बिहार इन जिलों को छोड़कर बाकी सभी जिलों में चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों का 15 सितंबर तक अवकाश रद्द, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया आदेश

डेस्क : बिहार स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के कुछ जिलों को छोड़कर शेष में कार्यरत चिकित्सक और सभी प्रकार के स्वास्थ्य कर्मियों का 15 सितंबर तक अवकाश रद्द कर दिया है। विभाग ने बाढ़ को देखते हुए यह आदेश जारी किया है। इन्हें राज्य में बाढ़ को देखते हुए इसकी रोकथाम और निरोधात्मक उपाय के लिए विशेष चौकसी और अनुश्रवण करना है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव शैलेश कुमार ने आदेश जारी कर दिया है।

जारी किये गए आदेश में स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि अरवल, औरंगाबाद, बांका, गया, जमुई, जहानाबाद, कैमूर, नवादा और रोहतास जिले को छोड़ कर अन्य जिलों में यह आदेश लागू होगा। इन जिलों को छोड़ कर अन्य जिलों में पदस्थापित सभी चिकित्सा पदाधिकारी, सभी स्वास्थ्य कर्मी नियोजित सहित, स्वास्थ्य प्रशिक्षक, पारा मेडकल स्टाफ, जीएनएम, एएनएम, शल्य कक्ष सहायक, लैब तकनीशियन और कार्यालय परिचारी का सभी प्रकार के अवकाश रद्द रहेंगे। इसमें मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्राचार्य और अधीक्षक से लेकर निदेशक प्रमुख तक शामिल हैं। 

इसके साथ ही आदेश में यह भी कहा गया है कि जो चिकित्सा पदाधिकारी या स्वास्थ्य कर्मी अवकाश पर हैं, उन्हें तुरंत अपने कर्तव्य पर योगदान करना है।

बड़ी खबर : सीबीआई ने नीट पेपर लीक मामले में पटना एम्स के तीन डॉक्टरों को हिरासत में लिया, मचा हड़कंप

डेस्क : राजधानी पटना स्थित एम्स से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां के तीन डॉक्टरों को सीबीआई की टीम ने हिरासत में लिया है। मामला नीट पेपर लीक से जुड़ा बताया जा रहा है। सीबीआई को शक है कि पटना एम्स के इन तीनों डॉक्टर सॉल्वर्स गैंग से जुड़े है। तीनों से सीबीआई की टीम पूछताछ कर रही है।

नीट पेपर लीक मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले इस मामले में इस एक्शन से पटना एम्स प्रबंधन के साथ साथ वहां तैनात दूसरे डॉक्टरों के बीच हड़कंप मच गया है। बता दें इससे पहले बुधवार को सीबीआई की टीम ने झारखंड के हजारीबाग से इंजीनियर समेत दो लोगों को अरेस्ट किया था। गिरफ्तार इंजीनियर पंकज ने ही एनटीए के ट्रंक से नीट के प्रश्नपत्रों को अपने सहयोगी राजू की मदद से चुराया था और उसे इस गैंग से जुड़े लोगों तक पहुंचाया था।

मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई की गिरफ्त में आए तीनों डॉक्टर 2021 बैच के हैं। रेड के बाद सीबीआई ने तीनों के कमरों को सील कर दिया है और उनके मोबाइल और लैपटॉप जब्त कर लिए हैं। तीनों डॉक्टरों से पूछताछ के लिए सीबीआई उन्हें अपने साथ ले गई है। पटना एम्स के इन तीनों डॉक्टरों के सॉल्वर्स गिरोह से जुड़े होने का शक है। पेपर लीक मामले के पूरे नेटवर्क को सीबीआई की टीमें खंगालने में लगी हैं।

राजधानी पटना में आज से शुरु होने जा रहा दो दिवसीय टेक्सटाइल इन्वेस्टर्स मीट, कई बड़ी टेक्सटाइल कंपनी के प्रतिनिधि करेंगे शिरकत

डेस्क : राजधानी पटना में आज से दो दिवसीय टेक्सटाइल इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन होने जा रहा है। मीट का समापन 19 जुलाई को होगा। मीट एक निजी होटल में होगी। जिसमें देश की कई जानी-मानी टेक्सटाइल कंपनी के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।

