आज का राशिफल 16 जुलाई 2024 : जानिए रशिफल के अनुसार आज आप का दिन कैसा रहेगा

मेष राशि के जातकों को सुख की प्राप्ति होगी

आज मंगलवार को मेष राशि के सितारे बताते हैं कि सूर्य और चंद्रमा के गोचर से आज का दिन आपके लिए मंगलकारी रहेगा। आपको आज कार्यक्षेत्र में तरक्की और उन्नति का मौका मिलेगा लेकिन सेहत के प्रति आपको आज अधिक सजग और सतर्क रहना होगा। बाहर के खाने से परहेज करें, नहीं तो आपकी सेहत को नुकसान हो सकता है। नौकरी में आज आपके विरोधी आपके खिलाफ साजिश कर सकते हैं,लेकिन आपकी चतुराई और समझदारी से वह परास्त होंगे। आज आप घर के छोटे सदस्यों के साथ मनोरंजक पल बिताएगे। माता पिता की सेवा का भी आप सौभाग्य प्राप्त करेगे। वैवाहिक जीवन में आज आपके प्रेम और सद्भाव बना रहेगा। सुख साधनों की प्राप्ति से भी आज आपका मन आनंदित होगा।

आज भाग्य 85% आपके पक्ष में रहेगा। गणेशजी को लड्डू का भोग लगाएं।

​वृषभ राशि वालों को जोखिम से बचना चाहिए

वृषभ राशि में आज मंगल और गुरु की युति होने से वृषभ राशि के जातक अत्यधिक उत्साहित रहेंगे। ऐसे में जोखिम भरा काम करना इनके लिए नुकसानदायक रहेगा। वैसे आज आपको प्रबंधन कार्य में अच्छी सफलता मिलेगी। आपके हाथों आज कोई शुभ कार्य भी हो सकता है। आज आपकी अपने प्रेमी से मुलाकात होगी जिससे पूरे दिन आपके मन में उत्साह का माहौल रहेगा। वैवाहिक जीवन में भी आज सुखद स्थिति बनी रहेगी। ससुराल पक्ष से लाभ मिलने का भी योग है। व्यापार में आज संयम से काम लें क्रोध और उतावलेपन से नुकसान हो सकता है। किसी अनुभवी व्यक्ति की सलाह आज आपके काम आएगी।

आज भाग्य 82% आपके पक्ष में रहेगा। संकट मोचन हनुमान चालीसा का पाठ लाभकारी रहेगा।

​मिथुन राशि वालों को सरकारी काम में सफलता मिलेगी

मिथुन राशि के लिए आज सितारे कहते हैं कि आपकी राशि में दिन रात शुक्र का संचार होगा जबकि सूर्य आपकी राशि से आज विदा हो रहे हैं। ऐसे में आपको आज धैर्य और संयम के साथ चलना होगा। आपको विरोधी आज आपको नुकसान पहुंचाने की ताक में रहेंगे। वैसे आज सरकारी क्षेत्र के काम में आपको सफलता मिलेगी। छात्रों को परीक्षा में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता होगी। आज आपको किसी मांगलिक आयोजन में शामिल होने का अवसर प्राप्त होगा। आज सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में भी शामिल होने का मौका मिलेगा। संतान पक्ष को लेकर आपकी चिंता बनी रहेगी। जीवनसाथी के साथ तालमेल रहने से मानसिक बल मिलेगा।

आज भाग्य 78% आपके पक्ष में रहेगा। दुर्गा चालीसा अथवा दुर्गा मंत्र का पाठ करें।

​कर्क राशि वालों को सटीक निर्णय से लाभ मिलेगा

कर्क राशि में आज के दिन सूर्य और बुध की युति होने जा रही है। ऐसे में आज कर्क राशि के जातक आत्मविश्वास से भरपूर रहेंगे। समय पर सटीक निर्णय लेकर आज आप कारोबार में लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आपके सितारे कहते हैं कि आज आप आज आप अपने व्यवसाय में उम्मीद से बढ़कर लाभ और सफलता अर्जित कर पाएंगे। भाग्य के सहयोग से आज आपका रुका हुआ काम बनेगा साथ ही आज सरकारी क्षेत्र के काम में आपको सफलता मिलेगी। पिता और पैतृक संपत्ति से भी आज आपको लाभ मिलने का योग है। परिवार में आपको भाई बहनों का पूरा सहयोग मिलेगा लेकिन संतान की शिक्षा और सेहत से जुड़ी कोई समस्या आपको परेशान कर सकती है।

आज भाग्य 91% आपके पक्ष में रहेगा। सूर्यदेव को कुमकुम मिश्रित जल अर्पित करें और सूर्य पुराण का पाठ करें।

​सिंह राशि वालों को सफलता के लिए अधिक परिश्रम करना होगा

आज सिंह राशि के सितारे बताते हैं आपकी राशि के स्वामी सूर्य आज राशि से बारहवें घर में आगमन कर रहे हैं तो आपको आज कार्यक्षेत्र में सफलता पाने के लिए अधिक मेहनत करनी होगी। अधिकारी वर्ग से आपको आज तालमेल बनाकर रखना होगी क्योंकि किसी बात को लेकर अधिकारी नाराज भी हो सकते हैं। व्यापार और कारोबार के संदर्भ में की गई यात्रा आपके लिए फायदेमंद रहेगी। आज किसी से वाद-विवाद में न पड़ें नहीं तो आपको नुकसान हो सकता है। वैसे आज आपको पिता की सेहत को लेकर भी परेशानी हो सकती है। आज आप अपने जीवनसाथी के साथ तालमेल बनाकर रखेंगे जो आपको पारिवारिक जीवन की कठिनाइयों से निकलने में सहायक रहेगा। शाम के समय माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें, उनकी सेहत में कुछ गिरावट आ सकती है।

आज भाग्य 81% आपके पक्ष में रहेगा। 'संकटनाशन गणेश स्तोत्र' का पाठ करना लाभकारी रहेगा।

​कन्या राशि वालों का आर्थिक प्रयास सफल होगा

आज का दिन कन्या राशि के लोगों के लिए लाभकारी रहेगा। आपकी सेहत में भी आज सुधार दिखेगा। आपके सितारे बताते हैं कि अगर जमीन जायदाद संबंधी कोई समस्या है तो इसको भी आज समाधान निकल सकता है। लेकिन आपको आज उतावलेपन में कोई भी काम करने से बचना होगा। आर्थिक मामलों में किया

गया आपका प्रयास आज सफल होगा। जिन लोगों के काम का संबंध बैंकिंग, इंश्योरेंस और अकाउंट से जुड़ा हुआ है उनके काम में आज तेजी रहेगी और इनको आज लाभ भी मिलेगा। शेयर मार्केट से जुड़े लोगों के लिए भी आज का दिन अच्छा रहेगा। पारिवारिक जीवन की बात करें तो आज के दिन आपकी लव लाइफ सुखद रहेगी। जीवनसाथी के साथ आज कुछ घरेलू विषयों पर गहन चर्चा होगी, प्रेम भाव बना रहेगा।

आज भाग्य 86% आपके पक्ष में रहेगा। श्रीदुर्गा चालीसा के ग्यारहवें अध्याय का पाठ करना लाभकारी रहेगा।

​तुला राशि के जातक जोखिम वाले निवेश से बचे

तुला राशि के लिए आज का दिन व्यस्तता भरा रहेगा। आपको आज कार्यक्षेत्र में कुछ नई जिम्मेदारी मिल सकती है जिसे आप बखूबी पूरा करेंगे लेकिन आपको आज काम के बीच जीवनसाथी के लिए भी समय निकालना होगा। कारोबार में आज आपको लाभ मिलेगा। लेकिन सरकारी क्षेत्र में आपका कोई काम फंसा है तो आज आपको इसके लिए काफी संघर्ष करना होगा। किसी तकनीकी समस्या की वजह से आपका काम आज अटक सकता है। आपके लिए आज बेहतर होगा कि जोखिम वाले क्षेत्र में निवेश करने से बचें। छात्रों के लिए आज का दिन अच्छा रहेगा, आपको आज शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलेगी।

आज भाग्य 81% आपके पक्ष में रहेगा। हनुमान चालीसा का पाठ करना आपके लिए लाभदायक रहेगा।

​वृश्चिक राशि वालों का दिन अच्छा बीतेगा

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए आज मंगलवार का दिन लाभकारी रहेगा। चंद्रमा का संचार आज दिन के दूसरे भाग में आपकी राशि में होने जा रहा है। ऐसे में आज आपको नौकरी में बदलाव के प्रयास में सफलता मिलेगी। आपको आज कार्यक्षेत्र में धैर्य से काम लेना होगा इससे आप सभी उलझन और कठिनाई से आसानी से निकल पाएंगे। जिन जातकों के काम का संबंध विदेश से है उनके काम में आज तेजी दिखेगी। वैवाहिक जीवन के मामले में आज का दिन सुखद रहेगा। शाम के समय आप जीवनसाथी के साथ मनोरंजक पल बिताएंगे और शॉपिंग के लिए भी जा सकते हैं। आप आपको ससुराल पक्ष से भी धन लाभ मिलने के उम्मीद है। आज के दिन आपके लिए सलाह है कि एक समय में एक ही काम करें नहीं तो आपके दूसरे काम फंस सकते हैं।

आज भाग्य 87% आपके पक्ष में रहेगा। लाल चंदन का तिलक लगाएं बड़े भाई से आशीर्वाद लें।

​धनु राशि वालों को अनुभवी व्यक्ति से लाभ मिलेगा

आज का दिन धनु राशि के जातकों के लिए मिलाजुला रहेगा। आज चंद्रमा आपकी राशि से ग्यारहवें उपरांत बारहवें घर में आकर नीचभंग राजयोग बनाएंगे। ऐसे में आज राजनीतिक दृष्टिकोण से दिन आपके लिए अच्छा रहेगा। सामाजिक क्षेत्र में भी आज आपकी प्रतिष्ठा बढेगी। आज आपको किसी अनुभवी व्यक्ति से लाभ होगा, लेकिन उस पर धन भी खर्च होगा। आज आप अपनी सेहत को लेकर थोड़े परेशान सकते हैं। बीपी और शुगर की समस्या है तो उपचार और परहेज संबंधी लापरवाही से बचें। खान-पान पर भी ध्यान देने की जरूरत हैा। आपके पिताजी को आँखों से संबंधित कोई समस्या है तो उनका उपचार करना होगा।

