भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस एवं आजाद हिंद फौज की अहम भूमिका "पर एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न
बेतिया: आज दिनांक 30 दिसंबर 2023 को आजाद हिंद फौज के संस्थापक महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस द्वारा भारत की धरती पर पहली बार भारतीय ध्वज फहराया जाने की 80वीं वर्षगांठ पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया इस अवसर पर एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया जिसका विषय था "भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस एवं आजाद हिंद फौज की आम भूमिका"।
इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड डॉ शहनवाज़ अली डॉ अमित कुमार लोहिया वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक एवं डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस रासबिहारी बोस कैप्टन मोहन सिंह कैप्टन शाहनवाज आजाद हिंद फौज के सैनिकों अमर शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज ही के दिन आज से
लगभग 80 साल पहले, नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अंडमान निकोबार के साउथ पॉइंट क्षेत्र में भारतीयध्वज फहराया था। सुभाष चंद्र बोस ने रासबिहारी बोस कैप्टन मोहन सिंह के सहयोग से 1942 में आजाद हिंद फौज की स्थापना पूर्वी एशिया के जापान में हजारों युद्ध बंदियो के सहयोग से किया था।
स्मरण रहे कि आठ दशक पूरे हो गए हैं जब भारतीय ध्वज पहली बार भारतीय धरती पर फहराया गया था । आज, उसी स्थान पर एक ध्वज स्तंभ है, जहां कोई भी भारतीय ध्वज को हमेशा गर्व से लहराता हुआ देख सकता है। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि 150 फीट की ऊंचाई पर स्थित, फ्लैग पॉइंट पोर्ट ब्लेयर में सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है।
पोर्ट ब्लेयर, भले ही यह भारत की मुख्य भूमि से बहुत दूर स्थित है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक था। सेल्युलर जेल, जिसे काला पानी के नाम से भी जाना जाता है, एक पूर्व ब्रिटिश औपनिवेशिक जेल थी।कई राजनीतिक कैदियों (स्वतंत्रता सेनानियों) को यहां निर्वासित किया गया था। सबसे उल्लेखनीय लोगों में दीवान सिंह कालेपानी, योगेन्द्र शुक्ला, बटुकेश्वर दत्त, शदान चंद्र चटर्जी, सोहन सिंह, हरे कृष्ण कोनार, शिव वर्मा, अल्लामा फजले हक खैराबादी , मौलवी अलाउद्दीन, नजरतुल मअरीफ, अहमतदुल्लाह एवं सुधांशु दासगुप्ता जैसे अनेक नाम शामिल हैं।
Mar 04 2024, 19:23