खुद को NCB का अधिकारी बताकर लोगों से वसूली करने आये युवक युवती की लोगों ने की पिटाई, किया गया पुलिस के हवाले

रांची नामकुम थाना क्षेत्र के नामकुम बस्ती में शनिवार देर रात लोगों ने एक युवक-युवती जमकर पीटाई की । जानकारी के अनुसार  उक्त दोनों ने लोगों को अपने आप को नारकोटिक्स विभाग (NCB ) का अधिकारी बताया। 

दोनों फर्जी अधिकारी बन कर पैसा वसूलने के नियत से वहां गए थे। लोगों को उन दोनों पर शक हुआ।

पूछताछ के क्रम में सच्चाई सामने आ गई और फिर स्थानीय लोगों ने दोनों की जमकर पिटाई कर दी। इसके बाद दोनों युवक-युवती को पुलिस के हवाले कर दिया गया। दोनों को रिम्स में भर्ती कराया गया है।

युवक-युवती के बारे में बताया जा रहा है कि दोनों फर्जी तरीके से लोगों से वसूली करने का काम करते हैं।

दोनों खुद को कभी पत्रकार तो कभी कोई विभाग का अधिकारी बताकर लोगों से पैसे ठगते हैं। थाना प्रभारी ब्रह्मदेव प्रसाद ने रविवार को बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है।

चुनाव से पहले चुनाव आयोग का झारखंड का दौरा नही किया जाना चिंताजनक,प्रेसवार्ता कर जेएमएम प्रवक्ता सुप्रिय भट्टाचार्य ने कही यह बात


राँची: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग के द्वारा जारी की जाने वाली तिथि को लेकर झामुमो के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन किया। आगामी लोकसभा चुनाव की घोषणा महज कुछ दिनों में होने वाली है पर अब तक चुनाव आयोग का दौरा झारखंड में नहीं हुआ है इसे लेकर जेएमएम ने चिंता जताई है।

साथ ही चुनाव आयोग के माध्यम से केंद्र की भाजपा पार्टी पर राजनीतिक प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

वही सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि चुनाव घोषणा से पूर्व सभी राजनीतिक पार्टियों का राय लिया जाता है, पर अब तक झारखंड में चुनाव आयोग का दौरा नहीं हो पाया है हमारी पार्टी की ओर से यह आग्रह होगा कि चुनाव आयोग की टीम का दौरा झारखंड में आने वाले दो-चार दिनों के अंदर तत्काल हो और लोकसभा चुनाव के विषय पर हमारी राय को भी लिया जाए।

वही राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी से प्रदीप वर्मा की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रवक्ता का कहना है कि झारखंड में एजुकेशनल ट्रस्ट के माध्यम से इनका पदार्पण हुआ है।

सीएम चम्पाई सोरेन ने की प्राथमिक विद्यालयों में जनजातीय भाषा की पढ़ाई शुरू करने हेतु अधिकारियों के साथ बैठक

राज्य में जनजातीय भाषाओं का संवर्धन और विकास प्राथमिकता

मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने आज कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में झारखंड की समृद्ध जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं के संवर्धन और विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालयों में जनजातीय भाषा की पढ़ाई प्रारंभ करने हेतु अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा एक से पांचवीं वर्ग के पाठ्यक्रमों में यहां की समृद्ध जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल कर इन भाषाओं की पढ़ाई शीघ्र प्रारंभ की जाए।

 मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि राज्य की जनजातीय भाषा एवं क्षेत्रीय भाषाओं का संवर्धन और विकास उनकी सरकार की प्राथमिकता में है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यथाशीघ्र जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं के घंटी आधारित विशेषज्ञ शिक्षकों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया पूरी की जाए, ताकि प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाई प्रारंभ की जा सके।

इस अवसर पर अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री दीपक बिरुवा, मुख्यमंत्री के सचिव अरवा राजकमल एवं शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।

रांची के पर्ल अपार्टमेंट में लगी आग, एक की मौत दूसरे की हालत गंभीर

रांची: राजधानी के चुटिया थाना क्षेत्र स्थित पर्ल अपार्टमेंट में शनिवार सुबह भीषण आग लग गयी। इस आग में झुलसने से एक बुजुर्ग की मौत हो गई। साथ ही उस व्यक्ति की बहन बुरी तरह झुलस गई। दोनों की उम्र क्रमश: 75 और 80 साल बताई गई है।

