उदंती सीतानदी अभयारण्य की मॉनिटरिंग अब AI आधारित गूगल अर्थ इंजन से, देश में पहली बार किसी अभयारण्य की सैटेलाइट के जरिए हो रही निगरानी

गरियाबंद- उदंती सीता नदी अभयारण्य प्रशासन अब अपने 1842 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की निगरानी सैटेलाइट के जरिए करने जा रहा है. क्लाउड कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर गूगल अर्थ इंजन की मदद से रिमोट सेंसिंग का संचालन किया जाएगा. गूगल अर्थ इंजन में मौजूद रिकार्ड को अपने पोर्टल में बड़ी आसानी से और बेहतर क्वालिटी के साथ देखने, सुरक्षित किया जायेगा. देश में यह पहली बार है कि किसी अभयारण्य की मॉनिटरिंग सैटेलाइट के जरिए की जाएगी.

उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया की सुरक्षा गत कारणों के कारण यह डेटा पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध नहीं होगा. लेकिन अभ्यारण्य इलाके में जारी प्रत्येक वानिकी कार्य का डेटा ड्रोन मेपिंग पोर्टल के जरिए कोई भी व्यक्ति आसानी से देख सकेगा. आईआईआरएस (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसर) के पूर्व छात्रों द्वारा बनाई गई एक संस्थान के साथ मिल कर यह पोर्टल तयार किया गया है. उपनिदेशक जैन ने दावा किया है कि यह देश की पहली संस्थान है जिसकी मॉनिटरिंग सेटलाइट पोर्टल से होगी. इसकी रूपरेखा 2022 में बनाई गई थी. तकनीकी कारणों से इसे पिछले 7 माह में नए सिरे से तैयार किया गया है इसकी लागत 2.85 लाख आया. उन्होंने बताया कि फिलहाल विभाग इसकी मदद लेना शुरू कर दिया है. आने वाले 10 दिनो में इसे आम पब्लिक के लिए सार्वजनिक कर दिया जाएगा.

बाघ कारीडोर की निगरानी भी इसी से

400 किलोमीटर लम्बे इन्द्रावती-सीतानदी-उदंती-सुनाबेडा टाइगर कॉरिडोर में वर्ष 2010-2023 तक वन एवं जल आवरण में आये परिवर्तन को इस पोर्टल से देखा जा सकेगा.कॉरिडोर में डिस्टर्बेस की वजह से महाराष्ट्र के अतिरिक्त बाघों (जो नयी टेरिटरी की खोज में विचरण करते है) की छत्तीसगढ़ और ओडिशा में आवाजाही लगभग बंद है, ऐसे में टाइगर कॉरिडोर में आये नकारात्मक वन एवं जल आवरण बदलाव वाले क्षेत्रो को चिन्हांकित कर अवैध वृक्ष कटाई विरोधी अभियान एवं शिकारियों के विरुद्ध एन्टी पोचिंग ऑपरेशन चलाये जा सकेंगे.

अवैध कटाई पर लगेंगे लगाम

उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व की 125 किलोमीटर सीमा ओडिशा से लगी हुई है, जो अतिक्रमण और अवैध कटाई के दृष्टिकोण से अति संवेदनशील है.दुर्गम और नक्सल प्रभावित होने के कारण यहा की पेट्रोलिंग जोखिम भरा होता था.अब इमेजरी की तुलानात्म अध्ययन से पता अवैध कटाई व अन्य गतिविधियों का पता आसानी से लग जायेगा.पोर्टल में आए इमेज लाल डॉट्स से अवैध कटाई के संकेत देंगे.

वन जल आवरण का आंकलन भी हो सकेगा

पोर्टल हर पांच दिवस में सेटेलाइट डाटा के माध्यम से वन आवरण और जल आवरण की तुलनात्मक रिपोर्ट बताने में सक्षम होगा.जल ,भूमि सरंक्षण व पर्यावरण के लिए काम करने वाले विभाग के लिए भी आवरण रिपोर्ट सहायक साबित होगा.

ड्रोन मैपिंग पोर्टल अभ्यारण्य के सभी कार्यों को पारदर्शिता रखेगा

कहावत थी “जंगल में मोर नाचा किसने देखा” पर विभाग के ड्रोन पोर्टल के माध्यम से आमजन जंगल के भीतर हो रहे कार्य को आसानी से देख सकता है. योजनाओं के तहत कराए जा रहे वानिकी कार्यों को ड्रोन मैपिंग कर हाई रिसोलूशन इमेजरी पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध रहेगी.