आज भाग्य 83% आपके पक्ष में रहेगा। भगवान विष्णु की पूजा करें और घी का दीपक दिखाएं।

​मकर राशि वालों के लिए दिन खर्चीला रहेगा

मकर राशि के लिए आज सितारे कहते हैं कि आज का दिन आपके लिए उतार चढाव भरा रहेगा। किसी के साथ आपकी कहासुनी भी हो सकती है इसलिए आपको अपनी वाणी और व्यवहार को भी संयमित रखना होगा। वैसे आज आपको घर के सदस्यों से पूरा सहयोग मिलेगा, खास तौर पर घर के बड़ों का मार्गदर्शन भी आपको प्राप्त होगा। धर्म कर्म के काम में आज आपकी रुचि रहेगी। आज आप माता के लिए कोई गिफ्ट ले सकते हैं। आर्थिक मामलों में आज आपको जोखिम लेने से बचना होगा। दिन खर्चीला रह सकता है। सेहत और यात्रा संबंधी विषयों पर भी आज आपको धन खर्च करना होगा।

आज भाग्य 81% आपके पक्ष में रहेगा। हनुमानाष्टक का पाठ आपके लिए आज लाभकारी रहेगा।

​कुंभ राशि वालों को साझेदारी के काम में सतर्क रहना होगा

आज मंगलवार का दिन कुंभ राशि के लोगों के लिए फायदेमंद दिख रहा है। आपको आज कार्यक्षेत्र में अपनी मेहनत और प्रयास का पूरा प्रतिफल मिलेगा। वैसे आज आपके लिए सलाह है कि पार्टनरशिप के काम में आज बड़ा निवेश करने से बचें नहीं तो नुकसान हो सकता है। आर्थिक मामलों में आज आपको घरेलू जरूरतों पर धन खर्च करना होगा। वैवाहिक जीवन में आज आपको जीवनसाथी के साथ तालमेल बनाकर रखना होगा इससे घरेलू समस्याओं को मिलकर निपटा पाएंगे। बच्चो की सेहत को लेकर आज आपको चिंता हो सकती है। आज की अच्छी बात यह है कि आपको प्रबंधन क्षमता का लाभ मिलेगा। प्रॉपर्टी के काम में आप सफलता पाएंगे।

आज भाग्य 82% आपके पक्ष में रहेगा। हनुमानजी को बूंदी का प्रसाद अर्पित करके बच्चों में बांट दें।

​मीन राशि वालों को कूटनीति से काम लेना होगा

आज मंगलवार का दिन मीन राशि के लिए मौज-मस्ती भरा रहेगा। सूर्य का गोचर आज आपकी राशि से पंचम भाव में होने जा रहा है। ऐसे में आपको आज विदेशी क्षेत्र से संबंधित कार्यों में सफलता मिलेगी। संतान की ओर से आपको आज खुशी मिलेगी। कारोबार के संदर्भ में चली आ रही कोई परेशानी आज दूर होगी। परिवार के सदस्यों और मित्रों के साथ आज आप यात्रा की योजना बना सकते हैं। आज आपके सहकर्मी आपके काम में आपकी मदद करेंगे लेकिन आपको आज कूटनीति से काम लेना होगा। किसी पर भी काम के लिए दबाव बनाने से आपको बचना चाहिए। आज शाम को आपके घर किसी मेहमान का आगमन हो सकता है, जिससे खुशी का माहौल बनेगा।

आज भाग्य 88% आपके पक्ष में रहेगा। बजरंगबाण का पाठ करें और उगते सूर्य को जल दें।

शिव ज्योतिर्लिंग- 9: पुणे के पास सह्याद्रि पर्वत पर स्थित प्रसिद्ध धार्मिक केंद्र हैं भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग

भारत के सिद्ध 12 ज्योतिर्लिंग में एक भीमाशंकर भी हैं जो महाराष्ट्र में हैं.महाराष्ट्र में पुणे से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित 

प्रसिद्ध धार्मिक केंद्र भीमाशंकर मंदिर नासिक से लगभग 120 मील दूर है। 

 3,250 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर का शिवलिंग काफी मोटा है। इसलिए इसे मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। इसी मंदिर के पास से भीमा नामक एक नदी भी बहती है जो कृष्णा नदी में जाकर मिलती है। पुराणों में ऐसी मान्यता है कि जो भक्त श्रद्वा से इस मंदिर के प्रतिदिन सुबह सूर्य निकलने के बाद 12 ज्योतिर्लिगों का नाम जापते हुए इस मंदिर के दर्शन करता है, उसके सात जन्मों के पाप दूर होते हैं तथा उसके लिए स्वर्ग के मार्ग खुल जाते हैं।

भीमाशंकर मंदिर को लेकर पौराणिक मान्यता 

भीमशंकर ज्योतिर्लिंग का वर्णन शिवपुराण में मिलता है। शिवपुराण में कहा गया है कि पुराने समय में कुंभकर्ण का पुत्र भीम नाम का एक राक्षस था। उसका जन्म ठीक उसके पिता की मृ्त्यु के बाद हुआ था। अपनी पिता की मृ्त्यु भगवान राम के हाथों होने की घटना की उसे जानकारी नहीं थी। बाद में अपनी माता से इस घटना की जानकारी हुई तो वह श्री भगवान राम का वध करने के लिए आतुर हो गया। अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए उसने अनेक वर्ष तक कठोर तपस्या की जिससे प्रसन्न होकर उसे ब्रह्मा जी ने विजयी होने का वरदान दिया।

 वरदान पाने के बाद राक्षस निरंकुश हो गया। उससे मनुष्यों के साथ साथ देवी-देवता भी भयभीत रहने लगे। धीरे-धीरे सभी जगह उसके आंतक की चर्चा होने लगी। युद्ध में उसने देवताओं को भी परास्त करना प्रारंभ कर दिया। उसने सभी तरह के पूजा पाठ बंद करवा दिए। अत्यंत परेशान होने के बाद सभी देव भगवान शिव की शरण में गए। भगवान शिव ने सभी को आश्वासन दिलाया कि वे इस का उपाय निकालेंगे। भगवान शिव ने राक्षस तानाशाह भीम से युद्ध करने की ठानी। लड़ाई में भगवान शिव ने दुष्ट राक्षस को राख कर दिया और इस तरह अत्याचार की कहानी का अंत हुआ। 

भगवान शिव से सभी देवों ने आग्रह किया कि वे इसी स्थान पर शिवलिंग रूप में विराजित हो़। उनकी इस प्रार्थना को भगवान शिव ने स्वीकार किया और वे भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के रूप में आज भी यहां विराजित हैं।

ऐतिहासिक तथ्य 

मध्यकालीन युग के एक संत नामदेव के अनुसार , संत ज्ञानेश्वर त्र्यंबकेश्वर और फिर भीमाशंकर गए थे। नामदेव स्वयं भी इस स्थान पर आए हैं। 

भीमाशंकरम तीर्थस्थल और भीमरथी नदी के बारे में 13वीं शताब्दी के लेखन में बात की गई है. हालाँकि, मंदिर का वर्तमान निर्माण काफी नया प्रतीत होता है।

मंदिर नागर शैली में बनाया गया है, जिसमें पारंपरिक और आधुनिक डिजाइनों का मिश्रण है। मंदिर हॉल का निर्माण 18वीं शताब्दी में पेशवा के नाना फड़नवीस ने करवाया था। राजा शिवाजी ने मंदिर को खरोसी गांव दिया था । दैनिक धार्मिक अनुष्ठान को क्षेत्र के लोगों से प्राप्त वित्तीय संसाधनों के माध्यम से वित्त पोषित किया गया था।

चिमाजी अप्पा ( बाजीराव प्रथम के भाई ) ने मंदिर को एक बड़ी घंटी दान की थी, जो मंदिर के सामने दिखाई देती है। यह कई पुर्तगाली उपनिवेशवादियों के चर्च की घंटियों में से एक है , जिसे चिमाजी और उनकी सेना ने फरवरी 1739 को बाकाइम की लड़ाई में पुर्तगालियों को हराने के बाद स्मृति चिन्ह के रूप में वसई से लाया था। इस प्रकार की घंटी नासिक के खंडोबा मंदिर और नारो शंकर मंदिर में भी मौजूद है.

