*डिफॉल्टर लेखपाल और राजस्व निरीक्षकों को दी सख्त चेतावनी*
गोंडा। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने अविवादित वरासत के प्रकरणों को 12 घंटे में निस्तारित करने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। यह वे प्रकरण हैं, जिनकी निर्धारित समय सीमा पूर्ण हो चुकी है लेकिन अभी तक यह लेखपाल या राजस्व निरीक्षकों के स्तर पर लंबित हैं। इनमें उत्तराधिकार को लेकर कोई विवाद भी नहीं है। जिलाधिकारी ने कहा है कि इन प्रकरणों का निस्तारण कर सूचना उपलब्ध कराई जाए। साथ ही, स्पष्ट किया है कि अविवादित वरासत के आवेदन पत्रों का निस्तारण निर्धारित अवधि में अनिवार्यतः किया जाए। भविष्य में जिस भी स्तर पर इनकी अनदेखी पाई जाएगी, उसके विरुद्ध प्रतिकूल कार्यवाही की जाएगी।
शासन की ओर से अविवादित वरासत के प्रकरणों के निस्तारण के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है। ऐसे प्रकरणों का निस्तारण लेखपाल स्तर पर सात दिन और कानूनगो के स्तर पर 15 दिनों में किया जाना चाहिए।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बीती 09 जुलाई को राजस्व संहिता की धारा 33(1) के अंतर्गत अविवादित वरासत के प्रकरणों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान तरबगंज और सदर तहसील में अविवादित वरासत के प्रकरण लेखपाल और राजस्व निरीक्षकों के स्तर पर लंबित पाए गए। तरबगंज तहसील में ग्राम करनीपुर, कोडर, कौचिहा, जगदीशपुर कटरा, दुर्जनपुर घाट, देवरहा, गौहानी, नगवा, बहादुरा, पूरेडाढू और सोहना ग्राम शामिल हैं। इसी तरह, सदर तहसील के तेन्दुवा चौखडिया, विशुनपुर बेलभरिया, बभनी सराय और लाल नगर ग्राम में प्रकरण लंबित हैं।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि सभी डिफॉल्टर लेखपाल और राजस्व निरीक्षकों को सख्त चेतावनी दी गई है। भविष्य में इस तरह की अनदेखी पाए जाने पर कठोर कार्यवाही की जाएगी।
Jul 12 2024, 15:04