दर्जनभर पुल-पुलिया गिरने के बाद सतर्क हुआ पथ निर्माण विभाग, कमजोर पुलों पर भारी वाहनों के आवागमन पर लगेगा रोक
डेस्क : बिहार में पिछले कुछ दिनों में दर्जन भर से अधिक पुल-पुलिया या तो गिर गए या पानी में बह गए। इस मामले को लेकर विपक्ष भी सरकार पर हमलावर रहा। वहीं एक दैनिक अखबार द्वारा इस अभियान चलाकर इसे प्रमुखता इसे प्रकाशित किया गया कि आखिर पुलों के गिरने के वजह क्या है। जिसके बाद पथ निर्माण विभाग ने इसका संज्ञान लिया है। सूबे के उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने पुलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया है।
विभाग ने इंजीनियरों को इस महीने तक पुल-पुलियों की वास्तविक स्थिति का आकलन करने का निर्देश दिया है। इसी आधार पर पुल-पुलियों की मरम्मत होगी। विभाग ने साफ किया कि किसी भी परिस्थिति में आवागमन बाधित न हो। आकलन में पुल-पुलिया कमजोर साबित हुई तो तुरंत बैरिकेडिंग कर दी जाए। खासकर भारी वाहनों का आवागमन बंद कर दिया जाए ताकि पुलों पर आवागमन बंद न हो। आकलन में इसका खास ख्याल रखने को कहा गया है कि पुलों के निर्माण के समय उसकी तकनीकी भार वहन की स्थिति क्या थी और वर्तमान स्थिति क्या है, इसकी समीक्षा कर विभाग के स्तर पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। विभाग की ओर से भेजी गई मार्गदर्शिका के अनुसार पुलों का अनुरक्षण करने को कहा गया है।
राज्य के पुल-पुलियों का आकलन शुरू हो गया है। इस महीने तक आकलन के कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। आकलन के आधार पर कमजोर पुलों की पहचान होने पर उससे भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई जाएगी। साथ ही वहां लिखा भी जाएगा कि अमूक पुल से भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित है ताकि र्ग्रामीण भी सतर्क होकर पुल की सुरक्षा कर सकें।
Jul 18 2024, 10:26