हेल्थ टिप्स:गर्मियों में लू से बचने के लिए खाइए ये फल तपती गर्मी से मिलेगी राहत


दिल्ली:- तपती धूप और गर्मी से अक्सर लोग सुस्त महसूस करते हैं। दरअसल, शरीर में पानी की कमी के कारण इस समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आप हिट स्ट्रोक से बचने के लिए अपनी डाइट में शामिल करें ये फल जो शरीर में पानी की कमी पूरा करने के साथ ही बॉडी में ठंडा रखने में भी आपकी मदद करेंगे साथ ही स्वास्थ के लिए भी फायदेमंद होगी आइए जानते है 

ऐसे ही पांच फलों के बारे में।

मौसमी और संतरा

मौसमी और संतरा, एक ऐसे फल है जिसमें विटामिन-सी की भरपूर मात्रा होती है। ये खाने में स्वादिष्ट भी होते हैं और इनके सेवन से सेहत को भी फायदा होता है। गर्मियों में बड़े चाव से लोग मौसम्बी खाते हैं और इसका जूस भी पीते हैं। मौसम्बी के सेवन से पाचन शक्ति मजबूत बनती है, कब्ज से राहत मिलती है और ये फल वजन को भी कंट्रोल करने में मदद करता है।

तरबूज

तरबूज गर्मियों में खाने से शरीर में सिर्फ पानी की कमी ही नहीं पूरी होती बल्कि शरीर खास कर पेट में ठंडक बनी रहती हैं। तरबूज खाना कई बीमारियों में भी बहुत फायदेमंद होता है। इस फल में 92% लिक्विड होता है जिससे बॉडी को पर्याप्त हाइड्रेशन मिलता है।

खरबूजा

खरबूजा एक मौसमी फल है, गर्मियों में इसे खाना काफी अच्छा होता है क्यों की इसमें पानी की मात्रा काफी अधिक होती है और इसमें कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं ।

आम

गर्मियों में आम खाने से पाचन अच्छा रहता है और इसमें विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन-ई और फाइबर पाए जाते हैं जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है।

सेब

सेब के फायदे को लेकर तमाम शोध हुए हैं। इन शोधों के आधार पर ही डॉक्टर्स हमें हर रोज सेब खाने की सलाह देते हैं। सेब सबसे ज्यादा पापुलर फलों में शामिल है। सेब में पाए जाने वाले पोषक तत्व हमारे शरीर को मजबूती देते हैं जिससे शरीर को भूख का एहसास नहीं होता है और वजन तेजी से घटता है। सेब में विटामिन ए, बी, सी, कैल्शियम, पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो दिमाग में खून के प्रवाह को सही करते हैं।

एक जुलाई से लागू होंगे तीन नए कानून, राजद्रोह खत्म और नहीं मिलेगी तारीख पर तारीख




नई दिल्ली:- हत्या मतलब धारा 302 और धोखाधड़ी मतलब धारा 420 लगभग सभी जानते हैं, लेकिन अब एक जुलाई से हत्या का मतलब धारा 302 नहीं बल्कि धारा 103 और धोखाधड़ी का मतलब धारा 420 नहीं, बल्कि धारा 316 होगा. दरअसल अपराध और न्याय प्रणाली से जुड़े भारत के 3 कानूनों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. इस बदलाव के बाद अपराध से संबंधित धाराओं,उनकी विवेचना और न्यायिक प्रक्रिया में बड़ा बदलाव देखने मिलेगा.

ब्रिटिशकाल से चले आ रहे भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code),भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) और भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए हैं. अब इन कानूनों के नए नाम भी होंगे. जिनमें भारतीय कानून संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता नए नाम हो जाएंगे. इन कानूनों के लागू होने के पहले मध्यप्रदेश में पुलिस को प्रशिक्षित किया जा रहा है,ताकि अपराधिक विवेचना में कोई गलती ना हो. सागर स्थित जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी और पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में इन दिनों प्रशिक्षण चल रहा है. कैसा होगा इन बड़े कानूनों में बदलाव ये तीन कानून भारत की पुलिस और न्याय व्यवस्था की धुरी है.

