल्का खून निकलना भी बांझपन का कारण हो सकता है. इस तरह की ब्लीडिंग को फाइब्रॉएड्स कहते हैं, यह एक प्रकार का ट्यूमर होता है. यह ट्यूमर मसल्स में टिशू के ज्यादा बनने पर होता है. इस परेशानी के पीड़ित महिलाएं गर्भ धारण कर भी लें लेकिन इस ट्यूमर की वजह से मिसकैरेज का खतरा बहुत बड़ जाता है. कई मामलों में इसका इलाज सर्जरी के जरिए किया जाता है. 

 

3. सेक्स के दौरान दर्द

सेक्स के दौरान दर्द नहीं होना चाहिए लेकिन अगर आपको सेक्स के दौरान दर्द या पेन महसूस होता है तो इसे अवॉइड ना करें बल्कि डॉक्टर से तुरंत बात करें. इसकी वजह एन्‍डोमीट्रीओसिस या फिर बॉवेल मूवमेंट भी हो सकते हैं.

 

4. डिप्रेशन या नींद ना आना

एन्‍डोमीट्रीओसिस में पीरियड्स के दौरान आपको नींद ना आने की शिकायत हो सकती है. वहीं, संभव है कि इससे आपको डिप्रेशन से भी गुज़रना पड़े. इस स्थिति में तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं. पता करें कि यह बांझपन के लक्षण तो नहीं.  

5. फेस के बाल बढ़ना 

शरीर में टेस्टोस्टेरोन बढ़ने की वजह से चेहरे पर बाल भी बढ़ सकते हैं. खासकर अपर लिप्स एरिया और थोढ़ी पर. इसी के साथ छाती और पेट पर भी बाल हो सकते हैं. इसके अलावा सिर के बाल पतले होने की समस्या भी देखी जाती है. ये सभी बदलाव और लक्षण सेक्स हार्मोन यानी टेस्टोस्टेरोन में अव्यवस्था के कारण होते है. ऐसी अवस्था में डॉक्टर को जरूर दिखाएं. 

6. अचानक वज़न बढ़ना

कोई भी महिला खुद को मोटा होता नहीं देख सकती लेकिन वज़न में बदलाव कई कारणों से आता है. खाने पीने में बदलाव और एक्सरसाइज़ के बावजूद अगर वज़न कम ना हो तो i की वजह से डिप्रेशन होता है, डिप्रेशन से स्ट्रेस और सेक्स के दौरान (एन्‍डोमीट्रीओसिस के कारण) दर्द होता है. अगर ऐसा हो डॉक्टर को जरूर चेक कराएं. 

7.सेक्स से मन हटना

सेक्स में मन ना लगने का सीधा संबंध बांझपन से नहीं है, लेकिन इन दोनों में कनेक्शन है. लो लिबिडो (कामेच्छा में कमी) की वजह से डिप्रेशन होता है, डिप्रेशन से स्ट्रेस और सेक्स के दौरान (एन्‍डोमीट्रीओसिस के कारण) दर्द होता है. अगर ऐसा हो डॉक्टर को जरूर चेक कराएं.

मानसून में झड़ते बालों की समस्या से अगर है परेशान तो अपनाएं ये उपाय कंट्रोल होगा हेयर फॉल

चिलचिलाती गर्मी के बाद मानसून भला किसे पसंद नहीं होता है? बारिश की फुहारें और सुहाना मौसम हर किसी के दिल को सुकून पहुंचाता है। लेकिन बरसात का मौसम अपने साथ कई तरह की समस्याएं भी लेकर आता है। हेयर फॉल यानी बालों के झड़ने की समस्या भी इनमें से एक है।

मानसून में बहुत से लोग बाल झड़ने के कारण परेशान रहते हैं. चिपचिपे मौसम में बालों का झड़ना रोकने के लिए बहुत से ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल भी करते हैं. लेकिन इनका इस्तेमाल लंबे समय में बालों को नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसे में झड़ते बालों को रोकने के लिए आप यहां दिए गए इन तरीकों को भी आजमा सकते हैं.

आप बालों के लिए अंडे, बादाम का तेल और करी पत्ता जैसी कई तरह की चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये चीजें आपके बालों को मजबूत बनाने का काम करती हैं. इन नेचुरल चीजों का इस्तेमाल आप बालों के लिए किन तरीकों से कर सकते हैं आइए यहां जानते हैं.