वृक्षारोपण क्षेत्र में पौधा संख्या, गड्डा संख्या, सालाना पौधे का विकास देख और माप सकेंगे. वृक्षारोपण के पूर्व और पश्चात की इमेजरी/लेयर को एक के ऊपर एक सुपर इम्पोस कर लेयर को ऑन-ऑफ कर आंकलन कर सकते है. पोर्टल पर ही अपनी शिकायत या सुझाव साझा भी कर सकेंगे. विभाग के प्रति लोगो का विश्वास व संबंध गहरा होगा.अवैध कटाई वाले स्थानों में कराए जा रहे वानिकी कार्य भी विभाग के लगन मेहनत को दर्शाया गया. इससे अतिक्रमणकारियों के खिलाफ अभियान चलाने में लोगों की मदद मिलने लगेगा. मनोभाव परिवर्तन करने में भी यह पोर्टल सहायक साबित होगा.

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी लोक संगीत के पुरोधा खुमान साव की पुण्यतिथि पर उन्हें किया नमन

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ी लोक संगीत के पुरोधा स्वर्गीय खुमान साव की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। श्री साय ने उन्हें याद करते हुए कहा कि श्री साव ने ‘चंदैनी गोंदा‘ के माध्यम से छत्तीसगढ़ी लोक कला को संवारने में अपना पूरा जीवन लगा दिया। लोक कला की सेवा के लिए उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कलाकार कभी दुनिया से विदा नहीं लेते बल्कि, अपनी कला के माध्यम से वे हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहते हैं।

खाद्य नियंत्रक एवं औषधि की टीम ने 9 जिलों में मारा छापा, जांच के लिए दवाइयों के लिए सैंपल

रायपुर- खाद्य नियंत्रक एवं औषधि प्रशासन की टीम ने 9 ज़िलों में छापेमार कार्रवाई कर गुणवत्ता परीक्षण के लिए दवाओं के सैंपल लिए. शासकीय अस्पतालों एवं स्कूलों में बांटने वाली दवाइयों की सैंपल ली.

नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन कुलदीप शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर प्रदेश क़े मातृ एवं स्कूली बच्चों मे हीमोग्लोबिन स्तर मे निरंतर सुधार के लिए व्यापक स्तर पर दवाओं की गुणवत्ता परिक्षण किया जा रहा है. प्रदेश के नौ जिलों से शासकीय अस्पतालों एवं स्कूलों में आपूर्ति किए जाने वाले क़े आयरन और फोलिक एसिड टेबलेट का नमूना लिया गया है.

उन्होंने बताया, औषधि निरिक्षकों ने राज्य क़े जिला अस्पतालों, स्कूलों और दवा निगम क़े वेयर हाउस से आयरन और फोलिक एसिड क़े विभिन्न फार्मूलेशन का नमूना संकलन कर गुणवत्ता परीक्षण के लिए कालीबाड़ी रायपुर स्थित राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भेजी है. यहां दवाओं की गुणवत्ता परीक्षण किया जाएगा और जांच रिपोर्ट क़े आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी.

जानिए कहां-कहां से लिया गया सैंपल

1. ड्रग वेयर हाउस जशपुर

2. ड्रग वेयर हाउस कोरिया

3. ड्रग वेयर हाउस जगदलपुर

4. ⁠जिला अस्पताल राजनांदगाव

5. ⁠जिला अस्पताल रायपुर

6. जिला अस्पताल अंबिकापुर

7. ⁠कार्यालय विकास खंड शिक्षा अधिकारी दुर्ग

8. ⁠कार्यालय विकास खंड शिक्षा अधिकारी धमतरी

9. ⁠कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी तखतपुर (बिलासपुर)

10. ⁠कार्यालय विकास खंड शिक्षा अधिकारी कोटा (बिलासपुर )

दवाएं जिनके नमूना लिए गए

1. आई एफ ए – विफ़्स जूनियर

2. आई एफ ए – विफ़्स रेड

3. ⁠आई एफ ए – विफ़्स ब्लू

उप नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन बसंत कौशिक ने बताया, दवाइयां गर्भवती महिलाओं और बच्चों में हीमोग्लोबिन की कमी दूर करती है. हीमोग्लोबिन, गर्भवती महिलाओं में शिशु विकास में बहुत सहयक होती है. साथ ही बच्चों क़े मानसिक एवं शारीरिक विकास क़े लिए अतिआवश्यक है.

