दुमका : शिकारीपाड़ा में प्रस्तावित कोल ब्लॉक के खिलाफ ग्रामीणों का मुखर होता आंदोलन, अब अधिकारियों के प्रवेश पर भी आफत
दुमका : जिले के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के भिलाईटांड, डिंबादाहा, लताकांदर समेत कई गांवो में प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस की 'एंट्री' अब आसान नहीं होगी। इन गांवो में एंट्री से पहले प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस पदाधिकारियों को संबंधित गाँव के ग्राम प्रधान एवं मुखिया को सूचना देनी होगी चाहे अधिकारी सरकारी काम के सिलसिले में या फिर किसी अन्य काम के गाँव जाना चाहते हो।
दरअसल शिकारीपाड़ा में प्रस्तावित कोल ब्लॉक और कोल डंपिंग यार्ड के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा और आंदोलन मुखर होता जा रहा है और ग्रामीणों के आक्रोश का इस बात से ही सहज अंदाजा लगाया जा है कि गाँव में डुगडुगी बजते ही कुछ ही समय में ग्रामीणों की भीड़ तय स्थल पर जुट जाती है।
मंगलवार को शिकारीपाड़ा के लताकांदर, भिलाईटांड समेत अन्य गांवो में आंगनबाडी केंद्र का निरीक्षण और अन्य विकास योजनाओं का जायजा लेने पहुंची प्रशिक्षु आइएएस प्रांजल ढाढा, शिकारीपाड़ा के अंचल अधिकारी कपिलदेव ठाकुर और थाना प्रभारी गणेश पासवान को ग्रामीणों के कोपभाजन का शिकार होना पड़ा और प्रस्तावित कोल ब्लॉक और कोल डंपिंग यार्ड का विरोध कर रहे ग्रामीणों ने अधिकारियों को गाँव में उस वक्त तक बैठाये रखा जब तक एक लिखित करार नहीं हुआ। प्रशासन और ग्रामीणों के बीच लिखित करार का ही यह पार्ट है कि बिना ग्रामसभा की सहमति और ग्राम प्रधान को सूचना दिए बिना गाँव में किसी भी व्यक्ति चाहे वो अधिकारी हो या पुलिस किसी की प्रवेश की इजाजत नहीं होगी।
अधिकारियों और पुलिस को संबंधित गाँव में ग्रामीणों द्वारा रोक कर रखे जाने की सूचना मिलने के बाद हड़कंप सा मच गया। पुलिस अधीक्षक पीताम्बर सिंह खेरवार शिकारीपाड़ा थाना में मौजूद रहकर पल पल की सूचना लेकर जरुरी दिशा निर्देश रहे थे तो वहीं एसडीओ कौशल कुमार, डीएसपी इकुड डूंगडूंग, एसडीपीओ विजय महतो एवं बीडीओ एजाज अहमद दल बल के साथ गाँव पहुँचे। अधिकारियों द्वारा काफी समझाने-बुझाने और एक लिखित करार के बाद ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ और फिर सुरक्षित सभी अधिकारी शिकारीपाड़ा थाना पहुँचे। नाम नहीं छापने के शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि गाँव में अधिकारी आँगनबाड़ी केंद्र और अन्य विकास योजनाओं का जायजा लेने गये थे। आँगनबाड़ी केंद्र में बच्चों से अधिकारी मिले भी और बात भी की। जब दूसरे गाँव का अधिकारी रुख करने लगे तो रास्ते में ग्रामीणों ने रोक लिया। ग्रामीणों को कुछ दूसरी आशंका थी और गलतफहमी में ही अधिकारियों को रोककर रखा लेकिन बाद में समझाने बुझाने के बाद ग्रामीण मान गये।
गौरतलब है कि बीते दिनों शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के गंधर्वपुर गाँव में प्रस्तावित कोल ब्लॉक का सर्वे करने गई पांच सदस्यीय टीम को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया था और एक लिखित करार के बाद ही टीम को छोड़ा था।
(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)
Feb 21 2024, 14:11