घायलों के लिए बेहतर उपचार सुनिश्चित कराने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने टीम भेजी, विधायक प्रबोध मिंज सहित अन्य विधायक फिरोजाबाद के लिए रवाना

नई दिल्ली-  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में हुए हादसे में घायलों का बेहतर उपचार सुनिश्चित करने के लिए एक टीम रवाना किया है।

छत्तीसगढ़ से धार्मिक यात्रा पर गए श्रद्धालुओं से भरी बस उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर आज सुबह पलट गई थी। दुर्घटना में तीन के निधन सहित 40 लोग घायल हो गए।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नई दिल्ली से ही घायलों का बेहतर उपचार सुनिश्चित करने व उत्तरप्रदेश सरकार से समन्वय हेतु विधायक प्रबोध मिंज के नेतृत्व में एक टीम गठित कर लखनऊ भेजा है। टीम में अन्य विधायकों सहित आवासीय आयुक्त श्रुति सिंह शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया हादसे में घायलों को जिला संयुक्त चिकित्सालय शिकोहाबाद और फिरोजाबाद मेडिकल कालेज में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। जिला प्रशासन से बात कर डॉक्टरों को उचित देखभाल के निर्देश दिए गए हैं एवं उच्चाधिकारियों को भी इस बाबत आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर फिर गरमाई सियासत : आरक्षण संशोधन विधेयक के समिति पर कांग्रेस का हमला, कहा-

रायपुर- छत्तीसगढ़ में आरक्षण संशोधन विधेयक के मुद्दे पर एक बार फिर से सियासत गरमा गई है. आरक्षण विवाद सुलझाने के लिए राज्य सरकार ने पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है. इस समिति का अध्यक्ष कृषि मंत्री रामविचार नेताम को बनाया गया है. कमेटी दो साल के भीतर एसटी-एससी, ओबीसी आरक्षण पर सरकार को अपना सुझाव देगी. जिसपर कांग्रेस ने निशाना साधना शुरू कर दिया है. पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि दो साल नहीं छह महीने समय करें. इन्हें जैसे-जैसे दिल्ली और नागपुर से आदेश आया होगा वैसा करते हैं. फिर भी आग्रह है कि अभावग्रस्त लोगों के लाभ के लिए निर्णय लें. किसी समिति की जरूरत नहीं थी. वहीं कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सर्व समाज को धोखा देने समिति का गठन किया गया है. इससे फिर साबित होता है कि बीजेपी आरक्षण विरोधी है. कांग्रेस इसकी निंदा करती है.

दो साल का समय लेना टालमटोल करना करना है – अमरजीत भगत

आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर कमेटी और दो साल के समय पर पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि केवल राज्यपाल से अनुमति लेना है. लेकिन इसके लिए दो साल का समय लेना लिंगर ऑन करना है. समय दो साल नहीं छह महीने करें. इन्हें जैसे-जैसे दिल्ली और नागपुर से आदेश आया होगा वैसा करते हैं. फिर भी आग्रह है कि अभावग्रस्त लोगों के लाभ के लिए निर्णय लें. किसी समिति की जरूरत नहीं थी. नई सरकार नए तरीके से करना चाहती है तो ठीक है. आदिवासी वर्ग का 32, अनुसूचित जाति का 13 और ओबीसी का 27 प्रतिशत आरक्षण होना चाहिए.

जनता को धोखा देने के लिए बनाई गई समिति – सुशील आनंद शुक्ला

आरक्षण समिति पर सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सर्व समाज को धोखा देने समिति का गठन किया गया है. सर्व सम्मति से विधेयक पारित किया गया था फिर समिति के गठन की जरूरत क्यों हुई. जनता को धोखा देने के लिए समिति बनाई गई. कोई बदलाव करना है, तो बिल राजभवन से मंगाए. संशोधन कर बिल पारित कराए और राजभवन से पास कराए. फिर से साबित हुआ, बीजेपी आरक्षण विरोधी है. कांग्रेस इसकी निंदा करती है.

निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस तैयार- सुशील आनंद शुक्ला

निकाय चुनाव पर बीजेपी के दावों पर कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस की भी तैयारी पूरी है. जिला कांग्रेस से लेकर ब्लॉक कांग्रेस तक के पदाधिकारियों की बैठक ली गई है. अभी सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद बड़े पदाधिकारी लौटेंगे, फिर बैठक होगी.

सीडब्ल्यूसी की बैठक में सभी पहलुओं पर होगी चर्चा- सुशील आनंद

सीडब्ल्यूसी की बैठक पर सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ समेत देश भर में लोकसभा चुनाव के नतीजों पर चर्चा होगी. एजेंडा यहां से बताना मुश्किल लेकिन सर्वोच्च ईकाई सीडब्ल्यूसी है. इस पर सभी पहलुओं पर चर्चा होगी.

इंडिया गठबंधन की सरकार बनाने के कांग्रेसी बयान पर सीएम साय का पलटवार, कहा- यही सोच-सोचकर खुश होते रहें…

रायपुर-   इंडिया गठबंधन की सरकार बनने वाले कांग्रेस के बयान पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पटलवार किया है. उन्होंने कहा कि इसी मुगालते में वो लोग रहें. यही सोच-सोच कर खुश होते रहें. इसके अलावा उनके पास कोई दूसरा रास्ता तो है नहीं. हमारी एनडीए की सरकार पूरा चलेगी. 5 साल तक चलेगी, 2 बार चल चुकी है, और तीसरी बार भी 5 साल तक चलेगी.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के बच्चों से दिल्ली में मुलाकात पर कहा कि छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार को बने करीब 5 महीने का वक्त हो गया है. मुख्यमंत्री के नाते पहली बार हमारा आना हुआ है. यहां पर कोचिंग करने के लिए छत्तीसगढ़ से बच्चे आते हैं, उन्हें सरकार की तरफ से निशुल्क व्यवस्था जब डॉ. रमन सिंह मुख्यमंत्री थे, तब से है. मुख्यमंत्री बनने के बाद आज पहली बार यहां पर हमारा आना हुआ है.

उन्होंने कहा कि हमारे साथ यहां हमारे छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री, विधायक भी आए हैं. यहां पर हमारे बच्चे रहते हैं, उनके साथ हम लोगों की बातचीत हुई हम लोगों से पूछे कि किस गांव से हैं, क्या नाम है. किसकी वह तैयारी कर रहे हैं. सभी ने अपना नाम, गांव और क्या कर रहे हैं, बताया है. यहां पर 50 बच्चों की व्यवस्था थी, जिसको हमारी सरकार ने 200 कर रही है. छत्तीसगढ़ के 200 बच्चे यहां पर कोचिंग के लिए आएंगे, सरकार उनको व्यवस्था देगी. डेढ़ सौ सीट हम बढ़ा रहे हैं.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का ट्राइबल यूथ हॉस्टल का दौरा, छात्रों से संवाद कर सफलता के लिए किया प्रोत्साहित

नई दिल्ली-  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली के द्वारका स्थित ट्राइबल यूथ हॉस्टल का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने हॉस्टल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया एवं छात्रों से संवाद कर उन्हें सफलता के लिए प्रोत्साहित किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, आदिम जाति अनुसूचित जनजाति विकास मंत्री रामविचार नेताम एवं लुण्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज भी साथ रहे।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने हॉस्टल की सुविधाओं का जायजा लिया और देखा कि छात्रों को किस प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि छात्रों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए और किसी भी प्रकार की कमी को तुरंत दूर किया जाए। मुख्यमंत्री ने हॉस्टल की सफाई, सुरक्षा और खानपान की गुणवत्ता पर विशेष जोर दिया।

छात्रों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि यूपीएससी अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए यूथ हॉस्टल में 50 बच्चों के सीटों को बढ़ाकर अब 200 बच्चों को तैयारी कराने का प्रावधान बजट में किया गया है। उनके लिए हॉस्टल व पीजी की व्यवस्था की जाएगी। यह कदम छात्रों की शिक्षा और करियर को बेहतर बनाने की दिशा में कारगर सिद्ध होगा। वहीं छत्तीसगढ़ के ज्यादा से ज्यादा बच्चे सिविल सेवा में सलेक्ट हो सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार हमेशा छात्रों के विकास और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है और ऐसे ही प्रयासों से हम अपने राज्य के युवाओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकते हैं।

