हिमाचल में सियासी संकटः क्या लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी बनाने जा रही सरकार?

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राज्यसभा चुनाव में हार के बाद हिमाचल की कांग्रेस सरकार संकट में है। हिमाचल के राज्यसभा चुनाव में 9 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। कांग्रेस के 6 बागी, 3 निर्दलियों ने बीजेपी उम्मीदवार को वोट दिया और इस तरह कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए।इसके बाद आनन-फानन में बैठक का दौर कांग्रेस की तरफ से शुरू किया गया। सीएम सुक्खू ने विधायकों के साथ बैठक की। वहीं बागी विधायकों ने पार्टी के आलाकमान को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि वो पार्टी से नहीं बल्कि सीएम सुक्खू से नाराज हैं।

कांग्रेस को सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं-जयराम ठाकुर

इधर, भाजपा विधायक दल ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की और सदन में वित्तीय बजट के लिए मत विभाजन की मांग की। जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्यपाल से मिलकर हमने मौजूदा घटनाक्रम की जानकारी दी। इस सरकार को सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। जयराम ठाकुर ने कहा, 'पिछले कुछ समय से विधानसभा में जो घटनाक्रम चल रहा है उसकी जानकारी हमने राज्यपाल को दी है। राज्यसभा चुनाव में जो परिणाम आया, जो वर्तमान स्थिति है उसे देखें तो कांग्रेस को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है। कांग्रेस हमारी वजह से नहीं, अपनी वजह से संकट में है।'

हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि विधानसभा में हमारी बात नहीं सुनी जा रही है। जब भी हम वित्तीय विधेयक के दौरान मतविभाजन की मांग करते हैं तो इसकी अनुमति नहीं दी जाती है। हमारी अनुमति के बिना सदन को स्थगित कर दिया जा रहा है।

बीजेपी बनाएगी सरकार-हर्ष महाजन

हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव जीतने वाले बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कहा कि बीजेपी राज्य में अपनी सरकार बनाने जा रही है। कांग्रेस के कुछ और विधायक हमारे संपर्क में हैं। मुझे उनके कुछ विधायकों और मंत्रियों के फोन आए। अगले कुछ घंटों में स्थिति बदलने वाली है और आप देखेंगे कि बीजेपी जल्द ही अपनी सरकार बनाएगी। अगले 10-20 सालों तक कांग्रेस यहां सत्ता में नहीं आने वाली है।

विधानसभा में भाजपा-कांग्रेस का नंबरगेम

हिमाचल में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं। कांग्रेस के पास 40 और भाजपा के पास 25 विधायक हैं। 3 निर्दलीय जीते थे। कल राज्यसभा चुनाव में 6 कांग्रेसी विधायकों ने भाजपा कैंडिडेट को वोट किया था। साथ ही निर्दलीय भी भगवा दल के साथ गए। बहुमत का आंकड़ा 35 है। अगर कांग्रेस के 6 विधायक भाजपाई हुए तो सुक्खू सरकार अल्पमत में आ जाएगी। इसके लिए फिलहाल बजट पास कराना ही अग्निपरीक्षा की तरह है। अगर डिविजन का फैसला होता है यानी बजट को पास कराने के लिए सदन पक्ष और विपक्ष के वोट में बंटता है तो सुक्खू सरकार गिर सकती है। इसकी वजह कांग्रेस के 6 बागी विधायक हैं जो फिलहाल उसकी पहुंच से बाहर और भाजपा शासित हरियाणा में बैठे बताए जा रहे हैं।

क्या कहता है नियम?

