मोदी मेरी एक शादी तुड़वाने के लिए जिम्मेदार”, 4 शादियां कर चुके पाकिस्तानी मौलवी का अजीबोगरीब बयान

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पाकिस्तान के इस्लामिक स्कॉलर तारिक मसूद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह अपनी शादी न हो पाने के लिए भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। पाकिस्तानी मौलवी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की वजह से भारत में अपने परिवार के वीज़ा आवेदन को अस्वीकार करने के कारण एक भारतीय महिला के साथ शादी नहीं हो पाई। ये अलग बात है कि तारिक मसूद ने अब तक 4 शादियां की है।

पाकिस्तानी मौलवी ने अपनी एक शादी न होने के लिए मोदी को जिम्मेदार ठहराया है। वायरल हो रहे वीडियो में तारिक ने कहा कि मेरी भी एक शादी होने वाली थी, लेकिन फिर से मोदी साहब की हुकूमत आ गई, जिसकी वजह से उन्हें वीजा नहीं मिला। उन्होंने कहा यह पुरानी बात है, जब मोदी की सरकार नई-नई आई थी। उन्होंने कहा हमने सोचा था साल 2019 में फिर इलेक्शन होगा उसके बाद देखेंगे, लेकिन मोदी फिर जीत गए। मोदी ही मेरी एक शादी तुड़वाने के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा 'अब 10 साल कौन इंतजार करे, पता चले मोदी फिर सत्ता में आ गए तो क्या होगा। हम इतना लंबा इंतजार करते नहीं, हम ऐसी शादी करते हैं कि फौरन विदाई हो।

पाकिस्तानी मौलवी से जुड़े बयान वाले वीडियो को एक्स पर मेघा अपडेट नाम के अकाउंट से पोस्ट किया गया है। इस वीडियो को अब तक 5 लाख से ज्यादा लोगों ने देखा है।

WhatsApp ने भारत छोड़ने की दी धमकी, जानें क्या है वजह

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप ने भारत में अपनी सेवाएं बंद करने की धमकी दी है।मैसेजिंग दिग्गज ने अपनी मूल कंपनी मेटा के साथ मिलकर यह कहते हुए चुनौती दी है कि अगर उसे एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन से समझौता करने और सरकार को उपयोगकर्ता डेटा प्रकट करने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाओं पर रोक लगा देगी।टेक कंपनियों पर सरकार 2021 से ही शिकंजा कस रही है। सरकार का कहना है कि भारत में बिजनेस करना है तो सभी टेक कंपनियों को सरकार के नियमों का पालन करना होगा, लेकिन कुछ कंपनियों को इससे दिक्कत है। इसी में से एक है वॉट्सऐप।

बता दें कि भारत सरकार और व्हाट्सएप के बीच यह विवाद साल 2021 से चल रहा है। यह पूरा मामला आईटी नियम 2021 से जुड़ा है। उस दौरान जब संशोधित आईटी नियम लागू हुआ तो उसमें यह कहा गया कि सोशल मीडिया कंपनियों को मैसेज के सोर्स की जानकारी देनी होगी। मेटा के स्वामित्व वाले इंस्टैंट मल्टीमीडिया मैसेजिंग एप वॉट्सऐपने इसका विरोध किया। वॉट्सऐप ने कहा कि यह संभव नहीं है। विवाद बढ़ने पर यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट में पहुंचा।

वॉट्सऐप और इसकी पैरेंट कंपनी मेटा ने 2021 में देश में लाए गए आईटी नियमों को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट में गुरुवार (25 अप्रैल) को दोनों की याचिकाओं पर सुनवाई हुई। आईटी नियमों में कहा गया है कि सोशल मीडिया मैसेजिंग कंपनियों के लिए किसी चैट का पता लगाने और मैसेज को सबसे पहले क्रिएट करने वाले शख्स का पता लगाने के लिए प्रावधान करना जरूरी होगा।

