टीवी की “अनुपमा ” ने शुरू किया सियासी सफर, लोकसभा चुनाव के बीच बीजेपी मे हुईं शामिल

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छोटे पर्दे की मशहूर अभिनेत्री रुपाली गांगुली ने एक नए सफर की शुरूआत की है। अब तक टीवी पर लोगों का मनोरंजन करने वाली रूपाली गांगुली सियासी दांव-पेंच करती दिखेंगी। लोकसभा चुनाव के बीच घर घर की फेवरेट बन चुकीं रुपाली गांगुली बीजेपी में शामिल हो गई। रुपाली ने राजनीति में एंट्री की खबर विनोद तावड़े और अनिल बलूनी के साथ की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। हालांकि उन्होंने अभी तक ये साफ नहीं किया है कि वह 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ेंगी या नहीं।

भाजपा में शामिल होने के बाद रुपाली ने मीडिया से बातचीत के दौरान राजनीति में एंट्री की वजह भी बताई। रुपाली ने कहा, महाकाल और माता रानी का आशीर्वाद है कि मैं अपनी कला के जरिए कई लोगों से मिलती रहती हूं। जब मैं ये विकास का महायज्ञ देखती हूं तो मुझे लगता है कि क्यों ना मैं भी इससे भाग लूं...तो मैं यहां आ गई ताकि मैं किसी तरह मोदी के बताए रास्ते पर चलूं और किसी तरह देश सेवा में लगूं...तो मुझे आप सबका आशीर्वाद चाहिए और साथ चाहिए ताकि मैं जो भी करूं, सही करूं और अच्छा कर सकूं।

उन्होंने आगे कहा, ‘तो मुझे विनोद तावड़े जी का मार्गदर्शन मिला और मैं यहां मोदी जी के दिखाए रास्ते पर चलने और किसी तरह देश की सेवा करने आई हूं. अमित शाह जी के नेतृत्व में मैं आगे बढ़ूं और कुछ ऐसा करूं जिससे आज जो ये लोग मुझे भाजपा में शामिल कर रहे हैं, उन्हें आगे चलकर मुझ पर गर्व हो. तो आप सबका साथ चाहिए और आप सबका आशिर्वाद चाहिए कि मैं जो भी करूं अच्छा करूं और अगर गलत करूं तो आप लोग मुझे बताइएगा.’

