सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल को किया गिरफ्तार, पत्नी सुनीता ने कहा- ये तानशाही, बंदा जेल से बाहर न आ जाए, इसलिए पूरा...

#arvindkejriwalwifesunitahisarrestwholesystemworking 

दिल्ली के कथित शराब घोटाले मामले में सीबीआई ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के बाद जांच एजेंसी ने सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार किया।इसे लेकर सीएम केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल की प्रतिक्रिया सामने आई है।उन्होंने केजरीवाल की गिरफ्तारी को तानाशाही करार दिया।

ये एक इमरजेंसी है- सुनीता केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने एक्स पर पोस्ट साझा कर लिखा कि 20 जून को अरविंद केजरीवाल को बेल मिली। तुरंत प्रवर्तन निदेशालय ने स्टे लगवा लिया। अगले ही दिन सीबीआई ने आरोपी बना दियाऔर आज गिरफ्तार कर लिया। पूरा तंत्र इस कोशिश में है कि बंदा जेल से बाहर ना आ जाये। ये क़ानून नहीं है। ये तानाशाही है, इमरजेंसी है।

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सीबीआई ने सीएम केजरीवाल की पांच दिनों की हिरासत की मांग की है। कोर्ट ने सीबीआई की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश अमिताभ रावत से अनुमति मिलने के बाद कोर्ट में सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। सीएम केजरीवाल को तिहाड़ जेल से कोर्ट में पेश किया गया था। इसके बाद सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था।

दरअसल, राउज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई ने आज बुधवार को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया।इस दौरान अपने एक्शन के पक्ष में सीबीआई ने कई दलीलें दीं। सीबीआई ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की जमानत पर हाईकोर्ट से रोक लगने के बाद ही हमने गिरफ्तारी की है। अदालत ने सीबीआई को गिरफ्तारी का आधार बताने के लिए कहा था। इसके जवाब में सीबीआई ने लंबी दलीलें दीं। सीबीआई ने कहा, हमें केजरीवाल से हिरासत में पूछताछ की जरूरत है। वह यह भी नहीं बता रहे हैं कि विजय नायर उनके अधीन काम कर रहे थे। उनका कहना है कि वह आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज के अधीन काम कर रहे थे। उन्होंने सारा दोष मनीष सिसोदिया पर डाल दिया और कहा कि उन्हें आबकारी नीति के बारे में कोई जानकारी नहीं है। केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के चलते जमानत मिली थी। उस वक्त हमने केजरीवाल से पूछताछ नहीं की।

हमने मत विभाजन की मांग नहीं की’: ओम बिरला के ध्वनि मत से लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर कांग्रेस

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार ओम बिरला को बुधवार को ध्वनि मत से दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुना गया। यह पांचवीं बार है जब कोई अध्यक्ष एक लोकसभा के कार्यकाल से अधिक समय तक काम करेगा। विपक्षी दल इंडिया, जिसने आठ बार के कांग्रेस सांसद कोडिक्कुनिल सुरेश को अध्यक्ष पद के लिए बिरला के खिलाफ खड़ा किया था, ने सदन में मत विभाजन की मांग नहीं की।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एएनआई से कहा, "मैं आपको औपचारिक रूप से बता रहा हूं, हमने मत विभाजन की मांग नहीं की...हमने इसकी मांग इसलिए नहीं की क्योंकि हमें यह उचित लगा कि आज पहले दिन सर्वसम्मति हो। यह हमारी ओर से एक रचनात्मक कदम था। हम (मत विभाजन) की मांग कर सकते थे।"

हालांकि, कुछ विपक्षी सांसदों ने ध्वनि मत से बिरला के चुनाव पर आपत्ति जताई। तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, "नियम कहता है कि अगर सदन का कोई सदस्य मत विभाजन की मांग करता है, तो इस मामले में प्रोटेम स्पीकर को मत विभाजन की अनुमति देनी होती है। आप लोकसभा के फुटेज में साफ देख और सुन सकते हैं कि विपक्षी खेमे के कई सदस्यों ने मत विभाजन की मांग की और मत विभाजन के प्रस्ताव को वोटिंग के लिए रखे बिना ही प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया।" यह इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि सत्तारूढ़ भाजपा के पास संख्या बल नहीं है। यह सरकार बिना संख्या बल के चल रही है। यह अवैध, अनैतिक और असंवैधानिक है और देश के लोगों ने पहले ही उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अब बस समय की बात है कि उन्हें फिर से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा," टीएमसी नेता ने कहा।