वॉट्सऐप की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में कहा गया है कि वह अपने प्लेटफॉर्म के एन्क्रिप्शन को नहीं तोड़ेगी। यदि कंपनी को ऐसा करने के लिए मजबूर किया जाएगा या दबाव डाला जाएगा तो वह भारत से चले जाना पसंद करेगी।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, वॉट्सऐप की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में वकील तेजस कारिया पेश हुए। उन्होंने कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ से कहा, "एक प्लेटफॉर्म के तौर पर हम कह रहे हैं कि अगर हमें एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए कहा जाता है, तो हम यहां से चले जाएंगे।"

कंपनी की परेशानी बताते हुए वकील ने कहा, "हमें मैसेजों की एक पूरी चेन तैयार रखनी होगी। हमें नहीं पता है कि कौन से मैसेज को डिक्रिप्ट करने के लिए कह दिया जाए। इसका मतलब हुआ कि लाखों-करोड़ों मैसेजों को कई सालों तक स्टोर करके रखना पड़ेगा।"

कोर्ट ने माना मामले में सभी पक्षों को बहस की जरूरत

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पीठ ने माना कि इस मामले पर सभी पक्षों को बहस करना होगा। अदालत ने सवाल किया कि क्या किसी अन्य देश में भी इस तरह (आईटी नियमों) का कानून मौजूद है? इस पर वकील ने कहा, "दुनिया में कहीं भी इस तरह का नियम नहीं है।

क्या होता है एन्क्रिप्शन? 

वॉट्सऐप की ऑफिशियल वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, ये मैसेजिंग प्लेटफॉर्म सभी पर्सनल मैसेजों पर एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन की सुविधा देता है। आसान भाषा में कहें तो अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य शख्स को मैसेज भेजता है या फिर उसका मैसेज रिसीव करता है, तो ये जानकारी सिर्फ उन दोनों के पास ही रहती है। कोई भी तीसरा व्यक्ति दो लोगों के बीच हुए मैसेज को पढ़ या सुन नहीं सकता है। ये वॉट्सऐप समेत कई मैसेजिंग एप्स के सबसे जरूरी फीचर हैं।

नेपाली मजदूर समेत सात को उत्तराखंड के अलग अलग वन क्षेत्र में आग लगाते रंगे हाथ दबोचा, केस दर्ज

उत्तराखंड के अलग-अलग वन क्षेत्र में आरक्षित वनों में आग लगाने वाले सात आरोपियों को वन विभाग की टीम ने रंगेहाथ दबोच लिया। इनमें से एर आरोपी नेपाली मूल का मजदूर है। लैंसडौन वन प्रभाग के कोटद्वार रेंज में पकड़े गए आरोप को जहां जेल भेज दिया गया है वहीं अन्य आरोपियों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

भूमि संरक्षण वन प्रभाग लैंसडौन के वनकर्मियों ने जंगल में आग लगाते हुए एक नेपाली मजदूर को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है। उसके तीन अन्य साथियों ने भी आरोपी के खिलाफ बयान दिए हैं। भूमि संरक्षण वन प्रभाग लैंसडौन के जयहरीखाल रेंज अधिकारी बीडी जोशी ने बताया कि रविवार को वनकर्मी कुल्हाड़ के नापखेतों में लगी आग बुझाने के बाद वापस लौट रहे थे।

इस दौरान एक व्यक्ति कुल्हाड़ मोड़ के समीप सड़क किनारे जंगल में आग लगा रहा था। वनकर्मियों ने उसे आग लगाते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया। उसके हाथ में गैस लाइटर भी था। जबकि घटनास्थल से कुछ दूरी पर ही उसके तीन अन्य साथी पाइपलाइन बिछाने का कार्य कर रहे थे।

वनकर्मी चारों को पकड़कर रेंज कार्यालय लैंसडौन लाए। जहां तीनों गवाह राजेंद्र, सतीश कुमार और रंजीत सिंह ने नेपाली मजदूर टेकराम द्वारा जंगल में आग लगाए जाने की बात स्वीकार की। उन्होंने बताया कि चारो को पुलिस के हवाले कर दिया गया है।

कोतवाल लैंसडौन मोहम्मद अकरम ने बताया कि जंगल में आग लगाने के आरोपी नेपाली मजदूर टेकराम के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले में जल्द ही अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