छात्रों को प्रेरित करते हुए श्री साय ने कहा कि वे छत्तीसगढ़ का भविष्य हैं, अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करें। छात्रों से उनकी पढ़ाई और भविष्य की योजनाओं के बारे में चर्चा करते हुये उनका मार्गदर्शन किया। मुख्यमंत्री ने छात्रों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री ने हॉस्टल के अधिकारियों से बातचीत में छात्रों की हर जरूरत का ध्यान रखने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने अधिकारियों को छात्रों के शैक्षिक और मानसिक विकास के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और कार्यशालाओं का आयोजन करने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों को एक सकारात्मक और प्रेरणादायक वातावरण प्रदान करना हमारी जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री के इस दौरे ने छात्रों में नया उत्साह और आत्मविश्वास भर दिया है। छात्रों ने मुख्यमंत्री से खुलकर अपनी बातें साझा की एवं उन्हें धन्यवाद दिया।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ मीडिया सलाहकार पंकज झा, प्रेस अधिकारी आलोक सिंह, जनसंपर्क आयुक्त मयंक श्रीवास्तव, आवासीय आयुक्त श्रुति सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

ज्ञानगुड़ी’ से दमका बस्तर, नक्सल प्रभावित इलाकों के बच्चों ने किया NEET क्वालीफाई…

जगदलपुर- इस बार नीट (NEET) क्वालीफाई करने वाले बच्चों में दंतेवाड़ा के विधायक रहे भीमा मंडावी की जहां हत्या हुई थी, उस गांव का लखूराम पोड़ियामी और बस्तर के पहले बारूदी विस्फोट वाले गांव बंगोली का समीर मरकाम भी शामिल है. 

जिला प्रशासन द्वारा संचालित ज्ञानगुड़ी कोचिंग सेंटर में पढ़ाई करने वाले 76 बच्चों में 64 ने नीट क्वालीफाई किया है. इनमें 36 बच्चे रेगुलर क्लास के हैं, जबकि अन्य ने क्रैश कोर्स व समय-समय पर कोचिंग ली है.

नीट क्वालीफाई करने वाले बच्चों से कलेक्टर विजय दयाराम ने मुलाकात करने के साथ चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मेहनत का कोई लक्ष्य नहीं होता. कर्तव्य करते रहें, सफलता कदम चूमती है. आपकी सफलता से बस्तर गौरवान्वित हुआ है. कलेक्टर ने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि बस्तर के बच्चों ने डॉक्टर बनने नीट क्वालीफाई किया. उन्होंने कहा कि ‘ज्ञानगुड़ी’ का मकसद यही है कि विकास को पंख मिले. आपकी सफलता को देखकर और हजारों बच्चों को प्रेरणा मिलेगी.

इस दौरान मौजूद एसपी शलभ सिन्हा ने कहा कि किसी ने कल्पना नहीं की थी कि इतनी बड़ी संख्या में बस्तर से बच्चे डॉक्टर के लिए क्वालिफाई करेंगे. प्लेटफॉर्म मिलता है तो आगे बढ़ने का मौका भी मिलता है. उन्होंने बच्चों से कहा कि डॉक्टर बनने के बाद अपने क्षेत्र का ख्याल रखें और बस्तर के प्रति गंभीर रहें. उन्होंने कहा कि बस्तर को पिछड़ा क्षेत्र के नाम से देखा जाता है. इस भ्रांति को हमें बदलना है.

अफसरों के जलवे पर लगी रोक, अब लग्जरी गाड़ियों का नहीं उठा पाएंगे लुफ्त, सरकार ने 22 शर्तों के साथ जारी किया निर्देश…

रायपुर- छत्तीसगढ़ के वित्त विभाग ने सभी विभागों के अधिकारी और कर्मचारियों के किराये पर ली गई गाड़ियों में ब्रेक लगा दी है. फाइनेंस सेक्रेटरी मुकेश बंसल ने राज्य सरकार के सभी विभागों, निगम, मंडल और उपक्रम निकाय में अब गाड़ियां किराये से लेने पर रोक लगाने के आदेश जारी करते हुए 22 शर्तों के नीति निर्देश जारी किये हैं.