मंदिर की संरचना

भीमाशंकर मंदिर नागर शैली की वास्तुकला से बनी एक प्राचीन और नई संरचनाओं का समिश्रण है। इस मंदिर से प्राचीन विश्वकर्मा वास्तुशिल्पियों की कौशल श्रेष्ठता का पता चलता है। इस सुंदर मंदिर का शिखर नाना फड़नवीस द्वारा 18वीं सदी में बनाया गया था। कहा जाता है कि महान मराठा शासक शिवाजी ने इस मंदिर की पूजा के लिए कई तरह की सुविधाएं प्रदान की।

नाना फड़नवीस द्वारा निर्मित हेमादपंथि की संरचना में बनाया गया एक बड़ा घंटा भीमशंकर की एक विशेषता है। अगर आप यहां जाएं तो आपको हनुमान झील, गुप्त भीमशंकर, भीमा नदी की उत्पत्ति, नागफनी, बॉम्बे प्वाइंट, साक्षी विनायक जैसे स्थानों का दौरा करने का मौका मिल सकता है। भीमशंकर लाल वन क्षेत्र और वन्यजीव अभयारण्य द्वारा संरक्षित है जहां पक्षियों, जानवरों, फूलों, पौधों की भरमार है। यह जगह श्रद्धालुओं के साथ-साथ ट्रैकर्स प्रेमियों के लिए भी उपयोगी है। यह मंदिर पुणे में बहुत ही प्रसिद्ध है। यहां दुनिया भर से लोग इस मंदिर को देखने और पूजा करने के लिए आते हैं। 

भीमाशंकर मंदिर के पास कमलजा मंदिर है। कमलजा पार्वती जी का अवतार हैं। इस मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है।

भीमशंकर मंदिर जाने का समय

यहां आने वाले श्रद्धालु कम से कम तीन दिन जरूर रुकते हैं। यहां श्रद्धालुओं के लिए रुकने के लिए हर तरह की व्यवस्था की गई है। भीमशंकर से कुछ ही दूरी पर शिनोली और घोड़गांव है जहां आपको हर तरह की सुविधा मिलेगी। यदि आपको भीमशंकर मंदिर की यात्रा करनी है तो अगस्त और फरवरी महीने की बीच जाएं। वैसे आप ग्रीष्म ऋतु को छोड़कर किसी भी समय यहां आ-जा सकते हैं। वैसे जिन्हें ट्रैकिंग पसंद है उन्हें मानसून के दौरान बचने की सलाह दी जाती है।

कैसे पहुंचें

आप यहां सड़क और रेल मार्ग के जरिए आसानी से पहुंच सकते हैं। आप शिवाजीनगर, पुणे से राज्य परिवहन की बसें प्राप्त कर सकते हैं। किराया रु। 155 है और पुणे से वहाँ पहुँचने में लगभग 4-5 घंटे लगते हैं। महाशिवरात्रि या प्रत्येक माह में आने वाली शिवरात्रि को यहां पहुंचने के लिए विशेष बसों का प्रबन्ध भी किया जाता है।

प्रेरक कहानी: परोपकार हीं सबसे बड़ा पुण्य है

एक राजा था! वह प्रजापालक था, हमेशा प्रजा के हित में प्रयत्नशील रहता था. वह इतना कर्मठ था कि अपना सुख, ऐशो-आराम सब छोड़कर सारा समय जन-कल्याण में ही लगा देता था . यहाँ तक कि जो मोक्ष का साधन है अर्थात भगवत-भजन, उसके लिए भी वह समय नहीं निकाल पाता था.

एक सुबह राजा वन की तरफ भ्रमण करने के लिए जा रहा था कि उसे एक देव के दर्शन हुए. राजा ने देव को प्रणाम करते हुए उनका अभिनन्दन किया और देव के हाथों में एक लम्बी-चौड़ी पुस्तक देखकर उनसे पूछा- “ महाराज, आपके हाथ में यह क्या है?”

देव बोले- “राजन! यह हमारा बहीखाता है, जिसमे सभी भजन करने वालों के नाम हैं.”

राजा ने निराशायुक्त भाव से कहा- “कृपया देखिये तो इस किताब में कहीं मेरा नाम भी है या नहीं?”

देव महाराज किताब का एक-एक पृष्ठ उलटने लगे, परन्तु राजा का नाम कहीं भी नजर नहीं आया.

राजा ने देव को चिंतित देखकर कहा- “महाराज ! आप चिंतित ना हों , आपके ढूंढने में कोई भी कमी नहीं है. वास्तव में ये मेरा दुर्भाग्य है कि मैं भजन-कीर्तन के लिए समय नहीं निकाल पाता, और इसीलिए मेरा नाम यहाँ नहीं है.”

उस दिन राजा के मन में आत्म-ग्लानि-सी उत्पन्न हुई लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इसे नजर-अंदाज कर दिया और पुनः परोपकार की भावना लिए दूसरों की सेवा करने में लग गए.

कुछ दिन बाद राजा फिर सुबह वन की तरफ टहलने के लिए निकले तो उन्हें वही देव महाराज के दर्शन हुए, इस बार भी उनके हाथ में एक पुस्तक थी. इस पुस्तक के रंग और आकार में बहुत भेद था, और यह पहली वाली से काफी छोटी भी थी.

राजा ने फिर उन्हें प्रणाम करते हुए पूछा- “महाराज ! आज कौन सा बहीखाता आपने हाथों में लिया हुआ है?”

देव ने कहा- “राजन! आज के बहीखाते में उन लोगों का नाम लिखा है जो ईश्वर को सबसे अधिक प्रिय हैं !”

राजा ने कहा- “कितने भाग्यशाली होंगे वे लोग ? निश्चित ही वे दिन रात भगवत-भजन में लीन रहते होंगे !! क्या इस पुस्तक में कोई मेरे राज्य का भी नागरिक है ? ”

देव महाराज ने बहीखाता खोला , और ये क्या , पहले पन्ने पर पहला नाम राजा का ही था।

राजा ने आश्चर्यचकित होकर पूछा- “महाराज, मेरा नाम इसमें कैसे लिखा हुआ है, मैं तो मंदिर भी कभी-कभार ही जाता हूँ ?

देव ने कहा- “राजन! इसमें आश्चर्य की क्या बात है? जो लोग निष्काम होकर संसार की सेवा करते हैं, जो लोग संसार के उपकार में अपना जीवन अर्पण करते हैं. जो लोग मुक्ति का लोभ भी त्यागकर प्रभु के निर्बल संतानो की सेवा-सहायता में अपना योगदान देते हैं उन त्यागी महापुरुषों का भजन स्वयं ईश्वर करता है. 

ऐ राजन! तू मत पछता कि तू पूजा-पाठ नहीं करता, लोगों की सेवा कर तू असल में भगवान की ही पूजा करता है. परोपकार और निःस्वार्थ लोकसेवा किसी भी उपासना से बढ़कर हैं.

देव ने वेदों का उदाहरण देते हुए कहा- 

“कुर्वन्नेवेह कर्माणि जिजीविषेच्छनं समाः एवान्त्वाप नान्यतोअस्ति व कर्म लिप्यते नरे..”

अर्थात ‘कर्म करते हुए सौ वर्ष जीने की ईच्छा करो तो कर्मबंधन में लिप्त हो जाओगे.’ राजन! भगवान दीनदयालु हैं. उन्हें खुशामद नहीं भाती बल्कि आचरण भाता है.. सच्ची भक्ति तो यही है कि परोपकार करो. दीन-दुखियों का हित-साधन करो. अनाथ, विधवा, किसान व निर्धन आज अत्याचारियों से सताए जाते हैं इनकी यथाशक्ति सहायता और सेवा करो और यही परम भक्ति है..”

राजा को आज देव के माध्यम से बहुत बड़ा ज्ञान मिल चुका था और अब राजा भी समझ गया कि परोपकार से बड़ा कुछ भी नहीं और जो परोपकार करते हैं वही भगवान के सबसे प्रिय होते हैं।मित्रों, जो व्यक्ति निःस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करने के लिए आगे आते हैं, परमात्मा हर समय उनके कल्याण के लिए यत्न करता है. हमारे पूर्वजों ने कहा भी है- “परोपकाराय पुण्याय भवति” अर्थात दूसरों के लिए जीना, दूसरों की सेवा को ही पूजा समझकर कर्म करना, परोपकार के लिए अपने जीवन को सार्थक बनाना ही सबसे बड़ा पुण्य है. और जब आप भी ऐसा करेंगे तो स्वतः ही आप वह ईश्वर के प्रिय भक्तों में शामिल हो जाएंगे .

आज का राशिफल,15 जुलाई2024: जानिए रशिफल के अनुसार आज आप का दिन कैसा रहेगा..?

मेष राशिफल : अच्छा मुनाफा कमाने में कामयाब रहेंगे

मेष राशिफल : अच्छा मुनाफा कमाने में कामयाब रहेंगे

मेष राशि वालों के लिए सोमवार का दिन शुभ फलदायी रहने वाला है। आज आपको सामाजिक सम्मान मिलेगा और दोस्तों के साथ किसी लंबी दूरी की यात्रा पर भी जा सकते हैं। नौकरी पेशा जातकों को अधिकारियों का साथ मिलने से करियर में उन्नति होगी। अगर आप व्यापार से जुड़े हुए हैं तो आज अच्छा मुनाफा कमाने में कामयाब रहेंगे। दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा और साथ मिलकर किसी संपत्ति की खरीदारी भी कर सकते हैं। शाम का समय आप बच्चों की समस्याओं को सुलझाने में व्यतीत करेंगे।

आज भाग्य 81% आपके पक्ष में रहेगा। शिवलिंग पर तिल व जौ अर्पित करें, साथ ही शिव चालीसा का पाठ करें।

वृषभ राशिफल : कार्यक्षेत्र में अच्छी प्रगति हासिल करेंगे

वृषभ राशिफल : कार्यक्षेत्र में अच्छी प्रगति हासिल करेंगे

वृषभ राशि वालों के लिए सोमवार का दिन अच्छा रहेगा। व्यापार के लिए कुछ नई योजनाएं बना रहे हैं तो भविष्य में वे आपको अच्छा मुनाफा देंगी। नौकरी पेशा जातक कार्यक्षेत्र में अच्छी प्रगति हासिल करेंगे और प्रमोशन के योग भी बन रहे हैं। दांपत्य जीवन में अगर कोई अनबन चल रही है तो वह आज खत्म हो जाएगी। घर में विवाह योग्य जातकों के रिश्ते की बात आज चल सकती है और किसी खास मेहमान का आगमन भी हो सकता है। सायंकाल का समय माता पिता की सेवा में व्यतीत करेंगे।

आज भाग्य 89% आपके पक्ष में रहेगा। भगवान शिव को आटे, घी, शक्कर से बनी चीज का भोग लगाएं।

मिथुन राशिफल : पुराने निवेश अच्छा रिटर्न मिलेगा

मिथुन राशि वालों को सोमवार के दिन किसी पुराने निवेश अच्छा रिटर्न मिलेगा और आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। आज आपको अपने कारोबार में तरक्की के लिए किसी बड़े के अनुभव की जरूरत पड़ेगी, जिससे आपको लाभ होगा। नौकरी और व्यापार से जुड़े कुछ मसले चल रहे हैं तो वो आज सुलझते नजर आ रहे हैं। विदेश से व्यापार करने वाले लोगों को लाभ के नए अवसर प्राप्त होंगे। भाई-बहनों के साथ संबंध अच्छे रहेंगे और सभी की जरूरतों का पूरा ध्यान रखेंगे। शाम को दोस्तों और परिवार के साथ किसी पार्टी में जा सकते हैं।