बर्धमान-दुर्गापुर का प्रतिनिधित्व करने वाले टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद ने कहा, "एनडीए के पास संख्या बल नहीं था और कम से कम आठ सदस्यों ने उनसे मत विभाजन की मांग की... इसका वीडियो सामने आया है... लेकिन उन्होंने हां कहकर बात खत्म कर दी! यह स्पष्ट है कि लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है।" कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, "जहां तक ​​चुनाव का सवाल है, जब संसदीय परंपराओं की अवहेलना की गई, तो हमने लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध दर्ज कराया - कि उपसभापति विपक्ष से होना चाहिए। उन्होंने ऐसा नहीं किया... जहां तक ​​मत विभाजन का सवाल है, सत्ता पक्ष और उसके सहयोगियों ने इसकी मांग क्यों नहीं की?" 

ओम बिरला के चुनाव के लिए ध्वनि मत पर एनडीए सरकार ने क्या कहा?

केंद्रीय मंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​लल्लन सिंह ने पीटीआई से कहा, "ध्वनि मत से विभाजन कैसे हो सकता है? हम भी मत विभाजन चाहते थे, लेकिन कांग्रेस ने एक मिनट में ही ध्वनि मत स्वीकार कर लिया।" सभी जानते हैं कि एनडीए मजबूती से सरकार चला रही है। विपक्ष को डरने की जरूरत है, क्योंकि उनके कई सांसद हमारे संपर्क में थे... संभव है कि अगर मत विभाजन होता, तो वे हमारे पक्ष में वोट करते।" केंद्रीय मंत्री और भाजपा (रालोद) के सांसद चिराग पासवान ने कहा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में आपातकाल संबंधी टिप्पणी के लिए ओम बिरला की सराहना, सदन हुआ स्थगित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को 1975 में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल की निंदा करने के लिए धन्यवाद दिया। मुझे खुशी है कि माननीय अध्यक्ष ने आपातकाल की कड़ी निंदा की, उस दौरान की गई ज्यादतियों को उजागर किया और यह भी उल्लेख किया कि किस तरह से लोकतंत्र का गला घोंटा गया," प्रधानमंत्री मोदी ने एक पोस्ट में कहा। 

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित किए जाने के बाद ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष के रूप में चुना गया। अपने चुनाव के तुरंत बाद बिरला ने कहा, "यह सदन 1975 में आपातकाल लगाने के फैसले की कड़ी निंदा करता है। हम उन सभी लोगों के दृढ़ संकल्प की सराहना करते हैं जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया, लड़ाई लड़ी और भारत के लोकतंत्र की रक्षा की जिम्मेदारी निभाई," बिरला ने कहा।

इस पर सदन में विपक्षी सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हालांकि आपातकाल 50 साल पहले लगाया गया था, लेकिन आज के युवाओं के लिए इसे समझना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आपातकाल संविधान की अवहेलना, जनमत को दबाने और संस्थाओं को कमजोर करने के परिणामों की एक कठोर याद दिलाता है। प्रधानमंत्री के अनुसार, आपातकाल के दौरान की घटनाएं तानाशाही की प्रकृति को स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं।

ओम बिरला ने आपातकाल पर क्या कहा?

बिरला ने 25 जून, 1975 को भारतीय इतिहास का एक "काला अध्याय" बताया और आपातकाल लगाने और "बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान पर हमला" करने के लिए इंदिरा गांधी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत, जिसे विश्व स्तर पर लोकतंत्र की जननी के रूप में जाना जाता है, आपातकाल के दौरान अपने लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचल दिया गया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंट दिया गया। बिरला ने सदस्यों से एक क्षण का मौन रखने का आग्रह करने के बाद सदन को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया। स्थगन के बाद, भाजपा सदस्यों ने संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, तख्तियां लहराईं और नारे लगाए। प्रधानमंत्री ने पोस्ट में कहा, "उन दिनों में पीड़ित सभी लोगों के सम्मान में मौन रहना भी एक अद्भुत भाव था।"

नई सरकार के चुनाव एवं सपथ के बाद एनडीए सरकार की ये पेहली सभा थी, इसके विरोध में कांग्रेस ने पहले सदन के बाहर सविधान लेकर विरोध प्रदर्शन किया था।

