J&K | First batch of Shri Amarnath Yatra pilgrims reaches Nunwan base camp in Pahalgam
The pilgrims who have arrived here from different parts of the country say, "There are good arrangements for pilgrims here. We also want to thank the p
यौन शोषण मामले में सीआईडी ने येदियुरप्पा के खिलाफ दायर किया आरोप पत्र, लगाया गंभीर आरोप
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कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के खिलाफ नाबालिग लड़की से यौन शोषण के मामले में अपराध जांच शाखा (सीआईडी) लगातार जांच कर रही है। यौन शोषण मामले में राज्य पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने उनके और तीन अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। आरोप पत्र में कहा है कि पूर्व सीएम ने अपने तीन सहयोगियों के साथ मिलकर पीड़िता और उसकी मां को चुप रहने के लिए मोटी रकम दी है। येदियुरप्पा और उनके के तीन सहयोगियों पर भी सुबूत नष्ट करने और रिश्वत देने के आरोप दर्ज किए गए हैं। बता दें कि येदियुरप्पा पर आरोप है कि उन्होंने नाबालिग लड़की के साथ अपने आवास पर अश्लील हरकत की थी। उनके खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
शुक्रवार को सीआईडी के दायर किए आरोप पत्र में बताया गया कि 81 वर्षीय येदियुरप्पा के खिलाफ पोक्सो की धारा 8 व आईपीसी की धारा 354ए, 204, 214 और उनके सहयोगियों अरुण वाइएम और रुद्रेश एम. के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 204, 214 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। आरोप पत्र में बताया गया है कि दो फरवरी को सुबह 11.15 बजे 17 वर्षीय नाबालिग और उसकी मां डॉलर कॉलोनी स्थित येदियुरप्पा के आवास पहुंचे थे। आवास पर जब येदियुरप्पा नाबालिग की मां से बात कर रहे थे तब उन्होंने अपने बाएं हाथ से पीड़िता की दाहिनी कलाई पकड़ रखी थी। इसके बाद येदियुरप्पा ने नाबालिग को हॉल के बगल में स्थित एक बैठक रूम के भीतर बुलाया और दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया। चार्जशीट में आगे दावा किया गया है कि कमरे में येदियुरप्पा ने पीड़िता से पूछा कि क्या उसे उस व्यक्ति का चेहरा याद है जिसने पहले उसका यौन उत्पीड़न किया था। इसके जवाब में पीड़िता ने दो बार कहा कि हां उसे याद है।
सीआईडी ने चार्जशीट में आगे कहा कि पीड़िता ने येदियुरप्पा के हाथ को झटकते हुए दूर हट गई और उनसे दरवाजा खोलने के लिए कहा। इसके बाद येदियुरप्पा ने दरवाजा खोला और पीड़िता के हाथ में कुछ पैसे रखकर बाहर निकल गए। बाहर निकलने के बाद उन्होंने पीड़िता की मां से कहा कि वो इस मामले में उनकी मदद नहीं कर सकते हैं। इसके बाद उन्होंने पीड़िता की मां को भी कुछ पैसे दिए और फिर आवास से बाहर भेज दिया।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, येदियुरप्पा पर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धारा 8 (यौन उत्पीड़न के लिए सजा) और धारा 354A (यौन उत्पीड़न), 204 (इसे रोकने के लिए दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को नष्ट करना) के तहत आरोप लगाया गया है। वहीं, तीन अन्य सह अभियुक्तों अरुण वाई एम, रुद्रेश एम और जी मारिस्वामी, जो येदियुरप्पा के सहयोगी हैं पर पॉस्को अधिनियम के साथ-साथ आईपीसी की धारा 204 और 214 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
ISRO जासूसी मामले में साजिश के तहत फंसाए गए थे अंतरिक्ष वैज्ञानिक नंबी नारायणन, अब जिम्मेदार अफसरों पर सीबीआई फाइल करेगी चार्जशीट
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने दो पूर्व DGP, केरल के सिबी मैथ्यूज और गुजरात के आरबी श्रीकुमार के साथ-साथ तीन अन्य सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। यह कार्रवाई 1994 के ISRO जासूसी मामले में अंतरिक्ष वैज्ञानिक नंबी नारायणन को फंसाने में उनकी कथित संलिप्तता से संबंधित है।