आज भाग्य 98% आपके पक्ष में रहेगा। प्रदोष काल में शिवलिंग की पूजा करें और महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।

कर्क राशिफल : भविष्य में सफलता आपके कदम चूमेगी

कर्क राशि वालों की खुशियों में आज वृद्धि होगी और मानसिक शांति का अनुभव भी करेंगे। आप सामाजिक दायरा चारों ओर फैलाने में सफल रहेंगे, जिनसे निकट भविष्य में लाभ होगा। दोस्तों से मुलाकात करने पर आपका तनाव कम होगा। साथ ही विरोधियों की किसी भी आलोचना पर ध्यान नहीं देंगे, जिससे भविष्य में सफलता आपके कदम चूमेगी। धन वृद्धि के लिए जीवनसाथी की सलाह फायदेमंद साबित होगी। आज बच्चे को कुछ परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए सावधान रहें।

आज भाग्य 96% आपके पक्ष में रहेगा। सोमवार को प्रदोष काल में शिवलिंग पर शहद की धारा अर्पित करें।

सिंह राशिफल : उपलब्धियां कड़ी मेहनत से ही प्राप्त होंगी

सिंह राशि वालों के लिए सोमवार का दिन सामान्य रहने वाला है। आज किसी अनजान व्यक्ति से लेन-देन करने की सोच रहे हैं तो ऐसा ना करें क्योंकि इससे आपको नुकसान हो सकता है। व्यापार के लिए की गई यात्रा बहुत ही लाभदायक रहेगी। आज शत्रु प्रबल होंगे, लेकिन वे आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। व्यापार में नई उपलब्धियां कड़ी मेहनत से ही प्राप्त होंगी, इसलिए अपनी मेहनत में कोई कमी ना रखें। संतान की रुचि सामाजिक कार्यों में बढ़ती हुई नजर आएगी। जीवनसाथी के साथ किसी बात पर अनबन होने की आशंका बन रही है।

आज भाग्य 67% आपके पक्ष में रहेगा। प्रदोष काल में शिवजी की पूजा करें और कच्चे चावल में तिल मिलाकर दान करें।

कन्या राशिफल : भविष्य के लिए प्लानिंग करेंगे

कन्या राशि वालों के लिए सप्ताह का पहला दिन मध्यम फलदायी रहने वाला है। नौकरी पेशा जातकों को कार्यक्षेत्र में सहकर्मियों की वजह से परेशानी हो सकती है लेकिन अधिकारियों का साथ मिलेगा। व्यापारियों को आज मध्यम लाभ से काम चलाना पड़ेगा और अगर कोई योजना लागू करने वाले हैं तो आज के लिए टाल दें। परिवार में कुछ शुभ व मांगलिक कार्यक्रमों की चर्चा हो सकती है, जिसमें परिवार के सभी सदस्य व्यस्त नजर आएंगे। आज आप जीवनसाथी के साथ बच्चों के भविष्य के लिए प्लानिंग करते नजर आएंगे। सायंकाल का समय किसी धार्मिक स्थल पर व्यतीत करेंगे।

आज भाग्य 81% आपके पक्ष में रहेगा। सोमवार का व्रत रखें और शिव चालीसा का पाठ करें।

तुला राशिफल : व्यापार में अच्छी वृद्धि होगी

तुला राशि वालों के लिए सोमवार का दिन पद, प्रतिष्ठा और सम्मान बढ़ाने वाला रहेगा। अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए आप खूब मेहनत करेंगे और सफल भी होंगे। भाग्य का साथ मिलेगा, जिससे आपकी खुशियां और धन में अच्छी वृद्धि होगी। कारोबार व व्यापार में अच्छी वृद्धि होगी और अच्छा मुनाफा कमाएंगे, जिनसे आपको संतुष्टि मिलेगी। परिवार के सदस्यों की अच्छी तरक्की होगी और समाज में आपका मान सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। जीवनसाथी के साथ रिश्ते मजबूत रहेंगे और किसी अच्छी जगह निवेश भी कर सकते हैं। सायंकाल का समय धार्मिक कार्यों में व्यतीत होगा।

आज भाग्य 78% आपके पक्ष में रहेगा। शिवलिंग पर जल और बेलपत्र अर्पित करें और शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करें।

वृश्चिक राशिफल : विद्यार्थी पढ़ाई में मग्न नजर आएंगे

वृश्चिक राशि वाले सोमवार के दिन पैसों की कमी के कारण थोड़े चिंतित हो सकते हैं। विद्यार्थी पढ़ाई में मग्न नजर आएंगे और नई नई को जानने की रुचि भी बढ़ेगी। ससुराल पक्ष से धन लाभ हो सकता है और वे आपकी मदद के लिए तैयार भी रहेंगे। रोजगार से जुड़े जातकों के लिए आज कुछ शुभ अवसर मिल सकते हैं। जीवनसाथी के साथ किसी बात पर अनबन होने की आशंका बन रही है, जिसकी वजह से पारिवारिक माहौल खराब हो सकता है। शाम का समय दोस्तों के साथ व्यतीत करेंगे।

आज भाग्य 92% आपके पक्ष में रहेगा। शिवलिंग का गन्ने के रस से अभिषेक करें और मंदिर में त्रिशूल दान करें।

धनु राशिफल : वाहन प्रयोग में सावधानी बरतें

धनु राशि वालों के लिए सोमवार का दिन मिश्रित फलदायी रहने वाला है। आज आपको वाहन के प्रयोग में सावधानी बरतनी होगी, किसी वाहन के खराब होने पर कुछ धन खर्च हो सकता है। नौकरी पेशा जातकों को आज परेशानियों और दबाव का सामना करना पड़ सकता है। व्यापारियों को आज ना ही प्रॉफिट होगा ना ही लॉस लेकिन खर्चे आसानी से निकल आएंगे। भाई-बहनों के साथ किसी बात पर गलतफहमी बढ़ सकती है, जिसकी वजह रिश्तों में दरार आ सकती है। आज आप लव पार्टनर के लिए कोई उपहार ला सकते हैं। शाम का समय आप दोस्तों के साथ किसी पार्टी में बिताएंगे।

आज भाग्य 63% आपके पक्ष में रहेगा। भगवान शिव की पूजा करने के बाद किसी जरूरतमंद को चावल का दान करें।

मकर राशिफल : दांपत्य जीवन में मधुरता रहेगी

मकर राशि वालों को सोमवार का दिन अचानक से रुका हुआ धन मिल सकता है, जिससे आप अटके कार्यों को पूरा कर पाएंगे। दांपत्य जीवन में मधुरता रहेगी और जीवनसाथी भी आपको पूरा सहयोग देंगे। नौकरी में व्यापार में वरिष्ठों से लाभ होगा और अपने अपने क्षेत्र में अच्छा नाम कमाने का मौका मिलेगा। छात्रों को अपने सीनियर्स से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। अगर आज आप कोई निवेश करना चाहते हैं तो उसके लिए दिन उत्तम है। सायंकाल के समय माताजी के साथ किसी रिश्तेदारी में जाने का मौका मिलेगा।

आज भाग्य 88% आपके पक्ष में रहेगा। सोमवार का व्रत करें और शिवलिंग की प्रदोष काल में पूजा करें।

कुंभ राशिफल : बने बनाए कार्यों में आ सकती है अड़चन

कुंभ राशि वालों के लिए सोमवार का दिन उतार चढ़ाव वाला रहेगा। आज आपके बने बनाए कार्यों में अड़चन आ सकती है, जिसकी वजह से परेशानी हो सकती है। नौकरी पेशा जातकों को सहकर्मियों के साथ रिश्ते में कुछ परेशानी हो सकती है, जिसकी वजह से आपके काम समय पर पूरे नहीं होंगे। अगर कोई कानूनी विवाद चल रहा है तो वह आज फिर सिर उठा सकता है, जो आपकी परेशानी बन सकता है। भाई-बहन की सेहत में गिरावट आ सकती है, इसलिए चिंतित नजर आएंगे। शाम को किसी मेहमान का आगमन हो सकता है, जिसमें कुछ धन भी खर्च होगा।

आज भाग्य 92% आपके पक्ष में रहेगा। सफेद चंदन का तिलक लगाएं और भगवान शिव को तांबे के लोटे से जल दें।

मीन राशिफल : आपका सामाजिक दायरा बढ़ेगा

मीन राशि वालों को सोमवार के दिन माता-पिता का विशेष स्नेह प्राप्त होगा। रूठे हुए जीवनसाथी के लिए कोई उपहार खरीद सकते हैं और बच्चों से संबंधित कार्यों पर ध्यान भी देंगे। विद्यार्थियों के लिए आज का दिन अनुकूल रहेगा, अगर आप किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो उसमें आपको बेहतरीन सफलता मिलेगी। आज किसी विशेष उपलब्धि से आपका मन प्रसन्न रहेगा और आपका सामाजिक दायरा बढ़ेगा। नौकरी पेशा और व्यापारी कार्यक्षेत्र में कड़ी मेहनत से आप सफलता हासिल करने में सफल रहेंगे। सायंकाल का समय दोस्तों के साथ मौज मस्ती में व्यतीत करेंगे।

आज भाग्य 76% आपके पक्ष में रहेगा। सोमवार का व्रत रखें और 21 बेलपत्र पर सफेद चंदन लगाकर शिवलिंग अर्पित करें।

आज का पंचांग ,15 जुलाई, 2024 : आइए जानते हैं आज शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

आज आषाढ़ शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि सायं 07 बजकर 20 मिनट तक उपरांत दशमी तिथि का आरंभ। आज गुप्त नवरात्रि समाप्त हो रहे हैं। आइए जानते हैं आज शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय कब से कब तक रहेगा।