दरअसल, हिमाचल विधानसभा में अभी बजट सत्र चल रहा है। इस दौरान नो कॉन्फिडेंस मोशन यानी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है। ऐसे में बीजेपी का फोकस बजट पास न होने देने पर है। अगर किन्हीं कारणों से बजट पास नहीं होता है तो सरकार अपने आप गिर जाती है। ऐसी स्थिति पैदा होने पर मंत्रिमंडल को इस्तीफा देना पड़ता है और सरकार गिर जाती है।

इस वर्ष आठ मार्च को मनाया जाएगा महाशिवरात्रि का त्योहार, यहां जानिए शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या है अंतर

सनातन धर्म में महाशिवरात्रि के त्योहार को बहुत विशेष माना जाता है। महाशिवरात्रि का त्योहार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाया जाता है। वही इस साल 8 मार्च के दिन महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाएगा। इस व्रत को स्त्री या पुरुष कोई भी रख सकता है हर महीने मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। महाशिवरात्रि का व्रत अमोघ फल देने वाला माना जाता है।

शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में अंतर

1. तिथि:

शिवरात्रि: हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि मनाई जाती है।

महाशिवरात्रि: यह साल में एक बार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है।

2. महत्व:

शिवरात्रि: यह दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं।

महाशिवरात्रि: यह सबसे महत्वपूर्ण शिवरात्रि मानी जाती है।

3. मान्यताएं:

शिवरात्रि: इस दिन भगवान शिव का तांडव नृत्य हुआ था।

महाशिवरात्रि: इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।

4. पूजा:

शिवरात्रि: इस दिन भक्त भगवान शिव का रुद्राभिषेक करते हैं, शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं और भजन गाते हैं।

महाशिवरात्रि: इस दिन भक्त भगवान शिव और माता पार्वती दोनों की पूजा करते हैं।

5. व्रत:

शिवरात्रि: इस दिन भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं।

महाशिवरात्रि: इस दिन व्रत रखने का विशेष महत्व होता है।

6. उत्सव:

शिवरात्रि: इस दिन कई शिवालयों में विशेष उत्सव आयोजित किए जाते हैं।

महाशिवरात्रि: यह सबसे बड़ा शिव उत्सव होता है।

शिवरात्रि और महाशिवरात्रि दोनों ही भगवान शिव को समर्पित महत्वपूर्ण दिन हैं। महाशिवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण शिवरात्रि मानी जाती है।

मार्च में लागू हो सकता है “सीएए”, आचार संहिता लागू होने से पहले मोदी सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला

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भारतीय नागरिकता (संशोधन) अधिनियम संसद में पांच साल पहले पास हो चुका है, लेकिन बाद में देश भर में विरोध प्रदर्शन के चलते इसे लागू नहीं किया गया था। हालांकि अब चर्चा है कि केन्द्र सरकार जल्द ही सीएए देश में जल्द ही लागू कर सकती है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लगने से पहले इसकी अधिसूचना जारी हो सकती है। आदर्श आचार संहिता जारी होने से पहले गृह मंत्रालय किसी भी समय सीएए नियमों को अधिसूचित कर सकता है।

हाल ही में केंद्रीय गृह मत्री अमित शाह ने ऐलान किया था कि आम चुनाव से पहले सीएए लागू होगा। अमित शाह ने कहा था, ''लोकसभा चुनाव से पहले सीएए को लागू करने को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। मैं ऐसे मैं साफ कर देना चाहता हूं कि सीएए से किसी भी शख्स की नागरिकता नहीं ली जाएगी। बता दें कि सीएए के तहत केंद्र की मोदी सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से प्रताड़ित उन गैर-मुस्लिम प्रवासियों – हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई – को भारतीय नागरिकता प्रदान करना चाहती है, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए थे।

सीएए लागू करने को लेकर तैयारी पूरी

बता दें कि सीएए लागू करने को लेकर पूरी तैयारी की जा चुकी है। इसके लिए एक पोर्टल भी तैयार कर लिया गया है।पात्र पड़ोसी देशों से आने वाले विस्थापितों को सिर्फ पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी और आवेदक अपने मोबाइल फोन से भी आवेदन कर सकते हैं। आवेदकों को वह वर्ष बताना होगा, जब उन्होंने यात्रा दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था। आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। गृह मंत्रालय इसकी जांच कर नागरिकता जारी कर देगा। बता दें कि नागरिकता देने का अधिकार पूरी तरह से केंद्र सरकार के पास है।