बता दें कि, यह विवाद अक्टूबर 1994 में शुरू हुआ था, जब केरल पुलिस ने मालदीव की नागरिक रशीदा को तिरुवनंतपुरम में गिरफ़्तार किया और उस पर पाकिस्तान को ISRO रॉकेट इंजन के गोपनीय चित्र बेचने की कोशिश करने का आरोप लगाया। जांच जल्द ही फैल गई, जिसके परिणामस्वरूप ISRO के क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट के तत्कालीन निदेशक नंबी नारायणन, ISRO के उप निदेशक डी शशिकुमारन और रशीदा की मालदीव की दोस्त फ़ौसिया हसन को गिरफ़्तार कर लिया गया। नंबी नारायणन को हिरासत में केरल पुलिस और IB अधिकारियों द्वारा पूछताछ के दौरान उन्हें गंभीर शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी गईं। यह यातना 50 दिनों तक चली, जिससे उनकी प्रतिष्ठा और करियर को काफी नुकसान पहुंचा। हालांकि, बाद में CBI जांच हुई और नंबी नारायणन पर लगे इन तमाम आरोपों को निराधार पाया गया।
सितंबर 2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने नंबी नारायणन के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को "मनोवैज्ञानिक उपचार" करार दिया, जिसमें कहा गया कि उनकी "स्वतंत्रता और गरिमा", जो उनके मानवाधिकारों के लिए बुनियादी है, उन्हें हिरासत में लिए जाने के कारण खतरे में डाल दिया गया और अतीत के सभी गौरव के बावजूद, अंततः उन्हें "निंदनीय घृणा" का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ा। 15 अप्रैल, 2021 को सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि ISRO वैज्ञानिक नंबी नारायणन से जुड़े 1994 के जासूसी मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर एक उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को दी जाए।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद 2021 में मामला दर्ज करने के बाद, CBI ने तत्कालीन पुलिस उप महानिरीक्षक मैथ्यूज, जिन्होंने मामले की जांच करने वाले विशेष जांच दल (SIT) का नेतृत्व किया था, श्रीकुमार, जो खुफिया ब्यूरो में उप निदेशक थे, पीएस जयप्रकाश, जो उस समय SIB-केरल में तैनात थे, तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक केके जोशुआ और निरीक्षक एस विजयन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। अधिकारियों ने बताया कि CBI ने उन पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं 120बी (आपराधिक साजिश), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 330 (स्वीकारोक्ति करवाने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 167 (झूठे दस्तावेज तैयार करना), 193 (मनगढ़ंत साक्ष्य तैयार करना), 354 (महिलाओं पर आपराधिक हमला) के तहत आरोप लगाए हैं।
बता दें कि, 1994 में जब डॉ नंबी नारायणन एक महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन पर काम कर रहे थे और देश को दुनिया में आगे बढ़ाने के लिए मेहनत कर रहे थे, उस समय उनके जीवन में एक दुखद मोड़ आया जब उन्हें एक मनगढ़ंत जासूसी मामले में फंसा दिया गया। उन पर फर्जी आरोप लगाया गया था कि, उन्होंने गोपनीय भारतीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को विदेशी एजेंसियों को लीक कर दिया था, ये सब अंतरिक्ष में भारत के बढ़ते क़दमों को रोकने के लिए किया गया था। घटनाओं की एक श्रृंखला के कारण इस वैज्ञानिक की गिरफ्तारी हुई और बाद में कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा उन्हें कई तरह से यातनाएं दी गई, जिसमें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिक के साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया, जिसने देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया।
