शिव पार्वती विवाह का प्रसंग सुन प्रफुल्लित हुये श्रोता
*कृष्णपाल सिंह ( के डी सिंह ),पिसावां (सीतापुर) रौना गावँ के दानेश्वर बाबा मंदिर परिसर में चल रहे सात दिवसीय नवम श्रीरुद्र महायज्ञ के दूसरे दिन कथा व्यास महेंद्र मानस मधुकर महाराज ने शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया। प्रसंग सुन श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए। इस दौरान शिव-पार्वती विवाह की झांकी भी सजाई गई।
कथा व्यास ने कहा कि पर्वतराज हिमालय की घोर तपस्या के बाद माता जगदंबा प्रकट हुईं और उन्हें बेटी के रूप में उनके घर में अवतरित होने का वरदान दिया। इसके बाद माता पार्वती हिमालय के घर अवतरित हुईं। बेटी के बड़ी होने पर पर्वतराज को उनकी शादी की चिता सताने लगी। कहा कि माता पार्वती बचपन से ही बाबा भोलेनाथ की अनन्य भक्त थीं। एक दिन पर्वतराज के घर महर्षि नारद पधारे और उन्होंने भगवान भोलेनाथ के साथ पार्वती के विवाह का संयोग बताया।
उन्होंने कहा कि नंदी पर सवार भोलेनाथ जब भूत-पिशाचों के साथ बरात लेकर पहुंचे तो उसे देखकर पर्वतराज और उनके परिजन अचंभित हो गए लेकिन माता पार्वती खुशी से भोलेनाथ को पति के रूप में स्वीकार कर लीं। विवाह प्रसंग के दौरान शिव-पार्वती की झांकी पर श्रद्धालुओं ने पुष्प बरसाए। कथा विश्राम के बाद आरती उतारकर प्रसाद वितरित किया गया। इसके पूर्व यज्ञाचार्य प्रभात मिश्र द्वारा यज्ञ मंडप में स्थापित विभिन्न देवी-देवताओं के वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई।
Jun 02 2024, 18:27