भारत सुपरपावर बन रहा और हम भीख मांग रहे... पाकिस्तानी संसद में फूटा विपक्षी नेता का गुस्सा, शहबाज सरकार को सुनाई खरी-खरी
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आज भारत दुनिया के शक्तिशाली देशों में गिना जाने लगा है। हाल के सालों में भारत ने हर क्षेत्र में तरक्की की है। जिसका लोहा अमेरिकी-रूस जैसे देश भी मानने लगे हैं।यहां तक की पाकिस्तान भी जितना भारत का विरोध कर ले, लेकिन एक बात वो भी मानने लगे हैं कि हिंदुस्तान बहुत आगे निकल गया है। इस बीच पाकिस्तान के शीर्ष नेता और जमीयत उलेमा ए इस्लाम (एफ) के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान ने अपने ही देश के सरकार को आईना दिखाने की कोशिश की है।
पाकिस्तान के प्रमुख दक्षिणपंथी इस्लामी नेता मौलाना फजलुर रहमान सोमवार को अपने पूर्व प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थन में सामने आए और कहा कि विपक्षी दल को रैलियां आयोजित करने और यहां तक कि सरकार बनाने का भी अधिकार है। जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के अपने गुट के प्रमुख रहमान ने पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में सोमवार को जोरदार भाषण दिया और कथित तौर पर राजनीतिक व्यवस्था में हेराफेरी यानी चुनाव में धांधली करने के लिए शक्तिशाली प्रतिष्ठान की आलोचना की।
उन्होंने कहा, रैली करना पीटीआई का अधिकार है। हमने 2018 के चुनाव पर भी आपत्ति जताई थी और हमें इस (8 फरवरी के चुनाव) पर भी आपत्ति है। अगर 2018 के चुनाव में धांधली हुई थी, तो मौजूदा चुनाव में धांधली क्यों नहीं हुई? बता दें कि पीटीआई नेता असद कैसर ने रैली आयोजित करने के लिए पार्टी के अधिकार की मांग की थी। रहमान ने अपने भाषण में कहा कि असद कैसर की मांग सही है और रैली आयोजित करना पीटीआई का अधिकार है।
अपने भाषण के दौरान उन्होंने भारत के साथ समानताएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा, जरा भारत और हमारी तुलना करें… दोनों देशों को एक ही दिन आजादी मिली थी, लेकिन आज वे (भारत) महाशक्ति बनने का सपना देख रहे हैं और हम दिवालिया होने से बचने के लिए भीख मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि फैसले कोई और लेता है लेकिन समस्याओं के लिए राजनेताओं को जिम्मेदार ठहराया जाता है।
रहमान ने इस्लामिक सिद्धांतों को बनाए रखने के महत्व पर जोर देते हुए काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (सीआईआई) की सिफारिशों को लागू करने में विफलता पर भी अफसोस जताया। मौलाना फजल उर रहमान ने कहा कि हमें देश इस्लाम के नाम पर मिला था, लेकिन आज हम एक धर्मनिरपेक्ष राज्य बन गए हैं. 1973 के बाद से सीआईआई की एक भी सिफ़ारिश लागू नहीं की गई है। हम एक इस्लामिक देश कैसे हो सकते हैं। सीसीआई एक संवैधानिक निकाय है जिसे कानूनों के इस्लामीकरण में मदद करने के लिए स्थापित किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान दिवालिया होने से बचने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से भीख मांग रहा है।
Apr 30 2024, 11:25