केजरीवाल पर अनुराग ठाकुर का जोरदार हमला, बोले- वर्क फ्रॉम होम तो सुना था, वर्क फ्रॉम जेल भी देख लिया

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राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पूर्व खेल मंत्री और हिमाचल के हमीरपुर से सांसद अनुराग ठाकुर ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया। इस दौरान उन्होंने विपक्षी दलों की गठबंधन 'इंडिया' पर जमकर निशाना साधा।इस दौरान भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने गरीबों को और गरीब किया। जनता ने भी कांग्रेस को बार-बार नकारा है और तीसरी बार देश में स्थिर सरकार बनाई है।वहीं, ठाकुर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बी निशाने पर लिया।

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में कहा कि हमने वर्क फ्रॉम होम तो सुना था, लेकिन वर्क फ्रॉम जेल नहीं सुना है, लेकिन अब वो भी देख लिया। आज दिल्ली के शिक्षा मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक जेल में हैं। इनके कानून मंत्री को भी फर्जी मार्कशीट मामले में जेल हुई। उन्होंने कहा कि जो लोग बच्चों की कसम खाकर कहते थे कि एक-दूसरे के साथ नहीं आएंगे उन्होंने गठबंधन बना लिया। अनुराग ठाकुर ने तंज कसते हुए कहा कि 'सोचता हूं कि वो कितने मासूम थे क्या से क्या हो गए देखते-देखते।'

विपक्ष पर निशाना साधते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि जब ये भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी का मुकाबला दो चुनावों में नहीं कर पाए तो एक ऐसा गठबंधन बनाया, जो जेल वाले और बेल वाले ने मिलकर बनाया, कुछ जेल में थे, कुछ बेल पर थे। कुछ यहां पर भी बेल वाले हैं। इन्होंने अपने सहयोगी चुने, शराब घोटाले वाले, जमीन घोटाले वाले चुने और तो और वो सब चुने जो जेल और बेल पर थे। इस दौरान अनुराग ठाकुर ने कहा कि इनकी पार्टी तो ऐसी है, जिसका नेता जो अपने आप को दुनिया का सबसे ईमानदार नेता बताता है और वो इतना ईमानदार निकला कि देखो आज जेल में हैं। हमने तो वर्क फ्रॉम होम तो सुना था, वर्क फ्रॉम जेल देखने का अवसर इन लोगों ने दिया कि जेल सरकार कैसे चलती है।

लोकसभा में भाषण के दौरान राहुल गांधी ने कर दी ऐसी हरकत, स्पीकर ने दिखा दी नियम पुस्तिका, पक्ष विपक्ष दोनों ओर से हुआ जमकर हंगामा

संसद सत्र के चलते सोमवार का दिन बहुत हंगामे भरा रहा। दोपहर के वक़्त जैसे ही लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बोलना आरम्भ किया हंगामे की शुरुआत भी हो गई। अपने भाषण के चलते राहुल गांधी ने बोलते हुए भगवान शंकर की तस्वीर लहराई। इस के चलते स्पीकर ने उन्हें नियम पुस्तिका दिखा दी। राहुल ने कहा, 'आज मैं अपने भाषण की शुरुआत अपने भाजपा और RSS के दोस्तों को हमारे आइडिया के बारे में बताने से कर रहा हूं, जिसका उपयोग हम संविधान की रक्षा करने के लिए करते हैं।' 

राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर भी सीधे हमले किए। उन्होंने कहा कि मैं बायोलॉजिकल हूं। लेकिन पीएम बायोलॉजिकल नहीं हैं। राहुल गांधी जब अपनी स्पीच दे रहे थे, तब स्पीकर ने किसी बात पर उन्हें टोका। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने शिवजी की फोटो दिखा दी तथा आप गुस्सा हो गए। अपने भाषण में राहुल गांधी ने कहा, 'हिंदुस्तान ने कभी किसी पर हमला नहीं किया। इसकी वजह है। हिंदुस्तान अहिंसा का देश है, यह डरता नहीं है। हमारे महापुरुषों ने यह संदेश दिया- डरो मत, डराओ मत। शिवजी बोलते हैं- डरो मत, डराओ मत और त्रिशूल को जमीन में गाड़ देते हैं। दूसरी तरफ जो लोग अपने आपको हिंदू बोलते हैं वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा एवं नफरत-नफरत-नफरत करते हैं। आप हिंदू हो ही नहीं। सनातन धर्म में स्पष्ट लिखा है, सच का साथ देना चाहिए।' 