अपराध संबंधी विवेचना से लेकर कानूनी प्रक्रिया तक इनका उपयोग होता है. सामान्य नागरिक भी इन कानूनों की धाराओं से परिचित है और प्रमुख अपराधों से संबंधित धाराओं के बारे में जागरूक है. लेकिन इस बड़े बदलाव के बाद पूरी न्यायिक प्रक्रिया में बड़ा बदलाव देखने मिलेगा. इन तीन प्रमुख कानूनों में बदलाव कुछ इस तरह होगा. 1- भारतीय न्याय संहिता 2023 भारतीय न्याय संहिता 2023 जो नया कानून है, ये भारतीय दंड संहिता 1860 (Indian Penal Code) की जगह लेगा. खास बात ये है कि Indian Penal Code -1860 में 511 धाराएं थी, लेकिन नए कानून भारतीय न्याय संहिता में सिर्फ 358 धाराएं हैं। भारतीय न्याय संहिता में राजद्रोह की धारा हटा दी गयी है, लेकिन भारत की संप्रभुता,एकता और अखंडता के खिलाफ अलगाववाद या विद्रोह फैलाने की कोशिश के लिए राष्ट्रद्रोह के अंतर्गत परिभाषित किया गया है.

नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म और माॅब लिंचिंग जैसे अपराध में मौत की सजा का प्रावधान है. 2- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता- 1973 Criminal Procedure Code (CrPC) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता- 2023 ले लेगी. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में Criminal की 484 धाराओं के मुकाबले 531 धाराएं हैं. कानून में किए गए बदलाव अपराध की विवेचना से लेकर न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाएंगे. इसमें मामलों की तय समय में जांच और सुनवाई का प्रावधान किया गया है. खास बात ये है कि जांच और सुनवाई पूरी होने के बाद 30 दिन के भीतर फैसला देने का प्रावधान भी है. यौन अपराध से जुड़े मामलों में पीड़ितों के बयान की वीडियोग्राफी अनिवार्य कर दी गयी है. अपराध में संलिप्तता पाए जाने पर संपत्ति कुर्क करने के लिए इस कानून में नया प्रावधान किया गया है. 3 - भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 ये नया कानून भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) 1872 की जगह पर लागू होगा. नए कानून में 170 धाराएं हैं. जबकि Indian Evidence Act में 167 धाराएं थीं. अब अदालत में इलेक्ट्रानिक और डिजिटल साक्ष्य पेश किए जा सकेंगे. जिनमें स्मार्टफोन, लैपटॉप, एसएमएस, वेबसाइट, मेल, इलेक्ट्रानिक उपकरण, कंप्यूटर, डिजिटल रिकॉर्ड, ईमेल और सर्वर लॉग को पेश और स्वीकृत किया जा सकेगा. इनकी मान्यता कागज में रखे जाने वाले रिकार्ड के समकक्ष होगी. नए कानून के तहत केस डायरी, एफआईआर, आरोप पत्र और प्रकरण से संबंधित सभी जानकारी का डिजिटिलाइजेशन किया जाएगा. राजद्रोह की धारा हटी, लेकिन आतंकी गतिविधियों पर सख्त कानून भारतीय दंड संहिता 1860 का स्थान लेने जा रही भारतीय न्याय संहिता में राजद्रोह की धारा को खत्म किया गया है, लेकिन देश की एकता अखंडता और संप्रभुता को खतरा पहुंचाने,अलगाववाद और विद्रोह की कोशिश को राष्ट्रद्रोह के अंतर्गत परिभाषित किया गया है. देश को नुकसान पहुंचाने के लिए विस्फोटक पदार्थ और जहरीली वस्तुओं का उपयोग करने पर आतंकवाद की धाराओं में मुकदमा चलेगा. सजा और कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए विदेश भागने वालों पर मुकदमा चल सकेगा. अगर पुलिस विदेश में बैठे अपराधी को तय समय में नहीं पकड पाएगी,तो भी कोर्ट में प्रकरण पेश किया जा सकेगा. राजद्रोह के मामले में आईपीसी की धारा 124 -ए नए कानून के तहत धारा 150 के रूप में पहचानी जाएगी. भारत सरकार के खिलाफ उकसाने और युद्ध छेड़ने जैसे प्रयास पर आईपीसी की धारा 121 के तहत प्रावधान था लेकिन अब ये धारा 146 कहलाएगी. महिला अपराध में देश