सत्य और न्याय की जीत होने से पहले डॉ नंबी नारायणन का मामला दो दशकों से अधिक समय तक चला। उनकी कानूनी टीम, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों के अथक प्रयासों के कारण अंततः 2018 में, यानि 24 साल प्रताड़ना झेलने के बाद, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया। न्यायालय ने न केवल उन्हें निर्दोष घोषित किया, बल्कि उनकी गलत गिरफ्तारी में राज्य सरकार की भूमिका की भी आलोचना की। इस ऐतिहासिक फैसले ने न केवल डॉ. नारायणन को सही साबित किया, बल्कि प्रणालीगत विफलताओं और निहित हितों के बावजूद भी न्याय, निष्पक्षता और अखंडता के सिद्धांतों को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया।
बता दें कि, डॉ नारायणन के खिलाफ साजिश के समय, भारत में केंद्रीय स्तर और केरल राज्य दोनों में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार थी, लेकिन सरकार भी अपने देश के वैज्ञानिक के साथ खड़ी नहीं दिखी थी। डॉ नंबी नारायणन की कहानी उल्लेखनीय संघर्ष और देशभक्ति की कहानी है, जहां एक प्रतिभाशाली वैज्ञानिक ने अकल्पनीय प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना किया और विजयी हुआ। सत्य, विज्ञान और न्याय के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता सभी के लिए प्रेरणा का काम करती है। नंबी नारायणन के मामले ने न्याय में गड़बड़ी को रोकने के लिए कानूनी सुधारों और तंत्र की तत्काल आवश्यकता के बारे में भी चर्चा को प्रेरित किया है। आखिर कैसे, देश को चाँद पर पहुंचाने के लिए अथक मेहनत कर रहे एक वैज्ञानिक को एक फर्जी मामले में खुद को बेकसूर साबित करने में 24 साल लग गए ? तब तक वो न जाने देश के लिए कितना काम कर चुके होते ?
एक राष्ट्र के रूप में, भारत को इस दर्दनाक अध्याय से सीखना जारी रखना चाहिए और एक ऐसे समाज के निर्माण की दिशा में काम करना चाहिए, जहां ज्ञान और सत्य की खोज का जश्न मनाया जाए और उसकी रक्षा की जाए। डॉ। नारायणन की दोषमुक्ति न केवल उनकी व्यक्तिगत जीत है, बल्कि उन सभी लोगों की सामूहिक जीत भी है, जो न्याय और अखंडता की वकालत करते हुए उनके पीछे खड़े थे।
इस बार घोड़े पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा, जानिए किस बात का है संकेत?
नवरात्रि का त्योहार वर्ष में चार बार मनाया जाता है. वर्ष की पहली नवरात्रि चैत्र माह में पड़ती है. जिसे चैत्र नवरात्रि बोलते हैं. जबकि दूसरी नवरात्रि आश्विन महीने में मनाई जाती है. जिसे शारदीय नवरात्र बोलते हैं. दो गुप्त नवरात्रि आषाढ़ तथा माघ के महीने में होते हैं. चतुर्थी तिथि की वृद्धि होने की वजह से इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 9 दिन की नहीं, बल्कि 10 दिनों की होगी. गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं (मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रुमावती, मां बंगलामुखी, मातंगी और कमला देवी) की साधना की जाती है। मान्यता है इन 9 दिन में तप, साधना करने वालों को दुर्लभ सिद्धियां प्राप्त होती है। बता दें कि इस वर्ष आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का आरम्भ 6 जुलाई से हो रहा है।
शनिवार से आरंभ होने की वजह से दुर्गा माता अश्व पर सवार होकर आएंगी. वैसे तो दुर्गा माता का वाहन सिंह है, किन्तु नवरात्रि में दिनों के मुताबिक, उनके अलग-अलग वाहन ज्योतिष शास्त्र में बताए गए हैं. जब माता घोड़े पर सवार होकर आती है तो देश में और दुनिया भर में उपद्रव तथा अराजकता फैलने की संभावना होती है. जनता में असंतोष रहने की संभावना होती है. यद्यपि वर्षा की अधिकता रहेगी जो फसल के लिए किसानों के लिए शुभ योग है. दुर्गा सप्तमी का व्रत 13 जुलाई को रखा जाएगा. दुर्गा अष्टमी का व्रत 14 जुलाई को तथा महानवमी 15 जुलाई को होगी. उसी दिन भगवती मां का विसर्जन हो जाएगा.