राहुल गांधी ने भगवान शिव को अपने लिए प्रेरणा बताते हुए कहा कि उनसे विपरीत हालातों में संघर्ष की प्रेरणा मिली। उनके बाएं हाथ में त्रिशूल का मतलब अहिंसा है। हमने सच की रक्षा की है बिना किसी हिंसा के। भाजपा को निशाने पर लेते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उनके लिए सिर्फ सत्ता मायने रखती है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि उन पर फर्जी मुकदमे लगा दिए गए हैं। राहुल ने कहा, 'ED ने मुझसे पूछताछ की, अधिकारी भी हैरान थे। INDIA ब्लॉक के नेताओं को जेल में रखा गया। OBC -एससी-एसटी की बात करने वालों पर मुकदमे किए जा रहे हैं।'

कर्नाटक में दो कांग्रेस नेताओं को लेकर आमने-सामने आए हिन्दू समुदाय, सिद्धरमैया और शिवकुमार में शुरू हुआ सत्ता संघर्ष

कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक में एक वोक्कालिगा संत द्वारा सिद्धारमैया के स्थान पर डी के शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग को लेकर राजनीति गरमा गई है। राज्य में कांग्रेस नेताओं को लेकर हिन्दुओं में दो फाड़ हो गई है, एक पक्ष सिद्धारमैया का समर्थन कर रहा है, तो दूसरा डी के शिवकुमार का। अब राज्य में अहिंदा (पिछड़ा वर्ग) कार्यकर्ताओं ने सिद्धारमैया के प्रति अपना समर्थन घोषित किया है और कहा है कि यदि ऐसा कोई कदम उठाया गया तो वे राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे।

दरअसल, सिद्धारमैया अहिंदा आंदोलन का चेहरा और रणनीतिकार हैं, जो अल्पसंख्यातरु (अल्पसंख्यक), हिंदुलिदावरु (पिछड़ा वर्ग) और दलितरु (दलित) के लिए शुरू हुआ है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अहिंदा के कर्नाटक अध्यक्ष प्रभुलिंगा डोड्डामणि ने ऐलान किया है कि, "हम हमेशा सीएम सिद्धारमैया के साथ उनकी रीढ़ की हड्डी की तरह खड़े रहेंगे।" डोड्डामणि ने आगे कहा कि, "इस तरह का बयान देने से धार्मिक आघात पहुंचेगा। संत को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए। स्वामीजी सभी के लिए हैं, किसी एक खास समुदाय तक सीमित नहीं हैं। अगर वे हमारे प्रिय सिद्धारमैया को सत्ता से हटाने की कोशिश करेंगे, तो हम चेतावनी देते हैं कि कांग्रेस पार्टी का अस्तित्व ही नहीं रहेगा।"

उल्लेखनीय है कि, अहिंदा ने राज्य में कांग्रेस को सत्ता में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। डोड्डामनी ने कहा, "अहिंदा संगठन की ओर से हम चाहते हैं कि हमारे सर (सिद्धारमैया) अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा करें। अगर बदलाव को लेकर कोई बहस होती है, तो हम हर जिले और तालुका में इसका विरोध करेंगे और उनके साथ मजबूती से खड़े रहेंगे।" वहीं, डीके शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय के प्रभावशाली नेता हैं, जो कर्नाटक की कुल आबादी का 15 प्रतिशत है। सिद्धारमैया कुरुबा समुदाय से आने वाले OBC नेता हैं, जिन्होंने पिछड़े वर्ग को अच्छे से साध रखा है। अब इन्ही दो कांग्रेस नेताओं के पीछे हिन्दू समुदाय में फूट पड़ गई है और वो आपस में ही उलझ गए हैं। 

बताया जा रहा है कि, सिद्धारमैया की मांग ने ही पर कर्नाटक कांग्रेस में सत्ता संघर्ष को बढ़ावा दिया है। सिद्धारमैया ने कहा कि उनके प्रदर्शन का आकलन करना और नेतृत्व परिवर्तन पर फैसला करना पार्टी हाईकमान पर निर्भर है, जबकि शिवकुमार ने भी ऐसी चर्चाओं को खारिज करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से ऐसी मांगों से दूर रहने को कहा है। सिद्धारमैया ने कहा कि, मैं वही करूंगा जो पार्टी हाईकमान कहेगा। भाजपा भी इस चर्चा में शामिल हो गई और आरोप लगाया कि, कांग्रेस पार्टी में सत्ता संघर्ष चल रहा है। वहां कोई शासन नहीं है।