हिंदू विवाह संस्कार है, नाच-गाने का कार्यक्रम नहीं', सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं की शादी को लेकर की अहम टिप्पणी*
#supreme_court_hindu_marriage_is_a_ritual_not_an_event_of_dancing_and_singing * सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं की शादी को लेकर अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंदू विवाह एक संस्कार है, जिसे भारतीय समाज में पवित्र संस्था का दर्जा हासिल है। यह नाचने गाने का आयोजन नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा, हिंदू विवाह को वैध बनाने के लिए इसे उचित संस्कारों व रीतियों के साथ किया जाना चाहिए।मैरिज सर्टिफिकेट होने से शादी नहीं मानी जा सकती, जब तक सात फेरों के प्रमाण न हों। अदालत ने यह टिप्पणियां एक पत्नी की याचिका पर सुनवाई के दौरान की। महिला ने तलाक कार्रवाई के ट्रांसफर की मांग की है। मुकदमा जारी रहते हुए ही, पति और पत्नी ने संयुक्त रूप से यह घोषणा कर दी कि उनकी शादी वैध नहीं है। दावा किया कि उन्होंने कोई विवाह नहीं किया है क्योंकि उन्होंने कोई रीति-रिवाज, संस्कार या अनुष्ठान नहीं किया है। हालांकि, कुछ परिस्थितियों और दबावों के कारण उन्हें शादी का रजिस्ट्रेशन कराना पड़ा। लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना और ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह की बेंच ने एक अहम फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के आधार पर एक ऐसी शादी को रद्द कर दिया है, जिसमें मैरिज सर्टिफिकेट पर पति-पत्नी के हस्ताक्षर तो थे, लेकिन दोनों के बीच विवाह की कोई रस्म नहीं हुई थी। दोनों की शादी का रजिस्ट्रेशन घर वालों ने ‘किसी वजह से’ करा दिया था, लेकिन अब उस कपल ने सुप्रीम कोर्ट से शादी को रद्द करने की गुहार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इस शादी में मैरिज सर्टिफिकेट तो बन गया है, क्योंकि उसके लिए अपील की गई थी, लेकिन शादी की प्रक्रिया ही नहीं पूरी की गई, ऐसे में इस शादी का कोई आधार ही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने मैरिज सर्टिफिकेट को खारिज करते हुए दोनों की शादी को रद्द कर दिया।कोर्ट ने दर्ज किए मुकदमों को भी रद्द कर दिया। *“सिर्फ रजिस्ट्रेशन कराने से शादी वैध नहीं हो जाती”* सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि युवाओं को विवाह से पहले संस्था की पवित्रता ध्‍यान में रखनी चाहिए। अदालत ने कहा कि हिंदू विवाह एक संस्कार है जिसकी अपनी पवित्रता है। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, शादी कोई 'नाच-गाने' और 'खाने-पीने' का आयोजन नहीं है। अदालत ने कहा कि सिर्फ रजिस्ट्रेशन कराने से शादी वैध नहीं हो जाती। विवाह पूर्ण होने के लिए सभी रिवाजों (मंत्रोच्चार, सप्तपदी इत्यादि) का पालन जरूरी है। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि सभी जोड़ों को हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 7 में बताए गए प्रचलित रीति-रिवाजों और समारोहों में सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए। वर और वधू सभी रीति-रिवाज पूरे करें, यह शादी कराने वाले पुजारी का भी दायित्व है। *“युवा जानें भारतीय समाज में विवाह कितना पवित्र”* पीठ ने कहा, यदि हिंदू विवाह रीति-रिवाज के अनुसार नहीं किया गया है, तो पंजीकरण नहीं हो सकता। वैध हिंदू विवाह के अभाव में पंजीकरण अधिकारी अधिनियम की धारा 8 के प्रावधानों के तहत ऐसी शादी को पंजीकृत नहीं कर सकता। शीर्ष कोर्ट ने कहा, युवा पुरुषों व महिलाओं से आग्रह है, वे विवाह करने से पहले गहराई से जानें कि भारतीय समाज में विवाह कितना पवित्र है।
समंदर में बढ़ी भारत की ताकत, सुपरसोनिक मिसाइल 'SMART' का सफल परीक्षण, दुश्मन की पनडुब्बियों पर टूटेगा काल बनकर

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देश की ताकत में हुआ इजाफा

दुश्मन देशों की नींद उड़ाने को तैयार

जमीन से हवा में प्रहार करने के लिए स्‍मार्ट 3 मिसाइल तैयार

समुद्र में दुश्मन की पनडुब्बियों का खात्मा आसान

अपनी ताकत बढ़ने में लगे भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। डीआरडीओ ने आज ओडिशा के तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आइलैंड से सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (SMART) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। बुधवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सुपरसोनिक मिसाइल सिस्टम ने उड़ान भरी। आज जैसे ही इस मिसाइल को जमीन से हवा की ओर उड़ाया गया। यह मिसाइल अपने लक्ष्य को या फिर टारगेट को ध्वस्त करने में कामयाब रहा।यह अगली पीढ़ी का मिसाइल सिस्टम है, जो लाइटवेट टॉरपीडो डिलीवरी सिस्टम पर आधारित है। इसे डीआरडीओ द्वारा ही डिजाइन और विकसित किया गया है।

यह मिसाइल बैलिस्टिक मिसाइल को उनके उड़ान पथ के माध्यम में रोकने के लिए हिट टू कील का इनेटिक कील वाहन का उपयोग करता है। पहले इस मिसाइल को पानी जहाज में तैनात के लिए बनाया गया था। आज इसका परीक्षण जमीन से हवा के लिए किया गया है। आज इसके परीक्षण के मौके पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा अंतरिम परीक्षण परिषद (आइटीआर) से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों और वैज्ञानिकों का दल मौके पर मौजूद था। इस मिसाइल को बहुत घातक मिसाइल बताया गया है।