मुख्यमंत्री ने आदिवासी जननायक बिरसा मुण्डा की पुण्यतिथि पर उन्हें किया नमन

रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आदिवासियों के उत्थान के लिए आजीवन संघर्ष करने वाले महान क्रांतिकारी जननायक बिरसा मुण्डा को उनकी पुण्यतिथि 9 जून के अवसर पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री ने श्री मुण्डा को नमन करते हुए कहा कि श्री मुण्डा आदिवासी चेतना के प्रणेताओं में से एक थे। उन्होंने आदिवासियों को एकत्र कर जल, जंगल और जमीन पर अधिकारों के लिए आंदोलन चलाया। उनके शौर्य और बलिदान की गाथा आज भी करोड़ों लोगों को प्रेरित करती हैें। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिरसा मुण्डा ने हमें सिखाया कि सामूहिक इच्छाशक्ति, हथियारों की शक्ति पर भी भारी पड़ती है। उनका अदम्य साहस हम सबके लिए प्रेरणादायी है। श्री साय ने कहा कि आदिवासियों को उनका अधिकार दिलाना और स्वाभिमान की रक्षा बिरसा मुंडा जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

घायलों के लिए बेहतर उपचार सुनिश्चित कराने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने टीम भेजी, विधायक प्रबोध मिंज सहित अन्य विधायक फिरोजाबाद के लिए रवाना

नई दिल्ली-  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में हुए हादसे में घायलों का बेहतर उपचार सुनिश्चित करने के लिए एक टीम रवाना किया है।

छत्तीसगढ़ से धार्मिक यात्रा पर गए श्रद्धालुओं से भरी बस उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर आज सुबह पलट गई थी। दुर्घटना में तीन के निधन सहित 40 लोग घायल हो गए।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नई दिल्ली से ही घायलों का बेहतर उपचार सुनिश्चित करने व उत्तरप्रदेश सरकार से समन्वय हेतु विधायक प्रबोध मिंज के नेतृत्व में एक टीम गठित कर लखनऊ भेजा है। टीम में अन्य विधायकों सहित आवासीय आयुक्त श्रुति सिंह शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया हादसे में घायलों को जिला संयुक्त चिकित्सालय शिकोहाबाद और फिरोजाबाद मेडिकल कालेज में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। जिला प्रशासन से बात कर डॉक्टरों को उचित देखभाल के निर्देश दिए गए हैं एवं उच्चाधिकारियों को भी इस बाबत आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर फिर गरमाई सियासत : आरक्षण संशोधन विधेयक के समिति पर कांग्रेस का हमला, कहा-

रायपुर- छत्तीसगढ़ में आरक्षण संशोधन विधेयक के मुद्दे पर एक बार फिर से सियासत गरमा गई है. आरक्षण विवाद सुलझाने के लिए राज्य सरकार ने पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है. इस समिति का अध्यक्ष कृषि मंत्री रामविचार नेताम को बनाया गया है. कमेटी दो साल के भीतर एसटी-एससी, ओबीसी आरक्षण पर सरकार को अपना सुझाव देगी. जिसपर कांग्रेस ने निशाना साधना शुरू कर दिया है. पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि दो साल नहीं छह महीने समय करें. इन्हें जैसे-जैसे दिल्ली और नागपुर से आदेश आया होगा वैसा करते हैं. फिर भी आग्रह है कि अभावग्रस्त लोगों के लाभ के लिए निर्णय लें. किसी समिति की जरूरत नहीं थी. वहीं कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सर्व समाज को धोखा देने समिति का गठन किया गया है. इससे फिर साबित होता है कि बीजेपी आरक्षण विरोधी है. कांग्रेस इसकी निंदा करती है.

दो साल का समय लेना टालमटोल करना करना है – अमरजीत भगत

आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर कमेटी और दो साल के समय पर पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि केवल राज्यपाल से अनुमति लेना है. लेकिन इसके लिए दो साल का समय लेना लिंगर ऑन करना है. समय दो साल नहीं छह महीने करें. इन्हें जैसे-जैसे दिल्ली और नागपुर से आदेश आया होगा वैसा करते हैं. फिर भी आग्रह है कि अभावग्रस्त लोगों के लाभ के लिए निर्णय लें. किसी समिति की जरूरत नहीं थी. नई सरकार नए तरीके से करना चाहती है तो ठीक है. आदिवासी वर्ग का 32, अनुसूचित जाति का 13 और ओबीसी का 27 प्रतिशत आरक्षण होना चाहिए.