'हिंदू' पर राहुल गांधी ने कर दी ऐसी टिप्पणी कि PM मोदी ने बीच में टोका, अमित शाह भी भड़के

 लोकसभा में आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा चल रही है. नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बहस शुरू की तथा संविधान के बहाने मोदी सरकार पर जमकर हमला किया. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत संविधान की कॉपी हाथ में लेकर की. इस दौरान राहुल गांधी ने एक ऐसा बयान दे दिया जिससे हंगामा खड़ा हो गया. इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने खड़े होकर विरोध जताया तथा कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर बात है.

राहुल गांधी ने कहा, 'मोदीजी ने अपने भाषण में एक दिन कहा कि हिंदुस्तान ने कभी किसी पर हमला नहीं किया. इसकी वजह है. हिंदुस्तान अहिंसा का देश है, यह डरता नहीं है. हमारे महापुरुषों ने यह संदेश दिया- डरो मत, डराओ मत. शिवजी बोलते हैं- डरो मत, डराओ मत और त्रिशूल को जमीन में गाड़ देते हैं. दूसरी ओर जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा..नफरत-नफरत-नफरत... आप हिंदू हो ही नहीं. हिंदू धर्म में साफ लिखा है सच का साथ देना चाहिए.'

राहुल गांधी के बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा आरम्भ कर दिया. प्रधानमंत्री मोदी अपनी चेयर पर उठकर खड़े हुए तथा इसे गंभीर बात बताया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर बात है. इस पर राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी एवं भाजपा पूरा हिंदू समाज नहीं है. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विपक्ष के नेता ने जो कहा, उन्हें इसकी माफी मांगनी चाहिए. इस धर्म पर करोड़ों लोग गर्व से हिंदू बोलते हैं. मैं उनको गुजारिश करता हूं कि इस्लाम में अभय मुद्रा पर एक बार वो इस्लामिक विद्वानों की राय वो ले लें. गृह मंत्री अमित शाह ने आपत्ति व्यक्त करते हुए उनसे माफी की मांग की. शाह ने कहा कि राहुल बोलना चाहते हैं कि देश के करोड़ो हिंदू हिंसक हैं? कहा कि क्या नेता प्रतिपक्ष माफी मांगेंगे? हिंसा को किसी धर्म से जोड़ना गलत है. आगे अमित शाह ने कहा कि राहुल को देश से माफी मांगनी चाहिए.

अमित शाह ने कहा, 'इस्लाम में अभय मुद्रा (जो राहुल गांधी ने बात कही है), इस पर इस्लाम के विद्दानो का मत इस पर ले लें, गुरुनानक जी के अभय मुद्रा के मुद्दे पर SGPC का मत इस पर ले लें. अभय बात तो इनको करने का कोई अधिकार नही है आपातकाल में इन्होंने पूरे देश को भयभीत किया है, आपातकाल के समय वैचारिक आतंक था. दिल्ली में दिन दहाड़े हजारों सिख भाइयों का कत्लेआम हुआ. ये अभय की बात कर रहे हैं. नेता विपक्ष को पहले भाषण में सदन के संग पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए.'

आतंकवाद के आरोपों से घिरे कश्मीरी नेता अब्दुल रशीद शेख को मिली सांसद की शपथ लेने की इजाजत, पढ़िए, एनआईए के वकील ने क्या दिए तर्क

 राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सोमवार (1 जुलाई) को बारामुल्ला से जेल में बंद कश्मीरी नेता अब्दुल रशीद शेख उर्फ ​​इंजीनियर रशीद को 5 जुलाई को संसद में सांसद के रूप में शपथ लेने की अनुमति दे दी। हालांकि, NIA का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने आज अदालत में कहा कि सहमति कुछ शर्तों के अधीन होनी चाहिए, जिसमें मीडिया से बातचीत नहीं करना भी शामिल है। राशिद ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के बारामुल्ला निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता था, लेकिन 18वीं लोकसभा में आधिकारिक समारोह के दौरान शपथ नहीं ले पाए थे।