क्या है सीएए

सीएए यानी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को 2019 में संसद से पारित किया गया है। इसका उद्देश्य 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यक शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देना है। इसका फायदा उन हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों को मिलेगा जो इन तीनों पड़ोसी देशों में प्रताड़ना का शिकार होकर भारत आए हैं। खास बात ये है कि इन्हें भारतीय नागरिकता लेने के लिए किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी। कानून के तहत नागरिकता मिलते ही ऐसे व्यक्तियों को देश के मौलिक अधिकार भी मिल जाएंगे। मुस्लिमों को इस कानून से बाहर रखा गया है।

राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद भी नहीं हुआ लागू

दिसंबर, 2019 में संसद द्वारा सीएए पारित किये जाने और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद देश के कुछ हिस्सों में व्यापक पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसमें कई मौतें हुईं। असम में पहली बार विरोध प्रदर्शन 4 दिसंबर, 2019 को शुरू हुआ, जब विधेयक संसद में पेश किया गया था। जल्द ही यह दिल्ली सहित प्रमुख शहरों में फैल गया। विरोध प्रदर्शन के परिणामस्वरूप 27 मौतें हुईं, इनमें से 22 मौतें अकेले उत्तर प्रदेश में हुईं। एक हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया और आंदोलनकारियों के खिलाफ 300 से अधिक मामले दर्ज किये गये।

क्या एक और राज्य “हाथ” से गया? हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के कई विधायकों के गायब होने की खबर

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क्या कांग्रेस के हाथ से एक और राज्य निकल जाएगा? ये सवाल हम नहीं हालात उठा रहे हैं।दरअसल हिमाचल प्रदेश की राज्यसभा की एक सीट पर हो रहे चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ सकता है। सूत्रों की मानें तो कि कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया है। इसी बीच बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि अगर मैं राज्यसभा चुनाव जीत गया तो हिमाचल में कांग्रेस की सरकार गिर जाएगी।

ऐसे में हिमाचल प्रदेश में सियासी हलचल बढ़ गई है। क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के 6 विधायक इंद्रजीत लखनपाल, चैतन्य शर्मा, सुधीर शर्मा,राजेंद्र राणा, देवेंद्र सिंह भुट्टो, रवि ठाकुर और तीन निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा, के एल ठाकुर और होशियार सिंह हैं। सूत्रों के हवाले से यह खबर है कि ये 9 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं।

बताया जा रहा है कि राज्यसभा के लिए वोटिंग के बाद सीएम सुक्खू सहित अन्य कांग्रेस विधायक बजट सत्र में पहुंचे थे। यहां पर वित्त विधेयक पास होना था। लेकिन इस बीच स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही को बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। क्योंकि कांग्रेस के कई विधायक कार्यवाही में नहीं पहुंचे थे। बड़ी बात है कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सादौन सिंह बीते दो दिन से शिमला में डेरा डाले हुए थे।

कांग्रेस की आपसी कलह किसी से छिपी नहीं है। कांग्रेस के कई विधायक सीएम सुक्खू से नाराज है। वहीं हिमाचल के पूर्व सीएम और नेता विपक्ष जय राम ठाकुर ने भी कहा कि सरकार अल्पमत में हैं। उन्होंने कहा कि वित्त बिल को विधानसभा में वोटिंग के आधार पर नहीं पास किया गया। केवल वॉयस नोट के आधार पर इसे पास किया गया। इस तरह के हालात के बीच कांग्रेस में लगातार हो रही टूट के बाद इस तरह के कयाल लगने लाजमी है।

बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कुल 68 सीटें हैं। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 40, बीजेपी को 25 सीटों पर जीत मिली थी।वहीं तीन निर्दलीय उम्मीदवारों को भी कामयाबी मिली थी।राज्य में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 35 विधायकों की जरूरत होती है। राज्यसभा चुनाव की तरह की अगर कांग्रेस के ये छह विधायक आगे भी बागी रुख अपनाते हैं तो सुक्खू की सरकार संकट में आ सकती है।सूत्रों के मुताबिक अगर 6 कांग्रेस विधायकों ने पार्टी से बगावत की है तो अब कांग्रेस के पास 34 विधायक ही बचेंगे। वहीं बागी विधायकों ने बीजेपी के साथ जाने का मन बनाया तो पार्टी के विधानसभा सदस्यों की संख्या 31 हो जाएगी। इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायकों का भी साथ मिला तो यह संख्या 34 पहुंच जाएगी। इससे दोनों ही दलों के पास 34-34 का आंकड़ा हो जाएगा और कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ जाएगी। बीजेपी उन कांग्रेस विधायकों को भी टारगेट पर रखे हुए हैं, जो लंबे वक्त से अपनी ही सरकार से नाराज चल रहे हैं। यहां पार्टी के कुछ विधायक टूटे तो फिर कांग्रेस की सरकार भी गिर सकती है। यही वजह है कि विधायकों के बगावत से कांग्रेस के पास सरकार बचाने की चुनौती सामने होगी।

प्रधानमंत्री मोदी केरल में आज करेंगे ISRO की प्रमुख तकनीकी इकाइयों का उद्घाटन, गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम की भी होगी समीक्षा

पीएम नरेन्द्र मोदी आज यानी मंगलवार को केरल में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की 3 प्रमुख तकनीकी इकाइयों का उद्घाटन करेंगे. पीएम मोदी तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) की अपनी यात्रा के चलते गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम की भी समीक्षा करेंगे. कहा जा रहा है कि आज गगनयान परियोजना के तहत अंतरिक्ष में जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स के नामों का खुलासा हो सकता है.

प्रधानमंत्री मोदी VSSC में एक ‘ट्राइसोनिक विंड टनल’, तमिलनाडु के महेंद्रगिरि में इसरो प्रणोदन परिसर (इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स) में सेमी-क्रायोजेनिक इंटीग्रेटेड इंजन संबंधी इकाई तथा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SHAR) श्रीहरिकोटा में पीएसएलवी एकीकरण इकाई का उद्घाटन करेंगे. VSSC इसरो का प्रमुख केंद्र है जो प्रक्षेपण वाहन प्रौद्योगिकी (लॉन्च व्हीकल टेक्नोलॉजी) के डिजाइन एवं विकास के लिए अहम इकाई है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुताबिक, ‘ट्राइसोनिक विंड टनल’ के माध्यम से रॉकेट एवं विमानों के मॉडलों पर वायुगतिकीय विशेषताओं का मूल्यांकन एवं डिजाइन विकसित करने के लिए नियंत्रित वायु प्रवाह किया जाता है. महेंद्रगिरि में ‘सेमी-क्रायोजेनिक इंटीग्रेटेड इंजन स्टेज टेस्ट’ इकाई विश्वस्तरीय अत्याधुनिक केंद्र है जो प्रणोदक के बड़े प्रवाह का प्रबंधन करता है. बीजेपी सूत्रों के अनुसार, आधिकारिक समारोहों के पश्चात् मोदी भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई द्वारा आयोजित पदयात्रा के समापन कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे.

एस जयशंकर और निर्मला सीतारमण लड़ेंगे लोकसभा चुनाव, अब तक सीट पर फैसला नहीं

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लोकसभा चुनाव में कुछ ही महीनों का वक्त बचा है। चुनाव की तारीखों के ऐलान की चर्चा के बीच सभी पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों का चयन करना शुरू कर दिया है। इस लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार के कई मंत्री पहली बार ताल ठोकतें नजर आएंगे। यह चर्चा बहुत पहले से चल रही है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसका संकेत दे चुके हैं।बीजेपी ने अपने दो दिग्गज मंत्रियों को चुनावी मैदान में डेब्यू कराने का फैसला किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसका खुलासा भी कर दिया है।

कर्नाटक के हुबली में पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा, यह लगभग तय है कि वे चुनाव लड़ेंगे। लेकिन पार्टी ने अभी इस बात पर फैसला नहीं किया है कि उनमें से किसको कर्नाटक से लड़ना चाहिए या दोनों को बाहर से लड़ना चाहिए।

दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बेंगलुरु में शानदार प्रदर्शन किया था। पार्टी ने यहां की सभी तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी अपने पिछले प्रदर्शन को एक बार फिर से दोहराना चाहती है। यही वजह है कि पार्टी अपने दो बड़े नेताओं को मैदान में उतार सकती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में निर्मला सीतारमण और जयशंकर दोनों ही सबसे दिग्गज मंत्रियों में से एक हैं। वे अपने तेज-तर्रार बयानों की वजह से हमेशा ही सुर्खियों में रहते हैं। वर्तमान में सीतारमण और जयशंकर संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा के सदस्य हैं। दोनों नेता लंबे समय से सांसद की भूमिका में हैं, लेकिन उनकी एंट्री राज्यसभा के रास्ते हुई है। ऐसे में उन्होंने अभी तक आम चुनाव का सामना नहीं किया है। ऐसे में अब वे अब चुनावी मैदान में उतरने वाले हैं।

राज्यसभा चुनावः कर्नाटक में बीजेपी हुई “गेम” का शिकार, विधायक सोमशेखर ने की क्रॉस वोटिंग

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उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव की वोटिंग के दौरान बीजेपी के लिए अच्छी खबर आई। इन दोनों राज्यों में बीजेपी के लिए क्रॉस वोटिंग की खबर आई। हालांकि,कर्नाटक में बीजेपी के साथ ही “खेला” हो गया। बताया जा रहा है कि बीजेपी विधायक एसटी सोमशेखर ने कांग्रेस प्रत्याशी को वोट किया है।

एसटी सोमशेखर ने की क्रॉस वोटिंग

कर्नाटक विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक डोड्डानगौड़ा जी. पाटिल ने कहा कि एसटी सोमशेखर ने कांग्रेस पार्टी के पक्ष में वोट किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी इस मामले को देखेगी और क्रॉस वोटिंग करने पर विधायक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।भाजपा के मुख्य सचेतक पाटिल ने कहा कि एसटी सोमशेखर द्वारा क्रॉस वोटिंग की पुष्टि की गई है। हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि उनके खिलाफ और क्या किया जा सकता है।

ये प्रत्याशी मैदान में

कर्नाटक की चार राज्यसभा सीटों के लिए पांच उम्मीदवार हैं। इस चुनाव के लिए पांच उम्मीदवार, अजय माकन, सैयद नसीर हुसैन और जी.सी. चंद्रशेखर (सभी कांग्रेस), नारायण बंदगे (बीजेपी) और कुपेंद्र रेड्डी (जनता दल सेक्युलर) मैदान में हैं।बता दें कि कर्नाटक में कांग्रेस के तीन और बीजेपी के एक सांसद रिटायर हो रहे हैं।

एचडी कुमारस्वामी ने कांग्रेस पर लगाए आरोप

राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की आशंका पर जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कांग्रेस पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर दिन उनकी पार्टी के नेताओं को परेशान कर रही है। हर दिन वे कह रहे हैं कि 12-13 जेडीएस विधायक कांग्रेस में शामिल होने के लिए तैयार हैं।

बताते चलें कि कर्नाटक विधानसभा में विधायकों की संख्या 224 है। कांग्रेस के 134 विधायक हैं जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 66 और जनता दल-सेक्युलर (जेडीएस) के 19 विधायक हैं। इसके अलावा कर्नाटक में चार अन्य विधायक हैं। कांग्रेस ने चार अन्य विधायकों में से दो निर्दलीय और सर्वोदय कर्नाटक पक्ष के दर्शन पुत्तनैया का समर्थन होने का दावा किया है तथा वह तीन सीट जीतने को लेकर आश्वस्त है।

LAC पर स्पेशल गांव बसा रहा चीन, भारत की तैयारी भी तेज; वाइब्रेंट विलेज में मिलेंगी ये सुविधाएं

लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी (LAC) पर चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। चीन सीमावर्ती इलाकों में लगातार अपनी गतिविधि बढ़ा रहा है, जो भारत के लिए चिंता का विषय हैं। लेकिन, अब भारत भी चीन को सीधी टक्कर देने के मूड में है और सीमा पर बुनियादी ढांचा विकसित कर रहा है। एलएसी के आसपास चीन मॉडल विलेज बना रहा है, जिसको टक्कर देने के लिए अब भारत ने वाइब्रेंट विलेज बनाने शुरू किए हैं। इन गांवों में बड़े पैमाने पर विकास परियोजनाएं शुरू किया है.खबरों के मुताबिक, इन गांवों में स्थानीय लोगों और खानाबदोशों के अलावा चीनी सेना के रिटायर्ड सैनिक भी रहते हैं। गांवों में एक कम्यूनिस्ट राजनैतिक कार्यकर्ता रहते हैं। जो दूसरे लोगों में कम्यूनिज्म की विचारधारा में भरते हैं। LAC पर ऐसे गांव लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक की सीमा के दूसरी ओर बनाए गए हैं।

भारत ने की वाइब्रेंट विलेज बनाने की शुरुआत

दूसरी तरफ, भारत अपने सीमावर्ती गांवों से पलायन को लेकर गंभीर है और उसने भी मॉडल विलेज की तर्ज पर वाइब्रेंट विलेज बनाने शुरू किए हैं. भारत सरकार ने पूरी LAC पर कुल 662 वाइब्रेंट विलेज बनाने शुरू किए हैं, जिसमें से 77 अरुणाचल प्रदेश में हैं. इनमें से 31 लोहित घाटी में हैं और LAC के बेहद करीब बसा किबिथू गांव भी उनमें से एक है.

भारत के गांवों में लोगों को मिल रहीं ये सुविधाएं

वाइब्रेंट विलेज परियोजना के तहत गांव में स्कूल, स्वास्थ्य सुविधाओं और सड़कों का निर्माण किया गया है. रहने वाले इन सुविधाओं से खुश हैं. यहां तक पहुंचने के लिए बनी नई सड़कें उनकी लिए बड़ी राहत हैं. लेकिन, उनकी सबसे बड़ी मांग यहां पर अच्छे इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क की है. हालांकि, कुछ गांवों तक अब बिजली, पानी और सड़कों के साथ मोबाइल फोन और इंटरनेट भी पहुंच गया है.

शराब घोटालाः ईडी ने केजरीवाल को भेजा 8वां समन, 4 मार्च को पेश होने को बुलाया

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प्रवर्तन निदेशालय ने शराब घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक और समन जारी कर दिया है। ईडी की ओर से केजरीवाल को भेजा गया ये आठवां समन है।इससे पहले ईडी ने उन्हें सातवां समन भेजा था, लेकिन के दिल्ली सीएम किसी ना किसी वजह से ईडी के सामने पेश नहीं हुए हैं। अब देखना ये होगा कि केजरीवाल इस समन पर भी पेश होते है या नहीं?

इससे पहले ईडी ने 22 फरवरी को केजरीवाल को 7वां समन भेजकर 26 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन केजरीवाल पेश नहीं हुए। आम आदमी पार्टी ने कहा था कि मामला कोर्ट में लंबित है और इसकी सुनवाई 16 मार्च को है। ऐसे में ईडी को रोजाना समन भेजने की जगह कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए

कब-कब भेजा गया समन?

दिल्ली शराब घोटाले में कथित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं और इसी मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को समन जारी किया है। अब तक केजरीवाल को 8 समन मिल चुके हैं। 22 फरवरी को सातवें समन से पहले, 14 फरवरी को भी ईडी ने केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन भेजा था, लेकिन केजरीवाल छठे समन पर भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। इससे पहले बीती साल 2 नवंबर, 21 दिसंबर और इस साल 3 जनवरी, 18 जनवरी और 2 फरवरी को भी ईडी केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन जारी कर चुकी थी। जिसे केजरीवाल की ओर से इग्नोर किया गया है।

क्या है पूरा मामला?