13 जून से अंतरिक्ष में फंसी हैं सुनीता विलियम्स, अब जुलाई में घर वापसी की उम्मीद

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) गए नासा के अंतरिक्ष यात्री वैरी बुल विल्मोर और सुनीता विलियम्स को घर वापसी के लिए और इंतजार करना होगा। तकनीकी खामी के कारण उनकी वापसी टल गई है। हालांकि दोनों खतरे में नहीं हैं। इन्हें ले जाने वाला बोइंग स्टारलाइनर यान 5 जून को लॉन्च हुआ। अगले ही दिन अंतरिक्ष स्टेशन के साथ डॉक हो गया। तय कार्यक्रम के अनुसार इन्हें 13 जून को लौटना था, लेकिन इसे दो बार टाला जा चुका है। स्पेसक्राफ्ट में हीलियम लीक हो रही है। यहां जानिए, वापसी में देरी के तकनीकी कारण क्या हैं और लौटने की प्रक्रिया क्या है।

स्पेसक्राफ्ट में हीलियम लीक की समस्या आई है। पांच मैनुवरिंग थ्रस्टर फेल गए और एक प्रपैलेंट वॉल्व पूरी तरह से बंद नहीं हो रहा है। इसलिए नासा और बोइंग ने वापसी टाली।

स्पेसक्राफ्ट जब अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ता है तो उसे डॉकिंग कहते हैं। इसी से यात्री स्पेस स्टेशन में जाते हैं। अनडॉकिंग में यान स्पेस स्टेशन से अलग होता है, जो पृथ्वी पर वापसी का पहला चरण है। डॉकिंग 45 दिन तक हो सकती है। इसे 72 दिन तक बढ़ा सकते हैं।

2020 में अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर गए क्रू ड्रैगन के मिशन की वापसी 62 दिन बाद हुई। तब आईएसएस पर मेंटेनेंस स्टाफ कम था।

नासा और बोइंग की ओर से कहा गया है कि इसे ठीक कर रहे हैं। थ्रस्टर्स के ठीक होने के संकेत मिले हैं। इस संभावना पर विचार किया जा रहा है कि सॉफ्टवेयर अपडेट करके ठीक कर सकते हैं या हार्डवेयर को बदलकर। हालांकि आपात स्थिति में खामियों के बावजूद स्टारलाइनर वापस आने में सक्षम है।

नासा ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। संभावना है कि अगली कोशिश 2 जुलाई को हों सकती है। ऐसा होता है तो आठ दिन का तय मिशन एक महीने में पूरा होगा।

अंतरिक्ष से कैसे होती है वापसी

आईएसएस से अनडॉक होकर यान धरती की ओर बढ़ेगा। 6 घंटे में अमेरिका के न्यू मैक्सिको के व्हाइट सैंड्स स्पेस हार्बर पर लैंड होगा।

विकल्प के तौर पर इलॉन मस्क के स्पेस एक्स के ‘क्रू ड्रैगन’ अंतरिक्ष यान से वापसी हो सकती है। यह मार्च में 4 यात्रियों को लेकर आईएसएस गया था और लौट आया था। यह आपात स्थिति में अधिक लोगों को लाने में पूरी तरह सक्षम है।

Jai Hind.. Jai Bharat.. Jai Israel" - BENZAMIN NETANYAHU
once said amid thunderous applause from PM Modi & the audience

नरेंद्र मोदी जिंदाबाद बोलने पर विपक्ष ने किया हंगामा
अतुल गर्ग वापस लौटे और "डॉक्टर हेडगेवार जिंदाबाद" बोल दिया ! विपक्ष वाले हंगामा करते रहे

अस्पताल में आतिशी से मिले सपा प्रमुख अखिलेश, कहा- बीजेपी कर रही सीबीआई का गलत इस्तेमाल, केजरीवाल के साथ हो रहा भेदभाव

 दिल्ली के लिए पर्याप्त पानी की मांग को लेकर अनशन पर बैठी जल मंत्री आतिशी की तबीयत खराब होने के बाद उनको दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया था. आज दूसरे दिन उनका हाल-चाल लेने के लिए समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव अस्पताल गए. कल आतिशी को इमरजेंसी आईसीयू में भर्ती कराया गया था. अब हालत में सुधार हो रहा है.