दरअसल बिहार के औद्योगिक विकास को लेकर एक अच्छी खबर है। पर्ल ग्लोबल और डेकाथलॉन की निर्माता कंपनी एटीपीएल बिहार में बड़ा निवेश करने जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में टेक्सटाइल सेक्टर में बिहार तेजी से आगे बढ़ा है। इसी को देखते हुए पटना में दो दिवसीय टेक्सटाइल इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन आज 18 जुलाई से शुरू हो जायेगा। प्रदेश के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्र ने बताया कि इस आयोजन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। मीट में प्रमुख कंपनियों में जेडी गिरी, शाही एक्सपोर्ट्स के अंकुर त्रिवेदी, अरविंद मिल्स , पर्ल ग्लोबल के पल्लब बनर्जी, ऑरिएंट क्राफ्ट लिमिटेड और रिलायंस आदि कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।

एक आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार 26 मई 2022 से टेक्सटाइल पॉलिसी आने के बाद से अभी तक 88 नयी यूनिटों ने बिहार में रुचि दिखायी है। इनमें कुछ धरातल पर उतर चुकी हैं। कुछ की निवेश प्रक्रिया जारी है। इस सेक्टर में अभी तक 481.89 करोड़ के निवेश होने जा रहे हैं। राज्य में इस सेक्टर में अभी तक वी-2, न्यू जील, हाइस्प्रिट कमर्शियल वेंचर, आरएससीएस इंटरनेशनल ,कॉसमस जैसी प्रतिष्ठित कंपनियां बिहार में निवेश कर रही हैं। मुजफ्फरपुर के टेक्सटाइल क्लस्टर में वी-2 और आरएससीएस जैसी इकाइयां आ भी चुकी हैं। मुजफ्फरपुर का बैग क्लस्टर भारत का सबसे बड़ा बैग क्लस्टर बनकर उभरा है। यह तथ्य बिहार के औद्योगिक विकास की नयी पटकथा है।

दर्जनभर पुल-पुलिया गिरने के बाद सतर्क हुआ पथ निर्माण विभाग, कमजोर पुलों पर भारी वाहनों के आवागमन पर लगेगा रोक

डेस्क : बिहार में पिछले कुछ दिनों में दर्जन भर से अधिक पुल-पुलिया या तो गिर गए या पानी में बह गए। इस मामले को लेकर विपक्ष भी सरकार पर हमलावर रहा। वहीं एक दैनिक अखबार द्वारा इस अभियान चलाकर इसे प्रमुखता इसे प्रकाशित किया गया कि आखिर पुलों के गिरने के वजह क्या है। जिसके बाद पथ निर्माण विभाग ने इसका संज्ञान लिया है। सूबे के उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने पुलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया है।

विभाग ने इंजीनियरों को इस महीने तक पुल-पुलियों की वास्तविक स्थिति का आकलन करने का निर्देश दिया है। इसी आधार पर पुल-पुलियों की मरम्मत होगी। विभाग ने साफ किया कि किसी भी परिस्थिति में आवागमन बाधित न हो। आकलन में पुल-पुलिया कमजोर साबित हुई तो तुरंत बैरिकेडिंग कर दी जाए। खासकर भारी वाहनों का आवागमन बंद कर दिया जाए ताकि पुलों पर आवागमन बंद न हो। आकलन में इसका खास ख्याल रखने को कहा गया है कि पुलों के निर्माण के समय उसकी तकनीकी भार वहन की स्थिति क्या थी और वर्तमान स्थिति क्या है, इसकी समीक्षा कर विभाग के स्तर पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। विभाग की ओर से भेजी गई मार्गदर्शिका के अनुसार पुलों का अनुरक्षण करने को कहा गया है।

राज्य के पुल-पुलियों का आकलन शुरू हो गया है। इस महीने तक आकलन के कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। आकलन के आधार पर कमजोर पुलों की पहचान होने पर उससे भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई जाएगी। साथ ही वहां लिखा भी जाएगा कि अमूक पुल से भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित है ताकि र्ग्रामीण भी सतर्क होकर पुल की सुरक्षा कर सकें।

बड़ी खबर : वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी के पिता की हत्या का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, पैसे के लेनदेन में घटना को दिया गया अंजाम

