*केएनपीजी कॉलेज व कोचिंग संस्थानों में सरस्वती पूजन के साथ छात्रों ने मनाया बसंत पंचमी का पर्व*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. इस साल बसंत पंचमी 14 फरवरी को मनाई जाएगी. कहा जाता है कि इस दिन से ही बसंत ऋतु का आगमन होता है. इसके साथ ही इस दिन ही मां सरस्वती की उत्पति भी हुई थी. यह दिन छात्रों के लिए, कला और संगीत आदि क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए बेहद खास होता है.
बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का भी विशेष महत्व होता है. बसंत पंचमी का दिन विद्या आरंभ या किसी भी शुभ कार्य के लिए बेहद उत्तम मानापौराणिक कथाओं के अनुसार, प्रजापति ब्रह्मा जी ने भगवान विष्णु की आज्ञा से सृष्टि की रचना की थी. रचना के बाद जब वे संसार को देखते थे तो चारों ओर सुनसान दिखाई देता था. हर ओर उदासी वाला वातावरण था. उस समय संसार वाणीहीन और मूक सा था.यह देखकर ब्रह्म देव ने अपने कमंडल से जल छिड़का तो एक शक्ति उत्पन्न हुईं. वे अपने दोनों हाथों से वीणा बजा रही थीं और बाकी दो हाथों में क्रमशः पुस्तक और माला धारण किए हुए थीं. ब्रह्म देव ने उस देवी से संसार में व्याप्त उदासी को दूर करने का आग्रह किया।
तब उस देवी ने अपनी वीणा के मधुर नाद से सृष्टि को वाणी प्रदान की. फिर संसार में भी जीव बोलने लगे. वह देवी बुद्धि, विद्या और ज्ञान देने वाली थीं. इस वजह से उस देवी को सरस्वती कहा गया.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिस दिन मां सरस्वती प्रकट हुईं, उस दिन माघ शुक्ल पंचमी थी. हर साल इस तिथि पर जो व्यक्ति मां सरस्वती की पूजा करता है, उसे ज्ञान, बुद्धि, विवेक आदि की प्राप्ति होती है.जिले में आज मौसम खराब होने के बावजूद भी ज्ञानपुर नगर स्थित काशी नरेश स्नातकोत्तर राजकीय महाविद्यालय में स्थित मां सरस्वती के मंदिर में छात्रों ने पूजन अर्चन कर बसंत पंचमी का पर्व मनाया।
इस दौरान छात्रों ने बताया कि ज्ञान की देवी मां सरस्वती हैं उनके ही आशीर्वाद से हम सभी अपने शिक्षण कार्य को आगे बढ़ाते हैं ऐसे में आज उनका पूजन कर हमारा जीवन धन्य हो गया।जिले के ज्ञानपुर नगर स्थित काशी नरेश स्नातकोत्तर महाविद्यालय में विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी महाविद्यालय परिसर में स्थित मां सरस्वती के मंदिर में सुबह छात्र पहुंचकर जहां मंदिर की साफ सफाई किया वहीं बसंत पंचमी के पर्व पर विधि विधान से मां सरस्वती का पूजन अर्चन कर प्रसाद वितरण किया ।
छात्रों ने बताया कि मौसम खराब होने के कारण वृहद कार्यक्रम नहीं हो पाया नहीं तो पिछले वर्ष कीर्तन के साथ भंडारा का आयोजन किया गया था इस बार भी उक्त कार्यक्रम प्रस्तावित था। किंतु मौसम खराब होने के कारण पूजन अर्चन के साथ ही बसंत पंचमी का पर्व मनाया गया । छात्रों ने बताया कि ज्ञान की देवी मां सरस्वती का बसंत पंचमी के दिन हम सभी छात्र छात्राओं का विशेष पूजन होता है । सरस्वती देवी के ही आशीर्वाद से हम सभी छात्र अपना शिक्षण कार्य पूर्ण करते हुए समाज के मुख्य धारा में जुड़ने का काम करते हैं । ऐसे में आज हम सभी लोग मां सरस्वती का पूजन कर मन काफी प्रफुल्लित है।
Feb 14 2024, 17:34