उन्होंने NIA के एक मामले में हिरासत में रहते हुए बारामुल्ला से चुनाव जीता था। राशिद ने लोकसभा सांसद के रूप में शपथ लेने के लिए अंतरिम जमानत या हिरासत पैरोल की मांग की थी। पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष न्यायाधीश चंदर जीत सिंह कल राशिद की जमानत याचिका पर आदेश पारित करेंगे। इंजीनियर राशिद ने सांसद के रूप में शपथ लेने के लिए अंतरिम जमानत या हिरासत पैरोल की मांग की थी। वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दर्ज आतंकवाद के वित्तपोषण के एक मामले में पिछले पांच वर्षों से हिरासत में है। हाल ही में हुए आम चुनावों में उन्होंने बारामुल्ला से पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराया था। 

NIA के वकील ने राशिद को शपथ लेने के लिए 5 से 7 जुलाई के बीच तीन तारीखें सुझाईं। बचाव पक्ष के वकील विख्यात ओबेरॉय ने कहा कि 5 जुलाई ठीक है, क्योंकि 6 और 7 जुलाई को छुट्टियां हैं। उनके वकील ने अदालत से राशिद को पहचान पत्र और सीजीएचएस कार्ड प्राप्त करने और बैंक खाता खोलने की सुविधा देने का भी आग्रह किया। वकील ने अदालत से सांसद के रूप में शपथ लेने के समय परिवार के सदस्यों की उपस्थिति की भी अनुमति देने का आग्रह किया। अवकाशकालीन न्यायाधीश की अदालत ने 22 जून को सांसद इंजीनियर राशिद के आवेदन पर जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया। 22 जून को एनआईए के वकील ने इसे गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला बताते हुए जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय मांगा। 

राशिद के वकील विख्यात ओबेरॉय ने दलील दी कि राशिद भारी बहुमत से जीते हैं और लोग उनसे प्यार करते हैं और चाहते हैं कि वे लोकतांत्रिक तरीके से संसद में चुनाव लड़ें। वकील ने दलील दी कि अदालत जेल अधिकारियों को लोकसभा सचिवालय से संपर्क करने का निर्देश दे सकती है, एनआईए को लोकसभा सचिवालय से संपर्क करने का निर्देश दे सकती है या लोकसभा सचिवालय को राशिद के शपथ ग्रहण की तिथि निर्दिष्ट करने का निर्देश दे सकती है। उन्होंने राउज एवेन्यू कोर्ट और पटना हाईकोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें जेल अधिकारियों को आरोपी को शपथ ग्रहण कराने का निर्देश दिया गया था। 18 जून को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने एनआईए को निर्देश दिया था कि वह बताए कि राशिद तीन तारीखों में से किस तारीख को शपथ ग्रहण करेंगे। 

कोर्ट ने एनआईए को जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया था। नवनिर्वाचित सांसदों के शपथ ग्रहण की निर्धारित तिथियां 24, 25 और 26 जून बताई गई थीं। एनआईए ने जमानत मिलने पर उन्हें संसद ले जाने की रूपरेखा तय करने के लिए समय मांगा था। हालांकि, बचाव पक्ष के वकील ने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा पारित आदेश का हवाला दिया। उन्होंने यह भी कहा कि इंजीनियर कोर्ट की हिरासत में है। इसलिए उसे संसद ले जाने में एनआईए की कोई भूमिका नहीं है। इसके बाद राशिद ने सांसद के तौर पर शपथ लेने के लिए जमानत की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया। 

5 जून को एएसजे सिंह ने मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जवाब मांगा था। उनके वकील एडवोकेट विख्यात ओबेरॉय ने मीडिया को बताया कि शपथ लेने और अन्य संसदीय कार्य करने के लिए अंतरिम जमानत और वैकल्पिक हिरासत पैरोल की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया गया था। ओबेरॉय ने कहा कि मामले को अदालत ने उठाया और एनआईए द्वारा जवाब के लिए सूचीबद्ध किया गया। ओबेरॉय ने यह भी कहा कि राशिद दो बार विधायक भी रह चुके हैं। अब उन्हें चुनाव जीतने के बाद सांसद के तौर पर शपथ लेनी होगी। शपथ समारोह की तारीख अभी घोषित नहीं की गई है।