डेस्क : बिहार के दरभंगा जिले में वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। वहीं मुख्य आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या को पैसे के लेनदेन के विवाद में अंजाम दिया गया था। दरभंगा के एसएसपी जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी ने मामले का खुलास करते हुए बताया कि हत्याकांड के मुख्य आरोपित काजिम अंसारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। काजिम ने जीतन से डेढ़ लाख रुपए कर्ज पर लिए थे। कर्ज नहीं चुका पाने के कारण काजिम ने उनकी हत्या कर दी। एसएसपी ने बताया कि काजिम ने घटना में संलिप्तता स्वीकार करते हुए वारदात की विस्तृत जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि मुकेश सहनी के पैतृक गांव बिरौल थाने के अफजला निवासी शफीक अंसारी के पुत्र काजिम अंसारी (40) ने जीतन सहनी से तीन किस्तों में डेढ़ लाख रुपए का कर्ज चार प्रतिशत की मासिक ब्याज दर पर लिया था। इसके लिए उसने उनके पास अपनी जमीन गिरवी रखी थी। काजिम कर्ज चुका नहीं पा रहा था। काजिम ने सोमवार की रात करीब डेढ़ बजे साथियों के साथ जीतन सहनी के घर में पीछे के दरवाजे से प्रवेश किया। उस दरवाजे में अंदर का लॉक नहीं है। घर में घुसने के बाद इन सबने जीतन को जगाया और डरा-धमका कर अपनी जमीन और कर्ज के कागजात मांगे। इस पर जीतन से उनका विवाद हो गया। इस पर गुस्से में आकर काजिम ने जीतन पर ताबड़तोड़ चाकू से वार करना शुरू कर दिया। उसके साथियों ने जीतन के हाथ-पैर पकड़ रखे थे। हत्या करने के बाद आरोपितों ने अलमारी की चाबी ढूंढ़ने की कोशिश की ताकि अपने कागजात वापस ले जा सकें। चाबी नहीं मिलने पर लाल अलमारी को उठाकर घर के पीछे तालाब में फेंक दिया जिससे कागजात गलकर नष्ट हो जाएं। एसएसपी ने कहा कि काजिम ने पूछताछ में अपने साथियों के नाम बताए हैं।
बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर आज INDIA गठबंधन की हुई बैठक, लिए गए यह बड़े फैसले

डेस्क : विपक्ष जहां पहले से ही बिहार में अपराध के चरम पर होने का आरोप लगातार लगा रहा था। वहीं मंगलवार को वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी की पिता की उनके ही घर में निर्मम हत्या कर दिये जाने के बाद अब प्रदेश के तमाम विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हो गए है। बिहार में बढ़ते अपराध के खिलाफ आज पटना के राजद कार्यालय में इंडिया गठबंधन की बैठक बुलाई गई। जिसमें इंडिया गठबंधन के तमाम दल के नेता शामिल हुए। 

बैठक में यह फैसला लिया गया कि बिहार में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं के खिलाफ 20 जुलाई को INDIA गठबंधन प्रतिरोध मार्च करेगी। वहीं इस मामले को लेकर इंडिया गठबंधन के सभी विधायक विधानसभा में भी सवाल उठाएंगे और इस पर रोक लगाने की मांग करेंगे। 

गठबंधन की बैठक में बिहार में हो हिंसा की घटनाओं को लेकर नीतीश सरकार को जिम्मेदार ठहराया गया। बताया गया कि पूरे बिहार में भय और आतंक का माहौल है। सुशासन का नारा पूरी तरह से तार-तार हो गया है। एक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पिता जब सुरक्षित नहीं है तो आम जनता का क्या होगा? इसलिए आगामी 20 जुलाई को पूरे राज्य में जिला मुख्यालय पर बढ़ती हिंसा के खिलाफ प्रतिरोध मार्च निकालने का फैसला लिया है। इसके साथ ही विधानसभा सत्र के दौरान भी इंडिया गठबंधन के विधायक इस मसले को उठाएंगे और इस पर रोक लगाने की मांग करेंगे। 

राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि 2005 के बाद नीतीश कुमार ने बिहार को बर्बाद करके रख दिया है। दुनियां का सबसे भूखा राष्ट्र का नाम भारत और भारत के भीतर सबसे भूखे राज्य का नाम बिहार है। उन्होंने पीएम मोदी और नीतीश कुमार से पूछा कि क्या यही है देश और राज्य का विकास। गलत बात करते-करते अपने निकम्मापन को छिपाने का जरीया बना लिये हैं। 

कहा कि हमारी बच्चियां अनाथालय में भी सुरक्षित नहीं है। हमलोग बहुत दुखी मन से यहां बैठे है। बिहार का जन जन असुरक्षित है। सरकार अपने निकम्मेपन को छिपाने में लगी है। नीतीश कुमार किस लालच में गृह मंत्री बने हुए है वो मंत्रियों को स्वतंत्र नहीं रखते हैं उनके राजस्व मंत्री खुद कह चुके हैं कि बिहार में करप्शन चरम सीमा पर है। मुकेश सहनी के 70 वर्षीय पिता की हत्या कर दी गयी। यह बहुत दुखद घटना है। जब किसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पिता की हत्या कर दी जाती है तो आम लोगों को क्या होगा?