बताया जा रहा है कि रांची के सिरम टोली स्थित पर्ल अपार्टमेंट के दूसरे फ्लोर पर शनिवार को तड़के आग लगने से अपार्टमेंट के मालिक 75 वर्षीय जुलतन सुरीन की जलने से मौत हो गई। जबकि 80 वर्षीय उनकी बहन जोलेन होरो बुरी तरह झुलस गई। आग लगने के कारणों का पता नहीं लग पाया है। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड टीम के सदस्य राजेश कुमार और अविनाश कुमार ने आग की लपटों के बीच से झुलस चुकी महिला को बाहर निकाला और उन्हें इलाज के लिए हॉस्पिटल भेजा. वहीं अग्निशमन विभाग की टीम ने आग पर काबू पा लिया है।

घटना के बारे में परिजनों को मामले की जानकारी दे दी गई है। पुलिस के मुताबिक ऐसा लग रहा है कि शॉर्ट सर्किट या किसी अन्य कारण से घर में आग लगी है. दोनों बुजुर्ग की उम्र काफी अधिक थी, ऐसे में वे बाहर नहीं निकल सके, जिससे एक की मौत हो गई। फिलहाल, मामले की जांच की जा रही है।

कल्पना सोरेन और बसंत सोरेन को वाई श्रेणी की सुरक्षा, बाबूलाल मरांडी को अब जेड श्रेणी की सुरक्षा।


रांची : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के राजनीति में कदम रखने के बाद राज्य सरकार ने उनको सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला किया है। राज्य सुरक्षा वर्गीकरण समिति ने 119 वीआईपी की सुरक्षा श्रेणियों की समीक्षा करने के बाद सुरक्षा में कुछ बदलाव किये है।

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, जेएमएम अध्यक्ष शिबू सोरेन को मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स की गाइडलाइंस के अनुसार जेड प्लस सुरक्षा दी गई है। 

वही पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन और उनके भाई मंत्री बसंत सोरेन को वाई श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है। बसंत सोरेन को पहले एक्स श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध थी, जिसे बढ़ाकर वाई किया गया है। 

इनकी सुरक्षा में कुल आठ जवान रहेंगे। आवास में पांच सशस्त्र सुरक्षा गार्ड और तीन पीएसओ उपलब्ध रहेंगे।

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को अब वाई स्कॉट की जगह जेड श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध रहेगी। कल्पना सोरेन, मंत्री बेबी कुमारी, राज्यसभा सांसद महुआ माजी और आदित्य साहू को पहली बार सुरक्षा मुहैया कराई गई है। 

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को वाई की जगह अब वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी को एक्स की जगह वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।

रिम्स के पांच डॉक्टर को प्राइवेट प्रेक्टिस करने के आरोप में किया गया चिह्नित,प्रबंधन ने चेताया,प्राइवेट प्रेक्टिस करें बंद नही तो होगी कार्रवाई

(झा.डेस्क)

राँची: रिम्स प्रबंधन ने निजी प्रैक्टिस करने वाले तीन विभागाध्यक्ष समेत पांच डॉक्टरों को चिह्नित किया है. इनमें कार्डियोलॉजी के एक, यूरोलॉजी के दो तथा डेंटल व न्यूरोलॉजी विभाग के एक-एक डॉक्टर शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार, उक्त डॉक्टरों को रिम्स निदेशक ने खुद बुलाकर चेतावनी दी है. इन डॉक्टरों को निदेशक ने आगाह किया गया है कि आपके नाम की सूची सरकार के स्तर से उपलब्ध करायी गयी है. इससे आपको अवगत कराया जा रहा है. इसके बाद भी अगर आप निजी प्रैक्टिस करते हैं, तो सख्त कार्रवाई करते हुए सरकार को इससे अवगत कराया जायेगा.

जानकारी के अनुसार, न्यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टर पर पहले से ही कार्रवाई की तैयारी चल रही है. उनके खिलाफ शिकायत के आधार पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया था. इसके अलावा रेडियोलॉजी विभाग के एक सीनियर रेजीडेंट का नाम भी निजी प्रैक्टिस में आया है. निदेशक ने उक्त डॉक्टर को भी बुलाकर समझा दिया है. वहीं, सीनियर डॉक्टरों के अलावा इंटर्न और पीजी डॉक्टरों को अपनी प्रशिक्षण अविधि के दौरान ईमानदारी से काम करने को कहा गया है.

एनपीए लेते हैं, तो नहीं कर सकते हैं निजी प्रैक्टिस

रिम्स के डॉक्टरों को एम्स की तर्ज पर वेतन और एनपीए मिलता है. इसलिए डॉक्टर ड्यूटी ऑवर के बाद भी निजी प्रैक्टिस नहीं कर सकते हैं. एनपीए लेनेवाले डॉक्टर को हर माह शपथ पत्र देना होता है कि वे निजी प्रैक्टिस नहीं करते हैं. इसके बावजूद डाॅक्टर निजी प्रैक्टिस कर रहे हैं.