इस मिसाइल सिस्टम के आ जाने से समुद्र में दुश्मन की पनडुब्बियों का खात्मा आसान हो जाएगा और भारत की समुद्री सीमाएँ और भी सुरक्षित हो जाएंगी।SMART मिसाइल सिस्टम की खासियत यह है कि यह सुपरसोनिक गति से दुश्मन की पनडुब्बी का पता लगाकर उसे नष्ट कर सकती है. इस मिसाइल में एक टॉरपीडो लगा होता है जो पानी के अंदर जाकर दुश्मन की पनडुब्बी को तबाह कर देता है। यह मिसाइल दुश्मनों के किसी भी मिसाइल को बीच रास्ते में ही मार गिराने की ताकत रखता है।

पनडुब्बी रोधी युद्ध में यह मिसाइल सिस्टम बेहद अहम है। यह मिसाइल लंबी दूरी के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है। SMART मिसाइल को युद्धक जहाज के साथ ही तटीय इलाकों से भी लॉन्च किया जा सकता है। यह मिसाइल अपनी अधिकांश उड़ान कम ऊंचाई पर हवा में पूरी करती है और अपने लक्ष्य के नजदीक जाकर मिसाइल से टॉरपीडो रिलीज होकर पानी के भीतर लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।

बता दें कि भारत इसी महीने के अंत तक आधा दर्जन से ज्यादा नए और पुराने मिसाइल का जिसमें बैलिस्टिक सीरीज की और क्रूज सीरीज की मिसाइल शामिल हैं, परीक्षण करने वाला है। कई पुराने मिसाइल में आधुनिकरण किया गया है तो कई ऐसी नई मिसाइलें शामिल हैं जिनका पहला परीक्षण होगा। यानी आने वाले वक्त में बारतीय सेना की ताकत में अभूतपूर्व इज़ाफ़ा होने वाला है।

दिल्ली-एनसीआर के 100 से ज्यादा स्कूलों में बम की धमकी, सामने आया विदेशी कनेक्शन!

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देश की राजधानी दिल्ली और उससे सटे नोएडा-ग्रेटर नोएडा के करीब 100 स्कूलों को धमकी भरे ईमेल मिले हैं, इन ईमेल में स्कूलों में बम रखे होने की बात है, स्कूलों में बम की सूचना से हड़कंप मच गया। इन स्कूलों में दिल्ली पब्लिक स्कूल जैसे कई हाई प्रोफाइल स्कूल शामिल हैं। दिल्‍ली के दर्जनों स्‍कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिलने के बाद पूरा अमला एक्टिव हो गया है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला से मुलाकात की है। मुलाकात के बाद उन्‍होंने पूरी स्थिति की जानकारी दी। उन्‍होंने गृह सचिव को पुलिस की तमाम कार्रवाई की भी जानकारी दी। आईबी चीफ भी बैठक में मौजूद रहे।

दिल्ली पुलिस इंटरपोल की मदद से जांच में जुट गई है। अब तक की तफ्तीश में पता चला है की सभी स्कूलों को एक जैसी ही मेल आई है। अब तक की तफ्तीश में पता चला है कि सभी स्कूलों को एक जैसी ही मेल आई है। धमकी का मेल सभी को CC किया गया है और RU लिखा गया, जो रूस की तरफ इशारा करता है। सभी को एक ही मेल आइडी से मेल भेजा जा रहा है जो जांच एजेंसी के मुताबिक रशियन सर्वर की मदद से भेजे जा रहे हैं।

खुफिया एजेंसी का क्‍या कहना है?