आरोप है कि दिल्ली सरकार ने 2021-22 के लिए एक्साइज नीति के तहत जिन शराब व्यापारियों को लाइसेंस जारी किए थे, उन्होंने इसके लिए रिश्वत दी थी और साथ ही मनपसंद शराब व्यापारियों को ही लाइसेंस जारी किए गए। दिल्ली की नई आबकारी नीति 2021/22 को बनाने और उसके क्रियान्वयन में घोटाले के आरोपों के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 20 जुलाई, 2022 को मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। जिसके बाद 17 अगस्त 2022 को सीबीआई ने शिकायत दर्ज की थी। जिसमें तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आरोपी नंबर 1 बनाया था।सीबीआई के बाद ईडी ने 22 अगस्त, 2022 को आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एंगल पर जांच शुरू की। दिल्ली की आबकारी नीति में घोटाले के आरोप लगे हैं। इस मामले में सीबीआई जांच कर रही है। वहीं, इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से ईडी जांच में जुटी है। केंद्रीय एजेंसियों ने अब तक इस मामले में आप के दो बड़े नेताओं मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को गिरफ्तार किया है।

राज्यसभा चुनावः यूपी के बाद अब हिमाचल प्रदेश में 'खेला',कांग्रेस के 8- 9 विधायकों की क्रॉस वोटिंग!

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राज्यसभा चुनाव में यूपी से लेकर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस को बड़ा झटका लगता दिख रहा है। यूपी के बाद अब हिमाचल प्रदेश में 'खेला' हो गया है।हिमाचल प्रदेश में राज्य सभा की एक सीट के लिए मंगलवार को मतदान हुआ। इस चुनाव से पहले संख्या बल के आधार पर कांग्रेस की जीत सुनिश्चित थी। लेकिन बीजेपी ने हर्ष महाजन को मैदान में उतारकर दिलचस्प बना दिया। इसी बीच सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के 9 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। इन सभी विधायकों ने बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया है। हालंकि इसमें कितनी सच्चाई है इसका पता शाम को 5 बजे के बाद पता चल पाएगा।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कही ये बात

राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के मामले पर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा वीरभद्र सिंह का कहना है कि जब नतीजे आएंगे तब देखेंगे। हमें उम्मीद है कि हमारा उम्मीदवार चुनाव जीतेगा। हमारे पास बहुमत है। हमें पहले से पता था कि वे (भाजपा) धनबल का इस्तेमाल करेगी। सभी 40 विधायकों से बात हो गई है। पार्टी पूरी तरह से एकजुट है। सभी कांग्रेस विधायक सरकार के साथ हैं। विपक्षी भाजपा पैसे की अंतरात्मा की बात कर रही है। क्योंकि भाजपा की कोई अंतरात्मा नहीं है पैसा ही उनकी अंतरात्मा है। अगर कोई पार्टी की सोच से हटकर वोट डालता है तो उसमें सौदेबाजी का अंदेशा होता है।

प्रतिभा सिंह के बयान से टेंशन

वहीं, प्रतिभा सिंह का बयान पार्टी के लिए टेंशन बढ़ाने वाला बयान है। उन्होंने कहा कि विधायकों की नाराजगी स्वभाविक है। विधायकों को लगता था कि सरकार कुछ कर सकती थी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हम स्थिति का सामना करेंगे। हम नैया पार लगा लेंगे, हमारे पास बहुमत है। हमें पता था कि वे (बीजेपी) धनबल का इस्तेमाल करेंगे। मंडी से सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा कि यह कांग्रेस के लिए संकट की घड़ी है।

अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ हर्ष महाजन

बता दें कि कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी को उम्मीदवार बनाया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ हर्ष महाजन को मैदान में उतारा है। तीन बार कांग्रेस के विधायक रहे और राज्य के पूर्व मंत्री महाजन ने सितंबर 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे।

क्या है हिमाचल में समीकरण?

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 68 विधायक हैं। इन सभी ने राज्यसभा चुनाव के लिए वोट किया है।हिमाचल के 68 के 68 विधायकों ने वोट डाल दिया है। हिमाचल में कांग्रेस के 40 विधायक हैं। वहीं बीजेपी के 25 विधायक हैं। वहीं नालागढ़ से कृष्ण लाल ठाकुर, देहरा से होशियार सिंह और हमीरपुर से आशीष शर्मा निर्दलीय विधायक हैं। राज्य में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 35 विधायकों की जरूरत होती है। ऐसे में अआगर क्रॉस वोटिंग नहीं होती है, तो कांग्रेस आसानी से जीत दर्ज कर सकती है।