गुप्त नवरात्रि महत्व
शास्त्रों के मुताबिक, इन दिनों मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने से सभी तरह के दुख दूर हो जाते हैं तथा घर में सुख समृद्धि बनी रहती है. प्रत्येक युग में नवरात्रि का अपना अपना महत्व रहा है. सतयुग में चैत्र मास की नवरात्रि का ज्यादा प्रचलन था, वहीं त्रेतायुग में आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का, द्वापर युग में माघ मास की गुप्त नवरात्रि तथा कलयुग में अश्विन और शारदीय नवरात्रि को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है.
पीएम मोदी 73 बार, तो राहुल गांधी केवल 6 बार..., कांग्रेस ने उठाया संसद टीवी पर सवाल
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क्या संसद टीवी भी मोदी सरकार पर मेहरबान है? ये सवाल कांग्रेस ने उठाया है। दरअसल, गुरूवार को 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों को संबोधित किया। राष्ट्रपति के अभिभाषण के खत्म होने के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। विपक्षी नेताओं ने परियोजनाओं के इस रोड मैप को सरकार की झूठ पर आधारित पटकथा बताया है। इसके साथ ही कांग्रेस ने संसद टीवी को लेकर भी एक बड़ा दावा किया है।
कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण का वीडियो शेयर कर संसद टीवी पर निशाना साधा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट करते हुए दावा किया कि जब राष्ट्रपति मुर्मू अभिभाषण दे रही थी तो उस वक्त पीएम मोदी को अधिक और राहुल गांधी को कम बार दिखाया गया। जयराम रमेश ने लिखा कि राष्ट्रपति ने संसद के संयुक्त सत्र को 51 मिनट तक संबोधित किया। संसद टीवी ने किसको कितनी बार दिखाया? नेता सदन नरेंद्र मोदी -73 बार, प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी- 6 बार, सरकार- 108 बार, विपक्ष -18 बार संसद टीवी सदन की कार्यवाही दिखाने के लिए कैमराजीवी की आत्ममुग्धता के लिए नहीं।
बता दें कि राष्ट्रपति मुर्मू ने बृहस्पतिवार को अपने अभिभाषण में 1975 में लागू आपातकाल का उल्लेख किया और इसे ‘संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा एवं काला अध्याय’ करार देते हुए कहा कि ऐसे अनेक हमलों के बावजूद देश ने असंवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त करके दिखाई।
राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति के, मोदी सरकार लिखित’ अभिभाषण को सुनकर ऐसा लगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 के लोकसभा चुनाव के जनादेश को नकारने की कोशिश कर रहे हैं।उन्होंने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति से ‘झूठ बुलवाकर’ अपनी वाहवाही करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि देश की जनता उन्हें नकार चुकी है।
नीट पर विरोध के दौरान बेहोश हुईं कांग्रेस की महिला सांसद, ले जाया गया अस्पताल
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18वीं लोकसभा का पहला सत्र चल रहा है। इस दौरान विपक्ष की ओर से नीट परीक्षा में पेपर लीक के मामले को लेकर प्रदर्शन लगातार जारी है। शुक्रवार को सत्र के पांचवें दिन भी सदन में विरोध-प्रदर्शन चल रहा था। लेकिन, इसी दौरान अचानक राज्यसभा सांसद फूलो देवी नेताम की तबीयत बिगड़ गई। विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस की राज्यसभा सांसद फूलो देवी नेताम अचानक बेहोश हो गईं। जिसके बाद तुरंत एंबुलेंस बुलाई गई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