आज एकबार फिर पूरे एक्शन में दिखे सीएम नीतीश कुमार, राजधानी पटना में चल रहे सरकारी योजनाओं का किया औचक निरीक्षण

डेस्क : आज एकबार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे एक्शन में दिखे। सीएम नीतीश कुमार आज बुधवार को अचानक पटना की सड़कों पर निकल पड़े। इस दौरान उन्होंने पटना में चल रहे सरकार के कई योजनाओं का निरीक्षण किया। मौके पर उनके साथ डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबसे पहले पटना के कदमकुंआ थाना क्षेत्र स्थित मोइनुअल हक स्टेडियम मेट्रो प्रोजेक्ट का किया निरीक्षण किया। यहां से सीएम अचानक 70 फीट के लिए हुए रवाना हो गए और वहां कार्यों का जायजा लिया। 

सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल पुराने म्युजियम को नए म्युजिम को जोड़ने का काम चल रहा है। यहां अंडर टनल बन रहा है। मुख्यमंत्री इसका निरीक्षण करने एकाएक पहुंच गए। यहां उन्होंने अधिकारियों से काम की जानकारी ली और कार्य को समय से पूरा करने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री के स्थल निरीक्षण की सूचना के बाद सभी अधिकारी सावधान दिखे। वहीं प्रशासनिक महकमे में उनके आने के बाद हड़कंप मच गया। मुहर्रम के दिन सीएम नीतीश सड़क पर निकल कर कार्यों की समीक्षा करने निकले तो अधिकारियों के पसीना छुटने लगे।

हाजीपुर के 'मेड इन बिहार' जूतों को विश्वस्तर पर पहचान मिलने पर केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान ने जताई खुशी, कंपनी के विस्तार के लिए पीएम से करेंग

डेस्क : बिहार के वैशाली जिले का जिला मुख्यालय हाजीपुर अबतक केले की खेती के लिए जाना जाता था। लेकिन अब इसकी एक अलग पहचान बनी है। जिसे लेकर यह देश ही नहीं विदेश में भी मशहूर हो गया है। अब इस शहर ने रूसी सेना के लिए बूट बनाकर खुद की नई इबारत लिखी है। ऐसा करके हाजीपुर शहर दुनियाभर में मशहूर हो गया है। रूस का यूक्रेन के साथ युद्ध चल रहा है। यूक्रेन में सैन्य अभियानों के दौरान रूसी सैनिक हाजीपुर में बने 'मेड इन बिहार' जूतों को पहनकर मार्च करती है। इस तरह हाजीपुर शहर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक अलग पहचान दर्ज कराई है। 

यह कंपनी बनती है ये जूते

हाजीपुर के इंडस्ट्रेलियल एरिया स्थित कॉम्पिटेंस एक्सपोर्ट्स (Competence Exports) कंपनी एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है, जो रूस में स्थित कंपनियों के लिए सेफ्टी शूज् रूसी की सेना के लिए जूते बनाती है। यह साथ ही यह कंपनी यूरोपीय बाजारों के लिए भी डिजाइनर जूते बनाती है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस कंपनी के जूतों की वहां काफी डिमांड है।

स्थानीय सांसद व केन्द्रीय मंत्री चिराग पीएम से करेंगे बात

इधर हाजीपुर की इस कंपनी की विश्वस्तर पर पहचान मिलने के बाद स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने खुशी जताई है। चिराग पासवान जल्द ही इसके विस्तार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुलाकात करेंगे। 

सोशल मीडिया एक्स पर चिराग ने इस कंपनी के जूते की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि, “अब रूस में भी चमकेगा हाजीपुर! बिहार में अपराध और हत्या के बीच हम सब के लिए एक सुखद खबर है मेरे संसदीय क्षेत्र में निर्मित जूते का इस्तेमाल रूस की सेना अपने ढाल के रूप में कर रही है। ये बिहार , बिहारी और समस्त देशवासियों के लिए गर्व का विषय है कि अब विदेशों में भी बिहार के हुनर की चर्चाएं होगी”।