आरक्षित वनों में आग लगाने वाले 5 आरोपियों को वन विभाग ने दबोचा है। विभाग के अनुसार इन पांचों को खिर्सू की समीप आरक्षित वन में आग लगाते हुए देखा गया। विभाग आरोपियों को अब कोर्ट में पेश करने की कार्रवाई कर रही है।

डीएफओ गढ़वाल वन प्रभाग स्वप्निल अनिरूद्ध ने बताया कि रविवार को पौड़ी रेंज के तहत खिर्सू में आरक्षित वनों को आग से बचाने के लिए फॉरेस्टर जगदीश नेगी व उनकी टीम गश्त पर तैनात थी। इसी दौरान टीम को पांच लोगों को खिूर्स के समीप आरक्षित वन में आग लगाते हुए दबोच लिया। विभाग के अनुसार आरोपियों के नाम मोसार आलम, नाजेफर आलम, फिरोज आलम, नुरूल व शालेम है। सभी बिहार के रहने वाले हैं। बताया जा रहा है कि ये खिर्सू के चौबट्टा में रहते हैं और मजदूर हैं।

वहीं नैनीताल के जंगल में लगी आग पर सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है, ”हम भारतीय सेना समेत सभी संस्थाओं से मदद मांग रहे हैं। स्थानीय लोगों से भी आग बुझाने के लिए सहयोग करने को कहा जा रहा है। जिम्मेदार पाए गए अधिकारियों की जिम्मेदारी इसमें भी सुधार किया जाएगा।

कर्नाटक सेक्स स्कैंडल में नया खुलासा, भाजपा के एक नेता का दावा, उन्हें अश्लील वीडियोज से भरी पेन ड्राइव मिलने की प्रदेश अध्यक्ष को दी थी सूचना

 कर्नाटक सेक्स स्कैंडल में एक ओर नया खुलासा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने दावा किया है कि उन्हें अश्लील वीडियोज से भरी एक पेन ड्राइव पहले मिली थी, जिसके बारे में प्रदेश अध्यक्ष को सूचित कर दिया गया था। खास बात है कि इस विवाद में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते और सांसद प्रज्वल रेवन्ना का नाम सामने आ रहा है।

खबर है कि साल 2023 में होलनरसीपुरा से भाजपा उम्मीदवार रहे देवराज गौड़ा ने प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र को पत्र लिखा था। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने लिखा था, 'जेडीएस के एनडीए उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना समेत एचडी देवगौड़ा परिवार के कई नेताओं के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं।'

देवराज का कहना था कि पेनड्राइव में कुल 2976 वीडियो हैं और इनमें नजर आ रहीं कुछ महिलाएं सरकारी अधिकारी हैं। कहा गया कि इन वीडियोज 'का तब इस्तेमाल ऐसी यौन गतिविधियों को जारी रखने के लिए ब्लैकमेल करने के लिए किया जाता था।' रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा नेता ने दावा किया है कि एक और पेनड्राइव में ऐसे वीडियोज और फोटोज थे, जो कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं के पास पहुंचे थे।

रिपोर्ट के अनुसार, देवराज गौड़ा ने पत्र में लिखा था, 'अगर हम जेडीएस के साथ जाते हैं और अगर हम हासन से लोकसभा चुनाव के लिए जेडीएस उम्मीदवार को नॉमिनेट करते हैं, इन वीडियोज का इस्तेमाल ब्रह्मास्त्र की तरह हो सकता है और हमारी पार्टी पर बलात्कारियों के परिवार के साथ जुड़े का धब्बा लग सकता है। राष्ट्रीय स्तर पर यह हमारी पार्टी की छवि के लिए बड़ा झटका होगा।'

रेवन्ना को हटाने की मांग

रविवार को ही जेडीएस विधायक शरणगौड़ा कंकुर ने एचडी देवगौड़ा को पत्र लिखकर रेवन्ना को पार्टी से बाहर करने की मांग की थी। उन्होंने लिखा था, 'बीते कुछ दिनों में पूरे राज्य में यौन गतिविधियों वाले वीडियो सर्कुलेट हो रहे हैं, जिसकी वजह से पार्टी को बहुत शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है।'