राष्ट्रीय मिति आषाढ़ 24 शक सम्वत् 1946, आषाढ़, शुक्ल, नवमी, सोमवार, विक्रम सम्वत् 2081। सौर आषाढ़ मास प्रविष्टे 32, मुहर्रम 08, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 15 जुलाई सन् 2024 ई। सूर्य दक्षिणायन, उत्तर गोल, वर्षा ऋतु। राहुकाल प्रातः 07 बजकर 30 मिनट से 09 बजे तक।

नवमी तिथि सायं 07 बजकर 20 मिनट तक उपरांत दशमी तिथि का आरंभ। स्वाति नक्षत्र अर्धरात्रोत्तर 12 बजकर 30 मिनट तक उपरांत विशाखा नक्षत्र का आरंभ। सिद्ध योग प्रातः 07 बजे तक उपरांत साध्य योग का आरंभ। बालव करण प्रातः 06 बजकर 24 मिनट तक उपरांत तैतिल करण का आरंभ। चंद्रमा दिन रात तुला राशि पर संचार करेगा।

आज के व्रत त्योहार भढली नवमी, गुप्त नवरात्र समाप्त, मेला शरीक भवानी (कश्मीर)।

सूर्योदय का समय 15 जुलाई 2024 : सुबह 5 बजकर 33 मिनट पर।

सूर्यास्त का समय 15 जुलाई 2024 : शाम में 7 बजकर 20 मिनट पर।

आज का शुभ मुहूर्त 15 जुलाई 2024 :

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 12 मिनट से 4 बजकर 53 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 45 मिनट से 3 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्‍यरात्रि रात में 12 बजकर 7 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम 7 बजकर 19 मिनट से 7 बजकर 40 मिनट तक। अमृत काल सुबह 5 बजकर 33 मिनट से 7 बजकर 16 मिनट तक।

आज का अशुभ मुहूर्त 15 जुलाई 2024 :

राहुकाल सुबह में 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक। इसके बाद दोपहर में 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक गुलिक काल। सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक यमगंड। दुर्मुहूर्त काल दोपहर में 12 बजकर 55 मिनट से 1 बजकर 50 मिनट तक। इसके बाद दोपहर में 3 बजकर 40 मिनट से 4 बजकर 35 मिनट तक।

उपाय : सोमवार के दिन श्वेत वस्त्र धारण कर भगवान शिव का जलाभिषेक करें।

भारत के अजीबो- गरीब हैं ये मंदिर, जहां चढ़ाया जाता है डोसा और वाइन!

नयी दिल्ली :हमारे देश बहुत सी अजीबो-गरीब परम्पराऐं हैं जो हमारे देश को अजीबों - गरीब बनाता है। हमारे देश मे बहुत से अजीबो-गरीब मंदिर हैं। 

कुछ मंदिरो के अजीब होने से भी ज्यादा आश्चर्यजनक बात है कि कहीं-कहीं अजीब सी परंपराए निभाई जाती हैं। इस बात से तो सभी परिचित होंगे की भांग और भक्त भोले नाथ पर चढ़ाया जाता है, लेकिन क्या जानते हैं कि कुछ मंदिरों में कुछ ऐसी चीजें चढ़ाई जाती हैं जिनको सुन कर आप भी हैरान हो जायेंगें।

आज का राशिफल, 14 जुलाई 2024:जानिए राशि के अनुसार आज आप का दिन कैसा रहेगा...?

मेष राशि- स्वास्थ्य की स्थिति ठीक-ठाक, प्रेम संतान की स्थिति अच्छी, व्यापार अच्छा। जीवनसाथी का भरपूर सहयोग मिल रहा है। नौकरी-चाकरी की स्थिति पहले से बेहतर हो चुकी है शुभ समय।

वृषभ राशि- स्वास्थ्य पर ध्यान दें। प्रेम संतान की स्थिति अच्छी रहेगी। व्यापार भी अच्छा रहेगा। बजरंगबली को प्रणाम करते रहें।

मिथुन राशि- भावुकता पर नियंत्रण रखें। लिखने पढ़ने में समय व्यतीत करें। प्रेम में तू तू मैं मैं से बचें। बच्चों की सेहत पर ध्यान दें। स्वास्थ्य ठीक-ठाक, प्रेम संतान मध्यम, व्यापार अच्छा है। काली जी को प्रणाम करते रहें।

कर्क राशि- स्वास्थ्य थोड़ा ऊपर नीचे बना रहेगा। भूमि, भवन और वाहन की खरीदारी होगी। कलहकारी सृष्टि का सृजन हो रहा है थोड़ा। प्रेम संतान अच्छा, व्यापार अच्छा। बजरंगबली को प्रणाम करते रहें।

सिंह राशि- पराक्रम रंग लाएगा। रोज-रोजगार में तरक्की करेंगे। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। प्रेम संतान अच्छा, व्यापार अच्छा। काली जी को प्रणाम करते रहें।

कन्या राशि- धन का आवक बढ़ेगा। कुटुंबों में वृद्धि होगी। निवेश करने से बचें अभी। स्वास्थ्य ठीक है, प्रेम संतान अच्छा, व्यापार अच्छा। हरी वस्तु पास रखें।

तुला राशि- पॉजिटिव एनर्जी का संचार होगा। स्वास्थ्य में सुधार होगा। प्रेम संतान का साथ बना रहेगा। व्यापार बहुत अच्छा होगा। शनि देव को प्रणाम करते रहें।

वृश्चिक राशि- मन चिंतित रहेगा। खर्च की अधिकता रहेगी। सर दर्द, नेत्र पीड़ा बनी रहेगी। बाकी प्रेम संतान अच्छा है, व्यापार अच्छा है। सफेद वस्तु का काली मंदिर में दान करना शुभ होगा।

धनु राशि- आय में बढ़ोतरी होगी। शुभ समाचार की प्राप्ति। स्वास्थ्य में सुधार, प्रेम संतान का साथ, व्यापार अच्छा। लाल वस्तु पास रखें।

मकर राशि- व्यापारिक स्थिति सुदृढ होगी। कोर्ट कचहरी में विजय मिलेगा। स्वास्थ्य अच्छा है। प्रेम संतान की स्थिति अच्छी, व्यापार बहुत अच्छा है। काली जी को प्रणाम करते रहें।

कुंभ राशि- भाग्य साथ देगा। रोजी रोजगार में तरक्की करेंगे। स्वास्थ्य में सुधार होगा, प्रेम संतान, व्यापार सब बहुत अच्छा है। हरी वस्तु पास रखें।

मीन राशि- चोर चपेट लग सकता है। किसी परेशानी में पड़ सकते हैं। परिस्थितिययां प्रतिकूल हैं। स्वास्थ्य पर ध्यान दें। प्रेम संतान मध्यम, व्यापार मध्यम। शिव जी का जलाभिषेक करना शुभ होगा।

आज का पंचांग, 14 जुलाई 2024:जानिये आज का शुभ मुहूर्त, तिथि और ग्रहयोग

दैनिक हिंदू पंचांग या आज का पंचांग में तिथि, नक्षत्र, राहु काल और हिंदू महीने जैसी महत्वपूर्ण जानकारी होती है। इन विवरणों की मदद से आप किसी विशेष आयोजन या कुछ नया करने के लिए शुभ मुहूर्त या शुभ समय के बारे में जान सकते हैं।

इस पंचांग में ज्योतिषी आपको शादी, सगाई, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की योजना बनाने, कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले अशुभ मुहूर्त या अशुभ समय से बचने की सलाह देते हैं।

 14 जुलाई, 2024 के लिए आज का पंचांग देखें। 

दैनिक पंचांग : 14 जुलाई 2024

तिथि: अष्टमी 17:28:19 तक

नक्षत्र: चित्रा 22:07:18 तक

करण: भाव 17:28:19 तक

पक्ष: शुक्ल

योग: शिव 06:15:07 तक

दिन: रविवार

सूर्य और चंद्रमा की गणना

सूर्योदय: 05:32:47

सूर्य अस्त: 19:20:55

चन्द्र राशि: कन्या 08:44:12 तक

चन्द्र उदय: 12:50:59

चन्द्र अस्त: 24:12:59

ऋतु: वर्षा

हिंदू माह और वर्ष

शक संवत: 1946 क्रोधी

विक्रम संवत: 2081

कलि संवत: 5125

प्रवेश / द्वार: 30

माह पूर्णिमांत: आषाढ़

मास अमान्त: आषाढ़

दिन अवधि: 13:48:08

अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)

दुष्ट मुहूर्त: 17:30:30 से 18:25:43 तक

कुलिका: 17:30:30 से 18:25:43 तक

कंटका / मृत्यु: 10:08:49 से 11:04:02 तक

राहु काल: 17:37:24 से 19:20:55 तक

कलावेला / अर्धयाम: 11:59:15 से 12:54:27 तक

यमघण्टा: 13:49:40 से 14:44:53 तक

यमगंडा: 12:26:51 से 14:10:22 तक

गुलिक काल: 15:53:53 से 17:37:24 तक

शुभ समय (शुभ मुहूर्त)

अभिजीत 11:59:15 से 12:54:27 तक

ज्योतिर्लिंग-8: धार्मिक विशेताओं के कारण त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है, जानिए कहाँ हैं यह पवित्र तीर्थंस्थल..

- विनोद आनंद 

महाराष्ट्र के नासिक जिले में एक शहर और एक नगर पालिका है त्र्यंबक ! जिसे त्र्यंबकेश्वर त्र्यंबकेश्वर के नाम से भी जाना जाता है. यहाँ त्र्यंबकेश्वर शिव मंदिर है, जो बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जहाँ महाराष्ट्र के त्र्यंबकेश्वर में हिंदू वंशावली रजिस्टर भी रखे गए हैं. यह मंदिर पवित्र गोदावरी नदी का उद्गम त्र्यंबक के पास है.

महाराष्ट्र के नासिक जिले में सिंहस्थ कुंभ मेला मूल रूप से त्र्यंबक में आयोजित किया जाता था, लेकिन 1789 में स्नान की प्राथमिकता को लेकर वैष्णवों और शैवों के बीच टकराव के बाद, मराठा पेशवा ने वैष्णवों के स्नान स्थल को नासिक शहर के रामकुंड में स्थानांतरित कर दिया. शैव लोग आज भी त्र्यंबक को मेले का उचित स्थान मानते हैं.