अंडे और जैतून का तेल

सबसे पहले एक बाउल में अंडे को तोड़ लें. इसमें दो चम्मच जैतून का तेल मिलाएं. इन दोनों चीजों को मिलाकर स्कैल्प और बालों की मसाज करें. अंडे और जैतून के तेल के पैक को स्कैल्प पर 30 मिनट के लिए लगा रहने दें. आप हफ्ते में 1 से 2 बार इस अंडे और जैतून के तेल के पैक का इस्तेमाल कर सकते हैं.

एप्पल साइडर विनेगर और बादाम का तेल

एक कटोरी में बड़ा चम्मच सेब का सिरका लें. इसमें 2 चम्मच बादाम का तेल मिलाएं. विनेगर और तेल को मिलाकर स्कैल्प की मसाज करें. इस मिश्रण से कुछ मिनटों तक स्कैल्प की मसाज करें. विनेगर और बादाम के तेल के मिक्सचर का इस्तेमाल आप हफ्ते में कम से कम 2 बार कर सकते हैं.

नारियल तेल और करी पत्ता

मानसून में बालों के लिए आप नारियल तेल और करी पत्ता का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इसके लिए मुट्ठी भर करी पत्ते की जरूरत होगी. अब पैन में 5 चम्मच नारियल का तेल गर्म करें. इसमें ये पत्तियां डालें. इन पत्तियों को काले होने तक भून लें. अब गैस बंद कर दे. मिश्रण को ठंडा होने दें. इस तेल से पत्तियां अलग कर लें. इस तेल से सिर की मालिश करें. इसे एक घंटे के लिए बालों और स्कैल्प पर लगा कर रखें. ये तेल आपके बालों को समय से पहले सफेद होने से भी रोकेगा. इसके साथ ही आपके बालों को जड़ों से मजबूत बनाएगा. आप हफ्ते में 3 बार करी पत्ते का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं.

महिलाओं के लिए चक्की चलनासन का अभ्यास करने से दूर होती हैं ये समस्या आईए जानते हैं चक्की चलनासन करने का सही तरीका

वर्तमान समय में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं और इसके साथ ही अपने घर को भी संभाल रही हैं। कामकाजी महिलाओं पर घर और ऑफिस दोनों जगह की जिम्मेदारियां होती हैं, ऐसे में महिलाएं खुद का ख्याल कम रख पाती हैं। जिसके कारण कई बार महिलाओं को सेहत से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

आजकल के गलत खानपान और खराब जीवनशैली के कारण महिलाओं में पीसीओडी, एंडोमेट्रोसिस और इनफर्टिलिटी जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आप योग का सहारा ले सकती है। जी हां, रोजाना चक्की चलनासन का अभ्यास करने से महिलाओं की प्रजनन से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं। साथ ही, सेहत को कई अन्य लाभ मिलते हैं। आइए, जानते हैं महिलाओं के लिए चक्की चलनासन के फायदे 

1. पीरियड्स की समस्याओं से राहत

महिलाओं को अक्सर पीरियड्स के दौरान पेट और कमर में दर्द का सामना करना पड़ता है। चक्की चलनासन के अभ्यास से मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है। साथ ही, यह अनियमित पीरियड्स की समस्या को दूर करने में भी सहायक होता है।

2. प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार

चक्की चलनासन के नियमित अभ्यास से महिलाओं के प्रजनन अंगों के कार्यक्षमता में सुधार होता हुआ। यह प्रजनन तंत्र को मजबूत बनाता है। इसके नियमित अभ्यास से इनफर्टिलिटी की समस्या को दूर करने में मदद मिल सकती है।

3. वजन घटाने में मददगार

चक्की चलनासन के नियमित अभ्यास से वजन कम करने में मदद मिलती है। यह आसान पूरे शरीर की मांसपेशियों को सक्रिय करता है, जिससे कैलोरी तेजी से बर्न होती है। यह शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद करता है।

4. पेट और कमर की मांसपेशियों को मजबूती दे

चक्की चलनासन पेट और कमर के निचले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत करता है। इससे पेल्विक हिस्से की मांसपेशियां भी मजबूत होती है, जिससे गर्भधारण करने में मदद मिल सकती है।

5. तनाव को कम करे

चक्की चलनासन न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। इसके नियमित अभ्यास से मन शांत होता है और तनाव, चिंता व अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

चक्की चलनासन करने का तरीका –

इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर बैठ जाएं और अपने पैरों को आगे की ओर फैलाएं।