बता दें, विभागों के वित्तीय अधिकारों के प्रत्यायोजन की पुस्तिका में वाहन किराये पर लेने संबंधी अधिकार समाप्त कर दिए गए हैं. इसके साथ ही यह स्पष्ट कर दिया गया है कि विशेष उद्देश्य के साथ निर्धारित समय के लिए ही वित्त विभाग की अनुमति लेकर गाड़ी किराए पर ली जा सकती है.

वित्त विभाग की तरफ से जारी आदेश में स्पष्ट किया है कि, कौन से स्तर के अधिकारी को किस स्तर की गाड़ी किराए पर लेने की पात्रता होगी. इसके साथ ही बताया गया है कि विभिन्न विभागों और उनके अंतर्गत आने वाले कार्यालयों/ निगम/मंडल और अनुदान प्राप्त संस्थाओं में गाड़ियां किराये पर लेकर उपयोग किया जा रहा है. लेकिन इनके किराये की दरों में एकरूपता नहीं है. इसलिए इसमें एक समान दरों के अनुसार गाड़ियां किराये पर लेने के लिए शर्त निर्धारित की गई है. 

जारी नीति निर्देश में एकरूपता की दृष्टि से परिशिष्ट-अ अनुसार वाहनों / समतुल्य वाहनों के किराया हेतु दर तथा परिशिष्ट-ब अनुसार किराये की शर्त निर्धारित की गई है. किराये के वाहन की दरें राज्य मद से किराये पर लिये जाने वाले वाहनों के साथ केन्द्र पोषित अथवा अन्य मदो से वित्त पोषित योजनाओं के तहत किराये पर भी लिये जाने वाले वाहनों पर समान रूप से लागू होगें.

वित्‍त विभाग की अनुमति के साथ इन शर्तों पर किराये पर ले सकेंगे वाहन:

1. किराये पर उपलब्ध कराये जाने वाले वाहन का मॉडल वर्ष 2020 या उसके बाद का होना चाहिए. इन वाहनों के पंजीयन संबंधी दस्तावेज की प्रतिलिपि अनिवार्यतः ली जाये.

2. वाहन के समस्त दस्तावेज जीवित बीमा (कम्प्रेहेन्सिव) तथा फिटनेस प्रमाण पत्र आदि होना अनिवार्य है. उपरोक्त सभी का भुगतान वाहन मालिक द्वारा किया जावेगा. बीमा संबंधी दस्तावेज की प्रतिलिपि जमा किया जाये.

3. वाहन मुख्यालय पर रहने एवं मुख्यालय से बाहर रहने पर कोई अतिरिक्त राशि देय नहीं होगा.

4. किराये की अवधि में वाहन आबंटित अधिकारी के आधिपत्य में रहेगा तथा फर्म के द्वारा अपने निजी प्रयोजन अथवा कार्यालय से हटकर अन्य कार्य हेतु वाहन का उपयोग किया जाता है, तो तत्काल प्रभाव से वाहन हटा दिया जावेगा.

5. वाहन की मरम्मत, रख-रखाव, दुर्घटना दावा एवं समस्त अन्य खर्चे वाहन मालिक द्वारा वहन किया जाएगा.

6. उपयोग के दौरान वाहन के खराब होने की स्थिति में समतुल्य वाहन तत्काल उपलब्ध कराना होगा. वाहन तत्काल उपलब्ध न कराये जाने पर उक्त दिवस की राशि कटौती की जाएगी. यदि कार्यालय द्वारा वाहन की व्यवस्था की जाती है, तो व्यय पूर्ति की जवाबदारी फर्म की होगी.

7. वाहन का उपयोग अवकाश दिवसों पर भी किया जावेगा. यदि उक्त दिवसों पर वाहन उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो मासिक दर के आधार पर प्रति दिवस राशि की गणना कर कटौती की जावेगी.