जनता को धोखा देने के लिए बनाई गई समिति – सुशील आनंद शुक्ला

आरक्षण समिति पर सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सर्व समाज को धोखा देने समिति का गठन किया गया है. सर्व सम्मति से विधेयक पारित किया गया था फिर समिति के गठन की जरूरत क्यों हुई. जनता को धोखा देने के लिए समिति बनाई गई. कोई बदलाव करना है, तो बिल राजभवन से मंगाए. संशोधन कर बिल पारित कराए और राजभवन से पास कराए. फिर से साबित हुआ, बीजेपी आरक्षण विरोधी है. कांग्रेस इसकी निंदा करती है.

निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस तैयार- सुशील आनंद शुक्ला

निकाय चुनाव पर बीजेपी के दावों पर कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस की भी तैयारी पूरी है. जिला कांग्रेस से लेकर ब्लॉक कांग्रेस तक के पदाधिकारियों की बैठक ली गई है. अभी सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद बड़े पदाधिकारी लौटेंगे, फिर बैठक होगी.

सीडब्ल्यूसी की बैठक में सभी पहलुओं पर होगी चर्चा- सुशील आनंद

सीडब्ल्यूसी की बैठक पर सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ समेत देश भर में लोकसभा चुनाव के नतीजों पर चर्चा होगी. एजेंडा यहां से बताना मुश्किल लेकिन सर्वोच्च ईकाई सीडब्ल्यूसी है. इस पर सभी पहलुओं पर चर्चा होगी.

इंडिया गठबंधन की सरकार बनाने के कांग्रेसी बयान पर सीएम साय का पलटवार, कहा- यही सोच-सोचकर खुश होते रहें…

रायपुर-   इंडिया गठबंधन की सरकार बनने वाले कांग्रेस के बयान पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पटलवार किया है. उन्होंने कहा कि इसी मुगालते में वो लोग रहें. यही सोच-सोच कर खुश होते रहें. इसके अलावा उनके पास कोई दूसरा रास्ता तो है नहीं. हमारी एनडीए की सरकार पूरा चलेगी. 5 साल तक चलेगी, 2 बार चल चुकी है, और तीसरी बार भी 5 साल तक चलेगी.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के बच्चों से दिल्ली में मुलाकात पर कहा कि छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार को बने करीब 5 महीने का वक्त हो गया है. मुख्यमंत्री के नाते पहली बार हमारा आना हुआ है. यहां पर कोचिंग करने के लिए छत्तीसगढ़ से बच्चे आते हैं, उन्हें सरकार की तरफ से निशुल्क व्यवस्था जब डॉ. रमन सिंह मुख्यमंत्री थे, तब से है. मुख्यमंत्री बनने के बाद आज पहली बार यहां पर हमारा आना हुआ है.

उन्होंने कहा कि हमारे साथ यहां हमारे छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री, विधायक भी आए हैं. यहां पर हमारे बच्चे रहते हैं, उनके साथ हम लोगों की बातचीत हुई हम लोगों से पूछे कि किस गांव से हैं, क्या नाम है. किसकी वह तैयारी कर रहे हैं. सभी ने अपना नाम, गांव और क्या कर रहे हैं, बताया है. यहां पर 50 बच्चों की व्यवस्था थी, जिसको हमारी सरकार ने 200 कर रही है. छत्तीसगढ़ के 200 बच्चे यहां पर कोचिंग के लिए आएंगे, सरकार उनको व्यवस्था देगी. डेढ़ सौ सीट हम बढ़ा रहे हैं.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का ट्राइबल यूथ हॉस्टल का दौरा, छात्रों से संवाद कर सफलता के लिए किया प्रोत्साहित

नई दिल्ली-  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली के द्वारका स्थित ट्राइबल यूथ हॉस्टल का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने हॉस्टल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया एवं छात्रों से संवाद कर उन्हें सफलता के लिए प्रोत्साहित किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, आदिम जाति अनुसूचित जनजाति विकास मंत्री रामविचार नेताम एवं लुण्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज भी साथ रहे।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने हॉस्टल की सुविधाओं का जायजा लिया और देखा कि छात्रों को किस प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि छात्रों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए और किसी भी प्रकार की कमी को तुरंत दूर किया जाए। मुख्यमंत्री ने हॉस्टल की सफाई, सुरक्षा और खानपान की गुणवत्ता पर विशेष जोर दिया।