बता दें कि मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए होने वाली नीट परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर विपक्षी दल आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं। कांग्रेस ने दोपहर में एक ट्वीट कर नीट पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया। उन्होंने ट्वीट में लिखा था कि जहां एक ओर नरेंद्र मोदी नीट पर कुछ नहीं बोल रहे, उस वक्त विपक्ष के नेता राहुल गांधी जी युवाओं की आवाज़ सदन में उठा रहे है। लेकिन... ऐसे गंभीर मुद्दे पर माइक बंद करने जैसी ओछी हरकत करके युवाओं की आवाज को दबाने की साजिश की जा रही है।
इससे पहले सुबह कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में नीट व एनटीए मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था। कांग्रेस की रंजीत रंजन और सैयद नासिर हुसैन समेत विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत राज्यसभा में चर्चा कराए जाने की मांग की थी। हुसैन ने अपने नोटिस में कहा कि सदन में आज के लिए सूचीबद्ध सभी कामकाज को स्थगित कर, नीट-यूजी और यूजीसी-नेट सहित विभिन्न परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक होने और एनटीए की ‘नाकामी’ पर चर्चा कराई जाए। विपक्षी सांसद चाहते हैं कि नियम 267 के अंतर्गत सदन के अन्य कार्यों को स्थगित कर इन मुद्दों पर चर्चा कराई जाए। ऐसा नहीं होने पर विपक्षी सदस्य अपना विरोध जता रहे थे।
कांग्रेस का आरोप-लोकसभा में राहुल गांधी का तो राज्यसभा में खड़गे का माइक किया गया बंद, जानें स्पीकर ने क्या कहा
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कांग्रेस ने लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ पर 'माइक ऑफ़' कर आवाज़ दबाने के आरोप लगाए हैं।लोकसभा में राहुल गांधी और राज्यसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे नीट पर चर्चा की मांग कर रहे थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, जब नीट मुद्दे को उठा रहे थे, तो उनका माइक बंद कर दिया गया। कांग्रेस ने ये भी आरोप लगाया है कि राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे का भी माइक बंद किया गया।
कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर दोनों सदनों की वीडियो क्लिप भी पोस्ट की है। लोकसभा की वीडियो क्लिप को कांग्रेस ने ट्वीट किया और लिखा, "जहां एक ओर नरेंद्र मोदी नीट पर कुछ नहीं बोल रहे, उस वक्त विपक्ष के नेता राहुल गांधी जी युवाओं की आवाज़ सदन में उठा रहे है। लेकिन...ऐसे गंभीर मुद्दे पर माइक बंद करने जैसी ओछी हरकत करके युवाओं की आवाज़ को दबाने की साजिश की जा रही है।"
कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, "देश में पेपर लीक से पीड़ित छात्रों की आवाज कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने सदन में उठाई लेकिन उनका 'माइक ऑफ' कर दिया गया। पेपर लीक के मामले पर ये सरकार खुद तो खामोश है ही, लेकिन अब वो पेपर लीक के विरोध में उठने वाली आवाजों को भी दबाना चाहती है।"