8. फर्म के द्वारा वाहन चालक के संबंध में जानकारी (आधारकार्ड, वैध ड्रायविंग लाइसेंस, अनुभव प्रमाण पत्र की प्रति) उपलब्ध करायी जाए. वाहन चालक यातायात नियमों का ज्ञान रखने वाला होना चाहिए. कम से कम 03 वर्ष वाहन चलाने का अनुभव हो तथा वाहन चालक के विरूद्ध किसी प्रकार का आपराधिक / दुर्घटना प्रकरण दर्ज न हो.

9. वाहन की लॉग बुक प्रतिदिन अनिवार्य रूप से वाहन चालक को संधारित करना होगा एवं उपयोग करने वाले अधिकारी / कर्मचारी से प्रतिदिन हस्ताक्षर लिया जाना होगा.

10. लॉग बुक की सत्यापित छायाप्रति के साथ देयक एक प्रति में प्रस्तुत करना होगा. फर्म द्वारा बैंक खाते का विवरण कार्यालय को उपलब्ध कराना होगा.

11. देयक के भुगतान में नियमानुसार आयकर एवं जी.एस.टी. की कटौती की जावेगी.

12. वाहन चालक का समस्त व्यय (वेतन, भत्ता आदि) फर्म द्वारा देय होगा.

13. वाहन चालक के अवकाश पर रहने या अस्वस्थ होने पर फर्म के द्वारा तत्काल दूसरे अर्हताधारी वाहन चालक की व्यवस्था की जायेगी.

14. दर निर्धारण पश्चात् नियत अवधि हेतु कार्यादेश दिया जावेगा. कार्यादेश में उल्लेखित शर्तों का एजेंसी के द्वारा उल्लंघन करने पर सेवाएं समाप्त कर दी जावेगी. किसी भी समय कार्यादेश रद्द करने का अधिकार कार्यालय प्रमुख के पास सुरक्षित होगा.

15. नियत अवधि में पेट्रोल / डीजल के दर/टैक्स/जी.एस.टी. में वृद्धि होने पर बढ़े हुए दर के भुगतान का दायित्व वाहन आपूतिकर्ता फर्म का होगा.

16. उपयोग किए जाने वाले वाहन के प्रकार का निर्धारण करने का अधिकार कार्यालय को होगा.

17. वाहनों के दरों के निर्धारण पश्चात् फर्म द्वारा राशि 1,00,000/- रू. का सावधि जमा, किराये से वाहन प्राप्त करने वाले अधिकारी के पदनाम से धरोहर / अमानत राशि के रूप में जमा करना होगा. उक्त फर्म का वाहन जब तक कार्यालय में उपयोग किया जाएगा, तब तक उक्त राशि जमा रहेगी. फर्म के द्वारा कार्यालय से वाहन हटाये जाने के पश्चात् ही अमानत राशि फर्म को वापस की जावेगी. शर्त के उल्लंघन पर अमानत राशि जब्त किया जायेगा.

18. स्वीकृत दर पर आवश्यकतानुसार वाहन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी संबंधित ट्रेवल्स एजेंसी / फर्म की होगी. अनुपलब्धता की स्थिति में उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी तथा अन्य एजेंसी / फर्म से वाहन प्राप्त किया जायेगा.

19. वाहन किराये पर उपलब्ध कराने के संबंध में किसी भी प्रकार के विवाद होने की स्थिति में अंतिम निर्णय कार्यालय प्रमुख द्वारा लिया जाएगा. उनका निर्णय अंतिम व उभय पक्ष को मान्य होगा.

20. मासिक किराया दर में वाहन अधिकतम 2000 कि.मी. चलित दौरा सम्मिलित है, जिसमें पेट्रोल/डीजल फर्म के द्वारा देय होगा. मासिक 2000 कि.मी. से अधिक चलने पर निर्धारित दर से अतिरिक्त किराया देय होगा.

21. वाहन में फास्टेग की सुविधा अनिवार्य होगी तथा इसका रिचार्ज अनुबंधकर्ता फर्म द्वारा किया जावेगा.

22. वाहन उपलब्ध कराने वाले फर्म को कार्यालय प्रमुख के साथ शर्तों के अनुरूप अनुबंध निष्पादित करना होगा.