छात्रों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि यूपीएससी अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए यूथ हॉस्टल में 50 बच्चों के सीटों को बढ़ाकर अब 200 बच्चों को तैयारी कराने का प्रावधान बजट में किया गया है। उनके लिए हॉस्टल व पीजी की व्यवस्था की जाएगी। यह कदम छात्रों की शिक्षा और करियर को बेहतर बनाने की दिशा में कारगर सिद्ध होगा। वहीं छत्तीसगढ़ के ज्यादा से ज्यादा बच्चे सिविल सेवा में सलेक्ट हो सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार हमेशा छात्रों के विकास और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है और ऐसे ही प्रयासों से हम अपने राज्य के युवाओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकते हैं।

छात्रों को प्रेरित करते हुए श्री साय ने कहा कि वे छत्तीसगढ़ का भविष्य हैं, अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करें। छात्रों से उनकी पढ़ाई और भविष्य की योजनाओं के बारे में चर्चा करते हुये उनका मार्गदर्शन किया। मुख्यमंत्री ने छात्रों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री ने हॉस्टल के अधिकारियों से बातचीत में छात्रों की हर जरूरत का ध्यान रखने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने अधिकारियों को छात्रों के शैक्षिक और मानसिक विकास के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और कार्यशालाओं का आयोजन करने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों को एक सकारात्मक और प्रेरणादायक वातावरण प्रदान करना हमारी जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री के इस दौरे ने छात्रों में नया उत्साह और आत्मविश्वास भर दिया है। छात्रों ने मुख्यमंत्री से खुलकर अपनी बातें साझा की एवं उन्हें धन्यवाद दिया।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ मीडिया सलाहकार पंकज झा, प्रेस अधिकारी आलोक सिंह, जनसंपर्क आयुक्त मयंक श्रीवास्तव, आवासीय आयुक्त श्रुति सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

ज्ञानगुड़ी’ से दमका बस्तर, नक्सल प्रभावित इलाकों के बच्चों ने किया NEET क्वालीफाई…

जगदलपुर- इस बार नीट (NEET) क्वालीफाई करने वाले बच्चों में दंतेवाड़ा के विधायक रहे भीमा मंडावी की जहां हत्या हुई थी, उस गांव का लखूराम पोड़ियामी और बस्तर के पहले बारूदी विस्फोट वाले गांव बंगोली का समीर मरकाम भी शामिल है. 

जिला प्रशासन द्वारा संचालित ज्ञानगुड़ी कोचिंग सेंटर में पढ़ाई करने वाले 76 बच्चों में 64 ने नीट क्वालीफाई किया है. इनमें 36 बच्चे रेगुलर क्लास के हैं, जबकि अन्य ने क्रैश कोर्स व समय-समय पर कोचिंग ली है.

नीट क्वालीफाई करने वाले बच्चों से कलेक्टर विजय दयाराम ने मुलाकात करने के साथ चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मेहनत का कोई लक्ष्य नहीं होता. कर्तव्य करते रहें, सफलता कदम चूमती है. आपकी सफलता से बस्तर गौरवान्वित हुआ है. कलेक्टर ने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि बस्तर के बच्चों ने डॉक्टर बनने नीट क्वालीफाई किया. उन्होंने कहा कि ‘ज्ञानगुड़ी’ का मकसद यही है कि विकास को पंख मिले. आपकी सफलता को देखकर और हजारों बच्चों को प्रेरणा मिलेगी.

इस दौरान मौजूद एसपी शलभ सिन्हा ने कहा कि किसी ने कल्पना नहीं की थी कि इतनी बड़ी संख्या में बस्तर से बच्चे डॉक्टर के लिए क्वालिफाई करेंगे. प्लेटफॉर्म मिलता है तो आगे बढ़ने का मौका भी मिलता है. उन्होंने बच्चों से कहा कि डॉक्टर बनने के बाद अपने क्षेत्र का ख्याल रखें और बस्तर के प्रति गंभीर रहें. उन्होंने कहा कि बस्तर को पिछड़ा क्षेत्र के नाम से देखा जाता है. इस भ्रांति को हमें बदलना है.