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि 'देश के युवाओं का भविष्य लगातार पेपर लीक की घटनाओं से बर्बाद हो रहा है। पेपर लीक के अधिकांश मामले हरियाणा में देखे गए हैं। नीट परीक्षा का पेपर लीक हुआ है और केंद्रीय शिक्षा मंत्री अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। हम इस मुद्दे पर चर्चा करना चाहते थे और जब इस मामले को सदन में उठाया गया तो माइक बंद कर दिए गए। अगर नेता विपक्ष का माइक बंद किया जाएगा तो इससे विपक्षी सांसदों में नाराजगी होगी और सदन में यही हुआ। हम चाहते हैं कि इस पर चर्चा होनी चाहिए।'
आज लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही आज विपक्षी दलों ने NEET पेपर लीक पर चर्चा की मांग की। सदन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी खड़े हो गए और उन्होंने अपनी बात रखनी चाही। उस समय शायद माइक ऑन नहीं था या आवाज नहीं आई तो विपक्षी सदस्य माइक-माइक चिल्लाने लगे। सवाल उठने लगे कि क्या राहुल गांधी का माइक बंद था? इस पर स्पीकर ने कहा कि माइक मैं बंद नहीं करता हूं। यहां कोई बटन नहीं होता है।
दरअसल, आज विपक्ष की तरफ से स्थगन प्रस्ताव दिया गया था। स्पीकर ने कहा कि स्थगन प्रस्ताव राष्ट्रपति के अभिभाषण में नहीं चलेगा। ये आपको पहले ही बताया गया है। राष्ट्रपति अभिभाषण में आप सभी मुद्दे उठा सकते हैं। आप संक्षेप नहीं, डीटेल में चर्चा कीजिए। हालांकि विपक्षी सदस्य नहीं माने और शोर शुरू हो गया। कार्यवाही स्थगित हो गई। 12 बजे दोबारा वही हुआ। आखिर में लोकसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
अर्द्धनारीश्वर' बनने के लिए केदारनाथ से इंदौर आए अघोरी बाबा, कार देखकर उड़ गए लोगों के होश
मध्य प्रदेश के इंदौर से एक अनोखी घटना सामने आई है। केदारनाथ से अकेले कार से इंदौर आकर 27 वर्षीय अघोरी बाबा ने लिंग परिवर्तन करवाया है। शहर के प्राइवेट हॉस्पिटल में उनकी सर्जरी हुई, जो लगभग 5 घंटे तक चली। वे मूलरूप से दक्षिण भारत के रहने वाले हैं। सर्जरी के पश्चात् वे बेहोशी की हालत में हैं। इसलिए उनसे बात नहीं हो पाई है।
बाबा की सर्जरी प्लास्टिक काॅस्मेटिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जन डाॅ. अश्विनी दाश ने की है। इंटरनेट मीडिया पर उनकी कार कि तस्वीर भी बहुप्रसारित होते रही। कार में चारों ओर उनके फोटो एवं अर्धनारीश्वरी लिखा हुआ है। साथ की कार के अंदर दृश्य डरावना है। कार के अंदर मानव खोपड़ियां रखी हुई हैं। कई लोग कार को देखने के लिए हॉस्पिटल पहुंचे। कार में माला और कई सामग्री भी रखी हुई है।
खबर के मुताबिक, बाबा मूलरूप से दक्षिण भारत के रहने वाले हैं, किन्तु परिवार को त्यागने के पश्चात् अब वे पहाड़ों के साथ मंदिर और आश्रम में रहते हैं। उन्होंने सर्जरी से पहले बताया था कि लगभग एक वर्ष पहले उन्हें अर्धनारीश्वरी बनने का सपना आया था। पूर्व में चेन्नई में भी इसी सिलसिले में एक सर्जरी हो चुकी है। चिकित्सकों ने फीमेल जेनिटल बनाया एवं ब्रेस्ट इम्प्लांट डाले। अब लगभग 5 दिन चिकित्सकों की निगरानी में उन्हें रखा जाएगा।
बाइडेन Vs ट्रंपः अमेरिका में चुनाव से पहले प्रेसिडेंशियल डिबेट, जानें कौन किसपर पड़ा भारी
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अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रीय चुनाव होने हैं। मुकाबला राष्ट्रपति जो बाइडन और रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप के बीच होगा। अमेरिकी परंपरा के मुताबिक उससे पहले दोनों प्रत्याशियों के बीच तीन डिबेट होने हैं। ताकि जनता उनके विचारों को जान सके। बृहस्पतिवार रात को बाइडेन और ट्रंप के बीच पहली बहस हुई। अटलांटा स्थित सीएनएन न्यूज चैनल के हेडक्वार्टर में अमेरिकी स्थानीय सयमानुसार रात नौ बजे डिहेट हुई। लगभग 90 मिनट हुई बहस के दौरान दोनों ने एक-दूसरे पर जमकर हमले बोले।इस डिबेट में दोनों ही प्रत्याशियों ने अपनी नीतियों के बारे में कम ही बोला लेकिन एक-दूसरे पर निजी हमले किए।