भगवान शिव की तस्वीर लेकर संसद में आए राहुल गांधी, जानें सदन में क्या बोले कांग्रेस सांसद, जिसपर मचा बवाल

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लोकसभा में आज कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी भगवान शिव की तस्वीर लेकर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने भगवान शिव की तस्वीर हाथों में लेकर बीजेपी पर खूब प्रहार किए। राहुल गांधी ने शिवजी के सांप और त्रिशूल की तरफ ध्यान दिलाते हुए उसे अहिंसा का प्रतीक बताया है।राहुल ने अपने संबोधन के दौरान कुरान और गुरु नानक की भी तस्वीर दिखाई।इस दौरान लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। राहुल के भाषण के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने भी आपत्ति जताई।

लोकसभा में राष्ट्रपति मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने पहले भगवान शिव की तस्वीर दिखाई। इस पर स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें टोका और कहा कि नियम के तहत यह उचित नहीं है। इस पर राहुल गांधी ने कहा, तस्वीर के जरिए मैं कुछ बताना चाहता हूं। शिवजी से कभी नहीं डरने की शक्ति मिलती है। शिवजी से हमें सत्य से कभी पीछे नहीं हटने की प्रेरणा मिलती रही है। बाएं हाथ में शिवजी का त्रिशूल अहिंसा का प्रतीक है। जबकि दाहिने हाथ में होता तो यह हिंसा का प्रतीक होता। सत्य, साहस और अहिंसा हमारा संबल है। 

सत्ता पक्ष वाले हिंदू नहीं-राहुल गांधी

सदन में गुरुनानक की तस्वीर दिखाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, शिवजी कहते हैं, डरो मत डराओ मत। राहुल गांधी ने कहा कि कुरान में भी न डरने और न डराने की बात कही गई है। उन्होंने महावीर जैन, गौतम बुद्ध और ईसाई धर्म का भी नाम लिया। इन सभी का नाम लेकर राहुल गांधी ने कहा कि सभी धर्मों ने न डरने और न डराने की बात कही गई है। राहुल गांधी ने आगे बीजेपी पर जोरदार प्रहार करते हुए कहा कि, जो लोग अपने को हिंदू कहते है और वो 24 घंटा हिंसा और नफरत फैलाते हैं। आप हिंदू हो ही नहीं।सत्ता पक्ष वाले हिंदू नहीं हैं। इसके साथ ही उन्होंने सदन में हाथ ऊपर करते हुए ‘अभय मुद्रा’ दिखाई।

हिंदू को हिंसक समाज कहना गलत-पीएम मोदी

इस पर पीएम मोदी ने राहुल गांधी को टोकते हुए कहा कि हिंदू को हिंसक समाज कहना गलत है। राहुल के भाषण से नाराज अमित शाह ने कहा कि विपक्ष ने हिंदू को हिंसक कहा। इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। हिंसा को धर्म से जोड़ना गलत है। राहुल को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। 

बीजेपी 24 घंटे नफरत फैलाती है-राहुल गांधी

इस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा, विपक्ष के नेता को सदन की गरिमा बनाए रखनी चाहिए। अपना भाषण फिर से देते हुए राहुल ने कहा कि हिंदू नफरत नहीं फैला सकता। लेकिन बीजेपी 24 घंटे नफरत फैलाती है।

संविधान और संविधान पर हमले का विरोध करने वालों पर हमले का आरोप

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, भारत के विचार संविधान और संविधान पर हमले का विरोध करने वाले लोगों पर एक व्यवस्थित और पूर्ण पैमाने पर हमला किया गया है। हममें से कई लोगों पर व्यक्तिगत हमले किए गए। कुछ नेता अभी भी जेल में हैं। जिस किसी ने भी सत्ता और धन के केंद्रीकरण, गरीबों, दलितों और अल्पसंख्यकों पर आक्रामकता के विचार का विरोध किया, उसे कुचल दिया गया। भारत सरकार के आदेश से, भारत के प्रधानमंत्री के आदेश से मुझ पर हमला किया गया। इसका सबसे सुखद हिस्सा ईडी द्वारा 55 घंटे की पूछताछ थी। 