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव आज अस्पताल में भर्ती दिल्ली की जल मंत्री से मिलने पहुंचे. उनके साथ सांसद संजय सिंह समेत अन्य आप नेता भी मौजूद रहे. मुलाकात के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि जब से दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी है मुख्यमंत्रियों की तकलीफ बढ़ी है, परेशानियां बढ़ी है. दिल्ली (केंद्र सरकार) सरकार से जो सहयोग और मदद मिलनी चाहिए उसे भी सरकार ने पूरा नहीं किया.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सबसे ज्यादा भेदभाव अगर किसी के साथ किया है तो वो दिल्ली सरकार के साथ और खासकर अरविंद केजरीवाल के साथ किया है. केंद्र सरकार लगातार उनको तकलीफ परेशानी पहुंचा रही है. जब उन्हें हर जगह से राहत मिलने का काम शुरू हो गया, वे जेल से निकल ना पाएं सरकार ना चला पाएं इसलिए फिर उन पर ना जाने कौन सा मुकदमा लगाकर उनको फंसा दिया गया. सीबीआई के लोग लगातार लोगों को फंसाते हैं और उनको फंसाते हैं जिनसे भाजपा को खतरा है. भाजपा सीबीआई का गलत इस्तेमाल कर रही है. इस बार भाजपा बच गई नहीं तो सफाया हो गया होता.

बता दें कि दिल्ली में पानी की कमी को लेकर दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने 21 जून को अनशन शुरू किया था. उन्होंने कहा था यह अनशन अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा, लेकिन चार दिन बाद ही उनकी तबीयत खराब होने पर अनशन समाप्त हो गया है.

बधाई के साथ अखिलेश ने स्पीकर को “भेंट” की नसीहतें, जानें क्या-क्या कहा

#samajwadi_party_akhilesh_yadav_speech 

18वीं लोकसभा का पहला सत्र चल रहा है। सत्र के तीसरे दिन बुधवार को ओम बिरला को सदन का अध्यक्ष चुना गया। इसके बाद लोकसभा के सदस्यों ने ओम बिरला को शुभकामनाएं दी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और सदन के अन्य सदस्यों ने भी ओम बिरला को स्पीकर चुने जाने की बधाई दी। इस दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बधाई के साथ-साथ स्पीकर को कई सारी नसीहतें भी दी।

सभी सांसदों और हर दल को बोलने का मौका देंगे-अखिलेश

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्पीकर को बधाई देते हुए कहा, 'लोकसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं। आप इस सदन के स्पीकर दोबारा चुने गए हैं। आपके पास पांच साल का अनुभव रहा है, वहीं पुराने और नए सदन का भी अनुभव रहा है। मैं अपनी तरफ से और साथी सांसदों की तरफ से बधाई देता हूं। जिस पद पर आप बैठे हैं, इससे बहुत गौरवशाली परंपराएं जुड़ी हुई हैं। हम सब यही मानते हैं कि लोकसभा की कार्यवाही बिना किसी भेदभाव के आगे बढ़ेगी और लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में आप सभी सांसदों और हर दल को बोलने का मौका देंगे।

निष्कासन जैसी चीजें हमें ठेस ना पहुंचाई जाए-अखिलेश

सपा प्रमुख और कन्नौज से सांसद अखिलेश यदव ने कहा कि आप लोकतांत्रिक न्याय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में बैठे हैं आपसे आशा है कि किसी जनप्रतिनिधि की आवाज को दबाई नहीं जाए और न ही निष्कासन जैसी चीजें हमें ठेस पहुंचाए। आपका अंकुश विपक्ष पर तो रहता है ही लेकिन आपका अंकुश सत्ता पक्ष पर भी रहे, आपके इशारे पर सदन चले, इसका उल्टा न हो। हम आपके हर न्याय संगत फैसले के साथ खड़े हैं। 

जितना सत्ता पक्ष को मौका देंगे उतना ही विपक्ष को भी-अखिलेश

अखिलेश ने आगे मजाकिया लहजे में कहा कि मैं इस नए सदन में पहली बार आया हूं मुझे लगा कि स्पीकर की कुर्सी बहुत ऊंची है, मैं जिस सदन को छोड़कर आया हूं वहां कुर्सी और ऊंची है, नया सदन में पत्थर तो ठीक लगा है। मुझे उम्मीद है कि आप जितना सत्ता पक्ष को मौका देंगे उतना ही विपक्ष को भी मौका देंगे।

नई शराब नीति का आइडिया मेरा नहीं, मनीष सिसोदिया का था' ,अरविंद केजरीवाल को लेकर CBI ने किया यह दावा