जांच एजेंसियों के मुताबिक, ये जरूरी नहीं है कि सभी मेल रूस से दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों को भेजी गई हो। यह भारत मे बैठकर भी साजिश की जा सकती है। एजेंसियों के मुताबिक यह साजिश प्राथमिक तौर पर किसी इंडिविजुअल की लग रही है, जिसका मकसद पैनिक क्रिएट करना है। दिल्ली और नोएडा में जिस तरीके से ई-मेल भेजा गया है और ई-मेल की जो बॉडी है उसे देखकर जांच एजेंसियां यही अंदाजा लगा रही हैं कि किसी एक शख्स ने ही इतनी लंबी बॉडी कंपोज करके मैसेज भेजा है।

पुलिस कमिश्नर से मांगी गई डिटेल रिपोर्ट

वहीं, बम कॉल पर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से इस पर डिटेल रिपोर्ट मांगी है। उपराज्यपाल ने ट्वीट कर कहा, "पुलिस कमिश्नर से बात की और दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में बम की धमकी पर डिटेल रिपोर्ट मांगी है। दिल्ली पुलिस को स्कूल परिसर में तलाशी लेने, दोषियों की पहचान करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि मामले में किसी तरह की कोई चूक न हो।"

गृह मंत्रालय ने की ये अपील

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। मंत्रालय ने कहा, "घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा लगता है कि यह फर्जी ईमेल था। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।"

धमकीभरे ई-मेल में ये लिखा

बता दें कि दिल्ली-एनसीआर के कई स्कूलों को धमकी भरे ईमेल मिले हैं, जिनमें स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। बताया जा रहा है कि दिल्ली-एनसीआर के 100 के करीब स्कूलों में बम की धमकी मिली है। जिसमें डीपीएस, एमिटी, मदर मैरी स्कूल समेत कई बड़े स्कूल शामिल हैं। धमकी भरे ई मेल में लिखा है "हमारे हाथों में जो लोहा है वह हमारे दिलों को गले लगाता है। इंशाअल्लाह, हम इन्हें हवा में उड़ा कर तुम्हारे शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर देंगे। तुम्हारे घिनौने शरीरों को चीर देंगे। हम तुम्हारी गर्दन और चेहरे को फाड़ देंगे। अल्लाह की मर्जी हुई तो हम तुम्हें आग की लपटों में डाल देंगे। जिससे तुम्हारा दम घुट जाएगा। काफिरों के लिए जहन्नुम में अलग आग है। काफिरों, इंशाअल्लाह, तुम इसी आग में हमेशा के लिए जल जाओगे। आगे लिखा कि आपके द्वारा पैदा की गई बुराई से धुआं आसमान में उतरेगा। आपके पास बहुत सारा खाली लोहा है, किसी भी मात्रा में किसी भी शून्य में कोई शक्ति नहीं है, यह सब दूर जा रहा है। क्या तुमने सच में सोचा था कि बचपन से तुमने जो भी बुराइयां की हैं, उसका कोई जवाब नहीं होगा, हमारे दिलों में जिहाद की आग जला दी गई है। हम वह आग बन गए हैं, इंशाअल्लाह जो सिर्फ बदले की वकालत करता है।"

दिल्ली एम्स में नर्सिंग की छात्रा ने की खुदकुशी, बिहार से आई थी नर्स बनने, जानें पंखे से लटककर क्यों दी जान?

ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नई दिल्‍ली के हॉस्‍टल में नर्सिंग की छात्रा द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। आत्‍महत्‍या करने वाली लड़की बिहार से थी और एम्‍स के हॉस्‍टल में रहकर बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई कर रही थी।छात्रा ने हॉस्टल में पंखे से लटककर जान दे दी। छात्रा का शव दुपट्टे के साथ पंखे से लटक मिला था। छात्रा का शव मिलने से पूरे हॉस्टल के लोग सकते में हैं। बाकी छात्र-छात्राओं में भी इस घटना के बाद से हड़कंप मचा हुआ है।

इस मामले की पुष्टि करते हुए डीसीपी साउथ अंकित चौहान ने बताया कि पुलिस कंट्रोल रूम को सुबह 11:30 बजे सूचना मिली थी। पुलिस टीम सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची। पुलिस ने तत्‍काल लड़की को नीचे उतारा लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। सुसाइड करने वाली स्टूडेंट 21 साल की थी और बिहार के शेखपुरा जिला की रहने वाली थी।आत्‍महत्‍या की घटना की जानकारी उसके माता-पिता को दे दी गई है।