उन्होंने लिखा, 'ऐसा लगता है कि यह प्रज्वल रेवन्ना है, क्योंकि वह वीडियो के कुछ हिस्सों में नजर आया है। ऐसा लगता है कि वह अपराधी है। इसलिए मैं आपसे उसे तत्काल पार्टी से बाहर करने का अनुरोध करता हूं।'

क्या था मामला

हाल ही में 47 वर्षीय एक महिला ने प्रज्वल और उसके पिता एचडी रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। महिला रेवन्ना के घर पर काम करती थी। महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने कई धाराओं में केस दर्ज कर लिया था। 

शिकायत के अनुसार, 'काम शुरू करने के 4 महीने बाद रेवन्ना मुझे अपने कमरे में बुलाता था। घर में 6 महिला कर्मचारी थीं और सभी ने कहा था कि जब प्रज्वल रेवन्ना घर आता था तो वे डर जाती थीं। घर के पुरुष कर्मचारियों ने भी महिला कर्मचारियों को सतर्क रहने के लिए कहा था।' महिला ने कहा, 'जब एचडी रेवन्ना की पत्नी घर पर नहीं होती थी, तो वह महिलाओं को स्टोर रूम में बुलाता था और फल देने के दौरान छूता था। वह साड़ी की पिन निकालता था और महिलाओं के साथ यौन हिंसा करता था।' महिला ने यह भी दावा किया है कि प्रज्वल रेवन्ना ने उसकी बेटी के साथ भी गलत हरकत करने की कोशिश की थी।

इस मामले में जेडीएस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, '...किसने इन्हें 3 दिन पहले रिलीज किया और ये पहले रिलीज क्यों नहीं किए गए? चुनाव के समय पुराने मुद्दों को क्यों उठाया जा रहा है...। SIT गठित कर दी गई है, सच्चाई को बाहर आने दीजिए और जो भी गलती करेगा उसे कानून के हिसाब से परिणाम भुगतने होंगे।'

उन्होंने कहा, 'हासन चुनाव में हमारे उम्मीदवार (प्रज्वल रेवन्ना) जीतेंगे। सभी यह कहते हैं...। मैं कांग्रेस नेताओं से पूछना चाहता हूं कि आप क्यों परिवार का नाम इसमें शामिल कर रहे हैं। व्यक्ति के बार में बात कीजिए, यह पारिवारिक मुद्दा नहीं है...। यह रेवन्ना परिवार का है, हमारा इससे कोई लेना देना नहीं है। वे अलग रहते हैं।'

फिर विवादों में जस्टिन ट्रूडो, खालिस्तान जिंदाबाद के नारे पर मुस्कुराते दिखे कनाडाई पीएम

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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का भारत विरोधी रवैया और खालिस्तानी प्रेम एक बार फिर सामने आया है। कनाडा के टोरंटो में खालिस्तान जिंदाबाद की नारेबाजीकी गई, हैरानी वाली बात ये है कि ये नारेबाजी प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की मौजूदगी में हुई है। यही नहीं इस दौरान जस्टिन ट्रूडो मुस्कुराते हुए नजर आए। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उनके सामने भारत विरोधी नारे लगाए जा रहे हैं और वे मु‍स्‍कुरा रहे हैं। इस वीडियो के जरिए कनाडा सरकार का भारत विरोधी रवैया एक बार फिर जग जाहिर हो गया है।

कनाडा के टोरंटो में खालसा दिवस मनाया गया, जिसमें काफी संख्या में सिख समुदाय के लोग एकत्र हुए। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने उनको संबोधित करते हुए कहा कि आपके अधिकारों की रक्षा के लिए हम मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि कनाड़ा की सबसे बड़ी शक्ति यहां की विविधता है। उन्होंने कहा कि यहां कई मतभेद हैं, लेकिन यही मतभेदों के कारण ही मजबूत भी हैं। देश में सिख समुदाय आठ लाख लोग हैं, जिनके अधिकारों की रक्षा के लिए हम हमेशा मौजूद हैं। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि वे हमेशा सिख समुदाय की नफरत और भेदभाव से उनकी रक्षा करेंगे। उन्होंने सिख समुदाय के लोगों से कहा कि वे बिना डर के अपने धर्म का पालन करें, कनाडाई चार्टर में मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता की गारंटी है, और इसके लिए वे उनके साथ हैं। 