भर में कहीं भी होगी एफआईआर महिलाओं के साथ होने वाले अपराध के मामलों में कानून को सख्त और महिला वर्ग को ध्यान में रखकर प्रावधान किए गए हैं. नए प्रावधान के तहत किसी महिला के साथ हुए दुष्कर्म की घटना में पीड़िता देश के किसी भी राज्य में कहीं भी जीरो पर केस दर्ज करा सकेगी. अब तक ये व्यवस्था राज्य स्तर पर लागू थी लेकिन अब ये राष्ट्रीय स्तर पर लागू होगी. वहीं यौन अपराध से जुड़े मामले में प्रावधान किया गया है कि यौन संबंधों के लिए पहचान छिपाना और झूठे वादे अपराध की श्रेणी में माने जाएंगे. नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म को पॉक्सो एक्ट के साथ जोड़ दिया गया है. जिसमें आजीवन कारावास या मौत की सजा का प्रावधान किया गया है. सामूहिक दुष्कर्म के मामलों में 20 साल की कैद और आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है. आईपीसी में बलात्कार का मामला धारा 376 के अंतर्गत आता था. अब ये धारा 63 के अंतर्गत जाना जाएगा और धारा 64 में सजा के प्रावधान हैं. सामूहिक दुष्कर्म के मामले धारा 70 के अंतर्गत आएंगे. गंभीर अपराध में 3 साल के भीतर न्याय नए कानून के तहत गंभीर अपराध के मामले में विवेचना और न्यायिक प्रक्रिया को लंबा नहीं खींचा जा सकेगा. कानून में बदलाव के कारण अब गंभीर अपराधों में 3 साल के भीतर न्याय प्रदान करना होगा. पुलिस की विवेचना में देरी और मनमर्जी पर अंकुश लगाने के लिए नयी धाराएं बनाकर प्रावधान किया गया है. इसके तहत तय समय सीमा में विवेचना, तलाशी और जब्ती की वीडियोग्राफी, गिरफ्तार व्यक्तियों के बारे में परिजनों को जानकारी देना अनिवार्य किया गया है. पीड़ितों और गवाहों को राहत वाले प्रावधान नए कानूनों के तहत पीड़ितों और गवाहों की समस्याओं को ध्यान में रखकर कई प्रावधान किए गए हैं. अब किसी मामले में कोई गवाह घर बैठकर वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से बयान दर्ज करा सकेगा. कोर्ट जाने की जरूरत नहीं होगी. 3 साल से कम सजा वाले केस और 60 से ज्यादा उम्र वालों से पूछताछ के लिए मजिस्ट्रेट की अनुमति अनिवार्य होगी. 7 साल से ज्यादा सजा के मामलों में फोरेसिंक रिपोर्ट अनिवार्य होगी. 7 साल से ज्यादा सजा के मामले में पुलिस हथकड़ी लगाने के लिए स्वतंत्र रहेगी. हिट एंड रन मामलों में सजा की अवधि बढ़ी सड़क दुर्घटना से संबंधित हिट एंड रन मामले में अब दोषी को 10 साल तक की सजा भुगतनी होगी. पहले सिर्फ दो साल की सजा होती थी, जिसे बढ़ाकर 10 साल कर दिया है. दरअसल हत्या जैसे अपराध से बचने के लिए हिट एंड रन जैसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. सजा में समाजसेवा जैसे प्रावधान विदेशों की तर्ज पर कोर्ट अब अपराधी को समाजसेवा से जुड़ी सजा सुना सकता है. साफ सफाई, वृद्धाश्रम और अस्पताल में सेवा कार्य और पौध रोपण जैसे काम सजा के तौर पर सुनाने का प्रावधान किया गया है. भूल जाएं पुरानी धाराएं, नहीं तो हो जाएगी गफलत दरअसल लंबे समय से चले आ रहे इन प्रावधानों के कारण आम आदमी भी ज्यादातर अपराध को धारा से संबोधित करते हैं. जैसे हत्या के लिए धारा 302 लेकिन अब ये धारा 103 के तहत आएगी. खास बात ये है कि धारा 302 को अब चैन स्नेचिंग की धारा माना गया है. छेड़छाड़ की धारा 354 की पहचान अब मानहानि की धारा के तौर पर होगी. पहले मानहानि की धारा को 499 के तौर पर जाना जाता था. धोखाधड़ी से मामले में धारा 420 का प्रयोग अब नहीं किया जा सकेगा. धोखाधडी अब धारा 316 के तहत आएगी।
आज का इतिहास: आज ही के दिन दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर एवरेस्ट पर पहुंची थीं भारत की बछेन्द्री पाल