अफसरों के जलवे पर लगी रोक, अब लग्जरी गाड़ियों का नहीं उठा पाएंगे लुफ्त, सरकार ने 22 शर्तों के साथ जारी किया निर्देश…

रायपुर- छत्तीसगढ़ के वित्त विभाग ने सभी विभागों के अधिकारी और कर्मचारियों के किराये पर ली गई गाड़ियों में ब्रेक लगा दी है. फाइनेंस सेक्रेटरी मुकेश बंसल ने राज्य सरकार के सभी विभागों, निगम, मंडल और उपक्रम निकाय में अब गाड़ियां किराये से लेने पर रोक लगाने के आदेश जारी करते हुए 22 शर्तों के नीति निर्देश जारी किये हैं.

बता दें, विभागों के वित्तीय अधिकारों के प्रत्यायोजन की पुस्तिका में वाहन किराये पर लेने संबंधी अधिकार समाप्त कर दिए गए हैं. इसके साथ ही यह स्पष्ट कर दिया गया है कि विशेष उद्देश्य के साथ निर्धारित समय के लिए ही वित्त विभाग की अनुमति लेकर गाड़ी किराए पर ली जा सकती है.

वित्त विभाग की तरफ से जारी आदेश में स्पष्ट किया है कि, कौन से स्तर के अधिकारी को किस स्तर की गाड़ी किराए पर लेने की पात्रता होगी. इसके साथ ही बताया गया है कि विभिन्न विभागों और उनके अंतर्गत आने वाले कार्यालयों/ निगम/मंडल और अनुदान प्राप्त संस्थाओं में गाड़ियां किराये पर लेकर उपयोग किया जा रहा है. लेकिन इनके किराये की दरों में एकरूपता नहीं है. इसलिए इसमें एक समान दरों के अनुसार गाड़ियां किराये पर लेने के लिए शर्त निर्धारित की गई है. 

जारी नीति निर्देश में एकरूपता की दृष्टि से परिशिष्ट-अ अनुसार वाहनों / समतुल्य वाहनों के किराया हेतु दर तथा परिशिष्ट-ब अनुसार किराये की शर्त निर्धारित की गई है. किराये के वाहन की दरें राज्य मद से किराये पर लिये जाने वाले वाहनों के साथ केन्द्र पोषित अथवा अन्य मदो से वित्त पोषित योजनाओं के तहत किराये पर भी लिये जाने वाले वाहनों पर समान रूप से लागू होगें.

वित्‍त विभाग की अनुमति के साथ इन शर्तों पर किराये पर ले सकेंगे वाहन:

1. किराये पर उपलब्ध कराये जाने वाले वाहन का मॉडल वर्ष 2020 या उसके बाद का होना चाहिए. इन वाहनों के पंजीयन संबंधी दस्तावेज की प्रतिलिपि अनिवार्यतः ली जाये.

2. वाहन के समस्त दस्तावेज जीवित बीमा (कम्प्रेहेन्सिव) तथा फिटनेस प्रमाण पत्र आदि होना अनिवार्य है. उपरोक्त सभी का भुगतान वाहन मालिक द्वारा किया जावेगा. बीमा संबंधी दस्तावेज की प्रतिलिपि जमा किया जाये.

3. वाहन मुख्यालय पर रहने एवं मुख्यालय से बाहर रहने पर कोई अतिरिक्त राशि देय नहीं होगा.

4. किराये की अवधि में वाहन आबंटित अधिकारी के आधिपत्य में रहेगा तथा फर्म के द्वारा अपने निजी प्रयोजन अथवा कार्यालय से हटकर अन्य कार्य हेतु वाहन का उपयोग किया जाता है, तो तत्काल प्रभाव से वाहन हटा दिया जावेगा.

5. वाहन की मरम्मत, रख-रखाव, दुर्घटना दावा एवं समस्त अन्य खर्चे वाहन मालिक द्वारा वहन किया जाएगा.

6. उपयोग के दौरान वाहन के खराब होने की स्थिति में समतुल्य वाहन तत्काल उपलब्ध कराना होगा. वाहन तत्काल उपलब्ध न कराये जाने पर उक्त दिवस की राशि कटौती की जाएगी. यदि कार्यालय द्वारा वाहन की व्यवस्था की जाती है, तो व्यय पूर्ति की जवाबदारी फर्म की होगी.