इसी दौरान मौजूद भीड़ ने खालिस्तान के नारे लगाने शुरू कर दिए। पीएम ट्रूडो ने कहा कि मुझे पता है कई लोग अपने परिजनों, रिश्तेदारों से मिलना चाहते हैं, लेकिन इसलिए वे भारत सरकार से नए समझौते पर बातचीत करेंगे। जिसमें दोनों देशों के बीच वायुमार्ग को वापस पटरी पर लाया जा सके। अमृतसर सहित अन्य शहरों की उड़ान भर सके।

बता दें कि पिछले साल कनाडा और भारत के बीच रिश्तों में तनाव देखने को मिला है। कनाडा में आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर लगाया था। उनका खालिस्तान प्रेम तब भी दिखा था। भारत की ओर से लगातार जस्टिन ट्रूडो से इन दावों को लेकर सबूत मांगे जाते रहे हैं, जो कनाडाई सरकार ने आज तक नहीं दिए हैं। इसके बाद से दोनों देशों के संबंध में खटास आ गई।

मेघालय में घरों से उठाकर आदिवासी लड़कियों का सामूहिक बलात्कार कर रहे रोहिंग्या..! पीड़ित परिवारों ने NCPCR से लगाई गुहार

मेघालय के चेंगा बेंगा मेला बलात्कार मामले में, जिसमें दक्षिण पश्चिम गारो हिल्स जिले के गांधीपारा गांव में दो नाबालिग लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था, अब तक 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पहले की चार गिरफ्तारियों में से एक को राजबाला, वेस्ट गारो हिल्स में एक बस में, जो गुवाहाटी जा रही थी, दूसरी गिरफ्तारी तेपोरपारा (असम-मेघालय सीमा) में की गई थी, और दो अन्य को असम पुलिस द्वारा हत्सिंगिमारी, दक्षिण सलमारा, असम में अरेस्ट किया गया था।

28 अप्रैल को, एसपी विकाश कुमार ने बताया कि मामला दर्ज किया गया है और अंपति महिला पुलिस स्टेशन में जांच की जा रही है। अमपाती महिला पीएस केस नंबर 09(04)2024 के रूप में दर्ज इस मामले में नाबालिग के अपहरण, आपराधिक धमकी, मारपीट और सामूहिक बलात्कार के आरोप शामिल हैं। यह घटना 16 अप्रैल को चेंगा बेंगा मेला में घटी थी। पुलिस ने कहा कि, "अपराध स्थल पर आपत्तिजनक सबूत एकत्र किए गए थे, और जीवित बचे लोगों के खातों, मेडिकल जांच रिपोर्ट और अन्य सबूतों के आधार पर नौ आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।"

पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए सभी आरोपी असम के तेपोरपारा गांव के रहने वाले हैं, जो अपराध स्थल के पास है और ये गिरफ्तारियां दक्षिण सलमारा जिला पुलिस की मदद से की गईं। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से सात मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं और पुलिस ने डेटा का विश्लेषण किया है। एसपी कुमार ने कहा कि जांच के दौरान पता चला कि अपराधियों ने एक व्यक्ति से मोबाइल फोन लिया था और दूसरे व्यक्ति से धमकी देकर पैसे वसूले थे। इस संबंध में, दो संज्ञेय मामले, अंपति पीएस केस नंबर 36(04)2024 धारा 392/323/506/34 आईपीसी के तहत और अंपति पीएस केस नंबर 34(04)2024 धारा 341/395/384/506 के तहत आईपीसी दर्ज कर जांच की जा रही है। 

अधिकारी ने बताया कि बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। पुलिस ने स्थानीय लोगों से भी अपील की है कि अगर उनके पास इन मामलों में शामिल अपराधियों के बारे में कोई जानकारी हो तो वे पुलिस को सूचित करें। 