 नयी दिल्ली : 22 मई का इतिहास काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि भारत की बछेन्द्री पाल 22 मई को ही दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर एवरेस्ट पर पहुंची थीं और यह कारनामा अंजाम देने वाली वह देश की पहली महिला पर्वतारोही हैं। इसके लिए उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया है। 

1859 में आज के दिन स्कॉटिश लेखक और भौतिकशास्त्री सर ऑर्थर कोनन डॉयल का जन्म हुआ था।

प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इटली ने 1915 में ऑस्ट्रिया, हंगरी और जर्मनी के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की थी। 1545 में आज ही के दिन शेर शाह सूरी की मृत्यु हो गई थी। 2001 में 22 मई को ही दलाई लामा ने तिब्बत की आज़ादी की मांग छोड़ी थी और 2002 में आज ही के दिन नेपाल में संसद भंग की गई थी। 

22 मई का इतिहास

2008 में 22 मई को ही संयुक्त राष्ट्र संघ की 47 सदस्यीय मानवाधिकार समिति में पाकिस्तान को शामिल किया गया था।

2007 में आज ही के दिन गणितज्ञ श्रीनिवास वर्धन को नार्वे का अबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था।

2003 में आज ही के दिन अल्जीरिया में विनाशकारी भूकंप में हजारों से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। 

2002 में आज ही के दिन नेपाल में संसद भंग की गई थी।

2001 में 22 मई को ही दलाई लामा ने तिब्बत की आजादी की मांग छोड़ी थी।

1996 में आज ही के दिन माइकल कैमडेसस तीसरी बार इंटरनेशनल मोनेटरी फंड के मैनेजिंग डायरेक्टर चुने गए। 

1993 में आज ही के दिन से विश्व जैव विविधता दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी।

1984 में 22 मई को ही बछेन्द्री पाल दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बनी थी।

1972 में आज ही के दिन अमेरिका के राष्ट्रपति रिचर्ड एम निक्सन मास्को पहुंचे थे और यह एक अमेरिकी राष्ट्रपति की सोवियत संघ की पहली यात्रा थी।

1972 में 22 मई के दिन ही पाकिस्तान द्वारा राष्ट्रमंडल की सदस्यता से त्यागपत्र दिया गया था।

