*"मजदूर आंदोलन के समक्ष साम्प्रदायिकता एवं जातिवाद की चुनौती" पर चर्चा का आयोजन
गोण्डा- शनिवार को सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (CITU) के तीन दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण के दूसरे दिन "मजदूर आंदोलन के समक्ष साम्प्रदायिकता एवं जातिवाद की चुनौती" विषय पर CITU के पूर्व केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव कॉमरेड बादल सरोज ने चर्चा की।
अपने सम्बोधित करते हुए कॉमरेड बादल ने कहा कि हमारे पूरे देश में मजदूर किसान सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ़ संघर्ष कर रहे हैं। इसी किसान मजदूर आंदोलन के चलते भाजपा की साम्प्रदायिक नीतियों को लोकसभा के चुनाव में एक शिकस्त मिली है। इस लड़ाई को आगे और तेज करके साम्प्रदायिक शक्तियों को और बड़ा शिकस्त देना है तथा जनता के हितों में काम करना है।
इस भाजपा के शासन काल में जातिगत भेदभाव एवं साम्प्रदायिक हिंसा काफ़ी बढ़ी है। भाजपा एवं आर.एस.एस भारत के संविधान को नहीं मानना चाहते हैं, वह मानवता विरोधी, स्त्री विरोधी, जातिगत भेदभाव को बढावा देने वाले कानून को लाना चाहते हैं। भाजपा एवं आरएसएस की नीतियां भारतीय परंपरा की विरोधी है। देश की आजादी की लड़ाई के दौरान तमाम स्वतंत्रता सेनानियों ने एक धर्मनिरपेक्ष एवं सामाजिक न्याय पर आधारित समाज को बनाने का लक्ष्य लियाI साम्प्रदायिक राजनीति को आजादी के आंदोलन के दौरान हमेशा नकारा गया।
आरएसएस का आज़ादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं था. वह अंग्रेजों की साम्प्रदायिक का समर्थन करने वालों में थे। धर्म के आधार पर राजनीति की बात करने वाले भारतीय परंपरा के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। भाजपा की साम्प्रदायिक, एवं कार्पोरेट परस्त नीतियाँ मजदूर आंदोलन की विरोधी है, जिसे देश का मज़दूर आंदोलन करारी शिकस्त देगा तथा मजदूरों,किसानों एवं जनता के बेहतरी के लिए काम करने को सरकारे मज़बूर होंगी।
इस सत्र की अध्यक्षता CITU उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष कॉमरेड नीरज श्रीवास्तव ने की। सीआईटीयू गोंडा के द्वारा कॉम बादल सरोज को सन्तोष शुक्ला, कॉमरेड के एन उमेश को विनीत तिवारी कॉमरेड रवि शंकर मिश्रा को आनन्द सिंह तथा कॉमरेड प्रेमनाथ राय को कॉमरेड अल्मास खान द्वारा मोमेंटो भी दिया गया। गोंडा के किसान नेता अमित शुक्ला द्वारा अदम गोंडवी की जनवादी कविता का पाठ किया गया।
Jun 22 2024, 19:13