पीएम मोदी पर राहुल गांधी का हमला

राहुल गांधी ने कहा, पीएम कहते हैं कि (महात्मा) गांधी मर चुके हैं और गांधी को एक फिल्म द्वारा पुनर्जीवित किया गया था। क्या आप अज्ञानता को समझ सकते हैं?… एक और बात जो मैंने देखी वह यह है कि सिर्फ एक धर्म नहीं है जो साहस की बात करता है। सभी धर्म साहस की बात करते हैं।

खरगे ने आरएसएस को लेकर राज्यसभा में दिया ऐसा बयान, मच गया बवाल, जानें क्या कहा

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संसद सत्र का छठा दिन भी हंगामों से भरा है।राज्यसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे के एक बयान पर हंगामा मच गया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर प्रहार किए। इस दौरान खडगे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर भी सवाल उठाए और आरोप लगाया कि आरएसएस ने नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या करवाई। इस पर सदन में हंगामा मच गया। 

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान खरगे ने कहा कि आरएसएस एक मनुवादी संस्था है। इसकी विचारधारा देश के लिए खतरनाक है। भारत के संस्थानों पर आरएसएस का कब्जा हो रहा है, यह देश के चिंता का विषय है। उन्होंने आगे कहा कि संघ के लोगों ने गांधी की हत्या की थी।खरगे ने कहा कि गोडसे को उकसाकर गांधी की हत्या कराई थी।

खरगे के बयान पर सभापति ने संघ का बचाव किया। सभापति ने कहा कि आरएसएस का सदस्य होना गुनाह है क्या? यह राष्‍ट्रह‍ित में कार्य कर रही है। देश में आरएसएस का बहुत योगदान है। 

सत्ताधारी बीजेपी के सदस्यों ने खड़गे के इस बयान पर आपत्ति जताई। हालांकि चेयरमैन धनखड़ ने उन्हें शांत कराते हुए खडगे से अपना भाषण जारी रखने को कहा।

वहीं खड़गे ने सदन में संबोधन जारी रखते हुए कहा, आरएसएस चीफ ने मण‍िपुर में नसीहत दी, उनकी तो बात सुन लीज‍िए, मणिपुर जल रहा है। ये मेरे शब्‍द नहीं हैं मोहन भगवत के शब्‍द हैं। मोहन भागवत का हर भाषण सुन लीज‍िए। कांग्रेस अध्यक्ष ने इसके साथ ही कहा,मैं आरएसएस के फाउंडर से लेकर सबको पढ़ता हूं। वह समाज को खत्‍म करने में लगे हैं उनको तो सुनता हूं मैं। 

इस पर चेयरमैन धनखड़ ने एक बार फिर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘आपने कंटेप्ट वाला भाषण द‍िया है। ये लोग समाज को खत्‍म करने वाला काम कर रहे हैं, यह ब‍िल्‍कुल गलत बयान है आपका।

वहीं, जेपी नड्डा ने खरगे के इस बयान को रिकॉर्ड से हटाने की मांग की। नड्डा ने कहा कि खरगे का बयान गैर जिम्मेदाराना है। नड्डा ने कहा कि खरगे को आरएसएस के बारे में जानकारी नहीं है। उनका ये बयान निंदनीय है और तथ्यों से परे है। नड्डा की मांग पर सभापति ने खरगे के बयान को रिकॉर्ड से हटाने का आदेश दे दिया। इसके बाद खरगे के बयान को रिकॉर्ड से हटा दिया गया।