रिम्स के दैनिक कर्मियों को आठ माह से नहीं मिला मानदेय

रिम्स में तैनात दैनिक कर्मियों को आठ माह से मानदेय नहीं मिला है. इससे कर्मचारियों को परिवार चलाने में परेशानी हो रही है. वहीं, बच्चों की फीस भी जमा नहीं कर पा रहे हैं. इससे कर्मचारी परेशान हैं. दैनिक कर्मियों का कहना है कि होली नजदीक है, लेकिन पैसा भुगतान की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पायी है. कुल 333 दैनिक कर्मी हैं. इनमें 269 पहले से दैनिक कर्मी के रूप में सेवा दे रहे है. वहीं, एजेंसी हटने के बाद गार्ड की नौकरी करने वाले 64 लोग दैनिक कर्मी के रूप में योगदान दे रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि पहले से कार्य करने वाले दैनिक कर्मियों को दो माह का मानदेय मिला है. लेकिन, बाद में योगदान देनेवाले 64 का वेतन आठ महीना से बाकी है. गौरतलब है दैनिक कर्मियों को प्रतिमाह 7,000 रुपये मानदेय मिलता है.

रिम्स के पांच डॉक्टर को प्राइवेट प्रेक्टिस करने के आरोप में किया गया चिह्नित,रिम्स प्रबंधन ने चेताया,प्राइवेट प्रेक्टिस करें बंद नही तो होगी कार


(झा.डेस्क)

राँची: रिम्स प्रबंधन ने निजी प्रैक्टिस करने वाले तीन विभागाध्यक्ष समेत पांच डॉक्टरों को चिह्नित किया है. इनमें कार्डियोलॉजी के एक, यूरोलॉजी के दो तथा डेंटल व न्यूरोलॉजी विभाग के एक-एक डॉक्टर शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार, उक्त डॉक्टरों को रिम्स निदेशक ने खुद बुलाकर चेतावनी दी है. इन डॉक्टरों को निदेशक ने आगाह किया गया है कि आपके नाम की सूची सरकार के स्तर से उपलब्ध करायी गयी है. इससे आपको अवगत कराया जा रहा है. इसके बाद भी अगर आप निजी प्रैक्टिस करते हैं, तो सख्त कार्रवाई करते हुए सरकार को इससे अवगत कराया जायेगा.

जानकारी के अनुसार, न्यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टर पर पहले से ही कार्रवाई की तैयारी चल रही है. उनके खिलाफ शिकायत के आधार पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया था. इसके अलावा रेडियोलॉजी विभाग के एक सीनियर रेजीडेंट का नाम भी निजी प्रैक्टिस में आया है. निदेशक ने उक्त डॉक्टर को भी बुलाकर समझा दिया है. वहीं, सीनियर डॉक्टरों के अलावा इंटर्न और पीजी डॉक्टरों को अपनी प्रशिक्षण अविधि के दौरान ईमानदारी से काम करने को कहा गया है.

एनपीए लेते हैं, तो नहीं कर सकते हैं निजी प्रैक्टिस

रिम्स के डॉक्टरों को एम्स की तर्ज पर वेतन और एनपीए मिलता है. इसलिए डॉक्टर ड्यूटी ऑवर के बाद भी निजी प्रैक्टिस नहीं कर सकते हैं. एनपीए लेनेवाले डॉक्टर को हर माह शपथ पत्र देना होता है कि वे निजी प्रैक्टिस नहीं करते हैं. इसके बावजूद डाॅक्टर निजी प्रैक्टिस कर रहे हैं.

रिम्स के दैनिक कर्मियों को आठ माह से नहीं मिला मानदेय

रिम्स में तैनात दैनिक कर्मियों को आठ माह से मानदेय नहीं मिला है. इससे कर्मचारियों को परिवार चलाने में परेशानी हो रही है. वहीं, बच्चों की फीस भी जमा नहीं कर पा रहे हैं. इससे कर्मचारी परेशान हैं. दैनिक कर्मियों का कहना है कि होली नजदीक है, लेकिन पैसा भुगतान की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पायी है. कुल 333 दैनिक कर्मी हैं. इनमें 269 पहले से दैनिक कर्मी के रूप में सेवा दे रहे है. वहीं, एजेंसी हटने के बाद गार्ड की नौकरी करने वाले 64 लोग दैनिक कर्मी के रूप में योगदान दे रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि पहले से कार्य करने वाले दैनिक कर्मियों को दो माह का मानदेय मिला है. लेकिन, बाद में योगदान देनेवाले 64 का वेतन आठ महीना से बाकी है. गौरतलब है दैनिक कर्मियों को प्रतिमाह 7,000 रुपये मानदेय मिलता है.