NCPCR ने किया क्षेत्र का दौरा

इससे पहले, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने एक समिति का गठन किया था जिसने जिले का दौरा किया और बाल सुरक्षा और इन मुद्दों के समाधान पर चर्चा करने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस, चिकित्सा विभाग, सीडब्ल्यूसी और समाज कल्याण विभाग से मुलाकात की। इस बीच, NCPCR के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने भी पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। हालाँकि पुलिस ने आरोपी व्यक्तियों की पहचान के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी है, लेकिन NCPCR अध्यक्ष ने एक एक्स पोस्ट में कहा कि रोहिंग्या घुसपैठिये मेघालय में युवा लड़कियों का यौन उत्पीड़न कर रहे हैं। कानूनगो की पोस्ट से पता चलता है कि राज्य में स्थानीय आदिवासी लड़कियों को उनके घरों से अपहरण करने और उसके बाद रोहिंग्या घुसपैठियों द्वारा यौन शोषण की घटनाएं प्रचलित हैं।

NCPCR अध्यक्ष ने पोस्ट में लिखा कि, “मेघालय के अमपाती जिले में महिलाओं ने बताया कि कैसे रोहिंग्या घुसपैठिए उनके घरों से मासूम लड़कियों का अपहरण कर रहे हैं और उन्हें यौन हिंसा का शिकार बना रहे हैं। भारत के संसाधन इन घुसपैठियों को देने वाले सावधान हो जाएं, भारत की बेटियां रोहिंग्या घुसपैठियों की हवस का संसाधन नहीं हैं। हर अत्याचारी से सख्ती से निपटा जाएगा।” जैसा कि पहले बताया गया था, पुलिस ने कहा था कि पीड़ितों में दो नाबालिग लड़के और दो नाबालिग लड़कियां शामिल हैं, यह घटना इस साल 16 अप्रैल को हुई थी, लेकिन इसकी सूचना दो दिन बाद 18 अप्रैल को दी गई। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों के नाम का खुलासा नहीं किया है। पहले खबर आई थी कि ज्यादातर आरोपी 22-25 साल की उम्र के हैं।

एमपी के सीएम मोहन यादव ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर बोला हमला, कहा, वोट पाने के लिए वह ‘नकली’ गांधी बनकर फिर रही हैं

लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टियों का प्रचार अभियान जोरों पर है। तमाम दलों के नेता एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने का कोई भी अवसर नहीं चूक रहे हैं। जनसभा में मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा पर उनके गांधी उपनाम को लेकर जमकर निशाना साधा। मोहन यादव ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर हमला बोलते हुए दावा किया कि वह ‘नकली’ गांधी हैं और वोट पाने के लिए इस ‘उपनाम’ का उपयोग कर रही हैं।

 गुना लोकसभा क्षेत्र के म्याना कस्बे में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम मोहन यादव ने कांग्रेस महासचिव पर निशाना साधते हुए कहा कि अपनी प्रपौत्री के मंगलसूत्र नहीं पहनने को लेकर पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू की आत्मा आंसू बहा रही होगी। सीएम ने गांधी उपनाम का उपयोग करने को लेकर भी नेहरू-गांधी परिवार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां बेटी के विदा होते ही वहां (उसके ससुराल) का सरनेम (उपनाम) लगा देते हैं, किन्तु ये वोट के भूखे लोग वोट के चक्कर में अपना सरनेम भूल रहे हैं तथा आज भी गांधी उपनाम का उपयोग कर रहे हैं।’ उन्होंने दावा किया कि प्रियंका भी गांधी हो गईं। उनका उपनाम कहां से आया? यादव ने कहा कि असली गांधी के परिवार के लोग आज न जाने कहां होंगे? ये नकली गांधी लोग गांधी के नाम पर वोट ले रहे हैं।

मोहन यादव के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के मीडिया सलाहकार के. के. मिश्रा ने दावा किया कि सीएम ने कहा है कि प्रियंका गांधी ने दूसरे धर्म में शादी की है। उन्होंने कहा, ‘क्या यह असंवैधानिक है या फिर कोई अपराध है? यादव को इस बात पर भी आपत्ति है कि प्रियंका जी शादी के पश्चात् गांधी उपनाम क्यों लगाती हैं? मुख्यमंत्री, कृपया उनका ‘एक्स’ अकाउंट देखिये, उनके उपनाम के बाद वाड्रा भी लिखा है।’

भाजपा के 400 पार वाले नारे पर राजद ने कसा तंज, समीर महासेठ ने कहा, 400 से ज्यादा तो 420 भी होता है, जनता को मूर्ख मत बनाएं

लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत एनडीए के सभी नेता 400 से ज्यादा लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने दावा करते हैं। यह नारा लगाया जाता है अबकी बार 400 पार। इस नारे पर राजद ने बड़ा तंज कसा है। पार्टी के नेता और नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री रहे समीर महासेठ ने कहा है कि 400 से ज्यादा तो 420 भी होता है। समीर महासेठ मधुबनी में महागठबंधन के प्रत्याशी अली अशरफ फातमी के लिए कैंपेनिंग कर रहे हैं। 

इंडिया गठबंधन के के उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए राजद नेता विभिन्न क्षेत्रों में जनसंपर्क कर रहे हैं। रविवार को मधुबनी में आयोजित प्रेस वार्ता में समीर महासेठ ने कहा कि प्रधानमंत्री जी कहते हैं अबकी बार 400 पार। इस पर हमारा सिर्फ यही कहना है कि 400 से ज्यादा तो 420 भी होता है। नरेंद्र मोदी जी जनता को मूर्ख बना रहे हैं और बिहार की सभी 40 सीटों पर अपनी दावेदारी कर रहे हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि मोदी सरकार 420 है। मोदी जी जनता को मूर्ख मत बनाइए।

राजद नेता समीर महासेठ ने कहा कि बिहार के लोगों ने बीजेपी की झोली में 39 सांसद दिए। लेकिन इतने एमपी होते हुए भी जनता को क्या मिला? बिहार और झारखंड मिलाकर 54 एमपी होते हैं लेकिन, गुजरात के मात्र 26 एमपी हैं। इन 26 सांसदों को जितना मिला उसकी तुलना में दोनों राज्य मिलाकर मोदी जी ने कुछ नहीं दिया। समीर महासेठ ने कहा कि मंचों से पीएम मोदी और बीजेपी व एनडीए के नेता बिहार के विकास के लिए बड़ी बड़ी बातें करते हैं लेकिन काम करने में पीछे हट जाते हैं। बिहार सरकार के पूर्व मंत्री समीर महासेठ ने कहा कि पीएम मोदी की योजना के अनुसार देश भर के सांसदों ने अपने अपने इलाके के गांवों को गोद लिया। लेकिन झंझारपुर और मधुबनी लोकसभा में गोद लिए गए किसी भी गांव में कितना काम हुआ यह जरा दिखा दीजिए।

चुनाव के बीच कर्नाटक के चामराज से BJP सांसद का निधन, 4 दिन से थे ICU में भर्ती, मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो गया था

कर्नाटक के चामराजनगर से भाजपा सांसद वी श्रीनिवास प्रसाद का रविवार रात बेंगलुरु के हाॅस्पिटल में निधन हो गया। वे 76 साल के थे और पिछले 4 दिनों से आईसीयू में भर्ती थे। जानकारी के अनुसार श्रीनिवास कई बीमारियों से पीड़ित थे। तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें बेंगलुरु के मणिपाल हाॅस्पिटल लाया गया। जहां पर मल्टी ऑर्गन फेल्योर के कारण उनका निधन हो गया।

बता दें कि उन्होंने हाल ही में चुनावी राजनीति से संन्यास लिया था। वे चामराजनगर से 7 बार सांसद और 2 बार विधायक रहे। श्रीनिवास ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1976 में जनता पार्टी से की थी। इसके बाद 1979 में वे कांग्रेस में चले गए। भाजपा में आने से पहले वे जेडीएस, जेडीयू और समता पार्टी में भी रह चुके थे।

श्रीनिवास का जन्म 6 जुलाई 1947 को मैसूर के अशोकपुरम में हुआ था। उन्होंने पहला चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लड़ा। वे बचपन से ही संघ और एबीवीपी में सक्रिय रहे। उन्होंने अपने जीवनकाल में कुल 14 चुनाव लड़े, जिसमें से 8 में जीत दर्ज की। उन्होंने चामराजनगर से 9 लोकसभा चुनाव लड़े और 6 में जीत दर्ज की। दिवंगत भाजपा सांसद 1999 में तत्कालीन पीएम अटल बिहारी की वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे। इसके अलावा वे कर्नाटक के राजस्व मंत्री भी रहे।