आज से लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों, अमित शाह ने बताई बारीकियां*
#amit_shah_on_three_new_criminal_laws
देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव करते हुए आज सोमवार से 3 नए कानूनों को लागू कर दिया गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को तीन नए कानूनों के अमल में आने का ऐलान किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि औपनिवेशिक कानून का दौर अब खत्म हो गया है। आजादी के 77 सालों बाद हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली पूर्णत: स्वदेशी और अपनी संस्कृति के अनुरूप होगी। अब देश में दंड की जगह न्याय मिलेगा। देरी की जगह त्वरित सुनवाई होगी। राजद्रोह कानून को भी खत्म कर दिया गया है।सबसे पहले दफाओं और चैप्टर्स की प्राथमिकता तय की गई है और इसमें पहला अध्याय महिलाओं और बच्चों के लिए है। अमित शाह ने आगे कहा, राजद्रोह को हमने जड़ से समाप्त कर दिया है। पहले सरकार के खिलाफ बयान देना गुनाह था। राजद्रोह एक ऐसा कानून था, जिसे अंग्रेजों ने अपने शासन की रक्षा के लिए बनाया था। महात्मा गांधी, तिलक और सरदार पटेल… इन सभी ने इसी कानून के तहत 6-6 साल की सजा काटी थी। इसी कानून के तहत केसरी पर प्रतिबंध भी लगाया गया था। लेकिन अब हमने राजद्रोह कानून को खत्म कर दिया है और इसकी जगह देश-विरोधी हरकतों के लिए नई धारा लेकर आए हैं। *तलाशी या रेड दोनों ही मामलों में होगी वीडियोग्राफी-शाह* शाह ने आगे कहा कि ये कानून सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली का सृजन करेगी। उन्होंने आगे बताया कि हमने कंप्यूटराइजेशन की प्रक्रिया 99.9 फीसदी पूरी कर ली है। 90 दिन के अंदर पीड़ित को केस का अपडेट ऑनलाइन भेजा जाएगा। ये कानून पीड़ित के पक्ष में बनाया गया है। साथ ही तलाशी या रेड दोनों ही मामलों में वीडियोग्राफी भी की जाएगी। उन्होंने कहा, न्याय प्रक्रिया अब संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं में शामिल की जाएगी। *बार-बार अपराध करने वालों पर ज्यादा सजा का प्रावधान-शाह* शाह ने बताया कि 15 अगस्त तक केंद्र शासित प्रदेशों में भी इसे पूरी तरह से लागू करने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि इससे अपराध में भी 90 फीसदी तक रोक लग सकेगी क्योंकि बार-बार अपराध करने वालों पर ज्यादा सजा का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा, तीनों कानूनों के एक बार पूरी तरह से क्रियान्वित हो जाने के बाद एफआईआर दर्ज किए जाने से लेकर सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलने तक 3 साल से अधिक वक्त का समय नहीं लगेगा और मुझे इस पर भरोसा है। *विपक्ष के विरोध का दिया जवाब* नए कानूनों को लेकर विपक्ष की ओर से किए जा रहे हमले पर अमित शाह ने कहा कि संहिता को लेकर विपक्ष के कुछ दोस्त अलग-अलग बातें मीडिया के सामने रख रहे हैं कि अभी ट्रेनिंग नहीं हुई है, चर्चा नहीं हुई है। जबकि सच्चाई यही है कि लोकसभा में 9 घंटा 34 मिनट चर्चा हुई जिसमें 34 सदस्यों ने हिस्सा लिया. इसी तरह राज्यसभा में 7 घंटा 10 मिनट चर्चा हुई जिसमें 40 सदस्यों ने हिस्सा लिया।
फ्रांस के पहले दौर के चुनावों में धुर दक्षिणपंथी मरीन ले पेन की पार्टी की जीत, उल्टा पड़ा मैंक्रों का मध्यावधि चुनाव वाला दांव

#far_right_marine_le_pen_party_big_victory_in_first_round_of_french_elections 

फ्रांस में संसदीय चुनाव के पहले दौर के मतदान के बाद अनुमान जताया जा रहा है कि सत्ता की बागडोर पहली बार राष्ट्रवादी एवं धुर-दक्षिणपंथी ताकतों के हाथों में जा सकती है।फ्रांस संसदीय चुनावों के पहले चरण के मतदान में धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन की पार्टी नेशनल रैली (आरएन) की धमाकेदार जीत हुई है। इसके बाद 7 जुलाई को दूसरे चरण का मतदान होना है। मगर तमाम एग्जिट पोल के अनुसार धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन की पार्टी नेशनल रैली (आरएन) ही सरकार बनाती दिख रही है। वहीं राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की विदाई अब तय मानी जा रही है।मैंक्रों की पार्टी तीसरे स्थान पर खिसक गई है।

आईपीएसओएस के शुरुआती अनुमानों के मुताबिक नेशनल रैली (आरएन) के नेतृत्व वाला धुर दक्षिणपंथी गठबंधन 34 फीसदी वोट के साथ पहले स्थान पर है, जबकि वामपंथी गठबंधन 28.1 फीसदी वोट के साथ दूसरे स्थान पर है, वहीं मैंक्रों की पार्टी 20.3 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर चल रही है। 