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बड़ा दांव चला, 2024 में नौकरी की गारंटी लेने की बात कही राहुल गांधी

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बड़ा दांव चला है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने युवाओं के लिए पांच गारंटी का एलान किया है। गौरतलब है कि वह अपनी 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के तहत बांसवाड़ा में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए युवाओं, गरीबों व अन्य तबकों के लिए पार्टी के प्रस्तावित कदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 

‘‘युवाओं के लिए कांग्रेस पार्टी क्या करने जा रही है? सबसे पहला कदम, हमने गिनती की है- हिंदुस्तान में 30 लाख सरकारी पद खाली हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इनको भरवाते नहीं है। भाजपा इन्हें भरवाती नहीं है। सरकार में आने के बाद एक दम पहला काम होगा कि ये 30 लाख सरकारी नौकरियां हम दे देंगे। ये जानकारी झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने आज कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में दी।

इस निमित्त राजेश ठाकुर ने कहा कि हम लोगों ने अपनी गठबंधन सरकार में झारखंड में लोगों को नियुक्ति देने की शुरुआत कर दी है। उन्होंने इस बात की भी जिक्र की कि वर्षों से जहां जेपीएससी की एग्जाम नहीं होती थी वही हमारी सरकार ने जेपीएससी की एग्जाम लिया।

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बड़ा दांव चला, 2024 में नौकरी की गारंटी लेने की बात कही राहुल गांधी


लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बड़ा दांव चला है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने युवाओं के लिए पांच गारंटी का एलान किया है। गौरतलब है कि वह अपनी 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के तहत बांसवाड़ा में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए युवाओं, गरीबों व अन्य तबकों के लिए पार्टी के प्रस्तावित कदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 

‘‘युवाओं के लिए कांग्रेस पार्टी क्या करने जा रही है? सबसे पहला कदम, हमने गिनती की है- हिंदुस्तान में 30 लाख सरकारी पद खाली हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इनको भरवाते नहीं है। भाजपा इन्हें भरवाती नहीं है। सरकार में आने के बाद एक दम पहला काम होगा कि ये 30 लाख सरकारी नौकरियां हम दे देंगे। ये जानकारी झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने आज कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में दी।

इस निमित्त राजेश ठाकुर ने कहा कि हम लोगों ने अपनी गठबंधन सरकार में झारखंड में लोगों को नियुक्ति देने की शुरुआत कर दी है। उन्होंने इस बात की भी जिक्र की कि वर्षों से जहां जेपीएससी की एग्जाम नहीं होती थी वही हमारी सरकार ने जेपीएससी की एग्जाम लिया।

पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से SC-ST थाने में दर्ज कराई गई FIR के मामले में ED के अफसरों को राँची हाईकोर्ट ने दी राहत


(झारखंड डेस्क)

झारखंड हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से SC-ST थाने में दर्ज कराई गई FIR के मामले में ED के अफसरों को राहत दी है।

High Court ने उनके खिलाफ किसी तरह की पीड़क कार्रवाई पर रोक का आदेश दिया है।

गौरतलब है कि हेमन्त सोरेन ने दिल्ली स्थित उनके आवास पर ED की ओर से की गई छापेमारी के बाद 31 जनवरी को एजेंसी के एडिशनल डायरेक्टर कपिल राज, असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा, अनुपम कुमार एवं अन्य के खिलाफ रांची स्थित SC-ST थाने में FIR दर्ज कराई थी।

इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि 29 जनवरी को उनके दिल्ली स्थित आवास की ED अफसरों द्वारा जिस तरह तलाशी ली गई और जिस तरह उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया गया, वह अपमानजनक है।

सोरेन ने कहा था कि वे अनुसूचित जनजाति से आते हैं। ED का ऑपरेशन उन्हें और उनके पूरे समुदाय को अपमानित करने वाला है।

ED ने इस FIR को रद्द करने की मांग करते हुए झारखंड High Court में याचिका लगाई है। फिलहाल, हाईकोर्ट से ED के अफसरों को राहत मिल गई है। जस्टिस अनिकल कुमार चौधरी की कोर्ट में सुनवाई के दौरान ED की ओर से लोक अभियोजक अमित कुमार दास ने पक्ष रखा।