बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह को फिर मोदी कैबिनेट में जगह मिलना तय : कभी चलाते थे पंपसेट की एजेंसी, बिहार और केंद्र में पहले भी संभाल चुके हैं कई
बेगूसराय : सांसद गिरिराज सिंह को मोदी कैबिनेट में जगह मिलना तय माना जा रहा है। रविवार को शपथ ग्रहण से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभावित मंत्रियों के संग एक मीटिंग की। इसमें गिरिराज सिंह भी मौजूद थे। गिरिराज सिंह इससे पहले भी दो बार सांसद रह चुके हैं। 2014 में नवादा से और 2019 में बेगूसराय से।
आइए जानते हैं गिरिराज सिंह के बारे में...
गिरिराज सिंह का जन्म लखीसराय स्थित बड़हिया में 08 सितम्बर 1952 को हुआ था। पिता रामावतार सिंह किसान थे। मां तारा देवी गृहणी थीं। गिरिराज सिंह ने बेगूसराय और पटना में अपनी पढ़ाई पूरी की। बेगूसराय में वो कभी पंपसेट की एजेंसी चलाते थे। 1975 में उनकी उमा सिन्हा से शादी हुई। उमा सिन्हा रिटायर्ड शिक्षिका हैं। इनकी एक बेटी डॉ. आकांक्षा सिन्हा हैं। पत्नी उमा सिन्हा पटना में रहती हैं। बेटी डॉ. आकांक्षा वाराणसी में रहती है। दामाद भी डॉक्टर हैं।
भाजपा नेता कैलाशपति मिश्र से प्रेरित होकर गिरिराज सिंह ने भाजपा का दामन थामा। 1985-86 में पटना गए और भाजयुमो से जुड़े। भाजयुमो के बेगूसराय, समस्तीपुर और खगड़िया के संगठन प्रभारी रहने के अलावा 1990 में भाजयुमो के प्रदेश महासचिव बने। गिरिराज सिंह एमएलसी भी रहे हैं। वो लगातार तीसरी बार सांसद बने हैं।
कब-कब बने मंत्री
2007 से 2010 तक बिहार में सहकारिता मंत्री।
2010 से 2013 तक बिहार में पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन मंत्री।
9 नवम्बर 2014 को केंद्र में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के राज्य मंत्री।
4 सितम्बर 2014 से 30 मई 2019 तक केंद्र में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)।
30 मई 2019 से 7 जुलाई 2021 तक केंद्रीय पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन मंत्री।
8 जुलाई से अब तक केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री।
बेगूसराय से ही राजनीति की शुरुआत की
गिरिराज सिंह के पुराने मित्र बेगूसराय के बदलपुरा निवासी ललन प्रसाद सिंह कहते हैं कि 50 वर्षों से उनसे दोस्ती है। गिरिराज सिंह का जो स्वभाव और संस्कार पार्टी के सदस्य के समय था। वही, केंद्रीय मंत्री रहते हुए भी, उनके व्यवहार में कोई अंतर नहीं हुआ। हजारों लोगों का नाम उनकी जुबान पर है और हमेशा ही उनसे बात करते रहते हैं। उनका घर भले ही लखीसराय स्थित बड़हिया है। लेकिन बेगूसराय से उनका राजनीतिक ही नहीं पारिवारिक संबंध है। मंझौल के सिऊरी गांव में ननिहाल तो सदानंदपुर में फुआ की शादी हुई है। यहीं से उन्होंने राजनीति की शुरुआत की। राज्य में मंत्री बने या केंद्र में, कभी लोगों को उनके स्वभाव में कोई अंतर नहीं दिखा। उनके बढ़ते राजनीतिक कद से हम सब मित्र काफी खुश हैं।
बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
Jun 09 2024, 18:36