कई फ्रांसीसी मतदाता महंगाई और आर्थिक चिंताओं से परेशान हैं और वे राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के नेतृत्व से भी निराश हैं। मरीन ले पेन की आव्रजन विरोधी ‘नेशनल रैली’ पार्टी ने इस असंतोष को चुनाव में भुनाया है और उसे विशेष रूप से ‘टिकटॉक’ जैसे ऑनलाइन मंचों के जरिए हवा दी है। चुनाव-पूर्व सभी जनमत सर्वेक्षणों में ‘नेशनल रैली’ की जीत का अनुमान जताया गया है। नया वामपंथी गठबंधन ‘न्यू पॉपुलर फ्रंट’ भी व्यापार समर्थक मैक्रों और उनके मध्यमार्गी गठबंधन ‘टुगेदर फॉर द रिपब्लिक’ के लिए चुनौती पेश कर रहा है।

इस साल जून की शुरुआत में यूरोपीय संसद के चुनाव में ‘नेशनल रैली’ से मिली करारी शिकस्त के बाद मैक्रों ने फ्रांस में मध्यावधि चुनाव की घोषणा की थी।इस महीने की शुरुआत में छह जून को यूरोपीय संसद के लिए चुनाव हुए थे। इस दौरान फ्रांस में सबसे चौंकाने वाली राजनीतिक परिस्थितियां थीं। यहां फ्रांस की धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ला पेन की नेशनल रैली ने मैक्रों की पार्टी को जबरदस्त झटका दिया था। इसके बाद ही राष्ट्रपति ने अंतिम नतीजे आने से पहले ही अचानक राष्ट्रीय चुनावों की घोषणा कर सबको हैरान कर दिया था। ‘नेशनल रैली’ का नस्लवाद और यहूदी-विरोधी भावना से पुराना संबंध है और यह फ्रांस के मुस्लिम समुदाय की विरोधी मानी जाती है। चुनाव परिणाम संबंधी पूर्वानुमान के अनुसार, संसदीय चुनाव में ‘नेशनल रैली’ की जीत की संभावना है।

पश्चिम बंगाल में बीच सड़क में महिला की बेरहमी से पीटाई, वीडियो वायरल होने पर आरोपी गिरफ्तार
पश्चिम बंगाल में एक महिला के साथ क्रूरता का मामला आया है। चोपरा ब्लॉक में बीच सड़क पर एक महिला और एक पुरुष को एक शख्स ने बेरहमी से पीटा है। भरी भीड़ के बीच में महिला और पुरुष की पिटाई की गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए महिला पुरुष को पीटने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि ये इलाके में लोगों के द्वारा खुद सजा देने वाले सालीसी सभा (कंगारु कोर्ट) ने सजा सुनाई थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कंगारू कोर्ट के नाम पर सड़क पर एक महिला और एक पुरुष की पिटाई करने का वीडियो वायरल होने के बाद से आरोपी तजमुल हक उर्फ जेसीबी फरार था, जिसे डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मामला प्रेम प्रसंग का बताया जा रहा है। चोपरा ब्लॉक के लखीपुर गांव के पंचायत दिघलगांव में एक प्रेमी और प्रेमिका को लोकल सालीसी सभा (कंगारू कोर्ट) ने पीटने की सजा सुनाई। दोनों को बीच सड़क पर बेरहमी से पीटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मचा और पुलिस हरकत में आई। इस मामले में मामले पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'महिलाओं पर हमले अस्वीकार्य हैं, चाहे उनकी जाति कुछ भी हो। चुनाव हो चुके हैं, नतीजे घोषित हो चुके हैं। सबसे ज्यादा सीटें सत्तारुढ दल ने जीते हैं, फिर राज्य में हिंसा का सहारा क्यों लिया जा रहा है। महिलाओं के खिलाफ जैसे हिंसा के मामले बंगाल में हो रहे हैं, वो कहीं और नहीं हो रहे हैं। किसी भी महिला के साथ किसी को हिंसा करने का अधिकार नहीं है।

पश्चिम बंगाल में एक महिला के साथ क्रूरता का मामला आया है। चोपरा ब्लॉक में बीच सड़क पर एक महिला और एक पुरुष को एक शख्स ने बेरहमी से पीटा है। भरी भीड़ के बीच में महिला और पुरुष की पिटाई की गई। इस घटना क