आरक्षण विवाद सुलझाने साय सरकार ने बनाई समिति, रामविचार नेताम को बनाया अध्यक्ष…

रायपुर- आरक्षण विवाद सुलझाने छत्तीसगढ़ सरकार ने पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है. कृषि मंत्री रामविचार नेताम की अध्यक्षता में बनाई गई समिति दो साल के भीतर एसटी-एससी, ओबीसी आरक्षण पर राज्य सरकार को अपना सुझाव देगी. 

समिति के अध्यक्ष मंत्री राम विचार नेताम ने बताया कि मामले में पहले से ही समिति बनना था. समय-समय पर बैठकें होनी थी, लेकिन नहीं हुई. बहुत सारे मुद्दे हैं, चाहे आरक्षण का हो, पदोन्नति का हो. तमाम विषय जस के तस पड़े हुए हैं. हमारे मुख्यमंत्री ने समिति के गठन का त्वरित निर्णय है. सदस्यों के साथ जब हम बैठेंगे, तब तमाम अधिकारी इस समिति की प्रक्रिया तय करेंगे.

समिति की समयावधि को लेकर कांग्रेस के आरोप पर नेताम ने कहा कि आरोप बेबुनियाद है. कोई भी कमेटी बनती है तो उसको समय सीमा दिया जाता है. जो भी निर्णय लिया जाएगा वह न्याय संगत होगा. समिति में विधायक गोमती साय, गुरु खुश्वंत सिंह, नीलकंठ टेकाम, गजेंन्द्र यादव व संगीता सिन्हा को शामिल किया गया है.

मानसून के समय खाद-बीज की संकट पर मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि समय-समय पर इस विषय को उठाया गया है. अधिकारियों से लगातार संपर्क में हूं. विभिन्न जिलों में और संभागों में अधिकारियों को भेजा गया है. सभी को जिले और संभाग में विशेष बैठक बुलाने के निर्देश दिए हैं. सेक्रेटरी लेवल के सभी अधिकारी निगरानी कर रहे हैं. दिल्ली से लौटकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी.

मोदी के तीसरे बार पीएम बनने से उत्साह

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कल होने वाले शपथ ग्रहण समारोह को लेकर रामविचार नेताम ने कहा कि नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन रहे हैं. भाजपा नेताओं में भारी उत्साह है. इस वक्त का इंतजार था कि वह तीसरी बार शपथ लेंगे. सभी विधायक, मंत्री, पदाधिकारी शपथ में शामिल रहेंगे. इनके अलावा सभी क्लस्टर प्रभारी, जिला अध्यक्ष, मोर्चा और प्रकोष्ठ अध्यक्ष की उपस्थिति में शपथ होगा.

छत्तीसगढ़ के यात्रियों से भरी बस यूपी में पलटी, दो की मौत

रायपुर- छत्तीसगढ़ के लोग जम्मू से माता वैष्णोदेवी के दर्शन कर लौट रहे थे। इसी दौरान बीच रास्ते में यूपी के फिरोजाबाद में यात्रियों से भरी बस हादसे का शिकार हो गए। यह हादसा तड़के साढ़े तीन बजे हुआ। जब आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर श्रद्धालुओं से भरी बस पलट गई। इस हादसे में मासूम बच्ची समेत दो लोगों की मौत हो गई। वहीं 35 लोग घायल हो गए हैं। इस हादसे को लेकर सीएम विष्णुदेव साय ने ट्वीट कर दुख जताया है।

मिली जानकारी के अनुसार, 28 मई को श्रद्धालुओं से भरी बस छत्तीसगढ़ से जम्मू स्थित मां वैष्णों देवी के दर्शन के लिए गई थी। बस में 65 लोग सवार थे और सभी यात्री छत्तीसगढ़ के ही निवासी थे। सभी श्रद्धालु मां वैष्णों देवी के दर्शन करके वृंदावन पहुंचे थे। जहां से रात तक़रीबन 1 बजे प्रयागराज होते हुए वापिस लौट रहे थे। इसी बीच ड्राइवर को झपकी आ गई और बस अनियंत्रित होकर एक्सप्रेस वे से नीचे जाकर पलट गई। सूचना के बाद घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इन घायलों में 7 साल और 14 साल की दो बालिकाएं भी शामिल हैं। जिन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