1963 में आज ही के दिन भारत के पहले ग्लाइडर रोहिणी ने उड़ान भरी थी।

1915 में आज ही के दिन प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इटली ने ऑस्ट्रिया, हंगरी तथा जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की थी।

1772 में 22 मई के दिन ही राजा राम मोहन राय का जन्म हुआ था और उन्हें भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत और आधुनिक भारत का जनक कहा जाता है।

1545 में आज ही के दिन 1 विस्फोट में शेर शाह सूरी की मौत हो गई थी।

1420 में आज ही के दिन ऑस्ट्रिया और सीरिया से यहूदियों को निकाला गया था।

22 मई को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1987 में आज ही के दिन टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच का जन्म हुआ था।

1959 में 22 मई के दिन ही महबूबा मुफ़्ती जम्मू और कश्मीर की मुख्यमंत्री का जन्म हुआ था। 

1925 में आज ही के दिन हिंदी और रूसी साहित्‍य के आधुनिक सेतु निर्माताओं में से एक मदन लाल मधु का जन्म हुआ था।

1922 में 22 मई के दिन ही अमेरिकी टेलीविजन निर्माता क्वीन मार्टिन का जन्म हुआ था। 

1774 में आज ही के दिन धार्मिक और सामाजिक विकास के क्षेत्र में सबसे अग्रणी राजा राममोहन राय का जन्म हुआ था। 

22 मई को हुए निधन

2011 में आज ही के दिन 20वीं सदी के संस्कृतज्ञ तथा सौंदर्यशास्त्री गोविन्द चन्द्र पांडे का निधन हुआ था। 

1545 में 22 मई के दिन ही भारत में ‘सूर साम्राज्य’ का संस्थापक और योद्धा शेरशाह सूरी का निधन हुआ था।

बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स में ग्रुप B व C पदों पर भर्ती के लिए आवेदन स्टार्ट, 17 जून तक किया जा सकता है आवेदन



नई दिल्ली:- बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की ओर से ग्रुप बी एवं ग्रुप सी के तहत आने वाले विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जो भी अभ्यर्थी बीएसएफ में शामिल होना चाहते हैं वे ऑनलाइन माध्यम से इस भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं। एप्लीकेशन फॉर्म भरने की अंतिम तिहि 17 जून 2024 निर्धारित की गई है।

एप्लीकेशन फॉर्म बीएसएफ की ऑफिशियल वेबसाइट rectt.bsf.gov.in पर जाकर भरा जा सकता है। इसके साथ ही आपकी सहूलियत के लिए इस पेज पर भी आवेदन का डायरेक्ट लिंक उपलब्ध करवाया गया है।

कैसे करें आवेदन

इस भर्ती में फॉर्म भरने के लिए आपको सर्वप्रथम आधिकारिक वेबसाइट rectt.bsf.gov.in पर जाना होगा।

वेबसाइट के होम पेज पर आपको जिस भी पद/ विभाग के लिए आवेदन करना है उसके आगे Apply Here लिंक पर क्लिक करें।

अब आपको पहले पर्सनल डिटेल्स भरकर रजिस्ट्रेशन करना होगा।

इसके बाद अन्य सभी जानकारी भरकर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण करनी होगी।

अंत में अभ्यर्थी पूर्ण रूप से भरे हुए फॉर्म का एक प्रिंटआउट निकालकर भविष्य के सन्दर्भ के लिए सुरक्षित रख लें।

भर्ती विवरण

इस भर्ती के माध्यम से कुल 141 रिक्त पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। इसमें से ग्रुप B के तहत एसआई (स्टाफ नर्स) के लिए 14 पद, एसआई (वाहन मैकेनिक) के लिए 3 पद, इंस्पेक्टर (लाइब्रेरियन) के लिए 2 पद आरक्षित हैं। इसके अलावा ग्रुप C के तहत पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए 75 पद, SMT वर्कशॉप के लिए 34 पद, वेटरिनरी स्टाफ के लिए 3 पद आरक्षित हैं। भर्ती से जुड़ी विस्तृत डिटेल के लिए अभ्यर्थी ऑफिशियल नोटिफिकेशन का अवलोकन कर सकते हैं।
1926 में आज ही के दिन पारित किया गया था रेलवे श्रम अधिनियम