भगवान शिव को समर्पित बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक इस ज्योतिर्लिंग की असाधारण विशेषता है कि मंदिर में लिंग तीन मुखों वाला है जिसमें त्रिदेव, भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान शिव का स्वरूप है.

अन्य सभी ज्योतिर्लिंगों में शिव मुख्य देवता हैं. लिंग को रत्न जड़ित मुकुट पहनाया गया है, जिसके बारे में माना जाता है कि यह पांडवों का था. मुकुट हीरे, पन्ने और कई अन्य प्रकार के कीमती पत्थरों से सुशोभित है. 

त्र्यंबकेश्वर शहर एक प्राचीन हिंदू तीर्थस्थल है जो प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लंबी नदी गोदावरी नदी के स्रोत पर स्थित है. हिंदू धर्म में पवित्र मानी जाने वाली गोदावरी नदी त्र्यंबकेश्वर में ब्रम्हगिरी पहाड़ों से निकलती है और राजमुद्री के पास समुद्र से मिलती है.

यह शहर ब्रह्मगिरी और गंगाद्वार पहाड़ों की तलहटी में है.एक जंगली इलाके में स्थित, यह पर्यटकों और हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए एक लोकप्रिय है.

पेशवा शासन के दौरान नाना साहब पेशवा ने त्र्यंबकेश्वर मंदिर के निर्माण का निर्देश दिया था और त्र्यंबकेश्वर शहर का विकास और सौंदर्यीकरण किया था।

इस मंदिर को लेकर क्या हैं पौराणिक कथा..?

इस मंदिर को लेकर जो पौराणिक कथा प्रचालित हैं उसके अनुसार भगवान शंकर द्वारा अपने सिर पर धारण की गई गंगा नदी को प्रवाहित करने के लिए ब्रह्मदेव ने सत्यलोक (पृथ्वी पर) आकर उसी पवित्र गंगा जल से भगवान त्रिविक्रम की आराधना की. 

स्त्री रूप में गंगा नदी भगवान शिव के साथ रमण कर रही थी, जिसे भगवान शिव की पत्नी पार्वती ने देखा. उन्होंने गंगा को अपने पति से दूर करने की योजना बनाई.

पार्वती और उनके पुत्र गणेश पार्वती की सहेली जया के साथ गौतम के आश्रम में रहने आए. 24 वर्षों तक अकाल पड़ा और लोग भूख से व्याकुल थे. हालांकि, ऋषि गौतम से प्रसन्न होकर वर्षा के देवता वरुण ने गौतम के आश्रम जो त्र्यंबकेश्वर में था, में प्रतिदिन वर्षा की व्यवस्था की. गौतम सुबह अपने आश्रम के आसपास के खेतों में चावल बोते थे, दोपहर में फसल काटते थे और उससे ऋषियों के एक बड़े समूह को भोजन कराते थे, जो अकाल के कारण उनके आश्रम में शरण लिए हुए थे. ऋषियों के समूह के आशीर्वाद से गौतम के पुण्य में वृद्धि हुई.  

अपने बढ़े हुए पुण्य के कारण भगवान इंद्र की स्थिति डांवाडोल हो गई. इसलिए इंद्र ने बादलों को त्र्यंबकेश्वर में वर्षा करने का आदेश दिया, ताकि अकाल समाप्त हो जाए और ऋषि वापस चले जाएं और गौतम के बढ़ते हुए पुण्य क्षीण हो जाएं.

 यद्यपि अकाल समाप्त हो गया था, गौतम ने ऋषियों को वहीं रहने के लिए कहा और उन्हें भोजन कराकर पुण्य अर्जित करते रहे. एक बार उन्होंने धान के खेत में एक गाय को चरते हुए देखा और दर्भा (तीक्ष्ण, नुकीली घास) फेंककर उसे भगा दिया. इससे दुबली गाय मर गई.

 यह जया थी - पार्वती की सहेली, जिसने गाय का रूप धारण किया था. इस समाचार से ऋषिगण परेशान हो गए और उन्होंने उनके आश्रम में भोजन करने से इनकार कर दिया. गौतम ने ऋषियों से इस पाप से मुक्ति का उपाय बताने का अनुरोध किया. उन्हें भगवान शिव के पास जाने और उनसे गंगा को मुक्त करने का अनुरोध करने की सलाह दी गई और गंगा में स्नान करने से उन्हें अपने पापों से मुक्ति मिल जाएगी. 

गौतम ने तब ब्रह्मगिरि के शिखर पर जाकर तपस्या की. भगवान शंकर उनकी पूजा से प्रसन्न हुए और उन्हें गंगा प्रदान की. हालाँकि, गंगा भगवान शिव से अलग होने के लिए तैयार नहीं थीं, जिससे वे चिढ़ गए. उन्होंने ब्रह्मगिरि के शिखर पर तांडव नृत्य किया और वहीं अपनी जटाएं फोड़ दीं. इस कृत्य से भयभीत होकर गंगा ब्रह्मगिरि पर प्रकट हुईं. बाद में गंगा त्र्यंबक तीर्थ में प्रकट हुईं. गौतम ने उनकी स्तुति की, लेकिन वे बार-बार पर्वत पर विभिन्न स्थानों पर प्रकट हुईं और क्रोधित होकर अदृश्य हो गईं. 

गौतम उनके जल में स्नान नहीं कर सके. फिर गंगा गंगाद्वार, वराह तीर्थ, राम-लक्ष्मण तीर्थ, गंगा सागर तीर्थ में प्रकट हुईं. फिर भी गौतम उनके जल में स्नान नहीं कर सके. गौतम ने नदी को मंत्रमुग्ध घास से घेर दिया और उससे एक व्रत रखा. प्रवाह वहीं रुक गया और इस प्रकार तीर्थ को कुशावर्त कहा जाने लगा. इसी कुशावर्त से गोदावरी नदी समुद्र में बहती है.गौतम द्वारा गाय की हत्या का पाप यहीं मिट गया था.

हिन्दू धर्मग्रन्थ में इस मंदिर को लेकर हैं मान्यता

हिंदू मान्यता है कि जो लोग त्र्यंबकेश्वर आते हैं उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। त्र्यंबकेश्वर को भारत का सबसे पवित्र शहर माना जाता है। इस मान्यता के पीछे कई कारण हैं। गोदावरी इस शहर में ब्रह्मगिरी पहाड़ियों से निकलती है और ऐसा माना जाता है कि यह भगवान गणेश का जन्मस्थान है, जिसे त्रि-संध्या गायत्री का स्थान कहा जाता है.

यह स्थान श्राद्ध समारोह करने के लिए सबसे पवित्र और आदर्श स्थान माना जाता है, जो आत्मा की मुक्ति के लिए एक हिंदू अनुष्ठान है. 

सिंहस्थ महात्म्य में भगवान राम के त्र्यंबकेश्वर की यात्रा करने की बात कही गई है. गोदावरी नदी पर किया गया श्राद्ध पितरों को बहुत संतुष्टि देता है. यदि यह इस स्थान पर नहीं किया जाता है, तो इसे धार्मिक पाप माना जाता है. इसलिए गंगा पूजन, गंगा भेट, देह शुद्धि प्रायश्चित्त, तर्पण श्राद्ध, वयन, दश दान, गोप्रदान आदि अनुष्ठान त्र्यंबकेश्वर में किए जाते हैं..त्र्यंबकेश्वर में भगवान शिव की पूजा रुद्र, रुद्री, लघु रुद्र, महा रुद्र या अति रुद्र पूजा के पाठ से की जाती है.

 वास्तव में रुद्राक्ष एक धार्मिक फल है जिसके बारे में कहा जाता है कि यह भगवान शिव के गले में रुद्र माला के रूप में पाया जाता है. रुद्राक्ष के कुछ पेड़ त्र्यंबकेश्वर में भी पाए जाते हैं. इस पवित्र शिव मंदिर के दर्शन से पवित्र ज्योतिर्लिंग की यात्रा पूरी होगी. त्र्यंबकेश्वर में अन्य सुविधाएँ शहर में सार्वजनिक और धार्मिक संस्थान हैं वेद शाला, संस्कृत पाठशाला, कीर्तन संस्थान, प्रवचन संस्थान, दो व्यायामशालाएँ, लोकमान्य नि:शुल्क वाचनालय, नगरपालिका कार्यालय, डाक और तार कार्यालय, बस स्टेशन, औषधालय और एक पुलिस उप-निरीक्षक कार्यालय. संस्कृत पाठशाला ने कई अच्छे शिष्यों को तैयार किया है जो शास्त्री और पंडित बन गए हैं.

 इस क्षेत्र में दो रिंग रूट हैं - एक ब्रह्मगिरि के चारों ओर और दूसरी हरिहर गिरि के चारों ओर. तीर्थयात्री को सुबह जल्दी पवित्र वस्त्र पहनकर विभिन्न तीर्थों में जाकर स्नान करना होता है. यह यात्रा एक दिन या तीन दिन में पूरी करनी होती है.

त्र्यंबकेश्वर मंदिर का इतिहास

त्र्यंबकेश्वर मंदिर 12 प्रसिद्ध, स्वयंभू मंदिरों में से एक है, जिसमें शिव की महाकाव्य गाथा और इसकी उत्पत्ति से जुड़ी मिथक की भावना है. शिव पुराण के अनुसार, विष्णु और ब्रह्मा के बीच एक-दूसरे की सर्वोच्चता पर बहस पागलपन के स्तर तक पहुँच गई, जिसने भगवान शिव को हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर कर दिया. भगवान शिव उनकी परीक्षा लेना चाहते थे, जिसके कारण उन्होंने तीनों लोकों को प्रकाश के एक विशाल अंतहीन स्तंभ - ज्योतिर्लिंग के रूप में भेद दिया.