बस पलटने की सूचना मिलते ही एक्सप्रेस वे पर मौजूद कर्मचारी और नसीरपुर इंस्पेक्टर मौके पर पहुंचे। जहां तुरंत घायलों को निकालकर संयुक्त चिकित्सालय और फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया। जहां इलाज के दौरान दो लोगों की मौत हो गई और 35 लोग घायल हो गए हैं। इसमें कई व्यक्तियों की हालत गंभीर है। उन्हें सैफई के लिए रेफर कर दिया गया है और बचे हुए घायलों का इलाज जारी है।

इन यात्रियों के नाम शामिल

हादसे में भूषण कुमार साहू निवासी छत्तीसगढ़ पटोरा, नूतन साहू निवासी आरकार जिला बालोद थाना सनोल, भाग्य लक्ष्मी, नेमा निवासी आमा लोरी जिला दुर्ग, कांति यादव, पुष्पेंद्र निवासी आमा लोरी जिला दुर्ग, गीता ठाकुर निवासी आमा लोरी, परशराम निवासी मर्रा थाना उदई जिला दुर्ग, आरती साहू निवासी रायपुर, कारती ठाकुर निवासी आमा लोरी, पुलेस्वर प्रसाद साहू निवासी रायपुर, प्रतिभा निवासी बतौरा जिला दुर्ग, तामेस्वरी निवासी आमा लोरी, विमला बाई निवासी आमा लोरी, पूर्णिमा निवासी आमा लोरी, चेतन लाल मटियारा, लक्ष्मी मटियारा निवासी आमा लोरी, लक्ष्मी साहू निवासी पतोरा, कामती निवासी गुण्डरदयी, जिवराखन पटेल निवासी आमा लोरी, ललिता निवासी ऊतई, पिंगला निवासी दुर्ग, रूपा साहू निवासी निवासी दुर्ग, धिरोपति निवासी मर्रा थाना उतयी घायल हुए हैं। अब तक दोनों मृतकों के नामों का खुलासा नहीं किया गया है।

सहकारी समिति में लाखों का गबन, धान खरीदी प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ एफआईआर, जानिए पूरा मामला…

मुंगेली- जिले के ग्राम अखरार के सेवा सहकारी समिति में 39 लाख रुपए से अधिक की धोखाधड़ी एवं गबन का मामला सामने आया है. धान खरीदी प्रभारी दिलीप जायसवाल और कम्प्यूटर ऑपरेटर राजेन्द्र जायसवाल के विरूद्ध थाना चिल्फी में एफआईआर दर्ज कराई गई है. बता दें कि कलेक्टर ने समितियों से शेष बचे धान का शीघ्र उठाव करने और किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर संबंधितों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए है. सहायक आयुक्त सहकारिता हितेश कुमार श्रीवास ने बताया कि सेवा सहकारी समिति मर्यादित अखरार में भौतिक सत्यापन के दौरान कुल 1268.10 क्विंटल धान की कमी पाई गई, जिसकी कुल राशि 39 लाख 31 हजार 110 रुपए है. उन्होंने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर जिले में धान उठाव के लिए विभागीय टीम लगी हुई हैं. उसी क्रम में अखरार खरीदी केंद्र की शिकायत मिलने पर सहकारिता विस्तार अधिकारी एनके कश्यप एवं पर्यवेक्षक विजय कुमार रात्रे ने मौके पर जाकर भौतिक सत्यापन व जांच की. इसमें अनियमितता की शिकायत सही पाई गई और लगभग 1268.10 क्विंटल धान की अनियमितता के लिए खरीदी प्रभारी और ऑपरेटर को दोषी पाया गया. इसके बाद एफआईआर दर्ज कराने के लिए आदेश जारी किया गया. शाखा प्रबंधक डिंडौरी गौकरण सिंह चतुर्वेदी के लिखित आवेदन पर धान खरीदी प्रभारी एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर के विरूद्ध धोखाधड़ी एवं गबन करने के संबंध में थाना चिल्फी में अपराध पंजीबद्ध कराया गया है।

विपणन विभाग जिम्मेदार नहीं ?