नयी दिल्ली : देश और दुनिया में 20 मई का इतिहास कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है और कई महत्वपूर्ण घटनाएं इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गई हैं। UPSC मेंस एग्जाम के अलावा कई प्रतियोगी परीक्षाओं और इंटरव्यू में ऐतिहासिक घटनाएं पूछी जाती हैं। इसलिए इस ब्लाॅग में हम 20 मई का इतिहास जानेंगे। 

20 मई का इतिहास काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि 1932 में आज ही के दिन विपिन चंद्र पाल का निधन हुआ था। वह भारत में क्रांतिकारी विचारों के जनक थे। 1923 में 20 मई को ही स्टेनली बाल्डविन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने थे। 1926 में आज ही के दिन रेलवे श्रम अधिनियम पारित किया गया था।

1927 सऊदी अरब को ब्रिटेन से स्वतंत्रता मिली। 1900 में आज ही के दिन हिंदी जगत की प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत का जन्म आज ही के दिन हुआ था। 1918 में 20 मई को ही भारत और पाकिस्तान के युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय सेना के वीर सैनिक पीरू सिंह का जन्म हुआ था। 

20 मई का इतिहास इस प्रकार है:

2011 में आज ही के दिन झारखंड की पर्वतारोही प्रेमलता अग्रवाल ने दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली सबसे उम्रदराज़ भारतीय महिला बनी थीं।

2011 में आज ही के दिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मध्य प्रदेश के बीना में हज़ारों करोड़ की लागत से बनी ऑइल रिफ़ाइनरी देश को समर्पित की थी।

2002 में आज ही के दिन पुर्तगाल ने पूर्वी तिमोर की स्वतंत्रता को मान्यता प्रदान की।

2001 में 20 मई के ही दिन अफगानिस्तान में तालिबान ने हिंदुओं की अलग पहचान के लिए ड्रेस कोड बनाया था।

2000 में आज ही के दिन फिजी में जॉर्ज स्पेट अंतरिम प्रधानमंत्री बने थे।

1990 में आज ही के दिन हबल स्पेस टेलीस्कोप ने अंतरिक्ष से पहली तस्वीरों भेजी थीं।

1927 में आज ही के दिन सऊदी अरब को ब्रिटेन से फ्रीडम मिली थी।

1926 में 20 मई के दिन ही रेलवे श्रम अधिनियम पारित किया गया था।

1923 में आज ही के दिन स्टेनली बाल्डविन ब्रिटेन के प्राइम मिनिस्टर बने थे।

1902 में 20 मई को ही टॉमस एस्ट्राडा पाल्मा देश के पहले राष्ट्रपति बने थे।

1902 में आज ही के दिन क्यूबा को संयुक्त राज्य अमेरिका से आजादी मिली थी।

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20 मई को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1900 में आज ही के दिन हिंदी जगत की प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत का जन्म हुआ था।

20 मई को हुए निधन

2012 में 20 मई को ही प्रसिद्ध मानव विज्ञानी और नारीवादी विद्वान लीला दुबे का निधन हुआ 

था।

1957 में आज ही के दिन आंध्रा के पहले चीफ मिनिस्टर टी. प्रकाशम का निधन हुआ था।

1932 में आज ही के दिन क्रांतिकारी विचारों के जनक विपिन चन्द्र पाल का निधन हुआ था।

1929 में आज ही के दिन राजकुमार शुक्ल का निधन हुआ था। वह स्वतंत्रता सेनानी थे।

हेल्थ टिप्स: लिवर के कोने - कोने की छुपी गंदगी बाहर निकाल देंगे ये ड्राई फ्रूट का पानी, आईए जानते है पीने का तरीका