अब हाथों जोड़ें और आगे की ओर बढ़ाएं।

अब अपनी पीठ को सीधा रखते हुए, अपने हाथों को पैरों के पास लाएं और चक्की चलाने की क्रिया को करें।

इस दौरान अपनी सांसों को सामान्य रखें।

पहले क्लॉक वाइज और फिर एंटी क्लॉक वाइज दिशा में 10-10 बार इस क्रिया को करें।

हेल्थ टिप्स:सुबह खाली पेट लहसुन की दो कली खाने से सेहत रहेगी बुलंद,बीमारियों से मिलेगी मुक्ति


सामान्य रूप से लहसुन हमारे किचन की महत्वपूर्ण सामग्री है लेकिन यह हमारी सेहत के लिए भी बड़ा फायदेमंद है। हम देखते हैं कि लहसुन का इस्तेमाल खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए खूब किया जाता है।

लेकिन क्या आपको मालूम है कि खाली पेट लहसुन का सेवन करने से सेहत को कई तरह के फायदे मिलते हैं। लहसुन का सेवन करने से आप खुद को कई तरह की बीमारियों से बचा सकते हैं।

लहसुन में प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट और फैट होता है जो सेहत को कई तरह के फायदे पहुंचाता है। आज हम आपको सुबह खाली पेट लहसुन खाने के फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं।

सुबह खाली पेट लहसुन खाने के फायदे

रोजाना सुबह खाली पेट कच्चे लहसुन का सेवन करने से हार्ट से जुड़ी समस्याएं दूर होती है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से स्ट्रोक का खतरा कम होता है।

पेट के लिए

अगर आप पेट की समस्या से परेशान हैं तो सुबह खाली पेट कच्चे लहसुन का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

दांत दर्द के लिए

अगर आप दांत दर्द से परेशान हैं तो लहसुन की एक कली आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। इसमें और दर्द निवारक गुण पाए जाते हैं जो दांत दर्द से राहत दिलाने में सहायक है।

ब्लड शुगर

डायबिटीज के मरीजों के लिए सुबह खाली पेट कच्चे लहसुन का सेवन करना फायदेमंद साबित होता है। इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।

मोटी जांघो को पतला और सुडौल बनाने के लिए करे ये एक्सरसाइज कुछ ही दिनों में दिखने लगेगा असर


मोटी जांघों को सुडौल और आकर्षक बनाना कई लोगों की ख्वाहिश होती है। इसके लिए नियमित रूप से सही एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी है। यहां दो ऐसे प्रभावी व्यायाम बताए जा रहे हैं, जिन्हें करने से 15 दिनों में ही फर्क दिखने लगेगा।

1. स्क्वाट्स (Squats)

स्क्वाट्स एक बेहतरीन एक्सरसाइज है जो न केवल आपकी जांघों को टोन करता है, बल्कि आपके ग्लूट्स और हिप्स को भी मजबूत बनाता है। स्क्वाट्स करने का सही तरीका नीचे दिया गया है:

सीधी खड़ी हों: अपने पैरों को हिप-चौड़ाई के अंतराल पर रखें।

हाथों को आगे बढ़ाएं: संतुलन बनाए रखने के लिए अपने हाथों को सीधा सामने की ओर बढ़ाएं।

नीचे बैठें: धीरे-धीरे अपने घुटनों को मोड़ें और नीचे बैठने की कोशिश करें, जैसे कि आप एक कुर्सी पर बैठ रहे हों।

वापस ऊपर आएं: अपनी एड़ी पर दबाव डालते हुए वापस खड़ी हो जाएं।

प्रत्येक सेट में 15-20 स्क्वाट्स करें और दिन में 3 सेट करने की कोशिश करें।

2. लंजेस (Lunges)

लंजेस एक और प्रभावी व्यायाम है जो आपकी जांघों को टोन करता है। यह एक्सरसाइज न केवल जांघों को टोन करता है, बल्कि आपके बैलेंस और कोर स्ट्रेंथ को भी सुधारता है। लंजेस करने का सही तरीका नीचे दिया गया है:

सीधी खड़ी हों: अपने पैरों को हिप-चौड़ाई के अंतराल पर रखें।

एक पैर आगे बढ़ाएं: एक पैर को आगे की ओर बढ़ाएं और दूसरा पैर पीछे रखें।

नीचे जाएं: अपने आगे के घुटने को मोड़ें और नीचे की ओर जाएं जब तक कि आपका पिछला घुटना लगभग जमीन को न छूने लगे।

