रामगंगा का जल स्तर बढा, दर्जनों गांव पानी से घिरे
फर्रुखाबाद- बाढ़ के इस मौसम में गंगा एवं रामगंगा में जल स्तर बढ़ने के कारण तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग परेशान हो गए हैं। बीते सप्ताह गंगा नदी में बाढ़ का पानी तेजी से बढा था जो कि अब कम हो गया है। परंतु रामगंगा नदी में जल स्तर तेजी से बढ़ने लगा है। जिससे इसके किनारे पर रहने वाले एक दर्जन से अधिक गांव पानी से घिर चुके हैं। आवागमन के रास्ते अधिक पानी होने की वजह से बंद होने के कगार पर हैं।
अमैयापुर जाने वाली सड़क पर 2 फुट से अधिक पानी चल रहा है और पुलिया के पास सड़क भी क्षतिग्रस्त होने लगी है। यहां से निकलने वाले लोग जान जोखिम में डालकर अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं। तेज बहाव के इस गहरे पानी से लोग बाइक पर अपने पारिवारिक जनों को बिठाकर निकाल रहे हैं जो कि एक जोखिम भरा काम है। जब इसकी जानकारी थाना पुलिस को हुई तो पुलिस ने सक्रियता दिखाई और मौके पर पहुंच गई। वहां कुछ बच्चे और युवा तेज पानी के बहाव में मस्ती कर रहे थे। जिन्हें पुलिस ने समझा कर वहां से हटाया और जोखिम लेकर निकलने वालों को भी पुलिस ने सही रास्ता दिखाया और जब तक पानी का तेज बहाव है उन्हें वहां से न निकलने की सलाह दी। पुलिस लगातार मौके पर बनी हुई है।
रामगंगा में बढ़ रहे जल स्तर की सूचना पर अपर जिलाधिकारी सुभाष चंद्र प्रजापति अमृतपुर उप जिलाधिकारी अतुल कुमार सिंह राजस्व कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने बढ़ रहे जल स्तर की समस्याओं से पीड़ित लोगों से बातचीत की और बाढ़ ग्रस्त गांव में पहुंचकर वहां की स्थिति को देखा। लोगों से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से उपलब्ध सहायता को बाढ़ पीड़ित क्षेत्र के लोगों तक पहुंचाया जाएगा। सभी लोग बढ़ रहे पानी से सावधान रहें और तेज बहाव की तरफ ना जाएं और ना ही किसी को जाने दें। क्षेत्रीय लेखपाल विमल कुमार भी बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में पहुंचे और अपनी जिम्मेदारियो का निर्वहन करने लगे। पश्चिमी अमैयापुर पूर्वी अमैयापुर खाखिन चपरा नीचे वाला चपरा गुडेरा रुलापुर भावन हीरानगर आदि बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं। यहां से आवागमन बाधित हो चुका है। जो लोग जरूरी काम से निकल रहे हैं वह भी जोखिम उठाकर वहां से निकल पा रहे हैं। जिन किसानों ने मूंगफली और मक्के की फसल की थी अब उनका भी नुकसान हो गया है। इस इलाके में इतनी तेजी से पानी बढ़ने की उम्मीद नहीं थी। परंतु रामगंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण मूंगफली और मक्के की फसल पूरी तरीके से पानी में डूब गई। जिससे यहां रहने वाले किसान आसाराम बाबूराम होते लाल रामचंद्र रामनिवास राजेश प्रदीप सर्वेश मेघनाथ वीर सहाय आदि लोगों की फसले तबाह हो चुकी हैं। इन लोगों ने बताया कि इन फसलों के पानी में डूब जाने से उनका लाखों का नुकसान हो चुका है। तटवर्ती क्षेत्र में रहने वाले लोगों की झोपड़ियां पानी में डूब चुकी हैं और वह लोग वहां से पलायन करने पर मजबूर हो गए है। इन गांवों के कुछ निवासी वहां से निकलकर ऊंचाई की तरफ चले गए हैं और कई परिवार अपने रिश्तेदारियों में पहुंचकर वहीं रुकने पर मजबूर हो चुके हैं।
रामगंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। अगर इसी तेजी से पानी बढ़ता रहा तो इस बाढ़ की चपेट में आधा सैकड़ा से अधिक गांव आ सकते हैं। वहीं गुलरिया भावन में जाकर ग्रामीणों से वार्ता की और बच्चों को नहाने से मना किया परिजनों से कहा कि अपने-अपने बच्चों को सैलाब के पानी में नहाने से मना करें या आपकी जिम्मेदारी है। एडीएम ने लेखपाल से कहां कि जो फसल का नुकसान हुआ है। उसका सर्वे कर जल्द मुहाबजा उपलब्ध कराने को कहां।बाढ़ क्षेत्र के लोगों का कहना है कि अभी तक प्रशासन की तरफ से किसी प्रकार की कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। वही रुलापुर के ग्रामीणों योगेंद्र पाल कल्लू भूरे आदि ने बताया की चपरा को जोड़ने वाला रोड़ जिसमे पुलिया बनाई गई वह छोटी है जिसमें पानी पास नही हो पाता है।जिसकी वजह से जिससे हम लोगों के घरों में जल्द पानी घुस जायेगा। कमलेश पुत्र श्यामबाबू ने बताया कि हाथ देकर रोकने का प्रयास किया लेकिन नहीं रुके।
Jul 13 2024, 15:50