दिल्ली:- आजकल के आधुनिक जीवन शैली ने लिवर को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। ज्यादा मीठा, असंतुलित आहार, ट्रांस फैट, सोडियम, नमक, तनाव, चिंता, धूम्रपान, शराब आदि सभी लिवर पर विपरीत असर डालते हैं। 

लिवर की सेहत बिगड़ने से आपके शरीर का पूरा सिस्टम गड़बड़ा सकता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप अपने शरीर के इस अभिन्न अंग की सेहत का पूरा ध्यान रखें। आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसा घरेलू आयुर्वेदिक ड्रिंक जिसे पीने से आपका लिवर सेहतमंद रहेगा।

लिवर डिटॉक्स करेगा किशमिश का पानी - 

किशमिश को आयुर्वेद में हमेशा से ही बहुत महत्व दिया गया है। इसमें कई गुण हैं। वहीं इसका पानी और भी गुणकारी है। यह लिवर को ज्यादा प्रभावी तरीके से काम करने के लिए तैयार करता है। इससे रक्त से विषाक्त पदार्थ आसानी से निकल जाते हैं। यह रक्त शर्करा के स्तर को भी नियंत्रित करता है। आइए इसके अन्य गुणों के बारे में जानते हैं विस्तार से।

1. एंटीऑक्सीडेंट का स्रोत

किशमिश के मीठे पानी में बायो फ्लेवोनॉयड्स और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये दोनों ही रक्त से हानिकारक विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाते हैं। साथ ही मुक्त कणों से शरीर की रक्षा करते हैं। ऐसे में लिवर अपने काम को अधिक सुचारू रूप से कर पाता है।

2. कैल्शियम से भरपूर

लिवर को सेहतमंद रखने के साथ ही किशमिश का पानी आपकी हड्डियों को भी मजबूती देता है। यह कैल्श्यिम का अच्छा स्रोत है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी कम होता है। क्योंकि इसकी मदद से शरीर आसानी से कैल्शियम को पचा पाता है।

  3. आयरन से है युक्त

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शरीर में आयरन की कमी होना एक खतरनाक स्थिति है। इससे एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है। खून की कमी का असर लिवर पर भी पड़ता है। किशमिश का पानी आपको इन सभी परेशानियों से बचाता है। ये फलों और सब्जियों से कहीं ज्यादा असरदार है। ऐसे में इसे नियमित रूप से अपने आहार में शामिल करें। रोज सुबह किशमिश का पानी पीने से आपको भरपूर एनर्जी मिलती है।

4. सुधर जाएगा पाचन तंत्र

किशमिश में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। इसकी मदद से हानिकारक पदार्थ आसानी से शरीर से बाहर निकल जाते हैं। यह आंतों को हानिकारक बैक्टीरिया से बचाती है, जिससे सूजन कम होती है। इससे पेट में एसिड बनने की प्रक्रिया भी धीमी होती है।

ऐसे बनाएं किशमिश का पानी

किशमिश का पानी बनाना बेहद आसान है। इसके लिए आप 250 ग्राम किशमिश लें। इसे अच्छे से पानी से धो लें। अब एक बर्तन लें और उसमें एक लीटर पानी डालें। इसमें किशमिश डालकर 20 मिनट उसे उबालें। फिर गैस बंद करके रातभर इसे पैन में ही छोड़ दें। सुबह इसे छानकर बोतल में भर लें। इस पानी को आप फ्रिज में रखें। चार दिनों तक इसका सेवन करें। प्रतिदिन करीब 150 से 200 मिलीलीटर पानी आप पिएं। फिर नया पानी तैयार करें।

मोहिनी एकादशी व्रत से सभी पापों का होगा नाश


नई दिल्ली : एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार मोहिनी एकादशी व्रत 19 मई को है। इस तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा और व्रत किया जाता है। 