वापस ऊपर आएं: धीरे-धीरे वापस ऊपर आएं और प्रारंभिक स्थिति में लौटें।

प्रत्येक पैर के लिए 15-20 लंजेस करें और दिन में 3 सेट करने की कोशिश करें।

कुछ अतिरिक्त टिप्स

नियमितता बनाए रखें: इन एक्सरसाइज को नियमित रूप से करें। केवल 15 दिनों में असर देखने के लिए इसे रोजाना करना जरूरी है।

सही खानपान: सही डाइट भी महत्वपूर्ण है। प्रोटीन, फाइबर और हाइड्रेशन पर ध्यान दें।

आराम करें: उचित नींद और मांसपेशियों को आराम देना भी महत्वपूर्ण है।

इन दो एक्सरसाइजों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और जल्द ही आप देखेंगे कि आपकी जांघें सुडौल और आकर्षक बन रही हैं।

ब्यूटी टिप्स:उमस भरी मौसम में अगर त्वचा हो जाती हैं चिपचिपा तो आजमाएं ये होममेड टोनर जिससे आपकी त्वचा रहेगी खिली - खिली


उमस और पसीने के चलते इस मौसम में त्वचा हर समय तैलीय और चिपचिपा रहता है। मानसून के दौरान हवा में नमी, पसीना और हल्की गर्मी के चलते स्किन पर चिपचिपाहट महसूस होती है. उमस भरे इस मौसम में स्किन पर चिपचिपाहट से चिढ़ तक महसूस होने लगती है।

उमस न सिर्फ परेशान करती है बल्कि इससे कई स्किन प्रॉब्लम्स तक होने लगती हैं।पिंपल के अलावा रैशज या फिर लालपन तक दिखने लगता है. अगर स्किन पर बारिश का पानी पड़ जाए तो खुजली, जलन समेत फंगल इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है।

इस मानसून स्किन पर होने वाले चिपचिपेपन से बचना चाहते हैं तो इसके लिए आप घरेलू नुस्खे आजमा सकते हैं. आइए जानते हैं आप किन तरीकों से घर पर ही होममेड टोनर तैयार कर सकते हैं.

चावल से स्किन की केयर

भारत में ज्यादातर घरों में चावल को बड़े शौक से खाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भूख मिटाने वाला ये अनाज स्किन केयर में भी बेस्ट है. आप चावल का टोनर तक तैयार कर सकते हैं. इसके लिए चावल को अच्छे से धोने के बाद इसे भिगो दें. अगले दिन चावल को निकालकर इसकी स्मूदी बना लें और इसमें पानी में मिलाकर एक बोतल में डाल लें. रात में सोने से पहले इसे स्किन पर लगाएं और फर्क देखें.

खीरे का रस

खीरे में पानी काफी होता है और ये स्किन को रिपेयर करने में भी कारगर होता है. खीरे में पोषक तत्वों के अलावा एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं. खास बात है कि ये स्किन को फ्रेश भी फील कराता है. इसका टोनर बनाने के लिए एक खीरे को कद्दूकस कर लें और एक बोतल में डाल लें. इसमें पानी डालें और रोज वाटर भी ऐड करें. रोज रात में इसे चेहरे पर स्प्रे करना न भूलें.

ग्रीन टी टोनर

इसे बनाने के लिए पैन में पानी लें और इसमें ग्रीन टी बैग शामिल करें. थोड़ी देर गर्म करने के बाद इसे ठंडा होने दें. अब एक बोतल में इसे शामिल करें. रात में सोने से पहले चेहरे को अच्छे से वॉश करें और मॉइस्चराइजर लगाने के बाद इस टोनर को जरूर अप्लाई करें.

एलोवेरा टोनर*

आप चाहे तो स्किन केयर में बेस्ट एलोवेरा का टोनर भी बना सकते हैं. इसके लिए आधा कप गुलाब जल लें और इसमें एलोवेरा जेल के पल्प को मिलाएं. इसे अच्छे से मिक्स करके एक टाइट कंटेनर में स्टोर करें. सुबह उठने के बाद और रात में सोने से पहले इसे स्किन पर अप्लाई करें. ये आपकी स्किन को फ्रेश रखेगा.

गर्भावस्था में अमरूद खाने से मिलते है कई लाभ,आइए जानते है गर्भावस्था में अमरूद खाने के फायदे के बारे में...


