मत प्राप्त करने के लिए नहीं दी जा सकेगी जातीय या साम्प्रदायिक भावनाओं की दुहाई
महेश चंद्र गुप्ता , बहराइच। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के साधारण आचरण के सम्बन्ध में जारी की गयी आदर्श आचार संहिता में निर्देश दिया गया है कि किसी दल या अभ्यर्थी को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिये, जो विभिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेदों को बढ़ाये या घृणा की भावना उत्पन्न करें या तनाव पैदा करे।
आयोग द्वारा दिये गये निदेर्शों के अनुसार जब अन्य राजनैतिक दलों की आलोचना की जाये, तो वह उनकी नीतियों और कार्यक्रमों, पूर्व रिकार्ड और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिये। यह भी आवश्यक है कि व्यक्तिगत जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना नहीं की जानी चाहिये, जिनका सम्बन्ध अन्य दलों के नेताओं या कार्यकतार्ओं के सार्वजनिक क्रियाकलाप से न हो। दलों या उनके कार्यकतार्ओं के बारे में कोई ऐसी आलोचना नहीं की जानी चाहिये, जो ऐसे आरोपों पर जिनकी सत्यता स्थापित न हुई हो या जो तोड़-मरोड़कर कही गई बातों पर आधारित हों।
मत प्राप्त करने के लिए जातीय या साम्प्रदायिक भावनाओं की दुहाई नहीं दी जानी चाहिये। मस्जिदों, गिरजाघरों, मन्दिरों या पूजा के अन्य स्थानों का निर्वाचन प्रचार के मंच के रूप में प्रयोग नहीं किया जाना चाहिये।
सभी दलों और अभ्यर्थियों को ऐसे सभी कार्यो से ईमानदारी के साथ बचना चाहिये, जो निर्वाचन विधि के अधीन ह्यह्यभ्रष्ट आचरणह्णह्ण और अपराध हैं जैसे कि मतदाताओं को रिश्वत देना, मतदाताओं को डराना/धमकाना, मतदाताओं का प्रतिरूपण, मतदान केन्द्र के 100 मीटर के भीतर मत याचना करना, मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय को खत्म होने वाली 48 घण्टे की अवधि के भीतर सार्वजनिक सभाएं करना और मतदाताओं को वाहन से मतदान केन्द्रों तक ले जाना और वहॉ से वापस लाना।
सभी राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों को इस बात का प्रयास करना होगा कि वे प्रत्येक व्यक्ति के शांतिपूर्ण और विघ्नरहित घरेलू जिन्दगी के अधिकार का आदर करें चाहे वे उसके राजनैतिक विचारों या कार्यो के कितने ही विरूद्ध क्यों न हों। व्यक्तियों के विचारों या कार्यो का विरोध करने के लिए उनके घरों के सामने प्रदर्शन करने या धरना देने के तरीकों का सहारा किसी भी परिस्थिति में नहीं लेना चाहिये। किसी भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को ध्वज दण्ड खड़ा करने, बैनर व ध्वज टांगने, सूचनाएं चिपकाने, नारे आदि लिखने के लिए किसी भी व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाते, दीवार आदि का उसकी अनुमति के बिना उपयोग करने की अनुमति अपने अनुयायियों को नहीं देनी चाहिये।
राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके समर्थक अन्य दलों द्वारा आयोजित सभाओं-जुलूसों आदि में बाधायें उत्पन्न न करें या उन्हें भंग न करें। एक राजनैतिक दल के कार्यकतार्ओं या शुभ चिंतकों को दूसरे राजनैतिक दल द्वारा आयोजित सार्वजनिक सभाओं में मौखिक रूप से या लिखित रूप से प्रश्न पूछकर या अपने दल के परचे वितरित करके गड़बड़ी पैदा नहीं करनी चाहिये। किसी दल द्वारा जुलूस उन स्थानों से होकर नहीं ले जाना चाहिये, जिन स्थानो पर दूसरे दल द्वारा सभाएं की जा रही हों। एक दल द्वारा लगाये गये पोस्टर दूसरे दल के कार्यकतार्ओं द्वारा हटाये नहीं जाने चाहिये।
सभाएं आयोजित करने के लिए दल या अभ्यर्थी को किसी प्रस्तावित सभा के स्थान और समय के बारे में स्थानीय प्राधिकारियों को उपयुक्त समय पर सूचना देनी होगी ताकि यातायात को नियंत्रित करने और शांति तथा व्यवस्था बनाये रखने के लिए आवश्यक इंतजाम किये जा सकें। दल या अभ्यर्थी को उस दशा में पहले ही यह सुनिश्चित कर लेना चाहिये कि उस स्थान पर जहॉ सभा करने का प्रस्ताव है, कोई निर्बन्धात्मक या प्रतिबंधात्मक आदेश लागू तो नहीं हैं, यदि ऐसे आदेश लागू हैं तो उसका कड़ाई से साथ पालन किया जाना चाहिए। यदि ऐसे आदेशों से कोई छूट अपेक्षित हो तो उसके लिये समय से आवेदन कर छूट प्राप्त कर लेना चाहिये होगा।
यदि किसी प्रस्तावित सभा के सम्बन्ध में लाउडस्पीकरों के उपयोग या किसी अन्य सुविधा के लिये अनुज्ञा या अनुज्ञप्ति प्राप्त करनी हो तो दल या अभ्यर्थी को सम्बद्ध प्राधिकारी के पास काफी पहले ही से आवेदन करना चाहिये और ऐसी अनुज्ञा या अनुज्ञप्ति प्राप्त कर लेनी चाहिये। किसी सभा के आयोजकों के लिए यह अनिवार्य होगा कि वे सभा में विघ्न डालने वाले या अन्यथा अव्यवस्था फैलाने का प्रयत्न करने वाले व्यक्तियों से निपटने के लिये ड्यूटी पर तैनात पुलिस की सहायता प्राप्त करें। आयोजकों को चाहिये कि वे स्वयं ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध कोई कार्रवाई न करें।
Apr 09 2024, 18:08