अमेरिका में तेज हुआ इजरायल विरोधी प्रदर्शन, हार्वर्ड विश्वविद्यालय में लगाया गया फिलीस्तीन का झंडा

#anti_israel_protesters_at_us_universities

अमेरिका के विश्वविद्यालयों में फिलीस्तीनी समर्थक प्रदर्शन और तेज हो गए हैं। अमेरिका की 30 से ज्यादा यूनिवर्सिटियों में इन दिनों फिलीस्तीन के लिए प्रदर्शन चल रहे हैं। इस बीच रविवार को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में छात्रों ने फिलिस्तीनी झंडा फहराया।यूनिवर्सिटी में जॉन हार्वर्ड के स्टैच्यू के ऊपर जहां अमेरिका का झंडा फहराया जाता है, वहां रविवार को फिलिस्तीनी झंडा दिखा।

गाजा में इजरायल के हमलों के विरोध में अमेरिका में बवाल मचा हुआ है।गाजा में पैदा हुई मानवीय परिस्थितियों को लेकर अमेरिका में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। देशभर में लोग इजराइल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। अमेरिका की शिक्षण संस्थाओं में फलस्तीनियों के समर्थन वाला आंदोलन फैलता जा रहा है।30 से ज्यादा यूनिवर्सिटियों में इन दिनों फिलीस्तीन के लिए प्रदर्शन चल रहे हैं।कई विश्वविद्यालयों और कालेजों में आंदोलन को बलपूर्वक कुचलने और सैकड़ों छात्र-छात्राओं की गिरफ्तारियां की गई हैं।न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक देशभर में अब तक 900 छात्रों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 

इस बीच इजरायल विरोधी प्रदर्शनकारियों ने जॉन हॉवर्ड के उस मूर्ति के ऊपर फिलीस्तीन का झंडा फहराया जहाँ सिर्फ और सिर्फ अमेरिका झंडे को ही फहराने की अनुमति होती है।यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने कहा, "यह हमारी पॉलिसी के खिलाफ है। इसके लिए जिम्मेदार छात्रों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।"

इस हरकत की वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में अलग-अलग समय पर मूर्ति के हाथ में झंडा और फिर सिर के ऊपर झंडा साफ देखा जा सकता है। 

बता दें कि इस समय अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी, येल यूनिवर्सिटी इंडियाना यूनिवर्सिटी, अरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी और वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी सहित कई यूनिवर्सिटियों में फिलीस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन चल रहे हैं। हावर्ड की घटना से पहले सदर्न कैनिफोर्निया कैंपस में सैंकड़ों छात्रों ने टेंट लगाकर प्रदर्शन किया था।

लॉस एंजिल्स की यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैलिफोर्निया में रविवार को फिलिस्तीन और इजराइल समर्थक गुटों में झड़प भी हुई। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, यूनिवर्सिटी में दोनों गुटों को एक-दूसरे से दूर रखने के लिए बैरियर लगाया गया था, जिसे प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया। इस दौरान विश्वविद्यालय में तोड़फोड़ भी हुई। विरोध प्रदर्शनों पर रविवार को व्हाइट हाइस के नेशनल सिक्योरिटी प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन को मामले से जुड़े अपडेट्स दिए जा रहे हैं। हालांकि, मामले को संभालने की जिम्मेदारी फिलाहल लोकल प्रशासन पर ही छोड़ी गई है।

बोस्टन की नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के कैंप उखाड़ दिए। इस दौरान 100 लोगों को हिरासत में लिया गया। अलजजीरा के मुताबिक यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने बताया कि धरने के दौरान प्रदर्शनकारियों ने 'यहूदियों की हत्या करो' के भी नारे लगाए। यह लाइन क्रॉस करने जैसा था और इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

अमेरिका की यूनिवर्सिटीज में हो रहे प्रदर्शन कनाडा, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया तक भी पहुंच गए हैं। कनाडा की मेकगिल यूनिवर्सिटी में शनिवार को छात्रों ने गाजा में नरसंहार रोकने की मांग के साथ कैंपिंग की। वहीं सिडनी की यूनिवर्सिटी में टेंट लगे नजर आए।