समिति कर्मचारियों का कहना है कि विपणन विभाग की ओर से 72 घंटे के भीतर धान का उठाव कराने संबंधित अनुबंध किया जाता है लेकिन ऐसा होता बिल्कुल नही है. महीनों बीत जाने के बावजूद डीएमओ की ओर से धान का उठाव नही कराया जा सका. यहां तक जब हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल तक हाल में धान उठाव कराने निर्देश दिए इसके बावजूद अप्रैल और पूरा महीना गुजर गया लेकिन अभी भी जिले के 77 उपार्जन केंद्रों में करीब 90 हजार क्विंटल धान उठाव के लिए शेष है. उनका कहना है कि शॉर्टेज की भरपाई केवल समिति कर्मचारियों से कराई जा रही है जबकि धान उठाव कराने में लेटलतीफी करने वाले डीएमओ की क्या कोई जवाबदेही तय नही होती.

मिलर्स पर शिकंजा नहीं ?

समिति कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया है डीएमओ की ओर से बीच मे तीन-से चार माह डीओ ही नही काटा गया. इसके अलावा कुछ राइस मिलरों ने डीओ कटने के बावजूद निर्धारित समय पर गाड़ी नहीं लगाई, जिससे भी धान जाम होने की बात कही जा रही है. ऐसे में जिम्मेदार अफसरों को चाहिए कि राइस मिलरों पर निर्धारित समय अवधि के भीतर गाड़ी लगवाई जाए,यदि ऐसा नहीं कर मनमानी की जाती है और मनमाफिक गाड़ी लगाई गई हो तो दोषियों पर नियमानुसार कार्रवाई जरूर हो.

मां बम्लेश्वरी-मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष के घर ED का छापा

राजनांदगांव-  लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने आते ही छत्तीसगढ़ में ईडी (केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय) एक बार फिर से छत्तीसगढ़ में एक्टिव हो गई है. ED ने आज शनिवार को रायपुर और राजनांदगांव जिले के धर्म नगरी डोंगरगढ़ में दबीश दी है. ईडी ने मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और डोंगरगढ़ राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल के रायपुर और डोंगरगढ़ स्थित ठिकानों पर ईडी की छापेमार कार्रवाई की है.

बता दें, ED ने कस्टम मिलिंग मामले पर मनोज अग्रवाल के ठिकानों पर रेड कार्रवाई की है. मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष के घर पर सुबह 5 बजे से ईडी की छापेमार कार्रवाई जारी है.

ईडी ने दो अलग-अलग गाड़ी में पहुंचकर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल के ठिकाने पर रेड कार्रवाई की है. फिलहाल ईडी की कार्रवाई जारी है. जैसे ही मामले में अधिक जानकारी सामने आती है, खबर अपडेट कर दी जाएगी.

बता दें, बीते दिनों ईडी ने रायपुर में 2 जगह, दुर्ग में 2 जगह और खरोरा में 1 जगह ईडी ने छापेमार कार्रवाई की. ईडी ने राइस मिल एसोसिएशन के पूर्व महासचिव प्रमोद अग्रवाल और अध्‍यक्ष कैलाश रुंगटा के ठिकानों पर छापा मारा था.

सूत्रों के अनुसार, कस्टम मीलिंग घोटाला मामले में पकड़े गए खाद्य विभाग के विशेष सचिव मनोज सोनी और राइस मिल एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्‍यक्ष रोशन चंद्राकर से ईडी की पूछताछ के आधार पर रेड कार्रवाई की गई है।

जानिए…क्‍या है कस्‍टम मिलिंग घोटाला

दरअसल, धान की कस्‍टम मिलिंग में बड़ा घोटाला करने का आरोप है। विभिन्न राईस मिलर्स के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम एवं एफसीआई में जो कस्टम मिलिंग का चावल जमा किया जाता है। लेकिन ईडी की जांच में पाया गया कि इस प्रकिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली की गई. इसके साथ ही आरोप है कि अधिकारियों और मार्कफेड के एमडी मनोज सोनी ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए विभिन्न राईस मिलर्स के साथ मिलीभगत कर शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है.