इस बहस में बाइडन मतदाताओं को यह समझाने की कोशिश करते दिखे कि 81 साल की उम्र में भी वे फिर से संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बनने और देश को चुनौतियों से उबारने में सक्षम हैं, वहीं 78 वर्षीय ट्रम्प इस अवसर का उपयोग लोगों को यह समझाने के लिए किया कि वे आपराधिक मामले में उनकी सजा से परे देखें और देश के लिए उनकी योजनाओं को देखें,जिसमें अर्थव्यवस्था भी शामिल है। पहली बहस के दौरान खासी गरमा-गरमी देखने को मिली और इस दौरान दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ अमर्यादित भाषा का भी इस्तेमाल किया।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, ट्रम्प और बाइडन ने अपनी शुरुआती बातचीत में अर्थव्यवस्था पर बहस की, जिसमें दोनों नेताओं ने मुद्रास्फीति, नौकरियों और कर नीति को लेकर एक दूसरे पर हमला बोला। इसके अलावा सीमा, विदेश नीति, गर्भपात और राष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति पर बहस हुई। इस दौरान दोनों ने एक दूसरे को झूठा और अमेरिकी इतिहास का सबसे खराब राष्ट्रपति करार दिया।
डेमोक्रेटिक पार्टी के संभावित उम्मीदवार बाइडन ने ट्रंप का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं हाल में ‘डी-डे’ के लिए फ्रांस में था और मैंने उन सभी नायकों के बारे में बात की जिन्होंने जान न्यौछावर की। मैं द्वितीय विश्व युद्ध और प्रथम विश्व युद्ध में मारे गए नायकों के कब्रिस्तान में गया, जहां उन्होंने (ट्रंप) जाने से इनकार कर दिया था।’ तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप ने 2018 के दौरे के दौरान इस कब्रिस्तान का दौरा करने से इनकार कर दिया था। उम्र के मामले में 81 वर्षीय बाइडन ने याद दिलाया कि 78 वर्षीय ट्रंप उनसे केवल तीन साल छोटे हैं।
न्यूयॉर्क में एक एडल्ट स्टार को गुप्त रूप से धन देने के मामले में ट्रंप को दोषी ठहराए जाने का हवाला देते हुए बाइडन ने उन्हें ‘अपराधी’ कहा था, जिस पर पलटवार करते हुए ट्रंप ने बाइडन को ‘अपराधी’ कहा। ट्रंप ने बाइडन के बेटे हंटर बाइडन को बंदूक खरीद से जुड़े एक मामले में दोषी ठहराए जाने का जिक्र करते हुए आरोप लगाया, ‘जब वह एक दोषी अपराधी के बारे में बात करते हैं, तो उनका बेटा (हंटर बाइडन) एक बहुत ही उच्च स्तर का अपराधी है।’
दोनों नेताओं के बीच विभिन्न मुद्दों पर बहस के दौरान बाइडन ने ट्रंप पर आरोप लगाया कि उन्हें नहीं पता कि वे किस बारे में बात कर रहे हैं।बाइडन ने कहा, ‘उन्हें (ट्रंप) बिल्कुल भी पता नहीं है कि वे किस बारे में बात कर रहे हैं। मैंने इतनी मूर्खता कभी नहीं सुनी। यह वह व्यक्ति हैं जो नाटो से बाहर निकलना चाहते हैं।’ ट्रंप ने राष्ट्रपति बाइडन की आव्रजन नीतियों की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि इससे देश असुरक्षित हो गया है। ट्रंप ने डिबेट में कहा कि बाइडेन के कार्यकाल में दुनिया भर से लोग अमेरिका में घुस रहे हैं। वह यहां लग्जरी सुविधाओं का आनंद ले रहे हैं। जबकि हमारे अपने रिटायर्ड सैनिक सड़कों पर सोने को मजबूर हैं।
Jun 28 2024, 20:04