दिल्ली: प्रेगनेंसी एक महिला के लिए सबसे खूबसूरत पल होता है। प्रेगनेंसी में महिलाओं को अपने सेहत पर खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इसे उसे और होने वाले बच्चे दोनों पर असर पड़ता है। हर महिला को अपने साथ अपने होने वाले बच्चे का भी पूरा ध्यान रखना होता है। उनकी डायट में कई तरह के बदलाव किए जाते हैं और उन्‍हें फल, सब्जियां, सूखे मेवे और अन्‍य पौष्टिक चीज़ों को शामिल करने की सलाह दी जाती है। क्योकिं यह पौष्टिक चीज़े उनके और उनके शिशु के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। कुछ फल ऐसे हैं, जिन्हें प्रेगनेंसी में खाने के लिए मना किया जाता है।

कुछ ऐसे हैं जिन्हें ज़रूर खाने की सलाह भी दी जाती है । अगर आप प्रेगनेंसी के दौरान अमरूद खाने की सोच रही हैं कि इसे खाना सुरक्षित होगा कि नहीं तो हम आपको बता दें प्रेगनेंसी में अमरूद का सेवन एकदम सुरक्षित होता है। अमरूद पोषण से भरा फल है। इसलिए प्रेगनेंट महिलाओं को इसके बहुत से स्वास्थ्य लाभ भी मिल सकते हैं। परन्तु इसको सीमित मात्रा में खाना चाहिए। 100-125 ग्राम अमरूद की मात्रा रोजाना खाना सुरक्षित माना जाता है। यहां हम आपको बताएंगे अमरूद को खाने के आश्चर्यजनक लाभ-

1. विटामिन सी का स्त्रोत-

अमरूद विटामिन सी का अच्छा स्रोत होता है। गर्भावस्था के दौरान अमरूद खाने से यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने में मदद करता है और शिशु को संक्रमण से बचाने में सहायता प्रदान करता है।

2. डायबिटीज को कंट्रोल करता है -

प्रेगनेंसी में डायबिटीज की समस्या काफी देखी जाती है। अगर आप प्रेगनेंट हैं और डायबिटीज से बचना चाहती हैं, तो आप अमरूद का सेवन कर सकती हैं । इससे टाइप 2 डायबिटीज को भी कंट्रोल करा जा सकता है।

,3. पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है-

अमरूद में अच्छी मात्रा में फाइबर होती है, जिससे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। यह कब्ज को दूर करता है और आपको पेट की समस्याओं से राहत देता है।

4. हाइड्रेटेड रखता है-

प्रेगनेंसी में शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है अगर आप पानी का ज्यादा सेवन नहीं कर पा रही हैं, तो आप लिक्विड चीजों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें या फिर ऐसे फलों को डाइट में शामिल करें जिनमें पानी की मात्रा अधिक होती है। अमरूद में अच्छी खासी पानी की मात्रा पाई जाती है, जो हाइड्रेशन से बचाने में मददगार है।

5. ओरल हेल्थ बेहतर बनाता है-

अमरूद गले के इंफेक्शन को कम करने में मदद कर सकता है और मौखिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। इसमें मौखिक अल्सर और मसूड़ों की समस्याओं को कम करने वाले गुण होते हैं।

6. शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है-

प्रेगनेंसी के दौरान अमरूद का सेवन ऊर्जा प्रदान करता है क्योकिं इसमें मध्यम रूप से कैलोरी होती हैं। इससे आपकी थकान और कमजोरी कम हो सकती है।

7. इम्यूनिटी को बढ़ाता है-

अमरूद में विटामिन ई, सी व बी की मात्रा भरपूर होती है। यह तीनों ही विटामिन प्रेगनेंसी के दौरान शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करती हैं। अमरूद में बहुत से एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं जो आपको बीमारियों से बचाते हैं। इसलिए हर एक महिला को जो मां बनने वाली है उन्हें अमरूद जरूर खाना चाहिए।

8. एनीमिया होने से बचाता है-

एनीमिया आयरन की कमी के कारण होता है और यह प्रेगनेंट महिलाओं में अक्सर मिलने वाली आम समस्या है। इसलिए यदि महिलाए इस दौरान अमरूद खाती हैं तो उनको इससे पर्याप्त मात्रा में आयरन मिल सकता है। जिससे उनके शरीर में आयरन की कमी नहीं होगी।