पुलिस टीम की ओर से मौके का मुआयना किया गया, हालांकि इस मौत में कोई अन्‍य संदिग्‍ध परिस्थिति नहीं मिली है। यह आत्‍महत्‍या का ही मामला है। फिलहाल पुलिस सभी एंगलों से मौत की वजह का पता लगा रही है।

बता दें कि परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव, रिजल्ट का डर, पढ़ाई का दबाव, रैगिंग जैसी कई घटनाओं के कारण छात्र आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। कुछ महीने पहले आई राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक्सीडेंटल डेट्स एंड सुसाइड इन इंडिया रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में भारत में 13,000 से ज्यादा छात्रों ने अपनी जान गंवाई है। यानी औसतन प्रति दिन 35 से ज्यादा छात्रों मौत हुई है।

127 साल पुराने गोदरेज समूह का हो गया बंटवारा, जानें किसको क्या मिला*
#godrej_family_split_after_127_years *
देश के सबसे पुराने और बड़े कॉरपोरेट घरानों में शामिल गोदरेज परिवार में बंटवारा होने जा रहा है। 127 वर्ष पुराने गोदरेज समूह के बंटवारे पर सहमति बन गई है। समूह की लिस्टेड कंपनियां आदी गोदरेज और उनके भाई नादिर के पास रहेंगी। वहीं, जमशेद और स्मिता के पास अनलिस्टेड कंपनी गोदरेज एंड बायस उसकी सहयोगी कंपनियां रहेंगी। मुंबई में प्राइम प्रापर्टी सहित लैंड बैंक भी जमशेद और स्मिता को मिलेगा।गोदरेज समूह साबुन से लेकर घरेलू सामान, रियल एस्टेट तक फैला हुआ है। अब 127 साल पुरानी इस घराने में बंटवारा हो गया है और बिजनेस दो हिस्सों में बंट गया है। बंटवारे के गोदरेज इंडस्ट्रीज की कमान आदि गोदरेज (82 वर्षीय) और उनके भाई नादिर गोदरेज (73 वर्षीय) संभालेंगे। गोदरेज इंडस्ट्रीज में समूह की पांच सूचीबद्ध कंपनियां आती हैं, जिनमें गोदरेज इंडस्ट्रीज, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, गोदरेज प्रोपर्टीज, गोदरेज एग्रोवेट और एस्टेक लाइफ साइंसेज शामिल हैं। इसके चेयरपर्सन नादिर गोदरेज होंगे और इसका नियंत्रण आदि गोदरेज और नादिर के परिवार के पास रहेगा। आदि गोदरेज के बेटे पिरोजशा गोदरेज (42 वर्षीय) गोदरेज इंडस्ट्रीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष होंगे। पिरोजशा साल 2026 में नादिर गोदरेज की जगह लेंगे। वहीं गोदरेज एंटरप्राइजेज की कमान जमशेद गोदरेज (75 वर्षीय) और उनकी बहन स्मिता गोदरेज कृष्णा (74 वर्षीय) संभालेंगी। गोदरेज एंटरप्राइजेज में एयरोस्पेस, एविएशन, सुरक्षा, फर्नीचर और आईटी सॉफ्टवेयर संबंधी कंपनियां शामिल हैं। जमशेद गोदरेज इसके चेयरपर्सन और मैनेजिंग डायरेक्टर होंगे। वहीं उनकी बहन स्मिता की बेटी न्यारिका होल्कर (42 वर्षीय) एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर होंगी। जमेशेद गोदरेज को गोदरेज एंटरप्राइजेज के साथ ही मुंबई में 3400 एकड़ का भूमि बैंक भी मिलेगा। दोनों शाखाओं ने ग्रुप की कंपनियों में शेयर रखे हैं और एक-दूसरे की कंपनियों के बोर्ड में भी शामिल रहे हैं, लेकिन अब वह बोर्ड से हटने के बाद अपनी इक्विटी हिस्सेदारी को स्थानांतरित करेंगे ताकि स्पष्ट अलगाव हो सके। आदि और नादिर गोदरेज एंड बॉयस में अपने शेयर जमशेद और स्मिता को बेचेंगे, जबकि स्मिता और जमशेद गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और गोदरेज प्रॉपर्टीज में अपने शेयर आदि और नादिर को देंगे। रिशाद जो अविवाहित हैं, कथित तौर पर अपनी मृत्यु के बाद अपनी संपत्ति को परिवार के अन्य सदस्यों में बराबर-बराबर बांट देंगे। परिवार की ओर से देर शाम जारी बयान के मुताबिक, दोनों पक्ष अपने-अपने कारोबार के लिए गोदरेज ब्रांड का इस्तेमाल करना जारी रखेंगे।
कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह से पूछा-राहुल गांधी के फर्जी वीडियो पर क्या कार्रवाई की गई?
#what_action_was_taken_over_rahul_gandhis_fake_videos_congress_asks * केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फेक वीडियो मामले ने सियासी पारे को बढ़ाने का काम किया है। दिल्ली पुलिस इस मामले में लगातार एक्शन में है।पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट ने इस मामले में 8 राज्यों के 16 लोगों को समन भेजा है। फर्जी वीडियो मामले में पुलिस ने तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी को भी तलब किया है। इस बीच कांग्रेस ने अमित शाह से बड़ा सवाल किया है। कांग्रेस ने पूछा है कि पूर्व में जब राहुल गांधी के कई फर्जी वीडियो बनाए गए और वायरल किए गए तो क्या कार्रवाई की थी। *राहुल गांधी के फर्जी वीडियो मामले में क्या कार्रवाई हुई-खेड़ा* कांग्रेस ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पूछा कि अतीत में जब राहुल गांधी के कई फर्जी वीडियो बनाए गए और सोशल मीडिया पर फैलाए गए तो उन्होंने क्या कार्रवाई की। कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिन लोगों ने पूर्व में राहुल गांधी के ऐसे कई फर्जी वीडियो बनाए थे, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? कई कैबिनेट मंत्रियों ने राहुल गांधी के फर्जी वीडियो शेयर किए थे। ऐसे फर्जी वीडियो साझा करने वाले कैबिनेट मंत्रियों पर आप कब कार्रवाई करेंगे? *बीजेपी और कांग्रेस के लिए कानून अलग-अलग क्यों-खेड़ा* पवन खेड़ा ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस के लिए कानून अलग-अलग क्यों है? उन्होंने आगे कहा कि अपने डीप-फेक वीडियो के मामले में कार्रवाई करने के बजाय अमित शाह बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों के मन में डर पैदा कर रहे हैं क्योंकि भाजपा को एहसास हो गया है कि वह आम चुनाव हार जाएगी।
अमित शाह फर्जी वीडियो मामला: अब तक 8 राज्यों में 16 को नोटिस, तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी तलब*
#case_of_fake_video_of_home_minister_notice_to_16_people_in_8_states *
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एडिटेड वीडियो मामले में जांच तेज हो गई। दिल्ली पुलिस इस मामले में लगातार एक्शन में है।बडे़ पैमाने पर जांच शुरू की गई है। पुलिस की जांच का दायरा कई राज्यों तक फैल गया है. एडिटेड वीडियो की जांच के लिए झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, नागालैंड के लिए दिल्ली पुलिस की अलग- अलग टीमें भेजी गई हैं। पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट ने इस मामले में 8 राज्यों के 16 लोगों को समन भेजा है। सभी को आज आईएफएसओ यूनिट में पेश होना है।फर्जी वीडियो मामले में पुलिस ने तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी को भी तलब किया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पुलिस कहना है कि फर्जी वीडियो को एक्स पर डालने वाले 25 से ज्यादा लोगों के नाम सामने आ चुके हैं। इनमें ज्यादातर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हैं। 