धार्मिक मान्यता है कि मोहिनी एकादशी व्रत करने से जातक का शरीर और मन शुद्ध होता है और सभी पापों का नाश होता है। आइए पढ़ते हैं मोहिनी एकादशी व्रत कथा।

मोहिनी एकादशी व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, धनपाल नाम का एक अमीर व्यक्ति सुंदर नगर में रहता था। वह दानपुण्य अधिक करता थ। उसके पांच पुत्र थे। सबसे छोटा बेटे का नाम धृष्टबुद्धि था, जो धन की बर्बादी और बुरे कर्म करता था। एक समय ऐसा आया कि धनपाल ने उसकी आदतों से परेशान होकर उसे घर से निकाल दिया। 

धृष्टबुद्धि दिनभर भटकने लगा। एक दिन वह महर्षि कौंडिल्य के आश्रम जा पहुंचा। तभी महर्षि गंगा ने नदी में स्नान किया था।  

धृष्टबुद्धि ने महर्षि के पास जाकर बोला कि मुझे आप कोई उपाय बताओ कि जिससे मुझे इस जीवन में मिलने वाले दुखों से छुटकारा मिल सके। ऋषि ने प्रसन्न होकर उसे मोहिनी एकादशी का व्रत करने को कहा। 

इस व्रत को करने से सभी पाप भी नष्ट होते हैं। तब उसने विधि अनुसार व्रत किया। इस व्रत के प्रभाव से उसके सब पाप मिट गए और अंत में वो गरुड़ पर सवार होकर बैकुंठ चला गया। इस व्रत से मोह-माया सबका नाश हो जाता है।

विभव कुमार को तीसहजारी कोर्ट से लगा झटका अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी




*नयी दिल्ली:* स्वाति मालीवाल से कथित मारपीट और बदसलूकी के मामले में दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहयोगी विभव कुमार ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी।
विभव कुमार को तीसहजारी कोर्ट से लगा झटका अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी





*नयी दिल्ली:* स्वाति मालीवाल से कथित मारपीट और बदसलूकी के मामले में दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहयोगी विभव कुमार ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी।
अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार, स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट का है आरोप।





दिल्ली:- राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में विभव कुमार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. विभव कुमार की गिरफ्तारी दिल्ली के सीएम केजरीवाल के आवास से हुईं. स्‍वाति मालीवाल 13 मई को मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने के लिए सीएम के आवास पर गई थीं. आरोप है कि वहां सीए अरविंद केजरीवाल के PA बिभव कुमार ने उनके साथ न केवल बदसलूकी कि बल्कि मारपीट भी की थी. दिल्‍ली पुलिस के आलाधिकारी ने स्‍वाति मालीवाली से मुलाकात कर उनसे घटना के बारे में जानकारी ली थी. बाद में बिभव कुमार के खिलाफ गैरजमानती धारा समेत आईपीसी के अन्‍य सेक्‍शन के तहत मामला दर्ज किया गया था।एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही पुलिस बिभव कुमार की तलाश में थी. मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार को सीएम हाउस से ही दिल्‍ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा कारणों से पुलिस की टीम उन्‍हें मुख्‍यमंत्री आवास में मौजूद पिछले दरवाजे से अपने साथ ले गई. स्‍वाति मालीवाल मारपीट मामले में गिरफ्तार किए गए बिभव कुमार को सिविल लाइन पुलिस थाना लाया गया है. निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार, पहले उनका मेडिकल कराया जाएगा और फिर सक्षम मजिस्‍ट्रेट के समक्ष पेश कर कस्‍टडी मांगी जाएगी, ताकि बिभव कुमार से घटना के बारे में पूछताछ की जा सके।बता दें कि आरोपी बिभव पर आईपीसी की धारा 354 भी लगाई गई है जो गैरजमानती है.