7. वाहन का उपयोग अवकाश दिवसों पर भी किया जावेगा. यदि उक्त दिवसों पर वाहन उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो मासिक दर के आधार पर प्रति दिवस राशि की गणना कर कटौती की जावेगी.

8. फर्म के द्वारा वाहन चालक के संबंध में जानकारी (आधारकार्ड, वैध ड्रायविंग लाइसेंस, अनुभव प्रमाण पत्र की प्रति) उपलब्ध करायी जाए. वाहन चालक यातायात नियमों का ज्ञान रखने वाला होना चाहिए. कम से कम 03 वर्ष वाहन चलाने का अनुभव हो तथा वाहन चालक के विरूद्ध किसी प्रकार का आपराधिक / दुर्घटना प्रकरण दर्ज न हो.

9. वाहन की लॉग बुक प्रतिदिन अनिवार्य रूप से वाहन चालक को संधारित करना होगा एवं उपयोग करने वाले अधिकारी / कर्मचारी से प्रतिदिन हस्ताक्षर लिया जाना होगा.

10. लॉग बुक की सत्यापित छायाप्रति के साथ देयक एक प्रति में प्रस्तुत करना होगा. फर्म द्वारा बैंक खाते का विवरण कार्यालय को उपलब्ध कराना होगा.

11. देयक के भुगतान में नियमानुसार आयकर एवं जी.एस.टी. की कटौती की जावेगी.

12. वाहन चालक का समस्त व्यय (वेतन, भत्ता आदि) फर्म द्वारा देय होगा.

13. वाहन चालक के अवकाश पर रहने या अस्वस्थ होने पर फर्म के द्वारा तत्काल दूसरे अर्हताधारी वाहन चालक की व्यवस्था की जायेगी.

14. दर निर्धारण पश्चात् नियत अवधि हेतु कार्यादेश दिया जावेगा. कार्यादेश में उल्लेखित शर्तों का एजेंसी के द्वारा उल्लंघन करने पर सेवाएं समाप्त कर दी जावेगी. किसी भी समय कार्यादेश रद्द करने का अधिकार कार्यालय प्रमुख के पास सुरक्षित होगा.

15. नियत अवधि में पेट्रोल / डीजल के दर/टैक्स/जी.एस.टी. में वृद्धि होने पर बढ़े हुए दर के भुगतान का दायित्व वाहन आपूतिकर्ता फर्म का होगा.

16. उपयोग किए जाने वाले वाहन के प्रकार का निर्धारण करने का अधिकार कार्यालय को होगा.

17. वाहनों के दरों के निर्धारण पश्चात् फर्म द्वारा राशि 1,00,000/- रू. का सावधि जमा, किराये से वाहन प्राप्त करने वाले अधिकारी के पदनाम से धरोहर / अमानत राशि के रूप में जमा करना होगा. उक्त फर्म का वाहन जब तक कार्यालय में उपयोग किया जाएगा, तब तक उक्त राशि जमा रहेगी. फर्म के द्वारा कार्यालय से वाहन हटाये जाने के पश्चात् ही अमानत राशि फर्म को वापस की जावेगी. शर्त के उल्लंघन पर अमानत राशि जब्त किया जायेगा.

18. स्वीकृत दर पर आवश्यकतानुसार वाहन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी संबंधित ट्रेवल्स एजेंसी / फर्म की होगी. अनुपलब्धता की स्थिति में उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी तथा अन्य एजेंसी / फर्म से वाहन प्राप्त किया जायेगा.

19. वाहन किराये पर उपलब्ध कराने के संबंध में किसी भी प्रकार के विवाद होने की स्थिति में अंतिम निर्णय कार्यालय प्रमुख द्वारा लिया जाएगा. उनका निर्णय अंतिम व उभय पक्ष को मान्य होगा.

20. मासिक किराया दर में वाहन अधिकतम 2000 कि.मी. चलित दौरा सम्मिलित है, जिसमें पेट्रोल/डीजल फर्म के द्वारा देय होगा. मासिक 2000 कि.मी. से अधिक चलने पर निर्धारित दर से अतिरिक्त किराया देय होगा.

21. वाहन में फास्टेग की सुविधा अनिवार्य होगी तथा इसका रिचार्ज अनुबंधकर्ता फर्म द्वारा किया जावेगा.

22. वाहन उपलब्ध कराने वाले फर्म को कार्यालय प्रमुख के साथ शर्तों के अनुरूप अनुबंध निष्पादित करना होगा.