16 लोगों को भेजे गए समन में से 6 लोग तेलंगाना कांग्रेस के सदस्य हैं, जिनमें मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी शामिल हैं। पुलिस ने सभी को संबंधित दस्तावेज और सबूत के तौर पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (मोबाइल-लैपटॉप) लाने को कहा है। रेवंत रेड्डी के अलावा समाजवादी पार्टी नेता, झारखंड और नगालैंड के 2 कांग्रेस नेता। असम के 3 अपोजिशन लीडर को नोटिस भेजा गया है। दिल्ली पुलिस ने अपनी टीमों को झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और नगालैंड में जांच के लिए भेजा है। आईएफएसओ की टीम सोशल मीडिया के सभी माध्यमों को देखकर यह पता करने की कोशिश कर रही है कि 27 अप्रैल से किन-किन राज्यों में किन लोगों ने अब तक एक्स पर वीडियो पोस्ट किया है। पुलिस फर्जी वीडियो पोस्ट करने वालों की पहचान व नोटिस भेजने की कार्रवाई में जुटी हुई है। *क्या है अमित शाह का डीपफेक वीडियो मामला?* 27 अप्रैल को सोशल मीडिया पर अमित शाह का एक फेक वीडियो वायरल हुआ। इसे तेलंगाना कांग्रेस और सीएम रेवंत रेड्डी ने शेयर किया था। इसमें वे एससी-एसटी और ओबीसी के आरक्षण को खत्म करने की बात करते दिख रहे हैं। पीटीआई की फैक्ट चैक यूनिट ने कहा कि मूल वीडियो में अमित शाह ने तेलंगाना में मुसलमानों के लिए असंवैधानिक आरक्षण हटाने की बात कही थी।
अमित शाह फर्जी वीडियो मामला: अब तक 8 राज्यों में 16 को नोटिस, तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी तलब*
#case_of_fake_video_of_home_minister_notice_to_16_people_in_8_states केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एडिटेड वीडियो मामले में जांच तेज हो गई। दिल्ली पुलिस इस मामले में लगातार एक्शन में है।बडे़ पैमाने पर जांच शुरू की गई है। पुलिस की जांच का दायरा कई राज्यों तक फैल गया है. एडिटेड वीडियो की जांच के लिए झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, नागालैंड के लिए दिल्ली पुलिस की अलग- अलग टीमें भेजी गई हैं। पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट ने इस मामले में 8 राज्यों के 16 लोगों को समन भेजा है। सभी को आज आईएफएसओ यूनिट में पेश होना है।फर्जी वीडियो मामले में पुलिस ने तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी को भी तलब किया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पुलिस कहना है कि फर्जी वीडियो को एक्स पर डालने वाले 25 से ज्यादा लोगों के नाम सामने आ चुके हैं। इनमें ज्यादातर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हैं। 16 लोगों को भेजे गए समन में से 6 लोग तेलंगाना कांग्रेस के सदस्य हैं, जिनमें मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी शामिल हैं। पुलिस ने सभी को संबंधित दस्तावेज और सबूत के तौर पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (मोबाइल-लैपटॉप) लाने को कहा है। रेवंत रेड्डी के अलावा समाजवादी पार्टी नेता, झारखंड और नगालैंड के 2 कांग्रेस नेता। असम के 3 अपोजिशन लीडर को नोटिस भेजा गया है। दिल्ली पुलिस ने अपनी टीमों को झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और नगालैंड में जांच के लिए भेजा है। आईएफएसओ की टीम सोशल मीडिया के सभी माध्यमों को देखकर यह पता करने की कोशिश कर रही है कि 27 अप्रैल से किन-किन राज्यों में किन लोगों ने अब तक एक्स पर वीडियो पोस्ट किया है। पुलिस फर्जी वीडियो पोस्ट करने वालों की पहचान व नोटिस भेजने की कार्रवाई में जुटी हुई है। *क्या है अमित शाह का डीपफेक वीडियो मामला?* 27 अप्रैल को सोशल मीडिया पर अमित शाह का एक फेक वीडियो वायरल हुआ। इसे तेलंगाना कांग्रेस और सीएम रेवंत रेड्डी ने शेयर किया था। इसमें वे एससी-एसटी और ओबीसी के आरक्षण को खत्म करने की बात करते दिख रहे हैं। पीटीआई की फैक्ट चैक यूनिट ने कहा कि मूल वीडियो में अमित शाह ने तेलंगाना में मुसलमानों के लिए असंवैधानिक आरक्षण हटाने की बात कही थी।