प्रकाश के स्रोत का पता लगाने के लिए, ब्रह्मा और विष्णु विपरीत दिशा में विभाजित हो गए. ब्रह्मा ने दुनिया पर अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए प्रकाश के अंत को खोजने के बारे में झूठ बोला जबकि विष्णु ने अपनी हार स्वीकार कर ली. ब्रह्मा के झूठ ने भगवान शिव को क्रोधित कर दिया, जो तब प्रकाश के दूसरे स्तंभ के रूप में प्रकट हुए और ब्रह्मा को दंडित किया. भगवान शिव ने ब्रह्मा को यह कहकर शाप दिया कि ब्रह्मा की नश्वर दुनिया में अब पूजा नहीं की जाएगी, जबकि विष्णु की पूजा अनंत काल तक की जाएगी.

 इस प्रकार, ज्योतिर्लिंग अखंड वास्तविकता है, और ये तीर्थस्थल वे स्थान हैं जहाँ शिव प्रकाश के एक ज्वलंत स्तंभ के रूप में प्रकट हुए थे. हालाँकि यह माना जाता था कि 64 ज्योतिर्लिंग हैं, उनमें से केवल 12 को ही पवित्र और शुभ माना जाता है क्योंकि प्रत्येक स्थल भगवान शिव के विभिन्न रूपों का प्रतिनिधित्व करता है. 

ज्योतिर्लिंग स्थल भगवान शिव की अनंत प्रकृति को दर्शाता है, जहाँ उन्हें असीम, निराकार और पूर्ण ब्रह्म और ब्रह्मांड की आदि आत्मा माना जाता है.

औरंगजेब ने भी त्र्यंबकेश्वर मंदिर पर किया था हमला

मुगलकाल के शासकों ने भारत के अंदर कई शहरों में हिंदू देवी देवताओं के तीर्थस्थलों को ध्वस्त करवा दिया था उनमें एक नासिक का त्र्यंबकेश्वर मंदिर भी था. इतिहासकार जदुनाथ सरकार ने अपनी पुस्तक हिस्ट्री ऑफ औरंगजेब में इसका जिक्र किया है.

उन्होंने लिखा है सन् 1690 में मुगल शासक औरंगजेब की सेना ने नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर के अंदर शिवलिंग को तोड़ दिया था. मंदिर को भी काफी क्षति पहुंचाई थी. और इसके ऊपर मस्जिद का गुंबद बना दिया था. यहां तक कि औरंगजेब ने नासिक का नया नाम भी बदल दिया था. 

लेकिन 1751 में मराठों का फिर से नासिक पर आधिपत्य हो गया, तब इस मंदिर का पुनर्निर्माण कराया

कब बना नासिक का त्र्यंबकेश्वर मंदिर ?

मुगलों के हमले के बाद इस मंदिर के जीर्णोद्धार का श्रेय पेशवाओं को दिया जाता है. तीसरे पेशवा के तौर पर विख्यात बालाजी यानी श्रीमंत नानासाहेब पेशवा ने इसे 1755 से 1786 के बीच बनवाया था. पौराणिक तौर पर यह भी कहा जाता है कि सोने और कीमती रत्नों से बने लिंग के ऊपर मुकुट महाभारत के पांडवों द्वारा स्थापित किया गया था.

कहा जाता है सत्रहवी शताब्दी में जब इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया जा रहा था तब इस कार्य में 16 लाख रुपये खर्च हुए थे. त्र्यंबक को गौतम ऋषि की तपोभूमि के तौर पर भी जाना जाता है.

बड़ा नील मणि को अंग्रेजों ने लूटा

एक बार एक बड़ा नील मणि (नीला हीरा), जिसे अब नासक हीरा कहा जाता है, त्र्यंबकेश्वर मंदिर की शोभा बढ़ाता था। इस हीरे को अंग्रेज कर्नल जे. ब्रिग्स ने पेशवा बाजी राव द्वितीय से लूटा था। बदले में, ब्रिग्स ने हीरे को फ्रांसिस रॉडन-हेस्टिंग्स को सौंप दिया जो बाद में इंग्लैंड चला गया।

वास्तुकला का महत्व

त्र्यंबकेश्वर मंदिर को आठवां ज्योतिर्लिंग माना जाता है। पूरा मंदिर केवल काले पत्थरों से बना है जो इसकी वास्तुकला को और भी निखारता है। मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में नागर शैली में किया गया था, जिसमें एक विशाल प्रांगण भी है. मंदिर एक ऊंचे मंच पर है, जिसे शिखर भी कहा जाता है, जिसमें कमल के आकार की नक्काशीदार पत्थर की प्लेट है. गर्भगृह मंदिर का सबसे भीतरी हिस्सा है, और मंदिर की उभरी हुई दीवारें मंदिर के देवता की रक्षा करती हैं. गर्भगृह में एक हॉल है जिसके सामने एक मंडप है, जिसमें तीन प्रवेश द्वार हैं.

मंदिर की दीवारों और खंभों पर हिंदू आकृतियों, देवताओं, फूलों, मनुष्यों और जानवरों के डिज़ाइन बने हुए हैं. त्र्यंबकेश्वर मंदिर की आकर्षक वास्तुकला जटिल है और उस सदी की संस्कृति की समृद्ध भावना को प्रदर्शित करती है. इस मंदिर में एक दर्पण भी है जिसे ऊंचाई पर रखा गया है, जिससे भक्तों को देवता के प्रतिबिंब को देखने में मदद मिलती है.

यहां आयोजित होने वाले पूजा और समारोह

● काल सर्प पूजा - काल सर्प पूजा वे लोग कर सकते हैं जो केतु और राहु के बीच ब्रह्मांडीय स्थितियों के कारण कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं. इस अनुष्ठान में, भगवान शिव को ढेर सारा घी, दूध, चीनी, शहद, चीनी और अन्य चीजें चढ़ाई जाती हैं, जो नाग की पूजा पर केंद्रित होती हैं.

● नारायण नागबली पूजा - त्र्यंबकेश्वर मंदिर इस अनुष्ठान के लिए जाना जाता है, जो परिवार पर छिपे किसी भी पैतृक अभिशाप को नकारने की मान्यता के साथ किया जाता है, जिसे पितृ-दोष भी कहा जाता है. यह भी कहा जाता है कि यह आयोजन आपको नाग से क्षमा पाने में मदद करता है.

● त्रिपिंडी श्राद्ध पूजा - यह अनुष्ठान सभी दिवंगत आत्माओं के लिए प्रार्थना करने के लिए किया जाता है और माना जाता है कि यह पापों को धो देता है.

● महामृत्युंजय पूजा - यह पूजा केवल सुबह 5:00 बजे से 9:00 बजे के बीच लंबे और स्वस्थ जीवन के लिए प्रार्थना करने के लिए होती है.

● महामृत्युंजय पूजा - यह पूजा केवल सुबह 5:00 बजे से 9:00 बजे के बीच की जाती है.

● ● रुद्राभिषेक - रुद्राभिषेक अनुष्ठान पंचामृत, यानी दूध, शहद, घी, चीनी और दही से किया जाता है.

● लघु रुद्राभिषेक - माना जाता है कि यह अभिषेक पूजा आपके सभी स्वास्थ्य और धन संबंधी समस्याओं को हल करती है। यह किसी भी तरह की लौकिक अनिच्छा है.

आज का रशिफल, 13 जुलाई 2024 :जानिए आज के रशिफल के अनुसार आज कैसा दिन रहेगा आप का...?

 ​आज 13 जुलाई शनिवार का दिन ज्योतिषीय गणना के अनुसार मेष कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए लाभकारी रहेगा। चंद्रमा कन्या राशि में गोचर करेंगे और इस दौरान वह हस्त नक्षत्र से चित्रा नक्षत्र पर संचार करेंगे। इसके साथ ही आज गुरु भी वृषभ राशि में गोचर करते हुए रोहिणी नक्षत्र के तीसरे चरण में प्रवेश कर जाएंगे। और शनि महाराज अपनी राशि में प्रबल प्रभावकारी होकर शश राजयोग से मेष, कर्क और वृश्चिक सहित कई राशियों को लाभ दिलाएंगे। आपकी राशि के लिए दिन कैसा रहेगा, जानने के लिए देखें आज का राशिफल।

​मेष राशि वालों को परिश्रम से बढकर लाभ मिलेगा

​मेष राशि वालों को परिश्रम से बढकर लाभ मिलेगा

मेष राशि के लोगों के लिए आज शनिवार का दिन भाग्य के सहयोग से लाभ प्राप्त करने वाला रहेगा। आपको आज कार्यक्षेत्र और कारोबार में परिश्रम से बढकर लाभ मिलेगा। कारोबार मे आज कोई बड़ी डील फाइनल हो सकती है। आज आप कोई बड़ा निर्णय ले सकते है जो भविष्य में आपको लाभ दिलाएगा। सरकारी क्षेत्र के काम में आज परेशानी होगी और काम अटक भी सकता है। धर्म कर्म मं आपकी रुचि रहेगी। यात्रा लाभकारी और सुखद रहेगी। छात्रों के लिए दिन उन्नतिदायक रहेगा, ज्ञान विज्ञान का विकास होगा।

आज भाग्य 81% आपके पक्ष में रहेगा। गुरुजनों और वरिष्ठ लोगो का आर्शीवाद काम आएगा। जरूरतमंदों को आज दान दें।

​वृषभ राशि के जातक रुचिकर भोजन का आनंद लेंगे

वृषभ राशि के लिए आज का दिन आनंददायक रहेगा। आपकी राशि में गुरु और मंगल की युति आपको ऊर्जा से भरपूर बनाए रखेगी। आपको आज धर्म कर्म के काम में भी भाग लेने का मौका मिलेगा। किसी मांगलिक कार्यक्रम में आप आज शामिल हो सकते हैं। रुचिकर भोजन का आपको आज आनंद मिलने वाला है। वैसे आज आपकी अनेक कारणों से व्यस्तता बनी रहेगी। दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा। लेकिन आपके लिए यह भी जरूरी है कि आप शत्रुओं से सतर्क रहें।