 शराब घोटाले मामले में बुधवार को CBI ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है. इस बीच CBI ने दिल्ली की शराब नीति तथा इसमें केजरीवाल की भूमिका को लेकर अदालत में कई दावे किए हैं. CBI ने अदालत में कहा कि 16 मार्च 2021 को एक शराब कारोबारी से संपर्क किया गया. सीएम केजरीवाल ने शराब नीति को लेकर उससे मुलाकात की. केजरीवाल ने 16 मार्च को सचिवालय में मगुंटा रेड्डी से पहली बार मुलाकात की. वह सांसद हैं तथा दक्षिण में बड़ा नाम हैं. उन्होंने केजरीवाल से मुलाकात की एवं शराब दिल्ली नीति को लेकर सपोर्ट मांगा. इस पर केजरीवाल ने मदद का आश्वासन दिया किन्तु उनसे AAP को फंड देने को कहा.

CBI ने कहा कि मंगुटा रेड्डी से के.कविता से बात करने को कहा गया था. 19 मार्च 2021 को कविता ने रेड्डी से संपर्क किया तथा उनसे हैदराबाद में मिलने को कहा. हैदराबाद में कविता ने रेड्डी से 50 करोड़ की मांग की. रेड्डी को बताया गया कि वे पहले से ही नई शराब नीति पर काम कर रहे हैं तथा उनसे इस पॉलिसी पर साथ मिलकर काम करने को कहा गया. ये सब सीएम केजरीवाल की जानकारी तथा उनके निर्देश पर हुआ. 

CBI ने कहा कि केजरीवाल ने कहा कि विजय नायर ने उनके साथ काम नहीं किया बल्कि उसने आतिशी एवं सौरभ भारद्वाज के तहत काम किया था. CBI का दावा है कि इस प्रकार केजरीवाल ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी की पूरी जिम्मेदारी मनीष सिसोदिया पर डाल दी. केजरीवाल ने कहा कि एक्साइज पॉलिसी का आइडिया उनका नहीं बल्कि मनीष सिसोदिया का था. CBI का दावा है कि हमें केजरीवाल से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है. वह ये भी नहीं बता रहे हैं कि विजय नायर उनके अधीन काम कर रहे थे. उनका कहना है कि वह आतिशी मार्लेना एवं सौरभ भारद्वाज के अधीन काम कर रहे थे. उन्होंने सारा दोष मनीष सिसोदिया पर डालते हुए कहा कि उन्हें आबकारी नीति के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

राहुल गांधी को मिला बड़ा पद, पहली बार संभाला कोई संसदीय पद, गांधी परिवार के बने तीसरे सदस्य, जानिए कितनी बढ़ी ताकत

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मंगलवार को लोकसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया. कांग्रेस के सांसद केसी वेणुगोपाल ने यह जानकारी दी. मीडिया से वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को खत लिखकर सूचित किया है कि राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे.

राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद संभालने वाले गांधी परिवार के तीसरे सदस्य होंगे. उनसे पहले उनके माता-पिता सोनिया और राजीव गांधी इस पद पर रह चुके हैं. हालांकि राहुल गांधी ने अपने राजनीतिक करियर में पहली बार कोई संसदीय पद ग्रहण किया है. 9 जून को कांग्रेस की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था कांग्रेस कार्य समिति (CWC) ने राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त करने का प्रस्ताव पारित किया था. CWC की बैठक के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि उन्हें फैसला लेने से पहले इस पर विचार करने के लिए कुछ वक्त चाहिए. इसके साथ ही कांग्रेस ने विपक्ष के नेता का पद फिर से अपने नाम कर लिया है.

कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी सीटों की संख्या लगभग दोगुनी करके 2019 में 52 से 99 कर ली है. 2014 के चुनावों में पार्टी सिर्फ़ 44 सीटें ही जीत पाई थी. 2014 और 2019 में भाजपा के बाद संसद में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद, कांग्रेस सदन में मुख्य विपक्षी दल के रूप में स्थापित होने के मानदंडों को पूरा नहीं कर पाई. 

जिस पार्टी के पास 10 प्रतिशत से कम सीटें हैं, वह निचले सदन में विपक्ष के नेता के पद का दावा नहीं कर सकती. इससे पहले दिन में राहुल गांधी ने लोकसभा में सांसद के रूप में शपथ ली. शपथ लेने के बाद राहुल गांधी ने संविधान की एक प्रति हाथ में लेकर "जय हिंद, जय संविधान" कहा. बीते दो दिनों में संसद में सभी सांसदों को शपथ दिलाई गई.