*दिल्ली-एनसीआर के कई स्कूलों में बम की सूचना से हड़कंप, बच्चों को बाहर निकाला गया, सर्च ऑपरेशन शुरू*
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दिल्ली के कई स्कूलों को धमकी भरे ईमेल किए गए हैं, जिसमें इन स्कूलों में बम रखे होने की खबर से हड़कंप मच गया। दिल्ली के द्वारका में स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार स्थित मदर मैरी स्कूल में भी बम की धमकी मिली है। वहीं, संस्कृति स्कूल को भी इसी तरह का मेल प्राप्त हुआ है। नोएडा के दिल्ली पब्लिक स्कूल को भी धमकी भरा मेल मिला है। जिसके बाद पुलिस से लेकर स्कूल प्रशासन अलर्ट हो गया। सूचना के बाद मौके पर दिल्ली पुलिस, बम निरोधक दस्ता और दमकल की गाड़ियां पहुंच गई हैं और बम की तलाश जारी है। पुलिस के मुताबिक, द्वाराक स्थित दिल्‍ली पब्लिक स्‍कूल (डीपीएस) में बम होने की सूचना मिली। जानकारी के अनुसार, बुधवार सुबह तकरीबन 6:10 बजे द्वारका स्थित दिल्‍ली पब्लिक स्‍कूल में बम होने की सूचना दी गई थी। स्‍कूल में बम होने की सूचना से दिल्‍ली पुलिस महकमे में खलबली मच गई। आनन-फानन में दिल्‍ली पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। साथ ही बम निरोधक दस्‍ता और अग्निशमन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई है। दमकल की गाड़ियां भी मौके पर मौजूद है। दूसरी तरफ, बम की तलाश में डीपीएस में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है, ताकि स्थिति का पता लगाया जा सके। वहीं दूसरा मामला पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार स्थित मदर मैरी स्कूल का है। यहां से भी बच्चों को वापस भेजा गया है। दिल्ली के बाद नोएडा डीपीएस में भी बम की धमकी मिली है जिसके बाद सभी डीपीएस स्कूलों की छुट्टी कराई गई है। इसके लिए प्रिंसिपल की ओर से सभी बच्चों के पैरेंट्स को मैसेज भेजा गया है जिसमें स्कूल की छुट्टी कराए जाने की खबर दी गई है। नोएडा के सभी डीपीएस स्कूलों में पुलिस फोर्स भेजी गई है और स्कूलों की बारीकी से जांच की जा रही है। वहीं, संस्कृति स्कूल में आज सुबह बम की धमकी के संबंध में एक ईमेल प्राप्त हुआ। स्कूल परिसर की सघन जांच की जा रही है।इसी तरह की धमकी भरा ईमेल दक्षिण पश्चिम जिले के डीएवी स्कूल को भी किया गया है। पुष्प विहार के अमेटी स्कूल को भी बुधवार सुबह 4.30 बजे धमकी भरा ईमेल किया गया था, जिसमें स्कूल में बम रखे होने की बात कही गई। इस साल फरवरी में दक्षिण के आरके पुरम स्थित एक निजी स्कूल को बम विस्फोट की धमकी मिली थी। पुलिस ने बताया कि इस जानकारी के बाद स्कूल परिसर को तत्काल खाली करा लिया गया था और विस्फोटक सामग्री का तलाशी अभियान शुरू किया गया था। लाल बहादुर शास्त्री स्कूल को पिछले साल सितंबर में भी ईमेल कर किसी ने इसी प्रकार की धमकी दी थी, जो बाद में केवल अफवाह निकली थी। इसी तरह पहले भी मथुरा रोड स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल को भी पिछले साल मई के महीने में इसी तरीके से ईमेल मिला था। उस समय भी स्कूल में बम होने की बात अफवाह ही साबित हुई थी।