छपरा में ट्रिपल मर्डर : पिता और दो बेटी की सोये अवस्था में धारदार हथियार से काटकर हत्या, मामले में दो गिरफ्तार

डेस्क : बिहार के छपरा जिले से एक बड़ी घटना सामने आई है। जहां तिहरे हत्याकांड हत्या को अंजाम दिया गया है। तीनों हत्याएं सोये अवस्था में ही धारदार हथियार से काटकर की गई है। हालांकि इस घटना की चश्मदीद गवाह एक महिला बच गई है। जिसकी हालत गंभीर बताई जा रही है जिसका इलाज एकमा स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है।

मृतकों की पहचान रसूलपुर थाना क्षेत्र के धानाडीह गांव निवासी विश्वनाथ सिंह के 50 वर्षीय पुत्र तारकेश्वर सिंह उर्फ झाबर सिंह और उनकी दो नाबालिग बेटियों के रुप में हुई है। उनमें से एक की उम्र 17 साल और दूसरे की उम्र 15 वर्ष है। मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा बताया जा रहा है। 

बताया जाता है कि इस घटना को उस वक्त अंजाम दिया गया है, जब सभी लोग रात को घर की छत पर सो रहे थे। घायल महिला ने बताया कि जब सभी लोग सो रहे थे, तभी उन पर हमला हो गया। मेरी नींद टूट गई, इसलिए किसी तरह वहां से भागकर जान बचाई। हालांकि उस पर भी हमलावरों ने तेज धारधार हथियार से हमला किया है।

वहीं घायल महिला के बयान के आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है। फिलहाल दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब तक की पूछताथ में प्रेम-प्रसंग की बात सामने आई है।

जीतन सहनी की हत्या को लेकर प्रदेश में सियासत जारी, अब राजद सुप्रीमो की बेटी रोहिणी आचार्य ने प्रदेश की एनडीए सरकार पर किया यह तीखा हमला

डेस्क : वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी की पिता की निर्मम हत्या के बाद प्रदेश की राजनीति गर्म हो गई है। विपक्ष बिहार की एनडीए सरकार पर चौतरफा हमलावर है और प्रदेश में कानून व्यवस्था को पूरी तरह के विफल करार दिया है। 

इसी कड़ी में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बाद अब रोहिणी आचार्य ने भी बिहार की डबल इंजन सरकार पर हमला बोली हैं। रोहिणी ने कहा है कि बिहार में सरकार की डबल इंजन फेल हो चुकी है और अब उसे बदलने की जरूरत है। रोहिणी ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए एनडीए की सरकार को अपराध और भ्रष्टाचार समेत अन्य मुद्दों पर घेरने की कोशिश की है।

रोहिणी आचार्य ने एक्स पर लिखा, “बिहार में नैतिक तौर पर टूटे निजाम का शासन है सरकार की हर शाख पर एक-एक नक्कारा लाचार बैठा है अवसरवादिता के पुरोधा आत्ममुग्ध श्री नीतीश कुमार जी व भाजपा की मिलीभगत वाली फेल डबल इंजन की सरकार की सरपरस्ती में बिहार बेपटरी हो चुका है, मूलभूत व्यवस्थाएं बदहाल हैं, अफसरशाही सरकार चलाने वालों व विधायिका पर हावी है, संरचनाओं को भ्रष्टाचार का दीमक चाट कर खोखला कर रहा है, कानून-व्यवस्था अपराधियों के रहम-ओ-करम (अनुकंपा) पर है”।

रोहिणी आगे लिखती हैं, “सतत व समग्र विकास के मानकों पर खुद को साबित करने में सरकार विफल है, प्रतियोगी परीक्षाओं की धांधली का हब बनाये जा चुके बिहार में युवाओं का भविष्य गर्त मं धकेलने को सत्ताधारी गठबंधन आमादा है, सत्ता में बैठे लोगों व सत्ताधारी जमात के भोंपूओं के बड़बोलेपन व झूठे-प्रचार से प्रदेश की जनता ऊब चुकी है, शासन व शासक की विश्वसनीयता, प्रदेश की जनता के प्रति इनकी प्रतिबद्धता पर बड़ा सवाल है और ऐसे में जन-जन की बस एक ही पुकार है, इस निक्कमी-नक्कारी सरकार से अब निजात पाने की दरकार है”।