आज भाग्य 83% आपके पक्ष में रहेगा। गणेशजी को लड्डू का भोग लगाएं।

​मिथुन राशि वालो को कार्यक्षेत्र में लाभ मिलेगा

मिथुन राशि के लोगों के लिए आज का दिन लाभकारी रहेगा। लेकिन आपके लिए जरूरी है कि आप अपने लक्ष्य को ध्यान में रखकर काम करें एक साथ कई काम में हाथ डालेंगे तो आपका काम आज खराब हो सकता है या अटक सकता है। नई योजनाओं को आज टाल देना बेहतर होगा। पुराने अधूरे कार्यों को ही पूरा करने पर ध्यान दें। कारोबारी जातकों के लिए आज का दिन लाभकारी रहेगा आपको आज कार्यक्षेत्र में लाभ पाने का मौका मिलेगा। छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में वरिष्ठों का विशेष सहयोग प्राप्त होगा। आज आपका दिन कुछ रचनात्मक औिर कलात्मक कार्यों को पूरा करने में भी बीतेगा। सगे संबंधियों से मेल मुलाकात से खुशी मिलेगी।

आज भाग्य 84% आपके पक्ष में रहेगा। शिव चालीसा का पाठ करें साथ ही पीपल को जल दें।

​कर्क राशि वालों को लाभ का अच्छा मौका मिलेगा

कर्क राशि के लिए आज सितार बताते हैं कि आज का दिन नौकरी और व्यापार के लिए बहुत ही लाभदायक रहेगा। नौकरी में आज आपको कुछ रोचक और रचनात्मक कार्य करने का मौका मिलेगा। आपको आज कार्यक्षेत्र में मित्रों और सहकर्मियों से पूरा सहयोग मिलेगा। आज शाम का समय आप अपने दोस्तों के साथ मनोरजक पल बिताएंगे और रुचिकर खान पान का आनंद लेंगे। विदेश से व्यापार करने वाले लोगों के लिए दिन उत्तम रहेगा, आज आपको लाभ का कोई अच्छा मौका मिलेगा। भाई बहनों की सलाह आज आपके लिए लाभकारी साबित होगी, इसलिए इनकी बातों की नजरअंदाज ना करें।

आज भाग्य 90% आपके पक्ष में रहेगा। संकटनाशन गणेश स्तोत्र' का पाठ करें।

​सिंह राशि वालों को कई स्रोतों से लाभ मिलेगा

आज का दि्न सिंह राशि के लोगों के लिए लाभकारी लेकिन व्यस्तता भरा रहेगा। आज कार्यक्षेत्र में आपके सहकर्मी और वरिष्ठ अधिकारी आपके काम में बाधक बना सकते हैं या किसी बात को लेकर नाराज हो सकते हैं इसलिए आपको काम के प्रति बहुत ही ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। कारोबारी जीतकों के लिए आज का दिन लाभकारी रहेगा। आपको आज कई स्रोतों से धन लाभ मिल सकता है। लव लाइफ में आज आपको प्रेमी की नाराजगी से बचना है तो वाणी पर कंट्रोल करे। ससुराल पक्ष के किसी संबंधी की वजह से मूड खराब हो सकता है।

आज भाग्य 81% आपके पक्ष में रहेगा। काले कुत्ते को आज रोटी खिलाएं और शनि स्तोत्र का पाठ करें।

​कन्या राशि के जातक जोखिम से बचें

आज कन्या राशि के लोगों को अपनी सेहत का ध्यान रखना होगा। अपच और वायुविकार संबंधी परेशानी आज आपको हो सकती है, खानपान में संयम रखें। आपको आज विरोधियों से भी सतर्क रहना होगा। मन आपका आज उलझन में रहेगा, निर्णय लेने में आज उलझन होगी। आर्थिक मामलो मं आपको आज जोखिम लेने से बनचा होगा। वाणी पर भी आप नियंत्रण रखें नहीं तो कहासुनी हो सकती है। वैसे आज घर के बड़ों से आपको सही सलाह और मार्गदर्शन प्राप्त होगा। किसी शुभ कार्यक्र की चर्चा हो सकती है। किसी रिश्तेदार और मित्रों से मिलने का मौका मिेलगा जो तनाव के बीच मन को प्रसन्नता प्रदान करेगा।

आज भाग्य 87% आपके पक्ष में रहेगा। भगवान श्रीकृष्म को माखन मिसरी का भोग लगाएं।

​तुला राशि वालों को रोमांचक पल बिताने का मौका मिलेगा

आज शनिवार का दिन तुला राशि के जातकों के लिए लाभकारी रहेगा। आपको आज परिवार के साथ रोमांचक पल बिताने का मौका मिलेगा। आप आज किसी संबंधी से मिलने मिलाने का कार्यक्रम रख सकते हैं। आपको आज दोस्तों के साथ भी मनोरंजक कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिलेगा। जमीन-जायदाद से जुड़े मामलों में परिवार के सदस्य से कोई तनाव चल रहा है तो आज इसका समाधान हो सकता है। सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में भी आपकी साख बढ़ेगी, लेकिन आपका धन भी खर्च होगा। कार्य व्यवहार से जुड़े सभी विवाद आज समाप्त हो सकते हैं। बिजनेस में किसी नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो सकता है।

आज भाग्य 84% आपके पक्ष में रहेगा। पहली रोटी गौ माता को खिलाएं।

​वृश्चिक राशि वालों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

आज का दिन वृश्चिक राशि के जातकों के लिए लाभकारी रहेगा। आज का दिन नौकरी कारोबार से जुड़े जातकों के लिए अच्छे परिणाम लेकर आएगा। व्यापार में भी दिन भर लाभ के अवसर मिलते रहेंगे, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। आपको आज अपनी कार्ययोजना में सफलता मिलेगी। अगर आप पोपर्टी से संबंधी कोई काम करने जा रहे हैं तो इसमें आपको सफलता मिलेगी। आज परिवार में सुख, शांति और स्थिरता भी बनी रहेगी। आप अपनी नौकरी में कुछ नयापन ला सकते हैं, जो भविष्य में आपके लिए बहुत फायदेमंद रहेगा। शाम का समय माता-पिता और परिवार के साथ आनंदपूर्वक बिताएंगे।

आज भाग्य 87% आपके पक्ष में रहेगा। हनुमान चालीसा का पाठ करना आपके लिए आज लाभकारी रहेगा।

​धनु राशि वालों को परिवार से खुशी मिलेगी

आज का दिन धनु राशि के लोगों के लिए उत्साहवर्धक रहेगा। आप आज परिवार के साथ आनंददायक पल बिता पाएंग लेकिन माता की सेहत को लेकर आज आपकी चिंता बनी रहेगी। परिवार के साथ आप आज कहीं घूमने का प्लान कर सकते हैं। आपको आज परिवार के लोगों की खुशी के लिए पैसे खर्च करने होंगे जिसमें भी आपको आज खुशी मिलेगी। नौकीर में आज आपको मेहनत से बढकर सफलता मिलेगी। धनु राशि के कारोबारी आज अपने व्यवहार और वाणी से बिजनस में खूब लाभ पा सकेंगे। जिन लोगों के काम का संबंध विदेश से है उनको आज विशेष लाभ मिल सकता है।

आज भाग्य 81% आपके पक्ष में रहेगा। किसी जरुरतमंद को अन्न का दान देना शुभ रहेगा।

​मकर राशि वालों की कमाई में वृद्धि होगी

मकर राशि के लोगों को आज कारोबार में लाभ मिलेगा। यदि आप पार्टनरशिप में कोई व्यापार कर रहे हैं तो आपको आज साझेदारों से लाभ मिलेगा। जो लोग लोहे और धातु के कारोबार से जुड़े हुए हैं उनकी कमाई में आज वृद्धि होगी। घर की सजावट के लिए आज आप कुछ खरीदारी कर सकते हैं। घर की साज सज्जा में आपको आज जीवनसाथी से सहयोग भी मिलेगा। आपको आज भाईयों के साथ तालमेल बनाकर रखना होगा। पुराने रुके हुए कार्यों को करने के लिए आज समय अवश्य निकालें नहीं तो आलस से काम अटक सकता है। परिवार में आज बच्चों की शादी से संबधित बातें हो सकती है।

आज भाग्य 78% आपके पक्ष में रहेगा। पीपल की पूजा करें और शनि स्तोत्र का पाठ करें।

​ ​कुंभ राशि वालों को यादगार पल बिताने का मौका मिलेगा

आज का दिन कुंभ राशि के जातको के लिए सामान्य रूप अच्छ रहेगा। लेकिन आपको आज सेहत के मामले में अपना ध्यान रखना होगा। जो लोग नौकरी कारोबार से जुड़े हुए हैं उनको आज सहयोगियों सहकर्मियों से सहयोग मिलेगा। आज परिवार में प्रॉपर्टी से जुड़ा कोई मामला सिर उठा सकता है जिसे आप समझदारी से हल कर पाएगे। आपको आज वैवाहिक जीवन में जीनसाथी के साथ रोमांटिक पल बिताने का मौका मिलेगा। लव लाइफ में भी आज आपको जीवनसाथी के साथ यादगार पल बिताने का मौका मिलेगा। आप आज किसी धार्मिक स्थल की यात्रा पर भी जा सकते है।

आज भाग्य 80% आपके पक्ष में रहेगा। आपको आज उपाय के तौर पर शिवजी का दूध से अभिषेक करना चाहिए।

​मीन राशि के जातक किसी बात को लेकर उलझन में रहेगे

मीन राशि के जातकों के लिए आज का दिन सामान्य रूप से अनुकूल रहेगा। आप आज लाभ पाने के लिए जोखिम भरा निर्णय भी ले सकते हैं। आज आपका मन किसी बात से भावुक हो सकता है और आप किसी जरूरतमंद की मदद भी करेंगे। पारिवारिक जीवन में आज जीवनसाथी की सेहत को लेकर चिेता हो सकती है। सेतान की शिक्षा और करियर को लेकर भी आप आज उलझन में रहेगे। आर्थिक मामलों में आज अचानक से खर्च का भी संयोग बनेगा। वाहन का प्रयोग आज सावधानी से करें।

आज भाग्य 88% आपके पक्ष में रहेगा। पीपल को जल अर्पित करें और शनि स्तोत्र का पाठ करें।